Mindgrove Technologies ने सीरीज A फंडिंग में जुटाए $8 मिलियन

Mindgrove Technologies

फैब्लेस सेमीकंडक्टर डिज़ाइन स्टार्टअप Mindgrove Technologies ने अपने सीरीज A फंडिंग राउंड में $8 मिलियन (लगभग ₹66 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व Rocketship.vc और Speciale Invest ने किया, जिसमें Mela Ventures और मौजूदा निवेशक Peak XV Partners, निश्चय गोयल, Whiteboard Capital, और अंशुल गोयल ने भी भाग लिया।

चेन्नई स्थित यह स्टार्टअप पहले 2023 की शुरुआत में Peak XV Partners (पहले Sequoia Capital India & SEA), Speciale Invest, और Whiteboard Capital से $2.325 मिलियन का बीज निवेश (सीड फंडिंग) प्राप्त कर चुका है।


Mindgrove Technologies फंडिंग का उद्देश्य और उपयोग

Mindgrove Technologies ने बताया कि इस फंडिंग का उपयोग प्रमुख व्यावसायिक उद्देश्यों को पूरा करने में किया जाएगा।

प्रमुख उद्देश्य:

  1. टीम का विस्तार:
    कंपनी नए टैलेंट को जोड़कर अपनी वर्कफोर्स का विस्तार करेगी।
  2. इंजीनियरिंग क्षमताओं में सुधार:
    अपनी इन-हाउस इंजीनियरिंग क्षमताओं को और मजबूत बनाएगी।
  3. पहले चिप का उत्पादन और बिक्री:
    माइंडग्रोव अपनी पहली चिप के उत्पादन और बिक्री प्रक्रिया को तेज करेगी।

माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज का परिचय

स्थापना और नेतृत्व:

2021 में शरण जगत्रक्षकन और टी.आर. शश्वत द्वारा स्थापित माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज, IITM प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन और IIT मद्रास इनक्यूबेशन सेल द्वारा इनक्यूबेटेड है।

मुख्य उत्पाद:

यह स्टार्टअप उच्च प्रदर्शन वाले SoCs (System on Chips) डिज़ाइन करता है, जिनमें उन्नत फीचर्स और प्रतिस्पर्धी कीमतें शामिल होती हैं।


भारतीय सेमीकंडक्टर क्षेत्र में माइंडग्रोव की भूमिका

फैब्लेस सेमीकंडक्टर डिज़ाइन:

माइंडग्रोव एक फैब्लेस सेमीकंडक्टर डिज़ाइन स्टार्टअप है, जिसका मतलब है कि यह चिप्स डिज़ाइन करता है लेकिन उनका निर्माण तीसरे पक्ष के सहयोग से किया जाता है।

भारतीय और वैश्विक बाजारों में फोकस:

कंपनी भारतीय बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजारों के लिए भी प्रतिस्पर्धात्मक चिप्स डिज़ाइन करने पर केंद्रित है।

किफायती और प्रभावी तकनीक:

कंपनी का उद्देश्य उच्च प्रदर्शन वाले सेमीकंडक्टर चिप्स प्रदान करना है जो किफायती हों और नवीनतम तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करें।


सेमीकंडक्टर सेक्टर का महत्व

भारत में सेमीकंडक्टर की मांग:

भारत में बढ़ते डिजिटल उपयोग और तकनीकी प्रगति के कारण सेमीकंडक्टर चिप्स की मांग लगातार बढ़ रही है।

सरकारी पहल:

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और डिज़ाइन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे “भारत सेमीकंडक्टर मिशन”।

वैश्विक संकट का समाधान:

पिछले कुछ वर्षों में सेमीकंडक्टर की वैश्विक कमी ने इस क्षेत्र में नवाचार और निवेश की आवश्यकता को और बढ़ा दिया है।


फंडिंग राउंड के प्रमुख निवेशक

Rocketship.vc और Speciale Invest:

इस राउंड का नेतृत्व करने वाले इन दोनों निवेशकों ने माइंडग्रोव की क्षमता और बाजार में इसकी संभावनाओं पर विश्वास जताया।

अन्य निवेशक:

  • Mela Ventures
  • Peak XV Partners
  • Whiteboard Capital
  • निश्चय गोयल और अंशुल गोयल

इन निवेशकों की भागीदारी माइंडग्रोव की तकनीकी और व्यावसायिक दृष्टि में उनके भरोसे को दर्शाती है।


भारत में सेमीकंडक्टर स्टार्टअप्स का भविष्य

भारत में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग का भविष्य उज्ज्वल है।

  1. बढ़ता बाजार:
    भारत में 5G, IoT, और ऑटोमेशन जैसी प्रौद्योगिकियों की वृद्धि से सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है।
  2. सरकारी समर्थन:
    नीति आयोग और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय द्वारा सेमीकंडक्टर क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
  3. स्थानीय निर्माण:
    घरेलू उत्पादन के लिए निवेश और पहल इस क्षेत्र को आत्मनिर्भर बना रही हैं।

निष्कर्ष

माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज का $8 मिलियन का सीरीज A फंडिंग राउंड न केवल इसकी विकास यात्रा में एक बड़ा कदम है, बल्कि भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए भी एक प्रेरणादायक कहानी है।

  • माइंडग्रोव ने अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और बाजार में मांग को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति तैयार की है।
  • यह फंडिंग स्टार्टअप को अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को मजबूत करने और भारतीय और वैश्विक बाजारों में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करने में मदद करेगी।

माइंडग्रोव जैसी कंपनियां भारतीय तकनीकी परिदृश्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

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