📢 BharatPe ने लीडरशिप टीम को किया मजबूत

BharatPe

भारत की प्रमुख फिनटेक कंपनी BharatPe ने अपने लीडरशिप स्ट्रक्चर को और मज़बूत करने के लिए दो बड़े रणनीतिक नियुक्तियों की घोषणा की है। कंपनी ने राजेश सी को हेड ऑफ फाइनेंस और हिमांशु नज़कानी को हेड ऑफ इन्वेस्टमेंट्स के पद पर नियुक्त किया है। ये दोनों नियुक्तियाँ ऐसे समय पर हुई हैं जब BharatPe अपने अगले विकास चरण और संभावित pre-IPO फंडिंग राउंड की तैयारी कर रही है।


👨‍💼 राजेश सी बने BharatPe के हेड ऑफ फाइनेंस

राजेश सी को फाइनेंस डिवीजन की कमान सौंपी गई है। वह कंपनी के फाइनेंस, ट्रेज़री और टैक्सेशन ऑपरेशंस को लीड करेंगे।

  • राजेश के पास 20 साल से अधिक का अनुभव है जिसमें फाइनेंशियल प्लानिंग, अकाउंटिंग और रेगुलेटरी रिपोर्टिंग शामिल है।
  • उन्होंने SBI Card, ABN Amro-RBS और GE Capital जैसी कंपनियों में नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभाई हैं।
  • वे SBI Card के IPO मैनेजमेंट टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं।

उनकी नियुक्ति से कंपनी को वित्तीय अनुशासन और IPO की तैयारी में मजबूती मिलेगी।


📊 हिमांशु नज़कानी को मिला इन्वेस्टमेंट्स का जिम्मा

BharatPe ने हिमांशु नज़कानी को हेड ऑफ इन्वेस्टमेंट्स नियुक्त किया है। उनकी मुख्य जिम्मेदारी कंपनी के इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस स्ट्रेटेजी को आगे बढ़ाना होगा।

  • वह म्यूचुअल फंड्स, डिजिटल गोल्ड, फिक्स्ड डिपॉज़िट्स और इंश्योरेंस जैसे प्रोडक्ट्स के लिए पार्टनरशिप्स विकसित करेंगे।
  • हिमांशु का करियर फिनटेक, वेल्थटेक और वेंचर कैपिटल सेक्टर में रहा है।
  • उन्होंने CarDekho Group, NYE Money, Kristal.ai, Elevar Equity और Religare Global Asset Management जैसी कंपनियों में काम किया है।

इस नियुक्ति के साथ BharatPe अपने यूज़र्स को वेल्थ मैनेजमेंट और इंश्योरेंस सॉल्यूशंस ऑफर करने की दिशा में और मजबूती से कदम बढ़ाएगा।


💹 BharatPe का मुनाफे की ओर कदम

इन नियुक्तियों का ऐलान ऐसे समय हुआ है जब BharatPe ने दावा किया है कि कंपनी ने FY25 में प्रॉफिटेबिलिटी हासिल की है।

  • कंपनी ने बताया कि उसने कर-पूर्व मुनाफा (PBT) ₹6 करोड़ का दर्ज किया है (ESOP कॉस्ट्स को छोड़कर)।
  • इस दौरान कंपनी का राजस्व ₹1,800 करोड़ रहा।
  • यह कंपनी के लिए एक बड़ा टर्नअराउंड है क्योंकि पिछले कई सालों से BharatPe घाटे में चल रही थी।

🏦 BharatPe की फंडिंग यात्रा

BharatPe की गिनती भारत के यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में होती है।

  • कंपनी ने आखिरी बार अगस्त 2021 में इक्विटी राउंड उठाया था और इसी दौरान यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुई थी।
  • अब तक BharatPe ने $650 मिलियन से अधिक इक्विटी और डेब्ट जुटाया है।
  • इसके निवेशकों में Tiger Global, Dragoneer Investment Group, Steadfast Capital, Coatue Management और Ribbit Capital जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

कंपनी अब pre-IPO फंडिंग राउंड की तैयारी कर रही है, जिससे उसकी वैल्यूएशन और मजबूत हो सकती है।


👥 हाल ही की अन्य नियुक्तियाँ

BharatPe ने पिछले कुछ महीनों में कई बड़े नेतृत्व परिवर्तन किए हैं।

  • जून 2025 में कंपनी ने सिद्धार्थ जैन को चीफ नेटवर्क ऑफिसर (CNO) नियुक्त किया।
  • अप्रैल 2025 में, BharatPe की NBFC यूनिट Trillionloans Fintech Private Limited (TFPL) ने संदीप सिंह को नया CEO बनाया।

ये बदलाव कंपनी की संगठनात्मक मजबूती और स्केलेबिलिटी को दर्शाते हैं।


🚀 BharatPe की भविष्य रणनीति

BharatPe का लक्ष्य सिर्फ पेमेंट्स बिज़नेस तक सीमित नहीं है। कंपनी अब तेजी से डिजिटल लेंडिंग, वेल्थ मैनेजमेंट और इंश्योरेंस जैसी सेवाओं की ओर बढ़ रही है।

  • नए नियुक्त नेताओं का अनुभव कंपनी की इन महत्वाकांक्षी योजनाओं को मजबूत दिशा देगा।
  • IPO से पहले BharatPe खुद को वित्तीय रूप से मज़बूत और ऑपरेशनल रूप से दक्ष साबित करना चाहती है।

📌 निष्कर्ष

BharatPe की दो नई नियुक्तियाँ उसके दीर्घकालिक विकास और IPO की तैयारी के लिहाज़ से बेहद अहम मानी जा रही हैं।

  • राजेश सी का अनुभव कंपनी की वित्तीय स्थिरता और निवेशकों के भरोसे को मजबूत करेगा।
  • वहीं, हिमांशु नज़कानी BharatPe को एक समग्र फिनटेक प्लेटफॉर्म बनाने में अहम योगदान देंगे।

इससे साफ है कि BharatPe अब केवल एक पेमेंट्स कंपनी नहीं रहना चाहती, बल्कि आने वाले समय में यह भारत की अग्रणी फिनटेक और वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी बनने की ओर बढ़ रही है।

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💰 BharatPe की Pre-IPO Funding Talks तेज़,

BharatPe

भारत के फिनटेक सेक्टर में हलचल बढ़ गई है! दिल्ली स्थित यूनिकॉर्न BharatPe अपने IPO से पहले एक बड़े प्री-IPO फंडिंग राउंड की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, यह राउंड $80-$100 मिलियन (₹670-₹835 करोड़) का हो सकता है और इसकी अगुवाई Coatue Management कर रही है।

यह फंडिंग राउंड खास है क्योंकि BharatPe पिछले चार साल में पहली बार इक्विटी फंडिंग जुटाने जा रही है, और यह उसके IPO रोडमैप का अहम हिस्सा है।


📈 क्यों हो रही है यह फंडिंग?

इस राउंड का मुख्य मकसद कंपनी की वित्तीय स्थिति को और मजबूत करना और पब्लिक लिस्टिंग की तैयारी करना है।

  • इसमें कुछ नए निवेशक और मौजूदा निवेशक दोनों शामिल होंगे।
  • Coatue के नए पार्टनर अमित मुखर्जी इस डील का नेतृत्व कर रहे हैं और वे कंपनी के मैनेजमेंट व बोर्ड के साथ मिलकर IPO की तैयारी में जुटे हैं।
  • यह पूंजी BharatPe को ऑपरेशन्स स्केल करने और मार्केट पोजीशन मजबूत करने में मदद करेगी।

⏳ IPO इस साल नहीं, पहले मुनाफ़े पर फोकस

BharatPe के CEO नलिन नेगी ने हाल ही में कहा था कि कंपनी प्री-IPO राउंड ज़रूर करेगी, लेकिन इस वित्त वर्ष (FY26) में IPO लाने का कोई प्लान नहीं है।

  • कंपनी चाहती है कि सतत लाभप्रदता (consistent profitability) बनाए रखने के बाद ही SEBI में ड्राफ्ट पेपर फाइल किए जाएं।
  • इसका मतलब है कि BharatPe अगले कुछ तिमाहियों में अपने रेवेन्यू मॉडल और मार्जिन्स को और मजबूत करेगा।

🦄 BharatPe की यूनिकॉर्न जर्नी

  • अगस्त 2021 में BharatPe ने आखिरी बार इक्विटी फंडिंग जुटाई थी और उसी समय यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री की थी।
  • अब तक कंपनी ने Tiger Global, Dragoneer Investment Group, Steadfast Capital, Coatue Management, Ribbit Capital समेत कई बड़े निवेशकों से $650 मिलियन से अधिक की इक्विटी और डेट फंडिंग जुटाई है।
  • फिनटेक सेक्टर में इसकी पहचान एक मजबूत B2B डिजिटल पेमेंट्स और लेंडिंग प्लेयर के रूप में है।

📊 FY25 में प्रॉफिट का बड़ा दावा

BharatPe ने हाल ही में दावा किया है कि FY25 में उसने प्रॉफिटबिलिटी हासिल कर ली है:

  • प्रॉफिट बिफोर टैक्स ₹6 करोड़ (ESOP कॉस्ट को छोड़कर)
  • रेवेन्यू ₹1,800 करोड़
  • पहले नौ महीनों में EBITDA लेवल पर ब्रेक-ईवन (ESOP एडजस्ट करने के बाद)
  • इसी अवधि में नेट लॉस घटकर ₹148.8 करोड़ रह गया, जो पिछले सालों की तुलना में काफी कम है।

यह बदलाव दिखाता है कि कंपनी ने कॉस्ट कंट्रोल और बिज़नेस ऑप्टिमाइजेशन पर गहरी मेहनत की है।


🏦 लाइसेंस और रेगुलेटरी बढ़त

अप्रैल 2025 में BharatPe की सहायक कंपनी Resilient को RBI से पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस मिल गया। इससे BharatPe के पास अब ये तीन बड़ी रेगुलेटरी ताकतें हैं:

  1. NBFC लाइसेंस (Trillion Loans के ज़रिए)
  2. Unity Small Finance Bank में हिस्सेदारी
  3. पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस

यह कॉम्बिनेशन BharatPe को क्रेडिट, बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट्स के पूरे इकोसिस्टम में मजबूत पोजीशन देता है।


🔍 मार्केट एनालिसिस: क्यों अहम है यह कदम?

  1. IPO रोडमैप को गति – यह फंडिंग IPO से पहले की तैयारी को तेज करेगी।
  2. इन्वेस्टर कॉन्फिडेंस – Coatue जैसे बड़े निवेशक की भागीदारी मार्केट में भरोसा बढ़ाती है।
  3. कंपटीशन में बढ़त – Paytm, PhonePe और Razorpay जैसे बड़े प्लेयर्स के बीच अपनी पोजीशन को मजबूत करना।
  4. ऑपरेशनल स्केल – नई पूंजी से टेक्नोलॉजी, टीम और मार्केटिंग पर निवेश बढ़ेगा।

🚀 आगे की रणनीति

  • BharatPe का लक्ष्य 2026 के बाद IPO लाना है।
  • कंपनी SME लेंडिंग, डिजिटल पेमेंट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज में प्रोडक्ट एक्सपैंशन करेगी।
  • रेगुलेटरी कंप्लायंस और सतत मुनाफ़ा बनाए रखना टॉप प्राथमिकता होगी।
  • ब्रांड बिल्डिंग और कस्टमर अधिग्रहण (acquisition) पर भी ज़ोर रहेगा।

📌 निष्कर्ष

BharatPe का यह प्री-IPO राउंड भारतीय फिनटेक सेक्टर के लिए एक बड़ा सिग्नल है। यह दिखाता है कि कंपनी स्टार्टअप से पब्लिक लिस्टेड कंपनी बनने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा रही है।
$80-$100 मिलियन की यह फंडिंग न केवल वित्तीय स्थिरता लाएगी बल्कि मार्केट में इन्वेस्टर्स का भरोसा भी मजबूत करेगी। आने वाले महीनों में BharatPe के कदमों पर पूरी इंडस्ट्री की नज़र होगी।

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BharatPe ने ₹148.8 करोड़ तक घटाया नुकसान,

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फिनटेक यूनिकॉर्न BharatPe ने वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल-दिसंबर) के पहले नौ महीनों में अपने नेट लॉस को ₹148.8 करोड़ तक कम कर लिया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष (FY24) में ₹492 करोड़ था। इसके अलावा, कंपनी ने EBITDA स्तर पर ब्रेक-ईवन हासिल कर लिया है (ESOP एडजस्टमेंट के बाद)


BharatPe की वित्तीय स्थिति में सुधार

BharatPe के गैर-बैंकिंग वित्तीय सहयोगी Trillion Loans Fintech ने FY25 के पहले तीन तिमाहियों में ₹29.6 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि FY24 में यह ₹36.5 करोड़ था। हालांकि, FY23 में कंपनी को ₹15.2 करोड़ का नुकसान हुआ था।

Trillion Loans, जो एक RBI-पंजीकृत NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) है, छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) को मर्चेंट लोन, रेवेन्यू-बेस्ड फाइनेंसिंग और टर्म लोन जैसी सेवाएं प्रदान करता है।

🔹 Trillion Loans की स्वामित्व संरचना:

  • इसे 2018 में स्थापित किया गया था और 2021 में NDX Financial Services द्वारा अधिग्रहित किया गया था।
  • अप्रैल 2023 में BharatPe ने इसमें 51% हिस्सेदारी ली, जिसे 2025 के अंत तक 62.26% तक बढ़ा दिया गया
  • कंपनी अगले तीन वर्षों में अपनी हिस्सेदारी 100% करने की योजना बना रही है, बशर्ते नियामक मंजूरी मिले।

BharatPe के बिजनेस मॉडल में बदलाव और लोन एलिजिबिलिटी प्रोसेस

BharatPe, QR-कोड पेमेंट्स और मर्चेंट कैश फ्लो की मदद से अपने ग्राहकों की क्रेडिट योग्यता का आकलन करता है। इसके बाद, वह योग्य ग्राहकों के लीड्स को Trillion Loans (TFPL) के साथ शेयर करता है, जिससे TFPL लोन की प्रक्रिया को और अधिक कुशल बना सकता है।

📌 BharatPe के योगदान का असर:

  • FY24 के अंत तक TFPL के कुल AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) का 76% हिस्सा BharatPe के रेफरल से आया।
  • FY25 के पहले 9 महीनों में TFPL का कुल AUM ₹1,154 करोड़ तक पहुंच गया, जो कि FY24 में ₹869 करोड़ था।

📌 Trillion Loans की बैंक रेटिंग:

  • Ind-Ra (India Ratings & Research) ने Trillion Loans को ‘BBB+’ रेटिंग दी है, जो कि कंपनी के लिए एक स्थिर आउटलुक दर्शाता है।
  • इस रेटिंग का कारण है कि Trillion Loans को BharatPe का सपोर्ट मिल रहा है, जिससे इसका प्रतिस्पर्धात्मक लाभ बढ़ रहा है।

BharatPe के फंडिंग और IPO की योजनाएं

BharatPe ने अब तक $583 मिलियन से अधिक की इक्विटी फंडिंग जुटाई है। इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

🔹 Peak XV Partners
🔹 Tiger Global
🔹 Ribbit Capital
🔹 Insight Partners
🔹 Amplo
🔹 Beenext
🔹 Steadview Capital और अन्य।

कंपनी अगले 18-24 महीनों में IPO लाने की योजना बना रही है, जिससे इसे पूंजी जुटाने और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।


Ashneer Grover विवाद के बाद सफाई अभियान, लेकिन चुनौतियाँ बरकरार

BharatPe ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर से जुड़े विवादों के बाद एक ठोस सुधार यात्रा शुरू की है। हालांकि, अब भी कुछ बड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं:

लॉस कम हुआ, लेकिन निवेश का अपेक्षित रिटर्न नहीं मिला
मार्केट में अपनी पुरानी स्थिति को फिर से हासिल करना बाकी
NBFC सेक्टर में शीर्ष स्थान पाने का वादा पूरा करने के लिए और मेहनत करनी होगी

💡 विशेषज्ञों के अनुसार, BharatPe FY26 तक पूरी तरह प्रॉफिटेबल हो सकता है, लेकिन इसके लिए एक अधिक स्थिर, रणनीतिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना होगा।


क्या BharatPe निवेशकों का भरोसा वापस जीत पाएगा?

🚀 बाजार में नए निवेशकों को आकर्षित करना मुश्किल होगा, क्योंकि मौजूदा निवेशकों को रिटर्न के लिए पहले से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है।
🚀 अशनीर ग्रोवर के विवाद से उभरकर कंपनी ने अपनी छवि सुधारने की कोशिश की है, लेकिन इसे एक बार फिर से “हाइप इंजन” बनाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
🚀 NBFC सेगमेंट में कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, BharatPe को अपने बिज़नेस मॉडल को और मजबूत करना होगा।

निष्कर्ष

BharatPe ने पिछले कुछ महीनों में सकारात्मक सुधार दिखाए हैं, लेकिन इसे लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी पर और फोकस करना होगा। यदि कंपनी अपने NBFC ऑपरेशंस को कुशलतापूर्वक स्केल कर पाती है, तो यह अगले कुछ वर्षों में बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकती है।

क्या BharatPe FY26 तक अपने वादे पूरे कर पाएगा और NBFC इंडस्ट्री में टॉप प्लेयर बन पाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा! 🚀

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BharatPe के दो Chief Human Resources Officer decided का इस्तीफा

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फिनटेक यूनिकॉर्न BharatPe एक और बदलाव के दौर से गुजर रहा है, क्योंकि कंपनी के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (CHRO) और चीफ डेटा साइंटिस्ट ने इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।

  • स्मृति हांडा, जिन्होंने अप्रैल 2022 में CHRO का पद संभाला था।
  • ऋतेश मोहन श्रीवास्तव, जो जुलाई 2022 में भारतपे के चीफ डेटा साइंटिस्ट बने।

इन दोनों अधिकारियों के इस्तीफे ने कंपनी के संचालन और नेतृत्व पर प्रभाव डालने की संभावना जताई जा रही है।


BharatPe वरिष्ठ अधिकारियों का इस्तीफा और उनकी भूमिका

स्मृति हांडा

  • भारतपे में शामिल होने से पहले, स्मृति हांडा ने रेकिट में ग्लोबल टैलेंट एक्विजिशन डायरेक्टर के रूप में काम किया।
  • उन्होंने भारतपे में एचआर पहलों को सफलतापूर्वक लागू किया और कंपनी की कार्यसंस्कृति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, “स्मृति ने भारतपे में एचआर प्रथाओं को नया स्वरूप दिया है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।”

ऋतेश मोहन श्रीवास्तव

  • भारतपे में शामिल होने से पहले, श्रीवास्तव N44 कैपिटल के एडवाइजरी बोर्ड का हिस्सा थे।
  • उन्होंने भारतपे में डेटा-ड्रिवन निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूत किया और डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में कई सफल पहल शुरू की।
  • उनके नेतृत्व में, कंपनी ने डेटा साइंस के माध्यम से अपने फिनटेक उत्पादों को बेहतर बनाया।

भारतपे की वर्तमान स्थिति और चुनौतियां

भारतपे, जिसे एक अग्रणी फिनटेक यूनिकॉर्न के रूप में जाना जाता है, हाल ही में नेतृत्व और प्रबंधन स्तर पर कई बदलावों का सामना कर रहा है।

  • वरिष्ठ अधिकारियों के इस्तीफे से कंपनी की आंतरिक रणनीतियों और योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
  • हालांकि, भारतपे ने कई मौकों पर यह दिखाया है कि वह चुनौतियों से उभरने की क्षमता रखता है।

कंपनी का आधिकारिक बयान

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा,

“हम यह पुष्टि करना चाहते हैं कि स्मृति हांडा भारतपे से नई वैश्विक अवसरों का अनुसरण करने के लिए जा रही हैं। उन्होंने हमारे एचआर पहल का नेतृत्व किया है और उनके प्रयासों का स्थायी प्रभाव पड़ा है। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।”


भारतपे का नेतृत्व और भविष्य की दिशा

पिछले बदलावों का प्रभाव

  • भारतपे ने पहले भी वरिष्ठ अधिकारियों के प्रस्थान और विवादों का सामना किया है।
  • हाल के वर्षों में, कंपनी ने अपनी ब्रांड छवि को सुधारने और कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य वातावरण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है।

नेतृत्व में स्थिरता की आवश्यकता

  • किसी भी संगठन के लिए नेतृत्व में स्थिरता महत्वपूर्ण होती है।
  • वरिष्ठ अधिकारियों के लगातार बदलाव से टीम का मनोबल और कंपनी की दीर्घकालिक रणनीतियों पर असर पड़ सकता है।

भारतपे का फिनटेक क्षेत्र में योगदान

भारतपे ने भारतीय फिनटेक इकोसिस्टम में अपनी जगह बनाई है।

  • यह व्यापारी भुगतान, लोन और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है।
  • भारतपे ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को अपनाने और व्यापारी समुदाय को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आर्थिक प्रदर्शन

  • भारतपे ने हाल ही में अपने लोन पोर्टफोलियो और राजस्व वृद्धि के माध्यम से फिनटेक क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है।
  • हालांकि, नेतृत्व के इन परिवर्तनों से कंपनी को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

भारतपे के लिए आगे की राह

नई नियुक्तियों की उम्मीद

कंपनी ने संकेत दिया है कि वे जल्द ही नए अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे।

  • यह बदलाव कंपनी के एचआर और डेटा साइंस डिवीजन को नई दिशा दे सकता है।
  • मजबूत नेतृत्व के साथ, भारतपे अपनी इनोवेशन रणनीतियों और मार्केट विस्तार पर फिर से ध्यान केंद्रित कर सकता है।

उद्योग में प्रतिस्पर्धा

  • भारतपे को फोनपे, गूगल पे, और पेटीएम जैसे मजबूत प्रतिस्पर्धियों का सामना करना पड़ता है।
  • इस प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए कंपनी को अपनी ग्राहक सेवा, तकनीकी समाधान, और नवाचार पर ध्यान देना होगा।

निष्कर्ष

भारतपे का फिनटेक क्षेत्र में योगदान इसे भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाता है।

  • हालांकि, नेतृत्व में हो रहे बदलाव और वरिष्ठ अधिकारियों के प्रस्थान ने कंपनी के लिए नई चुनौतियां खड़ी की हैं।
  • बेहतर नेतृत्व, नई रणनीतियों, और तकनीकी नवाचार के साथ, भारतपे इन चुनौतियों को अवसर में बदल सकता है।

क्या भारतपे इन बदलावों के बाद अपने लक्ष्य हासिल कर पाएगा? यह समय ही बताएगा।

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BharatPe Secures Rs 85 Crore in Debt Funding

Fintech firm BharatPe has raised Rs 85 crore ($10 million) through non-convertible debentures, marking its second debt infusion in 2024. The funds were raised by issuing debentures to Trifecta Venture Debt and Innoven Capital. BharatPe opted for debt to avoid equity dilution as it nears break-even.