Utopia Therapeutics को मिला $1.5 मिलियन का फंड,

Utopia Therapeutics

हैदराबाद स्थित बायोटेक स्टार्टअप Utopia Therapeutics ने मोटापा और मेटाबॉलिक बीमारियों के इलाज के लिए अगली पीढ़ी की वैक्सीन विकसित करने हेतु $1.5 मिलियन (लगभग ₹12.5 करोड़) की सीड फंडिंग हासिल की है। यह निवेश अमेरिकी इन्वेस्टमेंट फर्म Whale Tank द्वारा किया गया है। इस फंडिंग का उपयोग कंपनी अपने प्रमुख वैक्सीन कैंडिडेट UT009 के प्रीक्लिनिकल विकास को तेज़ करने के लिए करेगी।


💡 क्या है Utopia Therapeutics?

Utopia Therapeutics की स्थापना वर्ष 2024 में उदय सक्सेना और गोपी कडियाला ने मिलकर की थी। यह स्टार्टअप मोटापा (Obesity) और उससे जुड़ी क्रॉनिक मेटाबॉलिक बीमारियों जैसे टाइप 2 डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और फैटी लिवर डिज़ीज के इलाज** के लिए इम्यूनोथेरेपी आधारित अगली पीढ़ी की वैक्सीन पर काम कर रहा है।


🧬 UT009: मोटापे के खिलाफ पहली वैक्सीन?

Utopia Therapeutics का प्रमुख उत्पाद UT009, एक इम्यूनोथेरेप्यूटिक वैक्सीन है, जिसे वज़न बढ़ने की जड़ में जाकर समाधान देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है। यह वैक्सीन शरीर में लिपिड-असोसिएटेड एंटीजन को निशाना बनाकर फैट जमा होने की प्रक्रिया को धीमा या समाप्त करने में सक्षम है।

कंपनी का दावा है कि UT009 न केवल मोटापा कम करने में सहायक होगी, बल्कि मेटाबॉलिक हेल्थ सुधारने में भी मदद करेगी। यह मौजूदा दवाओं से अलग है, जो अक्सर केवल भूख कम करने या वज़न घटाने तक सीमित होती हैं।


🧪 फंडिंग का उपयोग कहां होगा?

प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, Whale Tank से प्राप्त फंड का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  • UT009 के प्रीक्लिनिकल परीक्षणों को तेज़ करना
  • Regulatory toxicology studies की तैयारी
  • IND (Investigational New Drug) फ़ाइलिंग के लिए ज़रूरी मील के पत्थर तक पहुँचना
  • मानव परीक्षणों (Phase I clinical trials) के लिए तैयारी

🧫 नवाचार के ज़रिए समाधान

Utopia Therapeutics के सह-संस्थापकों का मानना है कि मोटापा एक वैश्विक महामारी बन चुका है और वर्तमान में उपलब्ध उपचार विकल्प सीमित हैं।

उदय सक्सेना और गोपी कडियाला ने कहा:

“मोटापा सिर्फ एक जीवनशैली की समस्या नहीं, बल्कि एक जटिल बायोलॉजिकल डिसऑर्डर है। हमारी वैक्सीन मोटापे की मूल वजहों को निशाना बनाती है, जिससे मरीजों को लंबे समय तक समाधान मिल सके। Whale Tank का यह निवेश हमें इस विज्ञान को लैब से अस्पतालों तक पहुंचाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद करेगा।”


🧪 क्या है UT018 प्रोडक्ट लाइन?

UT009 के अलावा, कंपनी अपनी UT018-बेस्ड रीजेनेरेटिव प्रोडक्ट लाइन पर भी काम कर रही है, जो GRAS-क्वालिफाइड (Generally Recognized As Safe) और नॉन-फार्मास्युटिकल एप्लिकेशन्स के अंतर्गत आती है।

UT018 उत्पादों को स्केल-अप और कमर्शियलाइज़ करने की योजना भी तैयार की जा रही है, ताकि स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए नेचुरल और सुरक्षित समाधान पेश किए जा सकें।


🌍 मोटापे की वैश्विक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, विश्वभर में हर 3 में से 1 व्यक्ति मोटापे से प्रभावित है, और भारत भी इस महामारी से अछूता नहीं है। मोटापा न केवल डायबिटीज़ और हृदय रोग जैसी बीमारियों को बढ़ावा देता है, बल्कि इससे कामकाजी जीवन और आर्थिक उत्पादकता पर भी बुरा असर पड़ता है।

ऐसे में Utopia Therapeutics जैसे स्टार्टअप्स का आगे आना, एक आशाजनक बदलाव की ओर संकेत करता है।


📈 बायोटेक सेक्टर में बढ़ती दिलचस्पी

भारत में बायोटेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को लेकर निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। खासकर हेल्थकेयर और मेटाबॉलिक डिजीज जैसे सेक्टर्स में नवाचार आधारित समाधान की मांग तेजी से बढ़ रही है। Whale Tank जैसे निवेशकों का Utopia Therapeutics में निवेश करना इस बात का प्रमाण है कि नए वैज्ञानिक दृष्टिकोणों को अब बाज़ार में वास्तविक संभावनाओं के रूप में देखा जा रहा है


📌 निष्कर्ष

Utopia Therapeutics का UT009 भारत और दुनिया के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। मोटापे जैसी गंभीर बीमारी के लिए वैक्सीन आधारित उपचार अब तक केवल एक सपना था, जिसे अब वैज्ञानिक सच्चाई में बदला जा रहा है।

Whale Tank से मिली फंडिंग न केवल स्टार्टअप को आगे बढ़ने का रास्ता देगी, बल्कि भविष्य में भारत को क्रॉनिक बीमारियों के इलाज में वैश्विक लीडर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम हो सकती है।


📢 FundingRaised.in पर पढ़ते रहें बायोटेक, हेल्थकेयर और डीप-टेक स्टार्टअप्स से जुड़ी ताज़ा खबरें हिंदी में — हर सप्ताह, विस्तार से।

Read more :💼 Darwinbox ने तीसरी बार किया ESOP बायबैक,

📱 PhonePe IPO की तैयारी में जुटी, $15 बिलियन वैल्यूएशन पर जुटा सकती है $1.5 बिलियन

phonePe

भारत की प्रमुख फिनटेक यूनिकॉर्न PhonePe जल्द ही IPO (Initial Public Offering) के लिए ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल करने की योजना बना रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अगस्त 2025 तक DRHP (Draft Red Herring Prospectus) दाखिल कर सकती है और इसका लक्ष्य है $1.5 बिलियन तक जुटाने का, जिसकी संभावित वैल्यूएशन $15 बिलियन आंकी जा रही है।


🧑‍💼 कंपनी का नेतृत्व और निवेशक प्रोफाइल

PhonePe की स्थापना समीर निगम के नेतृत्व में हुई थी और आज यह देश की सबसे बड़ी UPI भुगतान कंपनी बन चुकी है। दिसंबर 2023 में, PhonePe ने $1 बिलियन की फंडिंग राउंड का हिस्सा बनते हुए $100 मिलियन की पूंजी जुटाई थी, तब इसकी प्री-मनी वैल्यूएशन $12 बिलियन थी।

PhonePe के मुख्य निवेशकों में शामिल हैं:

  • Walmart (मुख्य शेयरधारक)
  • Microsoft
  • General Atlantic
  • Tiger Global
  • Ribbit Capital
  • TVS Capital
  • Tencent
  • Qatar Investment Authority

💳 भारत में सबसे बड़ा UPI खिलाड़ी

PhonePe वर्तमान में भारत में सबसे बड़ा UPI ऐप है, जो हर दिन 310 मिलियन से अधिक UPI ट्रांजेक्शन प्रोसेस करता है। कंपनी का बाजार में 46.7% से अधिक हिस्सेदारी है, जो इसे भारतीय डिजिटल भुगतान परिदृश्य में निर्विवाद नेता बनाता है।


📈 वित्तीय प्रदर्शन: FY24 की झलक

FY24 (वित्त वर्ष 2023-24) में PhonePe ने शानदार प्रदर्शन किया:

  • 📊 राजस्व (Revenue): ₹5,000 करोड़ से अधिक
  • 📉 नुकसान में कमी: FY23 की तुलना में 28.6% की गिरावट के साथ ₹1,996 करोड़ का घाटा

यह सुधार दर्शाता है कि PhonePe अपनी ग्रोथ और ऑपरेशनल एफिशिएंसी के बीच संतुलन बनाने में सफल रहा है।


🌍 ‘रिवर्स फ्लिप’: भारत वापसी की रणनीति

PhonePe ने IPO की तैयारी के तहत अक्टूबर 2022 में अपना डोमिसाइल (मुख्यालय) सिंगापुर से भारत स्थानांतरित कर लिया था। यह कदम Flipkart से अलग होकर स्वतंत्र संचालन की दिशा में एक निर्णायक पहल थी।

PhonePe उन भारतीय स्टार्टअप्स में शामिल है जिन्होंने ‘रिवर्स फ्लिप’ के ज़रिए अपनी कंपनियों को भारत में दोबारा रजिस्टर किया है। इससे पहले Razorpay, Groww, Zepto और Meesho जैसे स्टार्टअप भी यह कदम उठा चुके हैं।


🛡️ PhonePe का बिजनेस विस्तार: पेमेंट्स से परे

हालांकि PhonePe की मुख्य आय UPI और डिजिटल पेमेंट्स से आती है, कंपनी ने हाल के वर्षों में अपने बिजनेस मॉडल का विस्तार किया है:

  • 💳 क्रेडिट (लोन) सर्विसेस
  • 🛡️ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स
  • 📈 स्टॉक ब्रोकिंग और इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म

इन नई पेशकशों के ज़रिए PhonePe फिनटेक सेक्टर के व्यापक हिस्से को कवर कर रहा है और अपने रेवेन्यू के स्रोतों को विविध बना रहा है।


🧾 IPO की रणनीति और संभावित असर

PhonePe का IPO भारत के फिनटेक स्टार्टअप्स के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। $1.5 बिलियन के लक्ष्य के साथ यह 2025 का सबसे बड़ा IPO में से एक बन सकता है।

विश्लेषकों का मानना है कि:

  • भारत में डिज़िटल भुगतान की भारी वृद्धि ने PhonePe को जबरदस्त स्केल पर पहुंचा दिया है।
  • ✅ IPO से प्राप्त पूंजी कंपनी को क्रेडिट और इंश्योरेंस जैसी नई श्रेणियों में और तेज़ी से निवेश करने का अवसर देगी।
  • ✅ भारत सरकार की फिनटेक-सहायक नीतियों और डिजिटल इंडिया अभियान के कारण ऐसी कंपनियों को पूंजी बाजार में मजबूत समर्थन मिल रहा है।

💡 विशेषज्ञों की राय

वित्तीय जानकारों के अनुसार, PhonePe की IPO योजना दो कारणों से खास है:

  1. स्थिर उपयोगकर्ता आधार और ट्रांजेक्शन वॉल्यूम के कारण कंपनी के फंडामेंटल मजबूत हैं।
  2. डिजिटल क्रांति और UPI इकोसिस्टम में उसकी लीडरशिप, इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है।

🔍 निष्कर्ष

PhonePe का IPO सिर्फ एक और पब्लिक लिस्टिंग नहीं है, बल्कि यह भारत के फिनटेक स्टार्टअप्स की परिपक्वता और वैश्विक निवेशकों के भरोसे का प्रतीक भी है। कंपनी की तकनीकी मजबूती, विविध रेवेन्यू मॉडल और तेज़ी से बढ़ते उपयोगकर्ता आधार को देखते हुए यह पेशकश निश्चित रूप से निवेशकों की नज़रों में रहेगी।

जैसे-जैसे अगस्त 2025 नज़दीक आएगा, सभी की निगाहें इस IPO पर टिकी रहेंगी।


📌 FundingRaised.in के साथ जुड़े रहें ताकि आप PhonePe और अन्य प्रमुख स्टार्टअप्स के IPO और फंडिंग अपडेट्स की हर बड़ी खबर सबसे पहले जान सकें।

Read more :🏠 PharmEasy के पूर्व को-फाउंडर्स ने लॉन्च किया ‘All Home’

🏠 PharmEasy के पूर्व को-फाउंडर्स ने लॉन्च किया ‘All Home’

PharmEasy

भारत के हेल्थटेक यूनिकॉर्न PharmEasy के तीन पूर्व को-फाउंडर्स — धर्मिल शेट्ठ, धवल शाह और हार्दिक देधिया — ने अब कंज्यूमर स्पेस में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने मिलकर लॉन्च किया है All Home, जो एक वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म है आर्किटेक्चरल और इंटीरियर डिज़ाइन प्रोडक्ट्स के लिए।

All Home का उद्देश्य भारत के बिखरे हुए होम इंटीरियर सेक्टर को संगठित और टेक्नोलॉजी से सशक्त बनाना है, ताकि उपभोक्ताओं को सैनिटरीवेयर, फर्नीचर, किचन, वॉर्डरोब, फर्निशिंग, लाइटिंग और हार्डवेयर जैसी तमाम ज़रूरतों का समाधान एक ही जगह पर मिल सके।


🛋️ क्या है All Home और इसका विज़न?

All Home अपने प्लेटफॉर्म के ज़रिए मजबूत और लाभदायक होम इंप्रूवमेंट ब्रांड्स को जोड़ रहा है। यह इन ब्रांड्स को टेक्नोलॉजी, डिज़ाइनर इनसाइट्स, और इंटरनेट-चालित मैन्युफैक्चरिंग व डिस्ट्रीब्यूशन में सहयोग करता है।

स्टार्टअप पहले से ही Colour Coats, House of W और Fiamarc जैसे ब्रांड्स के साथ लाइव हो चुका है, और आने वाले समय में और भी ब्रांड्स जुड़ने वाले हैं।

कंपनी का दावा है कि वह पिछले छह महीनों से स्टील्थ मोड में ऑपरेट कर रही थी, और इस दौरान ही उसने ऑपरेशनल प्रॉफिटेबिलिटी और स्केल हासिल कर लिया है।


💬 फाउंडर्स का बयान: “अब ‘मकान’ की बारी है”

तीनों को-फाउंडर्स ने एक साझा बयान में कहा:

“रोटी और कपड़ा के बाद भारत का अगला कंज्यूमर बूम ‘मकान’ में है। All Home के ज़रिए हम ऐसे ब्रांड्स बना रहे हैं जो भारत के घरों, ऑफिसों और शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए भरोसेमंद समाधान पेश करें। आज के उपभोक्ता अपने रहने और काम करने की जगहों में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सही प्रोडक्ट्स और चैनल्स नहीं मिलते। All Home इसी गैप को भरने का काम करेगा।”


💰 Bessemer के नेतृत्व में $120 मिलियन वैल्यूएशन पर फंडिंग

All Home ने हाल ही में एक गोपनीय फंडिंग राउंड भी क्लोज़ किया है, जिसका नेतृत्व किया है Bessemer Venture Partners ने। यह निवेश कंपनी के $120 मिलियन से अधिक वैल्यूएशन पर हुआ है।

इस राउंड में कई जाने-माने एंजल इन्वेस्टर्स ने भी भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:

  • सिद्धार्थ शाह (PharmEasy)
  • निकेत शाह (Motilal Oswal)
  • शालिभद्र शाह (Motilal Oswal)
  • कबीर नरंग (B Capital)
  • अंकुर गुलाटी (Warburg Pincus)

हालांकि कंपनी ने फंडिंग का सटीक आंकड़ा नहीं बताया, लेकिन Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक यह राशि लगभग $20 मिलियन हो सकती है।


📉 PharmEasy छोड़ने के 5 महीने बाद नई शुरुआत

यह डिवेलपमेंट ऐसे समय आया है जब धर्मिल शेट्ठ, धवल शाह और हार्दिक देधिया ने PharmEasy को पूरी तरह से अलविदा कह दिया है। उन्होंने करीब 5 महीने पहले फार्मईज़ी से औपचारिक रूप से अलग होकर अपने इस नए वेंचर की नींव रखी थी।

गौरतलब है कि PharmEasy की हालत पिछले वित्तीय वर्ष यानी FY24 में खराब रही, जहां कंपनी को राजस्व में गिरावट और वैल्यूएशन में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। FY25 के आंकड़े अब तक सार्वजनिक नहीं हुए हैं।

अब कंपनी की कमान सिद्धार्थ शाह के पास है, जो पहले PharmEasy के को-फाउंडर्स में शामिल थे और अब CEO की भूमिका में हैं।


🏡 क्यों है All Home पर नज़र रखना ज़रूरी?

भारत में होम इम्प्रूवमेंट इंडस्ट्री तेजी से विकसित हो रही है। उपभोक्ता अब सिर्फ प्रोडक्ट नहीं, बल्कि अनुभव और डिजाइन की भी तलाश कर रहे हैं। लेकिन इस क्षेत्र में अब तक कोई बड़ा ब्रांडेड और टेक्नोलॉजी-समर्थित समाधान नहीं था।

All Home इस गैप को भरने की दिशा में एक सशक्त और संगठित प्रयास है। यह न सिर्फ ब्रांड्स को डिजिटल रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी एक सुविधाजनक और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहा है।


📊 इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि All Home जैसी पहल भारत के शहरी और सेमी-अर्बन इलाकों में होम रेनोवेशन और डिज़ाइन मार्केट को नया आकार दे सकती है। खासकर ऐसे समय में जब डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन और डाइरेक्ट-टू-कंज्यूमर ब्रांड्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।


🔚 निष्कर्ष

All Home केवल एक नया स्टार्टअप नहीं है, बल्कि यह भारत के ‘मकान’ फोकस्ड कंज्यूमर बूम को दिशा देने वाला अगला बड़ा ब्रांड बन सकता है। PharmEasy के अनुभवी को-फाउंडर्स द्वारा शुरू किया गया यह वेंचर अब एक संगठित, डिज़ाइन-फोकस्ड और टेक्नोलॉजी-सपोर्टेड होम इंटीरियर इकोसिस्टम बनाने की ओर अग्रसर है।

आने वाले महीनों में, All Home की ग्रोथ और नए ब्रांड पार्टनरशिप्स इस इंडस्ट्री के भविष्य को काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं।


📌 जुड़े रहें FundingRaised.in के साथ ताकि आप स्टार्टअप्स, फंडिंग्स, और नए बिज़नेस इनोवेशंस की हर बड़ी खबर सबसे पहले जान सकें!

Read more :🏥 Pristyn Care का तेज़ी से बढ़ता अस्पताल

🏥 Pristyn Care का तेज़ी से बढ़ता अस्पताल

Pristyn Care

हेल्थटेक स्टार्टअप Pristyn Care ने भारत के तीन प्रमुख शहरों — गुड़गांव, हैदराबाद और कोच्चि — में अपने तीन नए डिजिटल इंटीग्रेटेड अस्पतालों के लॉन्च के साथ अपने हॉस्पिटल नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया है। इस कदम के साथ ही Pristyn Care की खुद की अस्पतालों की कुल संख्या 8 हो गई है — और ये सब सिर्फ चार महीनों के अंदर हुआ है।

यह विस्तार Pristyn Care की दक्षिण भारत में पहली एंट्री को भी चिह्नित करता है। कंपनी का कहना है कि वह अब 200,000 वर्ग फुट के क्लिनिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को संचालित कर रही है, जिसमें शामिल हैं:

  • 400 बेड
  • 20 से अधिक मॉड्यूलर ऑपरेटिंग थिएटर
  • 50+ आईसीयू बेड्स
  • 550+ मेडिकल प्रोफेशनल्स की टीम

📍 फरवरी में हुआ था पहला लॉन्च, अब चार महीने में 8 अस्पताल

Pristyn Care ने फरवरी 2025 में पहली बार अपने 5 अस्पताल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लॉन्च किए थे, जो कि कंपनी की अब तक की एसेट-लाइट मॉडल से एक बड़ा बदलाव था। इससे पहले Pristyn Care अलग-अलग हॉस्पिटल पार्टनर्स के साथ मिलकर सर्जरी सेवाएं देती थी, लेकिन अब कंपनी खुद की सुविधाओं में इलाज दे रही है।

अब कंपनी ने गुड़गांव, हैदराबाद और कोच्चि में 90,000 स्क्वायर फीट का नया इन्फ्रास्ट्रक्चर जोड़ा है, जो डिजिटल टूलिंग और बेहतर क्लिनिकल इंटीग्रेशन के साथ लैस है।


💡 क्या है Pristyn Care के डिजिटल अस्पतालों की खासियत?

Pristyn Care का हर अस्पताल कंपनी के मालिकाना डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ा है, जिसमें शामिल हैं:

  • 📲 रियल-टाइम क्लिनिकल अलर्ट
  • 📁 EMRs (Electronic Medical Records)
  • ⏱️ तेज़ डिस्चार्ज प्रोसेस
  • वन-टैप इंश्योरेंस अप्रूवल

Pristyn Care के को-फाउंडर डॉ. वैभव कपूर ने कहा:

“हम नई शुरुआत नहीं कर रहे हैं — हमारी तकनीक पहले से बनी और लाइव है। अब हमारा लक्ष्य इसे हर नए अस्पताल में एकीकृत करना है, ताकि मरीजों को कम प्रतीक्षा समय, स्पष्ट संवाद और एकीकृत देखभाल का अनुभव मिल सके।”


🏥 शहर-विशेष सेवाएं: हर अस्पताल की अपनी विशेषज्ञता

  1. गुड़गांव (NCR) – महिलाओं के स्वास्थ्य और नवजात देखभाल पर फोकस; NCR में Pristyn Care की यह छठी सुविधा है।
  2. हैदराबाद24×7 ट्रॉमा केयर, हाई-टेक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी और आपातकालीन सेवाएं।
  3. कोच्चिएमरजेंसी केयर के साथ एक अनूठा रिवरसाइड रिहैब विंग, खासतौर पर केरल के मरीजों के लिए।

📈 पहला अस्पताल बना मुनाफे का मॉडल

दिल्ली में Pristyn Care का पहला अस्पताल लॉन्च के सिर्फ 8 हफ्तों में प्रॉफिटेबल हो गया था। कंपनी का कहना है कि यह डबल डिजिट मुनाफे तक पहुंच गया है, जो किसी भी हेल्थकेयर स्टार्टअप के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।


🎯 FY28 तक 50 अस्पतालों का लक्ष्य

Pristyn Care अब भारत भर में अपने अस्पताल नेटवर्क को तेज़ी से बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। कंपनी का लक्ष्य है कि FY28 तक कुल 50 अस्पताल शुरू किए जाएं। आगामी लॉन्च के लिए मुंबई, बेंगलुरु और पुणे को चुना गया है।


💬 विशेषज्ञों की राय

हेल्थटेक इंडस्ट्री के जानकार मानते हैं कि Pristyn Care का यह बदलाव भारत में सर्जिकल हेल्थकेयर डिलिवरी मॉडल को दोबारा परिभाषित कर सकता है। डिजिटल इंटीग्रेशन के ज़रिए मरीजों को:

  • 📉 कम प्रतीक्षा समय,
  • 🧾 पारदर्शी बिलिंग,
  • 🔄 बेहतर फॉलो-अप केयर मिलती है।

🔚 निष्कर्ष

Pristyn Care ने चार महीनों में 8 अस्पताल शुरू कर एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है। कंपनी का फोकस अब देशव्यापी नेटवर्क स्थापित करने पर है, जो तकनीक से समर्थित हो और बेहतर रोगी अनुभव प्रदान करे। गुड़गांव से लेकर कोच्चि तक, Pristyn Care न केवल अस्पताल बना रहा है बल्कि भारत में हेल्थकेयर का भविष्य भी रच रहा है।


📌 अपडेट रहें — आने वाले महीनों में मुंबई, पुणे और बेंगलुरु में Pristyn Care के नए अस्पतालों की लॉन्चिंग की खबरें भी सामने आएंगी।

Read more :💸 इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $197.71 मिलियन,

💸 इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $197.71 मिलियन,

भारतीय स्टार्टअप्स

बीते सप्ताह भारतीय स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग के लिहाज से काफी हलचलभरा रहा। कुल मिलाकर 17 भारतीय स्टार्टअप्स ने लगभग $197.71 मिलियन (करीब ₹1,650 करोड़) की फंडिंग जुटाई, जिनमें 7 ग्रोथ-स्टेज और 8 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल रहीं। दो स्टार्टअप्स ने अपनी फंडिंग का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया।

🚀 ग्रोथ-स्टेज डील्स: Aspora और WIOM सबसे आगे

ग्रोथ और लेट-स्टेज स्टार्टअप्स ने इस सप्ताह कुल $138.7 मिलियन की फंडिंग जुटाई। इनमें सबसे बड़ा निवेश Aspora को मिला जिसने $53 मिलियन जुटाए। यह राउंड Sequoia और Greylock ने को-लीड किया।

  • WIOM ने $35 मिलियन जुटाए, जिसमें Accel और Prosus ने निवेश किया।
  • Spinny को WestBridge Capital से $30.6 मिलियन की Series F फंडिंग मिली।
  • Mahaveer Finance ने ₹200 करोड़ (~$23.1 मिलियन) जुटाए।
  • अन्य उल्लेखनीय डील्स: CLR Facility, RenewBuy, और Okinawa Scooters

🌱 अर्ली-स्टेज डील्स: Techfino और Oben Electric ने दिखाई मजबूती

अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर $24 मिलियन जुटाए। इनमें सबसे बड़ी फंडिंग Techfino को मिली जिसने $7.5 मिलियन जुटाए।

  • अन्य स्टार्टअप्स: Oben Electric, Dugar Finance, Saswat Finance, Illumine Edtech
  • One Hand Clap Media और Xportel ने भी निवेश हासिल किया, लेकिन राशि सार्वजनिक नहीं की गई।

📍 शहर और सेगमेंट आधारित विश्लेषण

  • बेंगलुरु में सबसे ज़्यादा 6 डील्स हुईं, इसके बाद दिल्ली-एनसीआर में 5 डील्स दर्ज की गईं।
  • मुंबई, चेन्नई, और पुणे भी फंडिंग पाने वाले शहरों में शामिल रहे।

सेगमेंट-आधारित रुझान:

  • फिनटेक सबसे आगे रहा जिसमें 6 डील्स हुईं।
  • EV स्टार्टअप्स की 2 डील्स रही।
  • अन्य सेगमेंट्स: टेलीकॉम, साइबर सिक्योरिटी, मोबिलिटी, एडटेक, इंश्योरटेक।

🔄 सीरीज़ आधारित निवेश

  • Series B और Seed चरण में सबसे ज़्यादा 3-3 डील्स हुईं।
  • अन्य राउंड्स में Series A, pre-Series A, Series F आदि शामिल रहे।

📊 भारतीय स्टार्टअप्स साप्ताहिक तुलना और ट्रेंड

  • इस सप्ताह कुल फंडिंग $197.71 मिलियन रही, जो पिछले सप्ताह के $184.75 मिलियन से 7% अधिक है।
  • पिछले आठ हफ्तों का औसत फंडिंग आंकड़ा $228.35 मिलियन रहा है, जिसमें प्रति सप्ताह औसतन 22 डील्स हुई हैं।

🧑‍💼 नियुक्तियां और इस्तीफे

  • Honasa (Mamaearth) ने Yatish Bhargava को Chief Business Officer नियुक्त किया।
  • GyanDhan ने Aman Jain को Co-founder पद पर प्रमोट किया।
  • Pocket Entertainment ने Umesh Bude को CTO बनाया।

इस्तीफे:

  • ShareChat के Chief Business Officer Gaurav Jain ने इस्तीफा दिया।
  • Swiggy के Driver Org के वरिष्ठ उपाध्यक्ष Shalabh Shrivastava ने भी पद छोड़ा।

🤝 मर्जर और अधिग्रहण

  • Razorpay ने POP UPI ऐप में निवेश कर बहुमत हिस्सेदारी हासिल की।
  • InCred Money ने Stocko को ₹300 करोड़ में अधिग्रहित किया।
  • Krutrim AI ने BharatSahAIyak का अधिग्रहण किया।

💰 नए फंड्स की घोषणा

  • Atomic Capital ने ₹350 करोड़ के उपभोक्ता-केंद्रित फंड की घोषणा की।
  • HealthQuad Fund III ने $300 मिलियन जुटाने का लक्ष्य रखा है।
  • Steptrade Capital ने ₹1,000 करोड़ के AIF की पहली क्लोजिंग की।

🆕 लॉन्च और पार्टनरशिप्स

  • ZOFF Foods ने Reliance Retail के साथ मिलकर ready-to-cook कैटेगरी में प्रवेश किया।
  • Simplilearn ने लॉन्च किया AI-पावर्ड करियर कोच SimpliMentor GPT
  • Swiggy ने शुरू किया ट्रैवल और लाइफस्टाइल ऐप Crew
  • Virohan ने Orange Health Labs के साथ साझेदारी की 76 शहरों में MLT प्लेसमेंट के लिए।

📉 फाइनेंशियल अपडेट्स

  • Capillary Technologies ने FY25 में प्रॉफिट दर्ज किया।
  • Urban Company का FY25 में रेवेन्यू ₹1,144 करोड़ और PBT ₹28.5 करोड़ रहा।

📰 इस सप्ताह की बड़ी खबरें

  • Delhivery ने लॉन्च किया on-demand delivery ऐप Delhivery Direct
  • Capillary Technologies ने ₹430 करोड़ के IPO के लिए DRHP दाखिल किया।
  • SEBI ने स्टार्टअप्स के लिए IPO नियमों में ESOP और reverse-flipping में ढील दी।
  • MakeMyTrip $2.5 बिलियन जुटाकर Trip.com की हिस्सेदारी आधी करेगा।

📦 समापन

इस सप्ताह भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में फंडिंग और अधिग्रहण की गतिविधियां तेज़ रहीं। Delhivery, Aspora, Spinny, Urban Company, और MakeMyTrip जैसी कंपनियों ने सुर्खियाँ बटोरीं, वहीं SEBI की नई नीतियों से स्टार्टअप्स के लिए IPO की राह और आसान हो गई है।

Read more :🏠 Urban Company की दमदार वापसी

✈️ MakeMyTrip जुटाए $2.5 बिलियन

MakeMyTrip

ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग प्लेटफॉर्म MakeMyTrip ने एक बड़ी वित्तीय रणनीति की घोषणा की है। कंपनी $2.5 बिलियन (लगभग ₹20,000 करोड़) से अधिक जुटाने जा रही है, जिसका मकसद चीन आधारित निवेशक Trip.com Group से आंशिक हिस्सेदारी वापस खरीदना है। यह कदम MakeMyTrip के चीनी प्रभाव को कम करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।


💼 क्या है पूरा मामला?

MakeMyTrip ने अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज NASDAQ में फाइलिंग करते हुए जानकारी दी है कि कंपनी 1.4 करोड़ इक्विटी शेयरों का प्राइमरी ऑफरिंग लॉन्च कर रही है। इसके अलावा, कंपनी $1.25 बिलियन के कन्वर्टिबल नोट्स भी जारी करेगी।

यह फंडिंग दो मुख्य हिस्सों में होगी:

  1. इक्विटी शेयरों से लगभग $1.27–1.3 बिलियन की राशि जुटने की संभावना है, अगर ये मौजूदा शेयर प्राइस ($100.88) से 10% डिस्काउंट पर बिकते हैं।
  2. $1.25 बिलियन के कन्वर्टिबल नोट्स, जिन्हें भविष्य में इक्विटी में बदला जा सकता है।

दोनों मिलाकर MakeMyTrip के पास लगभग $2.5 बिलियन की राशि उपलब्ध होगी, जो विशेष रूप से Trip.com से Class B शेयरों को वापस खरीदने में इस्तेमाल की जाएगी।


🇨🇳 क्यों घटा रही है MakeMyTrip चीनी निवेश?

Trip.com, जो कि शंघाई स्थित ग्लोबल OTA कंपनी है, फिलहाल MakeMyTrip में सबसे बड़ा बाहरी निवेशक है। उसके पास:

  • 1.07 करोड़ ऑर्डिनरी शेयर
  • 3.96 करोड़ क्लास B सीरीज शेयर

कुल मिलाकर, Trip.com के पास MakeMyTrip के 45.34% वोटिंग अधिकार हैं।

अब MakeMyTrip की योजना है:

  • Trip.com की हिस्सेदारी को लगभग आधा कर देना (20% से थोड़ा अधिक)
  • इससे कंपनी को मिलेगा भारतीय स्वामित्व की स्पष्टता और रणनीतिक स्वतंत्रता

🔍 Trip.com ने कब और कैसे निवेश किया?

Trip.com ने पहली बार 2016 में MakeMyTrip में निवेश किया था। लेकिन इसका प्रभाव तब और बढ़ गया जब 2019 में Naspers के साथ हुए इक्विटी स्वैप में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 49% तक पहुंच गई। Naspers ने यह हिस्सेदारी तब ली थी जब उसने Ibibo Group को MakeMyTrip के साथ मर्ज किया था।


🇮🇳 भारत में कंपनियों द्वारा चीनी निवेश में कटौती का ट्रेंड

MakeMyTrip की यह रणनीति भारतीय टेक और स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक चलन को दर्शाती है, जहां कंपनियाँ चीनी निवेशकों के प्रभाव को कम करने की दिशा में सक्रिय हो गई हैं

कुछ प्रमुख उदाहरण:

  • Paytm ने Alibaba के Ant Group की हिस्सेदारी 25% से घटाकर 5% कर दी
  • Zomato ने Alibaba और Fosun से पूरी तरह से एग्जिट दिलवाया
  • Delhivery, BigBasket और Pratilipi ने भी अपने चीनी निवेशकों को निकासी का अवसर दिया

यह बदलाव भारत के भूराजनीतिक और नियामकीय वातावरण में हुए परिवर्तनों के कारण सामने आया है, जिसमें डेटा सुरक्षा और विदेशी स्वामित्व को लेकर चिंताएं प्रमुख हैं।


📈 MakeMyTrip की मजबूत वापसी

MakeMyTrip ने COVID-19 महामारी के बाद जबरदस्त रिकवरी दिखाई है।

FY25 की प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • कुल राजस्व $978 मिलियन, जो कि पिछले वर्ष से 25% अधिक है
  • मुनाफा $95.2 मिलियन, जो महामारी से पहले के स्तर से भी बेहतर है
  • भारत में ट्रैवल डिमांड में तेजी – ‘revenge travel’ ट्रेंड और बिजनेस ट्रैवल की वापसी ने कंपनी को लाभ पहुँचाया

🔍 रणनीतिक दृष्टिकोण से क्यों अहम है यह फैसला?

Trip.com जैसे ग्लोबल दिग्गज के साथ साझेदारी होने के बावजूद, MakeMyTrip अब एक आत्मनिर्भर और स्केलेबल ब्रांड बन चुका है।

इस डील के संभावित फायदे:

  • चीनी नियंत्रण में कमी
  • भारतीय निवेशकों और रेगुलेटर्स के बीच भरोसे में वृद्धि
  • भविष्य में IPO या स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप की आज़ादी
  • कॉर्पोरेट गवर्नेंस में पारदर्शिता

हालांकि, Trip.com अब भी कुछ हिस्सेदारी रखेगा, लेकिन MakeMyTrip अब उससे किसी रणनीतिक निर्भरता में नहीं रहेगा।


📌 निष्कर्ष: MakeMyTrip का आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

MakeMyTrip का यह कदम ना सिर्फ वित्तीय दृष्टि से मजबूत है, बल्कि यह भारत में चल रहे ‘स्वदेशी नियंत्रण’ और विदेशी निर्भरता से बाहर निकलने के रुझान को भी दर्शाता है।

आने वाले महीनों में देखें:

  • इस फंडरेज़िंग का बाजार पर क्या असर पड़ता है
  • Trip.com की शेष हिस्सेदारी को लेकर भविष्य की रणनीति
  • MakeMyTrip की नई ग्रोथ योजनाएं – घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

✈️ भारत के ट्रैवल टेक क्षेत्र की यह कहानी आगे भी दिलचस्प मोड़ ले सकती है। ऐसे ही अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए FundingRaised.in के साथ।

Read more :🇮🇳 Meta इंडिया को मिला नया लीडर Arun Srinivas बने नए मैनेजिंग डायरेक्टर

🇮🇳 Meta इंडिया को मिला नया लीडर Arun Srinivas बने नए मैनेजिंग डायरेक्टर

Arun Srinivas

सोशल मीडिया दिग्गज Meta (पूर्व में Facebook) ने भारत में अपनी नेतृत्व टीम को नया रूप देते हुए Arun Srinivas को मेटा इंडिया का नया मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड नियुक्त किया है। वर्तमान में वे मेटा के भारत में एडवरटाइजिंग बिज़नेस के डायरेक्टर और हेड के रूप में कार्यरत हैं और 1 जुलाई 2025 से अपनी नई भूमिका निभाएंगे।


👤 कौन हैं Arun Srinivas?

Arun Srinivas भारत के कॉर्पोरेट और टेक्नोलॉजी जगत में एक जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने Unilever, Ola, और WestBridge Capital जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में वरिष्ठ भूमिकाएं निभाई हैं।

उनके करियर की प्रमुख झलकियाँ:

  • Unilever में वाइस प्रेसिडेंट के रूप में लंबा कार्यकाल
  • WestBridge Capital में कंज्यूमर सेक्टर के इन्वेस्टमेंट लीडर
  • Ola में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) और ग्लोबल चीफ मार्केटिंग ऑफिसर
  • Meta India में 2022 से एडवर्टाइजिंग बिज़नेस हेड के रूप में कार्यरत

🎯 मेटा इंडिया में नई जिम्मेदारियां

अरुण श्रीनिवास अब मेटा इंडिया के सभी प्लेटफॉर्म्स – Facebook, Instagram, WhatsApp और Threads – के बिज़नेस ग्रोथ, रेवन्यू स्ट्रेटेजी और पब्लिक एंगेजमेंट की निगरानी करेंगे।

वे कंपनी के भारत में AI आधारित समाधानों, Reels और मैसेजिंग बिजनेस को और आगे बढ़ाने पर फोकस करेंगे।

उनका मुख्य फोकस होगा:

  • भारतीय मार्केट में मेटा की हिस्सेदारी को मजबूत करना
  • कंटेंट क्रिएटर्स और विज्ञापनदाताओं के साथ नई साझेदारियाँ
  • AI और Reels के माध्यम से यूजर एंगेजमेंट को बढ़ाना
  • बिजनेस और कम्युनिटी बिल्डिंग में मेटा के टूल्स का विस्तार

🧭 किसे रिपोर्ट करेंगे अरुण श्रीनिवास?

वे इस नई भूमिका में भी संध्या देवनाथन को रिपोर्ट करेंगे, जो वर्तमान में मेटा की इंडिया उपाध्यक्ष हैं और हाल ही में उन्हें साउथईस्ट एशिया बिजनेस की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।

यह बदलाव मेटा के भारत और एशिया-पैसिफिक स्तर पर रणनीतिक पुनर्गठन का हिस्सा माना जा रहा है।


🏛️ भारत में Meta के सामने चुनौतियाँ भी कम नहीं

अरुण श्रीनिवास की यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब मेटा भारत सरकार और रेग्युलेटरी बॉडीज़ के साथ टकराव के दौर से गुजर रहा है।

प्रमुख विवाद:

  • Competition Commission of India (CCI) ने मेटा पर प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार को लेकर जुर्माना लगाया था
  • WhatsApp को डेटा शेयरिंग पर पांच वर्षों के लिए सीमित किया गया
  • निजता और यूज़र डेटा के उपयोग पर उठे सवाल

इन चुनौतियों के बीच मेटा को एक ऐसे लीडर की ज़रूरत थी जो बिजनेस के साथ-साथ रेग्युलेटरी लैंडस्केप को भी बेहतर ढंग से समझे। अरुण श्रीनिवास का अनुभव इस दिशा में उपयोगी साबित हो सकता है।


📊 भारत में मेटा का महत्व

भारत मेटा के लिए दुनिया के सबसे बड़े यूज़र बेस में से एक है।

  • Facebook – भारत में 300 मिलियन से अधिक यूज़र्स
  • Instagram – युवाओं और कंटेंट क्रिएटर्स का फेवरेट प्लेटफॉर्म
  • WhatsApp – देश का सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप
  • Threads – Twitter/X का अल्टरनेटिव बनने की कोशिश में

अरुण की नई जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना होगा कि ये सभी प्लेटफॉर्म भारत में सुरक्षित, रेग्युलेटेड और कमर्शियल रूप से सफल बनें।


🗣️ क्या बोले मेटा के अधिकारी?

मेटा एशिया-पैसिफिक प्रमुख डैन नीरी (Dan Neary) ने कहा:

“अरुण श्रीनिवास का अनुभव और नेतृत्व भारत जैसे विविध और जटिल मार्केट में मेटा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हम उनके नए रोल की घोषणा करते हुए उत्साहित हैं।”


🔮 आगे की राह

भारत जैसे बाजार में जहां डेटा सुरक्षा, यूज़र प्राइवेसी और टेक कंपनियों की जवाबदेही पर चर्चा बढ़ रही है, वहां कॉर्पोरेट नेतृत्व की भूमिका बेहद अहम हो जाती है।

अरुण श्रीनिवास को न सिर्फ कंपनी के बिज़नेस को स्केल करना होगा, बल्कि सरकार, रेग्युलेटर, कंटेंट क्रिएटर्स और यूज़र्स के साथ संतुलन भी साधना होगा।


📌 निष्कर्ष: मेटा इंडिया के लिए नए युग की शुरुआत

अरुण श्रीनिवास की नियुक्ति को मेटा इंडिया की रणनीतिक दिशा में एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। उनके पास कंज्यूमर मार्केट, डिजिटल एडवर्टाइजिंग और बिजनेस ऑपरेशंस में गहरा अनुभव है, जो उन्हें इस नई भूमिका के लिए पूरी तरह उपयुक्त बनाता है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि वह कैसे भारत में मेटा को एक इनोवेटिव, रेग्युलेटरी कम्प्लायंट और यूज़र-फर्स्ट ब्रांड के रूप में स्थापित करते हैं।


📲 ऐसी ही और टेक और स्टार्टअप लीडरशिप से जुड़ी ख़बरों के लिए जुड़े रहिए FundingRaised.in के साथ।

read more :Nuvie, पहली फंडिंग राउंड में जुटाए ₹3.8 करोड़,

Nuvie, पहली फंडिंग राउंड में जुटाए ₹3.8 करोड़,

Nuvie

भारत के हेल्थ फूड और बेवरेज सेगमेंट में एक नई हलचल देखने को मिली है। F&B (फूड एंड बेवरेज) स्टार्टअप Nuvie ने अपनी पहली प्री-सीड फंडिंग राउंड में ₹3.8 करोड़ ($450K) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व PedalStart ने किया है, जिसमें कई चर्चित एंजल इन्वेस्टर्स जैसे माइन्त्र, Cult.fit और Nurix के फाउंडर मुकेश बंसल, Ayyappan R, Chanakya Gupta, और Arun Sharma भी शामिल हुए।


🚀 फंडिंग का मकसद क्या है?

कंपनी ने बताया है कि इस पूंजी का इस्तेमाल मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्यों में किया जाएगा:

  • नए उत्पादों का विकास
  • ब्रांड बिल्डिंग और कंटेंट क्रिएशन
  • डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का विस्तार
  • ऑनलाइन मौजूदगी को मजबूत करना
  • तेजी से ग्रोथ के अवसरों को भुनाना

🧠 कौन हैं इसके फाउंडर?

Nuvie की स्थापना मई 2024 में प्रशांत पालीवाल और हेम नारायण ने की थी। दोनों का विज़न है कि हेल्दी ईटिंग को भारत में आम और मजेदार बनाया जाए, ताकि लोग ‘स्वास्थ्य’ शब्द को डर या मजबूरी की तरह न लें, बल्कि इसे अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा बना लें।


🍫 ‘Better-for-you’ प्रोडक्ट्स का फोकस

Nuvie का फोकस है “Better-for-you” श्रेणी के तहत ऐसे हेल्थी प्रोडक्ट्स बनाना, जो स्वादिष्ट हों, सरल हों और एक आम व्यक्ति की लाइफस्टाइल में फिट बैठें।

लॉन्च किए गए उत्पाद:

  • लैक्टोज-फ्री प्रोटीन शेक – तीन फ्लेवर में
  • अब जल्द ही 5 नए शेक वैरिएंट्स भी लॉन्च होंगे
  • अपकमिंग प्रोडक्ट्स:
    • प्रोटीन चॉकलेट बार
    • प्रोटीन-इन्फ्यूज्ड कोल्ड कॉफी (Proffee)
    • लो-शुगर हेल्दी चॉकलेट्स

कंपनी का मानना है कि भारत में हेल्थ और वेलनेस को इंटेग्रेटेड, सिंपल और टेस्टी बनाकर ही आम लोगों तक पहुंचाया जा सकता है।


🏪 कहां-कहां बिक रहे हैं Nuvie के प्रोडक्ट?

Nuvie ने बहुत ही कम समय में अपना डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तेजी से फैलाया है। कंपनी ने बताया कि उनके उत्पाद अब:

  • दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई जैसे बड़े मेट्रो शहरों के 100+ प्रीमियम रिटेल स्टोर्स में उपलब्ध हैं
  • 200 से अधिक जिम्स में फिटनेस प्रेमियों तक पहुंच रहे हैं
  • Blinkit, Instamart और BigBasket जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए पैन इंडिया डिलीवरी हो रही है
  • कंपनी अपनी ऑनलाइन वेबसाइट और डिजिटल चैनल्स पर भी तेज़ी से स्केल कर रही है

📈 शुरुआती प्रदर्शन: पहले ही महीने में ₹10 लाख की बिक्री

Nuvie का दावा है कि उसने लॉन्च के पहले ही महीने में ₹10 लाख से ज्यादा की मासिक बिक्री दर्ज की है। यह हेल्थ फूड स्टार्टअप के लिए एक बड़ा अचीवमेंट है, खासकर तब जब प्रोडक्ट लाइन अभी भी विस्तार के शुरुआती चरण में है।

🔮 भविष्य की योजना:

कंपनी का लक्ष्य है कि साल 2025 के अंत तक ₹10 करोड़ का वार्षिक राजस्व (ARR) हासिल किया जाए।


📍 बेंगलुरु से चल रही है ये हेल्दी रेवोल्यूशन

बेंगलुरु आधारित इस स्टार्टअप ने हेल्थ फूड सेगमेंट में मजेदार और ट्रेंडी अप्रोच के साथ प्रवेश किया है। जहां कई ब्रांड्स स्वास्थ्य को एक गंभीर विषय बनाकर प्रस्तुत करते हैं, वहीं Nuvie इसे लाइट, एंटरटेनिंग और टेस्टी बनाने की दिशा में काम कर रहा है।


👥 Investors की राय

PedalStart के को-फाउंडर ने फंडिंग पर टिप्पणी करते हुए कहा:

“Nuvie सिर्फ एक प्रोडक्ट कंपनी नहीं, बल्कि यह भारत में हेल्दी लाइफस्टाइल को फिर से परिभाषित करने का प्रयास है। टीम की सोच स्पष्ट है और हमने उनके साथ लंबी साझेदारी का इरादा रखा है।”

मुकेश बंसल जैसे सफल आंत्रप्रेन्योर्स का इसमें निवेश करना इस बात का संकेत है कि भारत में हेल्दी और “फन” फूड ब्रांड्स की जबरदस्त मांग है और Nuvie इस स्पेस में बड़ा खिलाड़ी बन सकता है।


📌 निष्कर्ष: हेल्थ और स्वाद का अनोखा मेल

Nuvie की रणनीति यह है कि वह स्वस्थ जीवन को बोझ नहीं, बल्कि एक स्टाइल स्टेटमेंट बना दे। लैक्टोज-फ्री शेक्स, प्रोटीन बार्स और प्रॉफी जैसे प्रोडक्ट्स युवा भारत को आकर्षित कर रहे हैं, जो फिट भी रहना चाहते हैं और स्वाद का भी आनंद लेना चाहते हैं।

PedalStart और अन्य निवेशकों से मिली फंडिंग Nuvie को अपने अगले चरण की ग्रोथ, मार्केट कैप्चर और प्रोडक्ट इनोवेशन में मदद करेगी। आने वाले दिनों में Nuvie भारतीय हेल्थ-फूड इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन सकता है।


📲 ऐसी ही नई फंडिंग अपडेट्स और स्टार्टअप न्यूज के लिए जुड़े रहिए FundingRaised.in के साथ!

Read more :🇮🇳 Meesho की भारत वापसी पर NCLT की मुहर,

🇮🇳 Meesho की भारत वापसी पर NCLT की मुहर,

Meesho

भारत की घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी Meesho ने अपने कॉर्पोरेट मुख्यालय को अमेरिका के Delaware से भारत में स्थानांतरित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है। National Company Law Tribunal (NCLT) ने Meesho के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिससे कंपनी का भारत में IPO (Initial Public Offering) लाने का रास्ता साफ हो गया है।

इस फैसले से Meesho अब अपनी अमेरिकी इकाई से पूरी तरह अलग होकर भारत की मूल कंपनी के साथ फिर से विलय कर सकेगी, जिसे ‘रिवर्स फ्लिप’ कहा जाता है।


🔁 क्या है ‘Reverse Flip’?

रिवर्स फ्लिप’ का मतलब होता है किसी भारतीय कंपनी का विदेशी इकाई से अलग होकर दोबारा भारत में रजिस्टर होना। कई भारतीय स्टार्टअप्स पहले विदेशी निवेश पाने के लिए अमेरिका या सिंगापुर जैसे देशों में रजिस्टर होते हैं, लेकिन IPO या नियामकीय सरलता के लिए वे वापस भारत में आना पसंद करते हैं।

इस प्रक्रिया में कंपनियों को भारी टैक्स भी चुकाना पड़ता है।


💰 Meesho को लगेगा $288 मिलियन का टैक्स

Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, Meesho को इस रिवर्स फ्लिप के लिए $288 मिलियन (लगभग ₹2,400 करोड़) टैक्स देना होगा। हालांकि, Meesho की ओर से इस टैक्स राशि की पुष्टि नहीं की गई है।

Entrackr से बात करते हुए Meesho के प्रवक्ता ने कहा:

“यह फाइलिंग हमारे भारत में फिर से डोमिसाइल होने की प्रक्रिया का हिस्सा है। हमारे ग्राहक, सेलर्स, क्रिएटर्स और Valmo पार्टनर्स पहले से ही भारत में हैं, इसलिए हमारा कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर भी भारत केंद्रित होना चाहिए।”


🏦 IPO की ओर बड़ा कदम

Meesho ने हाल ही में खुद को प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल लिया है, जो IPO की प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। अब कंपनी लगभग $1 बिलियन (₹8,000 करोड़) के IPO की तैयारी में जुट गई है, जिसे साल के अंत तक लॉन्च किया जा सकता है।

📑 संभावित बैंकर:

  • Morgan Stanley
  • Kotak Mahindra Capital
  • JP Morgan
  • Citi Bank

इन बैंकों को Meesho ने IPO मैनेजमेंट के लिए शॉर्टलिस्ट किया है।


📈 Flipkart, Razorpay जैसे स्टार्टअप्स की राह पर Meesho

Meesho अकेली कंपनी नहीं है जो भारत में फिर से डोमिसाइल हो रही है। इससे पहले कई प्रमुख स्टार्टअप्स ने भी यही कदम उठाया है:

स्टार्टअपटैक्स भुगतान (रिवर्स फ्लिप के लिए)
PhonePe₹8,000 करोड़ ($1 बिलियन)
Groww₹1,340 करोड़ ($157 मिलियन)
Razorpay$150 मिलियन
Dream11राशि अघोषित
Zeptoराशि अघोषित
Flipkartप्रक्रिया जारी

Meesho की प्रतिद्वंद्वी Flipkart (वैल्यूएशन: $36 बिलियन) भी फिलहाल सिंगापुर से भारत में वापसी की प्रक्रिया में है।


🛍️ Meesho: भारत का तेजी से उभरता हुआ ई-कॉमर्स ब्रांड

Meesho एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो छोटे और मध्यम विक्रेताओं को ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करने और बढ़ाने का अवसर देता है। इसकी खासियत यह है कि ग्राहक बिना किसी मिनिमम ऑर्डर वैल्यू के भी खरीदारी कर सकते हैं, और सेलर्स के लिए यह जीरो-कमिशन मॉडल पर काम करता है।

कंपनी का बिजनेस मॉडल मुख्य रूप से सोशल कॉमर्स और डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर (D2C) आधारित है, जिसने भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में खासा प्रभाव डाला है।


📊 Meesho की ग्रोथ और स्केल

  • 140 मिलियन+ डाउनलोड्स
  • 11 लाख+ एक्टिव सेलर्स
  • टियर-2, 3 और 4 शहरों में जबरदस्त पकड़
  • फैशन, होम डेकोर, ब्यूटी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कैटेगरीज में मजबूत उपस्थिति

Meesho की यह वापसी भारतीय बाजार और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करती है कि भारत में बने स्टार्टअप्स अब भारत में ही लिस्ट होना चाहते हैं।


🌐 FundingRaised की राय

Meesho का भारत लौटना महज एक कारोबारी निर्णय नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के स्टार्टअप्स की मानसिकता का बदलाव है। जहां एक समय विदेशी रजिस्ट्रेशन को ग्लोबल स्केल का प्रतीक माना जाता था, अब वही कंपनियां भारत के स्टॉक मार्केट्स पर भरोसा कर रही हैं।

Meesho की IPO योजना और पुनः भारत आगमन इस बात का संकेत है कि आने वाला समय भारतीय टेक स्टार्टअप्स का होगा, और वे देश में ही अपना फाइनेंशियल फ्यूचर बनाना चाहेंगे।


📌 निष्कर्ष

Meesho ने NCLT की मंज़ूरी पाकर अपने IPO की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। रिवर्स फ्लिप के ज़रिए कंपनी भारत में पूरी तरह स्थापित होकर भारतीय निवेशकों को अपने शेयर ऑफर करने की तैयारी में है।

आगामी महीनों में Meesho का IPO घरेलू बाजार के लिए एक प्रमुख इवेंट बन सकता है, जो भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ता एक और कदम होगा।


📲 ऐसे ही IPO अपडेट्स, फंडिंग न्यूज और स्टार्टअप कवरेज के लिए पढ़ते रहें: FundingRaised.in

read more :🌍 Aspora को मिला $50 मिलियन का बूस्ट,

🌍 Aspora को मिला $50 मिलियन का बूस्ट,

Aspora

क्रॉस-बॉर्डर फिनटेक स्टार्टअप Aspora (जिसे पहले Vance के नाम से जाना जाता था) ने अपने Series B फंडिंग राउंड में $50 मिलियन (लगभग ₹415 करोड़) जुटाए हैं। इस निवेश राउंड का नेतृत्व Sequoia Capital और Greylock ने मिलकर किया है, जिसमें Hummingbird, Quantum Light Ventures और Y Combinator जैसे नामी निवेशकों ने भी भागीदारी की है।

यह फंडिंग Aspora की अब तक की सबसे बड़ी फंडिंग है और इसके साथ ही कंपनी का कुल फंडिंग कलेक्शन $99 मिलियन से अधिक हो गया है। इस लेटेस्ट राउंड के बाद कंपनी का वैल्यूएशन $500 मिलियन (₹4,150 करोड़) तक पहुंच गया है।


🧑‍💼 Sequoia की भारत वापसी?

Sequoia ने इस फंडिंग के ज़रिए भारतीय मूल के स्टार्टअप में पहली बार निवेश किया है, खासकर जून 2023 में अपने ब्रांड री-स्ट्रक्चरिंग के बाद। अब यह भारत में Peak XV Partners के नाम से काम करता है, लेकिन Aspora में निवेश इसकी US आधारित इकाई Sequoia Capital के ज़रिए किया गया है।

इस निवेश से यह भी साफ होता है कि Sequoia अब वैश्विक स्तर पर भारतीय फिनटेक्स में फिर से दिलचस्पी ले रहा है।


🌐 Aspora क्या करता है?

Aspora एक वैश्विक वित्तीय टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है, जो NRI (Non-Resident Indian) समुदाय के लिए क्रॉस-बॉर्डर मनी ट्रांसफर को आसान बनाता है। कंपनी दावा करती है कि उसका प्लेटफॉर्म यूज़र्स को Google Exchange Rate पर रेमिटेंस की सुविधा देता है, जिससे विदेशी मुद्रा पर लगने वाले भारी शुल्क से बचा जा सकता है।

🔁 मुख्य सुविधाएँ:

  • UK, UAE, जर्मनी सहित 5 देशों से भारत में पैसे भेजने की सुविधा
  • अब तक $2 बिलियन से अधिक ट्रांजेक्शन प्रोसेस
  • ₹150 करोड़ (लगभग $17.5 मिलियन) तक की बचत विदेशी मुद्रा शुल्क में
  • FCA (UK) और RBI (भारत) की नियामक संस्थाओं के साथ सहयोग

📅 2022 में हुई थी शुरुआत

Aspora की स्थापना 2022 में पार्थ गर्ग द्वारा की गई थी। उस समय इसे Vance के नाम से जाना जाता था और यह Y Combinator के Winter 2022 बैच का हिस्सा रहा है।

📌 शुरुआती निवेश:

  • Seed फंडिंग में $5.8 मिलियन जुटाए
  • लीड निवेशक: Hummingbird Ventures
  • अन्य भागीदार: Global Founders Capital, Soma Capital, Y Combinator
  • प्रमुख एंजल निवेशक: Alan Rutledge और Gokul Rajaram

2024 में कंपनी ने बड़े स्तर पर रीब्रांडिंग करते हुए Vance से Aspora का रूप लिया, ताकि वह अपनी सेवाओं को और व्यापक बना सके।


🏦 भारतीय बैंकों से साझेदारी

Aspora के अनुसार, वह भारत में RBI द्वारा गवर्न किए गए बैंकों के साथ साझेदारी करता है। इसका मतलब यह है कि NRI यूज़र्स को एक सुरक्षित और रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म के माध्यम से मनी ट्रांसफर की सुविधा मिलती है।

UK में कंपनी को Financial Conduct Authority (FCA) द्वारा अधिकृत किया गया है, जिससे यह यूरोपियन बाज़ार में भी अपना विस्तार कर पाई है।


💰 क्यों है Aspora पर निवेशकों की नज़र?

🚀 कारण:

  • NRI मार्केट की बढ़ती संभावनाएं
  • बढ़ती क्रॉस-बॉर्डर रेमिटेंस डिमांड
  • पारंपरिक बैंकों की तुलना में तेज़ और सस्ता समाधान
  • Google Exchange Rate आधारित ट्रांसफर सुविधा
  • फिनटेक क्षेत्र में यूनिक प्रोडक्ट और स्केलेबल मॉडल

विशेषज्ञ मानते हैं कि Aspora जल्द ही अन्य देशों में भी अपने ऑपरेशन्स का विस्तार करेगी और B2B क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट सॉल्यूशन्स पर भी ध्यान केंद्रित कर सकती है।


🧮 अब तक की फंडिंग और हिस्सेदारी

कुल फंडिंग: $99 मिलियन

वर्तमान राउंड: $50 मिलियन (Series B)

  • लीड निवेशक: Sequoia Capital, Greylock
  • अन्य निवेशक: Hummingbird, Y Combinator, Quantum Light Ventures
  • कंपनी का मौजूदा वैल्यूएशन: $500 मिलियन

🧠 FundingRaised की राय

Aspora की रणनीति सरल है — कम फीस में तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी मनी ट्रांसफर। भारतीय प्रवासियों के लिए इस तरह की सेवाएं आज के समय की ज़रूरत हैं। कंपनी का यह फंडिंग राउंड दर्शाता है कि निवेशकों को इसके बिज़नेस मॉडल पर विश्वास है।

Sequoia और Greylock जैसे दिग्गज निवेशकों का जुड़ना Aspora के लिए बड़ी उपलब्धि है और यह संकेत देता है कि यह फिनटेक यूनिकॉर्न बनने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है।


📌 निष्कर्ष

Aspora ने Series B में $50 मिलियन जुटाकर भारतीय फिनटेक स्टार्टअप्स के बीच एक नया बेंचमार्क सेट कर दिया है। इसकी यूएसपी — पारदर्शिता, गूगल आधारित रेट्स और एफसीए व आरबीआई के रेगुलेशंस के तहत सेवाएं — इसे बाकी रेमिटेंस प्लेटफॉर्म्स से अलग बनाती हैं।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि Aspora अपनी सेवाओं को भारत और विदेशों में कैसे विस्तारित करता है।


📲 ऐसे ही स्टार्टअप फंडिंग अपडेट्स के लिए पढ़ते रहें FundingRaised.in

Read more :🚨 ShareChat को झटका चीफ बिज़नेस ऑफिसर गौरव जैन ने दिया इस्तीफा