🚖 Evera Cabs ने BluSmart की 500 इलेक्ट्रिक टैक्सियों पर किया कब्ज़ा,

Evera Cabs

नई दिल्ली, अप्रैल 2025 — भारत के प्रमुख इलेक्ट्रिक कैब सेवा प्रदाताओं में से एक Evera Cabs (Prakriti Mobility) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए BluSmart द्वारा संचालित 500 इलेक्ट्रिक टैक्सियों को पुनः अधिग्रहित (repossess) करना शुरू कर दिया है। यह कदम BluSmart द्वारा प्रमुख शहरों में अपनी सेवाएं स्थगित करने के बाद उठाया गया है।

अब तक Evera ने 220 टैक्सियों को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है, जबकि बाकी 280 टैक्सियां आने वाले दिनों में उनके पास वापस आ जाएंगी। इस अधिग्रहण के साथ ही Evera देश की सबसे अग्रणी इलेक्ट्रिक टैक्सी सेवा के रूप में उभरने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है, विशेषकर एयरपोर्ट मोबिलिटी सेगमेंट में।


📉 BluSmart की गिरावट, Evera के लिए अवसर

BluSmart, जिसे BP Ventures और Mayfield जैसे बड़े निवेशकों का समर्थन प्राप्त था, हाल के महीनों में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में अपनी सेवाएं स्थगित करने को मजबूर हो गई। इसके साथ ही कंपनी को अपने ड्राइवर पार्टनर्स की नाराजगी, बकाया भुगतान और नौकरी छूटने जैसे मुद्दों का सामना करना पड़ा।

ऐसे मुश्किल हालातों में Evera ने मौके को भांपते हुए BluSmart की टैक्सियों को अपने नेटवर्क में शामिल करने की रणनीति बनाई है।


🚗 1,000 BluSmart टैक्सियों को टारगेट कर रहा है Evera

Evera ने प्रेस रिलीज़ में बताया कि वह BluSmart की कुल 1,000 टैक्सियों को अधिग्रहण करने की योजना पर काम कर रहा है। इस समय कंपनी का फोकस दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र, खासकर इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर केंद्रित है।

Evera ने बताया कि यह अधिग्रहण एक मल्टी-स्टेज स्ट्रैटेजिक प्लान का हिस्सा है, जिससे कंपनी दिल्ली-एनसीआर में एयरपोर्ट कैब सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।


✈️ एयरपोर्ट सर्विस पर फोकस

Evera Cabs एक ऑल-इलेक्ट्रिक, ऐप-आधारित टैक्सी सेवा है जो 2022 से B2B सेगमेंट में काम कर रही है। वर्तमान में कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 से अपनी सेवाएं देती है, लेकिन अब BluSmart की टैक्सियों को शामिल करने के बाद, Evera का लक्ष्य सभी टर्मिनलों पर सेवा देने का है।

यह कदम कंपनी की टर्नअराउंड टाइम सुधारने और यात्रियों को बेहतर गाड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा।


👨‍✈️ ड्राइवर भी कर रहे हैं Evera में ट्रांजिशन

सिर्फ गाड़ियों का अधिग्रहण ही नहीं, बल्कि Evera ने BluSmart के ड्राइवरों को भी अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया है। अब तक लगभग 150 पूर्व BluSmart ड्राइवर Evera के लिए ट्रिप्स कंप्लीट कर चुके हैं। कंपनी का कहना है कि यह संख्या अगले चरण में और बढ़ेगी।

इस ट्रांजिशन से ना सिर्फ Evera को अनुभवी ड्राइवर मिल रहे हैं, बल्कि BluSmart के ड्राइवरों को भी नई नौकरी और आय का अवसर मिल रहा है।


🔧 क्या है Evera की रणनीति?

Evera की इस योजना के दो प्रमुख चरण हैं:

चरण 1:

  • BluSmart की टैक्सियों का अधिग्रहण
  • एयरपोर्ट ऑपरेशन को तुरंत मजबूत बनाना
  • टर्मिनल 3 से शुरू करके अन्य टर्मिनलों पर विस्तार

चरण 2:

  • सभी एयरपोर्ट टर्मिनलों पर सेवा देना
  • बेड़े में नई गाड़ियों के साथ पूरे NCR में विस्तार
  • यात्रियों के लिए बेहतर सर्विस एक्सपीरियंस देना

📊 क्या कहता है बाजार?

भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर सरकारी स्तर पर भी जोर दिया जा रहा है। EV नीति, FAME स्कीम, और बैटरी स्वैपिंग पॉलिसीज़ जैसी पहलों के चलते इलेक्ट्रिक कैब सर्विसेज़ का भविष्य उज्जवल नजर आता है।

ऐसे में Evera का यह कदम उसे मार्केट लीडरशिप की ओर ले जा सकता है, खासकर तब जब BluSmart जैसी कंपनियां चुनौतियों से जूझ रही हैं।


🧠 निष्कर्ष

Evera Cabs का BluSmart की 500 इलेक्ट्रिक टैक्सियों का अधिग्रहण करना केवल एक व्यवसायिक सौदा नहीं, बल्कि एक रणनीतिक विस्तार है। यह कदम दिल्ली-एनसीआर के तेजी से बढ़ते एयरपोर्ट मोबिलिटी मार्केट में उसकी स्थिति को और मजबूत करेगा।

जहां एक ओर BluSmart अपनी सेवाएं समेट रही है, वहीं दूसरी ओर Evera उसे मौके में बदलते हुए न सिर्फ गाड़ियों को, बल्कि ड्राइवरों और ग्राहकों को भी अपने साथ जोड़ने में लगी है।

आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या Evera इस अधिग्रहण को स्मूदली स्केल कर पाती है, और क्या यह उसे भारत की नंबर 1 इलेक्ट्रिक टैक्सी कंपनी बना पाती है।

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🤝 Accel ने प्रमोट किए दो नए पार्टनर

Accel

भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम में सक्रिय वेंचर कैपिटल फर्म Accel ने अपने दो अनुभवी निवेशक—प्रतीक अग्रवाल और रचित पारेख को पार्टनर पद पर प्रमोट करने की घोषणा की है। यह कदम फर्म की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वह अनुभवी टैलेंट को नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपकर अपनी ग्रोथ को मजबूत बनाना चाहती है।


🧑‍💼 छह सालों से Accel का हिस्सा हैं दोनों

प्रतीक अग्रवाल और रचित पारेख पिछले छह वर्षों से Accel के साथ जुड़े हुए हैं। इस दौरान उन्होंने न केवल निवेश रणनीति (Investment Strategy) को दिशा दी, बल्कि शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स के साथ काम करके फाउंडर एंगेजमेंट और पोर्टफोलियो निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई।

Accel के मुताबिक, यह प्रमोशन उनकी लगातार मेहनत और गहरी समझ का नतीजा है, जिससे फर्म को कई मोर्चों पर फायदा हुआ है।


💼 निवेश रणनीति और फाउंडर्स से मजबूत रिश्ते

प्रतीक और रचित, दोनों ने Accel के लिए स्टार्टअप्स को समझने, फाउंडर्स को गाइड करने और सही समय पर रणनीतिक निवेश करने में अहम भूमिका निभाई है।

इनकी विशेषज्ञता खासकर एर्ली-स्टेज स्टार्टअप इन्वेस्टमेंट में रही है। यही वो समय होता है जब स्टार्टअप को सबसे ज़्यादा मेंटरशिप और फाइनेंशियल गाइडेंस की जरूरत होती है।


📢 Accel का आधिकारिक ऐलान

Accel ने इस प्रमोशन की जानकारी अपने X (पूर्व में Twitter) अकाउंट के जरिए साझा की। उन्होंने कहा:

“यह प्रमोशन हमारी उस दीर्घकालिक रणनीति के अनुरूप है, जिसमें हम ऐसे अनुभवी निवेशकों के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं जो फर्म के मूल्यों और दृष्टिकोण को गहराई से समझते हैं।”

Accel ने यह भी साफ किया कि दोनों नए पार्टनर मौजूदा टीम के साथ मिलकर काम करते रहेंगे और भविष्य के इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज को खोजने में सक्रिय रहेंगे।


🇮🇳 भारत में Accel की मजबूत पकड़

Accel का भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में काफी पुराना और गहरा योगदान रहा है। कंपनी ने अब तक Flipkart, Swiggy, Freshworks जैसी दर्जनों यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स को शुरुआती चरण में फंडिंग दी है।

इनमें से कई कंपनियां आज ना केवल भारत बल्कि ग्लोबल स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं। Accel का मानना है कि शुरुआती दौर में सही स्टार्टअप्स को पहचानना और उन्हें सपोर्ट करना, लॉन्ग टर्म सक्सेस की कुंजी है।


📈 पहले भी कई पार्टनर प्रमोशन कर चुका है Accel

यह पहली बार नहीं है जब Accel ने अपनी टीम में प्रमोशन किया हो। इससे पहले 2019 में, फर्म ने भारत में तीन प्रिंसिपल्स को पार्टनर बनाया था:

  • अभिनव चतुर्वेदी
  • प्रयंक स्वरूप
  • बरथ शंकर

इन प्रमोशन्स से यह साफ होता है कि Accel हमेशा अपनी इन-हाउस टैलेंट ग्रोथ पॉलिसी पर भरोसा करता है। फर्म में प्रतिभा और परफॉर्मेंस को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने की एक मजबूत संस्कृति है।


💰 2024 में लॉन्च हुआ Accel का आठवां फंड

Accel ने इसी साल जनवरी 2024 में अपना आठवां फंड (Accel Fund VIII) लॉन्च किया, जिसकी वैल्यू $650 मिलियन (लगभग ₹5,400 करोड़) है।

यह फंड खासतौर पर भारत और साउथईस्ट एशिया के शुरुआती स्टेज स्टार्टअप्स में निवेश के लिए रखा गया है। फर्म की योजना है कि वह इस पूंजी का इस्तेमाल नए, इनोवेटिव और स्केलेबल बिजनेस मॉडलों को सपोर्ट करने में करेगी।


🚀 फाउंडर्स को मिलेगा और मज़बूत सपोर्ट

प्रतीक और रचित की प्रमोशन से उन स्टार्टअप फाउंडर्स को काफी फायदा मिलने वाला है जो Accel के साथ जुड़े हुए हैं या भविष्य में जुड़ना चाहते हैं।

दोनों पार्टनर्स ने पहले भी फाउंडर्स को स्ट्रैटेजी, स्केलिंग, प्रोडक्ट डेवेलपमेंट और ग्रोथ में मदद की है। अब पार्टनर की भूमिका में, उनकी भागीदारी और भी निर्णायक होगी।


📝 निष्कर्ष: नेतृत्व की नई परत के साथ Accel तैयार भविष्य के लिए

Accel का यह निर्णय एक बार फिर यह साबित करता है कि फर्म ना केवल बाहर के स्टार्टअप्स में निवेश करती है, बल्कि अपनी टीम में भी निवेश करने में यकीन रखती है

प्रतीक अग्रवाल और रचित पारेख जैसे पेशेवरों को लीडरशिप में लाकर, Accel ने यह सुनिश्चित किया है कि आने वाले सालों में वह और अधिक स्टार्टअप्स को स्मार्ट फंडिंग और सही मार्गदर्शन देने में सक्षम हो सकेगी।

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Quarterly Funding Report Sep 24: भारतीय स्टार्टअप्स ने दिखाया शानदार प्रदर्शन, $4 बिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई

Quarterly Funding Report

2024 की तीसरी तिमाही में भारतीय स्टार्टअप्स ने एक बार फिर मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इस तिमाही में स्टार्टअप्स ने कुल $4 बिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई, जो पिछले क्वार्टर के लगभग बराबर है और साल की पहली तिमाही की तुलना में काफी बेहतर है। इस फंडिंग की सफलता के पीछे कई बड़े सौदे और प्री-IPO राउंड्स का अहम योगदान रहा। शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को मिले भारी समर्थन से यह साफ हो गया है कि निवेशकों का भारतीय स्टार्टअप्स पर भरोसा बरकरार है, जो मौजूदा फंडिंग विंटर के बावजूद निवेश को बढ़ावा दे रहा है।

TheKredible के डेटा के अनुसार, भारतीय स्टार्टअप्स ने Q3 2024 में लगभग $4.08 बिलियन की फंडिंग जुटाई। इनमें 85 ग्रोथ और लेट-स्टेज डील्स के जरिए $3.3 बिलियन, जबकि 207 शुरुआती चरण के डील्स से $754.26 मिलियन शामिल हैं। इसके अलावा, 58 डील्स की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। इस तिमाही के दौरान तीन नए यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स—Ather, Rapido, और Moneyview—की एंट्री हुई, जिससे 2024 में कुल छह नए यूनिकॉर्न्स बने, जो सभी बेंगलुरु आधारित हैं। तुलनात्मक रूप से, 2023 में केवल दो स्टार्टअप्स ने यूनिकॉर्न का दर्जा प्राप्त किया था, जबकि 2022 में 26 और 2021 में 44 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न बने थे।

निवेश और डील्स का विश्लेषण

Q3 2024 में भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल 352 डील्स में $4.08 बिलियन जुटाए, जो पिछले क्वार्टर के 363 डील्स में जुटाए गए $4.27 बिलियन से मामूली कम है। पिछले सात क्वार्टर्स में यह दूसरा सबसे अधिक फंडिंग वाला क्वार्टर रहा। अगर महीनेवार देखा जाए, तो सितंबर में स्टार्टअप्स ने $1.63 बिलियन जुटाए, जो जून में रिकॉर्ड किए गए $1.92 बिलियन के बाद दूसरे स्थान पर है।

2024 के पहले नौ महीनों में भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल $11 बिलियन की फंडिंग जुटाई, जो पिछले साल यानी 2023 में पूरे साल में जुटाए गए कुल $11 बिलियन के बराबर है।

शीर्ष ग्रोथ-स्टेज और शुरुआती चरण की डील्स

इस तिमाही में सबसे बड़ी ग्रोथ-स्टेज डील Zepto द्वारा रही, जिसने $340 मिलियन जुटाए। इसके अलावा, DMI Finance ने $334 मिलियन जुटाए। PhysicsWallah, Rapido, OYO और Whatfix जैसे अन्य प्रमुख स्टार्टअप्स ने भी बड़ी राशि हासिल की। खास बात यह है कि शीर्ष 10 ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स में से प्रत्येक ने $100 मिलियन से अधिक जुटाए हैं। इनमें Purplle, Drip Capital, M2P Fintech, और InMobi शामिल हैं।

शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स में, नवीकरणीय ऊर्जा सेवाओं वाली कंपनी BluePine ने $28.8 मिलियन जुटाकर शीर्ष स्थान हासिल किया। इसके बाद Nutrix AI, Kinetic Green, Simple Energy, और Even जैसे स्टार्टअप्स का नंबर रहा। ये सभी शुरुआती चरण के शीर्ष स्टार्टअप्स में शामिल रहे।

मर्जर और अधिग्रहण में वृद्धि

मर्जर और अधिग्रहण (M&A) की गतिविधियां भी इस तिमाही में ऊंचाई पर रहीं। Q3 2024 में कुल 54 M&A डील्स हुईं, जो Q1 और Q2 के संयुक्त 55 डील्स के लगभग बराबर हैं। OYO ने G6 Hospitality को $525 मिलियन में खरीदा, जो इस तिमाही का सबसे बड़ा अधिग्रहण रहा। Zomato ने Paytm के मूवी और टिकटिंग बिजनेस को $244 मिलियन में खरीदा। OYO ने Checkmyguest का भी अधिग्रहण $27.4 मिलियन में किया। अन्य प्रमुख M&A में Nazara द्वारा Pokerbaazi और Kiddopia का अधिग्रहण, Redcliffe Labs द्वारा Celara Diagnostics का अधिग्रहण, HomeLane द्वारा Design Cafe का अधिग्रहण और ENIL (Radio Mirchi के मालिक) द्वारा Gaana का अधिग्रहण शामिल रहा।

शहर और सेक्टरवार डील्स

बेंगलुरु एक बार फिर भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में सबसे आगे रहा। इस तिमाही में बेंगलुरु के 122 स्टार्टअप्स ने $1.38 बिलियन जुटाए, जो कुल फंडिंग का 34% हिस्सा है। वहीं, दिल्ली-NCR ने 91 डील्स के जरिए $1.3 बिलियन जुटाए, जो कुल फंडिंग का 32% रहा। मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, और पुणे जैसे शहर भी इस सूची में शामिल हैं। खासतौर पर, मुंबई के स्टार्टअप्स ने कुल फंडिंग का 21% से अधिक योगदान दिया।

सेक्टर की बात करें तो, फिनटेक स्टार्टअप्स सबसे आगे रहे, जिन्होंने कुल 61 डील्स में $1.15 बिलियन जुटाए। ई-कॉमर्स, हेल्थटेक, SaaS, और AI से जुड़े स्टार्टअप्स भी इस सूची में शामिल रहे। खास बात यह है कि ऑटोमोटिव टेक स्टार्टअप्स ने SaaS और हेल्थटेक से अधिक राशि जुटाई। वहीं, एग्रीटेक, फूडटेक, एडटेक, और प्रॉपटेक सेक्टर में फंडिंग में गिरावट देखी गई।

छंटनी और बंद होने वाली कंपनियां

हालांकि फंडिंग में सुधार हुआ है, लेकिन कुछ स्टार्टअप्स ने कर्मचारियों की छंटनी की। Q3 2024 में 10 कंपनियों ने 1,200 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, जो Q2 में 2,200 कर्मचारियों की छंटनी की तुलना में कम है। कुल मिलाकर, 2024 के पहले नौ महीनों में लगभग 4,500 कर्मचारियों की छंटनी हुई है, जो 2023 के 24,000 और 2022 के 20,000 कर्मचारियों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।

वहीं, इस तिमाही में आठ स्टार्टअप्स ने अपने ऑपरेशन्स बंद करने की घोषणा की, जिनमें Koo, Wynk Music, और Greenikk जैसे नाम शामिल हैं।

सितंबर 2024 की तिमाही में फिनटेक सेक्टर ने सबसे अधिक बढ़त दिखाई। इस सेक्टर के 61 स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर $1.15 बिलियन की फंडिंग जुटाई, जो कि सभी सेक्टर्स में सबसे अधिक है। इसके अलावा, ई-कॉमर्स, हेल्थटेक, SaaS (Software as a Service), और AI सेक्टर्स भी प्रमुख रहे, जहां अच्छी खासी फंडिंग मिली।

हालांकि, ऑटोमोटिव टेक सेक्टर ने फंडिंग के मामले में SaaS और हेल्थटेक से भी अधिक राशि जुटाई, जो एक महत्वपूर्ण बदलाव दिखाता है। दूसरी ओर, एग्रीटेक, फूडटेक, एडटेक, और प्रॉपटेक सेक्टर्स में गिरावट देखी गई, जहां फंडिंग में कमी रही।

इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेक्टर में भी अच्छी बढ़त देखी गई, जो कुल फंडिंग का लगभग 5% हिस्सा रहा।

सितंबर 2024 की तिमाही में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेक्टर ने कुल फंडिंग में महत्वपूर्ण योगदान दिया। EV सेक्टर ने कुल फंडिंग का लगभग 5% हिस्सा जुटाया। इस तिमाही में कुछ प्रमुख EV स्टार्टअप्स ने बड़े निवेश प्राप्त किए। खासतौर पर, Kinetic Green और Simple Energy जैसे शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स ने भी अच्छा-खासा निवेश हासिल किया, जिससे EV सेक्टर में बढ़ती दिलचस्पी और निवेशकों का भरोसा साफ झलकता है।

EV सेक्टर भारत में तेजी से बढ़ रहा है, और यह फंडिंग में अन्य प्रमुख सेक्टर्स जैसे SaaS और हेल्थटेक के मुकाबले भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, जो इस क्षेत्र के भविष्य की संभावनाओं को दर्शाता है।

सितंबर 2024 की तिमाही में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेक्टर से जुड़े कुछ प्रमुख स्टार्टअप्स ने महत्वपूर्ण फंडिंग हासिल की। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:

  1. Kinetic Green – यह EV सेक्टर का प्रमुख स्टार्टअप है, जिसने इस तिमाही में बड़ी फंडिंग प्राप्त की। यह कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और सस्टेनेबल मोबिलिटी समाधान प्रदान करने पर केंद्रित है।
  2. Simple Ehttps://www.atherenergy.com/nergy – यह स्टार्टअप भी EV सेक्टर में अग्रणी है, जो हाई-पर्फॉर्मेंस इलेक्ट्रिक स्कूटर्स का निर्माण करता है। इसने शुरुआती चरण की फंडिंग में अच्छा निवेश जुटाया है।

इनके अलावा, Ather Energy भी EV सेक्टर के प्रमुख स्टार्टअप्स में से एक है, जिसने Q3 2024 में यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया

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