💡 CIMware ने जुटाए $2.3 मिलियन

CIMware

भारत के तकनीकी स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक और गहरा नवाचार देखने को मिला है। बेंगलुरु स्थित डीप-टेक स्टार्टअप CIMware ने हाल ही में $2.3 मिलियन (लगभग ₹19 करोड़) की pre-Series A फंडिंग जुटाई है। इस निवेश का नेतृत्व Transition VC ने किया है, जो कि ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition) पर केंद्रित एक वेंचर कैपिटल फर्म है।

💼 स्टार्टअप का उद्देश्य और तकनीक

CIMware, जिसकी स्थापना अनुभवी टेक्नोक्रेट राजीव गंठ ने की है, डेटा सेंटर हार्डवेयर को नई दिशा देने की ओर अग्रसर है। राजीव इससे पहले CloudSimple India के प्रमुख रह चुके हैं, जिसे बाद में Google ने अधिग्रहित कर लिया था।

CIMware ने एक क्रांतिकारी उत्पाद विकसित किया है — Composable Infrastructure Module (CIM)। यह एक स्मार्ट टॉप-ऑफ-रैक स्विच है, जो कंप्यूट, स्टोरेज और नेटवर्किंग को एक ही यूनिट में समाहित करता है। परंपरागत डेटा सेंटर सेटअप की तुलना में यह समाधान अधिक कुशल, किफायती और पर्यावरण-सम्मत है।


⚙️ CIMware के प्रमुख फ़ायदे

  1. 🔋 ऊर्जा की खपत में 80% तक की कटौती — कंपनी का दावा है कि CIM तकनीक डेटा सेंटरों की पावर यूटिलाइजेशन को बड़ी मात्रा में कम कर सकती है।
  2. 💰 कुल स्वामित्व लागत में कमी (TCO) — इंफ्रास्ट्रक्चर, मेंटेनेंस और ऑपरेशनल खर्चों में उल्लेखनीय गिरावट संभव है।
  3. 🏢 स्पेस ऑप्टिमाइजेशन — यह टेक्नोलॉजी कम जगह में ज्यादा क्षमता प्रदान करती है, जिससे डेटा सेंटर डिज़ाइन अधिक किफायती बनता है।

🏭 उत्पादन और विस्तार योजनाएं

CIMware ने अपनी पहली 20 यूनिट्स का उत्पादन शुरू कर दिया है। ये यूनिट्स 2025 के अंत तक भारत के प्रमुख डेटा सेंटरों में स्थापित की जाएंगी। इस उत्पादन के लिए कंपनी अपने हार्डवेयर निर्माण क्षमता को तेजी से बढ़ा रही है और R&D (अनुसंधान और विकास) पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।


🌐 वैश्विक विस्तार की योजना

CIMware भारत में प्रत्यक्ष बिक्री (Direct Sales) और अमेरिका में भी इसी मॉडल के तहत विस्तार की योजना बना रही है। साथ ही, यह साउथ कोरिया, यूनाइटेड किंगडम (UK), और संयुक्त राज्य अमेरिका (US) जैसे उन्नत बाजारों में साझेदारी (partnerships) के अवसर तलाश रही है।

साउथ ईस्ट एशिया के लिए कंपनी व्हाइट लेबल डील्स पर भी विचार कर रही है ताकि वहां के बाजार में बिना ब्रांड नाम के उपकरणों की आपूर्ति कर सके।


🧪 तकनीकी नवाचार और ऊर्जा संकट समाधान

आज जब दुनिया ऊर्जा संकट, डेटा सुरक्षा और क्लाउड डिप्लॉयमेंट की चुनौतियों से जूझ रही है, CIMware जैसे स्टार्टअप “ग्रीन डेटा सेंटर” को संभव बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

Transition VC, जो कि ऊर्जा संक्रमण पर फोकस करता है, ने इस निवेश को एक दीर्घकालिक समाधान के रूप में देखा है जो कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में सहायक हो सकता है।


💬 संस्थापक का विज़न

CIMware के संस्थापक राजीव गंठ का कहना है:

“हम सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर का भविष्य बना रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम न केवल ऊर्जा की बचत करें, बल्कि अगली पीढ़ी की डेटा सेवाओं के लिए आधार भी तैयार करें। भारत और वैश्विक बाजार दोनों में हमारी तकनीक की जबरदस्त संभावनाएं हैं।”


📈 भारतीय डीप-टेक स्टार्टअप स्पेस में बढ़ती हलचल

भारत में हाल के वर्षों में डीप-टेक और हार्डवेयर-फोकस्ड स्टार्टअप्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। जहां एक ओर ज़्यादातर स्टार्टअप सॉफ़्टवेयर और डिजिटल सेवाओं पर केंद्रित रहे हैं, वहीं CIMware जैसे इनोवेटर्स क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी और हाई-परफॉर्मेंस हार्डवेयर के क्षेत्र में नया रास्ता बना रहे हैं।

यह बदलाव देश के “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” जैसे अभियानों के अनुरूप भी है।


🏁 निष्कर्ष

CIMware का उद्देश्य सिर्फ तकनीकी नवाचार करना नहीं, बल्कि डेटा सेंटर के पारंपरिक मॉडल को पुनर्परिभाषित करना है। पर्यावरणीय जिम्मेदारी, लागत की प्रभावशीलता और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का मेल इसे भारत के सबसे आशाजनक डीप-टेक स्टार्टअप्स में शुमार करता है।

भविष्य में, जैसे-जैसे डेटा की मांग बढ़ेगी, CIMware जैसे स्टार्टअप्स की भूमिका स्ट्रेटेजिक टेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेयर्स के रूप में अहम होती जाएगी।

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