Palo Alto (कैलिफोर्निया) स्थित ऑन्कोलॉजी AI स्टार्टअप RISA Labs ने अपने फंडिंग राउंड में $3.5 मिलियन (लगभग ₹29 करोड़) जुटाए हैं। इस निवेश का नेतृत्व किया है Flipkart के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल ने।
इस फंडिंग राउंड में अन्य निवेशकों में शामिल हैं:
- Oncology Ventures
- General Catalyst
- z21 Ventures
- ODD BIRD VC
- एंजेल इन्वेस्टर आशीष गुप्ता
🎯 कंपनी का उद्देश्य: भारत में 100 कैंसर सेंटर्स तक पहुंच
Risa Labs का लक्ष्य है कि इस पूंजी का उपयोग करते हुए अगले दो वर्षों में भारत के 100 कैंसर उपचार केंद्रों में अपने AI समाधानों की तैनाती की जाए।
यह कदम भारत जैसे देश में जहाँ कैंसर के इलाज में देरी और संसाधनों की कमी एक आम चुनौती है, वहाँ तकनीकी हस्तक्षेप से जीवन बचाने की दिशा में बड़ा बदलाव ला सकता है।
🤖 क्या है Risa Labs और इसका BOSS प्लेटफॉर्म?
Risa Labs, जिसकी स्थापना क्षितिज जग्गी और कुमार शिवांग ने की है, एक SaaS आधारित AI कंपनी है जो कैंसर उपचार प्रक्रियाओं को स्वचालित (automate) करने के लिए काम करती है।
कंपनी का फ्लैगशिप प्रोडक्ट है – BOSS (Better Oncology Support System)
यह एक AI-संचालित वर्कफ़्लो ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य है:
- कैंसर उपचार की जटिल प्रक्रियाओं को छोटे-छोटे माइक्रोटास्क में बांटना
- इन कार्यों को इंटेलिजेंट एजेंट्स (LLMs, डिजिटल ट्विन्स, और रिइंफोर्समेंट लर्नर्स) के ज़रिए निष्पादित करना
- इससे पूरे संस्थान के सॉफ़्टवेयर इकोसिस्टम में एक समानांतर डिजिटल वर्कफोर्स खड़ा किया जा सकता है
🧠 तकनीकी विशेषताएं: Agentic AI और Digital Twins का कमाल
BOSS प्लेटफॉर्म का आधार है अत्याधुनिक तकनीक:
- Agentic AI – जो निर्णय ले सकती है और कार्यों को स्वतः निष्पादित कर सकती है
- Digital Twins – हर रीयल वर्ल्ड प्रोसेस का वर्चुअल रिव्यू व प्रतिरूप
- LLMs (Large Language Models) – जटिल मेडिकल डॉक्युमेंट्स को समझने और कार्रवाई योग्य निर्देशों में बदलने की क्षमता
यह सारी तकनीकें मिलकर ह्यूमन मेडिकल टीमों के साथ मिलकर काम करती हैं, जिससे इलाज में लगने वाला समय कम होता है और देखभाल की गुणवत्ता बढ़ती है।
🏥 भारत में कैंसर केयर की ज़रूरत
भारत में हर साल 13 लाख से अधिक कैंसर केस रिपोर्ट होते हैं। लेकिन:
- विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी
- प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी
- और हैंडलिंग इरर के चलते इलाज में देरी होती है
Risa Labs जैसी तकनीकी कंपनियाँ इस अंतर को भर सकती हैं। एक AI-सहायक सिस्टम डॉक्टरों को:
- प्राथमिकताओं को जल्दी तय करने
- डॉक्यूमेंटेशन को ऑटोमेट करने
- और मरीजों की प्रोसेसिंग तेज़ करने में मदद करता है
💬 संस्थापकों की सोच
Risa Labs के को-फाउंडर क्षितिज जग्गी ने कहा:
“हमारा उद्देश्य है कि हम तकनीक का उपयोग करके कैंसर के इलाज की जटिलताओं को सरल बनाएं। BOSS जैसी AI टेक्नोलॉजी हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को समय पर निर्णय लेने और मरीजों को बेहतर अनुभव देने में सक्षम बनाती है।”
📊 निवेशकों की रणनीति और भरोसा
बिन्नी बंसल जैसे अनुभवी टेक लीडर्स और जनरल कैटालिस्ट जैसे वैश्विक निवेशकों का Risa Labs में निवेश यह दर्शाता है कि:
- AI in Healthcare एक तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है
- भारत जैसे देशों में इस तकनीक की व्यावहारिक उपयोगिता और स्केलेबिलिटी बहुत अधिक है
- फंडिंग केवल पूंजी नहीं, बल्कि रणनीतिक मार्गदर्शन और विस्तार का संकेत भी है
🌍 ग्लोबल विज़न लेकिन भारत प्राथमिकता
भले ही Risa Labs की शुरुआत अमेरिका में हुई हो, लेकिन इसका ध्यान भारत के:
- मध्यम और छोटे शहरों में कैंसर सेंटर्स
- सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के साथ इंटीग्रेशन
- और AI के लोकलाइज़्ड अनुप्रयोग पर है
यह मॉडल भारत के डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत एक AI-संचालित स्वास्थ्य प्रणाली की ओर एक कदम है।
📌 निष्कर्ष
Risa Labs का यह फंडिंग राउंड सिर्फ एक स्टार्टअप के ग्रोथ की कहानी नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि अब भारत में हेल्थकेयर और AI का मेल जीवन बदल सकता है।
कैंसर जैसे घातक रोगों की पहचान, योजना और उपचार में अगर तकनीक साथ आए, तो सिर्फ सिस्टम ही नहीं, बल्कि मरीजों की ज़िंदगियाँ भी बदल सकती हैं।
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