भारत के दो दिग्गज ऑटो-टेक प्लेटफॉर्म CarTrade Tech और CarDekho Group (Girnar Software) के बीच चल रही consolidation बातचीत अब आधिकारिक रूप से खत्म हो गई है.
27 नवंबर को जारी एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में CarTrade ने पुष्टि की कि दोनों कंपनियों ने “आपसी सहमति से इस प्रस्तावित डील को आगे न बढ़ाने” का निर्णय लिया है।
यह खबर ऐसे समय आई है जब भारतीय ऑटो-क्लासिफाइड्स स्पेस में गजब की प्रतिस्पर्धा और तेजी से बदलती डिजिटल रणनीतियों के बीच बड़े players consolidation तलाश रहे थे।
🛑 क्या था प्रस्तावित Mega Deal?
11 नवंबर को CarTrade ने पहली बार खुलासा किया था कि वह CarDekho के साथ एक संभावित ऑल-स्टॉक कंसॉलिडेशन पर बातचीत कर रहा है।
अगर यह डील पूरी हो जाती, तो भारत में एक सुपर ऑटो-टेक कंपनी बन सकती थी जिसमें शामिल होते:
- CarTrade Tech
- CarWale
- BikeWale
- OLX India (ओएलएक्स इंडिया का ऑटो व्यवसाय)
- Shriram Automall
- CarDekho
- BikeDekho
- Gaadi.com
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस deal में CarDekho के ऑटो-क्लासिफाइड्स बिज़नेस को लगभग $1.2 बिलियन वैल्यूएशन मिल सकता था।
💰 CarDekho और CarTrade की वर्तमान स्थिति
🔹 CarDekho
- आखिरी फंडिंग 2021 में
- $1.2 बिलियन वैल्यूएशन पर यूनिकॉर्न बना
- निवेशक: Peak XV Partners, CapitalG, LeapFrog, आदि
🔹 CarTrade Tech
- 2021 में स्टॉक मार्केट में लिस्टेड
- हाल के वर्षों में बड़े strategic acquisition किए:
- OLX India
- Shriram Automall
इस consolidation के बाद दोनों कंपनियों का संयुक्त नेटवर्क ऑनलाइन + ऑफलाइन ऑटो मार्केटप्लेस में देश का सबसे बड़ा ढांचा बना देता।
🤝 लेकिन बात क्यों नहीं बनी?
कंपनियों ने डील टूटने का कारण सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन उद्योग सूत्रों के मुताबिक संभव कारण ये हो सकते हैं:
1️⃣ वैल्यूएशन पर असहमति
$1.2 बिलियन वैल्यूएशन पर सहमति के बावजूद, अंतिम शर्तों पर मतभेद हो सकते थे।
2️⃣ बिजनेस मॉडल और संचालन रणनीति
दोनों कंपनियों की अलग-अलग growth strategies और बाजार positioning हो सकती हैं।
3️⃣ नियामकीय और अनुपालन चुनौतियाँ
इतना बड़ा कंसॉलिडेशन Competition Commission of India (CCI) की कड़ी जांच से गुजरता, जो deal को जटिल बना सकता था।
4️⃣ CarTrade की अपनी मजबूत बैलेंस शीट
OLX India और Shriram Automall जैसे अधिग्रहण के बाद CarTrade के पास खुद का विशाल नेटवर्क है, जिससे वे स्वतंत्र वृद्धि को प्राथमिकता दे सकते हैं।
🔍 CarTrade की आगे की रणनीति क्या होगी?
कंपनी ने फाइलिंग में साफ किया:
“हम CarWale, BikeWale, OLX India और Shriram Automall जैसे मौजूदा व्यवसायों को मजबूत बनाने पर फोकस जारी रखेंगे।”
CarTrade का मानना है कि भारत का प्री-ओन्ड और नए वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और उसके प्लेटफॉर्म के पास अभी भी बहुत growth runway है।
🚀 क्या ऑटो-टेक सेक्टर में अन्य बड़ी डील्स होंगी?
हाल के वर्षों में ऑटो-क्लासिफाइड्स और प्री-ओन्ड व्हीकल मार्केट में:
- बढ़ती डिजिटाइजेशन
- ऑनलाइन व्हीकल ट्रांजैक्शन
- EV सेक्टर का उभार
- फाइनेंसिंग और इंश्योरेंस टाई-अप
की वजह से बड़े खिलाड़ी consolidation का रास्ता खोज रहे हैं।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स मानते हैं:
🔹 अगला बड़ा merger कभी भी आ सकता है।
🔹 CarDekho, Cars24, Spinny, CarTrade जैसे players नए strategic investors तलाश रहे हैं।
🔹 निजी और ऑफलाइन ऑटो ट्रांजैक्शन डिजिटल की ओर बढ़ रहे हैं।
📰 सार: Mega Consolidation का सपना टूटा, लेकिन Growth Story जारी
CarTrade–CarDekho का संभावित merger अगर सफल हो जाता, तो भारत की सबसे बड़ी Auto-Tech कंपनियों में से एक बन सकती थी।
पर डील टूटने के बावजूद दोनों कंपनियाँ अपने-अपने मजबूत व्यवसाय और बड़े ग्राहक आधार के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं।
भारतीय ऑटो बाजार का भविष्य तेज़ है, डिजिटल है और बेहद प्रतिस्पर्धी है — और यह घटनाक्रम दिखाता है कि बड़े players भी रणनीतिक निर्णयों को लेकर बेहद सतर्क हैं।
Read more : Safegold की FY25 ग्रोथ धीमी, लेकिन कंपनी बनी EBITDA पॉज़िटिव


