भारत का डिस्ट्रिब्यूशन और सप्लाई चेन सेक्टर तेजी से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर बढ़ रहा है, और इसी बदलाव में एक अहम खिलाड़ी है Ripplr। कंपनी ने अपने Series C फंडिंग राउंड में $45 million (करीब ₹375 करोड़) जुटाए हैं। इस राउंड में State Bank of India (SBI) के साथ कंपनी के मौजूदा निवेशकों—3one4 Capital, Zephyr Peacock और Sojitz Corporation—ने हिस्सा लिया है।
यह निवेश ऐसे समय में आया है जब भारत का FMCG और सप्लाई चेन इकोसिस्टम तकनीक-आधारित समाधान की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और ब्रांड्स को एक भरोसेमंद, तेज व स्केलेबल नेटवर्क की पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है।
💸 फंडिंग का ब्रेकअप: कितना पैसा कहाँ से आया?
Ripplr ने अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन 3one4 Capital के ब्लॉग और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार—
- कुल फंडिंग: $45 million
- प्राइमरी कैपिटल: लगभग $30–32 million
- सेकेंडरी सेल: करीब $10 million
इससे पहले भी Ripplr ने $56 million से अधिक इक्विटी और डेब्ट के रूप में जुटाए थे। यह Series C राउंड Ripplr की ग्रोथ और मार्केट लीडरशिप को और अधिक मजबूती देगा।
🏬 Ripplr क्या करता है?
Ripplr एक टेक-फर्स्ट, फुल-स्टैक डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क चलाने वाली कंपनी है। इसकी सेवाएँ ब्रांड्स को एंड-टू-एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट में मदद करती हैं—यानी डिमांड से लेकर डिलीवरी तक की पूरी प्रक्रिया एक ही प्लेटफॉर्म पर।
कंपनी की विशेषताएँ:
- 🔹 लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट
- 🔹 ऑन-ग्राउंड एक्सीक्यूशन
- 🔹 इन्वेंट्री इंटेलिजेंस
- 🔹 रिटेलर रिलेशनशिप नेटवर्क
इस अनोखे मॉडल के कारण Ripplr भारतीय रिटेल इकोसिस्टम में एक मजबूत और भरोसेमंद पार्टनर के रूप में सामने आया है।
🛒 किन ब्रांड्स तक पहुंचता है Ripplr?
कंपनी का दावा है कि उसका नेटवर्क अब—
- 1 लाख से अधिक रिटेलर्स तक पहुँच चुका है
- हर महीने लाखों ऑर्डर प्रोसेस करता है
Ripplr कई बड़े उपभोक्ता ब्रांड्स के लिए सप्लाई चेन चलाता है, जिनमें शामिल हैं:
- Unilever
- Nestlé
- Tata Consumer
- Godrej
- Nivea
- Dabur
इन कंपनियों का भरोसा दिखाता है कि Ripplr का मॉडल भारतीय बाजार की जरूरतों के साथ पूरी तरह फिट बैठता है।
📈 कंपनी की ग्रोथ: FY25 के आँकड़े
स्टार्टअप डेटा प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार:
🔹 Revenue Growth
- FY24: ₹1,028 करोड़
- FY25: ₹1,164 करोड़
➡️ 13% की सालाना वृद्धि
🔹 Profit/Loss
- FY24: ₹90 करोड़ का घाटा
- FY25: ₹91 करोड़ का घाटा
➡️ नुकसान लगभग समान रहा, लेकिन ऑपरेशनल क्षमता में सुधार दिखाई देता है।
Ripplr अभी भी प्रॉफिटेबल नहीं है, लेकिन इसका फोकस स्पष्ट रूप से स्केल, नेटवर्क और टेक-इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर है।
🔧 टेक्नोलॉजी + ऑपरेशंस = Ripplr का मजबूत मॉडल
भारत जैसे देश में, जहाँ—
- FMCG नेटवर्क जटिल है
- छोटे दुकानदारों तक पहुँच महत्वपूर्ण है
- बार-बार बदलते डिमांड पैटर्न को मैनेज करना चुनौती है
Ripplr का टेक-ड्रिवन नेटवर्क इसे बाकी पारंपरिक डिस्ट्रीब्यूशन मॉडलों से अलग बनाता है। कंपनी का मानना है कि “डिस्ट्रीब्यूशन सिर्फ लॉजिस्टिक्स नहीं है, बल्कि फ्लो ऑफ इनफॉर्मेशन भी है।”
यही कारण है कि Ripplr ने इन्वेंट्री इंटेलिजेंस और प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स में भारी निवेश किया है।
🚀 फंडिंग का इस्तेमाल: आगे क्या प्लान है?
Ripplr Series C की नई राशि का उपयोग इन सेक्टर्स में करेगी:
- टेक स्टैक को मजबूत करना
- नए शहरों में विस्तार
- सप्लाई चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना
- रिटेल नेटवर्क को डीपेन करना
- वर्किंग कैपिटल की जरूरतें
कंपनी भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में तेजी से विस्तार कर रही है, जहाँ संगठित डिस्ट्रीब्यूशन की भारी कमी है।
🌐 क्यों महत्वपूर्ण है Ripplr का यह फंडिंग राउंड?
भारत में डिस्ट्रिब्यूशन अभी भी काफी हद तक—
- मैन्युअल
- बिखरा हुआ
- असंगठित
है। ऐसे में Ripplr जैसा डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म बाजार में बड़ा बदलाव ला सकता है।
साथ ही, SBI जैसे दिग्गज संस्थान की भागीदारी से कंपनी की विश्वसनीयता और मार्केट वेलिडेशन और अधिक मजबूत हुआ है।
📝 निष्कर्ष
Ripplr का नया Series C राउंड भारतीय सप्लाई चेन और डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर के लिए एक बड़ा संकेत है कि अब समय टेक-फर्स्ट और डेटा-ड्रिवन मॉडल्स का है।
कंपनी का नेटवर्क, ब्रांड्स का भरोसा और लगातार बढ़ता ग्रोथ कर्व यह बताता है कि Ripplr आने वाले वर्षों में इस स्पेस का एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है।
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