Fullerton ने संकटग्रस्त Lendingkart का किया अधिग्रहण,

Lendingkart

सिंगापुर की टेमासेक होल्डिंग्स की सहायक कंपनी Fullerton (Fullerton) ने हाल ही में भारतीय फिनटेक कंपनी Lendingkart का अधिग्रहण कर लिया है। यह अधिग्रहण संकटग्रस्त परिस्थितियों में किया गया, जिसके तहत कंपनी का वैल्यूएशन घटकर लगभग $100 मिलियन (लगभग ₹800 करोड़) रह गया। यह राशि कंपनी के अपने शीर्ष वैल्यूएशन $690 मिलियन के मुकाबले बहुत कम है।


Lendingkart की वित्तीय स्थिति: FY24 में प्रदर्शन

राजस्व में वृद्धि

  • FY24 में Lendingkart का ऑपरेटिंग राजस्व 36% बढ़कर ₹1,090 करोड़ हो गया, जो FY23 में ₹798 करोड़ था।
  • कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) FY24 में 6% गिरा, जिससे कंपनी की मुनाफाखोरी पर असर पड़ा।

मुख्य राजस्व स्रोत

Lendingkart, एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जो छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (MSMEs) को वर्किंग कैपिटल और बिज़नेस लोन प्रदान करती है।

  • सह-ऋण (Co-lending):
    सह-ऋण राजस्व का मुख्य स्रोत रहा, जिसमें 88% की वृद्धि दर्ज की गई। FY24 में इससे ₹591 करोड़ की कमाई हुई, जो कुल ऑपरेटिंग राजस्व का 54% है।
  • टर्म लोन पर ब्याज:
    टर्म लोन से ब्याज आय FY24 में 2.86% घटकर ₹407.81 करोड़ रह गई।
  • कमीशन इनकम:
    कमीशन इनकम में 34 गुना की वृद्धि हुई, और यह ₹22.58 करोड़ तक पहुँच गई।
  • अन्य ऑपरेटिंग आय:
    अन्य गतिविधियों से ₹69.15 करोड़ की आय हुई।

Lendingkart का व्यवसाय मॉडल और योगदान

लोन वितरण और टारगेट सेगमेंट

Lendingkart मुख्य रूप से MSMEs को लोन उपलब्ध कराता है, जिनका औसत टिकट साइज ₹5 लाख से ₹6 लाख के बीच होता है।

  • अब तक, कंपनी ने ₹18,700 करोड़ से अधिक का ऋण 3 लाख से अधिक व्यवसायों को वितरित किया है।
  • इसकी सेवा भारत के कई टियर 2 और टियर 3 शहरों तक फैली हुई है, जिससे छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता मिलती है।

NBFC सेक्टर में स्थिति

NBFC सेक्टर में Lendingkart का स्थान प्रमुख रहा है, लेकिन हालिया समय में प्रतिस्पर्धा और ऋण वसूली की चुनौतियों ने इसकी स्थिति कमजोर कर दी।


FY24 में खर्च और घाटे का विश्लेषण

खर्च के मुख्य क्षेत्र

कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि ऋण वसूली में कमी और बढ़ते ऑपरेटिंग खर्च ने इसके मुनाफे पर असर डाला।

  • टर्म लोन पर ब्याज में गिरावट ने भी राजस्व में कमी की।
  • मार्केटिंग और कर्मचारी लाभ जैसे खर्च स्थिर रहे, लेकिन अन्य अनियंत्रित खर्चों ने घाटे को बढ़ाया।

PAT में गिरावट के कारण

FY24 में कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 6% कम हो गया। हालांकि, यह संख्या FY25 के अंतिम वित्तीय आंकड़ों से अधिक स्पष्ट हो सकेगी।


अधिग्रहण के पीछे का कारण

Fullerton का Lendingkart में निवेश

Fullerton ने Lendingkart का अधिग्रहण संकटग्रस्त परिस्थितियों में किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति लगातार खराब हो रही थी।

  • Fullerton अब Lendingkart की रणनीति और संचालन में बदलाव लाकर इसे पुनर्जीवित करने का प्रयास करेगी।
  • यह अधिग्रहण भारतीय NBFC सेक्टर में टेमासेक की बढ़ती रुचि का भी संकेत देता है।

मौजूदा स्थिति और चुनौतियाँ

Lendingkart के सामने कई चुनौतियाँ थीं, जिनमें मुख्य रूप से ऋण वसूली की धीमी दर और फंडिंग तक सीमित पहुँच शामिल हैं।

  • बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने भी कंपनी के विकास को बाधित किया।

फिनटेक सेक्टर में Lendingkart का प्रभाव

फिनटेक इनोवेशन

Lendingkart ने फिनटेक क्षेत्र में नई तकनीकों का उपयोग कर छोटे व्यवसायों को डिजिटल लोन प्रदान करने की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया।

  • इसका एल्गोरिदम और डेटा एनालिटिक्स आधारित मॉडल MSMEs को त्वरित लोन स्वीकृति और वितरण में मदद करता है।
  • इससे लघु उद्योगों की वित्तीय पहुँच को बढ़ावा मिला।

चुनौतियाँ और प्रतिस्पर्धा

हालांकि, Capital Float, Razorpay, और Indifi जैसे अन्य फिनटेक खिलाड़ियों की उपस्थिति ने Lendingkart के बाजार हिस्सेदारी को प्रभावित किया।


आगे का रास्ता

Fullerton की रणनीति

Fullerton के अधिग्रहण के बाद, Lendingkart के लिए निम्नलिखित कदम संभावित हो सकते हैं:

  1. पुनर्गठन:
    संचालन और ऋण वसूली प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाना।
  2. डिजिटल विस्तार:
    अधिक टियर 3 और ग्रामीण बाजारों तक पहुँच बढ़ाना।
  3. नए उत्पाद:
    सह-ऋण और कस्टमाइज़्ड ऋण योजनाओं के साथ नए फाइनेंशियल प्रोडक्ट लॉन्च करना।

भारतीय फिनटेक सेक्टर में योगदान

Lendingkart का पुनरुद्धार न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारतीय फिनटेक सेक्टर के लिए भी सकारात्मक होगा। यह छोटे व्यवसायों के लिए अधिक वित्तीय अवसर पैदा करेगा और डिजिटल वित्तीय समाधानों को बढ़ावा देगा।


निष्कर्ष

Fullerton द्वारा Lendingkart का अधिग्रहण संकट में फंसी एक प्रमुख फिनटेक कंपनी के लिए एक नया अवसर हो सकता है।
हालांकि, Lendingkart को बाजार में अपनी पुरानी स्थिति वापस पाने के लिए संचालन में सुधार, ग्राहक सेवा में नवाचार और प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए ठोस रणनीति अपनाने की आवश्यकता होगी।

भारतीय फिनटेक उद्योग में यह अधिग्रहण Lendingkart के लिए एक नई शुरुआत साबित हो सकता है, जिससे यह एक बार फिर से छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए वित्तीय सशक्तिकरण का प्रतीक बन सके।

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