Neuranics: हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स में नई क्रांति

Neuranics

हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स स्टार्टअप Neuranics ने अपनी सीड फंडिंग राउंड में 7 लाख डॉलर (लगभग 5.8 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व इंफ्लेक्शन प्वाइंट वेंचर्स (IPV) ने किया। फंड का उपयोग तकनीकी विकास, नैदानिक ​​पुष्टि (क्लिनिकल वैलिडेशन) और व्यावसायिक उत्पादन के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किया जाएगा।


Neuranics की स्थापना और उद्देश्य

2021 में प्रवीण कुमार और अशुतोष पात्रा द्वारा स्थापित Neuranics, हेल्थकेयर इंडस्ट्री में नई संभावनाएं लेकर आया है। यह स्टार्टअप प्वाइंट-ऑफ-केयर ब्लड एनालाइजर विकसित कर रहा है, जो केवल उंगली की एक छोटी सी सैंपल से 10 मिनट के भीतर कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC) परिणाम प्रदान कर सकता है।

यह उपकरण प्राथमिक और आपातकालीन चिकित्सा सेटिंग्स के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • कम रखरखाव
  • उच्च दक्षता
  • सरल उपयोग

यह उपकरण हेल्थकेयर इंडस्ट्री में समय और संसाधनों की बचत करेगा और परिणामस्वरूप गंभीर बीमारियों के त्वरित उपचार को संभव बनाएगा।


हेल्थकेयर में गेम-चेंजर तकनीक

न्यूरानिक्स का यह उपकरण गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों, जैसे:

  • सेप्सिस (रक्त संक्रमण)
  • गंभीर एनीमिया
  • थ्रॉम्बोसाइटोपीनिया (डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी)
    जैसी बीमारियों के इलाज को प्रभावी और समयबद्ध बनाएगा।

इस तकनीक की मदद से मरीजों को तत्काल और प्रभावी देखभाल मिलेगी, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा।


प्रगति और उपलब्धियां

न्यूरानिक्स ने हेल्थकेयर सेक्टर में अपनी क्षमता को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं:

  • पेटेंट प्राप्त किया।
  • CDSCO टेस्ट लाइसेंस प्राप्त।
  • AIIMS दिल्ली से नैतिक स्वीकृति (Ethical Approval)।
  • क्लिनिकल ट्रायल्स प्रगति पर।

इन उपलब्धियों से यह साफ है कि न्यूरानिक्स का उपकरण न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स में एक नया मानक स्थापित कर सकता है।


फंडिंग का महत्व और उपयोग

न्यूरानिक्स ने जुटाई गई 7 लाख डॉलर की फंडिंग को निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की योजना बनाई है:

  1. तकनीकी विकास: उपकरण की कार्यक्षमता और सटीकता को और बेहतर बनाना।
  2. नैदानिक ​​पुष्टि: बड़े पैमाने पर क्लिनिकल ट्रायल्स के माध्यम से इसकी विश्वसनीयता सुनिश्चित करना।
  3. लाइसेंसिंग और उत्पादन: CDSCO लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पूरा करना और व्यावसायिक उत्पादन के लिए तैयार होना।

हेल्थकेयर इंडस्ट्री पर प्रभाव

न्यूरानिक्स का यह उपकरण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में हेल्थकेयर सेवाओं को बेहतर बनाने में सहायक होगा।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में: जहां उन्नत मेडिकल फैसिलिटी की कमी है, यह उपकरण त्वरित और सटीक निदान सुनिश्चित करेगा।
  • शहरी क्षेत्रों में: आपातकालीन स्थितियों में तेजी से निदान करके जीवन को बचाने में मदद करेगा।

न्यूरानिक्स का विज़न और भविष्य

न्यूरानिक्स का उद्देश्य हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स को अधिक सुलभ, तेज़, और प्रभावी बनाना है।
संस्थापकों का मानना है:
“हमारा लक्ष्य है कि हेल्थकेयर सेवाओं को उच्च गुणवत्ता और कम समय में लोगों तक पहुंचाया जाए। हमारा उपकरण जीवन को बचाने और हेल्थकेयर सिस्टम को अधिक कुशल बनाने में मदद करेगा।”


भारतीय हेल्थकेयर स्टार्टअप्स की बढ़ती ताकत

न्यूरानिक्स जैसी इनोवेटिव स्टार्टअप्स भारत के हेल्थकेयर सेक्टर में नई ऊर्जा ला रही हैं। यह देश के ‘मेड इन इंडिया’ अभियान को बढ़ावा देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम है।


निष्कर्ष

न्यूरानिक्स ने अपने अभिनव दृष्टिकोण और तकनीकी समाधान के माध्यम से हेल्थकेयर इंडस्ट्री में बड़ी संभावनाएं पैदा की हैं। इस स्टार्टअप का लक्ष्य केवल उपकरण बनाना नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाना है।

फंडिंग और लगातार तकनीकी प्रगति के साथ, न्यूरानिक्स जल्द ही भारत और वैश्विक स्तर पर हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स में एक अग्रणी नाम बन सकता है।

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