भारत की उभरती हुई insurtech यूनिकॉर्न कंपनी — Acko ने FY25 में एक बार फिर साबित किया कि डिजिटल इंश्योरेंस मार्केट में उसकी पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है। कंपनी ने न सिर्फ अपनी टॉप-लाइन ग्रोथ तेज की, बल्कि घाटे पर भी महत्वपूर्ण नियंत्रण किया है।
FY24 में 20% की ग्रोथ के बाद FY25 में Acko का राजस्व 35% बढ़कर ₹2,837 करोड़ पर पहुँच गया। मज़बूत रेवेन्यू परफॉर्मेंस और बेहतर कॉस्ट मैनेजमेंट की वजह से कंपनी ने अपना घाटा 37% तक कम किया है।
📈 राजस्व में तेज उछाल: ₹2,837 करोड़ तक पहुँचा ऑपरेटिंग रेवेन्यू
Acko के रेगुलेटरी फाइलिंग (RoC) के मुताबिक, FY25 में कंपनी का Revenue from Operations ₹2,837 करोड़ रहा, जो FY24 के ₹2,106 करोड़ से काफी अधिक है।
🟢 रेवेन्यू का प्रमुख स्रोत
कंपनी की कुल आय में सबसे बड़ा योगदान रहा:
- Gross Premium Earned — जो कुल आय का 73.5% था
- यह पिछले वर्ष की तुलना में 31% बढ़कर ₹2,085 करोड़ पर पहुँच गया
इसके अलावा अन्य आय में शामिल थे:
- सर्विस कॉन्ट्रैक्ट्स
- रीइंश्योरर्स से रिकवरी
- कमिशन
- निवेश से ब्याज
- अन्य विविध आय
इन सबकी मदद से कंपनी की कुल आय FY25 में ₹2,887 करोड़ हो गई, जो पिछले वर्ष के ₹2,160 करोड़ से काफी अधिक है।
💸 खर्चों में सुधार: विज्ञापन और कर्मचारी खर्च में कमी
Cost management इस बार Acko की मजबूती रहा। FY25 में कंपनी ने कई प्रमुख खर्चों पर नियंत्रण दिखाया।
🧑💼 Employee Benefit Expenses
- FY25 में 6% घटकर ₹334 करोड़
- कुल खर्चों का सिर्फ 10%
📉 Advertising Cost में 12% की कमी
Acko ने FY25 में अपने ब्रांड मार्केटिंग और विज्ञापन खर्च को ₹497 करोड़ तक कम किया।
📈 Commission Payouts में उछाल
- Sole selling agents को दिए गए कमीशन में 35% वृद्धि
- कुल ₹283 करोड़
🧾 सबसे बड़ा खर्च: Miscellaneous Costs
इस श्रेणी में शामिल हैं—
- क्लेम सेटलमेंट
- रीइंश्योरेंस प्रीमियम
- एडमिनिस्ट्रेशन
- ऑफिस ओवरहेड्स
FY25 में miscellaneous खर्च ₹2,006 करोड़ रहा।
🟠 कुल खर्चों में 17% वृद्धि
Acko का कुल खर्च FY24 के ₹2,830 करोड़ से बढ़कर FY25 में ₹3,312 करोड़ रहा।
🧮 प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार: 37% तक घाटा कम हुआ
FY25 में Acko का नेट लॉस ₹424 करोड़ रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के ₹671 करोड़ की तुलना में काफी कम है।
यह तीन बड़े फैक्टर्स की वजह से संभव हुआ:
- मजबूत राजस्व वृद्धि
- कर्मचारी व विज्ञापन खर्च में कमी
- ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार
📊 प्रमुख वित्तीय अनुपात (FY25):
- EBITDA Margin: -16%
- ROCE: -30.5%
- Cost to Earn ₹1 Revenue: ₹1.17
कंपनी की बैलेंस शीट के अनुसार वर्तमान परिसंपत्तियाँ ₹1,798 करोड़ रहीं, जिसमें से ₹28 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस था।
🏦 अब तक ₹458 मिलियन की फंडिंग—सबसे बड़ा निवेशक कौन?
Acko ने अब तक $458 मिलियन जुटाए हैं।
सबसे बड़े निवेशक:
- General Atlantic — 10.7% हिस्सेदारी
- Accel Partners
- Elevation Capital
ये तीनों निवेशक कंपनी की रणनीति और ग्रोथ पर लगातार भरोसा दिखा रहे हैं।
⚔️ Digit Insurance से कड़ी टक्कर
Acko के प्रमुख प्रतिद्वंदी Digit Insurance ने Q2 FY26 में:
- ₹2,088 करोड़ ऑपरेटिंग रेवेन्यू
- 30% YoY बढ़कर ₹116.5 करोड़ का PAT
Digit की स्थिर प्रॉफिटेबिलिटी और Acko की तेज ग्रोथ — दोनों मिलकर भारत के डिजिटल इंश्योरेंस मार्केट को और प्रतिस्पर्धी बना रही हैं।
🔍 स्टार्टअप इनसाइट: Acko की ग्रोथ आगे कैसी दिखती है?
Acko के FY25 परिणाम बताते हैं कि कंपनी अब कम बर्न मॉडल की ओर बढ़ रही है।
- क्लेम मैनेजमेंट में दक्षता
- डिजिटल इंश्योरेंस अपनाने में तेजी
- डेटा-ड्रिवन अंडरराइटिंग
- ब्रांड ट्रस्ट
ये चार फैक्टर आने वाले 2–3 वर्षों में कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी को और मजबूत कर सकते हैं।
इंश्योरेंस जैसी लंबी अवधि वाली कैटेगरी में टॉपलाइन ग्रोथ + नियंत्रित खर्च संकेत देते हैं कि Acko जल्द ही ब्रेक-ईवन के करीब पहुँच सकता है।
📝 निष्कर्ष
Acko का FY25 एक संतुलित वित्तीय वर्ष रहा —
📈 राजस्व में तेज वृद्धि
🛑 घाटे में महत्वपूर्ण गिरावट
📉 विज्ञापन और कर्मचारी खर्च पर सख्त नियंत्रण
⚔️ बढ़ते प्रतिद्वंद्वियों के बीच स्थिर ग्रोथ
इंश्योरेंस टेक्नोलॉजी सेक्टर में Acko की रणनीति साफ है —
“स्मार्ट ग्रोथ with ऑपरेशनल एफिशिएंसी”।
अगर यह ट्रैक जारी रहता है, तो Acko भारत की अगली बड़ी लिस्टेड insurtech कंपनी बनने की दिशा में बढ़ सकता है।
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