Ultrahuman Wearable tech startup ने FY24 में तीन गुना वृद्धि दर्ज की

Ultrahuman

Ultrahuman, एक वियरेबल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप, ने वित्त वर्ष 2024 (FY24) में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने राजस्व को तीन गुना बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया। इसके साथ ही, दीपिंदर गोयल समर्थित इस स्टार्टअप ने अपने घाटे को 45% तक कम करने में भी सफलता हासिल की।

वित्तीय प्रदर्शन:Ultrahuman FY23 से FY24 तक की छलांग

Ultrahuman का कुल राजस्व FY23 के 30 करोड़ रुपये से बढ़कर FY24 में 107 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कंपनी के वित्तीय आंकड़े रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) से प्राप्त किए गए हैं।

इस प्रदर्शन ने न केवल कंपनी की बाजार में उपस्थिति को मजबूत किया, बल्कि इसकी संचालन दक्षता में भी सुधार दिखाया।


अल्ट्राह्यूमन: स्वास्थ्य और तकनीक का अनोखा मेल

अल्ट्राह्यूमन एक सेल्फ-क्वांटिफिकेशन प्लेटफॉर्म है, जो वियरेबल टेक्नोलॉजी के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को अपने स्वास्थ्य को समझने और ट्रैक करने में मदद करता है।

प्रमुख उत्पाद

  1. रिंग एयर (Ring Air):
    एक स्मार्ट रिंग जो उपयोगकर्ताओं को उनके स्वास्थ्य संबंधी डेटा जैसे नींद, गतिविधि और स्ट्रेस का ट्रैक रखने में मदद करती है।
  2. M1 लाइव (Glucose Monitoring Wearable):
    यह ग्लूकोज मॉनिटरिंग वियरेबल डिवाइस उपयोगकर्ताओं को उनके रक्त शर्करा के स्तर को रियल टाइम में ट्रैक करने की सुविधा देता है।
  3. ब्लड विजन (Blood Vision):
    यह ब्लड टेस्टिंग उत्पाद रक्त से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान करता है और स्वास्थ्य सुधार के लिए व्यक्तिगत सलाह देता है।

CES 2025 में रियर स्मार्ट रिंग कलेक्शन का लॉन्च

अल्ट्राह्यूमन ने हाल ही में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो (CES) 2025 में अपनी लग्ज़री रियर स्मार्ट रिंग कलेक्शन लॉन्च की।

विशेषताएं:

  • 18 कैरेट गोल्ड और प्लेटिनम से बनी इन रिंग्स की कीमत $2,200 तक है, जो इन्हें दुनिया की सबसे महंगी स्मार्ट रिंग्स में से एक बनाती है।
  • यह कलेक्शन न केवल तकनीकी उन्नति का प्रतीक है, बल्कि इसे पहनने वालों के लिए एक स्टाइल स्टेटमेंट भी बनाता है।

FY24 में राजस्व और घाटे में सुधार

राजस्व वृद्धि:

FY24 में कंपनी का कुल राजस्व 107 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक है।

घाटे में कमी:

संचालन लागत को नियंत्रित करके और नए राजस्व स्रोत जोड़कर, अल्ट्राह्यूमन ने अपने घाटे को 45% तक कम कर लिया।


अल्ट्राह्यूमन की अनूठी बाजार रणनीति

अल्ट्राह्यूमन ने स्वास्थ्य और वियरेबल टेक्नोलॉजी को मिलाकर एक ऐसा बाजार खड़ा किया है, जो उपभोक्ताओं को बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन में मदद करता है।

तकनीकी नवाचार:

कंपनी ने अपने उत्पादों में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है, जो उपयोगकर्ताओं को उनके स्वास्थ्य को समझने और सुधारने में मदद करती है।

उपभोक्ता-केंद्रित दृष्टिकोण:

अल्ट्राह्यूमन ने भारतीय उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्ट्स तैयार किए हैं, जैसे कि रियल टाइम ग्लूकोज मॉनिटरिंग और रक्त परीक्षण समाधान।


स्वास्थ्य और वियरेबल टेक्नोलॉजी का बढ़ता बाजार

भारत में अवसर:

  • वियरेबल टेक्नोलॉजी बाजार भारत में तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें स्वास्थ्य-केंद्रित उत्पादों की मांग सबसे अधिक है।
  • कोविड-19 महामारी के बाद, लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूक हो गए हैं, और यह वियरेबल टेक उत्पादों की मांग को और बढ़ावा दे रहा है।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा में स्थान:

अल्ट्राह्यूमन के प्रीमियम उत्पाद, जैसे कि रियर स्मार्ट रिंग कलेक्शन, इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी एक मजबूत स्थान प्रदान करते हैं।


भविष्य की योजनाएं और संभावनाएं

अल्ट्राह्यूमन की योजना न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहुंच बढ़ाने की है।

नवाचार पर ध्यान:

  • कंपनी लगातार नए उत्पादों और सुविधाओं पर काम कर रही है।
  • स्वास्थ्य डेटा को और अधिक सटीक और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) तकनीक का उपयोग कर रही है।

वैश्विक विस्तार:

  • कंपनी की नजर अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर है, जहां यह अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार के बल पर नए ग्राहकों को आकर्षित करना चाहती है।

उपभोक्ताओं के लिए अल्ट्राह्यूमन का महत्व

अल्ट्राह्यूमन का उद्देश्य है कि लोग अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण प्राप्त करें और इसे बेहतर बनाने के लिए स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग करें।

  • व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुधार:
    इसके उत्पाद उपयोगकर्ताओं को उनके स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
  • सटीक और रियल टाइम डेटा:
    अल्ट्राह्यूमन के वियरेबल्स स्वास्थ्य डेटा को सटीकता और वास्तविक समय में प्रदान करते हैं, जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में कहीं बेहतर है।

निष्कर्ष

अल्ट्राह्यूमन ने FY24 में राजस्व और घाटे दोनों में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। यह कंपनी न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी वियरेबल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी बनने की राह पर है।

अल्ट्राह्यूमन का संदेश: “हमारा लक्ष्य है कि हर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग करे और एक स्वस्थ जीवन जीए।”

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Dream Aerospace 3 करोड़ रुपये की प्री-सीड फंडिंग जुटाई,

Dream Aerospace

Dream Aerospace, एक एयरोस्पेस और डिफेंस स्टार्टअप, ने इंफ्लेक्शन पॉइंट वेंचर्स (IPV) की अगुवाई में 3 करोड़ रुपये की प्री-सीड फंडिंग जुटाई है। इस निवेश का उपयोग कंपनी के ATOM थ्रस्टर के विकास को तेज करने, प्रोपल्शन सिस्टम की वैधता सुनिश्चित करने, और एक इन-हाउस हाई-एल्टीट्यूड टेस्ट फैसिलिटी स्थापित करने के लिए किया जाएगा।


Dream-Aerospace स्टार्टअप का उद्देश्य और दृष्टिकोण

Dream Aerospace की स्थापना 2022 में हरीकृष्णन केजे और रोगिथ एस द्वारा की गई थी। यह स्टार्टअप उपग्रह प्रोपल्शन सिस्टम्स को सशक्त बनाने के लिए उच्च प्रदर्शन, किफायती और स्केलेबल समाधान प्रदान करता है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य भारत के “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियानों के साथ तालमेल बिठाते हुए घरेलू प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है।

ATOM थ्रस्टर: अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी

ड्रीम एयरोस्पेस का ATOM थ्रस्टर सैटेलाइट ऑपरेशंस और स्पेस मिशन्स को बेहतर बनाने के लिए एक कस्टमाइज़ेबल, किफायती, और कुशल समाधान है। यह थ्रस्टर पर्यावरण के अनुकूल और उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस है, जो अंतरराष्ट्रीय विकल्पों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन प्रदान करता है।

  • पर्यावरण के प्रति जागरूकता:
    ड्रीम एयरोस्पेस के प्रोपल्शन सिस्टम्स पर्यावरण के अनुकूल होते हैं, जो भविष्य की एयरोस्पेस तकनीक के लिए टिकाऊ समाधान पेश करते हैं।
  • सुरक्षा में सुधार:
    कंपनी ने ग्राउंड पर्सनल के लिए ईंधन हैंडलिंग प्रक्रिया को सुरक्षित और अधिक सुविधाजनक बनाने पर भी जोर दिया है।

भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र में योगदान

ड्रीम एयरोस्पेस ने भारत के एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में एक नई दिशा प्रदान की है।

  1. मिशन की विविध आवश्यकताओं के लिए समाधान:
    कंपनी के समाधान को विभिन्न सैटेलाइट मिशन्स के लिए अनुकूलित किया जा सकता है।
  2. घरेलू उत्पादन क्षमता:
    वर्तमान में कंपनी उत्पादन की आउटसोर्सिंग कर रही है, लेकिन भविष्य में यह 40-50 थ्रस्टर्स की वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ इन-हाउस उत्पादन स्थापित करने की योजना बना रही है।
  3. व्यावसायिक और रक्षा अनुप्रयोगों में उपयोग:
    ड्रीम एयरोस्पेस ने व्यावसायिक और रक्षा दोनों क्षेत्रों में उपयोग के लिए अपने उत्पादों को डिज़ाइन किया है।

ड्रीम एयरोस्पेस का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ

ड्रीम एयरोस्पेस अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहतर और सस्ता समाधान प्रदान करता है।

  • कम लागत:
    अंतरराष्ट्रीय विकल्पों की तुलना में ड्रीम एयरोस्पेस के थ्रस्टर्स की लागत काफी कम है।
  • बेहतर प्रदर्शन:
    कंपनी का दावा है कि उनके प्रोपल्शन सिस्टम्स प्रदर्शन के मामले में कहीं अधिक उन्नत हैं।
  • भारतीय तकनीक का उपयोग:
    100% स्वदेशी तकनीक का उपयोग करते हुए, ड्रीम एयरोस्पेस भारत को वैश्विक एयरोस्पेस उद्योग में एक अग्रणी स्थान पर पहुंचाने की दिशा में काम कर रहा है।

फंडिंग का उपयोग: विकास और विस्तार पर जोर

ड्रीम एयरोस्पेस ने फंडिंग का उपयोग तीन प्रमुख क्षेत्रों में करने की योजना बनाई है:

  1. ATOM थ्रस्टर का विकास:
    फंड का मुख्य हिस्सा ATOM थ्रस्टर के विकास को तेज करने में लगाया जाएगा।
  2. प्रोपल्शन सिस्टम की वैधता सुनिश्चित करना:
    कंपनी प्रोपल्शन सिस्टम की प्रभावशीलता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण करेगी।
  3. हाई-एल्टीट्यूड टेस्ट फैसिलिटी:
    इन-हाउस टेस्ट फैसिलिटी स्थापित कर कंपनी उत्पादन और परीक्षण को अधिक प्रभावी और कुशल बनाएगी।

एयरोस्पेस में भारत की बढ़ती भूमिका

भारत का एयरोस्पेस क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ रहा है।

  • इसरो और निजी क्षेत्र का सहयोग:
    भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और निजी क्षेत्र साथ मिलकर देश को वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार कर रहे हैं।
  • नए स्टार्टअप्स का उदय:
    ड्रीम एयरोस्पेस जैसे स्टार्टअप्स भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

“मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” के साथ तालमेल

ड्रीम एयरोस्पेस ने अपने उत्पादों और प्रौद्योगिकी में भारत के “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियानों को केंद्र में रखा है।

  • स्वदेशी तकनीक का उपयोग:
    कंपनी 100% स्वदेशी तकनीक पर काम कर रही है, जो भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में आत्मनिर्भर बना रहा है।
  • नौकरी के अवसर:
    इन-हाउस उत्पादन और टेस्ट फैसिलिटी स्थापित करने के साथ ही ड्रीम एयरोस्पेस स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहा है।

ड्रीम एयरोस्पेस का भविष्य और दृष्टिकोण

ड्रीम एयरोस्पेस का लक्ष्य न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में एक मजबूत पहचान बनाना है।

  • वैश्विक विस्तार:
    कंपनी अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी ले जाने की योजना बना रही है।
  • नवाचार पर ध्यान:
    ड्रीम एयरोस्पेस उन्नत और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी के साथ नवाचार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

निष्कर्ष

ड्रीम एयरोस्पेस ने भारत के एयरोस्पेस और डिफेंस क्षेत्र में एक नई शुरुआत की है। अपनी उन्नत प्रौद्योगिकी, स्वदेशी उत्पादन, और पर्यावरण के प्रति जागरूक दृष्टिकोण के साथ, यह स्टार्टअप भारत को वैश्विक एयरोस्पेस उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान पर स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है।

ड्रीम एयरोस्पेस का मिशन: “उपग्रह प्रौद्योगिकी को किफायती, कुशल और टिकाऊ बनाना, और भारत को एयरोस्पेस क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना।”

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Eximius Ventures ने लॉन्च किया अपना दूसरा फंड, $30 मिलियन के कॉर्पस का लक्ष्य

Eximius Ventures

Eximius Ventures, एक प्री-सीड फोकस्ड वेंचर कैपिटल (VC) फर्म, ने अपने दूसरे फंड की घोषणा की है। इस फंड का उद्देश्य $30 मिलियन का कॉर्पस जुटाना है, जो भारत में स्टार्टअप्स के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।


Fund II: इनोवेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम

Eximius Ventures का दूसरा फंड 25-30 कंपनियों में निवेश करने की योजना बना रहा है। ये निवेश मुख्यतः निम्नलिखित क्षेत्रों में केंद्रित होंगे:

  1. फिनटेक (Fintech)
  2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)/सॉफ्टवेयर-एज़-ए-सर्विस (SaaS)
  3. फ्रंटियर टेक्नोलॉजी
  4. कंज़्यूमर टेक

निवेश की रणनीति

  • प्रारंभिक निवेश: प्रत्येक कंपनी में शुरुआती निवेश $500K (लगभग ₹4 करोड़) का होगा।
  • फॉलो-ऑन निवेश: फंड का आधा हिस्सा उच्च संभावनाओं वाली पोर्टफोलियो कंपनियों को और अधिक सहयोग देने के लिए आरक्षित किया जाएगा।

पहले चार निवेश: Eximius Ventures की नई शुरुआत

Eximius Ventures ने बताया कि Fund II के तहत अब तक कंज़्यूमर टेक और AI/SaaS क्षेत्रों में चार कंपनियों में निवेश किया गया है। ये निवेश अन्य संस्थागत निवेशकों के साथ मिलकर या Eximius के नेतृत्व में किए गए हैं।

भारत के इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा

Eximius Ventures भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में प्री-सीड स्तर पर निवेश को प्राथमिकता दे रहा है। फर्म का मानना है कि यह फंड उन संस्थापकों की मदद करेगा जो अपने शुरुआती संस्थागत पूंजी की तलाश में हैं और उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धी बाजार में सफलता पाने में सक्षम बनाएगा।


Eximius Ventures का उद्देश्य और दृष्टिकोण

  • नवाचार को गति देना: Eximius का उद्देश्य भारत में इनोवेशन को बढ़ावा देना और स्टार्टअप्स के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार करना है।
  • संस्थापकों के साथ दीर्घकालिक साझेदारी: यह फर्म ऐसे संस्थापकों के साथ दीर्घकालिक साझेदारी बनाने की योजना बना रही है जो बड़े विज़न के साथ अपने स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

Eximius का पहला फंड: सफलता की नींव

Eximius Ventures ने 2021 में अपना पहला फंड लॉन्च किया था, जो $10 मिलियन का था। इस फंड के माध्यम से कंपनी ने कई प्री-सीड स्टार्टअप्स को समर्थन दिया और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक पहचान बनाई।


Fund II: निवेशकों का मिश्रण

दूसरे फंड के लिए Eximius Ventures पूंजी जुटाने के लिए एक विविध निवेशक आधार पर निर्भर करेगा। इसमें शामिल हैं:

  1. हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs): उच्च संपत्ति वाले व्यक्तिगत निवेशक।
  2. फाउंडर-इन्वेस्टर्स: अनुभवी उद्यमी जो अन्य स्टार्टअप्स में निवेश करना चाहते हैं।
  3. फैमिली ऑफिसेज: परिवार द्वारा संचालित निवेश संस्थाएँ।
  4. ग्लोबल जापानी कॉर्पोरेट वेंचर कंपनियाँ (CVCs): जापान की प्रमुख कॉरपोरेट संस्थाएँ।

भारत में प्री-सीड स्टार्टअप्स का महत्व

प्री-सीड स्टेज किसी भी स्टार्टअप के लिए एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जहां संस्थापक अपनी योजनाओं को आकार देने और शुरुआती फंडिंग प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। Eximius Ventures जैसे वेंचर कैपिटल फंड इस अंतर को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  1. आरंभिक चरण में सहायता:
    • यह फंड उन संस्थापकों को पूंजी प्रदान करेगा, जिन्हें अपने आइडिया को प्रोटोटाइप या शुरुआती प्रोडक्ट में बदलने के लिए धन की आवश्यकता होती है।
  2. वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना:
    • Eximius का उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप्स को इतना सक्षम बनाना है कि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम का विकास

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विकसित हुआ है।

  • 2023 में भारत: दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन गया।
  • फिनटेक और SaaS में उछाल: ये दोनों क्षेत्र भारतीय स्टार्टअप्स के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
  • प्री-सीड इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता: शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स के लिए वेंचर कैपिटल फंडिंग एक मजबूत सहायक प्रणाली बन रही है।

Eximius Ventures: एक भरोसेमंद नाम

Eximius ने अपने पहले फंड के माध्यम से भारतीय संस्थापकों में विश्वास पैदा किया है।

  1. प्रारंभिक समर्थन:
    • पहले फंड से कई स्टार्टअप्स को शुरुआती समर्थन मिला।
  2. गहरी भागीदारी:
    • संस्थापकों के साथ गहराई से काम करने और उनकी यात्रा को समझने की फर्म की प्रतिबद्धता ने इसे एक भरोसेमंद नाम बनाया है।

Eximius का भविष्य: इनोवेशन को नई दिशा

Eximius Ventures का दूसरा फंड भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया है। इसके माध्यम से:

  • प्री-सीड स्टार्टअप्स को शुरुआती पूंजी मिलेगी।
  • भारत के इनोवेशन इकोसिस्टम को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी।
  • नए क्षेत्रों में निवेश के अवसर खुलेंगे।

निष्कर्ष

Eximius Ventures का दूसरा फंड भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फंड न केवल पूंजी प्रदान करेगा, बल्कि संस्थापकों को सही दिशा में मार्गदर्शन भी देगा।

Eximius Ventures का दृष्टिकोण: “भारत के उभरते हुए स्टार्टअप्स के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना और उन्हें वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना।”

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VuNet Systems ने सीरीज B फंडिंग राउंड में जुटाए ₹60 करोड़

VuNet

बिज़नेस जर्नी ऑब्ज़रवेबिलिटी प्रोवाइडर VuNet Systems ने अपने सीरीज B फंडिंग राउंड में ₹60 करोड़ (लगभग $6.94 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Pravega Ventures ने किया, जिसमें Kotak Securities और मौजूदा निवेशक जैसे Mela Ventures, Athera Venture Partners, Dallas Venture Capital, और TVS Capital Funds ने भाग लिया।

पिछले फंडिंग राउंड्स

VuNet Systems ने इससे पहले अपने मौजूदा निवेशकों से $7.03 मिलियन जुटाए थे।


VuNet Systems फंड का उपयोग और कंपनी की योजनाएँ

नवीनतम फंडिंग से VuNet Systemsनिम्नलिखित क्षेत्रों में अपने प्रयास तेज करेगा:

  1. वैश्विक विस्तार:
    • अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार कर कंपनी अपनी सेवाओं को वैश्विक स्तर पर पहुंचाना चाहती है।
  2. भारत में ग्रोथ को बढ़ावा:
    • भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करना।
  3. प्रोडक्ट स्टैक में सुधार:
    • अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को और अधिक उन्नत और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना।
  4. सेल्स और मार्केटिंग को बढ़ावा:
    • ब्रांड की पहुंच और बिक्री रणनीतियों को मजबूत करना।

VuNet Systems: एक परिचय

VuNet Systems की स्थापना 2014 में अश्विन रामचंद्रन, भरत जोशी, और जितेश कवीतिल ने की थी। यह प्लेटफॉर्म फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स को उनके आईटी ऑपरेशन्स और कस्टमर जर्नी की निगरानी और अनुकूलन करने में मदद करता है।

कंपनी का उद्देश्य व्यावसायिक प्रक्रियाओं में गहराई से ऑब्ज़रवेबिलिटी प्रदान करना है, जिससे विफलताओं को कम किया जा सके और ग्राहकों को बेहतर अनुभव मिल सके।


VuNet की सेवाएँ और समाधान

VuNet Systems विभिन्न ऑब्ज़रवेबिलिटी सेवाएँ प्रदान करता है, जिनका उपयोग फाइनेंशियल और अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है।

1. बिज़नेस जर्नी ऑब्ज़रवेबिलिटी:

  • यह कंपनियों को उनके व्यापारिक प्रक्रियाओं और ग्राहकों की यात्रा को समझने और प्रबंधित करने में मदद करता है।

2. एप्लिकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर ऑब्ज़रवेबिलिटी:

  • कंपनी की सेवाएँ एप्लिकेशन और आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहे परिवर्तनों पर गहन नजर रखने की सुविधा देती हैं।

3. लॉग एनालिटिक्स:

  • डेटा लॉग का विश्लेषण कर कंपनियों को उनकी प्रक्रियाओं में सुधार के उपाय सुझाए जाते हैं।

4. स्पेशलाइज़्ड ऑब्ज़रवेबिलिटी सॉल्यूशंस:

  • बिल पेमेंट ऑब्ज़रवेबिलिटी
  • बैंकिंग ऑब्ज़रवेबिलिटी
  • क्रेडिट कार्ड ऑनबोर्डिंग
  • ट्रेडिंग सिस्टम्स ऑब्ज़रवेबिलिटी

VuNet का योगदान: फाइनेंशियल सेक्टर में बदलाव

VuNet का प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से फाइनेंशियल सेक्टर में बदलाव लाने पर केंद्रित है।

  1. ग्राहक अनुभव में सुधार:
    • VuNet का उद्देश्य है कि ग्राहकों को तेज़, विश्वसनीय और सुरक्षित सेवाएँ प्रदान की जाएँ।
  2. विफलताओं में कमी:
    • जटिल आईटी प्रक्रियाओं को आसानी से ट्रैक और प्रबंधित कर, फाइनेंशियल संस्थानों में विफलताओं को कम किया जा सकता है।
  3. डेटा-ड्रिवन निर्णय:
    • VuNet के एनालिटिक्स टूल्स संस्थानों को डेटा के आधार पर बेहतर निर्णय लेने में मदद करते हैं।

फाउंडर्स का दृष्टिकोण

VuNet Systems के सह-संस्थापक अश्विन रामचंद्रन ने कहा:
“हमारा लक्ष्य ग्राहकों के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करना है, जो न केवल उनकी तकनीकी प्रक्रियाओं की निगरानी करे, बल्कि उनकी समस्याओं को भी वास्तविक समय में हल करने में मदद करे। ताजा फंडिंग से हमें वैश्विक बाजारों में विस्तार करने और अपने प्रोडक्ट्स को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।”


बिज़नेस ऑब्ज़रवेबिलिटी का महत्व

आज के दौर में, व्यापारिक प्रक्रियाओं की जटिलता बढ़ रही है। इस जटिलता को समझने और सही दिशा में कदम उठाने के लिए ऑब्ज़रवेबिलिटी प्लेटफॉर्म का उपयोग अनिवार्य हो गया है।

  1. रियल-टाइम मॉनिटरिंग:
    • VuNet जैसे प्लेटफॉर्म व्यवसायों को रियल-टाइम में उनकी प्रक्रियाओं को ट्रैक करने की सुविधा देते हैं।
  2. डेटा का प्रभावी उपयोग:
    • लॉग एनालिटिक्स और ऑब्ज़रवेबिलिटी टूल्स के माध्यम से कंपनियाँ डेटा को बेहतर ढंग से उपयोग कर सकती हैं।

भारतीय टेक्नोलॉजी उद्योग का विकास और VuNet का स्थान

भारतीय आईटी और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं।

  • 2025 तक टेक्नोलॉजी सेक्टर का विस्तार:
    अनुमान है कि भारतीय आईटी सेक्टर का मूल्य $350 बिलियन तक पहुँच सकता है।
  • VuNet की भूमिका:
    VuNet जैसे प्लेटफॉर्म, जो ऑब्ज़रवेबिलिटी और डेटा एनालिटिक्स में विशेषज्ञ हैं, इस विकास का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।

VuNet Systems का भविष्य

VuNet Systems के पास एक मजबूत फंडिंग बैकअप और टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता है। आने वाले समय में, कंपनी:

  1. वैश्विक स्तर पर विस्तार करेगी।
  2. और अधिक समाधान विकसित करेगी।
  3. फाइनेंशियल और अन्य क्षेत्रों में गहरी पैठ बनाएगी।

निष्कर्ष

VuNet Systems न केवल फाइनेंशियल संस्थानों के लिए समाधान प्रदान कर रहा है, बल्कि व्यापारिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और कुशल बना रहा है। ताजा फंडिंग के साथ, कंपनी का लक्ष्य भारतीय और वैश्विक बाजारों में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करना है।

VuNet का विजन: “प्रत्येक व्यवसाय को उसकी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और कुशलता प्रदान करना, ताकि वे अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ दे सकें।”

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Landeed संपत्ति शीर्षक खोज प्लेटफॉर्म ने सीरीज X राउंड में जुटाए $5 मिलियन

Landeed

संपत्ति शीर्षक खोज इंजन प्लेटफॉर्म Landeed ने अपने सीरीज X फंडिंग राउंड में $5 मिलियन (₹40 करोड़) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व 10x Founders Fund ने किया, जिसमें ओलिवर जंग, पैराडाइम शिफ्ट, पायनियर फंड, और अन्य प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया।

Landeed पिछले फंडिंग राउंड्स और निवेशक

Landeed ने इससे पहले कई फंडिंग राउंड्स में निवेश प्राप्त किया है:

  1. जून 2022:
    • Landeed ने पैराडाइम शिफ्ट वीसी के नेतृत्व में एक रणनीतिक फाइनेंसिंग राउंड में अज्ञात राशि जुटाई थी।
  2. जनवरी 2023:
    • कंपनी ने Y Combinator, Draper Associates, और Bayhouse Capital के नेतृत्व में $8.3 मिलियन (₹68 करोड़) का सीड राउंड फंडिंग प्राप्त की।

फंड का उपयोग और भविष्य की योजनाएँ

नवीनतम फंडिंग से Landeed अपने प्लेटफॉर्म को और मजबूत करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) क्षमताओं को उन्नत करेगा।

  • AI/ML तकनीक का विकास:
    कंपनी का लक्ष्य है कि संपत्ति शीर्षक खोज प्रक्रिया को और तेज़, सटीक, और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया जाए।
  • उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाना:
    Landeed अपनी सेवाओं को विस्तृत करने के साथ-साथ अधिक पारदर्शिता और भरोसेमंद डेटा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

Landeed: कैसे करता है यह काम?

Landeed, 2022 में संजय मंडावा, ज़े जे लिन, और जोनाथन रिचर्ड्स द्वारा स्थापित, एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो संपत्ति शीर्षक खोजने और भूमि दस्तावेज़ प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है।

  • संपत्ति शीर्षक खोज:
    यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को एक नाममात्र शुल्क पर संपत्ति शीर्षक खोजने की सुविधा प्रदान करता है।
  • महत्वपूर्ण डेटा तक त्वरित पहुंच:
    • सेल डीड्स (Sale Deeds): संपत्ति बिक्री के लिए आवश्यक दस्तावेज़।
    • एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate): यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति किसी कानूनी या वित्तीय विवाद में नहीं है।
  • तेज़ और प्रभावी सेवा:
    Landeed का दावा है कि इसकी सेवा पारंपरिक तरीकों की तुलना में 10 गुना तेज़ है।

Landeed की सेवाएँ: क्यों है यह खास?

  1. बहु-स्तरीय खोज प्रक्रिया का सरलीकरण:
    • Landeed विभिन्न स्रोतों से डेटा एकत्र करता है, जो संपत्ति मालिकों और खरीदारों को सही निर्णय लेने में मदद करता है।
  2. किफायती और सुलभ समाधान:
    • प्लेटफॉर्म की सेवाएँ किफायती शुल्क पर उपलब्ध हैं, जिससे अधिक से अधिक उपयोगकर्ता इसका लाभ उठा सकते हैं।
  3. पारदर्शिता और सुरक्षा:
    • उपयोगकर्ताओं को उनकी संपत्ति से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज़ और प्रमाण पत्र एक ही स्थान पर प्रदान किए जाते हैं।

रियल एस्टेट बाजार में Landeed का योगदान

भारत का रियल एस्टेट बाजार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन संपत्ति से जुड़े दस्तावेज़ों और कानूनी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी एक बड़ी चुनौती है।

  • संपत्ति विवाद:
    संपत्ति विवाद भारत में एक बड़ी समस्या है, और Landeed जैसे प्लेटफॉर्म इन समस्याओं को हल करने में मदद कर सकते हैं।
  • डिजिटलीकरण:
    Landeed, डिजिटल तकनीक का उपयोग करके रियल एस्टेट प्रक्रिया को आधुनिक और कुशल बना रहा है।

फाउंडर्स का विजन और दृष्टिकोण

Landeed के सह-संस्थापक संजय मंडावा ने कहा,
“हमारी प्राथमिकता संपत्ति शीर्षक खोजने की प्रक्रिया को सरल, तेज़ और सुरक्षित बनाना है। नवीनतम फंडिंग हमें AI और ML तकनीक को लागू करने और उपयोगकर्ता अनुभव को अगले स्तर तक ले जाने में मदद करेगी।”


भारतीय रियल एस्टेट बाजार का भविष्य और संभावनाएँ

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत का रियल एस्टेट बाजार 2025 तक $1 ट्रिलियन तक पहुँच सकता है।

  • डिजिटल समाधानों की बढ़ती माँग:
    रियल एस्टेट में डिजिटल प्लेटफॉर्म और सेवाओं की बढ़ती माँग Landeed जैसे स्टार्टअप्स के लिए बड़े अवसर पैदा कर रही है।
  • सरकारी नीतियाँ और पहल:
    सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ और रियल एस्टेट सेक्टर को पारदर्शी बनाने की नीतियाँ, Landeed जैसी कंपनियों के लिए लाभकारी साबित हो रही हैं।

Landeed का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ

  1. तेज़ सेवाएँ:
    • पारंपरिक तरीकों की तुलना में 10 गुना तेज़।
  2. उन्नत तकनीक:
    • AI और ML का उपयोग, जो इसे प्रतिस्पर्धा में आगे रखता है।
  3. किफायती समाधान:
    • सस्ती सेवाएँ, जो सभी उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ हैं।

निष्कर्ष

Landeed, संपत्ति शीर्षक खोज को सरल और तेज़ बनाने के लिए तकनीक का उपयोग कर, रियल एस्टेट उद्योग में एक क्रांति ला रहा है। ताजा फंडिंग के साथ, कंपनी अपने प्लेटफॉर्म को और उन्नत बनाने और अधिक उपयोगकर्ताओं तक पहुँचने के लिए तैयार है।

भारतीय रियल एस्टेट बाजार की बढ़ती माँग और डिजिटल समाधानों की आवश्यकता को देखते हुए, Landeed के पास भविष्य में और अधिक सफलताएँ हासिल करने की क्षमता है। यह प्लेटफॉर्म न केवल उपयोगकर्ताओं के लिए प्रक्रिया को सरल बना रहा है, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और विश्वास को भी बढ़ावा दे रहा है।

Landeed का लक्ष्य: “प्रत्येक भारतीय को अपनी संपत्ति से जुड़े दस्तावेज़ों और जानकारियों तक त्वरित और आसान पहुँच प्रदान करना।”

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MakeO वित्तीय वर्ष 2024 में नुकसान घटाने और स्थिर राजस्व पर फोकस

makeO

भारत के प्रमुख डेंटल और स्किनकेयर समाधान प्रदाता, makeO ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में राजस्व को स्थिर रखते हुए अपने घाटे को 32% तक कम करने में सफलता हासिल की। Toothsi और Skinnsi ब्रांड की मूल कंपनी MakeO ने वित्तीय वर्ष के दौरान अपने संचालन में सुधार करते हुए नई ऊंचाइयों की ओर कदम बढ़ाए।


makeO राजस्व में स्थिर वृद्धि

FY24 में, makeO का परिचालन राजस्व 6.5% बढ़कर ₹179 करोड़ हो गया, जो FY23 में ₹168 करोड़ था। यह वृद्धि कंपनी की सेवाओं और उत्पादों के व्यापक उपयोग को दर्शाती है।

  • Toothsi का योगदान:
    MakeO के राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा टूथ एलाइनर्स की बिक्री से आया, जो कुल राजस्व का 69.2% रहा। FY24 में, टूथ एलाइनर्स से आय ₹124 करोड़ रही, जो 7% की वृद्धि है।
  • Skinnsi का योगदान:
    Skinnsi ब्रांड, जो त्वचा और बालों के उपचार जैसे लेज़र हेयर रिडक्शन, हाइड्रा फेशियल, एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट, एक्ने ट्रीटमेंट, और डर्मा फेशियल सेवाएँ प्रदान करता है, शेष राजस्व का हिस्सा रहा।

खर्चों में कटौती का असर

कंपनी ने FY24 में अपने कुल खर्च को घटाकर ₹332 करोड़ किया, जो FY23 में ₹395 करोड़ था।

  1. कर्मचारी लाभ:
    • कर्मचारी लाभ FY24 में कंपनी के कुल खर्च का 36% रहा।
  2. सलाहकार शुल्क:
    • सलाहकार शुल्क में 57% की कमी करते हुए इसे ₹26 करोड़ पर लाया गया।
  3. मार्केटिंग लागत:
    • FY24 में मार्केटिंग खर्च ₹69 करोड़ रहा, जो FY23 की तुलना में 24% कम है।
  4. अन्य खर्च:
    • सॉफ़्टवेयर, भुगतान गेटवे, किराया, कानूनी, यात्रा, और अन्य खर्चों को मिलाकर कंपनी का कुल व्यय ₹332 करोड़ रहा।

नुकसान में कमी और वित्तीय संकेतक

घाटे में कमी कंपनी के संचालन में सुधार और खर्चों को नियंत्रित करने का परिणाम है।

  • FY24 में कंपनी का घाटा 31.8% घटकर ₹150 करोड़ हो गया, जो FY23 में ₹220 करोड़ था।
  • ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉइड):
    कंपनी का ROCE -77.3% पर दर्ज किया गया।
  • EBITDA मार्जिन:
    EBITDA मार्जिन -66.12% रहा।
  • खर्च-से-आय अनुपात:
    यह अनुपात FY24 में ₹1.85 दर्ज किया गया।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

  • FY24 के अंत तक, MakeO की कुल संपत्ति ₹153 करोड़ थी।
  • इसमें से ₹93 करोड़ नकद और बैंक बैलेंस में थे, जो कंपनी की नकदी प्रवाह प्रबंधन क्षमताओं को दर्शाता है।

MakeO की यात्रा और विकास

MakeO की स्थापना 2018 में अर्पी मेहता शाह, प्रवीन शेट्टी, मंजुल जैन, और अनिरुद्ध काल ने की थी।

  • शुरुआत:
    कंपनी ने शुरुआत Toothsi ब्रांड के तहत टूथ एलाइनर सेवाओं से की।
  • विस्तार:
    बाद में, कंपनी ने Skinnsi जैसे ब्रांड को जोड़कर त्वचा और बालों के उपचार सेवाएँ प्रदान कीं।

कंपनी ने एक व्यापक सेवा मंच तैयार किया है जो डेंटल, स्किन और हेयर ट्रीटमेंट के समाधान प्रदान करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म ग्राहकों को उच्च-गुणवत्ता वाली सेवाएँ और उत्पाद प्रदान करने पर केंद्रित है।


भविष्य की योजनाएँ

FY24 में अपने घाटे को घटाने और राजस्व को स्थिर बनाए रखने के बाद, MakeO का फोकस अब आगे की वृद्धि और नवाचार पर है।

  • नवाचार में निवेश:
    कंपनी नए उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
  • विस्तार:
    कंपनी अपने बाजार को और विस्तार देने के लिए तैयार है, विशेष रूप से छोटे शहरों और कस्बों में।
  • ग्राहक अनुभव:
    MakeO ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और सेवा गुणवत्ता में सुधार कर रहा है।

भारतीय बाजार में MakeO की स्थिति

भारतीय बाजार में डेंटल और स्किनकेयर सेवाओं की बढ़ती मांग ने MakeO के लिए विकास के अवसर खोले हैं।

  • डेंटल और स्किनकेयर उद्योग का विस्तार:
    भारतीय उपभोक्ताओं के बीच डेंटल और स्किनकेयर सेवाओं की बढ़ती जागरूकता और अपनाने की दर से यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है।
  • उच्च-गुणवत्ता सेवाओं की मांग:
    MakeO के जैसे प्लेटफ़ॉर्म उच्च-गुणवत्ता और किफायती सेवाएँ प्रदान करके इस मांग को पूरा कर रहे हैं।

निष्कर्ष

FY24 में स्थिर राजस्व और घाटे में कमी के साथ, MakeO ने अपने संचालन को मजबूत किया है और भारतीय डेंटल और स्किनकेयर उद्योग में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ किया है।

अपने ब्रांड Toothsi और Skinnsi के माध्यम से, MakeO ने एक व्यापक सेवा मंच विकसित किया है जो भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करता है। वित्तीय सुधार और भविष्य की योजनाओं के साथ, MakeO भारतीय स्वास्थ्य और सौंदर्य सेवा उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए तैयार है।

MakeO का मिशन: “प्रत्येक भारतीय को उच्च-गुणवत्ता वाली डेंटल और स्किनकेयर सेवाएँ प्रदान करना।”

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D2C skincare brand Deconstruct ने जुटाए ₹65 करोड़

Deconstruct

Deconstruct, एक डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर (D2C) स्किनकेयर ब्रांड, ने हाल ही में ₹65 करोड़ ($7.7 मिलियन) का निवेश जुटाया है। यह फंडिंग L’Oréal के वीसी फंड BOLD, V3 Ventures, और DSG Consumer Partners के नेतृत्व में हुई, जिसमें मौजूदा निवेशक Kalaari Capital और Beenext ने भी भाग लिया।

Deconstruct पिछले फंडिंग राउंड और उपयोग

अगस्त 2022 में, Deconstruct ने Kalaari Capital और Beenext के नेतृत्व में अपने सीड राउंड में $2 मिलियन जुटाए थे।

फंड का उपयोग

नवीनतम निवेश का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  1. उत्पाद नवाचार: मौजूदा उत्पाद श्रेणियों जैसे सन्सक्रीन और सीरम में नेतृत्व को मजबूत करना।
  2. जेंटल एक्टिव्स स्पेस में श्रेष्ठता: प्रभावी और हल्के उत्पादों को विकसित करना।
  3. क्विक कॉमर्स और रिटेल में विस्तार: उपभोक्ताओं के लिए ब्रांड की पहुंच को बढ़ाना।

Deconstruct: एक परिचय

Deconstruct की स्थापना मालिनी अडापुरेड्डी ने की थी। यह ब्रांड सभी प्रकार की त्वचा, विशेष रूप से संवेदनशील त्वचा, के लिए स्किनकेयर उत्पाद प्रदान करता है।

  • ब्रांड का फोकस: शुरुआती उपभोक्ताओं के लिए अनुकूल उत्पाद जैसे मैटिफाइंग, जेल-आधारित सन्सक्रीन।
  • भारतीय जरूरतों के अनुरूप: ब्रांड का मुख्य उद्देश्य भारतीय गर्म और आर्द्र जलवायु में उपयोगी उत्पाद बनाना है, जो वैश्विक प्रवृत्तियों पर आधारित बाजार में एक अलग पहचान बनाता है।

संस्थापक का विजन

Deconstruct की संस्थापक मालिनी अडापुरेड्डी ने कहा:

“पिछले साल, हमने 2 करोड़+ शुरुआती उपभोक्ताओं को भारत के सबसे दूरस्थ पिनकोड्स में स्किनकेयर यात्रा शुरू करने में मदद की। यह फंडिंग हमें अत्यधिक प्रभावी और हल्के उत्पाद बनाने पर केंद्रित रहने का अवसर देती है।”


ब्रांड की उपलब्धियां और ग्रोथ

  1. आर्थिक प्रदर्शन:
    • FY25 में Deconstruct ने 1,000% वृद्धि दर्ज की।
    • कंपनी ने ₹200 करोड़ का वार्षिक राजस्व अर्जित किया।
    • FY24 में, कंपनी की ऑपरेटिंग रेवेन्यू में 2.3X वृद्धि हुई, जो ₹6.67 करोड़ से बढ़कर ₹15.46 करोड़ हो गई।
    • इसी अवधि में, कंपनी ने अपने घाटे को 33% तक कम करके ₹4.9 करोड़ किया।
  2. उपभोक्ता पहुंच:
    • ब्रांड ने भारतीय बाजार में स्किनकेयर उत्पादों को दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाया।
    • ब्रांड की फोकस्ड रणनीति ने इसे भारतीय उपभोक्ताओं की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाया।

भारतीय स्किनकेयर बाजार में Deconstruct की भूमिका

भारतीय स्किनकेयर बाजार तेजी से बढ़ रहा है और वैश्विक प्रवृत्तियों से प्रेरित है। हालांकि, Deconstruct का दृष्टिकोण इसे भीड़ से अलग बनाता है:

  • भारतीय जलवायु के अनुसार उत्पाद:
    Deconstruct के उत्पाद विशेष रूप से भारतीय गर्म और आर्द्र मौसम को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किए गए हैं।
  • शुरुआती उपभोक्ताओं पर ध्यान:
    ब्रांड के हल्के और प्रभावी उत्पाद पहली बार स्किनकेयर उपयोगकर्ताओं के लिए आदर्श हैं।
  • उत्पाद श्रेणियों का विस्तार:
    Deconstruct ने सन्सक्रीन और सीरम जैसी श्रेणियों में अपनी पहचान बनाई है और अब अन्य उत्पाद श्रेणियों में विस्तार कर रहा है।

फंडिंग में प्रमुख निवेशकों की भूमिका

  1. L’Oréal BOLD:
    • L’Oréal का वीसी फंड, BOLD, ब्रांड के उत्पाद नवाचार और वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करने में सहायक होगा।
  2. V3 Ventures और DSG Consumer Partners:
    • इन निवेशकों ने ब्रांड के विकास और भारतीय उपभोक्ता बाजार में इसके विस्तार को समर्थन दिया है।
  3. Kalaari Capital और Beenext:
    • मौजूदा निवेशकों ने Deconstruct की पिछली उपलब्धियों को देखते हुए नए राउंड में भी भाग लिया।

स्किनकेयर बाजार का भविष्य और Deconstruct की रणनीति

भारतीय स्किनकेयर बाजार का विस्तार कई कारणों से हो रहा है:

  1. बढ़ती जागरूकता:
    उपभोक्ता अब त्वचा की देखभाल के महत्व को बेहतर ढंग से समझ रहे हैं।
  2. वैयक्तिकृत उत्पादों की मांग:
    उपभोक्ता अब अपनी विशिष्ट त्वचा आवश्यकताओं के अनुरूप उत्पादों की तलाश कर रहे हैं।
  3. ऑनलाइन शॉपिंग का प्रभाव:
    क्विक कॉमर्स और रिटेल में विस्तार से Deconstruct अपने उत्पादों को अधिक सुलभ बना सकता है।

Deconstruct इन प्रवृत्तियों का लाभ उठाकर:

  • विस्तृत रिटेल नेटवर्क: उपभोक्ताओं तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचने के लिए रिटेल नेटवर्क का विस्तार करेगा।
  • नवाचार: हल्के और प्रभावी उत्पादों को विकसित करना जारी रखेगा।
  • उपभोक्ता जुड़ाव: ब्रांड अपने उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए तकनीक और डेटा का उपयोग करेगा।

निष्कर्ष

Deconstruct का दृष्टिकोण भारतीय स्किनकेयर उद्योग में एक नया मानक स्थापित कर रहा है। ₹65 करोड़ की इस नई फंडिंग से ब्रांड को उत्पाद नवाचार, विस्तार, और उपभोक्ता जुड़ाव में महत्वपूर्ण प्रगति करने में मदद मिलेगी।

भारतीय स्किनकेयर बाजार की अनूठी जरूरतों को पूरा करने और उपभोक्ताओं को प्रभावी समाधान प्रदान करने के लिए Deconstruct की प्रतिबद्धता इसे एक अग्रणी ब्रांड बनाती है।

Deconstruct का मिशन: “हर भारतीय उपभोक्ता की स्किनकेयर यात्रा को सरल और प्रभावी बनाना।”

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Exsure बायोटेक स्टार्टअप यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स ने जुटाए 3 करोड़ रुपये

ExSURE`

भारतीय बायोटेक स्टार्टअप ExSURE ने अपने सीड फंडिंग राउंड में 3 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Unicorn India Ventures ने किया। फंड का उपयोग कंपनी के एक्सोसोम-आधारित ड्रग डिलीवरी प्लेटफॉर्म की नॉन-क्लिनिकल स्टडी को पूरा करने, वैश्विक विस्तार योजनाओं को आगे बढ़ाने, और अपने उत्पादों जैसे Exosure, Leucosure, PlantExosure, और Dr. Berries को प्रमोट करने के लिए किया जाएगा।


ExSURE: स्टार्टअप का परिचय और दृष्टिकोण

2021 में स्वास्तिका पॉल और अभिषेक दत्ता द्वारा स्थापित, Exsure एक बायोटेक स्टार्टअप है जो कैंसर के उपचार के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करता है। स्टार्टअप का मुख्य फोकस है:

  1. एंटी-कैंसर दवाओं के साइड इफेक्ट्स और टॉक्सिसिटी को कम करना।
  2. कैंसर और कैंसर स्टेम सेल्स को टारगेट करना।
  3. कैंसर रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।

कंपनी का पेटेंटेड एक्सोसोमल ड्रग-डिलीवरी प्लेटफॉर्म की मदद से कीमोथेरेपी के विषाक्त प्रभावों को कम करने और कैंसर के पुनरावृत्ति की संभावना को घटाने का प्रयास किया जाता है।


उत्पाद और सेवाएं

Exsure ने हाल ही में अपने पहले इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग उत्पाद लॉन्च किए हैं। इसके प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:

  1. Exosure: कैंसर उपचार के लिए डिज़ाइन किया गया।
  2. Leucosure: ल्यूकोपेनिया जैसी स्थितियों के लिए उपचार।
  3. PlantExosure: पौधों से प्राप्त उपचार विकल्प।
  4. Dr. Berries: स्वास्थ्य-वर्धक बेरी-आधारित उत्पाद।

इन उत्पादों के जरिए कंपनी ने पूरे भारत में विभिन्न सहयोगी और भागीदारों को जोड़ा है।


नॉन-क्लिनिकल और प्री-क्लिनिकल अध्ययन

Exsure ने पिछले 12 महीनों में भारत में एक नॉन-क्लिनिकल स्टडी शुरू की है। इस अध्ययन को एक CRO (Contract Research Organization) के सहयोग से संचालित किया गया है। इसके अलावा, स्टार्टअप ने अपने पेटेंटेड तकनीक का उपयोग करते हुए प्री-क्लिनिकल स्टडी भी पूरी की है।

यह कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो इसे अपने शोध और उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित करने के लिए तैयार करती है।


भारतीय बायोटेक्नोलॉजी उद्योग का भविष्य

मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारतीय बायोटेक्नोलॉजी उद्योग तेजी से बढ़ रहा है:

  1. 2025 तक: यह उद्योग $150 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
  2. 2030 तक: इसके $270-300 बिलियन तक बढ़ने की संभावना है।
  3. वैश्विक प्रभाव: भारत में बायोटेक स्टार्टअप्स की संख्या बढ़ रही है, और Exsure जैसे इनोवेटिव स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

Exsure का वैश्विक विस्तार और योजनाएं

Exsure अपने इन-हाउस उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही, कंपनी निम्नलिखित क्षेत्रों में निवेश करेगी:

  1. टेक-एनेबल्ड समाधान विकसित करना।
  2. कैंसर के उपचार में उपयोगी नई तकनीकों पर अनुसंधान।
  3. ग्लोबल पार्टनरशिप और कोलैबोरेशन।

संस्थापकों का विजन

Exsure के सह-संस्थापक स्वास्तिका पॉल और अभिषेक दत्ता का मानना है कि तकनीक और नवाचार के माध्यम से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज बेहतर और अधिक सुलभ बनाया जा सकता है।

“हमारा उद्देश्य है कि हम कैंसर उपचार के साइड इफेक्ट्स को कम करें और मरीजों को एक बेहतर जीवन जीने में मदद करें। हमारा पेटेंटेड प्लेटफॉर्म न केवल प्रभावी है, बल्कि यह भविष्य में कैंसर उपचार की दिशा को बदलने की क्षमता रखता है।”


फंडिंग का महत्व

3 करोड़ रुपये की फंडिंग से Exsure को अपने लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी:

  1. नए उत्पाद विकसित करना।
  2. वैश्विक बाजार में विस्तार।
  3. भारत में कैंसर उपचार के लिए नए मानक स्थापित करना।

कैंसर उपचार में नवाचार की आवश्यकता

भारत में कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। हर साल लाखों लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं। हालांकि, कैंसर उपचार में साइड इफेक्ट्स और टॉक्सिसिटी एक बड़ी चुनौती है।

  • Exsure का समाधान: कंपनी का एक्सोसोम-आधारित प्लेटफॉर्म इन चुनौतियों को हल करने में सक्षम है।
  • कम लागत, उच्च प्रभाव: Exsure के उत्पाद न केवल प्रभावी हैं, बल्कि वे आर्थिक रूप से भी सस्ते हैं।

भविष्य की योजनाएं

Exsure की दीर्घकालिक योजनाओं में शामिल हैं:

  1. वैज्ञानिक अनुसंधान का विस्तार।
  2. अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाना।
  3. बायोटेक इंडस्ट्री में अग्रणी स्थान प्राप्त करना।

निष्कर्ष

Exsure का मिशन और दृष्टिकोण भारतीय बायोटेक्नोलॉजी उद्योग के लिए प्रेरणादायक है। यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स की अगुवाई में जुटाई गई फंडिंग से कंपनी को अपने लक्ष्यों को तेजी से हासिल करने में मदद मिलेगी।

Exsure न केवल कैंसर के उपचार को प्रभावी बना रहा है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाने के लिए एक नई दिशा भी प्रदान कर रहा है। Exsure जैसे इनोवेटिव स्टास्टार्टअप्स भारतीय बायोटेक्नोलॉजी के भविष्य को उज्जवल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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Zeelab Pharmacy ने $2.4 मिलियन की फंडिंग जुटाई

Zeelab Pharmacy

ओमनी-चैनल हेल्थकेयर ब्रांड Zeelab Pharmacy ने अपने पहले फंडिंग राउंड में $2.4 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व OTP Ventures ने किया। यह धनराशि कंपनी के विस्तार, रिटेल फुटप्रिंट बढ़ाने, और डिलीवरी क्षमताओं को बेहतर बनाने में उपयोग की जाएगी, Zeelab ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा।


Zeelab Pharmacy का परिचय

2019 में रोहित मुकुल द्वारा स्थापित, Zeelab Pharmacy एक फार्मेसी ब्रांड है जो किफायती, उच्च-गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाइयों और अन्य उत्पादों की बिक्री करता है। इसका उद्देश्य भारत में सभी को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना और गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर को सभी के लिए सुलभ और किफायती बनाना है।


कंपनी का मिशन और दृष्टिकोण

Zeelab Pharmacy का मिशन स्पष्ट है:

  1. 90% कम कीमत पर दवाइयां: Zeelab मरीजों को उनकी दवाइयां वास्तविक कीमत पर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखता है।
  2. स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच: कंपनी का मानना है कि भारत के हर नागरिक को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां मिलनी चाहिए।
  3. भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग को सशक्त बनाना: Zeelab भारतीय दवा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहा है।

रिटेल नेटवर्क और डिलीवरी क्षमताएं

Zeelab Pharmacy ने अब तक:

  • 225 से अधिक स्टोर का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया है।
  • हर दिन 1,500 से अधिक ऑर्डर प्रोसेस किए जाते हैं।
  • कंपनी का लक्ष्य मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में 60 मिनट डिलीवरी की सुविधा को विकसित करना है।

ब्रांड एंबेसडर और प्रचार प्रयास

Zeelab Pharmacy ने हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा को अपना ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है।
रणदीप हुड्डा के साथ, Zeelab ने एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है, जिसमें किफायती दवाओं की उपलब्धता और स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व को उजागर किया गया है।

रणदीप हुड्डा ने अपने बयान में कहा:

“Zeelab का दृष्टिकोण और मिशन न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता रखता है।”


फंडिंग का उपयोग और विस्तार योजनाएं

$2.4 मिलियन की इस नई फंडिंग का उपयोग निम्नलिखित प्राथमिकताओं के लिए किया जाएगा:

  1. रिटेल नेटवर्क का विस्तार: Zeelab अधिक शहरों और गांवों में अपने स्टोर्स खोलने की योजना बना रहा है।
  2. डिलीवरी क्षमता में सुधार: कंपनी मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में 60 मिनट डिलीवरी सेवा शुरू करने की तैयारी कर रही है।
  3. डिजिटल उपस्थिति को मजबूत करना: डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाना।
  4. भारत के हेल्थकेयर सेक्टर में अग्रणी बनना: Zeelab का उद्देश्य भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर में अपनी स्थिति को और मजबूत करना है।

किफायती जेनेरिक दवाइयों का महत्व

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत ने जेनेरिक दवाइयों की मांग को बढ़ावा दिया है। Zeelab Pharmacy इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है:

  • जेनेरिक दवाइयां ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 50-90% तक सस्ती होती हैं।
  • ये दवाइयां उतनी ही प्रभावी और सुरक्षित होती हैं जितनी कि ब्रांडेड दवाइयां।
  • Zeelab का उद्देश्य जेनेरिक दवाइयों की पहुंच को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सुनिश्चित करना है।

भारत का हेल्थकेयर बाजार: एक बढ़ता हुआ अवसर

भारत का हेल्थकेयर बाजार तेजी से बढ़ रहा है।

  • CAGR: भारतीय हेल्थकेयर इंडस्ट्री 15-20% की दर से बढ़ रही है।
  • 2028 तक प्रोजेक्शन: यह बाजार $132 बिलियन तक पहुंच सकता है।
  • हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी: डिजिटल हेल्थकेयर और टेलीमेडिसिन सेवाएं भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम को अधिक सुलभ बना रही हैं।

Zeelab Pharmacy इस बढ़ते हुए बाजार का हिस्सा बनकर अपनी सेवाओं का विस्तार करना चाहता है।


संस्थापक का दृष्टिकोण

Zeelab Pharmacy के संस्थापक रोहित मुकुल ने कहा:

“हमारा उद्देश्य भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को बदलना और इसे हर व्यक्ति के लिए सुलभ बनाना है। हम चाहते हैं कि कोई भी व्यक्ति महंगी दवाइयों के कारण इलाज से वंचित न रहे।”


भविष्य की योजनाएं

Zeelab की दीर्घकालिक योजनाओं में शामिल हैं:

  1. अधिक स्टोर्स खोलना: कंपनी अगले कुछ वर्षों में प्रमुख भारतीय शहरों में अपने स्टोर्स की संख्या को दोगुना करना चाहती है।
  2. डिजिटल हेल्थकेयर सेवाएं: एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाकर अधिक मरीजों तक पहुंचना।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान: उन क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करना जहां स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी है।

निष्कर्ष

Zeelab Pharmacy का $2.4 मिलियन का फंडिंग राउंड कंपनी के विस्तार और इनोवेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका मिशन किफायती स्वास्थ्य सेवाओं और जेनेरिक दवाइयों की पहुंच बढ़ाने का है।

रणदीप हुड्डा जैसे लोकप्रिय चेहरे के साथ, Zeelab ने जागरूकता बढ़ाने और अपनी सेवाओं को भारत के कोने-कोने तक पहुंचाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं।

Zeelab Pharmacy भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर में एक नई क्रांति का संकेत है, जो किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया है।

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Healthcare platform Raaz App ने जुटाए $1 मिलियन

Raaz

बेंगलुरु स्थित हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म Raaz  App ने Fireside Ventures के नेतृत्व में $1 मिलियन का फंडिंग राउंड पूरा किया। इस फंडिंग राउंड में Campus Fund, अल्ताफ सय्यद, Better Capital के संस्थापक वैभव डोमकुंडवार और अन्य निवेशकों ने भी भाग लिया।

यह धनराशि प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने, सेवाओं के विस्तार, क्लिनिकल ट्रायल्स में निवेश, टेक-एनेबल्ड उपचार प्रोटोकॉल विकसित करने, और जागरूकता अभियानों को चलाने के लिए उपयोग की जाएगी,** कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा।


Raaz  App का परिचय

2023 में स्थापित, Raaz  App पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया एक हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म है। इसे आकाश कुमार और हर्षित कुक्रेजा ने सह-स्थापित किया।

कंपनी का उद्देश्य पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य मुद्दों के लिए उच्च-गुणवत्ता वाली जानकारी और उपचार प्रदान करना है। Raaz App की सेवाओं में शामिल हैं:

  • साक्ष्य-आधारित उपचार कार्यक्रम
  • डॉक्टर-नेतृत्व वाली टेली-कंसल्टेशन सेवाएं
  • दवाइयां, डायग्नोस्टिक्स, काउंसलिंग, और लाइफस्टाइल गाइडेंस

व्यक्तिगत और स्थानीय सेवाएं

Raaz App का एक महत्वपूर्ण पहलू इसका व्यक्तिगत और स्थानीय सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करना है। प्लेटफॉर्म निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है:

  1. व्यक्तिगत उपचार योजनाएं: प्रत्येक मरीज को एक डॉक्टर और पर्सनल हेल्थ कंसीयर्ज (स्वास्थ्य सहायक) प्रदान किया जाता है जो उनकी प्रगति की निगरानी करता है।
  2. स्थानीय भाषाओं में सेवाएं: विशेष रूप से टियर II और टियर III शहरों के लिए, प्लेटफॉर्म स्थानीय भाषाओं में सेवाएं प्रदान करता है ताकि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लोग भी इसका लाभ उठा सकें।
  3. डेटा इंजन का निर्माण: प्लेटफॉर्म ने एक डेटा इंजन विकसित किया है जिसमें गुमनाम केस हिस्ट्री और हस्तक्षेपों की प्रभावशीलता का विश्लेषण शामिल है।

पुरुषों के स्वास्थ्य पर केंद्रित प्लेटफॉर्म

Raaz App उन समस्याओं पर केंद्रित है जिन पर आमतौर पर कम चर्चा की जाती है। यह निम्नलिखित स्थितियों के लिए साक्ष्य-आधारित उपचार योजनाएं प्रदान करता है:

  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
  • प्रीमैच्योर इजैकुलेशन

प्लेटफॉर्म का लक्ष्य पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है।


टेक्नोलॉजी और डेटा का उपयोग

Raaz App टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवेन समाधानों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करता है:

  • डेटा-आधारित हस्तक्षेप: मरीजों की केस हिस्ट्री का अध्ययन करके, यह प्लेटफॉर्म उन हस्तक्षेपों की पहचान करता है जो सबसे प्रभावी साबित हुए।
  • लाइफस्टाइल विश्लेषण: मरीजों की जीवनशैली और स्वास्थ्य के बीच संबंध को समझने के लिए गहन डेटा विश्लेषण करता है।

टियर II और III शहरों पर फोकस

Raaz App की सेवाएं मुख्य रूप से टियर II और III शहरों में केंद्रित हैं। इन क्षेत्रों में:

  • हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी होती है।
  • पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और जानकारी सीमित होती है।
  • प्लेटफॉर्म का उद्देश्य इन शहरों में स्थानीय भाषाओं और डिजिटल कंसल्टेशन के माध्यम से सेवाएं प्रदान करना है।

फंडिंग का उपयोग

कंपनी ने फंडिंग से मिलने वाली राशि का उपयोग निम्नलिखित प्राथमिकताओं के लिए करने की योजना बनाई है:

  1. प्लेटफॉर्म एन्हांसमेंट: बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव और उन्नत सुविधाएं विकसित करना।
  2. सेवा विस्तार: भारत के अधिक शहरों और गांवों तक पहुंच बनाना।
  3. क्लिनिकल ट्रायल्स में निवेश: सटीक और साक्ष्य-आधारित उपचार सुनिश्चित करना।
  4. टेक-एनेबल्ड प्रोटोकॉल: नए तकनीकी समाधानों के विकास में निवेश करना।
  5. जागरूकता अभियान: पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना।

बाजार की संभावनाएं

भारत में पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ रही है। हालांकि, यह अभी भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां जानकारी और सेवाओं की भारी कमी है।

  • Raaz App इस कमी को दूर करने की दिशा में काम कर रहा है।
  • इसके डिजिटल-फर्स्ट मॉडल और पर्सनलाइज्ड एप्रोच ने इसे एक मजबूत स्थिति में ला दिया है।

संस्थापकों का दृष्टिकोण

Raaz App के सह-संस्थापक आकाश कुमार का कहना है:

“हमारा लक्ष्य पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य को एक सामान्य चर्चा का विषय बनाना है। हमारा प्लेटफॉर्म न केवल इलाज प्रदान करता है, बल्कि जागरूकता बढ़ाने और समस्या को जड़ से समाप्त करने की दिशा में भी काम करता है।”


निष्कर्ष

Raaz App का उद्देश्य पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करना और टियर II व III शहरों के मरीजों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। $1 मिलियन की फंडिंग के साथ, कंपनी ने अपने विस्तार और नवाचार के अगले चरण की शुरुआत कर दी है।

इस प्लेटफॉर्म का ध्यान टेक्नोलॉजी, पर्सनलाइजेशन, और डेटा के उपयोग पर है, जो इसे भारत के हेल्थकेयर सेक्टर में एक अग्रणी खिलाड़ी बना सकता है। Raaz App के कदम पुरुष स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई क्रांति का संकेत हैं।

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