🔍 Myntra पर ED की बड़ी कार्रवाई: ₹1,654 करोड़ के FDI नियम उल्लंघन का आरोप

Myntra

ई-कॉमर्स फैशन कंपनी Myntra Designs Pvt. Ltd. और उससे जुड़ी संस्थाओं पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Foreign Exchange Management Act (FEMA), 1999 की धारा 16(3) के तहत शिकायत दर्ज की है। आरोप है कि कंपनी ने भारत की FDI नीति का उल्लंघन करते हुए ₹1,654 करोड़ से अधिक की विदेशी पूंजी निवेश (FDI) प्राप्त की और उसे गलत तरीके से उपयोग किया।

🔍 ED का आरोप क्या है?

ED के बेंगलुरु ज़ोनल ऑफिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, Myntra और उसकी सहयोगी कंपनियां “Cash & Carry” होलसेल बिज़नेस के नाम पर मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग (MBRT) कर रही थीं, जो भारत की FDI पॉलिसी के अंतर्गत प्रतिबंधित है।

ED का दावा है कि Myntra को ₹1,654.35 करोड़ का विदेशी निवेश मिला, जिसमें उसने खुद को एक होलसेल कंपनी बताकर निवेश हासिल किया। लेकिन असल में Myntra ने अधिकांश सामान Vector E-Commerce Pvt. Ltd. को बेचा, जो एक रिलेटेड पार्टी है। इसके बाद Vector ने उन उत्पादों को आम ग्राहकों को रिटेल में बेचा।

📦 B2B की आड़ में B2C बिक्री?

ED के मुताबिक, Myntra ने अपने होलसेल बिज़नेस को रिटेल सेल्स में बदलने के लिए Vector E-Commerce का इस्तेमाल किया। इससे कंपनी का बिज़नेस मॉडल B2C (बिज़नेस टू कस्टमर) हो गया, जबकि निवेश B2B (बिज़नेस टू बिज़नेस) के लिए लिया गया था।

भारत की FDI पॉलिसी 2010 के अनुसार, कोई भी होलसेल कंपनी अपनी कुल बिक्री का केवल 25% ही अपनी ग्रुप कंपनियों को बेच सकती है। लेकिन Myntra ने अपनी पूरी बिक्री (100%) Vector को की, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।

📜 FEMA के अंतर्गत नियमों का उल्लंघन

ED ने कहा है कि यह कार्यवाही FEMA की धारा 6(3)(b) और भारत सरकार की Consolidated FDI Policy के कई नियमों के खिलाफ है। इस शिकायत को अब FEMA की Adjudicating Authority के पास भेजा गया है।

📢 Myntra का जवाब

“Myntra कानून का पूरी तरह पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। एक भारतीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के रूप में हम डिजिटल कॉमर्स के ज़रिए देश की टेक्सटाइल और एपरल इंडस्ट्री को सशक्त बनाने का काम कर रहे हैं। हमने पारंपरिक शिल्प को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। हम अब तक ED की शिकायत की प्रति प्राप्त नहीं कर पाए हैं, लेकिन हम जांच एजेंसी के साथ पूरी तरह सहयोग करेंगे।”

📊 क्या है नियम और इसका महत्व?

भारत की विदेशी निवेश नीति में यह स्पष्ट किया गया है कि होलसेल बिज़नेस में 100% FDI की अनुमति है, लेकिन इससे जुड़ी कंपनियां अपनी ग्रुप कंपनियों को केवल 25% तक ही सेल कर सकती हैं। इसका उद्देश्य है कि कोई भी कंपनी होलसेल लाइसेंस का दुरुपयोग कर रिटेल बिज़नेस न करे क्योंकि रिटेल में विदेशी निवेश की शर्तें अलग और अधिक सख्त हैं।

📌 क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?

  • यह मामला ई-कॉमर्स इंडस्ट्री के लिए एक चेतावनी की तरह है कि FDI नियमों का उल्लंघन अब नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
  • इससे FDI निवेशकों और कंपनियों के बीच पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
  • ED अब यह जांच कर रही है कि अन्य ई-कॉमर्स और रिटेल कंपनियां भी इसी तरह के नियम उल्लंघन में लिप्त हैं या नहीं।

🧵 Myntra और Vector के बीच संबंध

Myntra और Vector E-Commerce को एक ही कॉरपोरेट ग्रुप का हिस्सा माना गया है। इस प्रकार के संबंधों में अगर बिक्री होती है तो उसे “रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन” के तहत देखा जाता है और इसमें नियम काफी सख्त होते हैं। ED का मानना है कि Vector का इस्तेमाल Myntra ने एक परदे के तौर पर किया ताकि होलसेल के नाम पर असल में रिटेल बिज़नेस चलाया जा सके।

📈 भविष्य की कार्रवाई और असर

  • अगर FEMA के उल्लंघन की पुष्टि होती है, तो Myntra पर भारी जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
  • इससे भारत में काम कर रही विदेशी कंपनियों और निवेशकों के लिए एक कड़ा संदेश जाएगा।
  • यह केस भारत की FDI निगरानी व्यवस्था की सख्ती को भी दर्शाता है।

📝 निष्कर्ष

Myntra पर ED की यह कार्रवाई भारत में FDI नीति के पालन को लेकर एक बड़ा उदाहरण बन सकती है। ई-कॉमर्स सेक्टर में तेज़ी से हो रहे बदलावों के बीच यह सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है कि सभी कंपनियां FDI नियमों का कड़ाई से पालन करें। Myntra जैसे बड़े ब्रांड पर हुई यह कार्रवाई भविष्य में अन्य कंपनियों के लिए भी मार्गदर्शन का काम करेगी।


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