🛒 BigBasket को मिला ₹200 करोड़ का बड़ा फंडिंग बूस्ट!

BigBasket

भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म में से एक BigBasket की उपभोक्ता इकाई Innovative Retail Pvt Ltd ने एक बार फिर फंडिंग बाजार में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है। कंपनी ने ₹200 करोड़ (लगभग $22.7 मिलियन) की डेब्ट फंडिंग हासिल की है, जो कि DBS Bank Ltd द्वारा प्रदान की गई है। लगभग तीन साल बाद यह BigBasket के लिए इतना बड़ा कैपिटल इन्फ्यूज़न है।

यह फंडिंग ऐसे समय में आई है जब BigBasket पहले ही क्विक कॉमर्स मॉडल की ओर तेजी से शिफ्ट कर चुका है और अपने “10 मिनट डिलीवरी” नेटवर्क को और मजबूत बनाना चाहता है।


💰 कैसे जुटाई गई फंडिंग? — NCDs का इस्तेमाल

RoC (Registrar of Companies) के साथ की गई फाइलिंग के अनुसार, BigBasket की B2C यूनिट Innovative Retail Pvt Ltd ने कुल:

  • 20,000 नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs)
  • प्रति NCD कीमत: ₹1,00,000
  • टेन्योर: 18 महीने
  • कूपन रेट: 8.2% प्रति वर्ष

इन डिबेंचर्स के माध्यम से कंपनी ने कुल ₹200 करोड़ जुटाए।

यह डेब्ट स्ट्रक्चर बिना किसी इक्विटी डाइल्यूशन के पर्याप्त पूंजी जुटाने का एक तरीका है, जो BigBasket की वर्तमान रणनीति के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।


🏬 फंड्स का इस्तेमाल कहाँ होगा? — बढ़ेंगे Dark Stores, मजबूत होगा इंफ्रास्ट्रक्चर

कंपनी ने स्पष्ट किया है कि जुटाई गई राशि का उपयोग होगा:

✔️ Dark Stores स्थापित करने में
✔️ मौजूदा Dark Stores को अपग्रेड करने में
✔️ जनरल कॉर्पोरेट एक्सपेंस
✔️ क्विक डिलीवरी सप्लाई चेन मजबूत करने में

BigBasket पहले से ही अपने इन्वेंट्री-लेड मॉडल के लिए जाना जाता है, जहां वो खुद स्टॉक मैनेज करता है और खुद की डिलीवरी यूनिट के माध्यम से तेज़ डिलीवरी प्रदान करता है। Dark Stores उसी रणनीति का मुख्य हिस्सा हैं।


🚀 10 मिनट डिलीवरी मॉडल की ओर पूरा फोकस

अगस्त 2024 में BigBasket ने बड़ी घोषणा करते हुए बताया था कि वह अब पूरी तरह Quick Commerce मॉडल पर फोकस करेगा।
इसका मतलब है:

10-minute delivery ही कंपनी की मुख्य पहचान होगी
⚡ BigBasket Now और BB Daily मॉडल को भी इसी दिशा में इंटीग्रेट किया जा रहा है
⚡ तेज़ डिलीवरी के लिए नेटवर्क का भारी विस्तार

देशभर में Blinkit, Instamart और Zepto के साथ मुकाबला करने के लिए BigBasket को तेजी से स्केल करना जरूरी हो गया है। यही वजह है कि इस दौर की फंडिंग बेहद महत्वपूर्ण है।


🏢 BigBasket की ग्रोथ स्टोरी — Tata Digital की बड़ी भूमिका

BigBasket की नींव 2011 में रखी गई थी। कंपनी आज भी भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन ग्रॉसरी कंपनियों में गिनी जाती है।
2021 में Tata Digital ने BigBasket का अधिग्रहण किया, और तब से कंपनी में तेजी से बदलाव हुए हैं:

  • प्राइवेट लेबल बढ़े
  • Dark Store मॉडल पर जोर
  • Quick Commerce में प्रवेश
  • हाई-स्पीड डिलीवरी नेटवर्क

इस फंडिंग के साथ BigBasket ने साफ कर दिया है कि Tata Digital का फोकस अभी भी इस ब्रांड को बाजार में अग्रणी बनाए रखने पर है।


📈 फंडिंग हिस्ट्री — BigBasket ने अब तक जुटाए हैं 1 बिलियन डॉलर से अधिक

स्टार्टअप डेटा प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार, BigBasket ने अब तक:

🔹 $1 बिलियन से अधिक फंडिंग जुटाई है
🔹 प्रमुख निवेशक:

  • Mirae Asset
  • British International Investments
  • Bessemer Venture Partners
  • Tata Digital (अधिग्रहण 2021)

नए डेब्ट राउंड से यह भी स्पष्ट होता है कि BigBasket अपनी वित्तीय संरचना को संतुलित रखते हुए तेजी से स्केल करना चाहता है।


📉 वित्तीय स्थिति — FY25 में बढ़ा घाटा

BigBasket की वित्तीय रिपोर्ट चुनौतियों की ओर इशारा करती है:

  • Revenue (FY25): ₹7,673 करोड़ — लगभग स्थिर
  • Net Loss (FY25): ₹1,850 करोड़ — घाटा बढ़ा

क्विक कॉमर्स मॉडल में बड़े पैमाने पर खर्च शामिल होता है — जैसे:

🏍️ डिलीवरी नेटवर्क
🏬 Dark Stores
👨‍💼 मैनपावर
📦 इन्वेंट्री मैनेजमेंट

इसी कारण लागत बढ़ती है और नुकसान अस्थायी रूप से बढ़ सकता है।


🔮 आगे का रास्ता — क्या BigBasket क्विक कॉमर्स में जीत सकता है?

क्विक कॉमर्स अभी भारत का सबसे प्रतिस्पर्धी सेक्टर है।
BigBasket का फायदा:

✔️ लंबा अनुभव
✔️ बड़ा ग्राहक आधार
✔️ Tata Digital का सपोर्ट
✔️ मजबूत प्राइवेट लेबल मार्जिन
✔️ Dark Store आधारित तेज़ नेटवर्क

यह फंडिंग कंपनी को एक नई ऊर्जा देगी और 10 मिनट डिलीवरी के विस्तार में निर्णायक भूमिका निभाएगी।


🌟 निष्कर्ष

₹200 करोड़ की यह डेब्ट फंडिंग BigBasket के आक्रामक विस्तार के इरादों को मजबूत करती है।
Blinkit–Zepto–Instamart की तगड़ी दौड़ में BigBasket की एंट्री अब पहले से कहीं अधिक तेज़ और रणनीतिक लग रही है।

Quick Commerce का भविष्य रोमांचक है — और BigBasket एक बार फिर इस रेस में पूरे दम से उतर चुका है! 🚀🛒

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