बेंगलुरु की डीप-टेक और बायोटेक्नोलॉजी स्टार्टअप Pandorum Technologies ने अपने Series B फंडिंग राउंड में Rs 85 करोड़ (लगभग $10 मिलियन) जुटाए हैं। यह निवेश कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन माना जा रहा है, क्योंकि Pandorum भारत में lab-grown human tissues, advanced bioprinting और regenerative medicine जैसे high-impact क्षेत्रों में काम कर रही है।
इस राउंड का नेतृत्व Protons Corporate ने किया है, जबकि कई प्रसिद्ध एंजेल इन्वेस्टर्स और एडवाइजरी फंड्स ने भी कंपनी में निवेश किया है।
💰 फंडिंग डिटेल्स: किसने कितना निवेश किया?
Regulatory filings के अनुसार, Pandorum Technologies ने कुल 35,326 Series B preference shares जारी किए हैं, जिनका issue price Rs 23,920 प्रति शेयर है।
🔹 निवेशकों की भागीदारी:
- Protons Corporate → Rs 27 करोड़
- Noblevast Advisory → Rs 16.1 करोड़
- प्रसिद्ध एंजेल निवेशक:
- Ashish Kacholia
- Ankit Kawatra
- Kishore Jagjival Gokal
- Srinivas Rao Ravuri
- Kailash Ramlal Jhaveri
कंपनी अब तक इस राउंड से Rs 45 करोड़ प्राप्त कर चुकी है, जबकि बाकी रकम आने वाले महीनों में आने की उम्मीद है।
Entrackr के अनुमान के अनुसार इस निवेश के बाद Pandorum की post-money valuation लगभग Rs 750 करोड़ ($85 million) तक पहुंच गई है — जो कि भारत के डीप-साइंस सेक्टर के लिए एक मजबूत संकेत है।
🧪 Pandorum Technologies क्या करती है?
2011 में अरुण चंद्रु और तुहिन भौमिक द्वारा स्थापित, Pandorum Technologies भारत की कुछ चुनिंदा deep-science और IP-heavy बायोटेक कंपनियों में से एक है।
🧫 कंपनी के प्रमुख काम:
- Lab-grown human tissues बनाना
- 3D bioprinting-based organ models विकसित करना
- Regenerative medicine के लिए advanced solutions
- Drug discovery में उपयोग होने वाले high-precision tissue models
Pandorum के दो प्रमुख प्रोडक्ट मॉडल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी चर्चा में हैं:
🔹 Engineered Liver Tissues
फार्मा कंपनियाँ इन लिवर मॉडल्स का उपयोग drug toxicity और efficacy परीक्षण के लिए करती हैं—जिससे वास्तविक इंसान पर टेस्टिंग की आवश्यकता कम हो जाती है।
🔹 Engineered Corneal Models
आई-केयर रिसर्च और दवाई परीक्षण के लिए उपयोग होने वाला यह मॉडल भारत में pioneering है।
Pandorum का proprietary bioprinting platform इसे global biotech innovation में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाता है।
🌍 बिज़नेस मॉडल: Pandorum पैसा कैसे कमाता है?
भले ही यह deep-science क्षेत्र हो, Pandorum ने अपने बिज़नेस मॉडल को काफी विविध बनाया है।
कंपनी तीन मुख्य तरीकों से राजस्व उत्पन्न करती है:
- Contract Research
फार्मा कंपनियों के लिए advanced tissue-based research और drug testing। - Licensing
अपनी proprietary technologies को license करके recurring income। - Co-development Partnerships
विश्वभर की हेल्थकेयर और लाइफ-साइंसेज़ कंपनियों के साथ long-term strategic partnerships।
India में deep-tech स्टार्टअप्स के लिए sustainable revenues की राह कठिन मानी जाती है, लेकिन Pandorum इस चुनौती को तेजी से पार कर रही है।
📉 FY24 और FY25 की वित्तीय स्थिति: अभी भी Pre-Revenue Stage
Regulatory filings के अनुसार, Pandorum अभी तक pre-revenue stage में है, यानी FY24 के दौरान कंपनी ने कोई operational revenue दर्ज नहीं किया।
परंतु कंपनी के खर्च और R&D ऑपरेशंस के कारण FY24 में Rs 28.2 करोड़ का घाटा दर्ज हुआ।
यह deep-science स्टार्टअप्स के लिए सामान्य बात है, क्योंकि R&D-heavy कंपनियाँ commercialization से पहले कई साल तक investment-phase में रहती हैं।
🚀 नई फंडिंग का उपयोग: आगे की रणनीति क्या है?
कंपनी ने कहा है कि नई फंडिंग का उपयोग इन क्षेत्रों में किया जाएगा:
🔹 1. Operations Strengthening
लैब इन्फ्रास्ट्रक्चर, researchers, और proprietary tech को मजबूत करना।
🔹 2. Expansion Plans
नए tissue models, advanced bioprinting systems और global partnerships पर फोकस।
🔹 3. Subsidiaries को वित्तीय सहायता
कंपनी के wholly-owned subsidiaries को growth capital प्रदान करना।
Pandorum भारत में biotech के globalisation की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली कंपनियों में से एक बन सकती है।
🧭 Pandorum का सफर: Series A से Series B तक
| साल | फंडिंग | प्रकार |
|---|---|---|
| 2017 | Rs 23 करोड़ | Early funding |
| 2020 | Rs 41 करोड़ | Growth round |
| 2024 | $11 million | Series A extension |
| 2025 (अब) | Rs 85 करोड़ | Series B |
यह निरंतर फंडिंग Pathfinder companies में investor confidence का संकेत देती है।
🧬 भारत की Deep-Science Ecosystem के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह फंडिंग?
भारत में biotech और deep-tech स्टार्टअप्स अभी भी शुरुआती अवस्था में हैं। इस तरह की कंपनियाँ बड़ी capital और लंबी R&D cycle मांगती हैं।
यह डील तीन कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है:
✨ 1. Deep-science में बड़े निवेशकों की बढ़ती रुचि
✨ 2. भारत में biotech innovation के global scope को बढ़ावा
✨ 3. Pharmaceuticals और healthcare sectors में advanced R&D को ताकत
Pandorum जैसे स्टार्टअप्स भारत को “global biotech innovation hub” बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
🎯 निष्कर्ष: भारतीय बायोटेक की उड़ान शुरू!
Pandorum Technologies का Rs 85 करोड़ जुटाना सिर्फ एक फंडिंग अपडेट नहीं—बल्कि India’s deep-science revolution की एक मजबूत दस्तक है।
Lab-grown tissues से लेकर regenerative medicine तक, Pandorum healthcare और pharma research का भविष्य बदलने की क्षमता रखता है।
आने वाले वर्षों में यह स्टार्टअप भारत ही नहीं, बल्कि ग्लोबल biotech innovation में अपनी जगह मजबूत करता दिख सकता है।
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