💉 Care.fi को 6 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली,

Care.fi

हेल्थकेयर-फोकस्ड फिनटेक स्टार्टअप Care.fi ने हाल ही में RevX से 6 करोड़ रुपये की डेब्ट फंडिंग जुटाई है। कंपनी इस फंड का इस्तेमाल विशेष रूप से अपने आयुष्मान भारत योजना (AB-PMJAY) से जुड़े संचालन को मजबूत करने में करेगी।

आइए जानते हैं इस डील के पीछे की पूरी कहानी और Care.fi की आगे की योजनाएं।

🏥 आयुष्मान भारत योजना से जुड़े संचालन पर फोकस

Care.fi ने बताया कि इस फंडिंग से वह आयुष्मान भारत योजना के तहत अपने कार्यों को और प्रभावी बनाने पर जोर देगा।
गौरतलब है कि जून 2024 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत:

  • 550 मिलियन (55 करोड़) से अधिक लाभार्थी कवर किए जा चुके हैं।
  • 29,000 से अधिक अस्पतालों को योजना में शामिल किया गया है।

यह आंकड़े दिखाते हैं कि देशभर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा लगातार बढ़ रहा है, और Care.fi जैसे स्टार्टअप्स को इसमें अहम भूमिका निभाने का अवसर मिल रहा है।

📈 सरकारी हेल्थकेयर खर्च में इज़ाफा

मार्केट रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार का हेल्थकेयर पर खर्च अब GDP का 1.84% हो चुका है।
इस बढ़े हुए बजट ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) जैसी पहलों को सपोर्ट किया है, जिससे लाखों लोगों को मुफ्त और किफायती इलाज मिल रहा है।

Care.fi इस बढ़ती स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए अपने टेक्नोलॉजी-संचालित वित्तीय समाधानों के जरिए अस्पतालों को बेहतर कैश फ्लो मैनेजमेंट और क्लेम सेटलमेंट में सहायता प्रदान कर रहा है।

👨‍⚕️ Care.fi की स्थापना और अब तक की यात्रा

Care.fi की स्थापना सिदक सिंह और विक्रांत अग्रवाल ने की थी।
कंपनी का उद्देश्य था — हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स को फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के जरिए तेज़ और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करना।

अब तक Care.fi ने:

  • 100 से अधिक अस्पतालों को वित्तीय सहायता दी है।
  • कुल मिलाकर 800 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया है।
  • शुरुआत के दो सालों के भीतर NBFC लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया है।

ये उपलब्धियां Care.fi के तेज़ विकास और मजबूत बिजनेस मॉडल का संकेत देती हैं।

🔧 फंड का इस्तेमाल कहां होगा?

Care.fi ने स्पष्ट किया है कि इस नई फंडिंग का इस्तेमाल मुख्यतः निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाएगा:

  • आयुष्मान भारत योजना के तहत तेज़ और सुरक्षित क्लेम सेटलमेंट सिस्टम बनाना।
  • अस्पतालों के लिए कैश फ्लो मैनेजमेंट को आसान और कुशल बनाना।
  • अपने बैकएंड ऑपरेशंस को मजबूत करना ताकि बड़े स्तर पर सेवा दी जा सके।
  • हेल्थकेयर सेक्टर के लिए AI और डेटा एनालिटिक्स आधारित समाधान तैयार करना।

जैसे-जैसे आयुष्मान भारत योजना और अधिक केंद्रीकृत हो रही है, वैसे-वैसे अस्पतालों के लिए भुगतान का प्रोसेस अधिक तकनीकी और तेज़ बनाना आवश्यक होता जा रहा है — और Care.fi इसी जरूरत को पूरा करने के लिए काम कर रहा है।

🛡️ Care.fi का रणनीतिक दृष्टिकोण

Care.fi की रणनीति न केवल तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने की है, बल्कि अस्पतालों को दीर्घकालिक स्थिरता और ग्रोथ के लिए तैयार करना भी है।
इसके लिए कंपनी:

  • अस्पतालों को समय पर क्लेम सेटलमेंट में मदद करती है।
  • ऑपरेशनल खर्चों के बेहतर प्रबंधन में सपोर्ट करती है।
  • टेक्नोलॉजी आधारित सॉल्यूशंस के माध्यम से प्रक्रियाओं को ऑटोमेट करती है।

Care.fi मानता है कि यदि अस्पतालों का वित्तीय आधार मजबूत होगा, तो वे मरीजों को बेहतर सेवा प्रदान कर पाएंगे और देश का हेल्थकेयर सिस्टम भी मजबूत होगा।

🌐 भविष्य की योजनाएं

Care.fi भविष्य में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को और विस्तृत करने की योजना बना रहा है। इसके तहत:

  • छोटे और मझोले अस्पतालों के लिए वर्किंग कैपिटल सॉल्यूशंस
  • बीमा कंपनियों के साथ गठजोड़ कर इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेसिंग को तेज़ करना।
  • टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म का विस्तार कर ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों को जोड़ना।

साथ ही, कंपनी AI-ड्रिवन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है जिससे हेल्थकेयर सेक्टर में निर्णय प्रक्रिया और भी तेज और डेटा-आधारित हो सके।


✨ निष्कर्ष

Care.fi की इस 6 करोड़ रुपये की फंडिंग ने एक बार फिर साबित किया है कि भारत में हेल्थकेयर फिनटेक सेक्टर तेजी से उभर रहा है।
आयुष्मान भारत जैसी सरकारी योजनाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए, Care.fi जैसी कंपनियां भारत के डिजिटल हेल्थकेयर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

आगे आने वाले समय में, Care.fi का प्रभाव भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम में और भी अधिक देखने को मिलेगा — खासकर ऐसे समय में जब सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ा रही है और टेक्नोलॉजी अपनाने पर जोर दे रही है। 🚀

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🚫 जम्मू-कश्मीर हमले के बाद भारत ने कई पाकिस्तानी YouTube चैनलों पर लगाया बैन

YouTube

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान आधारित कई YouTube चैनलों पर बैन लगा दिया है। इस कदम ने दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा दिया है।

📺 YouTube किन-किन पाकिस्तानी चैनलों पर लगा बैन?

भारत सरकार ने जिन प्रमुख पाकिस्तानी न्यूज चैनलों के YouTube अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें शामिल हैं:

  • Samaa TV
  • Bol News
  • Geo News
  • Dawn News
  • GNN

इसके अलावा, कुछ व्यक्तिगत यूट्यूब अकाउंट्स जैसे कि मुनीब फारूक और अर्जू काज़मी के चैनलों को भी ब्लॉक कर दिया गया है।

इतना ही नहीं, सरकार ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर के यूट्यूब अकाउंट पर भी बैन लगा दिया है।

❌ यूजर्स को क्या दिख रहा है?

भले ही इन चैनलों की लैंडिंग पेज अभी यूट्यूब पर दिख रही हो, लेकिन जब कोई यूजर चैनल पर क्लिक करता है, तो उसे यह संदेश दिखाई देता है:

“यह सामग्री इस देश में वर्तमान में उपलब्ध नहीं है क्योंकि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के तहत इसे हटाने का आदेश दिया है। सरकार के हटाने के अनुरोधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए transparencyreport.google.com पर जाएं।”

यह स्पष्ट है कि सरकार ने अभी केवल यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की है, ना कि उन चैनलों की आधिकारिक वेबसाइटों पर। यदि भविष्य में जरूरत पड़ी, तो सरकार स्थानीय Internet Service Providers (ISPs) को भी इन वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का निर्देश दे सकती है।

🛡️ पहले भी हुई हैं ऐसी कार्रवाइयां

यह पहली बार नहीं है जब भारत ने इस तरह का सख्त कदम उठाया है।
याद दिला दें कि 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत सरकार ने TikTok समेत कई चीनी ऐप्स पर बैन लगाया था, जिसमें डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी का हवाला दिया गया था।

सरकार का स्पष्ट रुख रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे वह डिजिटल स्पेस में हो या वास्तविक दुनिया में।

📰 आतंकवादी हमले की मीडिया कवरेज पर भी नजर

सरकार सिर्फ यूट्यूब चैनलों पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया और समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी कड़ी नजर बनाए हुए है। जम्मू-कश्मीर में हुए हमले की रिपोर्टिंग को लेकर सरकार काफी सतर्क है।

विदेश मंत्रालय के एक्सटर्नल पब्लिसिटी एंड पब्लिक डिप्लोमेसी (XPD) डिवीजन ने हाल ही में BBC इंडिया प्रमुख जैकी मार्टिन को कड़ा संदेश भेजा है।
सरकार ने BBC की रिपोर्टिंग में आतंकवादियों को “मिलिटेंट्स” कहने पर नाराजगी जताई और औपचारिक पत्र के जरिए विरोध दर्ज कराया है।

सरकार का मानना है कि आतंकवादियों को नरम शब्दों में प्रस्तुत करना गलत संदेश देता है और इससे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों पर असर पड़ सकता है।

📢 मीडिया और सोशल मीडिया के लिए सरकार की एडवाइजरी

भारत सरकार ने सभी मीडिया चैनलों को निर्देश दिया है कि वे:

  • रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज से बचें।
  • सुरक्षा बलों की गतिविधियों की सीधी रिपोर्टिंग ना करें।
  • सोशल मीडिया पर सही और जिम्मेदार रिपोर्टिंग करें।
  • मौजूदा कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करें।

सरकार ने अपने सर्कुलर में कहा है:

“राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स से अपेक्षा की जाती है कि वे अत्यधिक जिम्मेदारी से कार्य करें और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते समय देश के कानूनों का पूर्णतः पालन करें।”

यह कदम सुनिश्चित करेगा कि संवेदनशील मामलों में गलत सूचनाओं के प्रसार को रोका जा सके और देश के सामरिक हितों की रक्षा की जा सके।

🌐 डिजिटल दुनिया में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियाँ

जैसे-जैसे डिजिटल मीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है, वैसे-वैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े खतरे भी नई शक्ल में सामने आ रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग कर प्रोपेगेंडा फैलाना, फेक न्यूज और साइबर हमलों का खतरा अब सरकारों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है।

भारत सरकार लगातार ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर सख्त निगरानी रख रही है और समय-समय पर ठोस कदम उठा रही है ताकि देश के नागरिकों तक सही जानकारी पहुंचे और किसी भी तरह का दुष्प्रचार न फैल सके।

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Zepto

भारत का उभरता हुआ Quick Commerce प्लेटफॉर्म Zepto अब अपने अगले बड़े फाइनेंशियल मूव के बिल्कुल करीब है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Zepto जल्द ही ₹1,500 करोड़ (करीब $175 मिलियन) की एक स्ट्रक्चर्ड डेट डील फाइनल करने वाला है। इस डील में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं Edelweiss Alternative Asset और कुछ अन्य निवेशक।

🎯 विदेशी निवेशकों से शेयर खरीदने के लिए होगा फंड का इस्तेमाल

Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, Zepto इस फंड का इस्तेमाल अपने कुछ विदेशी निवेशकों से शेयर वापस खरीदने (Buyback) में करेगा। इसका मकसद है Zepto में भारतीय हिस्सेदारी बढ़ाना, ताकि कंपनी के प्रस्तावित IPO से पहले इसकी स्ट्रक्चरिंग भारतीय नियमों के अनुसार हो सके।

बताया जा रहा है कि Zepto 2025 के मध्य में अपना IPO ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल कर सकता है। कंपनी ने पहले ही अपनी रजिस्ट्री सिंगापुर से भारत में शिफ्ट करने के लिए जरूरी मंजूरी हासिल कर ली है। यानी Zepto अब पूरी तरह भारतीय कंपनी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

💰 Edelweiss और अन्य भारतीय निवेशक होंगे मुख्य फाइनेंसर

डील से जुड़े सूत्रों के अनुसार, Edelweiss इस पूरे लोन का लगभग आधा हिस्सा अंडरराइट करेगा, यानी करीब ₹750 करोड़। बाकी का फंड भारत के कुछ घरेलू फैमिली ऑफिसेज और क्रेडिट फंड्स द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

इस स्ट्रक्चर्ड डेट डील के बाद Zepto की वैल्यूएशन करीब $5 बिलियन के आस-पास रहने की उम्मीद है — जो कि पिछले साल नवंबर में हुए इसके आखिरी इक्विटी फंडिंग राउंड के समान है। उस समय Motilal Oswal Private Wealth के नेतृत्व में Zepto ने $350 मिलियन जुटाए थे।

🧑‍💼 फाउंडर्स की हिस्सेदारी भी बढ़ेगी

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस डील के बाद Zepto के फाउंडर्स — आदित पलीचा और कैवल्य वोहरा — की कंपनी में हिस्सेदारी बढ़कर 18% से करीब 20% तक पहुँच जाएगी। इसके साथ ही Zepto में भारतीय निवेशकों की कुल हिस्सेदारी 30% से अधिक हो सकती है, जो भारत के Foreign Direct Investment (FDI) नियमों के हिसाब से एक सकारात्मक कदम होगा।

इस बढ़ी हुई घरेलू हिस्सेदारी से Zepto को अपने आगामी IPO में निवेशकों के बीच और भी मजबूत भरोसा बनाने में मदद मिलेगी।

📈 Zepto का नया सेकंडरी शेयर सेल डील भी अंतिम चरण में

Zepto केवल डेट डील तक ही सीमित नहीं है। खबरों के मुताबिक, कंपनी लगभग $250 मिलियन के सेकंडरी शेयर सेल को भी अंतिम रूप देने के करीब है। इस डील में भी प्राइवेट इक्विटी फर्म्स जैसे Motilal Oswal मुख्य भूमिका निभा रही हैं।

इस सेकंडरी डील का मकसद है — कुछ पुराने निवेशकों को एग्जिट का मौका देना और कंपनी के कैप टेबल को IPO के लिहाज से और अधिक मजबूत बनाना।

🔥 ग्रोथ ट्रैक पर Zepto: $4 बिलियन का Gross Order Value

Zepto की ग्रोथ भी शानदार दिख रही है। हाल ही में एक इंटरव्यू में CEO आदित पलीचा ने खुलासा किया कि Zepto अब सालाना आधार पर लगभग $4 बिलियन के Gross Order Value (GOV) को छूने के बेहद करीब है।

GOV यानी कि कंपनी के प्लेटफॉर्म पर होने वाले कुल ऑर्डर का मूल्य — जो किसी भी ई-कॉमर्स या क्विक कॉमर्स कंपनी के स्केल का महत्वपूर्ण संकेतक होता है।

इस तेज़ी से बढ़ती ग्रोथ और स्ट्रॉन्ग फाइनेंशियल स्ट्रक्चर के चलते, Zepto ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में अपनी अलग पहचान बना ली है।

🛒 Zepto: भारत के Quick Commerce का भविष्य?

Zepto अपनी तेज डिलीवरी सर्विस, मजबूत टेक्नोलॉजी बैकबोन और अब IPO की दिशा में बढ़ते कदमों के चलते भारतीय बाजार में तेजी से एक भरोसेमंद नाम बनता जा रहा है।

कंपनी का फोकस सिर्फ ग्रोथ पर नहीं, बल्कि सही निवेशकों, मजबूत हिस्सेदारी ढांचे और लॉन्ग-टर्म बिजनेस सस्टेनेबिलिटी पर भी है।

यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो 2025 का साल Zepto के लिए एक बड़ा माइलस्टोन साबित हो सकता है — जब यह स्टार्टअप भारत के स्टॉक मार्केट में अपने IPO के ज़रिए एंट्री करेगा।

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🇮🇳 VerSe Innovation AI के दम पर भारत के डिजिटल कंटेंट का भविष्य बना रहा है

VerSe

VerSe Innovation आज भारत के करोड़ों यूज़र्स तक अपनी पहुंच बना चुका है। अपने लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स जैसे Dailyhunt, Josh और Oneindia के ज़रिए यह कंपनी भारत के अलग-अलग भाषाई दर्शकों को जोड़ने का काम कर रही है। अब VerSe ने अपने पूरे कंटेंट ईकोसिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को बड़ी गहराई से शामिल कर लिया है — फिर चाहे वह भारत-स्तरीय recommendation engines हों या generative AI एप्लिकेशंस, जो यूज़र एक्सपीरियंस, एंगेजमेंट और कमाई (monetization) को बेहतर बनाने का काम कर रहे हैं।

🚀 कंटेंट, एडवरटाइजिंग और क्रिएटर प्लेटफॉर्म्स में बड़ा बदलाव

VerSe Innovation का AI ईकोसिस्टम कंटेंट, विज्ञापन और क्रिएटर-चालित प्लेटफॉर्म्स में जबरदस्त बदलाव ला रहा है। इस मोर्चे पर सबसे आगे है NexVerse.ai, जो कि VerSe का AI-चालित प्रोग्रामेटिक AdTech इंजन है। इससे विज्ञापन की एफिशिएंसी और ब्रांड के नतीजे बहुत बड़े पैमाने पर बेहतर हो रहे हैं।

VerSe Innovation के Co-founder और CEO उमंग बेदी ने बताया,

“हम deep learning मॉडल्स का इस्तेमाल करके रियल-टाइम यूज़र इंटरैक्शन्स का विश्लेषण करते हैं, जिससे एड सेलेक्शन, प्लेसमेंट और प्राइसिंग को ऑप्टिमाइज़ किया जाता है। हमारा AI-पावर्ड कंटेंट-ऐड मैचिंग सिस्टम सही ऑडियंस तक सही विज्ञापन पहुँचाने में मदद करता है, जिससे एंगेजमेंट और परफॉर्मेंस में भारी इज़ाफा होता है।”

📖 डिजिटल न्यूज़ को नया अनुभव दे रहा है VerSe का AI

एडवरटाइजिंग से आगे बढ़ते हुए, VerSe का AI-ड्रिवन कंटेंट इंटेलिजेंस डिजिटल न्यूज़ खपत को भी नए सिरे से बदल रहा है।
Dailyhunt Premium, जो कि एक subscription-based प्रीमियम कंटेंट प्लेटफॉर्म है, अब भारत के बदलते डिजिटल पाठकों के लिए टॉप चॉइस बन रहा है। यह प्लेटफॉर्म Magzter की तकनीक पर आधारित है, जहाँ Visual AI मॉडल्स का इस्तेमाल कर अखबारों और मैगज़ीन आर्टिकल्स को ezRead जैसे मोबाइल-फ्रेंडली फॉर्मेट में बदला जाता है।

उमंग बेदी बताते हैं,

“Magzter पर हम visual AI models का उपयोग करके अखबार और मैगज़ीन कंटेंट से आर्टिकल्स एक्सट्रैक्ट करते हैं और उन्हें मोबाइल पर पढ़ने लायक आसान फॉर्मेट में बदलते हैं।”

📰 छोटे फॉर्मेट की न्यूज़: Xpresso में AI का कमाल

VerSe का शॉर्ट न्यूज़ फॉर्मेट प्रोडक्ट Xpresso भी AI का बेजोड़ इस्तेमाल कर रहा है। यहाँ पर multimodal generative AI की मदद से शॉर्ट न्यूज़ कार्ड्स, वेब स्टोरीज़ और छोटे कंटेंट फॉर्मेट्स का ऑटोमेटेड तरीके से निर्माण होता है।

बेदी के अनुसार,

“हमारे AI सिस्टम्स इंटरनल टीम्स और एक्सटर्नल क्रिएटर्स दोनों को सही समय पर, रिलेटेड और एंगेजिंग छोटे कंटेंट बनाने में मदद कर रहे हैं।”

इससे न केवल यूज़र एंगेजमेंट बढ़ा है, बल्कि पूरी कंटेंट एक्सपीरियंस भी next-level हो गया है।

✍️ WISE: स्मार्ट कंटेंट क्रिएशन का नया साथी

VerSe का AI टूल WISE भी काफी कमाल का है। यह एक AI-चालित ऑथरिंग और मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है, जो हेडलाइन जेनरेशन, AI-आधारित इमेजरी और सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएशन में मदद करता है। इससे कंटेंट प्रोडक्शन में काफी तेजी और क्वालिटी दोनों आ गई है।

🎧📹 ऑडियो, वीडियो और बातचीत के फॉर्मेट्स में भी AI का धमाल

VerSe अब AI-पावर्ड ऑडियो और वीडियो फॉर्मेट्स में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
Josh Audio Stories जैसे फीचर्स के ज़रिए यूज़र्स को ड्रामा, रोमांस, थ्रिलर, हॉरर और फैंटेसी जैसी कहानियाँ भारतीय भाषाओं में सुनने को मिल रही हैं।

बेदी के मुताबिक,

“AI स्क्रिप्टिंग, वॉयस मॉड्यूलेशन और पर्सनलाइज़ेशन में बड़ी भूमिका निभा रहा है, जिससे हम बड़ी स्केल पर हाई-क्वालिटी ऑडियो एक्सपीरियंस बना पा रहे हैं।”

साथ ही Dream Call फीचर भी काफी लोकप्रिय हो रहा है, जिसमें यूज़र्स लाइव, पर्सनलाइज़्ड बातचीत कर सकते हैं अपने फेवरेट क्रिएटर्स के साथ। यहाँ भी AI यूज़र-क्रिएटर मैचिंग और इंटरेक्शन को स्मूद और सेफ बनाने में अहम भूमिका निभाता है।

🤝 VerSe Collab: ब्रांड्स और क्रिएटर्स को जोड़ने का AI प्लेटफॉर्म

VerSe का Collab प्लेटफॉर्म एक फुल-स्टैक इन्फ्लुएंसर मार्केटप्लेस है, जो भारत के टॉप ब्रांड्स को 1 लाख से ज़्यादा क्रिएटर्स और सेलिब्रिटीज से जोड़ता है। इसमें AI का उपयोग करके कैंपेन आइडिएशन, स्ट्रैटेजी बनाना और परफॉर्मेंस ट्रैक करना बेहद आसान हो गया है। इससे Influencer marketing campaigns तेज़ी से और ज़्यादा असरदार हो रहे हैं।

🔥 भविष्य की दिशा: स्केलेबल, डेटा-ड्रिवन मीडिया

बेदी कहते हैं,

“हम अपने सभी प्लेटफॉर्म्स में इंटेलिजेंट सिस्टम्स को शामिल करके न केवल यूज़र्स का अनुभव बेहतर कर रहे हैं, बल्कि क्रिएटर्स, एडवर्टाइजर्स और कंज्यूमर्स के लिए सस्टेनेबल वैल्यू भी बना रहे हैं।”

VerSe Innovation अब AI-ड्रिवन मीडिया के भविष्य को आकार दे रहा है, जहाँ स्केलेबल, डेटा-ड्रिवन ऑपरेशंस और ऑटोमेटेड कंटेंट जनरेशन मुख्य भूमिका निभाएंगे।

जैसे-जैसे VerSe अपनी AI क्षमताओं को और मजबूत कर रहा है, वह भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में अपनी स्थिति को और अधिक सशक्त बना रहा है — और सुनिश्चित कर रहा है कि हर यूज़र तक उनकी भाषा में, सही समय पर, सही कंटेंट पहुँचे।

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🚀 इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $112 मिलियन फंडिंग, 70% की जोरदार बढ़त 📈

भारतीय स्टार्टअप्स

भारतीय स्टार्टअप्स ईकोसिस्टम में इस हफ्ते जबरदस्त हलचल देखने को मिली। कुल 22 भारतीय स्टार्टअप्स ने लगभग $112.35 मिलियन (करीब ₹936 करोड़) की फंडिंग जुटाई, जिसमें 6 ग्रोथ-स्टेज और 12 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल रहीं। वहीं, 6 स्टार्टअप्स ने अपनी फंडिंग डिटेल्स सार्वजनिक नहीं कीं।

📊 पिछले हफ्ते के मुकाबले (जब $62.67 मिलियन जुटाए गए थे) इस बार 70% की बढ़त दर्ज हुई है।


🍔 भारतीय स्टार्टअप्स ग्रोथ-स्टेज डील्स का हाल

इस हफ्ते ग्रोथ और लेट-स्टेज स्टार्टअप्स ने लगभग $85 मिलियन जुटाए। प्रमुख डील्स में शामिल हैं:

  • Rebel Foods (फूडटेक यूनिकॉर्न) ने Qatar Investment Authority से $25 मिलियन जुटाए।
  • Uniqus Consultech (एंटरप्राइज टेक स्टार्टअप) ने Series C राउंड में $20 मिलियन फंडिंग पाई, जिसका नेतृत्व Nexus Venture Partners ने किया।
  • Vayudh (ड्रोन टेक कंपनी) ने Series A में $10 मिलियन का निवेश हासिल किया।
  • Bankbazaar, Farmart (एग्रीटेक स्टार्टअप) और Fabric (Intellicar) ने भी इस हफ्ते फंडिंग जुटाई।

🌱 अर्ली-स्टेज डील्स की चमक

अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने इस हफ्ते मिलकर $27.41 मिलियन जुटाए। कुछ प्रमुख डील्स:

  • Emversity (स्किल-ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म) ने $5 मिलियन के राउंड से लीड किया।
  • SaveIN (हेल्थकेयर फिनटेक स्टार्टअप),
  • Bachatt (सेविंग्स ऐप),
  • GreenGrahi (एग्री-बायोटेक स्टार्टअप),
  • Phab (D2C स्नैक ब्रांड),
  • ऑनलाइन वीजा अप्लिकेशन के लिए एक ट्रैवलटेक स्टार्टअप ने भी फंडिंग जुटाई।

इसके अलावा, DevAssure, Tummoc, Catalogus और KiranaPro जैसे स्टार्टअप्स ने भी फंडिंग प्राप्त की, लेकिन इन्होंने राशि का खुलासा नहीं किया।


📍 शहर और सेक्टर के हिसाब से डील्स

शहर के अनुसार:

  • Delhi-NCR सबसे आगे रहा, जहां 9 डील्स हुईं।
  • इसके बाद Bengaluru, Mumbai और Chennai का नंबर रहा।

सेक्टर के हिसाब से:

  • Fintech स्टार्टअप्स ने टॉप किया, 4 डील्स के साथ।
  • Travel Tech और Foodtech ने क्रमशः 3 और 2 डील्स हासिल कीं।
  • Agritech, E-commerce, AI, Deeptech, Drone tech आदि ने भी निवेश पाया।

🛠️ सीरीज वाइज डील्स

  • Seed Funding ने सबसे ज्यादा, यानी 9 डील्स में लीड किया।
  • इसके बाद Series A, Pre-Seed, और Series C डील्स रही।

📈 वीकली फंडिंग ट्रेंड

साप्ताहिक तुलना में इस हफ्ते स्टार्टअप फंडिंग $62.67 मिलियन से बढ़कर $112.35 मिलियन हो गई — यानी करीब 70% की बढ़त

पिछले 8 हफ्तों में औसत वीकली फंडिंग लगभग $232.47 मिलियन रही, जिसमें औसतन 25 डील्स दर्ज की गईं।


👨‍💼 प्रमुख हायरिंग्स और डिपार्चर्स

इस हफ्ते कुछ बड़े प्रमोशंस और बदलाव देखने को मिले:

  • Mamaearth पैरेंट कंपनी ने Karan Bajwa और Avinash Dhagat को CXO रोल्स में प्रमोट किया।
  • Accel ने Pratik Agarwal और Rachit Parekh को Partner बनाया।
  • Pine Labs ने Amrish Rau को MD और चेयरमैन बनाया।
  • Ideaspring ने Kailashnath को Partner नियुक्त किया।

डिपार्चर्स:

  • Sandip Basu (Group CFO, VerSe) ने स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ा।
  • Nitin Agarwal (CEO, Globalbees) ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया।

🔥 मर्जर और अधिग्रहण

  • Ampivo AI ने Commerce Forever Solutions में 51% हिस्सेदारी खरीदी।
  • Cars24 ने प्रमुख ऑटोमोटिव कम्युनिटी प्लेटफॉर्म Team-BHP का अधिग्रहण किया।
  • ClearDekho (आईवियर ब्रांड) को Jaipuria Group ने खरीदा।

💔 छंटनी

  • Cars24 ने लागत में कटौती के तहत 200+ कर्मचारियों को (प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी डिवीजनों से) निकाल दिया।

💰 फंड लॉन्च

  • A91 Partners ने अपना तीसरा फंड $665 मिलियन में बंद किया।
  • Blue Ocean Games (Krafton समर्थित) ने $30 मिलियन का फंड लॉन्च किया।
  • Trident Growth Partners ने अपने पहले फंड के लिए ₹1,000 करोड़ जुटाए।

🚀 नए लॉन्च और पार्टनरशिप्स

  • Jason Kothari (Former Housing.com CEO) ने नया स्टार्टअप Mythik लॉन्च किया।
  • Candere के फाउंडर ने Lucira (लैब-ग्रोन डायमंड ज्वेलरी ब्रांड) शुरू किया।
  • Akums ने Tamil Nadu Agricultural University के साथ फार्मा इनोवेशन के लिए करार किया।
  • The Circle FC ने Start-in UP के साथ साझेदारी की।
  • NSDC ने Rapido के साथ मिलकर गिग इकोनॉमी स्किलिंग प्रोग्राम लॉन्च किया।
  • MobiKwik ने Poonawalla Fincorp के साथ मिलकर इंस्टेंट पर्सनल लोन सेवा शुरू की।

📋 संभावित डील्स

  • Krutrim (Bhavish Aggarwal) $300 मिलियन फंडिंग के लिए बातचीत कर रहा है।
  • Captain Fresh कर्ज जुटाने की तैयारी में है।
  • ELIVAAS ₹100 करोड़ फंडिंग राउंड में बातचीत कर रहा है।
  • Pagarbook कैशफ्लो पॉजिटिव हुआ है।

📊 इस हफ्ते के वित्तीय नतीजे

  • XpressBees ने FY24 में EBITDA पॉजिटिव प्रदर्शन किया।
  • Zupee ने FY24 में ₹146 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया।
  • Boult Audio की FY24 रेवेन्यू ₹700 करोड़ से ऊपर पहुंची, 40% की बढ़त के साथ।

🔥 न्यूज़ फ्लैश

  • ED ने FIITJEE से जुड़े 8 ठिकानों पर रेड डाली।
  • Ather Energy ने IPO के लिए RHP फाइल किया (₹2,626 करोड़ का फ्रेश इश्यू)।
  • Flipkart को सिंगापुर से भारत में डोमिसाइल शिफ्ट करने की मंजूरी मिली।
  • Zetwerk अगले 12-24 महीनों में IPO लाने की योजना में है।
  • MobiKwik ने अपनी NBFC सब्सिडियरी बनाई।

📢 निष्कर्ष

इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप फंडिंग ने जबरदस्त 70% ग्रोथ दिखाई। IPOs, M&As, और नए फंड लॉन्च के साथ ईकोसिस्टम में तेज हलचल जारी है। Ather Energy का IPO, Flipkart का भारत लौटना और Cars24 जैसी कंपनियों की स्ट्रैटजिक चालें आने वाले समय के लिए बाजार को और रोमांचक बना रही हैं।

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🚗 Cars24 ने की 200-250 कर्मचारियों की छंटनी,

Cars24

भारत की जानी-मानी प्री-ओन्ड व्हीकल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Cars24 ने हाल ही में 200-250 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह कदम कंपनी द्वारा लागत में कटौती (Cost-Cutting) की एक रणनीति के तहत उठाया गया है। इस घटनाक्रम की जानकारी से जुड़े तीन सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।

“Cars24 ने इस महीने अपने प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट्स से लगभग 250 कर्मचारियों को निकाला है,” एक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया।


🏁Cars24 छंटनी का समय और उद्योग पर असर

यह छंटनी ऐसे समय में हुई है जब Cars24 का एक प्रमुख प्रतिद्वंदी, Spinny, ने हाल ही में $131 मिलियन की नई फंडिंग हासिल की है। Spinny को यह निवेश Accel के Leadership Fund से मिला है, जो ग्लोबली चुनिंदा पोर्टफोलियो में गहरी हिस्सेदारी बनाने पर फोकस करता है।

इसके मुकाबले, Cars24 ने पिछले साढ़े तीन वर्षों में कोई नया बाहरी फंडिंग राउंड नहीं उठाया है।


📋 प्रभावित कर्मचारियों को स्टैंडर्ड सेवरेंस पैकेज

सूत्रों के अनुसार, SoftBank समर्थित Cars24 ने छंटनी किए गए कर्मचारियों को स्टैंडर्ड सेवरेंस पैकेज दिया है, ताकि वे आसानी से ट्रांजिशन कर सकें।

कंपनी ने विभिन्न सर्विसेज के जरिये बाजार में अपनी पहचान बनाई है, जिनमें शामिल हैं:

  • प्री-ओन्ड कार्स की खरीद-बिक्री
  • फाइनेंसिंग और इंश्योरेंस सेवाएं
  • ड्राइवर-ऑन-डिमांड
  • फास्टैग और चालान प्रबंधन
  • गाड़ियों की स्क्रैपिंग सेवा

🗣️ CEO विक्रम चोपड़ा का बयान

Cars24 के को-फाउंडर और सीईओ विक्रम चोपड़ा ने Entrackr को दिए एक बयान में कहा:

“यह एक कठिन निर्णय था। पिछले कुछ हफ्तों में हमें विभिन्न फंक्शनों में लगभग 200 कर्मचारियों से विदाई लेनी पड़ी। हम उनके योगदान के लिए आभारी हैं। यह छंटनी प्रदर्शन से नहीं, बल्कि संरचना और गलत दांव से जुड़ी थी। हमने सीखा है कि स्पीड के बिना स्पष्टता महंगी साबित होती है। भविष्य में हम निवेश और टीम बिल्डिंग में अधिक रणनीतिक और सोच-समझकर कदम उठाएंगे।”


💸 फंडिंग और वैल्यूएशन की कहानी

हालांकि Cars24 ने हाल के वर्षों में कोई नई फंडिंग नहीं जुटाई है, लेकिन दिसंबर 2021 में कंपनी ने $450 मिलियन (लगभग ₹3,400 करोड़) की बड़ी फंडिंग हासिल की थी। इस फंडिंग में शामिल थे:

  • SoftBank
  • Tencent
  • DST Global
  • Falcon Edge’s Alpha Wave

इस फंडिंग के बाद Cars24 का वैल्यूएशन $3.3 बिलियन पर पहुंच गया था।

TheKredible के अनुसार:

  • DST Global के पास Cars24 में सबसे बड़ी बाहरी हिस्सेदारी है
  • इसके बाद KCK Limited, Peak XV, Alpha Wave और Tencent जैसे बड़े निवेशकों का नाम आता है

📈 बिजनेस परफॉर्मेंस: रेवेन्यू बढ़ा लेकिन घाटा भी

वित्त वर्ष 2024 (FY24) में Cars24 ने:

  • रेवेन्यू में 25% सालाना वृद्धि दर्ज की
  • FY23 में ₹5,530 करोड़ के मुकाबले FY24 में रेवेन्यू ₹6,917 करोड़ तक पहुंचा

लेकिन इसके बावजूद:

  • कंपनी को ₹498 करोड़ का नेट लॉस हुआ
  • एडजस्टेड EBITDA लॉस ₹318 करोड़ रहा

यह आंकड़े दिखाते हैं कि भले ही राजस्व बढ़ रहा हो, लेकिन लाभप्रदता हासिल करना अभी भी चुनौती बना हुआ है।


🛠️ क्यों हुई छंटनी?

छंटनी के पीछे मुख्य कारण:

  • गलत प्रोजेक्ट अनुमान: कुछ प्रोजेक्ट्स और भूमिकाओं को समय से पहले जोड़ा गया था
  • स्पीड के साथ क्लैरिटी की कमी: तेजी से बढ़ने के चक्कर में रणनीतिक स्पष्टता नहीं रही
  • लागत पर नियंत्रण: घाटा कम करने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की जरूरत

🛣️ आगे की राह

Cars24 अब अपनी रणनीति को फिर से परिभाषित करने पर काम कर रही है:

  • सुनियोजित निवेश
  • टीम का रणनीतिक पुनर्गठन
  • मार्जिन बढ़ाने पर फोकस
  • प्रॉफिटेबल ग्रोथ की दिशा में ठोस कदम

भविष्य में कंपनी को अपनी मौजूदा सर्विसेज को और मजबूत करने और घाटे को नियंत्रित करने पर ध्यान देना होगा, ताकि वह बढ़ती प्रतिस्पर्धा में खुद को टिकाऊ बना सके।


🧠 निष्कर्ष: चुनौतीपूर्ण दौर में Cars24 की अग्निपरीक्षा

Cars24 इस समय गंभीर पुनर्गठन (Major Restructuring) के दौर से गुजर रही है। बढ़ते घाटे और प्रतिस्पर्धा के बीच कंपनी को:

  • अपने बिजनेस मॉडल को और फाइन-ट्यून करना पड़ेगा
  • निवेशकों और ग्राहकों दोनों का भरोसा मजबूत बनाए रखना होगा
  • लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए रणनीतिक निर्णय लेने होंगे

अगर Cars24 इन चुनौतियों को सफलतापूर्वक पार कर लेती है, तो वह भारतीय सेकेंड-हैंड कार मार्केट में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रख सकती है।


📢 आपके क्या विचार हैं Cars24 की इस छंटनी पर? नीचे कमेंट में बताएं और ऐसे ही बिजनेस अपडेट्स के लिए जुड़े रहें FundingRaised.in के साथ! 🚀

Read more :🏡ELIVAAS $10-12 मिलियन फंडिंग राउंड की तैयारी में,

🏡ELIVAAS $10-12 मिलियन फंडिंग राउंड की तैयारी में,

ELIVAAS

भारतीय लग्ज़री वेकेशन होम रेंटल प्लेटफॉर्म ELIVAAS एक और बड़ी फंडिंग डील की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, स्टार्टअप $10-12 मिलियन (₹83-100 करोड़) जुटाने की बातचीत अंतिम चरण में है। इस डील के साथ ELIVAAS की वैल्यूएशन ₹500 करोड़ के करीब हो सकती है।

यह नया निवेश राउंड सिर्फ 6 महीने बाद आ रहा है, जब कंपनी ने $5 मिलियन की सीरीज़ A फंडिंग जुटाई थी।


🚀 तेजी से बढ़ती डिमांड और रेवेन्यू ग्रोथ बनी वजह

सूत्रों का कहना है कि यह फंडिंग बातचीत कंपनी की हालिया तेज़ राजस्व वृद्धि (Revenue Growth) को देखते हुए हो रही है। ELIVAAS ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में जबरदस्त प्रदर्शन किया है और रेवेन्यू और ग्रॉस बुकिंग वैल्यू में तीन गुना ग्रोथ दर्ज की है।

“ELIVAAS मौजूदा और नए निवेशकों के साथ बातचीत के अंतिम चरण में है, और एक नया इन्वेस्टर इस राउंड को लीड कर सकता है,” एक सूत्र ने बताया।

बातचीत अभी पूरी तरह से फाइनल नहीं हुई है, इसलिए डील की शर्तों में अंतिम समय पर बदलाव संभव है।


👥 किसने शुरू किया ELIVAAS?

ELIVAAS की शुरुआत 2023 में दो संस्थापकों – ऋत्विक खरे और करन मिगलानी – ने मिलकर की थी। कंपनी का लक्ष्य भारत में लग्ज़री और प्रीमियम वेकेशन स्टे को आसान और सहज बनाना है।

ELIVAAS की पेशकश:

  • लग्ज़री विला और प्रीमियम अपार्टमेंट्स किराए पर
  • लोकेशन: गोवा, कसोल, शिमला, उदयपुर, नैनीताल, ऋषिकेश जैसे प्रमुख वेकेशन डेस्टिनेशन
  • टारगेट यूज़र्स: हाई-एंड ट्रैवलर्स, परिवार, कपल्स और ग्रुप वेकेशन प्लानर्स

💰 अब तक कितनी हुई फंडिंग?

ELIVAAS ने अब तक $7.5 मिलियन (₹62 करोड़ से अधिक) की फंडिंग जुटाई है:

  1. सीरीज़ A फंडिंग ($5 मिलियन) – 3one4 Capital द्वारा लीड की गई, जिसमें Peak XV भी शामिल रहा
  2. सीड राउंड ($2.5 मिलियन) – Peak XV’s Surge ने लीड किया
  3. एंजेल निवेशकों में शामिल हैं:
    • Kunal Shah (CRED)
    • Mohit Gupta (Zomato)
    • Amit Lakhotia (Park+)
    • Naveen Kukreja (Paisabazaar)

📊 कंपनी के फाइनेंशियल नंबर क्या कहते हैं?

हालांकि FY25 के आधिकारिक आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन TheKredible के अनुसार ELIVAAS ने FY24 में:

  • रेवेन्यू: ₹7 करोड़
  • नेट लॉस: ₹10.4 करोड़

स्टार्टअप के घाटे का कारण संभवतः इसके मार्केट एक्सपैंशन, मार्केटिंग खर्च और हाई-क्वालिटी प्रॉपर्टी में निवेश है।


🧭 आगे की योजना: क्या है ELIVAAS का फंडिंग यूज़?

नई फंडिंग का इस्तेमाल कंपनी अपने ऑपरेशन्स एक्सपैंड करने, नए शहरों में विला ऐड करने और तकनीकी अपग्रेडेशन के लिए करेगी।

  • कंपनी अपने AI-बेस्ड बुकिंग इंजन को और स्मार्ट बनाना चाहती है
  • कस्टमर एक्सपीरियंस को पर्सनलाइज़ करने पर भी जोर दिया जाएगा
  • संभावित इंटरनेशनल डेस्टिनेशन्स को भी एक्सप्लोर किया जा सकता है

🇮🇳 भारत में लग्ज़री ट्रैवल का बढ़ता मार्केट

पिछले कुछ वर्षों में भारत में वेकेशन होम्स और लग्ज़री ट्रैवल सेगमेंट में जबरदस्त बूम देखा गया है। खासकर पोस्ट-कोविड दौर में लोग:

  • होटल्स की जगह प्राइवेट विला और हॉलिडे होम्स को तरजीह दे रहे हैं
  • वर्केशन (Work + Vacation) कल्चर ने डिमांड को और बढ़ाया है
  • हायर इनकम ग्रुप्स और मिलेनियल्स के बीच प्रीमियम ट्रैवल तेज़ी से पॉपुलर हो रहा है

ELIVAAS इसी उभरते हुए ट्रेंड का हिस्सा बनकर आगे बढ़ रहा है।


🧳 ELIVAAS बनाम अन्य प्लेयर्स

जहां एक ओर Airbnb, Vista Rooms और SaffronStays जैसे ब्रांड पहले से मौजूद हैं, वहीं ELIVAAS लक्ज़री + टेक इंटीग्रेशन की रणनीति के साथ एक अलग पहचान बना रहा है।

  • AI प्लानिंग
  • Curated स्टे एक्सपीरियंस
  • डिजिटल बुकिंग फ्लो
  • होस्ट और ट्रैवलर दोनों के लिए आसान इंटरफेस

ये सभी फीचर्स ELIVAAS को एक “Tech-enabled Luxury Stay Platform” की कैटेगरी में लाते हैं।


📌 निष्कर्ष: क्या ELIVAAS अगला बड़ा वेकेशन ब्रांड बनेगा?

ELIVAAS ने बहुत कम समय में:

✅ मार्केट में अच्छी पकड़ बनाई
✅ एंजेल और वीसी इन्वेस्टर्स का भरोसा जीता
✅ हाई-एंड यूज़र्स को टारगेट करते हुए ब्रांड वैल्यू बनाई

अब $10-12 मिलियन की नई फंडिंग से कंपनी को और स्केल अप करने का मौका मिलेगा। अगर यह डील फाइनल होती है, तो ELIVAAS आने वाले समय में भारतीय लग्ज़री ट्रैवल मार्केट में एक लीडिंग नाम बन सकता है।


📲 क्या आप भी ELIVAAS जैसे वेकेशन होम्स को पसंद करते हैं? इस खबर पर अपनी राय नीचे कमेंट में बताएं! और ऐसे ही स्टार्टअप अपडेट्स के लिए जुड़ें रहें FundingRaised.in के साथ! 🚀

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💰 Peak XV Partners जुटा रहा है $1.4 बिलियन का नया फंड,

Peak XV

Peak XV Partners (पहले Sequoia Capital India & SEA के नाम से जानी जाने वाली वेंचर कैपिटल फर्म) एक बार फिर से भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में बड़ा निवेश करने जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फर्म $1.2–$1.4 बिलियन (₹10,000 करोड़ से अधिक) का नया फंड जुटा रही है, जो ब्रांड रीब्रांडिंग के बाद भारत में इसका पहला फंडरेज़ होगा।

इस फंड के जरिए Peak XV भारत और साउथईस्ट एशिया के अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स में निवेश करेगी। यह जानकारी सबसे पहले The Economic Times ने दी है।


🔁 2023 में हुआ था बड़ा बदलाव: Sequoia से Peak XV की नई पहचान

2023 में Sequoia Capital ने अपने ग्लोबल ऑपरेशन्स को तीन स्वतंत्र इकाइयों में बांट दिया था – अमेरिका और यूरोप, चीन, और भारत व साउथईस्ट एशिया।

इसके बाद भारत और साउथईस्ट एशिया की टीम ने खुद को Peak XV Partners के रूप में रीब्रांड किया। अब यह फर्म स्वतंत्र रूप से काम कर रही है और यह नया फंड इसी नई पहचान के तहत पहला बड़ा फंडरेज़ है।


💰 पिछला रिकॉर्ड: 2022 में आया था $2.85 बिलियन का फंड

Peak XV ने 2022 में $2.85 बिलियन का ग्रोथ और वेंचर फंड लॉन्च किया था, जिसमें से $2 बिलियन सिर्फ भारत के लिए निर्धारित था। लेकिन 2024 में इस फंड का आकार 16% घटा दिया गया, क्योंकि उस समय भारतीय पब्लिक मार्केट की वैल्यूएशन बहुत हाई मानी जा रही थी।


📈 IPO की तैयारी में Peak XV की कंपनियाँ

Peak XV के पोर्टफोलियो में शामिल कई कंपनियाँ IPO की कतार में हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • Meesho
  • Zetwerk
  • Groww
  • Pine Labs

इसके पहले भी कई Peak XV-समर्थित कंपनियाँ पब्लिक हो चुकी हैं, जैसे:

  • Zomato
  • Mamaearth
  • Awfis
  • Go Digit Insurance
  • Ixigo
  • Blackbuck
  • MobiKwik

इन IPOs ने फर्म को ना सिर्फ अच्छा रिटर्न दिया, बल्कि फर्म के ब्रांड को भारतीय बाजार में और मजबूत किया।


📊 रीब्रांडिंग के बाद नई इनवेस्टमेंट्स

Peak XV ने रीब्रांडिंग के बाद भी कई स्टार्टअप्स में निवेश जारी रखा है। हाल ही में जिन स्टार्टअप्स को इस फर्म से फंडिंग मिली, उनमें शामिल हैं:

  • Scapia
  • RapidCanvas
  • Sarvagram
  • Atlys
  • Neo
  • Mokobara
  • Sarvam AI

इनमें से कई कंपनियाँ AI, फिनटेक और कंज़्यूमर ब्रांड्स से जुड़ी हैं — जो भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के सबसे हाई-ग्रोथ सेक्टर माने जाते हैं।


🌐 भारत और साउथईस्ट एशिया में फिर से VC एक्टिव

2025 की शुरुआत से ही भारत और साउथईस्ट एशिया में वेंचर कैपिटल फर्म्स दोबारा एक्टिव हो गई हैं। भले ही Q1 2025 में कुल स्टार्टअप फंडिंग स्थिर रही हो, लेकिन फंडरेज़िंग में कोई कमी नहीं आई है।

  • A91 Partners ने अपने तीसरे फंड को $665 मिलियन पर क्लोज किया
  • Accel ने $650 मिलियन का आठवां फंड अनाउंस किया
  • Bessemer Venture Partners ने $350 मिलियन का अर्ली-स्टेज फंड क्लोज किया
  • Fireside Ventures अपने चौथे फंड के लिए $230 मिलियन जुटाने की तैयारी में है

इससे स्पष्ट है कि अर्ली-स्टेज इन्वेस्टमेंट में अब एक नई लहर देखने को मिल रही है।


💡 क्यों खास है यह फंड?

Peak XV का नया फंड इसलिए भी खास है क्योंकि:

  • यह रीब्रांडिंग के बाद पहला फंड है
  • यह संकेत देता है कि फर्म अब भारत और SEA में लंबी अवधि की रणनीति के साथ लौट रही है
  • यह फंड अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स को टार्गेट करेगा — यानि नए इनोवेटर्स को बड़ी राहत

🔍 Peak XV की रणनीति क्या कहती है?

हालांकि Peak XV ने इस खबर पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह फंड:

  • Consumer Tech
  • AI और SaaS
  • Fintech
  • Healthcare जैसे सेक्टरों में निवेश कर सकता है।

इससे न केवल इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्टार्टअप्स को जल्द ग्रोथ और स्केल करने का मौका भी मिलेगा।


📌 निष्कर्ष: भारतीय स्टार्टअप्स के लिए सुनहरा अवसर

Peak XV का यह नया फंड न सिर्फ भारतीय स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग का बड़ा जरिया बनेगा, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि भारत आज भी ग्लोबल वेंचर कैपिटल लैंडस्केप में एक हॉट डेस्टिनेशन बना हुआ है।

जिन उद्यमियों के पास शानदार आइडिया हैं, यह फंड उनके सपनों को हकीकत में बदलने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।


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🎮 Blue Ocean Games ने लॉन्च किया $30 मिलियन का फंड,

Blue Ocean Games

दक्षिण कोरियाई गेमिंग दिग्गज Krafton Inc. द्वारा समर्थित Blue Ocean Games ने इंडी गेम डेवलपर्स के लिए $30 मिलियन (लगभग ₹250 करोड़) का एक नया फंड लॉन्च किया है। इस फंड का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर उभरते हुए गेम डेवलपर्स, खासकर भारत के टैलेंट को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना है।


🌍 क्या है Blue Ocean Games का नया फंड?

Blue Ocean Games एक वेंचर फंड है जिसकी स्थापना Damian Lee ने की है, जो पहले Krafton में हेड ऑफ इन्वेस्टमेंट्स रह चुके हैं। इस नए फंड के तहत Blue Ocean Games अगले तीन वर्षों में 100 डेवलपर्स को सपोर्ट करेगा।

इसका मुख्य फोकस उन इंडी गेम डेवलपर्स पर रहेगा जो अपने क्रिएटिव आइडियाज़ के साथ गेमिंग इंडस्ट्री में नई दिशा लाना चाहते हैं, लेकिन प्रारंभिक स्तर पर वित्तीय सहायता की कमी के कारण आगे नहीं बढ़ पाते।


💡 “SAIL” मॉडल क्या है?

Blue Ocean Games ने डेवलपर्स को सपोर्ट करने के लिए एक कस्टम इन्वेस्टमेंट मॉडल पेश किया है जिसे Structured Agreement for Indie Launch (SAIL) नाम दिया गया है।

इस मॉडल की मुख्य बातें:

  • कांसेप्ट स्टेज पर फंडिंग – डेवलपर्स को शुरुआती स्टेज पर, जब गेम का प्लेयबल बिल्ड भी तैयार नहीं होता, तभी फंडिंग प्रदान की जाएगी।
  • $100,000 तक की फंडिंग व्यक्तिगत डेवलपर्स के लिए उपलब्ध होगी।
  • $300,000 तक की फंडिंग टीमों को दी जा सकती है, जो दो साल की अवधि में जारी होगी।
  • डेवलपर्स अपनी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) पर पूर्ण स्वामित्व बनाए रखेंगे।
  • हाइब्रिड इक्विटी और रेवेन्यू-शेयरिंग मॉडल के ज़रिए निवेशकों और डेवलपर्स दोनों के हितों को संतुलित किया जाएगा।

इस मॉडल का लक्ष्य डेवलपर्स को रचनात्मक नियंत्रण देना है ताकि वे अपनी सोच के मुताबिक गेम बना सकें और साथ ही निवेशकों को भी रिटर्न मिल सके।


🇮🇳 भारत पर विशेष फोकस क्यों?

Krafton India के CEO Sean Hyunil Sohn ने बताया:

“भारत रचनात्मकता और तकनीकी कौशल का पावरहाउस है, लेकिन कई बेहतरीन आइडियाज शुरुआती समर्थन के अभाव में आगे नहीं बढ़ पाते। Blue Ocean Games एक ऐसा फॉरवर्ड-थिंकिंग इन्वेस्टमेंट मॉडल लेकर आया है जो इंडी डेवलपर्स को शुरुआती चरण में ही महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।”

भारत में गेमिंग इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, लेकिन शुरुआती दौर के कई डेवलपर्स को संसाधनों की कमी के चलते अपने प्रोजेक्ट्स बंद करने पड़ते हैं। इस फंड के ज़रिए Blue Ocean Games भारतीय गेमिंग टैलेंट को वैश्विक मंच तक पहुंचाने की दिशा में काम करेगा।


👥 डेवलपर्स को क्या सुविधाएं मिलेंगी?

फंडिंग के साथ-साथ Blue Ocean Games डेवलपर्स को कई प्रैक्टिकल सपोर्ट सर्विसेज भी प्रदान करेगा, जैसे:

  • कंपनी रजिस्ट्रेशन (Incorporation Assistance)
  • बुककीपिंग और अकाउंटिंग सपोर्ट
  • इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से मेंटरशिप
  • कोहोर्ट-आधारित प्रोग्राम ताकि डेवलपर्स एक कम्युनिटी के रूप में सीख सकें और एक-दूसरे के साथ अनुभव साझा कर सकें

इससे नए डेवलपर्स को न केवल वित्तीय बल्कि प्रोफेशनल मार्गदर्शन भी मिलेगा, जो गेम डेवलपमेंट के हर पहलू को मजबूत बनाएगा।


📈 शुरुआती डेवलपर्स से लेकर अनुभवी टीमों तक सपोर्ट

फिलहाल यह फंड सोलो डेवलपर्स और छोटी, पहली बार काम करने वाली टीमों के लिए अनुकूलित किया गया है। हालांकि, Blue Ocean Games भविष्य में बड़े और अधिक अनुभवी डेवलपर्स को सपोर्ट करने के लिए अलग फंड्स लॉन्च करने की योजना भी बना रहा है।

इसका उद्देश्य इंडस्ट्री के हर स्तर पर इनोवेशन को बढ़ावा देना और नए टैलेंट को स्थायित्व के साथ आगे बढ़ने का मौका देना है।


🎮 गेमिंग इंडस्ट्री के लिए क्या मायने रखता है यह कदम?

गेमिंग इंडस्ट्री में लगातार बदलाव और प्रतिस्पर्धा के बीच नए डेवलपर्स के लिए जगह बनाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। शुरुआती निवेश और मार्गदर्शन की कमी के चलते कई प्रतिभाशाली डेवलपर्स अपने क्रिएटिव आइडियाज़ को वास्तविकता में नहीं बदल पाते।

Blue Ocean Games का यह फंड:

  • नए डेवलपर्स को आर्थिक स्वतंत्रता देगा।
  • शुरुआती चरण में मिलने वाला मार्गदर्शन डेवलपर्स के प्रोडक्ट डेवलपमेंट को मजबूत करेगा।
  • भारतीय गेम डेवलपर्स को ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर देगा।
  • गेमिंग इकोसिस्टम में इनोवेशन को बढ़ावा देगा।

🔮 भविष्य की संभावनाएं

गेमिंग इंडस्ट्री में AI, VR/AR और क्लाउड-आधारित गेमिंग जैसे सेगमेंट तेजी से उभर रहे हैं। ऐसे में Blue Ocean Games जैसे प्लेटफॉर्म्स का इंडी डेवलपर्स को समर्थन देना भारतीय गेमिंग उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।

यह न केवल नए विचारों को पंख देगा, बल्कि भारत को वैश्विक गेमिंग हब के रूप में उभारने में भी मदद करेगा।


📢 निष्कर्ष

Blue Ocean Games का यह $30 मिलियन फंड भारतीय और वैश्विक गेम डेवलपर्स के लिए एक बड़ी उम्मीद लेकर आया है। इससे नए डेवलपर्स को वित्तीय सहायता, मेंटरशिप और अपना खुद का गेमिंग ब्रांड बनाने का अवसर मिलेगा।

अब देखना दिलचस्प होगा कि इस फंडिंग से कौन-कौन से नए और अनोखे गेम्स मार्केट में आते हैं, जो दुनिया भर के गेमर्स को लुभा पाएंगे।


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🐟 Captain Fresh को मिला ₹30 करोड़ का डेट फंडिंग

Captain Fresh

B2B सीफ़ूड मार्केटप्लेस Captain Fresh ने अपने आगामी IPO से पहले Trifecta Ventures से ₹30 करोड़ की डेट फंडिंग हासिल की है। यह फंडिंग कंपनी के विकास और विस्तार योजनाओं को गति देगी, खासकर तब जब वह अपने प्री-IPO राउंड के अंतिम चरण में है।

कंपनी ने 3,000 Series B5 गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स (NCDs) जारी करने का निर्णय लिया है, जिसे Trifecta Ventures Debt Fund खरीदेगा। यह जानकारी कंपनी द्वारा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) में दाखिल किए गए दस्तावेज़ों से सामने आई है।


🌐 Captain Fresh क्या करता है?

Captain Fresh एक आधुनिक फार्म-टू-रिटेल प्लेटफॉर्म है, जो मुख्य रूप से फिश, सीफ़ूड और शिप (भेड़) जैसे एनिमल प्रोटीन के क्षेत्र में काम करता है। कंपनी सीधे किसानों और एजेंट्स से प्रोडक्ट्स खरीदती है और इन्हें B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस), B2R (बिजनेस-टू-रिटेल) और B2B2C (बिजनेस-टू-बिजनेस-टू-कस्टमर) मॉडल के ज़रिए वितरित करती है।

इसका लक्ष्य पारंपरिक सप्लाई चेन को डिजिटलीकृत करना और ताजे प्रोटीन स्रोतों को तेज़ी से अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है।


💰 फाइनेंस में ग्रोथ और घाटे में कमी

Captain Fresh ने FY24 में ₹1,395 करोड़ का सकल राजस्व (GMV) दर्ज किया, जो पिछले साल FY23 के ₹817 करोड़ की तुलना में 71% की वृद्धि दर्शाता है। यह कंपनी के तेजी से बढ़ते मार्केट कैप्चर और ऑपरेशनल क्षमता का संकेत है।

हालांकि कंपनी अभी भी घाटे में है, लेकिन FY24 में इसका नेट लॉस ₹229 करोड़ रहा, जो कि FY23 की तुलना में 22% कम है। यह दर्शाता है कि कंपनी लागत नियंत्रण और लाभप्रदता की दिशा में प्रगति कर रही है।


🏦 Trifecta Ventures से डेट फंडिंग क्यों?

Trifecta Ventures एक प्रमुख वेंचर डेट फर्म है जो स्टार्टअप्स को इक्विटी डायल्यूशन के बिना पूंजी प्रदान करती है। Captain Fresh के लिए यह डेट फंडिंग इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि:

  • यह प्री-IPO तैयारी के लिए वित्तीय स्थिरता प्रदान करता है।
  • कंपनी को अपने संचालन का विस्तार करने, तकनीक में निवेश करने और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत करने में मदद करेगा।
  • डेट फंडिंग से कंपनी की वैल्यूएशन पर कोई असर नहीं होता, जो IPO से पहले एक रणनीतिक कदम है।

💹 IPO की तैयारी जोरों पर: ₹2,900-3,300 करोड़ का लक्ष्य

Captain Fresh इस साल के अंत तक IPO फाइल करने की योजना बना रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने Axis Capital और Bank of America (BofA) को अपने IPO के लिए लीड बैंकर नियुक्त किया है।

प्रस्तावित IPO का आकार $350–400 मिलियन (₹2,900–3,300 करोड़) के बीच होने की उम्मीद है। यह भारत के सीफ़ूड और प्रोटीन वितरण सेगमेंट में पहला बड़ा सार्वजनिक निर्गम हो सकता है, जो निवेशकों के लिए भी एक नया अवसर है।


🧠 रणनीति: टेक्नोलॉजी + एग्रीगेशन + रिटेल

Captain Fresh की सफलता की चाबी उसकी टेक-ड्रिवन एप्रोच में छिपी है। कंपनी सप्लाई चेन को स्मार्ट डेटा, ट्रैकिंग, और गुणवत्ता नियंत्रण के साथ जोड़कर एक सस्टेनेबल B2B मॉडल चला रही है।

इसके साथ-साथ, कंपनी अपने नेटवर्क को रिटेल और होलसेल तक फैला रही है, जिससे उसे विविध ग्राहक आधार से डील करने और रेवेन्यू चैनल्स को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलती है।


🧾 फंडिंग हिस्ट्री: लगातार निवेशकों की रुचि

Captain Fresh पहले भी कई निवेशकों से फंडिंग जुटा चुका है। कुछ प्रमुख राउंड्स:

  • 2022 में Series C राउंड में $50 मिलियन (Sequoia Capital India, Accel, Tiger Global सहित निवेशकों से)
  • 2023 में Series D राउंड में $20 मिलियन की पूंजी जुटाई गई थी।

अब तक Captain Fresh ने लगभग $100 मिलियन से अधिक की इक्विटी फंडिंग जुटाई है और अब डेट फंडिंग के ज़रिए पूंजीगत ज़रूरतों को पूरा कर रहा है।


🔍 निष्कर्ष: IPO से पहले Captain Fresh की मज़बूत तैयारी

Captain Fresh की ओर से ₹30 करोड़ की ताज़ा डेट फंडिंग यह दर्शाती है कि कंपनी IPO से पहले वित्तीय रूप से मज़बूत और स्ट्रक्चरली तैयार होना चाहती है।

इसका मजबूत GMV ग्रोथ, घाटे में कमी और तकनीक-आधारित बिजनेस मॉडल इसे एक मजबूत दावेदार बनाते हैं आने वाले IPO बाजार में।

अब सबकी नजर इस बात पर होगी कि कंपनी अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) कब दाखिल करती है और निवेशक इसके प्रस्ताव को किस रूप में अपनाते हैं।

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