Terractive lifestyle एक्टिववियर में इनोवेशन की नई लहर

Terractive

मुंबई स्थित लाइफस्टाइल एक्टिववियर ब्रांड Terractive ने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में 8 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व फायर्साइड वेंचर्स और डीवीसी (मैट्रिक्स पार्टनर्स) ने किया।

कंपनी इस फंड का उपयोग कपड़ों के विकास में तेजी लाने और उत्पाद नवाचार को बढ़ावा देने के लिए करेगी।


Terractive की स्थापना और उद्देश्य

2023 में रेना अंबानी और राही अंबानी-चोकसी द्वारा स्थापित, Terractive का उद्देश्य सक्रिय जीवनशैली के लिए उपयुक्त परिधानों को नया आयाम देना है। यह ब्रांड आधुनिक फैब्रिक तकनीक और बेमिसाल आराम का मिश्रण पेश करता है।

टेरैक्टिव की खासियत:

  1. टेरा सॉफ्ट (TerraSoft):
    • कपास जैसा मुलायम अनुभव।
    • एंटी-ओडर (गंधरोधक) गुण।
  2. कूल निट (CoolKnit):
    • ठंडक प्रदान करने वाला प्रभाव।
    • प्रीमियम लुक।

ब्रांड का मुख्य उद्देश्य प्रदर्शन और शैली का बेहतरीन मेल प्रदान करना है, जो इसे प्रीमियम और रोजमर्रा के परिधानों के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है।


प्रमुख उत्पाद और उपभोक्ता पसंद

टेरैक्टिव अपने ग्राहकों के लिए विविध और उच्च गुणवत्ता वाले विकल्प पेश करता है। इसके प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:

  1. टेरा सॉफ्ट कडल टीज़ (Cuddle Tees): आरामदायक और स्टाइलिश।
  2. 365 मेंस शॉर्ट्स: रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए आदर्श।
  3. एक्टिविटी स्कॉर्ट्स: आधुनिक महिलाओं के लिए बहुउपयोगी परिधान।

टेरैक्टिव की उत्पाद श्रेणी एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-ओडर गुणों के साथ आती है, जो इसे आधुनिक और बहुपयोगी जीवनशैली के लिए उपयुक्त बनाती है।


ब्रांड का विज़न और मिशन

टेरैक्टिव का उद्देश्य न केवल एक्टिववियर में उच्च गुणवत्ता प्रदान करना है, बल्कि इसे एक ऐसा ब्रांड बनाना है जो आधुनिक उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करे।

  • गुणवत्ता पर फोकस: कपड़ों की लंबी उम्र और आरामदायक डिजाइन।
  • इनोवेशन का वादा: नई फैब्रिक तकनीकों के साथ प्रयोग।
  • प्रदर्शन और शैली का मेल: फैशन और कार्यक्षमता का अद्वितीय मिश्रण।

फंडिंग का उपयोग

जुटाए गए 8 करोड़ रुपये का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  1. कपड़ा विकास: प्रीमियम और टिकाऊ फैब्रिक का निर्माण।
  2. उत्पाद नवाचार: उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों के अनुसार नए डिजाइन और तकनीकों को विकसित करना।
  3. उत्पादन क्षमता में वृद्धि: बड़े पैमाने पर उत्पादन और वितरण को सुगम बनाना।

एक्टिववियर मार्केट में टेरैक्टिव की भूमिका

भारत में लाइफस्टाइल और एक्टिववियर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। टेरैक्टिव अपने अनोखे उत्पादों और ग्राहकों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर खुद को इस बाजार में अलग पहचान दिलाने में सफल हो रहा है।

  • मॉडर्न कंज्यूमर पर फोकस: टेरैक्टिव का लक्ष्य उन उपभोक्ताओं को सेवाएं देना है, जो बहुपयोगी और प्रीमियम गुणवत्ता वाले परिधानों की तलाश में हैं।
  • स्थिरता और इनोवेशन: पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार और इनोवेटिव डिज़ाइनों के साथ ब्रांड बाजार में नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारतीय एक्टिववियर ब्रांड्स की उभरती ताकत

पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय एक्टिववियर ब्रांड्स ने ग्लोबल लेवल पर पहचान बनाई है।

  • बाजार का आकार: भारत का एक्टिववियर मार्केट 2025 तक 5,000 करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है।
  • प्रतिस्पर्धा: टेरैक्टिव, नाइकी और एडिडास जैसे वैश्विक ब्रांड्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।
  • ‘मेक इन इंडिया’ अभियान: टेरैक्टिव जैसे ब्रांड्स ‘मेड इन इंडिया’ के तहत भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा दे रहे हैं।

टेरैक्टिव के फाउंडर्स का विज़न

रेना अंबानी और राही अंबानी-चोकसी का मानना है कि एक्टिववियर केवल परिधान नहीं, बल्कि व्यक्तित्व और जीवनशैली को व्यक्त करने का एक तरीका है।
“हमारा लक्ष्य है कि हर व्यक्ति को ऐसा परिधान मिले, जो न केवल आरामदायक हो, बल्कि उनके जीवन को और बेहतर बनाए। टेरैक्टिव के साथ हम एक्टिववियर को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”


निष्कर्ष

टेरैक्टिव भारतीय एक्टिववियर इंडस्ट्री में एक नई क्रांति लेकर आया है। अपनी अनोखी फैब्रिक तकनीक, प्रीमियम डिज़ाइन, और ग्राहकों की जरूरतों पर केंद्रित दृष्टिकोण के साथ, यह ब्रांड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

फंडिंग और नवाचार की ताकत से, टेरैक्टिव भविष्य में भारतीय और वैश्विक बाजारों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Read more:Neuranics: हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स में नई क्रांति

Neuranics: हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स में नई क्रांति

Neuranics

हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स स्टार्टअप Neuranics ने अपनी सीड फंडिंग राउंड में 7 लाख डॉलर (लगभग 5.8 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व इंफ्लेक्शन प्वाइंट वेंचर्स (IPV) ने किया। फंड का उपयोग तकनीकी विकास, नैदानिक ​​पुष्टि (क्लिनिकल वैलिडेशन) और व्यावसायिक उत्पादन के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किया जाएगा।


Neuranics की स्थापना और उद्देश्य

2021 में प्रवीण कुमार और अशुतोष पात्रा द्वारा स्थापित Neuranics, हेल्थकेयर इंडस्ट्री में नई संभावनाएं लेकर आया है। यह स्टार्टअप प्वाइंट-ऑफ-केयर ब्लड एनालाइजर विकसित कर रहा है, जो केवल उंगली की एक छोटी सी सैंपल से 10 मिनट के भीतर कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC) परिणाम प्रदान कर सकता है।

यह उपकरण प्राथमिक और आपातकालीन चिकित्सा सेटिंग्स के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • कम रखरखाव
  • उच्च दक्षता
  • सरल उपयोग

यह उपकरण हेल्थकेयर इंडस्ट्री में समय और संसाधनों की बचत करेगा और परिणामस्वरूप गंभीर बीमारियों के त्वरित उपचार को संभव बनाएगा।


हेल्थकेयर में गेम-चेंजर तकनीक

न्यूरानिक्स का यह उपकरण गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों, जैसे:

  • सेप्सिस (रक्त संक्रमण)
  • गंभीर एनीमिया
  • थ्रॉम्बोसाइटोपीनिया (डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी)
    जैसी बीमारियों के इलाज को प्रभावी और समयबद्ध बनाएगा।

इस तकनीक की मदद से मरीजों को तत्काल और प्रभावी देखभाल मिलेगी, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा।


प्रगति और उपलब्धियां

न्यूरानिक्स ने हेल्थकेयर सेक्टर में अपनी क्षमता को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं:

  • पेटेंट प्राप्त किया।
  • CDSCO टेस्ट लाइसेंस प्राप्त।
  • AIIMS दिल्ली से नैतिक स्वीकृति (Ethical Approval)।
  • क्लिनिकल ट्रायल्स प्रगति पर।

इन उपलब्धियों से यह साफ है कि न्यूरानिक्स का उपकरण न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स में एक नया मानक स्थापित कर सकता है।


फंडिंग का महत्व और उपयोग

न्यूरानिक्स ने जुटाई गई 7 लाख डॉलर की फंडिंग को निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की योजना बनाई है:

  1. तकनीकी विकास: उपकरण की कार्यक्षमता और सटीकता को और बेहतर बनाना।
  2. नैदानिक ​​पुष्टि: बड़े पैमाने पर क्लिनिकल ट्रायल्स के माध्यम से इसकी विश्वसनीयता सुनिश्चित करना।
  3. लाइसेंसिंग और उत्पादन: CDSCO लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पूरा करना और व्यावसायिक उत्पादन के लिए तैयार होना।

हेल्थकेयर इंडस्ट्री पर प्रभाव

न्यूरानिक्स का यह उपकरण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में हेल्थकेयर सेवाओं को बेहतर बनाने में सहायक होगा।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में: जहां उन्नत मेडिकल फैसिलिटी की कमी है, यह उपकरण त्वरित और सटीक निदान सुनिश्चित करेगा।
  • शहरी क्षेत्रों में: आपातकालीन स्थितियों में तेजी से निदान करके जीवन को बचाने में मदद करेगा।

न्यूरानिक्स का विज़न और भविष्य

न्यूरानिक्स का उद्देश्य हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स को अधिक सुलभ, तेज़, और प्रभावी बनाना है।
संस्थापकों का मानना है:
“हमारा लक्ष्य है कि हेल्थकेयर सेवाओं को उच्च गुणवत्ता और कम समय में लोगों तक पहुंचाया जाए। हमारा उपकरण जीवन को बचाने और हेल्थकेयर सिस्टम को अधिक कुशल बनाने में मदद करेगा।”


भारतीय हेल्थकेयर स्टार्टअप्स की बढ़ती ताकत

न्यूरानिक्स जैसी इनोवेटिव स्टार्टअप्स भारत के हेल्थकेयर सेक्टर में नई ऊर्जा ला रही हैं। यह देश के ‘मेड इन इंडिया’ अभियान को बढ़ावा देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम है।


निष्कर्ष

न्यूरानिक्स ने अपने अभिनव दृष्टिकोण और तकनीकी समाधान के माध्यम से हेल्थकेयर इंडस्ट्री में बड़ी संभावनाएं पैदा की हैं। इस स्टार्टअप का लक्ष्य केवल उपकरण बनाना नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाना है।

फंडिंग और लगातार तकनीकी प्रगति के साथ, न्यूरानिक्स जल्द ही भारत और वैश्विक स्तर पर हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स में एक अग्रणी नाम बन सकता है।

Read more:एटमॉसफियर – रिटेल और वर्कस्पेस डिज़ाइन में इनोवेशन का नया नाम

एटमॉसफियर – रिटेल और वर्कस्पेस डिज़ाइन में इनोवेशन का नया नाम

Atmosphere

मुंबई स्थित Atmosphere – द स्टोर मेकर्स ने हाल ही में अपने सीड फंडिंग राउंड में 5 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व अर्था वेंचर फंड और पीआईएल इटालिका लाइफस्टाइल लिमिटेड ने किया। यह निवेश कंपनी के रिटेल, हॉस्पिटैलिटी और वर्कस्पेस डिजाइन एवं निर्माण (डिज़ाइन एंड बिल्ड) क्षेत्रों में विस्तार को बढ़ावा देगा।


Atmosphere का परिचय

Atmosphere की स्थापना नीलेश राठौड़ ने की थी। यह कंपनी प्रीमियम रिटेल और वर्कस्पेस के लिए अनोखे और आधुनिक डिज़ाइन समाधान प्रदान करती है। कंपनी ने अब तक 5 लाख वर्ग फीट से अधिक प्रीमियम रिटेल कार्य को पूरा करने का दावा किया है।

कंपनी की खासियत इसके इन-हाउस डिज़ाइन समाधान और 60,000 वर्ग फीट के अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग फैसलिटी में निहित है। यहां से कंपनी हर ब्रांड की विशेषताओं और उसकी पहचान को ध्यान में रखते हुए सटीक और प्रभावशाली डिज़ाइन समाधान तैयार करती है।


फंडिंग का उद्देश्य

फंडिंग से प्राप्त राशि को कंपनी इन क्षेत्रों में उपयोग करेगी:

  1. प्रीमियम सेगमेंट में विस्तार:
    • प्रीमियम रिटेल स्टोर्स और वर्कस्पेस के लिए डिज़ाइन और निर्माण सेवाओं का विस्तार।
    • हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में नए और इनोवेटिव डिज़ाइन समाधान प्रदान करना।
  2. मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में सुधार:
    • कंपनी के मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को और अधिक कुशल और आधुनिक बनाना।
    • अनुसंधान और विकास (R&D) पर अधिक ध्यान केंद्रित करना।
  3. ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा करना:
    • एफ़्लुएंट कंज्यूमर्स और लक्ज़री ब्रांड्स के लिए अनुकूलित समाधान प्रदान करना।
    • ग्राहकों की जरूरतों को समझने और उन्हें बेहतरीन सेवाएँ देने पर जोर।

कंपनी की विशेषताएँ

  1. अनोखे डिज़ाइन समाधान:
    एटमॉसफियर अपनी डिज़ाइन प्रक्रिया में ग्राहकों की ज़रूरतों और ब्रांड की पहचान को शामिल करता है।
    • ब्रांड की पहचान और उसकी खासियत को दर्शाने वाले डिज़ाइन।
    • नवीनतम तकनीकों और डिज़ाइन ट्रेंड्स का उपयोग।
  2. एंड-टू-एंड सेवाएँ:
    • डिज़ाइन से लेकर निर्माण और इंस्टॉलेशन तक की पूरी प्रक्रिया को मैनेज करना।
    • उच्च गुणवत्ता और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करना।
  3. प्रीमियम ब्रांड्स के साथ काम:
    एटमॉसफियर ने कई प्रमुख ब्रांड्स के साथ काम किया है, जिनमें शामिल हैं:
    • ज्वेलरी: ऐश्प्रा जेम्स एंड ज्वेल्स, अज़ा
    • फैशन: माइकल कोर्स, काज़ा, लिबास
    • हॉस्पिटैलिटी: कामत होटल्स, कूआराकू
  4. तकनीकी कुशलता:
    • कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग यूनिट आधुनिक तकनीकों से लैस है।
    • हर डिज़ाइन प्रोजेक्ट में सटीकता और गुणवत्ता का ध्यान रखा जाता है।

भारत में डिज़ाइन और निर्माण क्षेत्र का महत्व

तेजी से बढ़ता हुआ बाजार

भारत में रिटेल और वर्कस्पेस डिज़ाइन का बाजार तेजी से विकसित हो रहा है।

  • रिटेल सेक्टर का विस्तार: लक्ज़री ब्रांड्स और शॉपिंग मॉल्स की बढ़ती संख्या।
  • वर्कस्पेस का आधुनिकीकरण: नए युग के स्टार्टअप्स और कॉरपोरेट्स का आकर्षक ऑफिस स्पेस की मांग।

डिज़ाइन का बदलता परिदृश्य

  • अब डिज़ाइन सिर्फ सुंदरता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ब्रांड की पहचान और ग्राहकों के अनुभव का भी हिस्सा है।
  • फंक्शनल और सस्टेनेबल डिज़ाइन पर जोर।

चुनौतियाँ

  • कड़ी प्रतिस्पर्धा
  • ग्राहकों की अनोखी और विशिष्ट मांगें
  • आधुनिक तकनीकों के साथ तालमेल बिठाना

फंडिंग से संभावनाएँ और चुनौतियाँ

संभावनाएँ:

  • एटमॉसफियर की प्रीमियम सेवाओं के लिए बाजार में बढ़ती मांग।
  • नए बाजारों और सेगमेंट्स में विस्तार।
  • कंपनी की ब्रांड वैल्यू और ग्राहक आधार में वृद्धि।

चुनौतियाँ:

  • कुशल मैनपावर और आधुनिक तकनीक का सही उपयोग।
  • बाजार की बदलती जरूरतों को समझना और उन्हें पूरा करना।

एटमॉसफियर का भविष्य

विजन और मिशन:

  • भारत का सबसे भरोसेमंद और आधुनिक डिज़ाइन एवं निर्माण कंपनी बनना।
  • वैश्विक स्तर पर भारतीय डिज़ाइन और निर्माण क्षमताओं को पहचान दिलाना।

विस्तार की योजनाएँ:

  • प्रीमियम रिटेल और हॉस्पिटैलिटी में अग्रणी भूमिका निभाना।
  • अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करना।
  • नई तकनीकों और डिज़ाइन ट्रेंड्स को अपनाना।

निष्कर्ष

एटमॉसफियर – द स्टोर मेकर्स ने रिटेल और वर्कस्पेस डिज़ाइन के क्षेत्र में एक नई दिशा और पहचान बनाई है। 5 करोड़ रुपये की फंडिंग से कंपनी को अपने लक्ष्य हासिल करने और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।

एटमॉसफियर जैसे स्टार्टअप्स भारत के डिज़ाइन और निर्माण क्षेत्र को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में सक्षम हैं। उनके इनोवेशन और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण भारत को वैश्विक डिज़ाइन और निर्माण मानचित्र पर स्थापित करेंगे।

read more :Startup Policy Forum (SPF): भारत के नए युग की अर्थव्यवस्था को दिशा देने की पहल

Startup Policy Forum (SPF): भारत के नए युग की अर्थव्यवस्था को दिशा देने की पहल

Startup Policy Forum

भारत के स्टार्टअप क्षेत्र को संगठित और सशक्त बनाने के उद्देश्य से Startup Policy Forum (SPF) की शुरुआत की गई है। यह एक अनूठा औद्योगिक संगठन है जो स्टार्टअप संस्थापकों और नीति निर्माताओं के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करेगा।


Startup Policy Forum का उद्देश्य और महत्व

Startup Policy Forum का मुख्य उद्देश्य भारत के नए युग की अर्थव्यवस्था को गति देना और इसे वैश्विक मंच पर पहचान दिलाना है। यह फोरम स्टार्टअप्स की समस्याओं और उनकी जरूरतों को नीति निर्माताओं तक पहुंचाने का कार्य करेगा।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने SPF के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा:

“हमारे स्टार्टअप्स व्यवसाय को लोकतांत्रिक बना रहे हैं और नौकरी चाहने वालों को नौकरी प्रदाता में बदल रहे हैं। SPF भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”


SPF में कौन-कौन शामिल हैं?

SPF ने अपने प्रारंभिक चरण में 30 प्रमुख स्टार्टअप्स को जोड़ा है। इनमें शामिल हैं:

  • फिनटेक और पेमेंट: Razorpay, CRED, Pine Labs
  • फूड और हॉस्पिटैलिटी: Swiggy, OYO
  • ई-कॉमर्स और कार सेक्टर: Cars24, CarDekho
  • हेल्थटेक: Practo
  • एंटरटेनमेंट और गेमिंग: Dream11, MPL
  • टेक्नोलॉजी और डिजिटलीकरण: Ixigo, Livspace, Jupiter

आगे चलकर, SPF की सदस्यता 100 चुनिंदा स्टार्टअप्स तक सीमित होगी।


नेतृत्व और प्रबंधन

SPF का नेतृत्व श्वेता राजपाल कोहली कर रही हैं, जो सार्वजनिक नीति के क्षेत्र की अनुभवी विशेषज्ञ हैं। उनका उद्देश्य भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी बढ़ावा देना है।


भारत के स्टार्टअप्स के लिए SPF की पहल

1. नीति निर्माण में भागीदारी

SPF नीति निर्माताओं के साथ संवाद स्थापित करेगा, जिससे स्टार्टअप्स के लिए अनुकूल नीतियों का निर्माण हो सके।

  • कर प्रणाली का सरलीकरण
  • फंडिंग और निवेश को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ
  • नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहन

2. वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व

SPF भारत के स्टार्टअप्स को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेगा।

  • अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के साथ संवाद
  • भारतीय स्टार्टअप्स के लिए वैश्विक बाजारों में अवसर प्रदान करना

3. सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान

SPF स्टार्टअप्स को जॉब क्रिएशन और सामाजिक उत्थान में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा।


भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम का विकास

तेजी से बढ़ता क्षेत्र

  • भारत में 2023 तक 90,000 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं।
  • इनमें से कई यूनिकॉर्न बन चुके हैं, जिनकी वैल्यूएशन $1 बिलियन से अधिक है।

स्टार्टअप्स का महत्व

  • रोजगार सृजन: लाखों लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार।
  • डिजिटलीकरण: टेक्नोलॉजी का प्रभावी उपयोग।
  • समस्या समाधान: हेल्थकेयर, फाइनेंस, शिक्षा और परिवहन जैसे क्षेत्रों में नए समाधान।

चुनौतियाँ

  • जटिल कर प्रणाली
  • फंडिंग की कमी
  • वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा

SPF इन सभी चुनौतियों से निपटने में सहायक हो सकता है।


SPF और स्टार्टअप्स के लिए संभावनाएँ

सशक्त नीति निर्माण

SPF सरकार और स्टार्टअप्स के बीच बेहतर संवाद स्थापित करेगा, जिससे नीतियाँ अधिक समावेशी और प्रभावी बनेंगी।

निवेश में वृद्धि

फोरम के माध्यम से स्टार्टअप्स को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों तक पहुँचने का अवसर मिलेगा।

प्रौद्योगिकी और नवाचार का समर्थन

SPF स्टार्टअप्स को AI, मशीन लर्निंग, और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहित करेगा।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार

भारत के स्टार्टअप्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए SPF महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


SPF के माध्यम से भारत का भविष्य

SPF के माध्यम से भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम एक नई ऊँचाई तक पहुँच सकता है।

  • यह स्टार्टअप्स को एक सशक्त आवाज़ देगा।
  • भारत को वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
  • “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगा।

निष्कर्ष

स्टार्टअप पॉलिसी फोरम (SPF) भारत के स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। यह केवल नीति निर्माण और संवाद का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक आंदोलन है जो भारत की नई अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए समर्पित है।

SPF का उद्देश्य सिर्फ आज की समस्याओं का समाधान करना नहीं, बल्कि भारत के स्टार्टअप्स को भविष्य के लिए तैयार करना है। इसका सफल क्रियान्वयन भारत को एक स्टार्टअप सुपरपावर में बदल सकता है।

Read more:HomeLane ने FY24 में घाटे को 30% तक किया कम, राजस्व में मामूली वृद्धि

HomeLane ने FY24 में घाटे को 30% तक किया कम, राजस्व में मामूली वृद्धि

HomeLane

बेंगलुरु स्थित होम इंटीरियर डिज़ाइन कंपनी HomeLane ने वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में मामूली राजस्व वृद्धि दर्ज की, लेकिन अपने घाटे को 30% तक कम करने में कामयाबी हासिल की। यह सफलता सामग्री लागत और कर्मचारियों के लाभ खर्चों को नियंत्रित करने की वजह से संभव हुई।


HomeLane राजस्व में 7% की वृद्धि

HomeLane का संचालन से राजस्व FY24 में 7% बढ़कर ₹613.6 करोड़ हो गया, जो FY23 में ₹573.8 करोड़ था।

  • कंपनी ने मुख्य रूप से होम इंटीरियर सॉल्यूशंस से आय अर्जित की, जिसमें डिज़ाइन, कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और इंस्टॉलेशन सेवाएँ शामिल हैं।
  • अतिरिक्त ₹4 करोड़ का राजस्व डिपॉज़िट पर ब्याज से आया, जिससे FY24 में कुल आय ₹617 करोड़ हो गई।

घाटे में 30% की गिरावट

HomeLane ने FY24 में अपने घाटे को 30% तक कम किया।

  • कंपनी ने कुल लागत में 2.4% की कमी की, जो FY23 में ₹757.8 करोड़ थी और FY24 में ₹738.77 करोड़ रही।

खर्चों का विवरण

सामग्री लागत में कमी

  • सामग्री लागत, जो कंपनी का सबसे बड़ा खर्च है, में 6.8% की कमी हुई।
  • FY23 में यह खर्च ₹420 करोड़ था, जबकि FY24 में यह ₹391.25 करोड़ तक गिर गया।

कर्मचारियों के लाभ में कटौती

  • कर्मचारियों के लाभ खर्च में 2.4% की मामूली कमी हुई।
  • FY24 में यह खर्च ₹187 करोड़ रहा, जो FY23 में ₹191.6 करोड़ था।

विज्ञापन खर्च में वृद्धि

  • विज्ञापन और प्रचार पर खर्च 20.1% बढ़कर ₹83.1 करोड़ हो गया।
  • यह वृद्धि कंपनी की ब्रांड जागरूकता बढ़ाने और बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए की गई रणनीति का हिस्सा है।

होम इंटीरियर इंडस्ट्री में HomeLane का स्थान

HomeLane, होम इंटीरियर सॉल्यूशंस प्रदान करने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक है।

  • यह डिज़ाइन से लेकर निर्माण और इंस्टॉलेशन तक के सभी पहलुओं को एकीकृत करता है।
  • इसका उद्देश्य ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले, समयबद्ध और किफायती इंटीरियर डिज़ाइन समाधान प्रदान करना है।

प्रतिस्पर्धा का सामना

HomeLane को Livspace, Pepperfry, और Urban Ladder जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।

  • इन कंपनियों ने भी डिज़ाइन और मॉड्यूलर इंटीरियर सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत की है।
  • हालांकि, HomeLane का मजबूत आपूर्ति श्रृंखला मॉडल और कस्टमाइज़ेशन पर फोकस इसे अलग बनाता है।

भविष्य की रणनीति

HomeLane अपनी वित्तीय स्थिति को और बेहतर बनाने और बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए कई रणनीतियों पर काम कर रही है।

लागत में और कमी

  • सामग्री लागत और ऑपरेशनल खर्च को और कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
  • कर्मचारियों के लिए इफिशिएंसी ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जा रहे हैं।

डिजिटल मार्केटिंग पर फोकस

  • कंपनी ने विज्ञापन खर्च बढ़ाकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है।
  • ग्राहकों तक पहुँचने और नए प्रोजेक्ट्स हासिल करने के लिए सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग का सहारा लिया जा रहा है।

सेवाओं का विस्तार

  • HomeLane नए शहरों और कस्बों में विस्तार करने की योजना बना रहा है।
  • छोटे बजट वाले ग्राहकों के लिए विशेष योजनाएँ लॉन्च की जा रही हैं।

ग्राहक संतोष पर फोकस

HomeLane अपने ग्राहकों को समय पर और गुणवत्ता युक्त सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

  • कंपनी की डिज़ाइन-टू-इंस्टॉलेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता इसे ग्राहकों के बीच लोकप्रिय बनाती है।
  • ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सॉल्यूशंस का उपयोग किया जा रहा है।

प्रमुख ग्राहक सेगमेंट

  • पहली बार घर खरीदने वाले
  • बजट फ्रेंडली इंटीरियर डिज़ाइन चाहने वाले
  • लक्ज़री सेगमेंट के ग्राहक

HomeLane के लिए चुनौतियाँ

बाजार की अस्थिरता

  • FY24 में मंदी और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण इंटीरियर डिज़ाइन सेवाओं की माँग पर असर पड़ा।

प्रतिस्पर्धा

  • Livspace और Urban Ladder जैसे प्रतिस्पर्धियों ने भी अपने खर्च को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया और बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी की।

ग्राहक अपेक्षाएँ

  • ग्राहकों की बढ़ती अपेक्षाएँ और कस्टमाइज़ेशन की माँग कंपनी के लिए लगातार चुनौती बनी हुई है।

निष्कर्ष

HomeLane ने FY24 में मामूली राजस्व वृद्धि के बावजूद घाटे को 30% तक कम करने में सफलता पाई है।

  • सामग्री और कर्मचारियों के खर्चों में कटौती ने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार लाने में अहम भूमिका निभाई।
  • कंपनी की विज्ञापन पर बढ़ी हुई लागत इसे ब्रांड के रूप में मजबूत करने में मदद कर सकती है।

हालांकि, प्रतिस्पर्धा और बाजार की अनिश्चितताओं के बीच HomeLane को सतर्क और रणनीतिक रूप से आगे बढ़ने की जरूरत है।

  • ग्राहक अनुभव को प्राथमिकता देकर, लागत प्रभावी रणनीतियों को लागू करते हुए और डिजिटल मार्केटिंग पर ध्यान केंद्रित करके, HomeLane आने वाले वर्षों में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।

HomeLane का दीर्घकालिक लक्ष्य ग्राहक-केंद्रित सेवाओं के माध्यम से इंटीरियर डिज़ाइन इंडस्ट्री में अग्रणी स्थान बनाना है।

Read more:महाराष्ट्र के भिवंडी में Shiprocket के वेयरहाउस में लगी भीषण आग

महाराष्ट्र के भिवंडी में Shiprocket के वेयरहाउस में लगी भीषण आग

Shiprocket

पिछले गुरुवार को महाराष्ट्र के भिवंडी स्थित Shiprocket के वेयरहाउस में आग लगने से भारी नुकसान हुआ। इस घटना ने संचालन को बाधित कर दिया और कई ब्रांडों के लिए कठिनाइयाँ पैदा कर दीं।


Shiprocket घटना में नुकसान का आकलन

सूत्रों के मुताबिक, इस आग से 61 ब्रांड प्रभावित हुए हैं, जिनमें Shiprocket Sugar, mCaffeine और Beastlive जैसे लोकप्रिय नाम शामिल हैं।

  • आग में कई सौ करोड़ रुपये के सामान नष्ट हो गए।
  • एक सूत्र ने बताया, “इस आग से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और कई ब्रांड्स को भारी वित्तीय झटका लगा है।”

Shiprocket का बयान

Shiprocket के प्रवक्ता ने इस घटना की पुष्टि की और बताया:

“हमें इस घटना की जानकारी है और हम फायर डिपार्टमेंट और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। हम राहत की बात यह है कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।”

प्रवक्ता ने आगे कहा:

“हम इस घटना के कारणों को समझने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए कदम उठाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता अपने कर्मचारियों, भागीदारों, और समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। साथ ही, हम अपने ग्राहकों के लिए व्यापारिक निरंतरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”


आग के प्रभाव और कार्रवाई

आग से प्रभावित ब्रांड्स:

  • आग में ईकॉमर्स ब्रांड्स के बड़े पैमाने पर स्टॉक नष्ट हो गए।
  • प्रमुख ब्यूटी और वेलनेस ब्रांड्स, जिनके उत्पाद इस वेयरहाउस में स्टोर थे, इस घटना से सबसे अधिक प्रभावित हुए।

Shiprocket की प्रतिक्रिया:

  • कंपनी ने सेफ्टी मेजर्स पर जोर दिया है और कहा है कि संचालन को जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
  • कंपनी ने अपने प्रभावित ग्राहकों के लिए एक विशेष सपोर्ट टीम गठित की है।

वेयरहाउस सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन

आग लगने के संभावित कारण:

Shiprocket ने अब तक आग लगने के सटीक कारणों का खुलासा नहीं किया है। हालांकि, औद्योगिक वेयरहाउस में अक्सर इलेक्ट्रिकल फॉल्ट, खराब उपकरण, या लापरवाही के कारण आग लगने की घटनाएँ होती हैं।

  • विशेषज्ञों का मानना है कि वेयरहाउस में फायर सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को कड़ाई से लागू करना बेहद जरूरी है।
  • आग लगने की इस घटना ने वेयरहाउस प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की कमजोरियों को उजागर किया है।

फायर सेफ्टी पर विशेषज्ञों की राय:

  1. आधुनिक उपकरणों का उपयोग:
    • फायर डिटेक्शन और अलार्म सिस्टम को बेहतर बनाने की जरूरत है।
  2. नियमित सुरक्षा निरीक्षण:
    • वेयरहाउस की समय-समय पर जांच और प्रशिक्षण आवश्यक है।
  3. बीमा कवरेज:
    • ऐसी घटनाओं में ब्रांड्स और कंपनियों को वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए पर्याप्त बीमा होना चाहिए।

प्रभावित ब्रांड्स और उनकी चुनौतियाँ

Sugar, mCaffeine और Beastlive जैसे ब्रांड्स पर प्रभाव:

  • इन ब्रांड्स के उत्पादों का नुकसान उनके संचालन और आपूर्ति श्रृंखला पर गहरा असर डालेगा।
  • ग्राहक डिलीवरी में देरी और उत्पाद की अनुपलब्धता का सामना कर सकते हैं।

चुनौतियों से निपटने के उपाय:

  1. नए सप्लाई चैनल स्थापित करना:
    • प्रभावित ब्रांड्स को वैकल्पिक वेयरहाउस और सप्लाई चैनल की व्यवस्था करनी होगी।
  2. ग्राहकों के साथ संवाद:
    • ब्रांड्स को अपने ग्राहकों को पारदर्शी तरीके से जानकारी देनी चाहिए और विश्वास बनाए रखना चाहिए।
  3. सुरक्षा उपायों को मजबूत करना:
    • ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए भविष्य में और अधिक सतर्कता बरतनी होगी।

Shiprocket की जिम्मेदारी और आगे की योजना

ग्राहकों और ब्रांड्स को सहायता:

Shiprocket ने प्रभावित ब्रांड्स और ग्राहकों के लिए मदद का आश्वासन दिया है।

  • कंपनी का लक्ष्य जल्द से जल्द वेयरहाउस संचालन को पुनः प्रारंभ करना है।
  • ग्राहकों के लिए कस्टमर सपोर्ट टीम सक्रिय है।

भविष्य की योजनाएँ:

  1. सेफ्टी मेजर्स:
    • कंपनी फायर सेफ्टी और रिस्क मैनेजमेंट को लेकर कठोर कदम उठाएगी।
  2. वेयरहाउस इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार:
    • आधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
  3. कर्मचारियों का प्रशिक्षण:
    • सुरक्षा उपायों के बारे में कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

ईकॉमर्स और वेयरहाउसिंग इंडस्ट्री पर प्रभाव

भिवंडी में Shiprocket के वेयरहाउस में आग की यह घटना ईकॉमर्स और लॉजिस्टिक्स उद्योग के लिए एक चेतावनी है।

सुरक्षा के सबक:

  1. वेयरहाउस संचालन में सख्ती:
    • कंपनियों को अपने वेयरहाउस में सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करना चाहिए।
  2. डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान:
    • संभावित खतरों से निपटने के लिए कंपनियों को पहले से तैयार रहना होगा।

ग्राहक विश्वास बनाए रखना:

  • ऐसे संकटों के बावजूद, ग्राहकों और ब्रांड्स का विश्वास बनाए रखना कंपनियों के लिए बेहद जरूरी है।

निष्कर्ष

भिवंडी में Shiprocket के वेयरहाउस में लगी आग ने ईकॉमर्स उद्योग के लिए सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन की अहमियत को उजागर किया है।

  • Shiprocket ने इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि न होने की राहत जताई है और संचालन को जल्द से जल्द पटरी पर लाने का संकल्प लिया है।
  • ईकॉमर्स ब्रांड्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियों को इस घटना से सबक लेते हुए अपने सुरक्षा उपायों को और मजबूत करना होगा।

ग्राहकों और भागीदारों के सहयोग से, Shiprocket और प्रभावित ब्रांड्स जल्द ही इस चुनौती से उबरने की उम्मीद कर सकते हैं।

Read more: AI-पावर्ड कस्टमर फीडबैक प्लेटफॉर्म Enterpret ने जुटाए $20.8 मिलियन

AI-पावर्ड कस्टमर फीडबैक प्लेटफॉर्म Enterpret ने जुटाए $20.8 मिलियन

Enterpret

ग्राहकों के फीडबैक को विश्लेषित करने के लिए एआई-सक्षम इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Enterpret  ने हाल ही में अपनी सीरीज ए फंडिंग में $20.8 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Canaan Partners ने किया, और इसके साथ रेफे गैस्पर-असाओका (पार्टनर, Canaan Partners) Enterpret के बोर्ड में शामिल हुए।


Enterpret  के निवेशक और उनकी भागीदारी

Enterpret  के इस फंडिंग राउंड में कई प्रमुख निवेशकों और एंजेल निवेशकों ने भाग लिया:

प्रमुख निवेशक:

  1. Kleiner Perkins
  2. Peak XV Partners (Sequoia Capital India)
  3. Wing Ventures
  4. Recall Capital

एंजेल निवेशक:

  1. लॉरिन मोटामेडी (हेड ऑफ प्रोडक्ट ग्रोथ, Notion)
  2. एलेना वर्ना (वीपी ऑफ ग्रोथ एंड डेटा, Dropbox)
  3. नान यू (हेड ऑफ प्रोडक्ट, Linear)
  4. एंड्रू बर्मन (डायरेक्टर ऑफ एआई, Zapier)

फंडिंग का उद्देश्य

Enterpret ने इस फंडिंग के जरिए निम्नलिखित लक्ष्यों को पूरा करने की योजना बनाई है:

  1. स्केलिंग और विस्तार:
    कंपनी अपने प्लेटफॉर्म की सेवाओं को अधिक से अधिक संगठनों तक पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
  2. नो-कोड एआई एजेंट्स:
    • Enterpret का उद्देश्य ग्राहकों के लिए नो-कोड एआई एजेंट्स की तैनाती करना है।
    • ये एजेंट प्रोडक्ट, मार्केटिंग, और सेल्स टीमों के बीच तालमेल बैठाने में मदद करेंगे।
  3. ग्राहक फीडबैक का गहन विश्लेषण:
    • ग्राहकों से विस्तृत और समृद्ध फीडबैक एकत्रित करना और उसका विश्लेषण करना।

Enterpret: एक नई पीढ़ी का इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म

Enterpret, भाई वरुण शर्मा और अर्नव शर्मा द्वारा स्थापित, एक एडैप्टिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म है।
यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों के विभिन्न चैनलों से बड़े पैमाने पर अनस्ट्रक्चर्ड फीडबैक को एकत्रित और विश्लेषित करता है।

Enterpret के प्रमुख फीचर्स:

  1. फीडबैक को एकीकृत करना:
    • यह प्लेटफॉर्म विभिन्न स्रोतों से प्राप्त फीडबैक को एकत्रित करता है और उसे संगठित करता है।
  2. थीम और सेंटिमेंट का विश्लेषण:
    • एआई मॉडल फीडबैक में छिपी प्रमुख थीम, भावनाएं (सेंटिमेंट), और मुद्दों को पहचानने में सक्षम है।
  3. पैटर्न का त्वरित विश्लेषण:
    • प्लेटफॉर्म टीमों को फीडबैक में छिपे पैटर्न जल्दी से पहचानने और उनके अनुसार कार्रवाई करने में मदद करता है।
  4. ग्राहक संतोष में सुधार:
    • उत्पादों और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए फीडबैक का उपयोग किया जाता है।

Enterpret का उद्देश्य और प्रभाव

कंपनी का उद्देश्य ग्राहकों के फीडबैक का प्रभावी उपयोग करके संगठनों को बेहतर उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करने में सक्षम बनाना है।

  • Enterpret का मानना है कि ग्राहक फीडबैक केवल एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि व्यवसाय के लिए एक अमूल्य अंतर्दृष्टि है।
  • यह प्लेटफॉर्म प्रोडक्ट, मार्केटिंग, और सेल्स टीमों के बीच सहयोग और तालमेल को बढ़ावा देता है।

फीडबैक इंटेलिजेंस का बढ़ता महत्व

ग्राहकों का फीडबैक आज हर व्यवसाय के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बन गया है।

बाजार में ट्रेंड्स:

  1. डिजिटल फीडबैक चैनल्स का विस्तार:
    • सोशल मीडिया, ऑनलाइन रिव्यू प्लेटफॉर्म्स, और सर्वे फॉर्म्स से बड़ी मात्रा में फीडबैक प्राप्त हो रहा है।
  2. फीडबैक का विश्लेषण और उपयोग:
    • एआई और मशीन लर्निंग के उपयोग से कंपनियाँ ग्राहक फीडबैक का बेहतर विश्लेषण कर रही हैं।
  3. उत्पाद विकास में फीडबैक का उपयोग:
    • ग्राहकों के अनुभव और प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए उत्पादों और सेवाओं को डिजाइन करना।

Enterpret की भूमिका:

Enterpret, एआई-सक्षम फीडबैक इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के रूप में, कंपनियों को ग्राहकों की आवाज को सुनने और समझने में मदद कर रहा है।


Enterpret की सफलता और आगे की योजनाएँ

सफलता की कहानी:

  • Enterpret का फीडबैक प्लेटफॉर्म पहले से ही कई बड़े संगठनों द्वारा उपयोग किया जा रहा है।
  • इसके एआई मॉडल तेजी और सटीकता से फीडबैक को समझने और व्याख्या करने में सक्षम हैं।

भविष्य की योजनाएँ:

  1. अंतर्राष्ट्रीय विस्तार:
    • Enterpret अपनी सेवाओं को वैश्विक स्तर पर विस्तार देने की योजना बना रहा है।
  2. नई तकनीकों का समावेश:
    • प्लेटफॉर्म में और अधिक एडवांस फीचर्स जोड़ने के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट पर ध्यान।
  3. ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण:
    • कंपनियों को ग्राहकों की उम्मीदों को समझने और पूरा करने में मदद करना।

निष्कर्ष

Enterpret का $20.8 मिलियन की फंडिंग जुटाना इस बात का संकेत है कि ग्राहक फीडबैक इंटेलिजेंस की मांग तेजी से बढ़ रही है।

  • Enterpret का प्लेटफॉर्म व्यवसायों को ग्राहकों की जरूरतों और उनकी समस्याओं को समझने में मदद करता है।
  • इसके एआई-सक्षम टूल्स और एडवांस फीचर्स ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं।

एआई और फीडबैक इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के साथ, Enterpret का भविष्य उज्ज्वल और संभावनाओं से भरा है।

Read more : डेंटल मार्केटप्लेस DentalKart ने जुटाए 85 करोड़ रुपये

डेंटल मार्केटप्लेस DentalKart ने जुटाए 85 करोड़ रुपये

DentalKart

भारत के डेंटल केयर मार्केटप्लेस Dentalkart ने हाल ही में 85 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई है। यह फंडिंग राउंड Malabar Investment और Whiteoak के नेतृत्व में पूरा हुआ।

  • Malabar Investment ने 65 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
  • Whiteoak ने 20 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

कंपनी ने बताया कि इस फंडिंग का उपयोग ऑपरेशनल स्केलेबिलिटी बढ़ाने और नई सब्सिडियरी कंपनियों को जोड़ने के लिए किया जाएगा।


Dentalkart: एक अनूठा डेंटल मार्केटप्लेस

Dentalkart भारतीय बाजार में डेंटल हेल्थकेयर उत्पादों और सेवाओं के लिए एक प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है।
यह प्लेटफॉर्म निम्नलिखित उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करता है:

  1. ऑर्थोडॉन्टिक्स (Orthodontics)
  2. एंडोडॉन्टिक्स (Endodontics)
  3. रेस्टोरेटिव (Restorative)
  4. प्रोस्थोडॉन्टिक्स (Prosthodontics)
  5. डिस्पोजेबल्स (Disposables)
  6. इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics)
  7. इंस्ट्रूमेंट्स और ओरल सर्जरी (Instruments and Oral Surgery)

DentalKart की खासियत

  1. 22,000 से अधिक उत्पादों का कलेक्शन:
    DentalKart अपने प्लेटफॉर्म पर 700 श्रेणियों में 22,000 से अधिक उत्पाद प्रदान करता है।
    • ये उत्पाद 500 से अधिक निर्माताओं से सीधे मंगाए जाते हैं।
  2. डेंटिस्ट्स और क्लीनिक्स के लिए भरोसेमंद प्लेटफॉर्म:
    • कंपनी का उद्देश्य भारत का सबसे भरोसेमंद और उपयोगकर्ता-अनुकूल डेंटल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाना है।
    • यह खरीददारों और विक्रेताओं दोनों के लिए बेहतर अनुभव प्रदान करने का प्रयास करता है।

DentalKart की प्रतिस्पर्धा और स्थिति

DentalKart भारतीय बाजार में कई प्रमुख डेंटल केयर चेन के साथ प्रतिस्पर्धा करता है, जिनमें शामिल हैं:

  1. Clove Dental
  2. Smiles.ai
    • Smiles.ai ने जनवरी 2022 में Alpha Wave और Sequoia Capital से 23 मिलियन डॉलर की बड़ी फंडिंग जुटाई थी।

DentalKart के 22,000 से अधिक उत्पादों और विस्तृत सेवाओं की बदौलत यह प्लेटफॉर्म प्रतिस्पर्धा में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है।


फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएँ

DentalKart ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में फंडिंग का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए करने की बात कही है:

  1. ऑपरेशनल स्केलेबिलिटी:
    • कंपनी अपनी सप्लाई चेन को और मजबूत करेगी ताकि तेज और कुशल डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके।
  2. नई सब्सिडियरी कंपनियाँ जोड़ना:
    • DentalKart डेंटल केयर और ओरल हेल्थ से संबंधित अन्य क्षेत्रों में विस्तार करने की योजना बना रहा है।
  3. उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार:
    • कंपनी और अधिक निर्माताओं के साथ साझेदारी करके अपने उत्पादों का दायरा बढ़ाएगी।
  4. डिजिटल अनुभव को बेहतर बनाना:
    • उपयोगकर्ताओं के लिए प्लेटफॉर्म को और अधिक सहज और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए तकनीकी सुधार किए जाएंगे।

डेंटल केयर उद्योग में बढ़ती संभावनाएँ

भारतीय डेंटल केयर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, और इसमें D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) ब्रांड्स की बड़ी भूमिका है।

मार्केट ट्रेंड्स और अवसर:

  1. डिजिटल हेल्थकेयर का बढ़ता प्रभाव:
    • अधिक लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से डेंटल केयर उत्पादों और सेवाओं को खरीदने की ओर रुख कर रहे हैं।
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में संभावनाएँ:
    • ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में डेंटल केयर उत्पादों और सेवाओं की बढ़ती मांग।
  3. टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सॉल्यूशंस:
    • एआई और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं के लिए व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करना।

DentalKart की भूमिका:

  • सुलभता और विविधता के माध्यम से कंपनी भारतीय डेंटल केयर उद्योग में प्रमुख स्थान हासिल कर रही है।

चुनौतियाँ और प्रतिस्पर्धा

DentalKart के सामने चुनौतियाँ:

  1. प्रतिस्पर्धी बाजार:
    • कई बड़े ब्रांड्स और चेन के साथ प्रतिस्पर्धा।
  2. लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी:
    • छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में तेज और किफायती डिलीवरी सुनिश्चित करना।

DentalKart की ताकत:

  1. विस्तृत उत्पाद कैटलॉग:
    • 22,000 से अधिक उत्पादों के साथ यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों की विभिन्न जरूरतों को पूरा करता है।
  2. प्रत्यक्ष निर्माताओं से साझेदारी:
    • उत्पादों की गुणवत्ता और किफायती कीमत सुनिश्चित करने के लिए कंपनी सीधे निर्माताओं से उत्पाद प्राप्त करती है।

निष्कर्ष

DentalKart ने अपने नवीनतम फंडिंग राउंड के जरिए न केवल 85 करोड़ रुपये जुटाए हैं, बल्कि डेंटल केयर मार्केट में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।

  • कंपनी का ध्यान उपयोगकर्ता-अनुकूल अनुभव प्रदान करने और डेंटल हेल्थकेयर में उत्कृष्टता हासिल करने पर है।
  • अपनी विस्तृत उत्पाद श्रृंखला, मजबूत सप्लाई चेन, और तकनीकी नवाचार के बल पर DentalKart भारतीय डेंटल केयर उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की ओर अग्रसर है।

डिजिटल हेल्थकेयर और ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव के साथ, DentalKart का भविष्य उज्ज्वल और प्रेरणादायक दिखाई देता है।

Read more : D2C किचनवेयर स्टार्टअप The Indus Valley ने जुटाए 23.1 करोड़ रुपये

D2C किचनवेयर स्टार्टअप The Indus Valley ने जुटाए 23.1 करोड़ रुपये

The Indus Valley

चेन्नई स्थित किचनवेयर स्टार्टअप The Indus Valley ने हाल ही में अपने प्री-सीरीज ए राउंड में 23.1 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई है। यह निवेश DSG Ventures के नेतृत्व में हुआ, जो कंपनी के लिए 25 महीनों के अंतराल के बाद पहली फंडिंग है।

कंपनी ने इस फंडिंग राउंड के लिए 41,485 प्री-सीरीज ए CCPS (कंपल्सरी कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर्स) जारी करने का प्रस्ताव पारित किया है। प्रति शेयर की कीमत 5,580.4 रुपये तय की गई है। यह जानकारी कंपनी के RoC (रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज) से प्राप्त फाइलिंग से सामने आई है।


The Indus Valley फंडिंग का वितरण और निवेशक

The Indus Valley इस फंडिंग राउंड में विभिन्न प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया:

  1. DSG Consumer Partners:
    • कुल 14.5 करोड़ रुपये का निवेश किया।
  2. White Whale Venture Fund:
    • 3.52 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
  3. Candle Advisors और Zend Advisors के साथ-साथ व्यक्तिगत निवेशक जैसे शावक श्रीवास्तव, राजीव पिल्लई, और गिरीश गुप्ते ने शेष राशि का निवेश किया।

कंपनी को अब तक 18.62 करोड़ रुपये मिल चुके हैं, और शेष धनराशि जल्द ही प्राप्त होने की उम्मीद है।


The Indus Valley प्री-सीरीज ए राउंड का महत्व

The Indus Valley ने इस फंडिंग के जरिए अपनी पोस्ट-मनी वैल्यूएशन को बढ़ाकर 303 करोड़ रुपये (36 मिलियन डॉलर) कर लिया है।

  • यह कंपनी की पिछली फंडिंग राउंड की वैल्यूएशन 116 करोड़ रुपये से लगभग तीन गुना वृद्धि है।
  • यह फंडिंग राउंड अभी जारी है, और संभावना है कि कंपनी इससे अधिक पूंजी जुटा सकती है।

TheKredible के अनुसार, यह बढ़ी हुई वैल्यूएशन भारतीय किचनवेयर स्टार्टअप्स के क्षेत्र में कंपनी की प्रमुख स्थिति को दर्शाती है।


The Indus Valley का सफर और उत्पाद

The Indus Valley एक D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) किचनवेयर ब्रांड है, जो सस्टेनेबल और नॉन-टॉक्सिक कुकवेयर के लिए जाना जाता है।

  • कंपनी प्राकृतिक, स्वास्थ्य-सुरक्षित और टिकाऊ उत्पाद बनाने पर केंद्रित है।
  • इसके उत्पादों में कच्चा लोहा (कास्ट आयरन) कुकवेयर, स्टील बर्तन, और प्राकृतिक बेकिंग टूल्स शामिल हैं।
  • यह ब्रांड भारतीय ग्राहकों के लिए ऐसे उत्पाद पेश करता है जो उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए सुरक्षित हों।

कंपनी की स्थापना से लेकर अब तक का सफर:

  • The Indus Valley ने अपनी शुरुआत से ही भारतीय रसोईघरों में स्वस्थ और टिकाऊ कुकिंग को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा है।
  • इनोवेटिव उत्पादों और उच्च गुणवत्ता के कारण यह D2C किचनवेयर ब्रांड के क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ नाम बन गया है।

फंडिंग का उपयोग

कंपनी ने संकेत दिया है कि यह धनराशि निम्नलिखित क्षेत्रों में खर्च की जाएगी:

  1. उत्पाद विकास:
    • नए उत्पादों के विकास और मौजूदा उत्पादों में सुधार के लिए।
  2. बाजार विस्तार:
    • भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए।
  3. ब्रांड मार्केटिंग और प्रचार:
    • अधिक उपभोक्ताओं को अपने ब्रांड की ओर आकर्षित करने और बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए।
  4. तकनीकी उन्नति:
    • ऑनलाइन शॉपिंग अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्लेटफॉर्म में नई तकनीकों को जोड़ा जाएगा।

भारतीय D2C मार्केट में The Indus Valley का स्थान

भारत में D2C मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, और The Indus Valley ने इसमें अपनी जगह मजबूत कर ली है।

D2C ब्रांड्स की बढ़ती लोकप्रियता के कारण:

  • ग्राहकों से सीधा संपर्क:
    • ग्राहकों को सीधे ब्रांड से खरीदारी का अवसर मिलता है।
  • उत्पादों की सटीक जानकारी:
    • ब्रांड अपने उत्पादों की गुणवत्ता और विशेषताओं को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं।

D2C क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा:

The Indus Valley को Vega, Stahl, और Bergner जैसे ब्रांड्स से कड़ी टक्कर मिल रही है।

  • कंपनी ने अपनी सस्टेनेबिलिटी और नॉन-टॉक्सिक कुकवेयर की USP के जरिए खुद को अलग दिखाने में सफलता पाई है।

D2C किचनवेयर मार्केट का भविष्य

मार्केट ट्रेंड्स और संभावना:

  1. सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग:
    • लोग स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं।
  2. ई-कॉमर्स का प्रभाव:
    • ऑनलाइन शॉपिंग का चलन D2C ब्रांड्स के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।

चुनौतियाँ और अवसर:

  • चुनौतियाँ:
    • ब्रांड को किफायती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद देने होंगे।
    • मार्केट में तेजी से बदलते ट्रेंड्स के साथ खुद को अपडेट रखना होगा।
  • अवसर:
    • स्वस्थ जीवनशैली और टिकाऊ उत्पादों की बढ़ती मांग।
    • भारत में मध्यम वर्ग के बढ़ते उपभोक्ता आधार।

निष्कर्ष

The Indus Valley का 23.1 करोड़ रुपये का फंडिंग राउंड कंपनी की बढ़ती वैल्यूएशन और बाजार में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

  • सस्टेनेबल और नॉन-टॉक्सिक किचनवेयर के क्षेत्र में कंपनी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
  • यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी इस फंडिंग का उपयोग अपने उत्पाद, मार्केट और तकनीकी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए कैसे करती है।

The Indus Valley ने भारतीय किचनवेयर उद्योग में एक नई मिसाल कायम की है और यह ब्रांड आने वाले वर्षों में और भी ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार है।

Read more: “सोलर एनर्जी स्टार्टअप Glow ने $30 मिलियन जुटाए, सौर ऊर्जा को मिलेगा नया बढ़ावा”

मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस प्लेटफॉर्म GoodLives ने जुटाए 1.1 करोड़ रुपये

GoodLives

गुडगाँव स्थित मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस प्लेटफॉर्म GoodLives ने हाल ही में 1.1 करोड़ रुपये की प्री-सीड फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग में आईआईएम लखनऊ, रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी (RNTU) और अन्य निवेशकों, जैसे अनुप्रीत सिंह, दीपक मोटवानी, अभिषेक होता और Build3 ने हिस्सा लिया।

कंपनी ने कहा कि यह फंड उनके प्लेटफॉर्म की पहुंच बढ़ाने, फीचर्स में सुधार करने, और नए बाजारों में विस्तार करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।


GoodLives का सफर और मिशन

GoodLives की स्थापना 2022 में साक्षी शाह और लॉरेंस बामनिया ने की थी। यह एक एआई-चालित मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ, प्रभावी और व्यक्तिगत बनाना है।

  • GoodLives की सेवाएँ एआई-पावर्ड DIY एक्सरसाइज और एक्सपर्ट-लीड थैरेपी का अनूठा मिश्रण पेश करती हैं।
  • यह मानसिक स्वास्थ्य और रोजमर्रा की वेलनेस के बीच की खाई को पाटने का प्रयास करता है।

साक्षी शाह ने बताया,
“हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ सिर्फ जरूरतमंदों तक ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति तक आसानी से पहुँचे।”


एआई और विशेषज्ञता का प्रभावी मिश्रण

GoodLives ने अपने प्लेटफॉर्म में एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है ताकि यूजर्स को उनकी ज़रूरत के अनुसार व्यक्तिगत समाधान मिल सकें।

प्लेटफॉर्म की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. एआई-पावर्ड DIY एक्सरसाइज:
    • यह उपयोगकर्ताओं को आत्मनिर्भरता के साथ अपनी मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है।
  2. विशेषज्ञों की थैरेपी:
    • पेशेवर मनोवैज्ञानिकों द्वारा दी जाने वाली काउंसलिंग और थैरेपी।
  3. समग्र स्वास्थ्य समाधान:
    • व्यक्तिगत और प्रभावी सेवाएँ, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं।

कॉर्पोरेट वेलनेस पर फोकस

GoodLives का प्रमुख ध्यान बड़े और मध्यम आकार के कॉरपोरेट्स पर है।

  • यह कंपनियों के लिए टेलर्ड वेलनेस प्रोग्राम्स पेश करता है, जिससे कर्मचारियों की व्यस्तता और भलाई में सुधार हो।
  • यह कंपनियों के भीतर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कंपनी का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि संगठनों की उत्पादकता और कार्यक्षमता में भी सुधार करता है।


फंडिंग का उपयोग

कंपनी ने कहा है कि यह फंड उनके कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मदद करेगा:

  1. प्लेटफॉर्म सुधार:
    • GoodLives अपने प्लेटफॉर्म की सुविधाओं और कार्यक्षमता में सुधार करेगा।
  2. नई मार्केट एंट्री:
    • कंपनी भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार करने की योजना बना रही है।
  3. उत्पाद विस्तार:
    • नए प्रोडक्ट्स और सेवाओं को शामिल करना, जैसे अधिक DIY एक्सरसाइज और गहराई वाली काउंसलिंग।
  4. पहुंच बढ़ाना:
    • GoodLives अधिक उपयोगकर्ताओं तक अपनी सेवाएँ पहुँचाने के लिए काम करेगा।

मानसिक स्वास्थ्य का बढ़ता महत्व

महामारी के बाद से, मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता और सेवाओं की माँग में भारी वृद्धि हुई है।

महत्वपूर्ण आँकड़े:

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में हर 7 में से 1 व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है।
  • कॉर्पोरेट सेक्टर में मानसिक स्वास्थ्य पर निवेश से कर्मचारियों की उत्पादकता में 12-14% का सुधार देखा गया है।

GoodLives जैसे प्लेटफॉर्म इस बढ़ती माँग को पूरा करने और लोगों को उनके मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।


प्रतिस्पर्धा और चुनौतियाँ

भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कई नए प्लेटफॉर्म आ रहे हैं, जैसे:

  • YourDOST
  • Wysa
  • InnerHour

GoodLives को इस प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाने और ग्राहकों का विश्वास जीतने की जरूरत है।

प्रमुख चुनौतियाँ:

  1. जागरूकता की कमी:
    • भारत में मानसिक स्वास्थ्य को अभी भी कई बार कलंक के रूप में देखा जाता है।
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच:
    • GoodLives को अपनी सेवाएँ शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी ले जानी होंगी।
  3. गुणवत्ता सुनिश्चित करना:
    • एआई आधारित समाधान पेश करते समय व्यक्तिगत अनुभव को ध्यान में रखना जरूरी है।

भविष्य की योजनाएँ

GoodLives आने वाले वर्षों में निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा:

  1. व्यापक कॉर्पोरेट साझेदारी:
    • अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी करके कर्मचारियों के वेलनेस को बढ़ावा देना।
  2. नए फीचर्स का विकास:
    • उपयोगकर्ताओं के लिए और अधिक इंटरएक्टिव और प्रभावी समाधान पेश करना।
  3. अंतरराष्ट्रीय विस्तार:
    • कंपनी भारतीय बाजार से बाहर भी अपनी सेवाएँ ले जाने की योजना बना रही है।

निष्कर्ष

GoodLives का मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस के क्षेत्र में यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है।

  • यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार करेगा, बल्कि कॉर्पोरेट उत्पादकता में भी वृद्धि करेगा।
  • एआई और मानव विशेषज्ञता के मिश्रण से GoodLives मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बना रहा है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी अपने नए फंडिंग राउंड के माध्यम से किन-किन क्षेत्रों में विस्तार करती है और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या नए आयाम स्थापित करती है।

Read more :Flipkart का नया कदम: 10 मिनट में दवाइयों की डिलीवरी