💳 Pine Labs IPO ₹3,900 करोड़ के इश्यू से पहले CEO Amrish Rau को मिले ₹243 करोड़ के ESOPs

Pine Labs

भारत की अग्रणी merchant payments और lending प्लेटफ़ॉर्म Pine Labs ने आखिरकार अपने बहुप्रतीक्षित ₹3,900 करोड़ के IPO के लिए Red Herring Prospectus (RHP) दाखिल कर दिया है। लेकिन IPO से पहले ही कंपनी सुर्खियों में है — क्योंकि बीते चार महीनों में Pine Labs ने ₹564.75 करोड़ के नए ESOPs (Employee Stock Option Plans) जारी किए हैं, जिनमें से सबसे बड़ा हिस्सा ₹243 करोड़ का कंपनी के CEO Amrish Rau को मिला है।


🏦 Pine Labs का IPO स्ट्रक्चर: ₹2,080 करोड़ का Fresh Issue और ₹1,820 करोड़ का OFS

कंपनी द्वारा दाखिल RHP के अनुसार, यह IPO दो हिस्सों में विभाजित है —

  • Fresh Issue: ₹2,080 करोड़ के नए इक्विटी शेयर जारी होंगे
  • Offer for Sale (OFS): ₹1,820 करोड़ मूल्य के शेयर मौजूदा निवेशकों द्वारा बेचे जाएंगे

OFS में प्रमुख निवेशक Peak XV Partners, Temasek, PayPal, Mastercard, Sofina Ventures, Invesco, Madison India, और Lone Cascade शामिल हैं।

सबसे खास बात यह है कि Peak XV Partners (पहले Sequoia India) अपने निवेश पर लगभग 40 गुना (40x) रिटर्न हासिल करेगा, जिससे यह IPO निवेशकों के लिए भी बेहद आकर्षक बन गया है।


💼 ESOPs का विस्तार: 6.15 करोड़ से बढ़कर 8.7 करोड़ विकल्प

RHP में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 30 जून 2025 तक Pine Labs के पास कुल 6.15 करोड़ ESOPs का पूल था, जिसकी वैल्यूएशन ₹1,360 करोड़ थी।
लेकिन अगले चार महीनों (1 जुलाई से 1 नवंबर 2025 तक) में कंपनी ने 2.55 करोड़ नए ESOPs जारी किए —
👉 अब कंपनी का कुल ESOP पूल 8.7 करोड़ विकल्पों का हो गया है।

इनमें से 2.75 करोड़ विकल्पों को कन्वर्ट कर दिया गया है, जिनकी एक्सरसाइज़ प्राइस ₹5.4 से ₹156 के बीच रही।
कुछ विकल्प रद्द या समाप्त भी हुए, जिससे कंपनी के पास 5.89 करोड़ सक्रिय ESOPs बचे हैं, जिनकी मौजूदा वैल्यू लगभग ₹1,300 करोड़ ($148 मिलियन) है।


👔 CEO Amrish Rau बने सबसे बड़े लाभार्थी

ESOP वितरण में सबसे बड़ा हिस्सा CEO Amrish Rau को मिला।
पिछले चार महीनों में कंपनी ने जो 2.55 करोड़ नए ESOPs दिए, उनमें से 1.1 करोड़ विकल्प अकेले CEO को आवंटित किए गए।
बाकी विकल्प अन्य Key Managerial Personnel (KMPs) को मिले।

RHP के मुताबिक, जून 2025 से पहले ही Amrish Rau के पास 2.31 करोड़ विकल्प थे।
अब उनके पास कुल 3.41 करोड़ ESOPs हैं, जिनकी वैल्यू लगभग ₹755.6 करोड़ है।
📊 यानी, IPO से पहले ही CEO Pine Labs में सबसे बड़े इंडिविजुअल इक्विटी होल्डर बन चुके हैं।


📈 वित्तीय प्रदर्शन: FY25 में 28.5% की ग्रोथ, FY26 की शुरुआत में हुआ मुनाफा

Pine Labs के वित्तीय आंकड़े यह दर्शाते हैं कि कंपनी लगातार मजबूत स्थिति में पहुंच रही है —

  • FY24 राजस्व: ₹1,769 करोड़
  • FY25 राजस्व: ₹2,274 करोड़ (28.5% YoY ग्रोथ)
  • FY25 नेट लॉस: ₹145 करोड़ (पिछले वर्ष से 57% कम)

और सबसे बड़ी उपलब्धि — FY26 की पहली तिमाही (Q1) में Pine Labs ने आखिरकार मुनाफा (Net Profit ₹4.7 करोड़) दर्ज किया।
इस तिमाही में कंपनी की कुल आय ₹616 करोड़ रही।


💳 बिज़नेस मॉडल: Merchant Payments से Lending तक

Pine Labs भारत के merchant commerce इकोसिस्टम में एक प्रमुख नाम है।
कंपनी का प्लेटफॉर्म पेमेंट प्रोसेसिंग, डिवाइस सेल्स, और SME लेंडिंग को जोड़ता है।
भारत के साथ-साथ दक्षिण-पूर्व एशिया (SEA) में भी Pine Labs की मज़बूत उपस्थिति है।

इसके प्रमुख राजस्व स्रोत हैं —

  1. Transaction Processing और Settlement Services: कुल ऑपरेटिंग रेवेन्यू का लगभग 70%
  2. डिवाइस सेल्स और कार्ड डिस्ट्रीब्यूशन
  3. Lending और BNPL (Buy Now Pay Later) सॉल्यूशन्स

कंपनी का लक्ष्य है कि IPO के बाद जुटाई गई पूंजी का उपयोग टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर, इंटरनेशनल एक्सपेंशन, और डिजिटल क्रेडिट प्लेटफॉर्म्स को मजबूत करने में किया जाएगा।


🌍 निवेशकों का भरोसा और बाजार की उम्मीदें

Pine Labs पहले से ही Temasek, PayPal, Mastercard, Peak XV, और Sofina जैसे शीर्ष वैश्विक निवेशकों से समर्थित है।
IPO के माध्यम से कंपनी न केवल नई पूंजी जुटाएगी बल्कि भारत के फिनटेक सेक्टर में अपनी लीडरशिप पोज़िशन और भी मजबूत करेगी।

विशेषज्ञों के अनुसार, कंपनी की IPO वैल्यूएशन ₹40,000–₹45,000 करोड़ तक पहुंच सकती है, जो इसे भारत के सबसे बड़े फिनटेक पब्लिक इश्यूज़ में शामिल करेगा।


💰 निवेशकों के लिए संकेत: IPO में क्या खास रहेगा?

  • मजबूत रेवेन्यू ग्रोथ ट्रेंड
  • FY26 में प्रॉफिट में वापसी
  • CEO और टॉप मैनेजमेंट की बढ़ी हुई हिस्सेदारी
  • ब्रांड्स और बैंकों के साथ दीर्घकालिक पार्टनरशिप्स
  • तेजी से बढ़ता लेंडिंग और BNPL सेगमेंट

इन सभी फैक्टर्स से संकेत मिलता है कि Pine Labs का IPO भारतीय फिनटेक स्पेस में एक मेजर गेम-चेंजर साबित हो सकता है।


🧩 निष्कर्ष

Pine Labs का ₹3,900 करोड़ का IPO न केवल निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर है, बल्कि यह भारतीय फिनटेक सेक्टर की परिपक्वता का भी प्रतीक है।
CEO Amrish Rau को मिले ₹243 करोड़ के ESOPs इस बात का सबूत हैं कि कंपनी अपने नेतृत्व पर कितना भरोसा करती है।

IPO के बाद Pine Labs का फोकस होगा —

“टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और मर्चेंट एम्पावरमेंट”

और यही उसे आने वाले वर्षों में भारत के डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम में एक मार्केट लीडर बनाएगा। 💼✨

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🚀 अक्टूबर 2025 में भारतीय स्टार्टअप ने रचा रिकॉर्ड: Zepto और Uniphore के सौदों से फंडिंग पहुंची $1.73 बिलियन तक

भारतीय स्टार्टअप्स

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए अक्टूबर 2025 एक ऐतिहासिक महीना साबित हुआ। महीने भर में देशभर के 110 स्टार्टअप्स ने कुल $1.73 बिलियन (लगभग ₹14,400 करोड़) की फंडिंग जुटाई, जो इस साल की दूसरी सबसे बड़ी मासिक फंडिंग है।

इस उछाल के पीछे सबसे बड़ा योगदान Zepto के $450 मिलियन और Uniphore के $250 मिलियन फंडिंग राउंड का रहा। इसके अलावा, Snapmint ($125 मिलियन) और Dhan ($120 मिलियन) जैसे दो और स्टार्टअप्स ने भी $100 मिलियन से अधिक की राशि जुटाई।


💹 महीने का फंडिंग डेटा: ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स ने दिखाया दबदबा

डेटा प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार, अक्टूबर में कुल $1.73 बिलियन का निवेश हुआ जिसमें से

  • ग्रोथ और लेट-स्टेज फंडिंग: $1.41 बिलियन (22 डील्स)
  • अर्ली-स्टेज फंडिंग: $312 मिलियन (77 डील्स)
  • अनडिस्क्लोज्ड डील्स: 11

ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स ने इस बार स्पष्ट रूप से फंडिंग चार्ट पर कब्जा जमाया, जहां केवल शीर्ष 10 स्टार्टअप्स ने ही लगभग $1.4 बिलियन जुटा लिए।


🔝 टॉप ग्रोथ-स्टेज डील्स: Zepto सबसे आगे

अक्टूबर के ग्रोथ राउंड्स में Zepto ने $450 मिलियन जुटाकर सभी को पीछे छोड़ दिया। इसके बाद क्रमशः —

  • Uniphore – $260 मिलियन
  • Snapmint – $125 मिलियन
  • Dhan – $120 मिलियन
  • KuKu FM – $85 मिलियन

इसके अलावा UnifyApps, Dezerv, Snabbit, Intangles, और IntrCity SmartBus जैसी कंपनियां भी टॉप-10 लिस्ट में शामिल रहीं।


🌱 टॉप अर्ली-स्टेज डील्स: AI और Fintech का जलवा

अर्ली-स्टेज सेगमेंट में AI और Fintech स्टार्टअप्स ने बाज़ी मारी।

  • Mem0 (AI इंफ्रास्ट्रक्चर) ने $24 मिलियन जुटाए।
  • Optimo Capital (NBFC) को $18 मिलियन का निवेश मिला।
  • CapitalXB और Goyaz ने $15 मिलियन-15 मिलियन जुटाए।
  • Pluro Fertility ने अपने फर्टिलिटी टेक बिजनेस के लिए $14 मिलियन जुटाए।

इसके अलावा KGeN, GoodScore, Ekkaa Electronics, Pantherun Technologies, और SalarySe ने $11-13.5 मिलियन के बीच फंडिंग हासिल की।


🏙️ शहरवार निवेश: Bengaluru बना भारत का स्टार्टअप कैपिटल

शहरवार फंडिंग ट्रेंड में Bengaluru ने एक बार फिर बाजी मारी —

  • Bengaluru: $1.02 बिलियन (48 डील्स) — कुल फंडिंग का 59%
  • Mumbai: $441 मिलियन (14 डील्स)
  • Delhi-NCR: $160 मिलियन (28 डील्स)
  • Pune: $46.9 मिलियन
  • Hyderabad: $24.6 मिलियन

इससे यह साफ है कि Bengaluru अब भी भारत का स्टार्टअप कैपिटल बना हुआ है, जबकि मुंबई और NCR लगातार मजबूत उपस्थिति बनाए हुए हैं।


🛒 सेक्टरवार फंडिंग: E-commerce, Fintech और AI ने कब्जा जमाया

सेक्टरवार विश्लेषण में E-commerce सबसे ज्यादा फंडिंग वाला सेगमेंट रहा:

  • E-commerce: $527.4 मिलियन (18 डील्स)
  • Fintech: $410.5 मिलियन
  • AI: $395.2 मिलियन
  • Healthtech: $31.6 मिलियन
  • Deeptech: $16.3 मिलियन

E-commerce सेक्टर ने कुल निवेश का 30% से अधिक आकर्षित किया। Fintech और AI मिलकर लगभग आधे निवेश के लिए जिम्मेदार रहे।


💼 IPO मोर्चा: Lenskart और Groww आगे, boAt और Curefoods की तैयारी

अक्टूबर IPO एक्टिविटी के लिहाज से भी गर्म रहा।

  • Lenskart और Groww अपने IPO लॉन्च की दिशा में तेजी से आगे बढ़े।
  • boAt, Curefoods, और Milky Mist ने भी अपने सार्वजनिक लिस्टिंग की तैयारी लगभग पूरी कर ली।

यह ट्रेंड दर्शाता है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम अब परिपक्व हो रहा है और निवेशक public market exits को लेकर अधिक आत्मविश्वास दिखा रहे हैं।


🤝 M&A एक्टिविटी में गिरावट

सितंबर की तुलना में अक्टूबर में mergers & acquisitions में 60% की गिरावट रही।
केवल तीन प्रमुख डील्स हुईं:

  1. Groww ने Fisdom का अधिग्रहण किया।
  2. TBO Tek ने Classic Vacations को खरीदा।
  3. TCC Concept ने Pepperfry में 95.18% हिस्सेदारी खरीदी।

📈 सीरीज-वाइज फंडिंग ट्रेंड

  • Seed राउंड्स: 46
  • Series A: 14
  • Series B: $457.9 मिलियन (कुल निवेश का 26.47%)
  • Pre-seed और Pre-Series A: सीमित निवेश

Series B राउंड्स ने इस बार फंडिंग वॉल्यूम में सबसे अधिक योगदान दिया।


👥 Layoffs, Shutdowns और Key Hires

अक्टूबर में लेऑफ्स में भारी कमी देखने को मिली।

  • Zepto और Simpl ने लगभग 380 कर्मचारियों को निकाला।
  • Hike और MyPickup ने अपने ऑपरेशंस बंद कर दिए।

हालांकि, इस महीने 28 से अधिक वरिष्ठ पदों पर नई भर्तियां हुईं, जो दर्शाता है कि बाजार में स्थिरता लौट रही है।


📊 महीने-दर-महीने तुलना: स्थिरता और निवेशक भरोसा

  • जनवरी 2025: $1.76 बिलियन (अब तक का सबसे बड़ा महीना)
  • अक्टूबर 2025: $1.73 बिलियन (दूसरा सबसे बड़ा महीना)

2025 के पहले 10 महीनों में से 5 महीनों में $1 बिलियन से अधिक की फंडिंग दर्ज की गई।
वर्ष-दर-वर्ष (YoY) आधार पर भी अक्टूबर 2025 पिछले पांच वर्षों में दूसरा सबसे मजबूत महीना रहा।


🔮 ट्रेंड्स और भविष्य की दिशा

  • AI बनाम Fintech: दोनों के बीच निवेश अंतर घट रहा है — AI ($395M) अब Fintech ($410M) के करीब पहुंच गया है।
  • M&A स्लो हुआ, लेकिन IPO पाइपलाइन मज़बूत बनी हुई है।
  • लेऑफ्स घटे, जो बाजार में स्थिरता और निवेशकों के भरोसे की ओर संकेत करते हैं।

📍 निष्कर्ष

अक्टूबर 2025 ने यह साबित कर दिया कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम अब न केवल निवेश आकर्षित कर रहा है, बल्कि IPO, सेकेंडरी डील्स और मर्जर-एक्विज़िशन जैसे परिपक्व संकेत भी दिखा रहा है।

Zepto, Uniphore, Snapmint, और Dhan जैसे बड़े फंडिंग राउंड्स से जहां ग्रोथ स्टार्टअप्स में जान आई है, वहीं AI और Fintech के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा आने वाले महीनों में नए इनोवेशन और निवेश अवसर लेकर आएगी।

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💳 Pine Labs ने दाखिल किया Red Herring Prospectus, FY26 की पहली छमाही में हुआ मुनाफा

Pine Labs

भारत की प्रमुख merchant commerce और payment platform कंपनी Pine Labs ने अपना Red Herring Prospectus (RHP) दाखिल किया है, जिससे खुलासा हुआ है कि कंपनी ने मौजूदा वित्त वर्ष FY26 की पहली छमाही में मुनाफा दर्ज किया है। कंपनी का राजस्व इसी अवधि में ₹650 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है।

यह उपलब्धि उस समय आई है जब भारतीय फिनटेक सेक्टर में तेज प्रतिस्पर्धा के बावजूद Pine Labs लगातार अपनी POS (Point of Sale) और digital payment सेवाओं को मजबूत बना रही है।


📈 18% की बढ़ोतरी के साथ बढ़ा ऑपरेटिंग रेवेन्यू

कंपनी के RHP के अनुसार, Pine Labs का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 18% बढ़कर ₹616 करोड़ पर पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष FY25 की पहली तिमाही में ₹522 करोड़ था।

कंपनी के प्रमुख राजस्व स्रोतों में transaction processing and settlement services शामिल हैं, जो कुल राजस्व का 70% हिस्सा रखते हैं। यह आय FY26 की पहली तिमाही में ₹432 करोड़ रही, जो FY25 की पहली तिमाही के ₹379 करोड़ से 14% अधिक है।

इसके अलावा, device sales, plastic cards और अन्य miscellaneous services से Pine Labs ने ₹88 करोड़ की आय दर्ज की, जो पिछले वर्ष के ₹56 करोड़ की तुलना में 57% की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है।


👩‍💼 कर्मचारी लाभ पर 44% खर्च, कुल व्यय में 17.5% की वृद्धि

Pine Labs ने अपने कुल व्यय का 44% हिस्सा कर्मचारी लाभों पर खर्च किया है। यह खर्च FY26 की पहली तिमाही में ₹291 करोड़ रहा, जो FY25 की इसी अवधि में ₹233 करोड़ था — यानी 25% की वृद्धि

Material cost पर कंपनी ने ₹71 करोड़ खर्च किए, जबकि transaction-related expenses, depreciation और finance cost जैसे मदों ने मिलकर कुल खर्च को ₹658 करोड़ तक पहुंचा दिया। यह FY25 की पहली तिमाही के ₹560 करोड़ की तुलना में 17.5% अधिक है।


💰 घाटे से मुनाफे की ओर: Pine Labs का टर्नअराउंड मोमेंट

Pine Labs ने पिछले वित्त वर्ष के नुकसान को पीछे छोड़ते हुए FY26 में मुनाफे की राह पकड़ी है। कंपनी ने FY26 की पहली तिमाही में ₹4.8 करोड़ का profit after tax (PAT) दर्ज किया, जबकि FY25 की इसी तिमाही में उसे ₹28 करोड़ का घाटा हुआ था।

हालांकि, टैक्स से पहले कंपनी को ₹4.8 करोड़ का नुकसान हुआ था, लेकिन ₹14 करोड़ के deferred tax credit ने उसे मुनाफे में पहुंचा दिया।

यह सुधार कंपनी के लिए एक turnaround point साबित हो रहा है, जिससे निवेशकों का भरोसा भी और मजबूत हुआ है।


🏦 ₹2,080 करोड़ के Fresh Issue के साथ IPO की तैयारी

Pine Labs के RHP के अनुसार, आने वाले IPO में कंपनी ₹2,080 करोड़ के fresh equity shares जारी करेगी, साथ ही 8.23 करोड़ शेयरों का offer for sale (OFS) भी होगा।

OFS में Peak XV Partners, Temasek, PayPal, Mastercard, Invesco, Madison India, और Sofina Ventures जैसे प्रमुख निवेशक अपने हिस्से की हिस्सेदारी बेचेंगे।

यह कदम Pine Labs के लिए अपने विस्तार को गति देने और public market में प्रवेश करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।


🌐 Pine Labs का बिज़नेस मॉडल और फोकस एरिया

Pine Labs भारत में merchant commerce solutions का एक अग्रणी प्लेटफ़ॉर्म है जो छोटे और बड़े व्यापारियों को digital payment acceptance, EMI solutions, gift cards, और loyalty programs जैसी सेवाएं प्रदान करता है।

कंपनी के ग्राहक आधार में रिटेलर्स, ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म, होटल्स, और रेस्टोरेंट्स शामिल हैं। Pine Labs ने unified commerce के माध्यम से व्यापारियों को online और offline दोनों चैनलों पर भुगतान को आसान और सुरक्षित बनाने में मदद की है।

कंपनी का फोकस अब tier II और tier III शहरों में अपनी POS machine और QR payment network को तेजी से बढ़ाने पर है।


🚀 भविष्य की रणनीति: टेक्नोलॉजी और विस्तार पर ध्यान

IPO से मिलने वाली राशि का उपयोग Pine Labs अपनी technology capabilities को बढ़ाने, AI-driven analytics tools विकसित करने, और नई उत्पाद लाइनों पर निवेश करने के लिए करेगी।

साथ ही, कंपनी का लक्ष्य अपने merchant ecosystem को मजबूत करते हुए अंतरराष्ट्रीय बाजारों — जैसे दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य पूर्व — में अपनी उपस्थिति का विस्तार करना है।


📊 निष्कर्ष: भारतीय फिनटेक सेक्टर में Pine Labs की मजबूत वापसी

FY26 की पहली छमाही में मुनाफे में आने के साथ ही Pine Labs ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय fintech ecosystem में उसका स्थान स्थायी और मजबूत है।

IPO के बाद कंपनी न केवल अपनी पूंजी संरचना को मजबूत करेगी, बल्कि merchant-centric digital ecosystem को भी अगले स्तर तक ले जाएगी।

भारत में डिजिटल भुगतान के बढ़ते अपनाने के साथ, Pine Labs का यह वित्तीय प्रदर्शन दर्शाता है कि profitability और growth दोनों ही उसके लिए अब स्थायी रूप से स्थापित हो चुके हैं।

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🚚 Flipkart समर्थित Shadowfax Technologies का ₹2,000 करोड़ का IPO प्लान

Shadowfax

भारतीय लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप Shadowfax Technologies ने अपना अपडेटेड Draft Red Herring Prospectus (DRHP) बाजार नियामक SEBI के पास फाइल किया है। इस कदम से कंपनी ने अपने बहुप्रतीक्षित Initial Public Offering (IPO) की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है।

कंपनी इस IPO के ज़रिए ₹2,000 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें एक हिस्सा Fresh Issue से और दूसरा Offer for Sale (OFS) के माध्यम से आएगा।


💸 IPO का स्ट्रक्चर: Fresh Issue और OFS दोनों शामिल

अपडेटेड DRHP के मुताबिक,

  • ₹1,000 करोड़ के शेयर Fresh Issue के रूप में जारी किए जाएंगे,
  • जबकि शेष ₹1,000 करोड़ का हिस्सा OFS (Offer for Sale) के तहत मौजूदा निवेशकों द्वारा बेचा जाएगा।

इन मौजूदा निवेशकों में शामिल हैं —

  • Flipkart,
  • Eight Roads Ventures,
  • Mirae Asset,
  • TPG,
  • Nokia Growth Partners,
  • और Snapdeal के सह-संस्थापक Kunal Bahl और Rohit Bansal

ये निवेशक अपने हिस्से के कुछ शेयर बेचकर आंशिक एग्जिट लेंगे।


🏁 SEBI की मंज़ूरी से IPO को मिली रफ्तार

इस महीने की शुरुआत में ही Shadowfax को उसके Confidentially Filed DRHP के लिए SEBI की मंज़ूरी मिल चुकी थी।
अब कंपनी ने अपने अपडेटेड DRHP को फाइल कर दिया है, जिससे इसके IPO की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच गई हैं।


🚀 Shadowfax क्या करती है?

2015 में Abhishek Bansal, Vaibhav Khandelwal, Praharsh Chandra, और Gaurav Jaithliya द्वारा स्थापित Bengaluru आधारित Shadowfax Technologies आज भारत के प्रमुख लास्ट-माइल डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स में से एक है।

कंपनी का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है —
📦 1.25 लाख से अधिक एक्टिव डिलीवरी पार्टनर्स
📍 14,000+ पिनकोड्स में सक्रिय
🍔 ग्रॉसरी, फूड, मेडिसिन, और ई-कॉमर्स डिलीवरी तक सर्विस प्रदान करती है।

कंपनी का दावा है कि उसका प्लेटफॉर्म भारत के सबसे बड़े ऑन-डिमांड डिलीवरी नेटवर्क्स में शामिल है, जो बड़े ई-कॉमर्स ब्रांड्स और हाइपरलोकल बिज़नेस को जोड़ता है।


🏗️ IPO से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल कहाँ होगा?

Shadowfax ने बताया है कि Fresh Issue से जुटाई गई राशि का उपयोग मुख्य रूप से इन उद्देश्यों के लिए किया जाएगा —

1️⃣ लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार — नए वेयरहाउस, सॉर्टिंग सेंटर्स और डिलीवरी नेटवर्क्स की स्थापना।
2️⃣ टेक्नोलॉजी स्ट्रेंथनिंग — AI-आधारित रूट ऑप्टिमाइजेशन, ट्रैकिंग सिस्टम और ऑटोमेशन को बढ़ावा।
3️⃣ इनऑर्गेनिक ग्रोथ (अधिग्रहण) — लॉजिस्टिक्स टेक और हाइपरलोकल से जुड़े अन्य स्टार्टअप्स में निवेश या अधिग्रहण।
4️⃣ कर्ज़ का भुगतान (Debt Repayment) — मौजूदा देनदारियों को कम कर बैलेंस शीट मजबूत बनाना।


📈 वित्तीय प्रदर्शन (Financial Highlights)

DRHP में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक —

  • FY25 में कंपनी की राजस्व वृद्धि 32% YoY रही,
  • कुल रेवेन्यू ₹2,485 करोड़,
  • और नेट प्रॉफिट ₹6.4 करोड़ दर्ज किया गया।

जबकि FY26 के पहले छह महीनों में ही —

  • कंपनी ने ₹1,805 करोड़ का रेवेन्यू
  • और ₹21 करोड़ का प्रॉफिट दर्ज कर शानदार प्रदर्शन दिखाया है।

इससे स्पष्ट है कि Shadowfax अब न केवल ग्रोथ मोड में है, बल्कि प्रॉफिटेबिलिटी की दिशा में भी मजबूत कदम बढ़ा चुकी है।


🧩 भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में Shadowfax की स्थिति

भारत का लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मार्केट आने वाले वर्षों में $400 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।
ई-कॉमर्स, किराना और फूड डिलीवरी सेक्टर की तेजी से बढ़ती मांग ने लास्ट-माइल लॉजिस्टिक्स को देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम का हॉट सेगमेंट बना दिया है।

इस क्षेत्र में Shadowfax के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हैं —

  • Delhivery,
  • Ecom Express,
  • XpressBees,
  • और Porter

हालांकि Shadowfax की खासियत है इसका टेक-ड्रिवन नेटवर्क, जो डिलीवरी एजेंट्स और मर्चेंट्स दोनों के लिए सहज और स्केलेबल प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।


💬 संस्थापक का विज़न

कंपनी के को-फाउंडर और CEO Abhishek Bansal के मुताबिक,

“हमारा उद्देश्य है भारत के हर कोने में एक भरोसेमंद, तकनीक-आधारित डिलीवरी नेटवर्क बनाना जो छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े ब्रांड्स तक सभी को जोड़ सके। हमारा IPO उस दिशा में एक बड़ा कदम है।”


🏦 IPO मार्केट में बढ़ती हलचल

2025 में भारतीय स्टार्टअप्स का IPO सीज़न काफी गर्म रहा है —

  • Lenskart, Groww, boAt, और Infra.Market जैसे नाम पहले ही IPO रेस में शामिल हो चुके हैं।
    अब Shadowfax का नाम जुड़ने से यह साफ है कि लॉजिस्टिक्स सेक्टर भी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है।

विशेषज्ञों का मानना है कि Shadowfax का IPO निवेशकों के लिए एक ग्रोथ + प्रॉफिट कॉम्बिनेशन पेश करेगा, जो मार्केट में इसे खास बना सकता है।


📊 भविष्य की योजना (Future Outlook)

Shadowfax आने वाले दो वर्षों में —

  • अपनी डिलीवरी कवरेज को 25,000 पिनकोड्स तक बढ़ाने,
  • 10+ नए वितरण केंद्र (Distribution Hubs) स्थापित करने,
  • और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन इनोवेशन को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रही है।

कंपनी का लक्ष्य भारत में सबसे भरोसेमंद और कुशल लास्ट-माइल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क बनना है।


🔚 निष्कर्ष

Flipkart-समर्थित Shadowfax Technologies का IPO भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में नई हलचल पैदा करने वाला है।
कंपनी की सतत वृद्धि, मजबूत नेटवर्क, और लाभप्रदता की दिशा में प्रगति इसे अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती है।

अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो Shadowfax आने वाले महीनों में भारत के सबसे सफल टेक-ड्रिवन लॉजिस्टिक्स IPOs में से एक साबित हो सकता है। 📈✨

Read more : इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $334.88 मिलियन — Snapmint, Pluro Fertility और Groww IPO सुर्खियों में!

🚀 इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $334.88 मिलियन — Snapmint, Pluro Fertility और Groww IPO सुर्खियों में!

भारतीय स्टार्टअप्स

भारतीय स्टार्टअप्स इकोसिस्टम में इस हफ्ते भी निवेश की रफ्तार स्थिर रही। कुल 34 भारतीय स्टार्टअप्स ने लगभग $334.88 मिलियन (₹2,800 करोड़) की फंडिंग जुटाई, जिसमें 5 ग्रोथ-स्टेज और 23 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल रहीं। वहीं, 6 स्टार्टअप्स ने अपने फंडिंग विवरण सार्वजनिक नहीं किए।

पिछले हफ्ते 8 स्टार्टअप्स ने मिलकर लगभग $347.44 मिलियन जुटाए थे, यानी इस हफ्ते फंडिंग स्तर लगभग स्थिर रहा।


💰 भारतीय स्टार्टअप्स ग्रोथ-स्टेज फंडिंग डील्स

ग्रोथ और लेट-स्टेज निवेश में इस हफ्ते $209.2 मिलियन जुटाए गए। इस सेगमेंट का सबसे बड़ा सौदा रहा —

  • 💸 Snapmint ने General Atlantic की अगुवाई में $125 मिलियन (₹1,040 करोड़) की Series B फंडिंग हासिल की।
  • 🐇 Snabbit ने Bertelsmann के नेतृत्व में $30 मिलियन जुटाए।
  • 🚌 IntrCity SmartBus को $28 मिलियन की फंडिंग मिली।
  • 💳 Jupiter Money ने $15 मिलियन हासिल किए।
  • 👓 वहीं, IPO की तैयारी कर रही Lenskart ने ₹100 करोड़ ($11.2 मिलियन) का प्री-IPO सेकेंडरी सौदा किया।

🌱 अर्ली-स्टेज डील्स

इस हफ्ते शुरुआती चरण यानी अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने कुल $125.68 मिलियन जुटाए। इनमें सबसे आगे रहे —

  • 🤖 Mem0 (AI startup)$24 मिलियन की Series A फंडिंग।
  • 💰 Optimo Capital (NBFC startup)$17.5 मिलियन जुटाए।
  • 🧬 Pluro Fertility & IVF₹125 करोड़ ($14 मिलियन) की Series A फंडिंग, Bessemer Venture Partners के नेतृत्व में।
  • 🛍️ Goyaz (Gold-plated silver jewellery brand),
  • 🧾 SalarySe,
  • 🗣️ Smallest AI (Enterprise Voice AI) और
  • 🛒 Point AI (E-commerce services) जैसे नामों ने भी इस हफ्ते निवेशकों को आकर्षित किया।

🏙️ सिटी-वाइज और सेक्टर-वाइज इनसाइट्स

शहरों के लिहाज से देखा जाए तो —

  • Bengaluru ने 14 डील्स के साथ बाजी मारी,
  • इसके बाद Delhi-NCR में 9,
  • जबकि Mumbai, Hyderabad, Mangalore, Coimbatore और Ahmedabad से भी निवेश सौदे दर्ज किए गए।

सेगमेंट के हिसाब से —

  • Fintech, E-commerce, और AI startups ने बाज़ी मारी।
  • Mobility, Deeptech, Foodtech और SaaS स्टार्टअप्स ने भी फंडिंग बटोरी।

📊 सीरीज़-वाइज डील ट्रेंड

इस हफ्ते:

  • सबसे ज़्यादा Seed rounds (14 deals) हुए,
  • उसके बाद Series A (6 deals) और Pre-seed (5 deals) रहीं।
  • कुछ Pre-Series A, Series B, Series C राउंड्स भी एक्टिव रहे।

📉 वीकली फंडिंग ट्रेंड

साप्ताहिक आधार पर, भारतीय स्टार्टअप फंडिंग लगभग स्थिर रही —

  • इस हफ्ते $334.88 मिलियन,
  • जबकि पिछले हफ्ते $347.44 मिलियन जुटाए गए थे।

पिछले आठ हफ्तों का औसत लगभग $345.2 मिलियन प्रति सप्ताह रहा, जिसमें करीब 26 डील्स दर्ज हुईं।


🧑‍💼 की हायरिंग (Key Hiring)

  • 🇮🇳 VerSe Innovation (Dailyhunt और Josh की पैरेंट कंपनी) ने Prakashan Manikoth को नया Group CFO नियुक्त किया है।
    वह वित्त, रणनीति, M&A, IPO तैयारी और निवेशक संबंधों को संभालेंगे।

💼 फंड लॉन्च अपडेट

  • 🌱 Blume Ventures ने अपने पांचवें फ्लैगशिप फंड (Fund V) का पहला क्लोज़ $175 मिलियन पर किया है।
  • कंपनी का लक्ष्य $250–275 मिलियन का फाइनल क्लोज़ है।
  • 🪔 Dabur India ने Dabur Ventures लॉन्च किया है — ₹500 करोड़ का नया इन्वेस्टमेंट आर्म, जो डिजिटल-फर्स्ट D2C ब्रांड्स में निवेश करेगा।

⚙️ नए लॉन्च और पार्टनरशिप्स

  • 🤝 Google और Reliance ने Jio यूजर्स के लिए Gemini AI Pro लॉन्च किया।
  • 💳 Razorpay Curlec अब मलेशिया में UPI पेमेंट्स सक्षम करेगा।
  • 🌏 P&H Partners NZ ने Gurugram में न्यूज़ीलैंड निवेश वीज़ा पर सेमिनार आयोजित किया।

💹 इस हफ्ते के प्रमुख वित्तीय नतीजे

  • 🍔 Swiggy का घाटा 74% बढ़कर ₹1,092 करोड़ हुआ, लेकिन Instamart की ग्रोथ 2X हुई।
  • 🚚 Shiprocket ने FY25 में ₹1,632 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया, घाटा घटकर ₹74 करोड़ हुआ।
  • 🎓 upGrad EBITDA पॉज़िटिव हुआ और ₹1,943 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया।
  • 🚆 Ixigo का रेवेन्यू 37% बढ़कर ₹283 करोड़ पहुंचा।
  • 💼 PB Fintech (Policybazaar) का मुनाफा 2.6X बढ़कर ₹135 करोड़ हो गया।
  • 🧪 Sterling Accuris ने FY25 में ₹200 करोड़ पार कर EBITDA पॉज़िटिव ग्रोथ दर्ज की।
  • 🏦 Go Digit का रेवेन्यू ₹2,088 करोड़, मुनाफा 30% बढ़ा।
  • 🚗 CarTrade का मुनाफा दोगुना होकर ₹64 करोड़ हुआ।
  • 🥟 iD Fresh Food ने ₹681 करोड़ रेवेन्यू के साथ 5X प्रॉफिट दर्ज किया।
  • 🏢 Square Yards की Urban Money यूनिट ने 3 साल में 10X ग्रोथ हासिल की, FY25 में रेवेन्यू ₹714 करोड़ के करीब।
  • 💰 Wealthy का रेवेन्यू 72% बढ़ा, जबकि घाटा ₹35 करोड़ रहा।

📰 इस हफ्ते की बड़ी खबरें

  • 💹 Groww IPO ₹6,632.3 करोड़ के इश्यू के साथ लॉन्च, वैल्यूएशन ₹61,736 करोड़।
  • 🎧 boAt ने IPO साइज घटाकर ₹1,500 करोड़ किया।
  • ⚖️ Zetwerk ने Ayr Energy पर यूएस कोर्ट में डेटा चोरी का मुकदमा दायर किया।
  • 🥛 Curefoods और Milky Mist को SEBI से IPO मंज़ूरी मिली।
  • 👓 Lenskart IPO ₹7,278 करोड़ का, जिसमें संस्थापकों को भारी रिटर्न की उम्मीद।
  • 💸 Delhi-NCR बना भारत का क्रिप्टो कैपिटल, CoinSwitch रिपोर्ट के मुताबिक Q3 में सबसे ज्यादा निवेश।
  • Bajaj ने TVS को पछाड़ा, अक्टूबर EV सेल्स में #1 बना।

🔚 सारांश

इस हफ्ते फंडिंग में हल्की गिरावट के बावजूद निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही। AI, fintech और healthtech सेक्टर में रफ्तार तेज रही।
वहीं, Groww और Lenskart के IPO लॉन्च ने मार्केट में नई ऊर्जा भर दी है।

👉 भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार यह साबित कर रहा है कि “Innovation never sleeps!” 🇮🇳✨

Read more : Pluro Fertility ने जुटाए ₹125 करोड़! IVF सेवाओं के विस्तार और तकनीकी नवाचार में होगा निवेश 

🧬 Pluro Fertility ने जुटाए ₹125 करोड़! IVF सेवाओं के विस्तार और तकनीकी नवाचार में होगा निवेश 👶

Pluro Fertility

भारत के तेजी से बढ़ते फर्टिलिटी और IVF (In Vitro Fertilization) सेक्टर में एक और बड़ा निवेश हुआ है। Pluro Fertility and IVF ने अपने Series A फंडिंग राउंड में ₹125 करोड़ (लगभग $14 मिलियन) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व प्रतिष्ठित ग्लोबल निवेशक Bessemer Venture Partners ने किया है। इस निवेश के बाद कंपनी का मूल्यांकन लगभग ₹1,000 करोड़ ($112 मिलियन) हो गया है।

इस राउंड में कई प्रमुख एंजेल निवेशकों — जैसे विक्रम चटवाल, धर्मिल शेठ, हार्दिक देढिया, सलील मुसले, शालिभद्र शाह, निकेत शाह, और करण कपूर — ने भी भाग लिया है।


💰 फंडिंग का उद्देश्य और इस्तेमाल

Pluro Fertility इस नए फंड का इस्तेमाल भारत के अलग-अलग शहरों में नए IVF सेंटर्स स्थापित करने, अपनी ऑपरेशनल क्षमताओं को मजबूत करने, और फर्टिलिटी टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म को विस्तार देने के लिए करेगी।
कंपनी का लक्ष्य है कि IVF सेवाओं को देशभर के उन हिस्सों तक पहुंचाया जाए जहां गुणवत्तापूर्ण फर्टिलिटी केयर की उपलब्धता अभी भी सीमित है।

कंपनी अपने डिजिटल और क्लिनिकल नेटवर्क प्लेटफ़ॉर्म को भी अपग्रेड करेगी, ताकि मरीजों और IVF विशेषज्ञों दोनों को बेहतर अनुभव प्रदान किया जा सके।


👩‍⚕️ Pluro का बिजनेस मॉडल

साल 2025 में जयदीप टैंक, परिक्षित टैंक, और भास्कर शाह द्वारा स्थापित Pluro Fertility एक अनूठे “पार्टनरशिप मॉडल” पर काम करती है।

इस मॉडल में Pluro देशभर के स्वतंत्र IVF विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ साझेदारी करती है।
क्लिनिकल निर्णय (जैसे इलाज और मेडिकल प्रोटोकॉल) डॉक्टरों के नियंत्रण में रहते हैं, जबकि Pluro गैर-क्लिनिकल कार्यों — जैसे एडमिनिस्ट्रेशन, टेक्नोलॉजी, कंप्लायंस, मार्केटिंग, और ऑपरेशंस — को मैनेज करता है।

इसका फायदा यह है कि डॉक्टर मरीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जबकि Pluro उनके क्लिनिक की ऑपरेशनल क्षमता, मार्केट पहुंच, और डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाता है।


🏥 विस्तार की बड़ी योजना

Pluro Fertility का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक 25 फर्टिलिटी सेंटर्स खोले जाएं। ये सभी सेंटर्स उन IVF विशेषज्ञों के साथ साझेदारी में होंगे जिनके पास कम से कम 10 वर्षों का क्लिनिकल अनुभव है।

अगले तीन वर्षों में कंपनी की योजना है कि वह देशभर में 100 IVF सेंटर्स का नेटवर्क तैयार करे, जो भारत का सबसे बड़ा पार्टनर्ड फर्टिलिटी नेटवर्क बन सकता है।

कंपनी के मुताबिक, यह मॉडल न केवल डॉक्टरों को सशक्त बनाता है बल्कि मरीजों के लिए बेहतर एक्सेस, पारदर्शिता, और विश्वसनीयता भी सुनिश्चित करता है।


📈 पार्टनर डॉक्टरों के लिए इक्विटी प्रोग्राम

Pluro Fertility का एक खास आकर्षण यह है कि इसके पार्टनर डॉक्टरों को कंपनी की विकास दर के अनुसार इक्विटी (शेयर होल्डिंग) में भागीदारी दी जाती है।
इससे डॉक्टरों को न केवल पेशेवर लाभ मिलता है बल्कि वे कंपनी की ग्रोथ स्टोरी में भी हिस्सेदार बनते हैं।

यह रणनीति Pluro को एक मजबूत डॉक्टर-फ्रेंडली नेटवर्क के रूप में स्थापित कर रही है — जो भारत में फर्टिलिटी सेक्टर में एक नया मानक तय कर सकता है।


⚙️ टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में निवेश

Pluro Fertility का कहना है कि फर्टिलिटी और IVF जैसे डोमेन में डाटा-ड्रिवन केयर, एआई बेस्ड डायग्नोस्टिक्स, और डिजिटल कंसल्टेशन भविष्य की जरूरतें हैं।

कंपनी इस नए फंड का एक हिस्सा अपनी टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने में लगाएगी, ताकि मरीजों को पर्सनलाइज़्ड फर्टिलिटी जर्नी, आसान बुकिंग, रिपोर्ट ट्रैकिंग, और रिमोट कंसल्टेशन जैसी सुविधाएँ मिल सकें।


📊 भारत का IVF बाजार – तेजी से बढ़ता अवसर

भारत का IVF और फर्टिलिटी मार्केट लगातार बढ़ रहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट का बाजार सालाना 15–18% की दर से बढ़ रहा है।
2024 में यह बाजार लगभग ₹8,500 करोड़ का था और अनुमान है कि 2030 तक यह ₹20,000 करोड़ से अधिक का हो जाएगा।

इस वृद्धि के पीछे देरी से शादी, तनाव, लाइफस्टाइल में बदलाव, और जागरूकता में वृद्धि जैसे कारक हैं।
Pluro जैसी कंपनियाँ इस डिमांड को तकनीक और विश्वसनीय सेवा के साथ पूरा करने की दिशा में काम कर रही हैं।


💬 संस्थापकों का दृष्टिकोण

Pluro के को-फाउंडर डॉ. जयदीप टैंक ने कहा —

“हमारा विज़न भारत में IVF और फर्टिलिटी केयर को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाना है। डॉक्टरों और मरीजों के बीच तकनीक के माध्यम से विश्वास का सेतु बनाना ही हमारा मिशन है।”

वहीं, Bessemer Venture Partners ने कहा कि भारत में फर्टिलिटी सर्विसेज का बाजार अभी शुरुआती चरण में है और Pluro इस क्षेत्र में एक मजबूत और स्केलेबल मॉडल बना रहा है।


🤝 फर्टिलिटी-टेक में बढ़ता निवेश

हाल ही में Luma Fertility नामक एक अन्य फर्टिलिटी-टेक स्टार्टअप ने ₹33 करोड़ ($4 मिलियन) की सीड फंडिंग जुटाई थी, जिसका नेतृत्व Peak XV’s Surge ने किया था।
इसमें मीरा शाह (Metropolis Healthcare) और विजय तापड़िया (B2V Ventures) जैसे प्रसिद्ध निवेशकों ने भाग लिया था।

यह दर्शाता है कि भारत में फर्टिलिटी-टेक सेक्टर निवेशकों के लिए एक नया आकर्षण बनता जा रहा है।


🌱 निष्कर्ष: Pluro – फर्टिलिटी केयर का नया भविष्य

Pluro Fertility ने अपने साझेदारी-आधारित मॉडल, डॉक्टर-केंद्रित दृष्टिकोण और तकनीकी नवाचार के बल पर भारत के IVF उद्योग में नई दिशा दी है।
Bessemer जैसे प्रतिष्ठित निवेशक का भरोसा कंपनी की दीर्घकालिक क्षमता को दर्शाता है।

आने वाले समय में Pluro न केवल IVF केयर को सुलभ और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि डॉक्टरों और मरीजों के बीच विश्वास और कनेक्शन को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

Read more : Snapmint ने जुटाए $125 मिलियन! UPI पर EMI सुविधा को मिलेगी नई रफ़्तार,

💳 Snapmint ने जुटाए $125 मिलियन! UPI पर EMI सुविधा को मिलेगी नई रफ़्तार,

Snapmint

भारत के तेजी से बढ़ते Buy Now Pay Later (BNPL) सेक्टर में एक और बड़ी खबर सामने आई है। मुंबई स्थित Snapmint, जो ग्राहकों को UPI के जरिए EMI पर भुगतान करने की सुविधा देता है, ने अपने Series B फंडिंग राउंड में $125 मिलियन (लगभग ₹1,040 करोड़) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म General Atlantic ने किया है, जबकि इसमें Prudent Investment Managers, Kae Capital, Elev8 Venture Partners, और कुछ मौजूदा एंजेल निवेशकों ने भी भाग लिया है।


💰 निवेश का ब्योरा और उद्देश्य

कंपनी के को-फाउंडर नलिन अग्रवाल ने Entrackr को बताया कि जुटाई गई राशि में से $115 मिलियन प्राइमरी कैपिटल के रूप में आई है, जबकि बाकी फंड सेकेंडरी ट्रांजेक्शन के जरिए जुटाए गए हैं। इस सेकेंडरी हिस्से के माध्यम से कंपनी के कुछ शुरुआती एंजेल निवेशकों को एक्जिट (निवेश पर रिटर्न) भी मिला है।

Snapmint इस फंड का इस्तेमाल अपने EMI-on-UPI ऑफरिंग को विस्तार देने, मर्चेंट नेटवर्क बढ़ाने, और नई टेक्नोलॉजी विकसित करने में करेगी ताकि अधिक से अधिक भारतीय ग्राहकों तक उसकी सेवाएं पहुँच सकें।


🏦 Snapmint क्या करता है?

साल 2017 में नलिन अग्रवाल, अनिल जेलरा, और अभिनीत सावा द्वारा स्थापित Snapmint उपभोक्ताओं को बिना क्रेडिट कार्ड के EMI पर खरीदारी की सुविधा देता है। इसका मतलब है कि ग्राहक Snapmint की मदद से किसी भी प्रोडक्ट — चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक्स हो, फैशन, ट्रैवल, या लाइफस्टाइल — को खरीदकर UPI के जरिए किश्तों में भुगतान कर सकते हैं।

Snapmint का कहना है कि यह मॉडल खासतौर पर युवा उपभोक्ताओं और बिना क्रेडिट कार्ड वाले ग्राहकों के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि वे आसानी से आवश्यक वस्तुएं खरीद सकें।


📈 यूजर बेस और कारोबार का विस्तार

कंपनी के अनुसार, वर्तमान में Snapmint के 70 लाख (7 मिलियन) मासिक सक्रिय यूजर हैं, जो देशभर के 23,000 से अधिक पिन कोड्स को कवर करते हैं। हर महीने कंपनी 15 लाख से ज्यादा खरीदारी को फंड करती है, यानी लाखों उपभोक्ता Snapmint की EMI सेवा का लाभ ले रहे हैं।

इस प्लेटफ़ॉर्म का मकसद न केवल ग्राहकों को भुगतान में आसानी देना है, बल्कि ऑनलाइन और ऑफलाइन मर्चेंट्स की कन्वर्ज़न दर (sales conversion) को भी बढ़ाना है। कंपनी कहती है कि उसकी फ्लेक्सिबल EMI योजनाओं से ग्राहकों की खरीदारी में 25–30% तक का इज़ाफ़ा देखा गया है।


⚔️ बाज़ार में प्रतिस्पर्धा

Snapmint इस समय भारत के उभरते BNPL और EMI पेमेंट स्पेस में कई दिग्गज कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है। इसके प्रमुख प्रतिस्पर्धी हैं — ZestMoney, LazyPay, Axio, Simpl, PayU PayLater, ICICI PayLater, और CRED

हालांकि, Snapmint की मुख्य ताकत EMI via UPI मॉडल है, जो उपभोक्ताओं को क्रेडिट कार्ड के बिना EMI पर भुगतान की सुविधा देता है — जो इसे अपने प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाता है।


🚀 भविष्य की योजनाएँ

Snapmint आने वाले कुछ वर्षों में अपनी उपस्थिति को कई गुना बढ़ाने की योजना बना रहा है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह आने वाले समय में 10 करोड़ (100 मिलियन) से अधिक उपभोक्ताओं तक पहुँचे।

इस फंडिंग से कंपनी को अपने टेक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, डेटा एनालिटिक्स और जोखिम मूल्यांकन (risk assessment) प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, कंपनी छोटे और मझोले व्यापारियों (SMEs) के साथ नई साझेदारियाँ करने की योजना भी बना रही है ताकि उपभोक्ताओं को EMI विकल्प अधिक से अधिक उत्पादों पर उपलब्ध कराया जा सके।


📊 अब तक का निवेश और हिस्सेदारी

स्टार्टअप डेटा प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार, Snapmint ने अब तक कुल मिलाकर $140 मिलियन की फंडिंग जुटाई है। इसमें $18 मिलियन का डेब्ट और इक्विटी मिश्रण दिसंबर 2024 में जुटाया गया था।

इस नए फंडिंग राउंड के बाद General Atlantic कंपनी में 18.8% हिस्सेदारी का मालिक बन जाएगा, जिससे यह Snapmint के प्रमुख निवेशकों में शामिल हो जाएगा।


💼 वित्तीय प्रदर्शन (FY25)

Snapmint ने वित्त वर्ष 2025 (FY25) में शानदार प्रदर्शन दर्ज किया है। कंपनी की राजस्व (Revenue) में साल-दर-साल 80% की बढ़ोतरी हुई है और यह बढ़कर ₹158.5 करोड़ पर पहुंच गई है।
सबसे खास बात यह रही कि Snapmint ने इस वित्त वर्ष में लाभ (Profit) भी दर्ज किया — कंपनी ने ₹15 करोड़ का नेट प्रॉफिट कमाया, जबकि पिछले वर्षों में यह घाटे में थी।

को-फाउंडर नलिन अग्रवाल ने कहा कि कंपनी वित्त वर्ष 2026 (FY26) को दोगुनी राजस्व वृद्धि के साथ बंद करने की उम्मीद कर रही है।


🧠 निष्कर्ष: भारत के डिजिटल क्रेडिट का नया अध्याय

Snapmint का EMI-on-UPI मॉडल भारत में डिजिटल क्रेडिट के लोकतंत्रीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह उन लाखों उपभोक्ताओं को सशक्त बना रहा है जिनके पास पारंपरिक क्रेडिट कार्ड या बैंकिंग विकल्प नहीं हैं।

General Atlantic जैसे प्रतिष्ठित निवेशक का भरोसा इस बात का संकेत है कि Snapmint भारतीय फिनटेक सेक्टर में लंबी दौड़ का खिलाड़ी है। आने वाले वर्षों में, Snapmint न केवल भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में अहम भूमिका निभा सकता है बल्कि देश के BNPL सेक्टर को भी नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।

Read more : Lenskart IPO से पहले बड़ा धमाका! ₹3,268 करोड़ जुटाए 147 Anchor Investors

🕶️ Lenskart IPO से पहले बड़ा धमाका! ₹3,268 करोड़ जुटाए 147 Anchor Investors

Lenskart

भारत की सबसे बड़ी omni-channel eyewear retailer कंपनी Lenskart Solutions Limited ने अपने initial public offering (IPO) से पहले ही निवेशकों का दिल जीत लिया है। कंपनी ने ₹3,268.36 करोड़ की भारीभरकम रकम 147 anchor investors से जुटाई है। इस फंडिंग के जरिए Lenskart ने अपने IPO को लेकर बाजार में जबरदस्त उत्साह पैदा कर दिया है।


💰 IPO से पहले की फंडिंग डिटेल्स

Lenskart ने 8.13 करोड़ इक्विटी शेयर ₹402 प्रति शेयर की ऊपरी प्राइस बैंड पर anchor investors को आवंटित किए। यह allotment कंपनी के कुल IPO के तहत हुआ है, जो 31 अक्टूबर से खुलकर 4 नवंबर तक निवेशकों के लिए उपलब्ध रहेगा।
IPO का price band ₹382 से ₹402 प्रति इक्विटी शेयर तय किया गया है, जिसमें प्रत्येक शेयर का फेस वैल्यू ₹2 है।

निवेशक न्यूनतम 37 शेयरों के लॉट में आवेदन कर सकते हैं, यानी न्यूनतम निवेश राशि ₹14,874 रहेगी। इसके बाद निवेशक multiples में आवेदन कर सकते हैं।


📊 Anchor Investors की शानदार भागीदारी

Lenskart के anchor book में देश और विदेश के कई बड़े संस्थागत निवेशकों ने भाग लिया है।
कुल allotment में से 2.87 करोड़ शेयर (35.34%) केवल घरेलू म्यूचुअल फंड्स को दिए गए हैं, जिनमें कुल 21 domestic mutual funds के 59 schemes शामिल हैं।

घरेलू निवेशकों में जिन नामों ने हिस्सा लिया उनमें शामिल हैं:

  • SBI Mutual Fund
  • HDFC Mutual Fund
  • ICICI Prudential
  • Kotak Mutual Fund
  • Axis Mutual Fund
  • Aditya Birla Sun Life Mutual Fund

इसके अलावा बीमा क्षेत्र के दिग्गज जैसे SBI Life Insurance, HDFC Life Insurance, और ICICI Prudential Life Insurance ने भी बड़ी हिस्सेदारी ली है।

विदेशी निवेशकों में शामिल रहे:

  • GIC (Singapore)
  • Monetary Authority of Singapore (MAS)
  • Government Pension Fund Global (GPFG)
  • Fidelity International
  • Goldman Sachs
  • Nomura
  • Amundi, JP Morgan, और Wellington Management जैसी वैश्विक वित्तीय संस्थाएं।

🏦 SBI Mutual Fund का अलग Secondary Deal

IPO से पहले बुधवार को ही SBI Mutual Fund ने Lenskart में ₹100 करोड़ का निवेश किया।
यह निवेश SBI Optimal Equity Fund (AIF) और SBI Emergent Fund (AIF) के जरिए किया गया, जिसमें कंपनी के को-फाउंडर Neha Bansal से ₹402 प्रति शेयर की दर से 0.15% की हिस्सेदारी खरीदी गई।

यह secondary transaction Lenskart के बढ़ते वैल्यूएशन और IPO को लेकर निवेशकों के भरोसे को और मजबूत करता है।


📈 Lenskart IPO से भारी मुनाफे की उम्मीद

Lenskart का यह IPO न सिर्फ कंपनी के लिए बल्कि उसके शुरुआती निवेशकों और प्रमोटर्स के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होने वाला है।
जानकारों के अनुसार, इस ऑफर से कंपनी के founders को करीब ₹1,100 करोड़ (लगभग $125 मिलियन) का exit proceeds मिलने की उम्मीद है।

वहीं शुरुआती निवेशकों — जैसे Premji Invest, Schroders Capital, Temasek, SoftBank, और अन्य** — को अपने निवेश पर 4x से लेकर 17x तक का रिटर्न मिल सकता है।
बताया जा रहा है कि Premji Invest और Schroders Capital को इस IPO में सबसे ऊँचा multiple हासिल होगा।


🧿 कंपनी की मजबूती और भविष्य की रणनीति

Gurugram स्थित Lenskart, जो अब एक household name बन चुकी है, ने पिछले कुछ वर्षों में अपने omni-channel मॉडल के जरिए भारत और विदेशों में तेजी से विस्तार किया है।
कंपनी न केवल ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से बल्कि अपने रिटेल स्टोर्स के जरिए भी लाखों ग्राहकों तक पहुँच चुकी है।

Lenskart की रणनीति है कि आने वाले वर्षों में वह AI-संचालित कस्टमर एक्सपीरियंस, 3D ट्रायल टेक्नोलॉजी, और ग्लोबल एक्सपैंशन पर फोकस करेगी।
वर्तमान में कंपनी का उद्देश्य है कि भारत के साथ-साथ Southeast Asia, Middle East और US मार्केट्स में भी अपनी मौजूदगी को मजबूत करे।


🪙 IPO Structure: Fresh Issue + OFS

Lenskart के IPO में लगभग ₹2,150 करोड़ का fresh issue शामिल है, जिससे कंपनी अपने विस्तार और टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए पूंजी जुटाएगी।
साथ ही लगभग ₹5,028 करोड़ का Offer for Sale (OFS) भी शामिल है, जिसमें मौजूदा निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं।


📢 FundingRaised की राय

Lenskart का यह IPO भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में सबसे चर्चित पब्लिक इश्यूज में से एक बनने जा रहा है।
जहां एक तरफ घरेलू म्यूचुअल फंड्स ने इसमें जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई है, वहीं अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की बड़ी मौजूदगी कंपनी की ग्लोबल ब्रांड पावर को दर्शाती है।

यह IPO न केवल भारत के eyewear मार्केट को नई दिशा देगा बल्कि भारतीय स्टार्टअप्स को भी लिस्टिंग के लिए नया विश्वास प्रदान करेगा।


📅 IPO Timeline

  • Opening Date: 31 अक्टूबर 2025
  • Closing Date: 4 नवंबर 2025
  • Price Band: ₹382 – ₹402 प्रति शेयर
  • Minimum Lot Size: 37 शेयर (₹14,874 न्यूनतम निवेश)

📍निष्कर्ष:
Lenskart का IPO भारतीय पूंजी बाजार के लिए एक और बड़ा माइलस्टोन बनने जा रहा है।
₹3,268 करोड़ की anchor round success यह संकेत देती है कि निवेशक कंपनी के भविष्य को लेकर बेहद आशावादी हैं।
अब देखना दिलचस्प होगा कि लिस्टिंग के बाद Lenskart निवेशकों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है।

Read more : IntrCity SmartBus को मिला ₹250 करोड़ का नया निवेश

🚌 IntrCity SmartBus को मिला ₹250 करोड़ का नया निवेश

IntrCity

भारत के तेजी से विकसित होते ट्रैवल-टेक सेक्टर में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। नोएडा स्थित इंटरसिटी बस नेटवर्क स्टार्टअप IntrCity SmartBus ने अपने Series D फंडिंग राउंड में ₹250 करोड़ (लगभग $28 मिलियन) जुटाए हैं। यह निवेश A91 Partners के नेतृत्व में किया गया है।


💰 नया फंडिंग राउंड और अब तक का सफर

IntrCity SmartBus ने इससे पहले फरवरी 2024 में Samsung Venture Investment और अन्य निवेशकों से $4.5 मिलियन जुटाए थे।
डेटा प्लेटफ़ॉर्म TheKredible के अनुसार, कंपनी ने अब तक कुल लगभग $80 मिलियन की फंडिंग जुटाई है।
पिछले राउंड में इसका वैल्यूएशन लगभग $110 मिलियन (₹915 करोड़) था।

यह नई फंडिंग कंपनी के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है, क्योंकि IntrCity अब अपने संचालन को देशभर के टियर-2 और टियर-3 शहरों तक फैलाने की योजना बना रही है।


🧭 फंड का इस्तेमाल कहाँ होगा?

कंपनी ने बताया कि इस निवेश का उपयोग तीन मुख्य क्षेत्रों में किया जाएगा:

1️⃣ कस्टमर एक्सपीरियंस को और बेहतर बनाने में — यात्रियों के लिए अधिक आरामदायक, सुरक्षित और तकनीक-सक्षम बस सेवाएं दी जाएंगी।
2️⃣ फ्लीट मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी प्लेटफ़ॉर्म को अपग्रेड करने में — ताकि बसों की ट्रैकिंग, मेंटेनेंस और संचालन और अधिक स्मार्ट और डेटा-ड्रिवन हो सके।
3️⃣ देशभर में नेटवर्क विस्तार के लिए — खासकर छोटे शहरों और नए रूट्स पर अपनी “SmartBus” सेवा शुरू करने के लिए।


🚍 IntrCity SmartBus: एक स्मार्ट ट्रैवल अनुभव

IntrCity SmartBus, दरअसल, RailYatri का बस डिवीजन है। इसे 2019 में कपिल रैज़ादा और मनीष राठी ने को-फाउंड किया था।
कंपनी का बिजनेस मॉडल asset-light है — यानी यह अपनी खुद की बसें नहीं रखती, बल्कि पार्टनर बस ऑपरेटर्स के साथ काम करती है, जिससे संचालन लागत कम और स्केलेबिलिटी अधिक रहती है।

इनकी “SmartBuses” IoT डिवाइसों से लैस हैं, जिनकी मदद से यात्रियों को मिलता है —
🛰️ रीयल-टाइम ट्रैकिंग,
📊 डेटा मॉनिटरिंग, और
🪑 एक बेहतर, स्टैंडर्डाइज्ड ट्रैवल अनुभव।


📈 मजबूत ग्रोथ और भविष्य की योजना

को-फाउंडर कपिल रैज़ादा ने बताया —

“हमारा ब्रांड लगातार ऑर्गेनिक और प्रॉफिटेबल ग्रोथ कर रहा है और इस साल भी हम 50% साल-दर-साल वृद्धि बनाए रखने की उम्मीद कर रहे हैं। A91 Partners का साथ हमारे लिए अगला बड़ा कदम है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह नया निवेश IntrCity को अपनी “India’s Smart Travel Revolution” की दिशा में और तेजी से आगे बढ़ने में मदद करेगा।


🌍 15 राज्यों में 630 से ज़्यादा रूट्स

IntrCity SmartBus फिलहाल 15 राज्यों में 630 से ज्यादा रूट्स पर अपनी सेवाएं दे रहा है।
कंपनी का लक्ष्य है कि आने वाले साल तक यह नेटवर्क दोगुना हो जाए।

इसकी सिस्टर कंपनी RailYatri के भी 1.2 करोड़ (12 मिलियन) मासिक यूज़र्स हैं, जो ट्रेन टिकट बुकिंग, लाइव ट्रेन स्टेटस और ट्रैवल इनसाइट्स जैसी सेवाओं का उपयोग करते हैं।


💹 फाइनेंशियल परफॉर्मेंस

हालांकि कंपनी ने अभी तक FY25 के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं, लेकिन FY24 में इसके ऑपरेटिंग रेवेन्यू में 15.9% की वृद्धि दर्ज की गई।
FY23 के ₹273.9 करोड़ के मुकाबले FY24 में यह बढ़कर ₹317.34 करोड़ हो गया।

कंपनी का लक्ष्य है कि आने वाले साल तक यह ₹1,000 करोड़ का टर्नओवर हासिल कर ले।


🤝 मार्केट में प्रतिस्पर्धा

IntrCity SmartBus का मुकाबला अब कई बड़े डिजिटल बस ट्रैवल प्लेटफ़ॉर्म्स से है —
🚌 Abhibus
🚌 Zingbus
🚌 Leafybus
🚌 ixigo’s FreshBus

लेकिन IntrCity की खासियत यह है कि यह केवल बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म नहीं बल्कि एक स्टैंडर्डाइज्ड बस ट्रैवल अनुभव पर ध्यान देता है।
इसकी SmartBus सेवाओं में क्लीन वॉशरूम, ऑनबोर्ड CCTV, GPS ट्रैकिंग और ट्रेन-जैसा टिकटिंग सिस्टम जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।


🧠 निवेशक A91 Partners का विज़न

A91 Partners, जो पहले भी कई ग्रोथ-स्टेज कंपनियों में निवेश कर चुका है (जैसे Sugar Cosmetics, Atomberg, Pushp Brand आदि), ने IntrCity में निवेश कर यह संकेत दिया है कि अब “इंडिया का बस ट्रैवल सेक्टर” अगली बड़ी ग्रोथ कहानी बनने जा रहा है।

उनके मुताबिक, भारत में बढ़ती मिडिल-क्लास और बढ़ते टियर-2 शहरों की ट्रैवल डिमांड के चलते स्मार्ट और किफायती बस सेवाओं की जरूरत तेजी से बढ़ रही है — और IntrCity इस स्पेस में अग्रणी है।


🏁 निष्कर्ष

IntrCity SmartBus का यह नया फंडिंग राउंड भारत के ट्रांसपोर्ट टेक सेक्टर के लिए एक माइलस्टोन है।
कंपनी अब एक ऐसे मोड़ पर है जहां यह टेक्नोलॉजी, सर्विस और नेटवर्क एक्सपेंशन के दम पर इंटरसिटी ट्रैवल को पूरी तरह बदलने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

🚀 आने वाले समय में जब आप दिल्ली से लखनऊ या बेंगलुरु से हैदराबाद बस से यात्रा करेंगे, तो बहुत संभव है कि आप IntrCity की SmartBus में सफर कर रहे हों — एक नई, डिजिटल और सुरक्षित बस यात्रा का अनुभव करते हुए।

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📰 Razorpay का बड़ा कदम अब मलेशिया में भी चलेगा UPI, भारतीय यात्रियों के लिए आसान होंगे पेमेंट्स 🇮🇳➡️🇲🇾

Razorpay

भारत की प्रमुख फिनटेक यूनिकॉर्न Razorpay ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना डिजिटल पेमेंट नेटवर्क फैलाना शुरू कर दिया है। Razorpay की मलेशियाई इकाई Razorpay Curlec ने NPCI International Payments Limited (NIPL) के साथ साझेदारी की है ताकि मलेशिया में भी UPI (Unified Payments Interface) पेमेंट्स की सुविधा शुरू की जा सके।

इस साझेदारी के बाद अब भारतीय यात्री जब मलेशिया की यात्रा करेंगे, तो उन्हें कैश या इंटरनेशनल कार्ड की जरूरत नहीं होगी। वे अपने भारत में इस्तेमाल होने वाले UPI ऐप्स (जैसे PhonePe, Paytm, Google Pay आदि) से सीधे मलेशियाई व्यापारियों को भुगतान कर सकेंगे, और भुगतान मलेशियाई मुद्रा (Ringgit – RM) में सेटल होगा।


💡 मलेशिया में UPI पेमेंट्स: भारतीय यात्रियों के लिए बड़ा बदलाव

अब तक भारतीय यात्रियों को विदेश यात्रा के दौरान कैश एक्सचेंज या इंटरनेशनल कार्ड्स पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन Razorpay और NIPL की इस पहल से यह परेशानी खत्म हो जाएगी।
भारतीय ट्रैवलर्स अब अपने मोबाइल से सीधे मलेशियाई दुकानों, होटलों, और रेस्टोरेंट्स में पेमेंट कर सकेंगे — वह भी कुछ सेकंड्स में।

Razorpay Curlec इस सुविधा को मलेशिया के कई सेक्टर्स में लागू करेगा, जिनमें रिटेल, ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी और छोटे बिज़नेस शामिल हैं। इसका मतलब यह है कि बड़े मॉल से लेकर लोकल कैफे तक, हर जगह अब भारतीय UPI यूज़र्स डिजिटल पेमेंट कर पाएंगे।


🌏 भारतीय टूरिज़्म को मिलेगा बूस्ट

साल 2024 में 10 लाख से ज्यादा भारतीय टूरिस्ट्स ने मलेशिया की यात्रा की थी, जिन्होंने कुल मिलाकर ₹11,000 करोड़ (RM 1.1 बिलियन) से अधिक खर्च किया था।
अब जब UPI की सुविधा वहां भी उपलब्ध होगी, तो भारतीय यात्रियों के लिए पेमेंट प्रोसेस बेहद आसान हो जाएगा — जिससे न सिर्फ उनकी यात्रा सुविधाजनक होगी बल्कि स्थानीय व्यापारियों के लिए भी नए अवसर खुलेंगे।

इस कदम से मलेशियाई बिज़नेस को भी सीधा फायदा होगा क्योंकि वे अब भारत के करोड़ों UPI यूज़र्स तक पहुंच बना सकेंगे।


💰 UPI की ताकत – अब दुनिया के देशों में भी पहचान

UPI भारत में अब सिर्फ एक पेमेंट सिस्टम नहीं रहा, बल्कि एक वैश्विक फिनटेक मॉडल बन चुका है।
सितंबर 2025 में, UPI ने 19.6 बिलियन ट्रांज़ैक्शन को प्रोसेस किया, जो इस बात का सबूत है कि भारत का डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम कितनी तेजी से बढ़ रहा है।

अब मलेशिया में इसकी शुरुआत से भारतीय डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम की पहुंच और मजबूत होगी और अन्य देशों को भी इसे अपनाने की प्रेरणा मिलेगी।


🏦 Razorpay Curlec की भूमिका

Razorpay Curlec पहले से ही मलेशिया में कई तरह की पेमेंट सर्विसेज़ देती है, जैसे —

  • Recurring payments (दोहराए जाने वाले पेमेंट्स)
  • Card payments
  • Payouts और billing solutions
  • Subscription management systems

UPI इंटीग्रेशन के बाद अब Razorpay Curlec अपनी cross-border payment stack को और मजबूत करेगा, जिससे मलेशिया के व्यापारी आसानी से भारतीय ग्राहकों से पेमेंट स्वीकार कर सकेंगे।


🌐 NIPL का लक्ष्य – UPI को दुनिया में ले जाना

NIPL (NPCI International Payments Limited), जो NPCI (National Payments Corporation of India) की अंतरराष्ट्रीय इकाई है, लगातार काम कर रही है ताकि भारत का डिजिटल पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर विदेशों तक फैलाया जा सके।
इसका उद्देश्य है कि UPI और RuPay नेटवर्क को अन्य देशों के पेमेंट सिस्टम्स के साथ जोड़ा जाए, ताकि भारतीय और विदेशी दोनों यूज़र्स को ग्लोबल डिजिटल पेमेंट सुविधा मिल सके।

मलेशिया में लॉन्च NIPL की इसी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह कई देशों में साझेदारी कर रही है।


🌍 किन देशों में पहले से चल रहा है UPI?

UPI अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा। यह पहले से ही कई देशों में शुरू हो चुका है, जैसे —
🇧🇹 भूटान
🇸🇬 सिंगापुर
🇱🇰 श्रीलंका
🇲🇺 मॉरिशस
🇳🇵 नेपाल
🇶🇦 क़तर

इसके अलावा, जल्द ही यह फ्रांस, UAE, नामीबिया, ट्रिनिडाड एंड टोबैगो, और पेरू में भी शुरू होने वाला है।


🚀 Razorpay की ग्लोबल रणनीति

Razorpay पहले से ही भारत के सबसे सफल फिनटेक ब्रांड्स में से एक है।
मलेशिया में UPI लॉन्च करके कंपनी ने संकेत दिया है कि वह अब सिर्फ भारतीय बाजार तक सीमित नहीं रहना चाहती।
इस पार्टनरशिप के ज़रिए Razorpay अपनी ग्लोबल फिनटेक उपस्थिति को बढ़ा रहा है और भारतीय पेमेंट टेक्नोलॉजी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जा रहा है।


🔍 निष्कर्ष

Razorpay और NIPL की यह साझेदारी सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत के डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम की वैश्विक पहचान का प्रतीक है।
अब भारतीय यात्रियों को विदेशों में भी वही सुविधा मिलेगी जो वे भारत में रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं — तेज़, आसान और सुरक्षित UPI पेमेंट्स

इस कदम से न सिर्फ डिजिटल इंडिया का विज़न मजबूत होगा, बल्कि भारतीय फिनटेक कंपनियों की वैश्विक छवि भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी। 🌏💳✨

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