बी2बी मेडिकल सप्लाई चेन प्लेटफॉर्म Medikabazaar ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में जोरदार रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की है। कंपनी का ऑपरेटिंग ग्रॉस रेवेन्यू 50% बढ़कर ₹1,355.6 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछली तिमाही FY23 में ₹908.5 करोड़ था। हालांकि, तेज़ी से बढ़ती लागतों और डिफॉल्ट रिस्क के कारण कंपनी का कुल घाटा 30% बढ़कर ₹394.8 करोड़ हो गया।
📊 मजबूत ग्रोथ के बावजूद घाटे की मार
Medikabazaar ने FY23 में अपने रेवेन्यू में 41% की गिरावट देखी थी, लेकिन FY24 में कंपनी ने उस झटके से वापसी करते हुए मजबूत प्रदर्शन किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी की कुल आमदनी ₹1,407 करोड़ रही, जिसमें ₹51.3 करोड़ की इनकम फिक्स्ड डिपॉजिट्स, बॉन्ड्स और अन्य निवेशों से हुई है।
लेकिन जैसे-जैसे कंपनी का स्केल बढ़ा, वैसे-वैसे खर्चे भी बढ़ते गए। FY24 में कुल खर्च ₹1,621 करोड़ रहा, जो FY23 के ₹1,126.5 करोड़ से 44% अधिक है।
🧪 कंपनी कैसे काम करती है?
Medikabazaar एक B2B प्लेटफॉर्म है जो अस्पतालों और क्लीनिक्स को मेडिकल इक्विपमेंट, डायग्नोस्टिक डिवाइस, कंज़्यूमेबल्स और डेंटल टूल्स जैसी वस्तुएं रियल-टाइम में ढूंढने, उनकी तुलना करने और ऑर्डर करने में मदद करता है।
FY24 में कंपनी की 98% आय यानी ₹1,328.6 करोड़ केवल इन प्रोडक्ट्स की बिक्री से हुई है। इसका मतलब है कि कंपनी का मॉडल अब भी पूरी तरह इन सप्लाई पर निर्भर है।
🛒 सबसे बड़ी लागत: मेडिकल सप्लाई की खरीद
Medikabazaar के खर्चों में सबसे बड़ा हिस्सा मेडिकल इक्विपमेंट और सप्लाई की खरीदारी का रहा, जो कि कुल खर्च का 79% था। यह लागत FY24 में ₹1,279 करोड़ तक पहुँच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 43% ज़्यादा है।
इसके अलावा कर्मचारी लाभ (Employee Benefit Expenses) FY24 में 40% बढ़कर ₹140 करोड़ तक पहुँच गए। कंपनी की टीम और इसके संचालन में हो रहे विस्तार के चलते यह खर्च भी तेज़ी से बढ़ा है।
⚠️ रिस्क फैक्टर: डाउटफुल डेब्ट्स और एडवांस
FY24 में Medikabazaar ने ₹66.5 करोड़ की नॉन-कैश बुकिंग ‘संभावित डाउटफुल डेब्ट्स और एडवांस’ के तहत की है। यह दर्शाता है कि क्रेडिट पर बेचे गए मेडिकल सप्लाई के भुगतान में देरी या डिफॉल्ट हो सकता है। यह हेल्थकेयर सप्लाई जैसे बी2बी बिजनेस में एक आम चुनौती है।
📣 मार्केटिंग, लॉजिस्टिक्स और अन्य खर्च
कंपनी ने FY24 में एडवर्टाइजिंग, लीगल सर्विस, ट्रैवल, ट्रांसपोर्टेशन और प्रोफेशनल फीस जैसे खर्चों पर भी बड़ा निवेश किया। ये सारे खर्च मिलाकर ऑपरेटिंग खर्चों को ₹1,621 करोड़ तक ले गए।
इन सबके चलते, कंपनी का घाटा FY23 के ₹303.4 करोड़ से बढ़कर FY24 में ₹394.5 करोड़ हो गया।
❗ एक्सेप्शनल खर्चों की मार
FY24 में कंपनी ने ₹178.65 करोड़ के एक्सेप्शनल खर्च भी दर्ज किए, जिनमें शामिल हैं:
- डाउटफुल डेब्ट्स और एडवांस के लिए अलाउंस
- इन्वेंट्री राइट-ऑफ्स
- बैलेंस शीट की सफाई (write-offs)
- ₹88.6 करोड़ के अनक्लासिफाइड खर्च
इन एकमुश्त खर्चों ने भी घाटे को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
🧾 यूनिट इकॉनॉमिक्स: हर ₹1 कमाने के लिए ₹1.2 खर्च
FY24 में Medikabazaar ने हर ₹1 की ऑपरेटिंग इनकम के लिए ₹1.2 खर्च किए, यानी कंपनी की यूनिट इकॉनॉमिक्स अभी भी निगेटिव बनी हुई है। हालांकि, इस तरह की लागत उच्च-वॉल्यूम B2B कारोबारों में सामान्य मानी जाती है — खासकर जब कंपनी विस्तार मोड में हो।
💰 फाइनेंशियल हेल्थ: कैश रिजर्व और एसेट्स
FY24 के अंत तक, Medikabazaar के टोटल करंट एसेट्स ₹1,176.56 करोड़ तक पहुंच गए, जिनमें से ₹62.76 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस के रूप में उपलब्ध हैं। यह दर्शाता है कि कंपनी के पास अब भी संचालन के लिए पर्याप्त पूंजी है, लेकिन घाटे की भरपाई के लिए उसे जल्द प्रॉफिटेबिलिटी की दिशा में कदम उठाने होंगे।
🧠 निष्कर्ष: ग्रोथ की रफ्तार बनी, लेकिन घाटा चिंता का विषय
Medikabazaar ने FY24 में रेवेन्यू ग्रोथ के मोर्चे पर शानदार वापसी की है, लेकिन लगातार बढ़ते खर्च और क्रेडिट रिस्क की वजह से घाटा अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। FY25 में कंपनी को अगर यूनिट इकॉनॉमिक्स सुधारने और घाटे को घटाने की दिशा में काम करना है, तो उसे:
- क्रेडिट साइकिल को सुधारना होगा
- ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ानी होगी
- खर्चों को कम करने की रणनीति बनानी होगी
B2B हेल्थटेक सेक्टर में जब कॉम्पिटिशन और पेमेंट डिफॉल्ट की समस्याएं बढ़ रही हैं, तब Medikabazaar का यह वित्तीय प्रदर्शन उद्योग के लिए एक अहम केस स्टडी बन सकता है।
Read more :📚 Unacademy के को-फाउंडर्स ने छोड़ी कंपनी,