CoinSwitch की पैरेंट कंपनी PeepalCo को लगातार दूसरे साल गिरते राजस्व का सामना

CoinSwitch

CoinSwitch की पैरेंट कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू FY24 में घटकर केवल ₹38 करोड़ (लगभग $4.56 मिलियन) रह गया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष FY23 में ₹70.2 करोड़ (लगभग $8.41 मिलियन) था। यह आंकड़े PeepalCo द्वारा सिंगापुर में फाइल की गई कंसोलिडेटेड वित्तीय रिपोर्ट से प्राप्त हुए हैं। PeepalCo कंपनी दो मुख्य व्यवसाय संचालित करती है: क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग CoinSwitch के माध्यम से और इक्विटी ट्रेडिंग Lemonn के जरिये।

CoinSwitch एक वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) एक्सचेंज एग्रीगेटर के रूप में काम करता है, जो डिजिटल एसेट्स के खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ता है। इसकी आय का मुख्य स्रोत यूजर्स और थर्ड-पार्टी VDA एक्सचेंजों के बीच लेनदेन की सेवा फीस से आता है। इसके साथ ही, यह एक इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज प्लेटफार्म भी संचालित करता है, जो VDA बाजार में बड़े वॉल्यूम वाले ट्रेडर्स और मार्केट मेकर्स को जोड़ने का काम करता है।

PeepalCo के वित्तीय प्रदर्शन पर नज़र डालें, तो कंपनी का अधिकांश राजस्व इन्वेस्टमेंट सेल्स, ब्याज आय, डिजिटल एसेट्स पर प्रोविज़न के रिवर्सल, और डिजिटल एसेट्स पर सामंजस्य (reconciliation) लाभ जैसी गैर-ऑपरेटिंग आय से आया। FY24 में इस गैर-ऑपरेटिंग आय की कुल राशि ₹149.13 करोड़ या $17.86 मिलियन रही।

CoinSwitch लगातार घटता ऑपरेटिंग रेवेन्यू:

PeepalCo के लिए लगातार गिरता ऑपरेटिंग रेवेन्यू एक चिंता का विषय है। FY23 में हुए बड़े झटके के बाद, FY24 में एक बार फिर इसके ऑपरेटिंग रेवेन्यू में 46% की गिरावट देखी गई। PeepalCo के पास CoinSwitch और Lemonn के रूप में दो मुख्य व्यवसायिक शाखाएँ हैं, जो क्रिप्टो और इक्विटी ट्रेडिंग सेवाएं प्रदान करती हैं, लेकिन दोनों ही बाजार की अनिश्चितताओं के चलते प्रभावित हुए हैं।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में आए कई बदलाव और सरकार द्वारा किए गए नियामकीय (regulatory) हस्तक्षेपों ने इस क्षेत्र की ग्रोथ को धीमा कर दिया है। कई बार डिजिटल एसेट्स पर लगाई गई प्रतिबंधात्मक नीतियों के कारण एक्सचेंजों को ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट का सामना करना पड़ता है। इसके कारण CoinSwitch का कारोबार भी प्रभावित हुआ है।

डिजिटल एसेट्स और निवेश से हुई गैर-ऑपरेटिंग आय:

हालांकि ऑपरेटिंग रेवेन्यू में गिरावट देखी गई, लेकिन PeepalCo की गैर-ऑपरेटिंग आय मजबूत रही। कंपनी ने डिजिटल एसेट्स के निवेश, ब्याज आय, प्रोविज़न रिवर्सल और सामंजस्य लाभ के माध्यम से ₹149.13 करोड़ ($17.86 मिलियन) की गैर-ऑपरेटिंग आय अर्जित की। यह आय कई मामलों में कंपनी के नुकसान को संतुलित करने में सहायक साबित हुई। PeepalCo के लिए यह एक संकेत है कि डिजिटल एसेट्स के मार्केट में निवेश और ब्याज आय पर ध्यान केंद्रित करने से कंपनी को वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में सहायता मिल सकती है।

भारतीय क्रिप्टो बाजार की चुनौतियाँ:

भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को लगातार सरकारी नीतियों और नियमों के बदलाव का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसी पर सख्त रुख अपनाया है, जिसके परिणामस्वरूप CoinSwitch जैसे प्लेटफार्मों को प्रभावित होना पड़ा है। भारत में डिजिटल एसेट्स पर कराधान, बैंकिंग प्रतिबंध, और नियामकीय अस्पष्टता के चलते निवेशकों और व्यापारियों में अनिश्चितता बनी रहती है।

CoinSwitch के लिए चुनौती यह है कि वह अपनी मौजूदा ग्राहक आधार और निवेशक समुदाय के लिए वैकल्पिक आय के स्रोतों को कैसे विकसित कर सकता है। इसी के चलते कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में अपने डिजिटल एसेट्स की गैर-ऑपरेटिंग आय पर ध्यान केंद्रित किया है, जो कि लंबे समय तक आर्थिक संतुलन बनाए रखने में सहायक हो सकती है।

आगे की राह और संभावनाएँ:

भविष्य की योजनाओं को देखते हुए PeepalCo के लिए आवश्यक है कि वह अपनी ऑपरेटिंग आय को फिर से बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करे। इसके लिए कंपनी को बाजार में नए प्रोडक्ट्स और सेवाएं लानी होंगी और संभावित ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नई रणनीतियाँ अपनानी होंगी।

कंपनी को अपने ट्रेडिंग मॉडल में नवाचार लाने की जरूरत है ताकि वह मौजूदा कठिनाई भरे बाजार में भी टिक सकें। CoinSwitch को अपने मौजूदा ग्राहकों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने के साथ-साथ उन ग्राहकों को लक्षित करना चाहिए जो डिजिटल एसेट्स में निवेश करने के इच्छुक हैं। इसके अलावा, कंपनी को अपने निवेश, ब्याज आय और सामंजस्य लाभ जैसे गैर-ऑपरेटिंग स्रोतों का भी सही ढंग से उपयोग करना होगा ताकि मुश्किल समय में वित्तीय स्थिरता बनी रहे।

निष्कर्ष:

CoinSwitch की पैरेंट कंपनी PeepalCo के सामने FY23 और FY24 में लगातार घटते राजस्व का सामना करना पड़ा है। हालांकि कंपनी ने गैर-ऑपरेटिंग आय के माध्यम से अपने वित्तीय घाटे को संतुलित किया है, लेकिन दीर्घकालिक सफलता के लिए ऑपरेटिंग रेवेन्यू का फिर से स्थिर होना आवश्यक है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में मौजूद चुनौतियों और सरकारी नीतियों को देखते हुए PeepalCo को अपनी रणनीतियों में बदलाव लाना होगा।

अगर PeepalCo अपनी बाजार स्थितियों के अनुकूल रणनीतियाँ अपनाता है, तो यह उम्मीद की जा सकती है कि कंपनी भविष्य में भारतीय और वैश्विक डिजिटल एसेट्स बाजार में एक मजबूत और स्थायी उपस्थिति बना पाएगी।

Read More: मैथ फोकस्ड एडटेक प्लेटफॉर्म Bhanzu ने जुटाए $16.5 मिलियन, US में विस्तार पर होगा फोकस