📊 Q1 FY26 में Indiqube की मजबूत रेवेन्यू ग्रोथ,

IndiQube

Managed workspace solutions देने वाली कंपनी Indiqube ने NSE पर लिस्ट होने के बाद पहली बार अपने Q1 FY26 (अप्रैल–जून 2025) के वित्तीय नतीजे जारी किए हैं। कंपनी ने इस तिमाही में 27% की राजस्व वृद्धि हासिल की है और घाटे को 12% तक कम करने में भी सफलता पाई है।


📈 रेवेन्यू में दमदार उछाल

कंपनी के Revenue from Operations Q1 FY25 के ₹242 करोड़ से बढ़कर Q1 FY26 में ₹309 करोड़ पहुंच गए। वहीं, कुल आय (Total Income) ₹251 करोड़ से बढ़कर ₹324 करोड़ रही।

  • इस तिमाही में कंपनी को ₹15 करोड़ अन्य आय (Other Income) से भी प्राप्त हुए।
  • हालांकि, कंपनी ने तिमाही के लिए रेवेन्यू का सेगमेंट-वाइज ब्रेकडाउन जारी नहीं किया।

💰 खर्चों में भी बढ़ोतरी

रेवेन्यू के साथ-साथ कंपनी के खर्च भी बढ़े हैं।

  • Employee Benefits में 18% की बढ़ोतरी हुई और यह ₹20 करोड़ पहुंच गया।
  • Finance Cost में 49% की तेज वृद्धि हुई, जो Q1 FY25 के ₹74 करोड़ से बढ़कर Q1 FY26 में ₹110 करोड़ हो गई।
  • Depreciation & Amortization भी बढ़कर ₹143 करोड़ पहुंच गया।

कुल मिलाकर, कंपनी के Total Expenses ₹290 करोड़ से बढ़कर ₹374 करोड़ हो गए, जो 29% की वृद्धि है।


📉 घाटे में कमी, EBITDA पॉज़िटिव

खर्च बढ़ने के बावजूद Indiqube ने अपना घाटा कम किया है —

  • Q1 FY25 में ₹42 करोड़ का घाटा था, जो Q1 FY26 में घटकर ₹37 करोड़ रह गया (12% की कमी)।
  • कंपनी का EBITDA पॉज़िटिव ₹203 करोड़ रहा, क्योंकि वित्तीय लागत और डीप्रिसिएशन मिलाकर कुल खर्च का 68% हिस्सा थे।
  • यूनिट इकॉनॉमिक्स के हिसाब से, कंपनी ने ₹1 कमाने के लिए ₹1.21 खर्च किए।

📜 IGAAP स्टैंडर्ड के हिसाब से नतीजे

इंडियन अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स के अलावा, अगर IGAAP Equivalent मानकों के अनुसार देखें तो —

  • रेवेन्यू ₹313 करोड़
  • प्रॉफिट ₹19 करोड़
    रहा, जो कंपनी की ऑपरेशनल मजबूती को दर्शाता है।

💹 IPO और लिस्टिंग का सफर

Indiqube ने जुलाई 2025 में ₹700 करोड़ का IPO लॉन्च किया था, जिसमें ₹650 करोड़ का Fresh Issue और ₹50 करोड़ का Offer for Sale शामिल था।

  • IPO का प्राइस बैंड ₹225 से ₹237 प्रति शेयर तय हुआ।
  • लिस्टिंग से पहले कंपनी ने एंकर निवेशकों से ऊपरी बैंड पर ₹374 करोड़ जुटाए।
  • IPO को 12.41 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, और ग्रे मार्केट में 4–10% लिस्टिंग गेन की उम्मीद थी।

लेकिन हकीकत में—

  • NSE पर लिस्टिंग प्राइस ₹216 रहा, जो इश्यू प्राइस से 8.9% डिस्काउंट था।
  • BSE पर ₹218.70 पर लिस्ट हुआ, जो 7.7% डिस्काउंट रहा।

📊 मौजूदा शेयर प्राइस और मार्केट कैप

13:26 PM के डेटा के अनुसार—

  • Indiqube का शेयर प्राइस ₹219.81 है।
  • कंपनी का मार्केट कैप ₹4,634 करोड़ (लगभग $528 मिलियन) है।

🏢 Indiqube का बिज़नेस मॉडल

Indiqube एक Managed Workspace Solutions Provider है, जो स्टार्टअप्स, SMEs और बड़े कॉरपोरेट्स को फ्लेक्सिबल ऑफिस सॉल्यूशंस देती है।

  • इनके मॉडल में Coworking + Customizable Office Spaces शामिल हैं।
  • कंपनी का नेटवर्क भारत के कई बड़े शहरों में फैला हुआ है।

🔍 विश्लेषण: ग्रोथ बनाम चुनौतियाँ

Q1 FY26 के नतीजे साफ़ दिखाते हैं कि Indiqube ने रेवेन्यू में तो दमदार ग्रोथ दिखाई है, लेकिन Finance Cost और Depreciation का दबाव अभी भी भारी है।

  • पॉज़िटिव EBITDA निवेशकों के लिए राहत की बात है।
  • हालांकि, घाटे में कमी के बावजूद लिस्टिंग डिस्काउंट ने बाजार में हल्की निराशा पैदा की।

🚀 आगे की रणनीति

कंपनी को अगले क्वार्टर्स में खर्चों पर कंट्रोल और ऑक्युपेंसी रेट बढ़ाने पर फोकस करना होगा।

  • ऑफिस स्पेस डिमांड में बढ़ोतरी से मिड-टर्म में बेहतर रेवेन्यू ग्रोथ संभव है।
  • अगर कंपनी अपना नेट लॉस घटाकर नेट प्रॉफिट में बदल पाती है, तो शेयरहोल्डर वैल्यू में तेजी आ सकती है।

निष्कर्ष 📝
Indiqube के Q1 FY26 नतीजे बताते हैं कि कंपनी ग्रोथ ट्रैक पर है, लेकिन प्रॉफिटेबिलिटी तक का सफर अभी बाकी है। निवेशकों के लिए यह एक ग्रोथ-फोकस्ड प्ले है, जहाँ धैर्य और लंबे समय की सोच की जरूरत होगी।

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🏢💥 IPO आया, लेकिन धमाका नहीं! Indiqube की फीकी शुरुआत

IndiQube

💼 फ्लेक्सिबल ऑफिस प्रोवाइडर IndiQube ने शेयर बाजार में की एंट्री, लेकिन 9% के नुकसान के साथ!

📉 लिस्टिंग डे पर निराशा! ₹237 का शेयर ₹216 पर खुला

IndiQube Spaces का IPO तो ज़बरदस्त रहा — 12 गुना ओवरसब्सक्राइब, लेकिन जब बुधवार को NSE पर लिस्टिंग हुई, तो निवेशकों को झटका लगा। शेयर का इश्यू प्राइस था ₹237, लेकिन यह खुला सिर्फ ₹216 पर यानी करीब 9% की गिरावट


💸 फिर भी निवेशकों ने लगाई बोली में आग 🔥

  • रिटेल इनवेस्टर्स ने दिखाई शानदार दिलचस्पी — 13 गुना सब्सक्रिप्शन
  • HNI यानी हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स ने भी 8 गुना तक बोली लगाई।
  • कुल मिलाकर, ₹700 करोड़ का IPO रहा हिट — ₹650 करोड़ फ्रेश इश्यू और ₹50 करोड़ पुराने निवेशकों की बिक्री से।

🧑‍💼 कौन है IndiQube? क्या करता है ये स्टार्टअप?

2015 में शुरू हुआ Bengaluru-बेस्ड यह स्टार्टअप फ्लेक्सिबल ऑफिस स्पेस प्रदान करता है। यानी स्टार्टअप्स, SMEs और बड़े एंटरप्राइजेस के लिए पूरी तरह से मॅनेज्ड ऑफिस स्पेस।

आज यह कई बड़े शहरों में एक्टिव है और तेजी से अपना नेटवर्क बढ़ा रहा है।


📈 फाइनेंशियल्स की बात करें तो… 💹

  • FY25 में कंपनी ने कमाए ₹1,059 करोड़ — पिछले साल FY24 के मुकाबले 27.5% ज्यादा
  • सबसे बड़ी बात — घाटा हुआ 59% कम!
    FY24 में जहां कंपनी को ₹341.5 करोड़ का नुकसान था, वो FY25 में घटकर ₹139.5 करोड़ रह गया।

💰 पैसे का होगा क्या इस्तेमाल?

IndiQube कहता है कि IPO से मिली रकम का इस्तेमाल किया जाएगा:

  • कर्ज चुकाने के लिए
  • नए ऑफिस खोलने (CapEx) के लिए
  • जनरल कॉर्पोरेट कामों के लिए

🏁 प्रतियोगिता भी कम नहीं! Smartworks और Awfis दे रहे टक्कर

  • Awfis ने पिछले साल मई में शानदार लिस्टिंग की थी — 13% प्रीमियम पर।
  • Smartworks ने इसी महीने 7% प्रीमियम के साथ डेब्यू किया।

इन दोनों के मुकाबले इंडिक्यूब की शुरुआत थोड़ी फीकी जरूर रही, लेकिन दौड़ अभी बाकी है!


🧭 आगे की राह: उम्मीदें भी हैं और जोखिम भी…

✅ पॉजिटिव्स:

  • रेवेन्यू ग्रोथ दिखा रही है कंपनी
  • घाटा भी तेजी से घटा
  • बड़े एंकर निवेशकों का सपोर्ट

⚠️ चैलेंजेस:

  • IPO के बाद मार्केट में निवेशकों का भरोसा जीतना
  • फ्लेक्सिबल ऑफिस सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा
  • प्रॉफिट में जल्दी आना होगा

📌 निष्कर्ष: धीमी शुरुआत, लेकिन रेस लंबी है 🏃‍♂️💨

IndiQube की लिस्टिंग भले ही उम्मीद के मुताबिक नहीं रही, लेकिन कंपनी के पास एक मज़बूत मॉडल, फंडिंग सपोर्ट और बाजार की जरूरत को पूरा करने की क्षमता है।

अब निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या कंपनी आने वाले क्वार्टर्स में प्रॉफिटेबिलिटी, स्केलेबिलिटी और ग्राहक बेस में दमदार प्रदर्शन कर पाती है या नहीं।


📍 यह रिपोर्ट FundingRaised.in के पाठकों के लिए एक्सक्लूसिव है — जहां हर स्टार्टअप स्टोरी होती है दिलचस्प अंदाज़ में पेश!

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Workspace provider IndiQube ने IPO के लिए DRHP दाखिल किया

IndiQube

बेंगलुरु: वर्कस्पेस समाधान प्रदान करने वाली अग्रणी कंपनी IndiQube ने मंगलवार को अपनी ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास दाखिल की है। यह कदम कंपनी के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


IPO का विवरण

IndiQube के IPO में शामिल हैं:

  1. फ्रेश इक्विटी शेयर:
    कंपनी 750 करोड़ रुपये (लगभग $89 मिलियन) के फ्रेश इक्विटी शेयर जारी करेगी।
  2. ऑफर फॉर सेल (OFS):
    कुल 100 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर OFS के तहत पेश किए जाएंगे।

OFS में संस्थापक की भागीदारी:

  • Co-founders ऋषि दास और मेघना अग्रवाल प्रत्येक अपने-अपने 50 करोड़ रुपये के शेयर बेचेंगे।
  • बाहरी शेयरधारक इस OFS में भाग नहीं ले रहे हैं, जो संस्थापकों की प्रमुख भूमिका को दर्शाता है।

IndiQube के प्रमुख शेयरधारक

DRHP के अनुसार, IndiQube के वर्तमान शेयरधारक और उनकी हिस्सेदारी इस प्रकार है:

शेयरधारकहिस्सेदारी (%)
अंशुमान दास25.32%
अरावली इन्वेस्टमेंट होल्डिंग22.07%
वेस्टब्रिज कैपिटल5.79%
केयरनेट टेक्नोलॉजीज5.15%
हायरप्रो कंसल्टिंग2.15%
संस्थापक (ऋषि दास और मेघना अग्रवाल)37.92%

यह आंकड़े संस्थापकों और अन्य बड़े निवेशकों के बीच कंपनी के नियंत्रण और भागीदारी को दर्शाते हैं।


IndiQube का IPO प्रबंधन

IndiQube के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सूचीबद्ध किए जाएंगे।

लीड मैनेजर:

IPO को ICICI सिक्योरिटीज लिमिटेड और JM फाइनेंशियल द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।


IndiQube: एक परिचय

IndiQube भारत में वर्कस्पेस समाधान प्रदान करने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक है। यह छोटे और बड़े व्यवसायों के लिए लचीले और अनुकूलित ऑफिस स्पेस प्रदान करता है।

सेवाओं की प्रमुख विशेषताएं:

  1. लचीले वर्कस्पेस:
    स्टार्टअप्स और बड़े संगठनों के लिए वर्कस्पेस डिजाइन और प्रबंधन।
  2. तकनीकी समाधान:
    डिजिटल वर्कस्पेस मैनेजमेंट, IoT-इनेबल्ड ऑफिस स्पेस, और अन्य आधुनिक तकनीकी सुविधाएं।
  3. ग्राहक-केंद्रित सेवाएं:
    ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार अनुकूलित सेवाएं, जिसमें ऑफिस डिजाइन, हाउसकीपिंग, और कैफेटेरिया प्रबंधन शामिल हैं।

बाजार में स्थिति:

IndiQube ने विभिन्न प्रमुख भारतीय शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है और वर्तमान में हाइब्रिड वर्क मॉडल की बढ़ती मांग का लाभ उठा रहा है।


IPO का उद्देश्य

IndiQube द्वारा IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग मुख्यतः निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाएगा:

  1. बिजनेस विस्तार:
    नए शहरों और क्षेत्रों में अपनी सेवाएं शुरू करना।
  2. तकनीकी उन्नति:
    अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑफिस प्रबंधन समाधानों को और अधिक उन्नत करना।
  3. सामान्य कॉर्पोरेट आवश्यकताएं:
    संचालन और अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए।

भारत में वर्कस्पेस सॉल्यूशंस का भविष्य

बढ़ती मांग:

  • हाइब्रिड वर्क मॉडल और को-वर्किंग स्पेस की बढ़ती मांग ने वर्कस्पेस सॉल्यूशंस क्षेत्र में उछाल ला दिया है।
  • छोटे और मध्यम व्यवसायों के साथ-साथ बड़ी कंपनियां भी लचीले वर्कस्पेस समाधान तलाश रही हैं।

प्रतिस्पर्धा:

IndiQube को WeWork, Awfis, और 91Springboard जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।

संभावनाएं:

  • भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और तकनीकी उन्नति के कारण इस बाजार में अपार संभावनाएं हैं।
  • नई कंपनियों और स्टार्टअप्स के बढ़ते निवेश से वर्कस्पेस सॉल्यूशंस का बाजार और भी मजबूत होगा।

संस्थापकों की भूमिका और भागीदारी

IndiQube के संस्थापक ऋषि दास और मेघना अग्रवाल का इस IPO में महत्वपूर्ण योगदान है।

  • उनकी भागीदारी कंपनी की स्थिरता और भविष्य की रणनीतियों पर भरोसे को दर्शाती है।
  • उनकी लीडरशिप और अनुभव ने IndiQube को भारतीय बाजार में एक प्रमुख स्थान पर स्थापित किया है।

निष्कर्ष: IPO का महत्व

IndiQube का IPO कंपनी के भविष्य की योजनाओं और बाजार विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

  • सकारात्मक पहलू:
    IPO के जरिए जुटाए गए फंड से कंपनी को अपने ऑपरेशंस और प्रौद्योगिकी में सुधार करने का अवसर मिलेगा।
  • संभावित चुनौतियां:
    बाजार में प्रतिस्पर्धा और वर्तमान आर्थिक परिस्थितियां।

IndiQube की यह पहल न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारतीय वर्कस्पेस सॉल्यूशंस क्षेत्र के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।

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