इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट रीसाइक्लिंग स्टार्टअप Attero ने वित्त वर्ष 2024 (FY24) में 54% सालाना वृद्धि दर्ज करते हुए अपना कुल राजस्व ₹450 करोड़ के करीब पहुंचा लिया। हालांकि, इस मजबूत टॉप-लाइन ग्रोथ के बावजूद, कंपनी का शुद्ध लाभ 30% घट गया।
Attero राजस्व में 54% की उछाल, लेकिन मुनाफा गिरा
FY24 में Attero का कुल ऑपरेशनल राजस्व ₹446 करोड़ रहा, जो कि FY23 के ₹289 करोड़ से 54% अधिक है।
हालांकि, मुनाफे में 30% की गिरावट यह दर्शाती है कि लागत में बढ़ोतरी के कारण कंपनी को अपनी आय पर दबाव झेलना पड़ा।
Attero: भारत की अग्रणी ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग कंपनी
Attero एक पर्यावरण-केंद्रित स्टार्टअप है, जो इलेक्ट्रॉनिक कचरे और जैविक कचरे (biowaste) के रीसाइक्लिंग और अपसाइक्लिंग (upcycling) में विशेषज्ञता रखता है।
यह अपनी पेटेंटेड तकनीक का उपयोग करके पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और लिथियम-आयन बैटरियों से मूल्यवान धातुओं को निकालने का कार्य करता है।
इससे ई-वेस्ट को प्रभावी तरीके से पुन: उपयोग करने और पर्यावरण पर इसके प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
राजस्व का स्रोत: 75% कमाई रीसाइक्लिंग प्रोडक्ट्स से
Attero की कुल कमाई ₹446 करोड़ में से:
75% (₹333 करोड़) की आय पुनर्नवीनीकरण धातुओं और बैटरी-ग्रेड सामग्रियों की बिक्री से हुई।
25% आय ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग सेवाओं से हुई, जिसमें शामिल हैं:
- लिथियम-आयन बैटरी प्रोसेसिंग
- ईपीआर (EPR) अनुपालन
- सुरक्षित डेटा नष्ट करना
- अपशिष्ट प्रबंधन समाधान
इससे यह साफ है कि Attero का मुख्य व्यवसाय मूल्यवान धातुओं और बैटरी सामग्री के पुनर्चक्रण पर आधारित है।
लागत में जबरदस्त बढ़ोतरी, मुनाफे पर असर
Attero के कुल खर्च में 51.6% की वृद्धि हुई, जो FY23 में ₹281 करोड़ था और FY24 में ₹426 करोड़ हो गया।
मुख्य खर्च:
कच्चे माल की खरीद: ₹363 करोड़ (85% कुल खर्च) – 63.5% की बढ़ोतरी
कर्मचारी खर्च: ₹14 करोड़ – 16.7% की बढ़ोतरी
कानूनी शुल्क: ₹10 करोड़ – 66.7% की बढ़ोतरी
अन्य खर्च (जनरल और मैनपावर खर्च): ₹31 करोड़
कच्चे माल की लागत में जबरदस्त वृद्धि से कंपनी के मुनाफे पर दबाव बढ़ा।
Attero को आगे लागत नियंत्रण रणनीति अपनानी होगी ताकि लाभप्रदता में सुधार किया जा सके।
Attero की FY24 परफॉर्मेंस की प्रमुख बातें:
राजस्व में 54% की वृद्धि (₹446 करोड़ तक पहुंचा)
शुद्ध लाभ में 30% की गिरावट
पुनर्नवीनीकरण धातु और बैटरी सामग्री से 75% कमाई
खर्च में 51.6% की बढ़ोतरी (₹426 करोड़)
कच्चे माल की लागत सबसे बड़ा खर्च (₹363 करोड़, 85% कुल खर्च)
आगे की रणनीति: Attero को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा?
ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा: भारत में ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और कई नई कंपनियां इसमें प्रवेश कर रही हैं।
लागत नियंत्रण की जरूरत: Attero को अपने परिचालन लागत को नियंत्रण में रखना होगा ताकि मुनाफे में सुधार हो सके।
सरकारी नीतियों और ईपीआर अनुपालन: भारत सरकार ई-वेस्ट मैनेजमेंट पर नए नियम लागू कर रही है, जिससे Attero को अपने संचालन में कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं।
निष्कर्ष: क्या Attero लंबी दौड़ का खिलाड़ी है?
Attero की FY24 की परफॉर्मेंस दर्शाती है कि कंपनी ने राजस्व में जबरदस्त ग्रोथ हासिल की है।
हालांकि, बढ़ती लागत और मुनाफे में गिरावट कंपनी के लिए चुनौती साबित हो सकती है।
अगर Attero अपनी लागत को नियंत्रित करने और नई तकनीकों को अपनाने में सफल रहता है, तो यह भारत के ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग सेक्टर में अग्रणी बना रह सकता है।
क्या Attero आने वाले वर्षों में और अधिक ग्रोथ हासिल करेगा? आपकी राय क्या है? हमें कमेंट में बताएं!
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