Hatsun Agro Product Limited ने Milk Mantra का acquire, ₹233 करोड़ में 100% हिस्सेदारी खरीदी

Milk Mantra

भारत की अग्रणी डेयरी उत्पाद निर्माता कंपनी Hatsun Agro Product Limited (HAP) ने ओडिशा स्थित डेयरी ब्रांड Milk Mantra की पूरी 100% हिस्सेदारी ₹233 करोड़ (लगभग $27.5 मिलियन) में खरीदने की घोषणा की है।

इस अधिग्रहण का उद्देश्य पूर्वी भारत, विशेष रूप से ओडिशा के डेयरी बाजार में HAP की स्थिति को और मजबूत करना है। मिल्क मंत्रा का प्रमुख ब्रांड, ‘मिल्की मू’, क्षेत्र में पहले से ही एक मजबूत पहचान बना चुका है। कंपनी ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी।


Milk Mantra अधिग्रहण प्रक्रिया और योजना

  • यह अधिग्रहण शेयर परचेज एग्रीमेंट्स (SPAs) और अन्य ट्रांजेक्शन डॉक्युमेंट्स के माध्यम से पूरा किया जाएगा।
  • Milk Mantra के मौजूदा प्रमोटर्स और शेयरधारकों के साथ समझौतों के बाद, मिल्क मंत्रा पूरी तरह से HAP की सहायक कंपनी बन जाएगी।

मिल्क मंत्रा: परिचय और प्रगति

2009 में स्थापित, मिल्क मंत्रा ओडिशा में एक प्रमुख डेयरी ब्रांड है। कंपनी कई प्रकार के डेयरी उत्पाद प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:

  1. दूध
  2. दही
  3. पनीर
  4. मट्ठा
  5. कैटल फीड

मिल्क मंत्रा ने अब तक $35 मिलियन (लगभग ₹290 करोड़) का फंड जुटाया है। इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

  • आविष्कार वेंचर कैपिटल
  • फिडेलिटी ग्रोथ पार्टनर्स
  • नीव फंड
  • एट रोड्स वेंचर्स
  • यूएस-आधारित डीएफसी

मिल्क मंत्रा की वित्तीय स्थिति

  • FY24 में कंपनी ने ₹276.42 करोड़ का ऑपरेटिंग रेवेन्यू दर्ज किया।
  • कंपनी ने ₹9.78 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित किया।
  • हालांकि, मिल्क मंत्रा का राजस्व पिछले तीन वित्तीय वर्षों में लगभग स्थिर रहा है।

यह अधिग्रहण एक स्लंप सेल प्रतीत होता है, क्योंकि अधिग्रहण की लागत ₹233 करोड़ है, जो इसके वार्षिक राजस्व के लगभग बराबर है।


HAP का अधिग्रहण का उद्देश्य

हैटसन एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड, जो अपने डेयरी ब्रांड्स जैसे अरुण आइसक्रीम, आईडू मिल्क, और हैटसन दही के लिए प्रसिद्ध है, ने मिल्क मंत्रा को अधिग्रहण करने के पीछे कई रणनीतिक कारण बताए हैं:

  1. पूर्वी भारत में विस्तार
    • मिल्क मंत्रा के माध्यम से HAP ओडिशा और पूर्वी भारत में अपनी पकड़ मजबूत करेगा।
  2. स्थानीय ब्रांड की लोकप्रियता का लाभ उठाना
    • ‘मिल्की मू’ ब्रांड की बाजार में पहले से ही एक मजबूत पहचान है।
  3. उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार
    • मिल्क मंत्रा के उत्पाद HAP के पोर्टफोलियो को और विविध बनाएंगे।
  4. सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
    • मिल्क मंत्रा के मौजूदा नेटवर्क का उपयोग करके HAP अपनी वितरण क्षमता बढ़ा सकता है।

भारतीय डेयरी उद्योग में विकास की संभावना

  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी उत्पादक देश है।
  • मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारतीय डेयरी उद्योग का मूल्यांकन 2021 में ₹11.35 लाख करोड़ था, जो 2027 तक ₹21.97 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
  • HAP जैसे अग्रणी ब्रांड इस बढ़ते बाजार का लाभ उठाने और अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अधिग्रहण कर रहे हैं।

निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों की राय

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह अधिग्रहण HAP के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

  • एक निवेशक ने कहा:”मिल्क मंत्रा की मजबूत क्षेत्रीय उपस्थिति और HAP की राष्ट्रीय विशेषज्ञता का संयोजन, कंपनी को इस प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में और आगे बढ़ाएगा।”

भविष्य की योजनाएं

अधिग्रहण के बाद HAP की प्राथमिकताएं होंगी:

  1. मिल्क मंत्रा के परिचालन में सुधार
    • प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन चैनल को अधिक कुशल बनाना।
  2. ग्राहकों तक बेहतर पहुंच
    • मिल्क मंत्रा के उत्पादों को HAP के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से पूरे भारत में उपलब्ध कराना।
  3. नए उत्पाद लॉन्च करना
    • ग्राहकों की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए डेयरी उत्पाद विकसित करना।

निष्कर्ष

हैटसन एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड का मिल्क मंत्रा का अधिग्रहण न केवल HAP के विस्तार के लिए एक रणनीतिक कदम है, बल्कि यह भारतीय डेयरी बाजार में भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है। ₹233 करोड़ की यह डील HAP को पूर्वी भारत में अपनी स्थिति मजबूत करने और ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।

यह अधिग्रहण डेयरी उद्योग के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे क्षेत्रीय और राष्ट्रीय ब्रांड मिलकर एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

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