भारत के कंज़्यूमर गुड्स सेक्टर में नई मिठास जोड़ने वाली नोएडा स्थित Oroos Confectionery Pvt. Ltd. ने अपने पहले फंडिंग राउंड में ₹20 करोड़ (लगभग $2.26 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व Fireside Ventures ने किया है, जिसमें State Bank of India (SBI) और कुछ रणनीतिक एंजेल निवेशकों (strategic angel investors) ने भी भाग लिया।
💰 Oroos को मिला बड़ा फंडिंग बूस्ट
कंपनी इस फंडिंग राशि का उपयोग ग्रेटर नोएडा में एक अत्याधुनिक, पूर्णतः ऑटोमेटेड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने और टियर-II और टियर-III शहरों में अपने वितरण नेटवर्क (distribution network) के विस्तार के लिए करेगी।
Oroos का उद्देश्य है — भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ती, बेहतर क्वालिटी और ब्रांडेड कन्फेक्शनरी (confectionery) उत्पाद प्रदान करना, खासकर उन छोटे शहरों और कस्बों में जहाँ ब्रांडेड मिठाई और टॉफी की पहुंच अभी भी सीमित है।
👨🍳 2025 में हुई शुरुआत — दो युवा उद्यमियों का सपना
Oroos Confectionery Pvt. Ltd. की स्थापना वर्ष 2025 में राजे सुनीत जैन (Raje Suneet Jain) और प्रशांत मनराल (Prashant Manral) ने मिलकर की थी।
दोनों फाउंडर्स का लक्ष्य था — ऐसा भारतीय ब्रांड तैयार करना जो “क्वालिटी + अफोर्डेबिलिटी + एक्सेसिबिलिटी” तीनों का संतुलन बनाकर बड़े पैमाने पर लोगों तक मिठास पहुंचा सके।
राजे सुनीत जैन का कहना है —
“Oroos का मकसद केवल मिठाई बेचना नहीं, बल्कि भारत के हर कोने में एक भरोसेमंद ब्रांड अनुभव पहुंचाना है — जहाँ हर बच्चा और परिवार एक भरोसेमंद टॉफी ब्रांड को पहचाने।”
🏭 ग्रेटर नोएडा में बनेगा अत्याधुनिक प्लांट
नई फंडिंग के ज़रिए Oroos अब ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में अपनी पहली ऑटोमेटेड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तैयार करेगा।
यह प्लांट पूरी तरह से डिजिटल और ऑटोमेशन पर आधारित होगा —
- जिससे उत्पादन क्षमता (production capacity) कई गुना बढ़ेगी,
- और क्वालिटी कंट्रोल उच्चतम स्तर पर सुनिश्चित होगा।
प्लांट में चॉकलेट, टॉफी, लॉलीपॉप, और बेकरी बेस्ड मिठाई उत्पादों की पूरी रेंज बनाई जाएगी, जिन्हें भारतीय बाजार के अलग-अलग सेगमेंट्स में बेचा जाएगा।
🏬 टियर-II और टियर-III शहरों पर फोकस
कंपनी का फोकस भारत के छोटे और मझोले शहरों (tier-II और tier-III towns) पर रहेगा, जहाँ पर ब्रांडेड कन्फेक्शनरी की मांग तेजी से बढ़ रही है।
Oroos अब अपना नेटवर्क जनरल ट्रेड, मॉडर्न ट्रेड, और रीजनल रिटेल चैनल्स के ज़रिए मजबूत कर रही है।
कंपनी अगले 12 महीनों में उत्तर भारत के राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और पंजाब जैसे राज्यों में अपने वितरण का विस्तार करेगी।
📊 भारतीय कन्फेक्शनरी मार्केट की तेजी
IMARC Group की हालिया रिपोर्ट के अनुसार,
- भारत का कन्फेक्शनरी मार्केट 2024 में ₹379 अरब (Rs 379 billion) का था,
- जो 2033 तक ₹597 अरब (Rs 597 billion) तक पहुंचने की संभावना है।
- इसका वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) लगभग 5.2% अनुमानित है।
दिलचस्प बात यह है कि उत्तर भारत (North India) इस मार्केट में 32.8% की हिस्सेदारी रखता है।
भविष्य की ग्रोथ टियर-II और टियर-III शहरों से आने की संभावना है, जहाँ शहरीकरण, बढ़ती आय और पैक्ड फूड्स की उपलब्धता में तेजी से इज़ाफा हो रहा है।
🍬 Oroos का लक्ष्य — भारत का अगला कन्फेक्शनरी लीडर बनना
Oroos Confectionery का मानना है कि भारतीय उपभोक्ता अब अनब्रांडेड मिठाइयों और खुली टॉफियों से हटकर ब्रांडेड और हाइजेनिकली पैक्ड प्रोडक्ट्स की ओर बढ़ रहे हैं।
इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए कंपनी अपने उत्पादों को
- किफायती दामों,
- स्थानीय फ्लेवर,
- और क्वालिटी पर फोकस के साथ लॉन्च करेगी।
साथ ही, कंपनी बच्चों के लिए स्पेशल टॉफी रेंज, त्योहारों के लिए गिफ्ट पैक्स, और बेकरी-स्टाइल स्नैक आइटम्स जैसे नए कैटेगरी प्रोडक्ट्स भी लाने की तैयारी में है।
🚀 Fireside Ventures और SBI का भरोसा
Fireside Ventures, जिसने पहले boAt, Mamaearth, और Slurrp Farm जैसे D2C ब्रांड्स में निवेश किया है, ने Oroos में निवेश कर संकेत दिया है कि यह ब्रांड भारत के “नेक्स्ट-जेन FMCG स्टार्टअप्स” में से एक हो सकता है।
State Bank of India (SBI) का इसमें शामिल होना यह दिखाता है कि कंपनी की वित्तीय संरचना मजबूत है और इसका स्केलेबिलिटी मॉडल बैंकों को भी आशाजनक लग रहा है।
📦 डिस्ट्रिब्यूशन और मार्केटिंग रणनीति
Oroos अब “हर गली, हर दुकान तक पहुंच” के मिशन पर काम कर रहा है।
कंपनी ने बताया कि वह
- रीजनल डिस्ट्रीब्यूटर्स,
- छोटे किराना नेटवर्क्स,
- और मॉडर्न ट्रेड चैनल्स (जैसे Reliance Smart, DMart, Big Bazaar) के ज़रिए अपनी उपस्थिति बढ़ाएगी।
डिजिटल स्तर पर भी Oroos अपनी मौजूदगी बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिसमें सोशल मीडिया कैंपेन और इंफ्लुएंसर मार्केटिंग शामिल होगी।
🧾 निष्कर्ष — भारतीय मिठास में “Oroos” का नया स्वाद
Oroos Confectionery का ₹20 करोड़ का यह शुरुआती निवेश भारतीय कन्फेक्शनरी बाजार में एक नई ऊर्जा लेकर आया है।
जहाँ बड़ी कंपनियाँ पहले से इस स्पेस में मौजूद हैं, वहीं Oroos का ध्यान क्वालिटी + सस्ती कीमत + छोटे शहरों की पहुंच पर है — जो इसे एक अलग पहचान देगा।
भारत के तेजी से बढ़ते FMCG बाजार में, Fireside Ventures और SBI का समर्थन Oroos के लिए एक मजबूत नींव साबित होगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह स्टार्टअप आने वाले वर्षों में “हर बच्चे की पसंदीदा टॉफी ब्रांड” बन पाता है या नहीं।
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