🎯 Probo पर ED की बड़ी कार्रवाई: ₹284.5 करोड़ की संपत्ति जब्त,

Probo

केंद्र सरकार की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मशहूर “opinion-trading” प्लेटफ़ॉर्म Probo के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुग्राम और जींद में छापेमारी की और ₹284.5 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली हैं। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। एजेंसी का आरोप है कि Probo ने ऑनलाइन सट्टेबाज़ी के नियमों का उल्लंघन करते हुए “opinion trading” की आड़ में जुआ जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया।


📌 क्या है मामला?

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि Probo पर “binary outcome events” — यानी दो संभावित परिणामों वाले इवेंट्स — पर यूज़र्स को दांव लगाने की सुविधा दी गई थी, जो जुए के समान है। हालांकि कंपनी इसे “opinion trading” कहती रही, लेकिन ED इसे Public Gambling Act और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के उल्लंघन के रूप में देख रही है।

इस सिलसिले में ED ने गुरुग्राम, पलवल और आगरा में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर छापेमारी की, जिसमें डिजिटल सबूत और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।


🧾 अब तक क्या-क्या सामने आया?

  • कुल ₹284.5 करोड़ की संपत्तियां और डिजिटल डेटा जब्त
  • तीन शहरों में एफआईआर: गुरुग्राम, पलवल, आगरा
  • आरोप: “opinion trading” की आड़ में सट्टा बाजार जैसा संचालन
  • कार्रवाई: Public Gambling Act, PMLA और BNS के तहत जांच

⚖️ न्यायिक लड़ाई भी जारी

Probo सिर्फ ED की जांच में ही नहीं, बल्कि हरियाणा हाईकोर्ट में भी एक जनहित याचिका (PIL) का सामना कर रहा है। इस याचिका में मांग की गई है कि Probo जैसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया जाए क्योंकि ये टेक स्टार्टअप की आड़ में जुए जैसे प्लेटफ़ॉर्म चला रहे हैं।

🏛️ हरियाणा सरकार की प्रतिक्रिया:

इस मामले को देखते हुए हरियाणा सरकार ने हाल ही में Prevention of Gambling Act, 2025 लागू किया है। इस कानून के तहत ऐसे सभी ऐप्स और प्लेटफॉर्म पर लगाम कसने की कोशिश की गई है जो “दांव पर खेलने” जैसे मॉडल पर आधारित हैं।

हालांकि, यह नया कानून खुद विवादों में घिर गया है, क्योंकि गेमिंग इंडस्ट्री के कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कानून बहुत व्यापक है और इसके संवैधानिक वैधता पर भी सवाल उठ रहे हैं।


🗣️ Probo की प्रतिक्रिया

Probo ने एक बयान जारी कर कहा:

“हम सभी हितधारकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि Probo जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहा है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता यूज़र्स की सुरक्षा और विश्वास है। हम कानूनों का पालन करते हैं और पूरी तरह से पारदर्शिता बनाए रखते हैं।”

कंपनी ने यह भी कहा कि वह इस मामले में जल्द ही आगे की जानकारी साझा करेगी और हर स्थिति में न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करती है।


📈 कंपनी का प्रदर्शन और फंडिंग

Probo ने अब तक कुल $28 मिलियन (लगभग ₹230 करोड़) से ज़्यादा की फंडिंग जुटाई है।

प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

  • Peak XV Partners (21.72%) – सबसे बड़ा बाहरी शेयरधारक
  • Elevation Capital
  • The Fundamentum Partnership

वित्तीय प्रदर्शन (FY24):

  • राजस्व: ₹86 करोड़ से बढ़कर ₹459 करोड़ (5.4 गुना वृद्धि)
  • मुनाफा: ₹92 करोड़
  • FY25 के आंकड़े अब तक सार्वजनिक नहीं हुए हैं

🧠 Probo का बिज़नेस मॉडल क्या है?

Probo एक “opinion trading platform” है जहां यूज़र हां/ना वाले सवालों पर “शेयर” खरीदकर अपना मत देते हैं। जैसे: “क्या भारत अगला T20 मैच जीतेगा?”, “क्या बजट में आयकर छूट बढ़ेगी?”
यह मॉडल देखने में गेमिफाइड है लेकिन ED का कहना है कि इसमें असल में सट्टा शामिल है, क्योंकि इसमें पैसा लगाने और दांव जीतने का तत्व है।


🕹️ टेक स्टार्टअप बनाम सट्टा बहस

  • Probo जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स खुद को “टेक स्टार्टअप” कहते हैं
  • लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह सिर्फ जुए को वैध रूप देने की रणनीति है
  • सवाल उठता है: क्या टेक्नोलॉजी का उपयोग इस तरह के व्यापारिक मॉडल को वैध बना देता है?

📅 आगे क्या?

  • अगली सुनवाई हरियाणा हाईकोर्ट में अगस्त के अंत में निर्धारित है
  • ED की वित्तीय जांच जारी है
  • संभावित रूप से और भी फंड्स और बैंक खातों की जांच हो सकती है
  • Gaming और Tech उद्योग में नीति निर्धारण को लेकर बहस तेज हो रही है

✅ निष्कर्ष

Probo पर ED की कार्रवाई भारत में ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के भविष्य को लेकर एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। जहां एक ओर सरकार टेक इनोवेशन को बढ़ावा देना चाहती है, वहीं दूसरी ओर सट्टा गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम भी उठा रही है।

आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि Probo और अन्य ऐसे प्लेटफॉर्म इस कानूनी और नियामकीय चुनौती से कैसे निपटते हैं, और भारत का स्टार्टअप ईकोसिस्टम इस नई हकीकत के साथ कैसे तालमेल बैठाता है।


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Probo ने नीति प्रमुख के रूप में Shimal Kapoor की नियुक्ति की,

Probo

भारत के तेजी से उभरते opinion trading प्लेटफॉर्म Probo ने नीति और विनियामक मामलों को मज़बूती देने के लिए Shimal Kapoor को अपना नया Head of Policy नियुक्त किया है। कंपनी का कहना है कि यह नियुक्ति भारत के स्किल-बेस्ड गेमिंग सेक्टर में नीतिगत संवाद को दिशा देने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।


🎯 नियामकों से संवाद में मिलेगी मज़बूती

Probo, जो वर्तमान में 3.4 करोड़ से अधिक यूज़र्स को सेवाएं दे रहा है, ने कहा कि यह रणनीतिक नियुक्ति कंपनी की उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह देश में स्किल-बेस्ड गेमिंग के लिए मजबूत रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को सहयोग देना चाहता है।

🧩 Shimal Kapoor कौन हैं?

Shimal Kapoor कानून और पब्लिक पॉलिसी की दुनिया में एक अनुभवी चेहरा हैं। उन्होंने इससे पहले:

  • Meta (पूर्व में Facebook)
  • World Bank Group
  • और भारत की प्रमुख लॉ फर्म Shardul Amarchand Mangaldas & Co. में काम किया है।

अब वह Probo में नीति निर्माण, सरकारी निकायों से संवाद और रेगुलेटरी एडवोकेसी की जिम्मेदारी संभालेंगी।


📢 Shimal Kapoor का बयान

अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए Shimal ने कहा:

“भारत का स्किल-बेस्ड गेमिंग सेक्टर एक बड़े बदलाव के मोड़ पर है, जो डिजिटल इनोवेशन और आर्थिक प्रगति दोनों में योगदान दे रहा है। Probo ने बहुत कम समय में खुद को opinion trading में अग्रणी बना लिया है। मैं अपनी विशेषज्ञता से कंपनी को नीति-निर्माताओं और स्टेकहोल्डर्स से बेहतर जुड़ाव में सहयोग करने के लिए उत्साहित हूं।”


📱 क्या है Probo?

Probo एक opinion trading platform है, जहां यूज़र्स खेल, एंटरटेनमेंट और करंट अफेयर्स जैसे असली दुनिया के इवेंट्स पर अपनी राय देकर ट्रेडिंग कर सकते हैं।

इसके फीचर्स में शामिल हैं:

  • Yes/No type predictions
  • Real-time opinion market
  • Rewards based on market outcomes

Probo का दावा है कि वह भारत का सबसे भरोसेमंद और लोकप्रिय ओपिनियन ट्रेडिंग ऐप बन चुका है।


💹 जबरदस्त राजस्व वृद्धि

TheKredible के आंकड़ों के अनुसार, Probo ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में ऑपरेशनल रेवेन्यू में जबरदस्त छलांग लगाई है:

वित्तीय वर्षऑपरेशनल रेवेन्यूनेट प्रॉफिट
FY23₹86 करोड़₹3.7 करोड़
FY24₹459 करोड़₹92 करोड़

यह कंपनी के स्केलेबिलिटी और प्रभावशाली ग्रोथ को दर्शाता है। बहुत कम भारतीय स्टार्टअप्स इतने कम समय में प्रॉफिटेबिलिटी हासिल कर पाते हैं।


💼 निवेशकों का भरोसा

Probo को देश-विदेश के प्रमुख वेंचर कैपिटल फर्म्स का समर्थन प्राप्त है, जिनमें शामिल हैं:

  • Peak XV Partners (पूर्व में Sequoia India)
  • Elevation Capital
  • Fundamentum Partnership

इन निवेशकों का उद्देश्य Probo को भारत में स्किल-बेस्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लीडर्स में लाना है।


🧠 क्यों ज़रूरी है नीति प्रमुख की नियुक्ति?

भारत में ऑनलाइन गेमिंग और स्किल-बेस्ड गेमिंग से जुड़े नियम अभी भी विकासशील अवस्था में हैं। केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रही हैं, जैसे:

  • गेमिंग को लेकर टैक्सेशन नीति
  • कौन-से गेम skill-based हैं और कौन-से chance-based
  • यूज़र्स की सुरक्षा
  • विज्ञापन और प्रचार के नियम

ऐसे समय में किसी कंपनी का सरकार और नीति-निर्माताओं से संवाद में सक्रिय होना बहुत आवश्यक हो जाता है। Shimal Kapoor जैसे अनुभवी नीति विशेषज्ञ के जुड़ने से Probo को:

  • विनियामक परिवेश को समझने
  • सरकार के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने
  • और स्किल-बेस्ड गेमिंग को मान्यता दिलाने में सहायता मिलेगी।

📍 आगे का रास्ता

Probo की रणनीति स्पष्ट है — वह न केवल टेक्नोलॉजी और यूज़र एक्सपीरियंस में अग्रणी बनना चाहता है, बल्कि भारत में ओपिनियन ट्रेडिंग के लिए एक सशक्त और जिम्मेदार फ्रेमवर्क का हिस्सा भी बनना चाहता है।

Shimal Kapoor की नियुक्ति इसी दिशा में एक निर्णायक कदम है। आने वाले महीनों में हम देखेंगे कि Probo भारत के गेमिंग, टेक और नीति निर्माण के संगम पर कैसे अपनी पहचान और मजबूत करता है।


📢 निष्कर्ष

भारत में स्किल-बेस्ड गेमिंग इंडस्ट्री को एक स्पष्ट, पारदर्शी और यूज़र-फ्रेंडली रेगुलेटरी वातावरण की ज़रूरत है। Probo ने यह संकेत दिया है कि वह न सिर्फ इस सेक्टर को लीड करना चाहता है, बल्कि इसे नीति के स्तर पर भी सुरक्षित और स्थिर बनाना चाहता है।

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इवेंट-बेस्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Probo की जबरदस्त ग्रोथ,

Probo

इवेंट-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Probo ने बीते तीन वित्तीय वर्षों में तेजी से ग्रोथ दर्ज की है। कंपनी का रेवेन्यू FY22 में 2.6 करोड़ रुपये से बढ़कर FY23 में 86 करोड़ रुपये हुआ, और FY24 में यह 450 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया—जो साल-दर-साल 5.3 गुना वृद्धि को दर्शाता है। खास बात यह है कि Peak XV समर्थित इस कंपनी का शुद्ध लाभ (Net Profit) भी 25 गुना बढ़कर लगभग 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।


Probo की शानदार ग्रोथ: आंकड़ों पर एक नजर

वित्तीय वर्षराजस्व (Revenue)शुद्ध लाभ (Net Profit)
FY22₹2.6 करोड़
FY23₹86 करोड़₹3.7 करोड़
FY24₹459 करोड़₹92 करोड़

Probo की ऑपरेशनल इनकम FY24 में 459 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 86 करोड़ रुपये की तुलना में 5.3 गुना अधिक है।


Probo क्या करता है?

2019 में सचिन गुप्ता और आशीष गर्ग द्वारा स्थापित, Probo एक इवेंट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जहां यूजर्स अपने विचारों को विभिन्न फ्यूचर इवेंट्स पर ट्रेड कर सकते हैं।

इसमें प्रमुख श्रेणियों में शामिल हैं:

क्रिकेट और फुटबॉल
फाइनेंस और स्टॉक्स
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री
स्टार्टअप्स और बिजनेस

यूजर्स इस प्लेटफॉर्म पर अपने अनुमान के आधार पर ट्रेड करते हैं, जिससे कंपनी के लिए नया रेवेन्यू मॉडल बनता है।


कमाई का मुख्य स्रोत

Probo की आय का मुख्य स्रोत प्लेटफॉर्म फीस है, जो यूजर्स से प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए ली जाती है।

  • FY24 में, प्लेटफॉर्म फीस के जरिए Probo की कमाई 5.4 गुना बढ़कर ₹449 करोड़ तक पहुंच गई।
  • यह कुल आय का 97.8% हिस्सा है।
  • अन्य स्रोतों से 25 करोड़ रुपये की आय हुई, जिसमें मौजूदा निवेशों पर ब्याज और अन्य सेवाएं शामिल थीं।
  • FY24 की कुल आय ₹474 करोड़ रही।

खर्च में भारी इजाफा, लेकिन बैलेंस बना रहा

तेजी से बढ़ते प्लेटफॉर्म के साथ, Probo का कुल खर्च भी FY24 में 3.5 गुना बढ़कर ₹351 करोड़ हो गया।

प्रमुख खर्चों का ब्रेकडाउन:

1️⃣ विज्ञापन और प्रमोशन:

  • Probo की लोकप्रियता में YouTube इन्फ्लुएंसर्स का अहम योगदान रहा है।
  • FY24 में कंपनी ने अपने कुल खर्च का 77% यानी ₹271 करोड़ मार्केटिंग पर खर्च किया।
  • यह FY23 के ₹52 करोड़ के मुकाबले 5.2 गुना ज्यादा है।

2️⃣ कर्मचारियों का वेतन:

  • FY24 में कर्मचारी लाभ पर खर्च 27% बढ़कर ₹28 करोड़ हुआ।

3️⃣ अन्य परिचालन खर्च:

  • इसमें IT इंफ्रास्ट्रक्चर, प्लेटफॉर्म इंटीग्रेशन, लीगल फीस, ट्रैवलिंग और अन्य खर्च शामिल हैं।
  • FY24 में यह खर्च कुल ₹351 करोड़ तक पहुंच गया।

25X शुद्ध लाभ: खर्च कम, मुनाफा ज्यादा!

Probo ने FY24 में 92 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो FY23 में मात्र 3.7 करोड़ रुपये था।

  • 25X की वृद्धि Probo को भारतीय फिनटेक और इवेंट ट्रेडिंग स्पेस में एक सशक्त खिलाड़ी बना रही है।
  • FY24 में कंपनी ने हर ₹1 कमाने के लिए सिर्फ ₹0.76 खर्च किए, जो इसकी मजबूत फाइनेंशियल पोजिशन को दर्शाता है।

भविष्य की योजनाएं

Probo की शानदार ग्रोथ यह संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में कंपनी और भी बड़ा विस्तार कर सकती है। संभावित योजनाएं:

📌 AI और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग: भविष्यवाणी ट्रेडिंग को और बेहतर बनाने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग।
📌 नई कैटेगरी का विस्तार: क्रिकेट, स्टॉक्स और एंटरटेनमेंट से आगे बढ़कर और अधिक इंडस्ट्रीज में विस्तार।
📌 इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में बड़ा निवेश: सोशल मीडिया और वीडियो कंटेंट के जरिए नए यूजर्स को आकर्षित करना।
📌 नए रेवेन्यू मॉडल: प्लेटफॉर्म फीस के अलावा अन्य सेवाओं को मॉनेटाइज करने के नए तरीके ढूंढना।


निष्कर्ष

Probo ने पिछले तीन सालों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है और FY24 में 459 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 92 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाकर भारतीय इवेंट-ट्रेडिंग मार्केट में अपनी अलग पहचान बना ली है।

5.3X रेवेन्यू ग्रोथ
25X शुद्ध लाभ में इजाफा
77% खर्च मार्केटिंग पर, जिससे प्लेटफॉर्म की पॉपुलैरिटी बढ़ी

Probo का बिजनेस मॉडल और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस दिखाता है कि यह आने वाले वर्षों में एक बड़ी गेम-चेंजर कंपनी बन सकती है! 🚀

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