Online bakery brand Bakingo की वित्तीय सफलता और चुनौतियां FY24 का विश्लेषण

Bakingo

Bakingo, एक अग्रणी ऑनलाइन बेकरी ब्रांड, ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में 43% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। हालांकि, अपने विस्तार के प्रयासों के चलते, गुरुग्राम स्थित इस कंपनी के घाटे में भी मामूली वृद्धि हुई।


Bakingo राजस्व में प्रभावशाली वृद्धि

Bakingo ने FY24 में अपने संचालन से ₹208.7 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो कि FY23 के ₹145.7 करोड़ से 43% अधिक है।
बेकिंगो के संस्थापक:

  • हिमांशु चावला
  • श्रे सहगल
  • सुमन पात्र

यह ब्रांड विभिन्न प्रकार के केक्स और डेसर्ट्स की पेशकश करता है, जिनमें इसके सिग्नेचर चीज़केक, गौरमेट केक्स, जार केक्स, और 100 से अधिक SKU शामिल हैं। बेकिंगो के लिए राजस्व का एकमात्र स्रोत इन उत्पादों की बिक्री ही है।


कुल खर्च का विश्लेषण

Bakingo के संचालन खर्च FY24 में 46% बढ़कर ₹213.8 करोड़ हो गए, जो FY23 में ₹146.3 करोड़ थे।

मुख्य खर्च घटक:

  1. उत्पाद प्रोक्योरमेंट (Product Procurement):
    • कुल खर्च का 42.2%
    • FY24 में ₹90 करोड़ (43% वृद्धि)
  2. कर्मचारी लाभ (Employee Benefits):
    • FY24 में ₹31.6 करोड़ (40% वृद्धि)
  3. विज्ञापन खर्च (Advertising Expenses):
    • FY24 में ₹27.7 करोड़ (38% वृद्धि)
  4. प्लेटफॉर्म कमीशन शुल्क (Platform Commission Fees):
    • FY24 में ₹26.2 करोड़ (65% वृद्धि)

कुल व्यय और राजस्व अनुपात:

बेकिंगो का व्यय-से-राजस्व अनुपात ₹1.02 रहा, जो कंपनी के परिचालन खर्च के स्तर को दर्शाता है।


वित्तीय प्रदर्शन और घाटा

वित्तीय वर्ष 2024 के दौरान, बेकिंगो की आय में तेज वृद्धि के बावजूद, इसके घाटे में भी वृद्धि हुई।

  • FY24 का घाटा: ₹5.3 करोड़
  • FY23 का घाटा: ₹0.6 करोड़

प्रमुख वित्तीय संकेतक:

  1. ROCE (Return on Capital Employed): -6.05%
  2. EBITDA मार्जिन: -0.98%

घाटे में यह वृद्धि मुख्य रूप से कर्मचारी लाभ, विज्ञापन, और उत्पाद प्रोक्योरमेंट की बढ़ती लागत के कारण हुई।


कुल संपत्ति और वित्तीय स्थिति

FY24 के दौरान बेकिंगो की कुल वर्तमान संपत्ति ₹96.5 करोड़ थी। हालांकि, कंपनी का घाटा बढ़ा, लेकिन इसके कुल वित्तीय आंकड़े इसके विस्तार और बढ़ते बाजार हिस्से को दर्शाते हैं।


बेकिंगो की प्रमुख चुनौतियां और अवसर

चुनौतियां:

  1. बढ़ती लागत:
    • कर्मचारी लाभ, विज्ञापन, और कमीशन शुल्क जैसे खर्च राजस्व वृद्धि से अधिक तेज़ी से बढ़े।
  2. घाटे में वृद्धि:
    • परिचालन लागत और राजस्व वृद्धि के बीच असंतुलन।
  3. मुनाफे की कमी:
    • EBITDA मार्जिन और ROCE जैसे वित्तीय संकेतक नकारात्मक रहे।

अवसर:

  1. उत्पाद विविधीकरण:
    • बेकिंगो के 100 से अधिक SKUs और सिग्नेचर डेसर्ट्स इसे प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में अलग बनाते हैं।
  2. बाजार विस्तार:
    • FY24 में राजस्व वृद्धि इस बात का संकेत है कि ब्रांड का ग्राहक आधार बढ़ रहा है।
  3. तकनीकी उन्नयन:
    • कंपनी डिजिटल प्लेटफॉर्म और डिलीवरी मॉडल के जरिए बाजार में अपनी पहुंच को और मजबूत कर सकती है।

आगे की राह

बेकिंगो के लिए FY24 मिश्रित परिणाम लेकर आया:

  • राजस्व में तेज़ वृद्धि के साथ-साथ घाटे में भी वृद्धि।
  • विज्ञापन और प्रोक्योरमेंट में निवेश, ब्रांड की दीर्घकालिक रणनीति को दर्शाता है।

भविष्य की रणनीति:

  1. लागत नियंत्रण:
    • उत्पाद प्रोक्योरमेंट और प्लेटफॉर्म कमीशन में कुशलता लाने पर ध्यान देना।
  2. डिजिटल मार्केटिंग:
    • अधिक किफायती और प्रभावी विज्ञापन चैनलों का उपयोग।
  3. नवाचार और विस्तार:
    • नई उत्पाद श्रेणियां और बाजारों में प्रवेश करके राजस्व वृद्धि को बनाए रखना।

निष्कर्ष

Bakingo ने FY24 में अपने राजस्व और बाजार हिस्सेदारी में उल्लेखनीय प्रगति की है। हालांकि, बढ़ते खर्च और घाटे ने इसकी वित्तीय स्थिति पर दबाव डाला। कंपनी के संस्थापकों और प्रबंधन को लागत नियंत्रण और संचालन दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा ताकि FY25 में लाभप्रदता को हासिल किया जा सके।

बेकिंगो का विकास यह साबित करता है कि भारत में ऑनलाइन बेकरी उद्योग में बड़े पैमाने पर अवसर हैं। सही रणनीति के साथ, यह ब्रांड न केवल अपने घाटे को नियंत्रित कर सकता है, बल्कि बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है।

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