🚨 SEBI का बड़ा एक्शन! Droneacharya Aerial Innovations पर 2 साल का मार्केट बैन

SEBI

💥 फर्जी राजस्व, फंड डाइवर्जन और गलत जानकारी—ड्रोन स्टार्टअप पर लगा कड़ा शिकंजा

भारतीय शेयर बाज़ार नियामक SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने पुणे-आधारित ड्रोन स्टार्टअप Droneacharya Aerial Innovations और इसके प्रमोटर-डायरेक्टर्स प्रतीक श्रीवास्तव और निकिता श्रीवास्तव पर दो साल का मार्केट बैन लगा दिया है।
SEBI ने कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि स्टार्टअप ने ग़लत बयानों, फंड की हेराफेरी और फर्जी राजस्व दिखाकर निवेशकों को गुमराह किया—वह भी IPO से पहले और बाद में।


📌 IPO में उठाए ₹34 करोड़, लेकिन इस्तेमाल कहीं और!

Droneacharya दिसंबर 2022 में BSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हुई थी। कंपनी ने IPO के जरिए लगभग ₹34 करोड़ जुटाए थे और निवेशकों को बताया था कि लगभग ₹27.98 करोड़ ड्रोन और एक्सेसरीज़ खरीदने पर खर्च किए जाएंगे।

लेकिन SEBI की जांच कुछ और ही तस्वीर बताती है:

❌ ड्रोन खरीद पर खर्च: सिर्फ ₹70 लाख

❌ बाकी ₹27 करोड़: संदिग्ध “सॉफ़्टवेयर और कंप्यूटर आइटम” की खरीद

SEBI के अनुसार—

  • कंपनी ने इन खरीदारियों के कोटेशन IPO दस्तावेज़ में शामिल नहीं किए।
  • कई इनवॉइस बाज़ार कीमत से अलग और फर्जी थीं।
  • कुछ विक्रेता सॉफ़्टवेयर व्यवसाय में थे ही नहीं!

SEBI ने इसे “mis-utilised, siphoned and misrepresented” यानी गलत इस्तेमाल, हेराफेरी और ग़लत बयानी बताया।


📉 फर्जी रेवेन्यू: FY24 के आंकड़ों में बड़ा खेल

SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक ड्रोन कंपनी ने FY24 में लगभग ₹12.35 करोड़ का फर्जी राजस्व दिखाया।
यह आय दो कंपनियों—Triconix और IRed—के नाम पर बुक की गई थी।

👉 लेकिन SEBI ने पाया कि:

  • कोई सेवा नहीं दी गई,
  • कोई सामान नहीं भेजा गया,
  • कोई वास्तविक बिज़नेस लेनदेन हुआ ही नहीं।

कुल राजस्व का 35% हिस्सा फर्जी था
अगर यह फर्जी आय हटाई जाए, तो कंपनी को लाभ नहीं, बल्कि प्री-टैक्स नुकसान दिखाना चाहिए था।

फिर भी कंपनी ने FY24 में ₹8.44 करोड़ का मुनाफा दिखाया।
SEBI के अनुसार “प्रमोटर्स ने जानबूझकर गलत प्रदर्शन दिखाया ताकि कंपनी की ग्रोथ का झूठा आभास बने।”


🧧 Pre-IPO फंडिंग भी सवालों के घेरे में

IPO से पहले, फरवरी से जून 2022 के बीच, कंपनी ने:

  • 60,000+ OCPS (optionally convertible preference shares)
  • 199 निवेशकों को जारी किए
  • और ₹32.35 करोड़ जुटाए

SEBI ने पाया कि:

  • कई निवेशकों, जिनमें सेलिब्रिटीज भी शामिल थे, को “जल्द लिस्टिंग” का मौखिक भरोसा दिया गया।
  • कंपनी ने लिस्टिंग के तुरंत बाद लगातार “misleading announcements” जारी किए ताकि शेयर में रुचि बनी रहे।

📈 168 प्री-IPO निवेशकों ने लिस्टिंग के बाद ₹89.6 करोड़ का मुनाफा कमाया।
एक निवेशक—Instafin Financial Advisors के पार्टनर की बेटी—को 5,800% रिटर्न मिला।


🔥 Related-party transactions: प्रमोटर्स की कंपनी को ₹10.6 करोड़ ट्रांसफर

SEBI ने एक और बड़ा खुलासा किया—
Droneacharya ने Awyam Synergies नाम की एक कंपनी को लगभग ₹10.6 करोड़ ट्रांसफर किए,
जो पूरी तरह प्रमोटर्स के स्वामित्व वाली कंपनी थी!

यह जानकारी न:

  • IPO डॉक्यूमेंट में,
  • न वार्षिक फाइलिंग में दर्ज की गई थी।

⚠️ ऑडिटर्स और वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार

SEBI ने ऑडिटर, कंप्लायंस अधिकारी और मर्चेंट बैंकर पर भी कड़ी टिप्पणियाँ कीं।
उन पर आरोप है कि:

  • फर्जी इनवॉइस,
  • गलत जानकारी,
  • डाइवर्टेड फंड्स
    को या तो नजरअंदाज किया गया या रोकने में असफल रहे।

🏛️ SME प्लेटफॉर्म के लिए बड़ा संदेश

Droneacharya पर यह कार्रवाई हाल के महीनों में SME मार्केट में SEBI की सबसे सख्त कार्रवाइयों में से एक है।

भारत में SME स्टार्टअप्स की लिस्टिंग तेज़ी से बढ़ रही है, ऐसे में SEBI का कड़ा रुख निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की विश्वसनीयता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।


🛰️ ड्रोन सेक्टर पर असर?

ड्रोन सेक्टर भारत में तेजी से बढ़ रहा है—
कई स्टार्टअप्स ड्रोन्स, सर्वे, मैपिंग, AI और एरियल डेटा सर्विसेज में सक्रिय हैं।

लेकिन इस घटना से:

  • निवेशकों का भरोसा हिल सकता है,
  • रेगुलेशन और कड़ा हो सकता है,
  • और स्टार्टअप्स को पारदर्शिता पर ज्यादा ध्यान देना पड़ेगा।

📝 निष्कर्ष

SEBI के अनुसार Droneacharya ने:

  • IPO फंड्स का गलत उपयोग किया,
  • फर्जी राजस्व दिखाया,
  • निवेशकों को गुमराह किया,
  • संबंधित कंपनियों के साथ छिपे हुए लेनदेन किए।

इन गंभीर गड़बड़ियों के चलते:

🚫 कंपनी और इसके प्रमोटर्स पर 2 साल का मार्केट बैन लगा है।

यह मामला SME लिस्टिंग्स में बढ़ते नियामक कड़ेपन और पारदर्शिता की बढ़ती जरूरत की ओर इशारा करता है।

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