🏦🚀 Slice Small Finance Bank ने पहली बार कमाया मुनाफ़ा

Slice

Slice और North East Small Finance Bank (NESFB) के मर्जर के बाद बने Slice Small Finance Bank (SSFB) ने आखिरकार अपने वित्तीय प्रदर्शन में जबरदस्त टर्नअराउंड दिखाया है। बैंक ने FY26 की पहली छमाही (अप्रैल–सितंबर 2025) में ₹7 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज कर लिया है — जो FY25 के ₹217 करोड़ के भारी घाटे और FY24 के ₹153 करोड़ के नुकसान के मुकाबले एक बड़ा सुधार है।

यह जानकारी CRISIL की नवीनतम रेटिंग रिपोर्ट में सामने आई है।


💹📈 मुनाफ़े की वापसी: Pre-ESOP प्रॉफिट हुआ ₹43 करोड़

CRISIL के अनुसार:

Pre-ESOP Profit (H1 FY26): ₹43 करोड़

जिसमें से ₹36.5 करोड़ ESOP रिज़र्व में ट्रांसफर किए गए।

बैंक का लाभांकन उम्मीद से बेहतर रहा, जिसकी बड़ी वजह थीं:

  • Net Interest Margin (NIM): 11.1% (annualised)
  • Credit Cost: सिर्फ 2.4%

हालाँकि NESFB से मिली legacy high-cost borrowings की वजह से cost of funds थोड़ा बढ़ा, लेकिन मजबूत NIM ने बैंक को लाभ में लौटने में मदद की।


📊🚀 AUM में तेज़ उछाल — 6 महीने में 27% वृद्धि

Slice SFB की Assets Under Management (AUM) में मर्जर के बाद जबरदस्त तेजी देखने को मिली है।

✅ AUM (March 2025): ₹2,954 करोड़

✅ AUM (September 2025): ₹3,759 करोड़

यानी सिर्फ 6 महीनों में लगभग 27% की वृद्धि

🔍 Portfolio Mix:

  • 76% – Digital unsecured personal loans
  • 14% – MSME loans
  • 10% – अन्य रिटेल और उधार श्रेणियां

बैंक का DNA अभी भी digital-first है, जिसमें personal credit प्रमुख भूमिका निभा रहा है।


🏧📊 Deposits में भी तगड़ी ग्रोथ — CASA ratio में सुधार

H1 FY26 में SSFB ने deposits mobilisation में भी उल्लेखनीय उछाल दिखाया।

✅ Deposits (FY25 End): ₹2,418 करोड़

✅ Deposits (Sept 2025): ₹3,896 करोड़

➡️ 61% की जबरदस्त वृद्धि

✅ CASA Ratio: 27.5%

यह आकड़ा small finance banks के लिए काफ़ी मजबूत माना जाता है।

Deposits में वृद्धि से बैंक की liquidity profile और funding stability में बड़ा सुधार हुआ है।


🏦📈 CRISIL का रुख ‘Positive’: Rating को मिला अपग्रेड संकेत

बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए CRISIL ने:

✅ LT-II Bonds Outlook: ‘Stable’ से ‘Positive’

✅ Rating: BBB- (Reaffirmed)

CRISIL ने कहा:

“Outlook revision reflects SSFB की improving market position, better profitability, और adequate capitalisation.”

✅ Capital Adequacy Ratio (September 2025): 18.1%

FY25 के मुकाबले बैंक की पूंजी स्थिति और मजबूत हुई।

✅ Net Worth:

  • March 2025: ₹849 करोड़
  • September 2025: ₹891 करोड़

📉📊 Asset Quality में सुधार, पर चुनौतियाँ बरकरार

SSFB की asset quality अभी भी मध्यम स्तर पर है, लेकिन इसमें सुधार दिख रहा है।

✅ Gross NPA (FY25): 6.3% → (H1 FY26): 5.8%

✅ Net NPA (FY25): 4.7% → (H1 FY26): 4.2%

CRISIL ने चेतावनी दी है कि:

बैंक की scalability के साथ asset quality और profitability को बनाए रखना इसकी भविष्य की rating outlook पर असर डालेगा।


🔄🧩 मर्जर के बाद बैंक का प्रदर्शन कैसा रहा?

अक्टूबर 2024 में Slice और NESFB के मर्जर के बाद SSFB ने:

  • टेक-ड्रिवन lending मॉडल अपनाया
  • cost rationalisation किया
  • higher-margin digital loans पर फोकस बढ़ाया
  • deposits mobilisation बढ़ाकर लागत कम की

इन रणनीतियों ने FY26 की पहली छमाही में बैंक के turnaround का रास्ता खोला।


📌🔍 विश्लेषण: SSFB के लिए आगे का रोडमैप

Slice SFB की स्थिति अब कई मोर्चों पर मजबूत दिख रही है:

✅ मजबूत NIM

✅ deposits में तेज़ वृद्धि

✅ profit में वापसी

✅ asset quality में सुधार

✅ CASA बेस बढ़ता हुआ

लेकिन चुनौतियाँ भी हैं:

  • unsecured loans का उच्च हिस्सा
  • scaling phase में credit cost बढ़ने का जोखिम
  • legacy borrowings का cost pressure

अगर बैंक asset quality स्थिर रखते हुए AUM और deposits को इसी रफ्तार से बढ़ाता है, तो आने वाले 3–4 तिमाहियों में इसकी profitability और मजबूत हो सकती है।


निष्कर्ष

Slice Small Finance Bank के लिए FY26 की पहली छमाही एक निर्णायक पल साबित हुई है।
₹7 करोड़ का मुनाफ़ा, तेज़ी से बढ़ता AUM, मजबूत CASA, और CRISIL का Positive outlook — यह सब संकेत देते हैं कि SSFB भारतीय small finance banking space में एक नए डिजिटल-फर्स्ट दावेदार के रूप में उभर रहा है।

बैंक का आगे का सफर अब इस बात पर निर्भर करेगा कि वह:

  • digital unsecured loan book को कितना सुरक्षित रख पाता है
  • deposits को कितनी गति से बढ़ा पाता है
  • और profitability को sustainability में बदल पाता है

Read more : Capillary Technologies का IPO 14 नवंबर को खुलेगा

🚀📊 Capillary Technologies का IPO 14 नवंबर को खुलेगा:

Capillary Technologies

Bengaluru-आधारित SaaS स्टार्टअप Capillary Technologies आखिरकार अपनी बहुत प्रतीक्षित Initial Public Offering (IPO) लाने जा रहा है। कंपनी ने घोषणा की है कि इसका IPO 14 नवंबर 2025 को खुलेगा और 18 नवंबर को बंद होगा। इसके साथ ही Capillary ने अपने पब्लिक ऑफर के साइज़ में भी कटौती की है।


💼📉 IPO साइज़ में बदलाव: Fresh Issue और OFS दोनों घटे

कंपनी के संशोधित फाइलिंग के अनुसार:

Fresh Issue:

पहले ₹430 करोड़ प्रस्तावित था, जिसे घटाकर ₹345 करोड़ कर दिया गया है।

Offer For Sale (OFS):

  • पहले: 1.83 करोड़ शेयर
  • अब: 92.2 लाख शेयर

IPO के इक्विटी शेयर BSE और NSE दोनों पर लिस्ट होंगे।
कंपनी ने अपना DRHP जून 2025 में दाखिल किया था और सितंबर में SEBI की मंज़ूरी प्राप्त कर ली थी।

📌 Book Running Lead Managers

  • Axis Capital
  • ICICI Securities
  • JM Financial

प्राइस बैंड और वैल्यूएशन की जानकारी IPO खुलने से पहले जारी की जाएगी।


🏢📈 Capillary Technologies: 17 साल पुरानी SaaS सफलता की कहानी

2008 में Aneesh Reddy, Krishna Mehra और Ajay Modani द्वारा स्थापित, Capillary आज दुनिया की अग्रणी loyalty और CRM तकनीक कंपनियों में गिना जाता है।

कंपनी:

  • 46 देशों में
  • 390+ ब्रांड्स
  • और बड़े एंटरप्राइज़ क्लाइंट्स जैसे Tata Digital, Aditya Birla Fashion, ABBOTT Labs

को अपने cloud-native loyalty और customer engagement समाधान प्रदान करती है।


🔍📊 शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर: Promoters और Investors

👤 Promoter Shareholding:

  • 67.18%

👥 Public Shareholding:

  • 32.82%

प्रमुख निवेशक:

  • Ronal Holdings – 7.53%
  • AVP Fund – 5.51%
  • Trudy Holdings – 4.49%
  • Filter Capital India Fund – 3.66%
  • Schroders Capital – 1.54%

TheKredible के अनुसार, Capillary ने अब तक कुल $239 मिलियन फंडिंग जुटाई है।


💰📈 FY25 में मजबूत प्रदर्शन — Revenue और Profit दोनों बढ़े

Capillary Technologies ने FY25 में अपनी वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार दिखाया।

FY25 Revenue: ₹598 करोड़

(FY24 के ₹524 करोड़ के मुकाबले 14% YoY बढ़ोतरी)

FY25 Net Profit: ₹14.1 करोड़

(FY24 के ₹68 करोड़ के घाटे से मुनाफ़े में वापसी)

यह Capillary के लिए एक बड़ा टर्नअराउंड है, खासकर उस समय जब SaaS सेक्टर में वैश्विक स्तर पर मार्जिन प्रेशर बढ़ रहा है।


🧠✨ Capillary की USP: Loyalty + CRM का Global SaaS Blend

Capillary का प्लेटफॉर्म दुनिया भर के ब्रांड्स को सक्षम बनाता है कि वे:

  • अपने ग्राहकों को बेहतर समझें
  • रिटेंशन बढ़ाएँ
  • पर्सनलाइज़्ड लॉयल्टी प्रोग्राम चलाएँ
  • मल्टी-चैनल मार्केटिंग को ऑटोमेट करें
  • और AI-driven insights से बेहतर निर्णय लें

कंपनी का SaaS मॉडल subscription-driven है, जो recurring revenue को स्थिर बनाए रखता है।


💡📉 IPO साइज़ घटाने के पीछे संभावित कारण

विश्लेषकों के अनुसार IPO साइज़ कम करने के पीछे ये कारण हो सकते हैं:

🔸 मार्केट कंडीशंस

टेक सेक्टर में अस्थिरता के बीच IPOs को लेकर निवेशकों की सतर्कता बढ़ी है।

🔸 बेहतर प्राइस डिस्कवरी

साइज़ कम करने से मांग (demand) बेहतर दिखती है, जिससे listing performance में मदद मिलती है।

🔸 प्रॉफिट में वापसी

FY25 में मुनाफ़ा दर्ज करने के बाद कंपनी शायद महंगे dilution से बचना चाहती हो।


🌍📈 Capillary के Global Expansion की रणनीति

कंपनी पहले से ही:

  • Middle East
  • South East Asia
  • North America

में मजबूत उपस्थिति रखती है।
IPO से जुटाया धन निम्न क्षेत्रों में लगाया जाएगा:

✅ प्रोडक्ट डेवलपमेंट
✅ AI/ML इंटीग्रेशन
✅ अंतरराष्ट्रीय विस्तार
✅ कर्ज का भुगतान
✅ टेक्नोलॉजी अपग्रेड


📊📌 क्या Capillary का IPO सफल होगा? निवेशकों का मूड कैसा है?

SaaS सेक्टर में:

  • recurring revenue
  • sticky enterprise clients
  • और AI-driven CRM की तेजी

के कारण निवेशक इस कैटेगरी में रुचि दिखा रहे हैं।

Capillary का:

✅ ग्लोबल footprint
✅ मजबूत ग्राहक आधार
✅ FY25 में प्रॉफिट में वापसी

इसे एक आकर्षक SaaS प्ले बनाते हैं।

हालाँकि, IPO का अंतिम प्रदर्शन काफी हद तक प्राइस बैंड और मार्केट सेंटिमेंट पर निर्भर करेगा।


निष्कर्ष

Capillary Technologies का IPO भारत के SaaS सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण इवेंट है।
कंपनी ने FY25 में सकारात्मक मोड़ लिया है—राजस्व में वृद्धि और मुनाफ़े की वापसी इसे मजबूत आधार प्रदान करती है।

IPO साइज़ घटाकर कंपनी ने निवेशकों के लिए एक अधिक संतुलित ऑफर बनाया है।
अब सभी की नज़रें प्राइस बैंड और लिस्टिंग डे के प्रदर्शन पर होंगी।

Read more : Uppercase FY25 Results रेवेन्यू 34% बढ़ा, लेकिन बढ़ते खर्चों ने कंपनी के घाटे को दोगुना कर दिया

🌱🧳 Uppercase FY25 Results रेवेन्यू 34% बढ़ा, लेकिन बढ़ते खर्चों ने कंपनी के घाटे को दोगुना कर दिया

Uppercase

सस्टेनेबल ट्रैवल एक्सेसरीज़ और लाइफस्टाइल ब्रांड Uppercase ने FY25 में मजबूत ग्रोथ दर्ज की है। कंपनी के रेवेन्यू में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई, लेकिन तेज़ी से बढ़ते खर्चों ने इस बढ़त का असर कमजोर कर दिया।
नतीजतन, FY25 में कंपनी के घाटे लगभग 2X बढ़ गए।


📈 रेवेन्यू में 34% की मजबूत वृद्धि

Registrar of Companies (RoC) में दाखिल वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार:

  • FY24 रेवेन्यू: ₹62 करोड़
  • FY25 रेवेन्यू: ₹83 करोड़
    👉 वार्षिक वृद्धि: 34%

Uppercase का बिजनेस मुख्य रूप से इको-फ्रेंडली ट्रॉली, बैकपैक और डफल बैग की बिक्री पर आधारित है, जो इसके ऑपरेटिंग रेवेन्यू का 98% हिस्सा बनाते हैं।

इसके अलावा, कंपनी ने

  • इन्वेस्टमेंट्स की बिक्री
  • और बैंक डिपॉजिट पर ब्याज

से ₹2 करोड़ का अन्य आय अर्जित की।
इस प्रकार FY25 में कुल आय ₹85 करोड़ रही।


💸 खर्चों में तेज़ उछाल — सबसे बड़ा दबाव मटेरियल और मार्केटिंग कॉस्ट से

FY25 में Uppercase के खर्चों में व्यापक वृद्धि हुई। कुल खर्च 45% बढ़कर ₹120 करोड़ हो गया, जबकि FY24 में यह ₹83 करोड़ था।

🔍 मुख्य खर्च श्रेणियाँ:

🧵 1️⃣ मटेरियल कॉस्ट – ₹45 करोड़ (+36%)

  • कुल खर्च का लगभग 38%
  • रॉ मटेरियल और प्रोडक्शन बढ़ने से यह लागत लगातार बढ़ रही है।

📣 2️⃣ मार्केटिंग खर्च – ₹23 करोड़ (+44%)

  • कुल खर्च का 19%
  • कैटेगरी में कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण विज्ञापन और ब्रांडिंग पर खर्च तेज़ी से बढ़ा।

👥 3️⃣ एम्प्लॉयी बेनिफिट्स – ₹20 करोड़ (+43%)

🚚 4️⃣ सेलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन – ₹14 करोड़ (+56%)

📦 5️⃣ लॉजिस्टिक्स और आउटवर्ड खर्च – ₹7 करोड़ (+17%)

इन सभी खर्चों के सामूहिक प्रभाव ने कंपनी की वित्तीय संरचना पर भारी दबाव डाला।

विस्तृत खर्च ब्रेकअप TheKredible पर उपलब्ध है।


📉 घाटा दोगुना — EBITDA मार्जिन और यूनिट इकोनॉमिक्स कमजोर

राजस्व बढ़ने के बावजूद बढ़ते खर्चों ने कंपनी की लाभप्रदता पर भारी चोट पहुंचाई।

FY25 में घाटा: ₹35 करोड़

(FY24 के ₹17.5 करोड़ से लगभग दोगुना)

महत्वपूर्ण अनुपात:

  • EBITDA Margin:
    • FY25: –43.01%
    • FY24: –31.10%
  • ROCE:
    • FY25: –63.68%
    • FY24: –67.03% (हल्का सुधार)
  • प्रति ₹1 रेवेन्यू खर्च
    • FY25: ₹1.45
    • FY24: ₹1.34

यह स्पष्ट है कि कंपनी हर ₹1 रेवेन्यू कमाने के लिए अभी भी ज़्यादा पैसा खर्च कर रही है, जो स्केलेबिलिटी पर सवाल उठाता है।


💼 एसेट्स में वृद्धि — लेकिन कैश सीमित

FY25 में Uppercase की करंट एसेट्स बढ़कर ₹92 करोड़ तक पहुँच गईं।

इनमें शामिल है:

  • कैश व बैंक बैलेंस: ₹4 करोड़
  • इन्वेंटरी: लगभग ₹10 करोड़

हालांकि, बढ़ते घाटे को देखते हुए यह कैश पोज़िशन कंपनी की भविष्य की जरूरतों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।


💰 फंडिंग और निवेशक संरचना

TheKredible के अनुसार, Uppercase ने अब तक कुल $17.5 मिलियन की फंडिंग जुटाई है।

प्रमुख निवेशक:

  • Sixth Sense Ventures — 26% हिस्सेदारी
  • Volrado Ventures — 16% हिस्सेदारी

ये दोनों निवेशक Uppercase की ग्रोथ स्ट्रेटेजी को सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा बर्न रेट को देखते हुए आगे नए फंडरेज़िंग की जरूरत पड़ सकती है।


🧠 सेगमेंट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा — Uppercase के सामने बड़ी चुनौती

भारत का बैगेज और ट्रैवल एक्सेसरी बाज़ार बेहद प्रतिस्पर्धी है।
VIP, Safari, Skybags जैसे स्थापित ब्रांडों के साथ— अंतरराष्ट्रीय ब्रांड भी प्रीमियम सेगमेंट पर हावी हैं।

क्यों Uppercase दबाव में है?

✅ मार्केट लगभग कमोडिटाइज़्ड हो चुका है
✅ बड़े ब्रांड भारी विज्ञापन और डिस्ट्रिब्यूशन पर खर्च कर सकते हैं
✅ Uppercase का “इको-फ्रेंडली” पोज़िशनिंग एक निच सेगमेंट में है
✅ तेज़ ग्रोथ के बावजूद प्रॉफिट मार्जिन अभी भी नेगेटिव

कंपनी को ठोस traction के लिए:

  • बड़े स्तर पर ब्रांड बिल्डिंग,
  • वैल्यू प्राइसिंग,
  • और product differentiation

की आवश्यकता है।


🔮 भविष्य क्या कहता है?

विशेषज्ञों के अनुसार:

  • Uppercase को अगले 12–18 महीनों में फिर से पूंजी जुटानी पड़ सकती है, ताकि मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन में आक्रामक निवेश कर सके।
  • प्रॉफिटेबिलिटी तब ही संभव है जब कंपनी स्केल हासिल करेगी और कंट्रोल्ड बर्न मॉडल अपनाएगी।
  • कोई वायरल कैंपेन या मजबूत ब्रांड recall कंपनी के लिए सकारात्मक मोड़ ला सकता है।

निष्कर्ष

FY25 Uppercase के लिए ग्रोथ और बर्न का मिश्रण रहा।
जहाँ रेवेन्यू में 34% की मजबूत वृद्धि दिखी, वहीं तेज़ी से बढ़ते खर्चों ने घाटे को दोगुना कर दिया।

इको-फ्रेंडली ब्रांड पोज़िशनिंग कंपनी को भीड़ में अलग खड़ा करती है, लेकिन
कंपटीशन, मार्जिन दबाव और सीमित कैश इसे अगले वित्त वर्ष में कठिन चुनौतियों की ओर ले जाता है।

Read more : Lenskart IPO ज़बर्दस्त सब्सक्रिप्शन के बाद भी ठंडी लिस्टिंग

👓📉 Lenskart IPO ज़बर्दस्त सब्सक्रिप्शन के बाद भी ठंडी लिस्टिंग

Lenskart

चश्मों और आईवियर रिटेलिंग की दिग्गज कंपनी Lenskart ने आज शेयर बाजार में अपनी बहुप्रतीक्षित लिस्टिंग की, लेकिन नतीजा उम्मीदों से काफी फीका रहा।
जहाँ कंपनी का IPO लगभग 28 गुना सब्सक्राइब हुआ था, वहीं लिस्टिंग 1.7% डिस्काउंट पर हुई।


🟦 📉 डिस्काउंट पर शुरुआत — निवेशकों की उम्मीद टूटी

आज NSE पर Lenskart के शेयर ₹395 प्रति शेयर पर खुले, जो ₹402 के IPO प्राइस से लगभग 1.7% नीचे था।
BSE पर शुरुआत और भी कमजोर रही, जहाँ शेयर ₹390 पर सूचीबद्ध हुआ—लगभग 3% का डिस्काउंट

लिस्टिंग के कुछ मिनट बाद, स्टॉक 10% से ज्यादा गिरकर और नीचे गया, हालांकि दिन के बाद के हिस्से में कुछ रिकवरी दर्ज हुई।


📊 IPO को मिली थी जबरदस्त मांग — फिर लिस्टिंग कमजोर क्यों?

Lenskart का ₹7,278 करोड़ का IPO भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता-टेक इश्यूज़ में से एक था। सब्सक्रिप्शन के आँकड़े बेहद मजबूत थे:

कुल सब्सक्रिप्शन — 28.26X
✅ रिटेल इनवेस्टर्स — 7.53X
✅ QIBs (ex-anchors) — 40.35X
✅ NIIs — 18.2X
✅ कर्मचारी कोटा — 4.96X

IPO की मजबूत मांग, ब्रांड की भारी पहचान और पिछले वर्षों की ग्रोथ के बावजूद, लिस्टिंग ने वैसी बढ़त नहीं दिखाई जिसकी बाजार को उम्मीद थी।

मुख्य कारण विश्लेषकों के अनुसार यह हो सकता है कि:

  • कंपनी की वैल्यूएशन काफी ऊँची थी
  • 10x FY25 Sales और लगभग 69x EBITDA पर लिस्टिंग
  • हाल ही में मार्केट की वोलैटिलिटी
  • प्रॉफिटेबिलिटी की स्टेबिलिटी पर निवेशकों की सतर्कता

🏦 🪙 एंकर निवेशकों से जुटाए ₹3,268 करोड़

IPO से ठीक पहले, Lenskart ने 147 एंकर निवेशकों से ₹3,268 करोड़ जुटाए थे। इनमें शामिल थे:

  • GIC
  • Fidelity
  • Goldman Sachs
  • SBI MF
  • HDFC MF
  • Kotak MF
  • और कई अन्य वैश्विक और घरेलू दिग्गज

ऐसा माना जा रहा था कि एंकर राउंड की मजबूती लिस्टिंग डे पर बेहतरीन प्रदर्शन की नींव रखेगी, लेकिन रिटेल और HNI माँग के मुकाबले संस्थागत सेलिंग प्रेशर ज्यादा दिखा।


📅 IPO की प्रमुख जानकारी

  • ओपनिंग: 31 अक्टूबर 2025
  • क्लोज़िंग: 4 नवंबर 2025
  • प्राइस बैंड: ₹382–₹402
  • लॉट साइज: 37 शेयर
  • न्यूनतम निवेश: ₹14,874

🧾 📈 वित्तीय प्रदर्शन: Lenskart की ग्रोथ मजबूत बनी हुई

लिस्टिंग भले कमजोर रही, लेकिन कंपनी के बिजनेस नंबर बेहद मजबूत दिख रहे हैं।

FY25 प्रदर्शन

  • राजस्व (Revenue): ₹6,653 करोड़
    (FY24 के ₹5,428 करोड़ से 22.6% YoY ग्रोथ)
  • नेट प्रॉफिट: ₹297 करोड़
    (FY24 में ₹10 करोड़ का नुकसान → एक साल में मजबूत टर्नअराउंड)

Q1 FY26 प्रदर्शन

  • नेट प्रॉफिट: ₹61 करोड़
    (Q1 FY25 में ₹10.9 करोड़ का नुकसान)
  • ऑपरेटिंग रेवेन्यू: ₹1,894.4 करोड़
    (25% YoY वृद्धि)

SoftBank-backed Lenskart मजबूत रेवेन्यू ग्रोथ और अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर आक्रामक तरीके से काम कर रही है। कंपनी भारत, मध्य-पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया में तेजी से स्टोर्स और सप्लाई चेन बढ़ा रही है।


🌍 बाजार की प्रतिक्रिया: निवेशकों में मिश्रित भावनाएँ

लिस्टिंग के बाद बाजार में दो तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली:

✅ सकारात्मक संकेत

  • लंबी अवधि में बिजनेस का स्केल, ब्रांड इक्विटी और अंतरराष्ट्रीय विस्तार
  • मजबूत यूनिट इकोनॉमिक्स
  • पिछले दो वर्षों में प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार

❌ नकारात्मक संकेत

  • हाई वैल्यूएशन पर इश्यू प्राइस
  • हालिया IPOs का कमजोर रिटर्न
  • प्रॉफिटेबिलिटी की निरंतरता को लेकर निवेशकों की चिंता

🔍 क्या Lenskart आगे रिकवर करेगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • लंबी अवधि में स्टॉक को कंपनी के तेज़ विस्तार, हाई रिटेंशन और ब्रांड लीडरशिप से फायदा मिलेगा
  • लेकिन शॉर्ट टर्म में वोलैटिलिटी जारी रह सकती है, क्योंकि वैल्यूएशन ऊँची है और बाजार की भावना दबाव में है

कंपनी की ओम्नी-चैनल रणनीति, सप्लाई चेन इन-हाउस कंट्रोल और तेजी से ग्लोबल एक्पैंशन इसे अगले 3–5 वर्षों में प्रीमियम कंज्यूमर टेक प्ले बना सकते हैं।


निष्कर्ष

Lenskart का IPO अपनी सब्सक्रिप्शन सफलता के विपरीत एक ठंडी, उम्मीद से कमजोर लिस्टिंग के साथ शुरू हुआ।
हालांकि, कंपनी के मजबूत फंडामेंटल्स, प्रॉफिट टर्नअराउंड और ग्रोथ फोकस इसे लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आकर्षक बना सकते हैं।

IPO भले फीका रहा हो—
लेकिन Lenskart का बिजनेस मॉडल उतना ही मजबूत खड़ा है जितना उसकी ब्रांड पहचान।

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📚🚀 PhysicsWallah IPO से पहले बड़ी डील! Think Investments ने 136 करोड़ झोंके

PhysicsWallah

एडटेक यूनिकॉर्न PhysicsWallah (PW) को उसके IPO से ठीक पहले एक बड़ा निवेशिक भरोसा मिल गया है।
Global investment firm Think Investments ने कंपनी में ₹136 करोड़ का निवेश किया है—वह भी एक secondary share transaction के तहत, जो कंपनी के बाजार में मजबूत सेंटिमेंट का संकेत है।

निवेश ₹127 प्रति शेयर की दर से किया गया है, जो PW के IPO के ऊपरी मूल्य बैंड ₹109 से 17% प्रीमियम पर है। यह प्रीमियम बताता है कि निवेशक आगामी लिस्टिंग को लेकर बेहद सकारात्मक हैं।


🧮 Think Investments को मिली 0.37% हिस्सेदारी

PTI की रिपोर्ट के अनुसार, Think Investments ने कुल 1.07 करोड़ शेयर खरीदे हैं, जो PhysicsWallah में 0.37% स्टेक के बराबर है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि—
किसी भी संस्थापक ने इस सेकेंडरी सेल में हिस्सा नहीं लिया
✅ इसका मतलब है कि अलख पांडे और प्रतीक बूंद दोनों ही कंपनी की लंबी अवधि की ग्रोथ पर भरोसा रखते हैं

यह भरोसा IPO से पहले स्टार्टअप की स्थिरता और भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत देता है।


💼 ESOP सेल्स भी हुईं—कुल ₹100 करोड़ का निवेश

PW में निवेशिक दिलचस्पी सिर्फ Think Investments तक सीमित नहीं रही।
जनवरी से जुलाई 2025 के बीच कंपनी में कई ESOP सेल्स भी हुईं, जिन्हें Funds India (WestBridge की सहायक कंपनी) ने सुविधा दी।

इन ESOP सेल्स की कीमतें ₹127 से ₹137 प्रति शेयर के बीच थीं।
इनमें कई फैमिली ऑफिसेज ने भाग लिया, और कुल निवेश लगभग ₹100 करोड़ तक पहुंच गया।

यह साफ़ दिखाता है कि PW को लेकर बाजार में मजबूत मांग मौजूद है।


🏦📈 PhysicsWallah का ₹3,480 करोड़ का IPO — 11 नवंबर से खुलेगा

PW का बहुप्रतीक्षित IPO भी सामने है।

📌 IPO Size: ₹3,480 करोड़

  • Fresh Issue: ₹3,100 करोड़
  • OFS: ₹380 करोड़ (अलख पांडे और प्रतीक बूंद द्वारा)

📌 Price Band: ₹103–₹109 प्रति शेयर
📌 Valuation: लगभग ₹31,500 करोड़
📌 Anchor Allotment: 10 नवंबर
📌 IPO Opens: 11 नवंबर
📌 IPO Closes: 13 नवंबर

IPO के बाद:

  • Promoter shareholding 80.62% से घटकर ~72% रह जाएगी
  • शुरुआती निवेशकों का स्टेक जस का तस रहेगा

ऐसे बड़े स्तर पर संस्थापकों और शुरुआती निवेशकों का साथ बने रहना कंपनी की लंबी अवधि की रणनीति पर मजबूत भरोसे को दिखाता है।


🧠💡 PW का सफ़र: YouTube चैनल से ₹30,000 करोड़ की कंपनी तक

PhysicsWallah की कहानी भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में सबसे प्रेरणादायक मानी जाती है।

2016: अलख पांडे ने YouTube पर फ्री एजुकेशन देना शुरू किया
2020: महामारी के समय PW ऐप लॉन्च हुआ
आज:

  • भारत का प्रमुख एडटेक ब्रांड
  • ऑफलाइन PW Pathshala सेंटर
  • 5+ लाख पेड स्टूडेंट
  • करोड़ों फ्री यूज़र्स
  • प्रमुख परीक्षा क्षेत्रों में मजबूत पकड़ (JEE, NEET, UPSC, Banking, SSC आदि)

PhysicsWallah ने कम कीमत में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देकर बड़े एडटेक खिलाड़ियों को चुनौती दी है।


💵 IPO से जुटाई राशि का इस्तेमाल कहाँ होगा?

कंपनी ने बताया है कि IPO से प्राप्त रकम का उपयोग किया जाएगा:

🔹 ऑफलाइन PW Pathshala विस्तार
🔹 नई कैटेगरी लॉन्च
🔹 टेक्नोलॉजी और कंटेंट टीम की मजबूती
🔹 वैश्विक विस्तार के लिए रणनीति निर्माण
🔹 AI आधारित लर्निंग सिस्टम विकसित करने में निवेश

Edtech बाजार में बढ़ते प्रतिस्पर्धा के बीच PW के लिए तकनीकी निवेश बेहद महत्वपूर्ण है।


📊 निवेशक क्यों इतना भरोसा दिखा रहे हैं? (FundingRaised Insights)

✅ PW लगातार मुनाफ़े में रहने वाली दुर्लभ एडटेक स्टार्टअप्स में से एक रहा है
✅ इसका बिज़नेस मॉडल कैश-फ्लो पॉज़िटिव है
✅ ऑफलाइन + ऑनलाइन मॉड्यूल दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं
✅ IPO में मिले मजबूत एंकर इंटरेस्ट की उम्मीद
✅ ESOP सेल्स और सेकेंडरी ट्रांजैक्शन्स ने बाजार का भरोसा और पुख्ता किया

Think Investments का 17% प्रीमियम पर निवेश इस बात का प्रमाण है कि IPO में शानदार प्रतिक्रिया की उम्मीद है।


📝 निष्कर्ष: PhysicsWallah IPO को मिला बड़ा बूस्ट

IPO से पहले Think Investments का ₹136 करोड़ का निवेश PhysicsWallah के लिए एक बड़ी जीत है।

यह PW के बिज़नेस मॉडल, टीम, ग्रोथ रणनीति और एडटेक स्पेस में उनकी मजबूत पोज़िशन का प्रमाण है।
11 नवंबर से खुलने वाला IPO अब निवेशकों के बीच और भी अधिक चर्चा में रहेगा।

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🤖✨ Miko Robotics ने जुटाए $10.5 Mn! बच्चों की AI दुनिया में आएगा बड़ा बदलाव

Miko Robotics

भारत की उभरती रोबोटिक्स और AI कंपनी Miko Robotics ने एक बार फिर निवेशकों का ध्यान खींच लिया है। कंपनी ने अपने नए फंडिंग राउंड में $10.5 मिलियन (लगभग ₹93.5 करोड़) जुटाए हैं। इस निवेश का नेतृत्व किया है iHeartMedia, जो अमेरिका की प्रमुख ऑडियो मीडिया कंपनी है।

यह फंडिंग न सिर्फ Miko की तकनीकी क्षमता को और मजबूत करेगी, बल्कि कंपनी की वैश्विक उपस्थिति और प्रोडक्ट पाइपलाइन को भी नई दिशा देगी।


🚀 पहले भी मिल चुका है बड़ा निवेश

यह पहली बार नहीं है जब Miko ने बड़े पैमाने पर फंडिंग हासिल की हो।
अक्टूबर 2024 में कंपनी ने अपनी Series D राउंड में $15.8 मिलियन जुटाए थे, जिसमें IvyCap Ventures Advisors और अन्य निवेशक शामिल थे।

Miko पिछले कुछ वर्षों में भारत से निकलकर एक ग्लोबल AI-रोबोटिक्स ब्रांड बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।


🤝 Miko + iHeartMedia: एक दमदार साझेदारी

फंडिंग के साथ-साथ Miko ने iHeartMedia के साथ एक रणनीतिक साझेदारी भी की है।
अब Miko के AI-रोबोट्स में iHeart का लोकप्रिय ऑडियो कंटेंट, पॉडकास्ट, म्यूजिक और बच्चों के लिए बने शो सीधे इंटीग्रेट होंगे।

Miko के सह-संस्थापक और CEO स्नेह वासवानी ने इसे कंपनी के मिशन के लिए “pivotal moment” बताया।
उन्होंने कहा:

“यह साझेदारी Miko को हर परिवार के घर का AI साथी बनाने के हमारे मिशन को और तेज करेगी।”


🧒🤖 Miko: बच्चों का AI साथी

2015 में स्थापित Miko को स्नेह वासवानी, प्रशांत अयंगर और चिंतन रायकर ने शुरू किया था।
कंपनी का फोकस है—
✅ बच्चों की शिक्षा
✅ मनोरंजन
✅ भावनात्मक जुड़ाव
✅ सुरक्षित AI अनुभव

Miko के प्रमुख प्रोडक्ट्स:

  • Miko Mini
  • Miko 3

ये दोनों रोबोट बच्चों को कहानियाँ सुनाने, सवालों के जवाब देने, गेम खेलने, पढ़ाई में मदद करने और इंटरैक्टिव लर्निंग सिस्टम देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।


🌍 140+ देशों में Miko की मौजूदगी

Miko ने सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपना बाजार खड़ा कर लिया है।
कंपनी के AI-रोबोट्स अब:
🌎 अमेरिका
🇬🇧 यूरोप
🇦🇪 मध्य पूर्व
और कुल 140+ देशों में बेचे जाते हैं।

कंपनी 90 से अधिक देशों में बड़े स्तर पर ऑपरेशन चला रही है और तेज़ी से विस्तार कर रही है।


🛍️ Costco में हुआ लाइव — एक बड़ा माइलस्टोन

Miko के लिए सबसे बड़ा ताज़ा उपलब्धि यह है कि वह अब North America के रिटेल दिग्गज Costco पर लाइव हो गया है।
Costco के विशाल ग्राहक आधार तक पहुंचने से Miko के लिए अमेरिका में विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ सकती है।


🔧 कैसे काम करता है Miko? (Tech Insights)

Miko के AI-रोबोट्स सिर्फ साधारण स्मार्ट डिवाइसेज़ नहीं हैं, बल्कि इनमें शामिल हैं—
Generative AI
Advanced Sensors
Computer Vision
Long-Term Memory Engine
Adaptive Learning Algorithms

इन तकनीकों की मदद से Miko बच्चे के व्यवहार, पसंद और बातचीत को समझकर उसे लगातार बेहतर अनुभव देता है।

Miko के रोबोट्स:

  • बच्चों की भावनाओं को पढ़ सकते हैं
  • पिछली बातचीत याद रख सकते हैं
  • सीख सकते हैं कि बच्चा किस चीज़ में अधिक रुचि रखता है
  • कंटेंट को व्यक्तिगत (personalised) बनाते हैं

💼 Miko का बिज़नेस मॉडल

कंपनी हाइब्रिड मॉडल पर काम करती है जिसमें दो प्रमुख स्तंभ हैं:

1️⃣ हार्डवेयर — AI-रोबोट्स

Miko Mini और Miko 3 जैसे रोबोट्स पूरी दुनिया में बेचे जाते हैं।

2️⃣ सॉफ्टवेयर और सब्सक्रिप्शन

कंपनी सब्सक्रिप्शन मॉडल के जरिए:

  • कंटेंट
  • गेम्स
  • लर्निंग मॉड्यूल
  • प्रीमियम फीचर्स
    से कमाई करती है।

💰 नई फंडिंग का इस्तेमाल कहां होगा?

Miko नई फंडिंग को नीचे दिए गए क्षेत्रों में लगाएगी:
✅ नए AI फीचर्स और कंटेंट डेवलपमेंट
✅ हार्डवेयर को और एडवांस बनाना
✅ ग्लोबल सप्लाई चेन को मजबूत करना
✅ iHeartMedia कंटेंट इंटीग्रेशन
✅ अमेरिका, यूरोप और मिडिल ईस्ट में रिटेल विस्तार


📌 क्यों खास है Miko? (FundingRaised Insights)

  • भारत में बच्चों के लिए AI-रोबोट्स बनाने वाली सबसे चर्चित कंपनी
  • जनरेशन Z और Alpha Kids के लिए स्मार्ट लर्निंग अनुभव
  • 140+ देशों में ग्राहक
  • Costco जैसे बड़े रिटेल पार्टनर्स
  • iHeartMedia जैसा मजबूत कंटेंट पार्टनर
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच भारतीय उत्पाद की जोरदार पहचान

Miko भारत की उन चुनिंदा कंपनियों में से है जो बच्चों के लिए AI और रोबोटिक्स का सुरक्षित और मानवीय भविष्य तैयार कर रही हैं।


निष्कर्ष: Miko का नया दौर शुरू

$10.5 मिलियन की नई फंडिंग और iHeartMedia के साथ गठबंधन के बाद Miko अगले चरण में प्रवेश कर चुकी है।
स्मार्ट रोबोटिक्स, भावनात्मक AI और KidsTech के इस कॉम्बिनेशन से Miko वैश्विक स्तर पर बड़ी कंपनियों से मुकाबला करने के लिए तैयार दिखती है।

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📈💥 Groww IPO को 17.6X जबरदस्त सब्सक्रिप्शन! लेकिन GMP सिर्फ ₹5

Groww

भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म Groww का IPO निवेशकों के बीच ज़बरदस्त चर्चा में है। जहां एक तरफ IPO को 17.6 गुना शानदार सब्सक्रिप्शन मिला, वहीं दूसरी तरफ इसका Grey Market Premium (GMP) सिर्फ ₹5 प्रति शेयर रह गया है। इससे इस बात के साफ संकेत मिलते हैं कि Groww का लिस्टिंग डे — ₹105 प्रति शेयर के आसपास रह सकता है।

Groww का IPO 4 नवंबर से 7 नवंबर तक खुला था। ₹95–₹100 की प्राइस बैंड पर आए इस इश्यू में निवेशकों ने भरपूर दिलचस्पी दिखाई। अब निवेशकों की नज़र 10 नवंबर को होने वाली अलॉटमेंट और 12 नवंबर की लिस्टिंग डेट पर है।


🧾 IPO का स्ट्रक्चर: कितना फंड जुटा रही है Groww?

Groww ने अपनी Red Herring Prospectus (RHP) में बताया है कि IPO दो हिस्सों में है:
Fresh Issue: ₹1,060 करोड़
OFS (Offer for Sale): ₹5,572.3 करोड़

ऊपरी प्राइस बैंड पर यह IPO Groww को लगभग ₹61,736 करोड़ ($7 बिलियन) की वैल्यूएशन देता है।

इस OFS में Groww के शुरुआती बड़े निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं — और सबसे दिलचस्प बात यह है कि वे बहुत ही भारी रिटर्न लेकर जा रहे हैं।


🌟 सब्सक्रिप्शन डिटेल्स: कौन-सा सेगमेंट कितना ओवरसब्सक्राइब?

Groww IPO को सभी कैटेगरी में जोरदार प्रतिक्रिया मिली:

  • कुल सब्सक्रिप्शन: 17.6X
  • Retail Investors: 9.43X
  • QIBs (excluding anchors): 22.02X
  • NIIs: 14.2X

यह दर्शाता है कि Groww पर खुदरा निवेशकों से लेकर बड़े फंड तक — सभी का भरोसा मजबूत है।


🏦✨ Anchor Investors ने भी दिखाई भारी दिलचस्पी — Groww ने जुटाए ₹2,984.5 करोड़

IPO के खुलने से ठीक पहले Groww ने anchor round में ₹2,984.5 करोड़ जुटाए।
इस राउंड में शामिल हुए दिग्गज निवेशक:

  • HDFC Mutual Fund
  • Kotak Mutual Fund
  • SBI Mutual Fund
  • Nippon India
  • Abu Dhabi Investment Authority
  • Goldman Sachs

Anchor Book में इतने बड़े नामों का होना अपने-आप में Groww की मजबूत ब्रांड वैल्यू और growth potential को दर्शाता है।


💸🚀 Groww के शुरुआती निवेशकों को मिल रहा है ‘जबरदस्त मल्टीबैगर रिटर्न’

Groww के OFS में हिस्सा बेचने वाले निवेशकों को शानदार रिटर्न मिलने वाला है। Entrackr रिपोर्ट के अनुसार:

  • Kauffman Fellows Fund → 196X रिटर्न (अविश्वसनीय!)
  • Nirman Ventures → 126.6X रिटर्न
  • Y Combinator → 29X रिटर्न
  • Peak XV Partners, Tiger Global, Ribbit Capital — सभी को भारी मुनाफा

ये आंकड़े बताते हैं कि स्टार्टअप में शुरुआती निवेश कितने बड़े मल्टीबैगर अवसर दे सकते हैं।


📊📈 Groww का वित्तीय प्रदर्शन: FY25 ने मचाई धूम, FY26 Q1 में थोड़ी गिरावट

Groww ने पिछले साल रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रदर्शन किया है:

FY25 Operating Revenue: ₹3,902 करोड़ (50% YoY ग्रोथ)
FY25 Profit: ₹1,824 करोड़

लेकिन Q1 FY26 में थोड़ी सुस्ती दिखाई दी:

Revenue गिरा 10% YoY → ₹904.4 करोड़
Profit रहा ₹378.36 करोड़

इस गिरावट को मार्केट कंडीशंस और इक्विटी मार्केट की अस्थिरता से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, समग्र picture अभी भी Groww के लिए बहुत स्वस्थ है।


🧮💬 GMP क्यों घटा? ₹5 का प्रीमियम क्या संकेत देता है?

Groww का Grey Market Premium (GMP) अब:
➡️ ₹5 प्रति शेयर (लगभग 5% ऊपर इश्यू प्राइस से)

इसका मतलब यह हो सकता है कि:

  • स्टॉक ₹105 के आसपास लिस्ट हो सकता है
  • GMP में गिरावट बाजार में थोड़ी सावधानी का संकेत देती है
  • भारी OFS साइज और वैल्यूएशन पर सवाल भी इसका कारण हो सकते हैं

हालांकि, Groww का ब्रांड और उसके प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता इसे लॉन्ग-टर्म में मजबूत बनाते हैं।


💡🔥 क्यों चर्चा में रहता है Groww का IPO?

  • बेहद लोकप्रिय निवेश ऐप
  • 7 करोड़ से अधिक यूज़र्स
  • Low-cost broking model
  • High profitability
  • स्टॉक, म्यूचुअल फंड, SIP, गोल्ड, FD—सब एक ही ऐप में
  • BPM स्मूद और आसान

Groww का IPO अगले कुछ सालों में NSE/BSE पर नया benchmark सेट कर सकता है — ठीक उसी तरह जैसे Zerodha ने व्यापार मॉडल में बड़ा बदलाव लाया था।


निष्कर्ष: Groww का IPO — ओवरसब्सक्रिप्शन दमदार, लिस्टिंग डे ‘मौडरेट’

📌 सब्सक्रिप्शन बहुत मजबूत
📌 एंकर निवेशक मजबूत
📌 शुरुआती निवेशकों को तगड़े मल्टीबैगर रिटर्न
📌 लेकिन GMP सिर्फ ₹5 — लिस्टिंग डे पर हल्की बढ़त की संभावना

Groww का IPO भारत के फिनटेक सेक्टर में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है, और आने वाले दिनों में इसकी लिस्टिंग पर नज़रें टिकी रहेंगी।

Read more : Swiggy का बड़ा दांव ₹10,000 करोड़ जुटाने की तैयारी

🍲🚀 Swiggy का बड़ा दांव ₹10,000 करोड़ जुटाने की तैयारी

Swiggy

भारत की जानी-मानी फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स कंपनी Swiggy Limited ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए अपने बोर्ड से ₹10,000 करोड़ (लगभग $1.13 बिलियन) तक जुटाने की मंजूरी हासिल कर ली है। कंपनी यह राशि QIP, पब्लिक ऑफरिंग या किसी भी अन्य वैध रूट के जरिए जुटा सकती है।

यह कदम ऐसे समय में आया है जब Swiggy अपने फूड डिलीवरी बिज़नेस को मजबूत करने, Instamart के विस्तार को तेज़ करने और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने की तैयारी में जुटी है।


📌 क्या है Swiggy का नया फंडरेज़िंग प्लान?

Swiggy ने 7 नवंबर 2025 को दाखिल रेग्युलेटरी फाइलिंग में बताया कि:

  • बोर्ड ने ₹10,000 करोड़ तक जुटाने की मंजूरी दे दी है
  • फंड एक या अधिक ट्रांज़ में इक्विटी शेयर जारी करके जुटाया जाएगा
  • यह फंडरेज़िंग शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिलने के बाद लागू होगी
  • कंपनी इसे “eligible investors” से जुटाएगी, यानी बड़े संस्थागत निवेशक, फंड्स और विदेशी निवेशक

यह मूव Swiggy को मजबूत बैलेंस शीट, बेहतर कैश पोज़िशन और दीर्घकालिक विस्तार योजनाओं को ईंधन देने में मदद करेगा।


⚡🍎 क्यों ज़रूरी है Swiggy के लिए यह फंडिंग?

कंपनी इस समय दो बड़े बिज़नेस मॉडल चला रही है:

  1. फूड डिलीवरी
  2. क्विक कॉमर्स (Instamart)

पिछले कुछ क्वार्टरों में Instamart कंपनी के लिए बड़ी ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। हालांकि, दोनों बिज़नेस मॉडल में कैपिटल-इंटेंसिव ऑपरेशन होते हैं, जो भारी निवेश मांगते हैं।

फंडिंग का उद्देश्य:

  • बैलेंस शीट को मजबूत करना
  • Instamart का आक्रामक विस्तार
  • बेहतर लॉजिस्टिक्स, डार्क स्टोर नेटवर्क और फुलफिलमेंट कैपेबिलिटी
  • फूड डिलीवरी में टेक्नोलॉजी, प्राइसिंग और पार्टनर नेटवर्क को मज़बूत करना
  • IPO की तैयारी को और मजबूत करना (मार्केट में यही संकेत मिल रहा है)

📉💸 Swiggy के घाटे बढ़े — Q2 FY26 में 74% तक उछाल

Swiggy ने हाल ही में अपने तिमाही नतीजों में बताया:

  • Q2 FY26 में कंपनी का नेट लॉस 74% बढ़कर ₹1,092 करोड़ हो गया
  • Instamart की रेवेन्यू में 2X ग्रोथ दर्ज की गई
  • Swiggy की ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹3,760 करोड़, यानी 23% YoY ग्रोथ

🔍 क्या कहता है डेटा?

  • Instamart तेजी से स्केल तो कर रहा है
  • लेकिन heavy discounting + infra cost अभी भी घाटे बढ़ा रही है
  • फूड डिलीवरी भी प्रीमियम मॉडल की ओर बढ़ रहा है, पर मार्जिन अभी भी कड़े हैं

इन परिस्थितियों में Swiggy के लिए अतिरिक्त पूंजी जुटाना बेहद आवश्यक था।


🚴‍♂️💼 Rapido से बाहर निकलकर Swiggy को मिला ₹2,399.5 करोड़ का फायदा

हाल ही में Swiggy ने Rapido से अपनी सारी हिस्सेदारी बेचकर:

  • ₹2,399.5 करोड़ प्राप्त किए
  • यह उनकी 4 साल पुरानी निवेश राशि पर 2.5X रिटर्न है

यह एक तरह से Swiggy के लिए कैश फ्लो को सुधारने में महत्वपूर्ण कदम था।


🍲🆚🍔 Zomato vs Swiggy — फंडरेज़िंग रेस का नया राउंड

इस कदम को Swiggy का एक रणनीतिक जवाब माना जा रहा है अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी Zomato के लिए।

Zomato ने पिछले साल:

  • ₹8,500 करोड़ का QIP उठाया था
  • इससे कंपनी ने Blinkit और food delivery दोनों को तेज गति से विस्तार दिया

Swiggy का यह लगभग ₹10,000 करोड़ का प्लान, बाज़ार को साफ संकेत देता है कि वह प्रतिस्पर्धा में पीछे नहीं रहना चाहता।


🛒⚡ Instamart — Swiggy का ‘ग्रोथ इंजन’, पर भारी खर्च वाला दांव

Instamart, Zepto और Blinkit जैसी क्विक कॉमर्स कंपनियों के बीच आक्रामक मुकाबले में है।

  • 10-20 मिनट डिलिवरी
  • हाई इंफ्रास्ट्रक्चर
  • डार्क स्टोर मैनेजमेंट
  • फ्रेश और FMCG की मांग

ये सब Instamart को हाई-कैश-बर्न बिज़नेस बनाते हैं।

फंडिंग के बाद Swiggy:
✅ तेज़ विस्तार
✅ बड़े शहरों में ऑपरेशन स्केल
✅ डिलीवरी टाइम और सप्लाई चेन सुधार
✅ ब्रांड पार्टनरशिप
जैसी गतिविधियों को और तेजी दे सकेगा।


🏦💹 क्या Swiggy IPO की तैयारी में है?

बाज़ार विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • Swiggy की ये फंडिंग तैयारी संकेत देती है
  • कंपनी FY26 के अंत या FY27 में IPO ला सकती है
  • Instamart की मजबूत ग्रोथ कंपनी के वैल्यूएशन को बढ़ाने में मदद करेगी

Swiggy पहले ही अपने वित्तीय विवरण सुधारने और घाटे कम करने की दिशा में आक्रामक कदम उठा रहा है।


निष्कर्ष: Swiggy ने लिया बड़ा कदम — बैलेंस शीट मजबूत होगी, ग्रोथ में आएगी रफ्तार

Swiggy का ₹10,000 करोड़ जुटाने का प्रस्ताव कंपनी की बड़ी योजनाओं, आक्रामक विस्तार और मजबूत बैलेंस शीट के लक्ष्य को दर्शाता है।
Instamart की बढ़ती मांग, फूड डिलीवरी की स्थिर ग्रोथ और खरीदारों के भरोसे के बीच यह फंडिंग मॉडल कंपनी को आने वाले समय में और मजबूत बनाएगा।

Swiggy इस वक्त भारतीय क्विक कॉमर्स और फूड डिलीवरी में सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी है — और यह कदम इसे मार्केट लीडर बनने की दिशा में और आगे ले जाएगा।

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💄📈 Nykaa ने Q2 FY26 में मारी शानदार छलांग! 25% रेवेन्यू ग्रोथ, मुनाफा 2.5X ब्यूटी क्वीन की दमदार वापसी

Nykaa

भारत की जानी-मानी ऑनलाइन ब्यूटी और फैशन रिटेलर Nykaa ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि रिटेल मार्केट में उसकी पकड़ अभी भी मजबूती से कायम है। FY26 की दूसरी तिमाही यानी Q2 FY26 में कंपनी ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 25% राजस्व वृद्धि और 2.5 गुना मुनाफा वृद्धि दर्ज की है।

कंपनी का यह प्रदर्शन बढ़ती ब्यूटी कैटेगरी की मांग, मजबूत सप्लाई चेन और लगातार बढ़ते ऑनलाइन ग्राहक आधार की वजह से संभव हुआ।


📊 Q2 FY26 में Nykaa का दमदार प्रदर्शन — 25% की ग्रोथ

National Stock Exchange (NSE) में दर्ज वित्तीय डेटा के अनुसार:

✅ तिमाही राजस्व (Q2 FY26)

  • Rs 2,346 करोड़, जो पिछले साल इसी तिमाही के Rs 1,875 करोड़ से 25% ज्यादा है।

✅ हाफ-ईयरली यानी H1 FY26 प्रदर्शन

  • Nykaa की H1 FY26 ऑपरेटिंग रेवेन्यू बढ़कर Rs 4,501 करोड़ हो गई
  • पिछले साल H1 FY25 में यह राशि Rs 3,621 करोड़ थी
  • यानी 24% वार्षिक वृद्धि

💄✨ ब्यूटी ही बनी Nykaa का सबसे बड़ा इंजन — 91% रेवेन्यू यहीं से

Nykaa भले ही फैशन, लग्ज़री और लाइफस्टाइल जैसे नए सेगमेंट में उतरी हो, पर इसकी रीढ़ अभी भी ब्यूटी व पर्सनल केयर ही है।

✅ Q2 FY26 सेगमेंट-वाइज राजस्व:

  • Beauty & Personal Care: Rs 2,132 करोड़ (कुल रेवेन्यू का 91%)
  • Fashion Segment: 8.7% योगदान
  • फैशन का हिस्सा अभी छोटा है, लेकिन तेजी से ग्रोथ कर रहा है, विशेषकर Gen-Z और मिलेनियल्स के कारण।

💰📉 खर्च बढ़े, लेकिन कुशल प्रबंधन ने मुनाफा भी बढ़ाया

Nykaa के खर्चों में Q2 FY26 में भी वृद्धि हुई।

✅ प्रमुख लागतें:

  • Material Cost: Rs 1,292 करोड़ (कुल खर्च का 56%)
  • Employees, Technology, Marketing, Finance Costs — सभी में वृद्धि
  • कुल खर्च: Rs 2,297 करोड़

हालांकि खर्च बढ़े, लेकिन कंपनी की स्केल-इकोनॉमी, बेहतर प्राइसिंग, ब्रांड पार्टनरशिप और ऑपरेशनल एफिशिएंसी ने मुनाफे को मल्टीप्लाई करने में बड़ी भूमिका निभाई।


🟢📈 मुनाफा 2.5X बढ़कर Rs 33 करोड़ — Nykaa की मजबूत प्रॉफिटेबल कमबैक

Q2 FY26 में मुनाफा:

  • Rs 33 करोड़, जो Q2 FY25 के Rs 13 करोड़ से 2.5X अधिक है।

✅ H1 FY26 प्रॉफिट

  • Rs 57 करोड़,
  • H1 FY25 में Rs 27 करोड़
  • यानी दोगुना मुनाफा

यह दिखाता है कि Nykaa ने कमाई बढ़ाने और लागत नियंत्रण दोनों पर शानदार काम किया है।


🛒📦 Nykaa की ग्रोथ को कौन ड्राइव कर रहा है?

⭐ 1. ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ती मांग

स्किनकेयर, मेकअप और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स पर खर्च बढ़ा है।

⭐ 2. ओम्नी-चैनल मॉडल की सफलता

Nykaa के फिजिकल स्टोर्स (150+ स्टोर्स) और ऑनलाइन दोनों का ग्रोथ योगदान।

⭐ 3. इनोवेटिव प्रोडक्ट्स और ग्लोबल ब्रांड्स के साथ पार्टनरशिप

Huda Beauty, Charlotte Tilbury, MAC जैसे ग्लोबल ब्रांड्स का मजबूत प्रभाव।

⭐ 4. फैशन सेगमेंट में युवाओं की एंट्री

Gen-Z फैशन शॉपिंग में Nykaa की पकड़ बढ़ा रही है।


📉💹 Nykaa का स्टॉक और मार्केट कैप — $8 बिलियन तक पहुंचा मूल्यांकन

आज के ट्रेडिंग सत्र के अंत में:

  • Nykaa Share Price: Rs 246
  • Market Capitalization: Rs 70,375 करोड़ (लगभग $8 बिलियन)

इसे देखकर स्पष्ट है कि निवेशकों का भरोसा अब भी मजबूत है और कंपनी की ग्रोथ भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है।


🧴📦 Nykaa के आगे की रणनीति — अब किस दिशा में बढ़ेगी कंपनी?

✅ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ब्यूटी रिकमेंडेशन

AI ब्यूटी और फैशन सिफारिशों से ग्राहक अनुभव को नया स्तर देना।

✅ फिजिकल स्टोर्स का मजबूत विस्तार

Nykaa के लिए यह revenue booster बन रहा है।

✅ फैशन सेगमेंट में तेजी से चार्ज

उद्देश्य — Myntra और AJIO के साथ कड़ी टक्कर।

✅ लॉजिस्टिक्स और फुलफिलमेंट पर भारी निवेश

तेज़ डिलीवरी और पिनकोड कवरेज कंपनी की सबसे बड़ी प्राथमिकता।


निष्कर्ष: Nykaa की रफ़्तार फिर पकड़ में — ब्यूटी सेक्टर की बेमिसाल बादशाह!

Nykaa ने साबित कर दिया है कि:

  • ई-कॉमर्स स्लोडाउन के बावजूद इसकी पकड़ कम नहीं हुई
  • ब्यूटी और फैशन की मांग लगातार बढ़ रही है
  • कंपनी का ओम्नी-चैनल मॉडल बेहद मजबूत है
  • मुनाफे की दिशा में कंपनी सुरक्षित और स्थिर रास्ते पर है

Q2 FY26 के नतीजे Nykaa के लिए एक मजबूत रिबाउंड हैं, और आने वाले क्वार्टरों में कंपनी और भी बड़े आंकड़े पेश कर सकती है।

Read more :🚕💰 Uber ने Everest Fleet में फिर लगाया बड़ा दांव — ₹177.5 करोड़ की नई फंडिंग, तीसरा निवेश!

🚕💰 Uber ने Everest Fleet में फिर लगाया बड़ा दांव — ₹177.5 करोड़ की नई फंडिंग, तीसरा निवेश!

Uber

इंडिया के तेजी से बढ़ते साझा मोबिलिटी (shared mobility) सेक्टर में एक और बड़ा कदम देखने को मिला है। राइड-हेलिंग दिग्गज Uber ने मुंबई की फ्लीट मैनेजमेंट कंपनी Everest Fleet में एक बार फिर निवेश किया है। इस बार कंपनी ने $20 मिलियन (₹177.5 करोड़) Series C राउंड के तहत लगाए हैं।

यह Uber का Everest Fleet में तीसरा निवेश है — और इससे कंपनी की भारत में दीर्घकालिक निवेश रणनीति और भी स्पष्ट हो जाती है।


📝 कैसे जुटाई गई यह नई फंडिंग?

Registrar of Companies (RoC) की फाइलिंग के अनुसार, Everest Fleet के बोर्ड ने Uber से यह निवेश लेने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पास किया है।

✅ जारी किए गए शेयर

  • Series C CCPS: 9,682
  • इश्यू प्राइस: ₹1,83,388 प्रति शेयर
  • कुल राशि: ₹177.5 करोड़

यह निवेश न केवल Everest Fleet के वैल्यूएशन को मजबूत करता है, बल्कि इसे भारत की सबसे तेजी से बढ़ती फ्लीट कंपनियों में बनाए रखता है।


📌 फंड का इस्तेमाल कहां होगा?

कंपनी के अनुसार, यह राशि इस्तेमाल की जाएगी:

वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए
नए वाहनों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर कैपेक्स खर्च के लिए
पैन-इंडिया विस्तार के लिए
कॉर्पोरेट संचालन को मजबूत करने के लिए

EVs और CNG वाहनों की बढ़ती मांग के बीच Everest Fleet अपनी फ्लीट को और बड़ा करने की तैयारी में है।


🚗 Everest Fleet क्या करती है? — भारत की सबसे बड़ी प्रोफेशनल फ्लीट कंपनियों में से एक

2016 में सिद्धार्थ आनंद लडसारिया द्वारा स्थापित, Everest Fleet आज भारत की प्रमुख shared mobility कंपनियों में गिनी जाती है।

✅ कंपनी का नेटवर्क:

  • 18,500+ वाहन
  • CNG, EV और गुड्स व्हीकल
  • Uber और Ola जैसी राइड-हेलिंग कंपनियों के लिए ऑपरेशन
  • मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे सहित कई शहरों में मौजूदगी

कंपनी का मॉडल प्रोफेशनल फ्लीट मैनेजमेंट के कारण लोकप्रिय है—जहां ड्राइवर प्रशिक्षण, वाहन मेंटनेंस और टेक-इनेबल्ड ऑपरेशन्स इसे बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाते हैं।


📊 Uber की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी — अब 15.62% स्टेक

इस Series C राउंड के बाद Uber India की हिस्सेदारी बढ़कर 15.62% हो जाएगी।

🔸 प्रमुख शेयरहोल्डर्स

  • सिद्धार्थ आनंद लडसारिया (फाउंडर): 49.54%
  • Uber India: 15.62%
  • ESOP Pool: 4.52%

पिछले कुछ समय से Uber भारत में अपने पार्टनर-ड्रिवन मॉडल को मजबूत कर रहा है, जिसकी वजह से Everest Fleet जैसे प्लेयर्स उसकी रणनीतिक प्राथमिकताओं में आ गए हैं।


📈 Everest Fleet का ग्रोथ रिकॉर्ड — FY24 में ₹1000 करोड़+ राजस्व!

Everest Fleet ने FY24 में शानदार वृद्धि दर्ज की:

✅ FY24 प्रमुख हाइलाइट्स

  • रेवेन्यू: ₹1,000 करोड़ से अधिक
  • YoY ग्रोथ: दोगुनी से अधिक
  • नेट प्रॉफिट: ₹38 करोड़

FY25 के आंकड़े अभी दाखिल नहीं हुए हैं, लेकिन इंडस्ट्री सोर्सेज के अनुसार कंपनी की रेवेन्यू रन-रेट लगातार बढ़ रही है—खासकर EV वाहनों की मांग बढ़ने के कारण।


Uber क्यों कर रहा है लगातार निवेश?

यह Uber का Everest Fleet में तीसरा निवेश है:

  • ✅ जून 2023 — $20 मिलियन
  • ✅ सितंबर 2024 — $30 मिलियन
  • ✅ नवंबर 2025 — $20 मिलियन

Uber की रणनीति के 3 बड़े कारण:

1️⃣ विश्वसनीय फ्लीट पार्टनर बनाना

Ride cancellations और ड्राइवर उपलब्धता चुनौतियों के बीच, Uber प्रोफेशनल फ्लीट पार्टनर्स बनाकर अपने प्लैटफॉर्म को स्थिर कर रहा है।

2️⃣ CNG और EV वाहनों पर फोकस

सरकार की EV पॉलिसी और टिकाऊ परिवहन की बढ़ती मांग इसके पीछे एक बड़ा कारण है।

3️⃣ भारत दुनिया का सबसे बड़ा ग्रोथ मार्केट

Uber पहले ही कह चुका है कि भारत उसके लिए अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा फोकस मार्केट है।


🛣️ Everest Fleet का भविष्य — 25,000+ वाहनों का लक्ष्य

कंपनी EVs की ओर तेजी से शिफ्ट कर रही है, खासकर मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में। Uber भी EV राइड्स को सब्सिडी से बढ़ावा दे रहा है।

Everest Fleet के आंतरिक प्लान के अनुसार:

  • ✅ आने वाले 18 महीनों में फ्लीट आकार 25,000+ वाहनों तक पहुंचाना
  • ✅ EVs का हिस्सा 40% तक बढ़ाना
  • ✅ नए शहरों में विस्तार जैसे — जयपुर, लखनऊ, नागपुर, कोच्चि

🔍 निष्कर्ष — Uber और Everest Fleet का पार्टनरशिप मॉडल भारत की मोबिलिटी इंडस्ट्री बदल रहा है

यह निवेश संकेत देता है कि:

✅ Uber भारत में डबल-डाउन कर रहा है
✅ EV और CNG फ्लीट आधारित मॉडल अब मुख्यधारा बन रहा है
✅ Everest Fleet तेजी से भारत की सबसे बड़ी प्रोफेशनल फ्लीट कंपनी बन सकती है

भारत में मोबिलिटी का भविष्य shared, digital और electric है – और Everest Fleet इसी दिशा में Uber जैसे वैश्विक भागीदारों के साथ आगे बढ़ रहा है।

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