भारत में डिफेंस और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, बेंगलुरु स्थित Sanlayan Technologies ने ₹186 करोड़ (लगभग $22 मिलियन) की Series A फंडिंग जुटाई है। इस राउंड का नेतृत्व किए हैं प्रमुख निवेशकों आशीष कचोलिया, लशित संघवी और Jungle Ventures ने, जबकि मौजूदा निवेशक Gemba Capital, Singularity Ventures और नए निवेशक Shastra VC ने भी भागीदारी की है।
यह निवेश सिर्फ कंपनी के विस्तार के लिए नहीं, बल्कि भारत को रक्षा तकनीक में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।
👨🔬 इंजीनियरिंग टीम में पांच गुना विस्तार की योजना
Sanlayan ने बताया कि वह अगले 6 महीनों में अपनी इंजीनियरिंग टीम को 5 गुना तक बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी सक्रिय रूप से:
- डोमेन एक्सपर्ट्स
- R&D साइंटिस्ट्स
- रिटायर्ड आर्म्ड फोर्सेस वेटरन्स
- सार्वजनिक और निजी डिफेंस कंपनियों के सीनियर लीडर्स
को हायर कर रही है।
कंपनी का मानना है कि भारत में रक्षा तकनीक के क्षेत्र में इनोवेशन को तभी आगे बढ़ाया जा सकता है, जब अनुभव और आधुनिक तकनीक का सही तालमेल हो।
🛡️ Sanlayan का फोकस: Radar से लेकर Electronic Warfare तक
Sanlayan Technologies की स्थापना Zetwerk के पूर्व कर्मचारियों अभिजीत कोठावले, रोहन गाला, और राहुल वम्सिधर ने की थी। कंपनी का फोकस है:
- Radar सिस्टम
- Electronic Warfare (EW)
- Mission-Critical Avionics
- CUAS (Counter Unmanned Aerial Systems)
- AESAR (Active Electronically Scanned Array Radar)
जैसे एडवांस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स को भारत में डिजाइन और डिवेलप करना।
Sanlayan ने मार्च 2023 में $4.4 मिलियन की सीड फंडिंग भी हासिल की थी जिसमें शामिल थे First Cheque, Gemba Capital, और Singularity Ventures।
🛠️ Inorganic ग्रोथ: Dexcel Electronics का अधिग्रहण
Sanlayan Technologies ने हाल ही में 20 साल पुरानी एम्बेडेड सिस्टम्स फर्म Dexcel Electronics में बहुलांश हिस्सेदारी (majority stake) खरीदी है। यह अधिग्रहण Sanlayan की मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन क्षमताओं को काफी मजबूत करता है।
Dexcel Electronics का योगदान भारत के कई अहम डिफेंस और स्पेस प्रोग्राम्स में रहा है, जैसे:
- Jaguar फाइटर जेट
- Sukhoi Su-30 MKI
- LCA Tejas
- Chandrayaan-3
Sanlayan अब Dexcel की क्षमताओं का लाभ उठाकर बड़े पैमाने पर indigenisation और सिस्टम अपग्रेड प्रोग्राम्स को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है।
💬 को-फाउंडर रोहन गाला का बयान
Sanlayan के को-फाउंडर और CEO रोहन गाला ने कहा:
“हम अपनी क्षमताओं का विस्तार ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक दोनों तरीकों से कर रहे हैं। हमने CUAS और EW सिस्टम्स के लिए क्रिटिकल टेक्नोलॉजीज के स्वतः विकास हेतु पूंजी आवंटित की है।”
उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी अब बड़े स्केल पर भारत के लिए advanced defence और aerospace solutions तैयार करने के लिए तैयार है।
🔭 भविष्य की परियोजनाएं: UUV के लिए AESA Radar
Sanlayan अपनी इन-हाउस R&D क्षमताओं का उपयोग करके भारत के Unmanned Underwater Vehicle (UUV) प्रोग्राम के लिए AESA Radar भी डिवेलप कर रहा है। यह भारत के डिफेंस इनोवेशन क्षेत्र में एक बड़ा माइलस्टोन माना जा रहा है।
🧱 आत्मनिर्भर भारत के सपने को मिल रहा समर्थन
Sanlayan का यह फंडिंग राउंड भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों को मजबूत करता है। भारत को अब रक्षा और एयरोस्पेस तकनीकों के लिए विदेशी निर्भरता से छुटकारा दिलाने का समय आ गया है, और Sanlayan जैसे स्टार्टअप्स इस दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
💡 निष्कर्ष
Sanlayan Technologies का यह नया फंडिंग राउंड भारत के लिए एक उम्मीद की किरण है, खासकर उस समय जब देश रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
इस अधिग्रहण और नए निवेश के साथ, Sanlayan न केवल भारत में उन्नत तकनीकों को जन्म देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय डिफेंस टेक स्टार्टअप्स की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाएगा।
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