भारत में गोल्ड प्राइस लगातार रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच रहे हैं, और इसी बीच डिजिटल गोल्ड प्लेटफ़ॉर्म Safegold ने भी बीते वित्त वर्ष में अपनी रफ्तार बनाए रखी। हालांकि FY25 में कंपनी की ग्रोथ FY23 और FY24 की तेज़ रफ्तार की तुलना में धीमी रही, लेकिन सबसे अहम बात यह है कि Safegold ने पहली बार EBITDA पॉज़िटिव होने का महत्वपूर्ण माइलस्टोन हासिल कर लिया है।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ (RoC) में फ़ाइल की गई वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, Safegold ने FY25 में Rs 6,867 करोड़ का ग्रॉस रेवेन्यू दर्ज किया, जो FY24 के Rs 6,116 करोड़ से 12% अधिक है।
📈 राजस्व में 12% की बढ़ोतरी — क्यों धीमी हुई ग्रोथ?
पिछले दो वर्षों की तुलना में FY25 का ग्रोथ रेट काफी कम रहा:
- FY23 → 82% ग्रोथ
- FY24 → 36% ग्रोथ
- FY25 → सिर्फ 12% ग्रोथ
गोल्ड प्राइस में भारी उछाल और बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने कंपनी की ग्रोथ को सीमित किया। फिर भी, Safegold ने अपनी मजबूत मार्केट उपस्थिति के चलते स्थिर रेवेन्यू बनाए रखा।
🟡 Safegold क्या करता है?
Safegold एक ऐसी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जहाँ ग्राहक:
- कम से कम रकम में गोल्ड खरीद सकते हैं
- गोल्ड को सेफ वॉल्ट में स्टोर कर सकते हैं
- कभी भी डिजिटल गोल्ड बेच सकते हैं
- डिजिटल गोल्ड को Tanishq और CaratLane जैसी बड़ी ज्वेलरी ब्रांड्स के ज़रिए ज्वेलरी में कन्वर्ट कर सकते हैं
इस मॉडल ने Safegold को भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल गोल्ड मार्केट में मज़बूत जगह दिलाई है।
🛒 रेवेन्यू ब्रेकडाउन — 99% कमाई डिजिटल गोल्ड सेल से
FY25 में कंपनी का कुल रेवेन्यू था Rs 6,867 करोड़, जिसमें से:
- Rs 6,839 करोड़ डिजिटल गोल्ड की बिक्री से आया
- Rs 27 करोड़ अन्य ऑपरेटिंग रेवेन्यू से आया
कंपनी गोल्ड को भारतीय और इंटरनेशनल रिफाइनरीज़, कस्टोडियंस और ट्रस्टेड पार्टनर्स से सोर्स करती है। खर्चों का 99.2% हिस्सा गोल्ड खरीदने पर ही जाता है।
💸 खर्च बढ़े पर कंट्रोल में — EBITDA बना पॉज़िटिव
FY25 में कंपनी के कुल खर्च Rs 6,895 करोड़ रहे, जिनमें शामिल हैं:
- गोल्ड सोर्सिंग कॉस्ट: Rs 6,809 करोड़
- कर्मचारी खर्च: Rs 12.44 करोड़
- अन्य खर्च (legal, distribution, advertising): Rs 30.83 करोड़
हालांकि Safegold को Rs 12.2 करोड़ का नेट लॉस हुआ, लेकिन इसमें Rs 14.48 करोड़ की एक बार की exceptional losses शामिल हैं।
📌 ऑपरेशनल स्तर पर कंपनी ने Rs 2 करोड़ EBITDA पॉज़िटिव दर्ज किया—यह डिजिटल गोल्ड सेक्टर के लिए एक अहम उपलब्धि है।
📊 महत्वपूर्ण वित्तीय अनुपात
- EBITDA मार्जिन: 0.03%
- ROCE: 32.77%
- Unit Economics: 1 रुपया कमाने में 1 रुपया खर्च
FY25 के अंत तक कंपनी के current assets थे:
- कुल: Rs 56.74 करोड़
- Cash & Bank Balance: Rs 32 करोड़
🤝 कौन हैं Safegold के निवेशक?
TheKredible के अनुसार कंपनी ने अब तक $2 मिलियन से अधिक फंडिंग जुटाई है। प्रमुख निवेशक हैं:
- Pravega Ventures
- Beenext
- Angel Investors जैसे Rajan Anandan, Roshan Angrish, Prashant Malik, Niraj Shah
कंपनी ने सीमित फंडिंग में भी मजबूत रेवेन्यू स्केल हासिल कर लिया है।
🏆 डिजिटल गोल्ड पर बढ़ रहा विश्वास — लेकिन चुनौतियाँ भी जारी
भारत में डिजिटल गोल्ड निवेश तेजी से बढ़ रहा है। लाखों लोग अब मोबाइल ऐप्स के माध्यम से हर दिन छोटी-छोटी मात्रा में गोल्ड खरीद रहे हैं।
SEBI ने हाल ही में स्पष्ट किया कि डिजिटल गोल्ड SEBI के रेगुलेशन के तहत नहीं आता, जिससे:
- बाज़ार में अस्पष्टता कम हुई है
- लेकिन प्लेटफ़ॉर्म्स पर सेल्फ-रेगुलेशन की बड़ी ज़िम्मेदारी बढ़ी है
यदि कंपनियाँ vault auditing, customer protection और quality transparency का सही पालन न करें, तो यह श्रेणी रिस्क में पड़ सकती है।
🔮 आगे का रास्ता — FY26 में क्या उम्मीद?
FY25 के स्थिर प्रदर्शन और EBITDA पॉज़िटिविटी के आधार पर, Safegold के लिए आगे का साल महत्वपूर्ण होगा।
- डिजिटल गोल्ड की बढ़ती डिमांड
- फिनटेक पार्टनरशिप्स
- ज्वैलरी ब्रांड टाई-अप
- नए यूज़र्स की तेज़ बढ़ोतरी
इन सभी वजहों से FY26 में कंपनी 7,000–8,000 करोड़ के रेवेन्यू स्तर को आसानी से पार कर सकती है।
📝 निष्कर्ष
Safegold ने FY25 में भले ही धीमी ग्रोथ का सामना किया हो, लेकिन:
- EBITDA पॉज़िटिव होना
- मजबूत रेवेन्यू स्केल
- डिजिटल गोल्ड की बढ़ती लोकप्रियता
- और नए निवेशकों का विश्वास
इन सबके मिलकर यह साबित करते हैं कि Safegold आने वाले वर्षों में भारत के डिजिटल गोल्ड सेक्टर का सबसे बड़ा खिलाड़ी बन सकता है।
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