📊 रेवेन्यू 24.5% बढ़ा, लेकिन लॉस 87% उछलकर ₹90 करोड़ पहुंचा
मुंबई स्थित AI-हेल्थटेक स्टार्टअप Qure.ai ने वित्त वर्ष 2024–25 (FY25) में अच्छी रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की, लेकिन कंपनी का घाटा लगभग दोगुना होकर ₹90 करोड़ तक पहुंच गया। यह साफ दिखाता है कि भले ही कंपनी का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा हो, पर उसके खर्चों का दबाव अब भी बना हुआ है।
💰 रेवेन्यू में 24.5% की बढ़ोतरी
कंपनी के ऑपरेटिंग रेवेन्यू में 24.5% की वृद्धि हुई और यह FY24 के ₹141 करोड़ से बढ़कर FY25 में ₹175.5 करोड़ हो गया।
📦 Qure.ai की मुख्य आय उसके AI-ड्रिवन रेडियोलॉजी सॉल्यूशंस से आती है, जिनसे डॉक्टरों को टीबी, फेफड़ों के कैंसर, स्ट्रोक जैसी बीमारियों का निदान करने में मदद मिलती है।
इन सॉल्यूशंस की बिक्री FY25 में ₹151 करोड़ तक पहुंची, जो कुल रेवेन्यू का 86% हिस्सा रही।
बाकी रेवेन्यू हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स की बिक्री से आया।
🌍 इंटरनेशनल मार्केट बनी ताकत
Qure.ai की ग्रोथ का सबसे बड़ा इंजन रहा उसका ग्लोबल मार्केट।
- भारत के बाहर से कंपनी ने FY25 में ₹174 करोड़ की कमाई की, जो 39.6% YoY ग्रोथ दर्शाती है।
- कुल रेवेन्यू का 99% हिस्सा ओवरसीज मार्केट्स से आया।
- वहीं, भारतीय बाजार से आय में 80% की गिरावट आई — FY24 के मुकाबले FY25 में यह सिर्फ ₹1.3 करोड़ रही।
इससे साफ है कि Qure.ai फिलहाल भारत की तुलना में विदेशों में ज्यादा मजबूत पकड़ बना चुका है।
🧾 खर्चों का बोझ बढ़ता जा रहा है
कंपनी के कुल खर्च FY25 में ₹279 करोड़ रहे, जो FY24 के ₹201 करोड़ से 39% अधिक हैं।
सबसे बड़ा हिस्सा Employee Benefits पर गया —
- कर्मचारियों से जुड़ा खर्च FY25 में ₹133 करोड़ तक पहुंच गया (FY24 में ₹109 करोड़)।
- यानी कुल खर्च का 48% हिस्सा सिर्फ वेतन और स्टाफ खर्चों पर गया।
अन्य प्रमुख खर्चों में —
- ⚖️ Legal & Professional Fees: ₹37 करोड़
- ☁️ Cloud Computing Charges: ₹18 करोड़ (लगभग दोगुना)
- 🏗️ Depreciation: ₹22 करोड़ (FY24 के ₹12 करोड़ से लगभग 83% की बढ़ोतरी)
💡 कुल मिलाकर, कंपनी का खर्च उसकी आय से कहीं ज्यादा तेज़ी से बढ़ा है।
📉 घाटे में 87% की छलांग
कुल खर्च बढ़ने के कारण Qure.ai का घाटा FY25 में ₹90 करोड़ पहुंच गया, जो FY24 के ₹48 करोड़ से लगभग 87.5% ज्यादा है।
- कंपनी का EBITDA मार्जिन -45.3% पर रहा (अब भी गहरा घाटा)।
- ROCE -20.99%, जो बताता है कि निवेश पर रिटर्न अभी भी नकारात्मक है।
💸 कंपनी ने FY25 में हर ₹1 की ऑपरेटिंग इनकम के लिए ₹1.59 खर्च किए, यानी ग्रोथ के साथ एफिशिएंसी अब भी चुनौती बनी हुई है।
🏦 बैलेंस शीट पर स्थिति
FY25 में कंपनी के पास ₹406 करोड़ के करेंट एसेट्स थे, जिनमें शामिल हैं —
- ₹35 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस
- बाकी रकम रिसीवेबल्स और अन्य एसेट्स में
यह दर्शाता है कि कंपनी के पास अगले कुछ वर्षों के लिए ऑपरेशनल स्थिरता बनाए रखने की पर्याप्त क्षमता है।
💸 निवेश और ओनरशिप स्ट्रक्चर
TheKredible के मुताबिक, Qure.ai अब तक कुल $121 मिलियन (लगभग ₹1,000 करोड़) फंडिंग जुटा चुकी है।
इसके प्रमुख निवेशक हैं —
- Peak XV Partners (पूर्व में Sequoia India)
- HealthQuad
- Novo Holdings
कंपनी के संस्थापक और CEO, प्रशांत वारियर (Prashant Warier) के पास कंपनी की 3.55% हिस्सेदारी है।
🧬 Qure.ai क्या करती है?
Qure.ai का AI प्लेटफॉर्म डॉक्टरों को एक्स-रे, सीटी स्कैन और अन्य रेडियोलॉजी रिपोर्ट्स में तेज़ और सटीक विश्लेषण करने में मदद करता है।
कंपनी के प्रोडक्ट्स दुनिया भर के अस्पतालों, NGOs और सरकारी स्वास्थ्य एजेंसियों में इस्तेमाल हो रहे हैं।
इनके प्रमुख सॉल्यूशंस —
- qXR: फेफड़ों की बीमारियों और टीबी के निदान में मदद
- qER: स्ट्रोक, हेमरेज और अन्य न्यूरोलॉजिकल स्कैन के लिए
- qQuant: कैंसर स्कैन और प्रोग्नोसिस मॉनिटरिंग में सहायक
🌐 कंपनी के क्लाइंट्स में WHO, Gates Foundation और कई अंतरराष्ट्रीय हेल्थ संस्थाएं शामिल हैं।
🧩 FundingRaised विश्लेषण
| मेट्रिक | FY25 | FY24 | बदलाव |
|---|---|---|---|
| ऑपरेटिंग रेवेन्यू | ₹175.5 करोड़ | ₹141 करोड़ | 🔼 +24.5% |
| कुल खर्च | ₹279 करोड़ | ₹201 करोड़ | 🔼 +39% |
| नेट लॉस | ₹90 करोड़ | ₹48 करोड़ | 🔼 +87.5% |
| EBITDA मार्जिन | -45.3% | -34.1% | ⚠️ गिरावट |
| ROCE | -20.99% | -14.8% | ⚠️ नकारात्मक |
🔍 निष्कर्ष
Qure.ai का FY25 प्रदर्शन बताता है कि कंपनी की ग्लोबल मौजूदगी मजबूत है और AI-ड्रिवन हेल्थकेयर सॉल्यूशंस में इसकी पकड़ गहरी हो रही है।
लेकिन दूसरी तरफ, बढ़ते खर्च और बढ़ता घाटा कंपनी के प्रॉफिटेबिलिटी रोडमैप के लिए बड़ी चुनौती हैं।
💬 अगर Qure.ai को अगले स्तर पर जाना है, तो उसे अपने खर्चों को नियंत्रित कर स्केलेबल रेवेन्यू मॉडल अपनाना होगा।
AI-हेल्थ सेक्टर में प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है, और ऐसे में फाइनेंशियल हेल्थ को मजबूत रखना ही सफलता की कुंजी होगी।


