Head Digital Works ने Adda52 के मालिक Deltatech Gaming का अधिग्रहण किया,

Adda52

भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर तेज़ी से विकसित हो रहा है, और इसी दिशा में Head Digital Works (HDW) ने Deltatech Gaming का अधिग्रहण करने की घोषणा की है। Deltatech Gaming, भारत के प्रमुख ऑनलाइन पोकर प्लेटफॉर्म Adda52 का संचालक है।

➡️ इस अधिग्रहण से HDW अपने ऑनलाइन पोकर पोर्टफोलियो को मजबूत करने और इस सेगमेंट में अपनी पकड़ बढ़ाने की योजना बना रहा है।
➡️ यह अधिग्रहण ₹491 करोड़ ($57.5 मिलियन) में दो चरणों में पूरा किया जाएगा।
➡️ पहले चरण में, HDW Deltatech Gaming में 51% हिस्सेदारी खरीदेगा, जबकि डील पूरी होने के बाद DeltaCorp Limited के पास 5.7% हिस्सेदारी बनी रहेगी।


इस अधिग्रहण का उद्देश्य और प्रभाव

HDW और Adda52 के एकीकरण से भारत के ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव आ सकता है।

🎯 HDW को Adda52 की तकनीकी विशेषज्ञता और मार्केट लीडरशिप का लाभ मिलेगा।
🎯 Adda52 के प्लेटफॉर्म और HDW के यूजर बेस के मेल से, कंपनी अपनी पहुंच और रेवेन्यू बढ़ा सकेगी।
🎯 भारत में ऑनलाइन पोकर की बढ़ती लोकप्रियता के चलते, यह अधिग्रहण HDW को इस सेगमेंट में और मज़बूत बनाएगा।

👉 HDW का लक्ष्य ऑनलाइन गेमिंग मार्केट में अपनी स्थिति को और मजबूत करना है और इस अधिग्रहण से उसे नई टेक्नोलॉजी, नए यूजर्स और बेहतर गेमिंग अनुभव का फायदा मिलेगा।


Adda52: भारत में ऑनलाइन पोकर गेमिंग का लीडर

Adda52 को 2011 में लॉन्च किया गया था और यह भारत के सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन पोकर प्लेटफॉर्म्स में से एक है।

प्लेयर बेस: कैज़ुअल और प्रोफेशनल पोकर खिलाड़ियों का एक बड़ा नेटवर्क
गेम फॉर्मेट्स: विभिन्न प्रकार के टूर्नामेंट, कैश गेम्स और स्पेशल इवेंट्स
तकनीकी मजबूती: गेमिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए उन्नत टेक्नोलॉजी

HDW का यह अधिग्रहण ऑनलाइन पोकर गेमिंग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम करेगा।


Head Digital Works और A23 की ग्रोथ स्टोरी

Head Digital Works A23 गेमिंग प्लेटफॉर्म का संचालन करता है, जो भारत में 75 मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के साथ एक प्रमुख गेमिंग ब्रांड है।

🎮 A23 पर उपलब्ध गेम्स:
✔️ रम्मी
✔️ फैंटेसी स्पोर्ट्स
✔️ पोकर
✔️ कैरोम
✔️ पूल

➡️ A23 ने FY24 में ₹841 करोड़ का नेट रेवेन्यू दर्ज किया, जो FY23 के ₹839 करोड़ के लगभग समान था।
➡️ हालांकि, लागत नियंत्रण और अतिरिक्त आय में वृद्धि से कंपनी का शुद्ध लाभ 24% बढ़कर ₹72 करोड़ हो गया।
➡️ नवंबर 2023 में, A23 ने अपना पहला ESOP (Employee Stock Options) बायबैक प्रोग्राम पूरा किया, जिसकी कुल वैल्यू $3 मिलियन थी।

👉 A23 का यह लाभदायक प्रदर्शन दर्शाता है कि HDW अपने बिज़नेस को लगातार सही दिशा में ले जा रहा है।


भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बढ़ता बाजार

भारत में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर का तेज़ी से विकास हो रहा है, और इसके कुछ मुख्य कारण हैं:

📌 स्मार्टफोन और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच
📌 डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम का विस्तार
📌 गेमिंग में नए निवेश और अधिग्रहण
📌 यूजर्स के बीच ऑनलाइन पोकर और स्किल-आधारित गेमिंग की बढ़ती मांग

🎯 2025 तक, भारत का ऑनलाइन गेमिंग मार्केट $3.5 बिलियन से अधिक का हो सकता है।
🎯 ऑनलाइन पोकर सेगमेंट भी आने वाले वर्षों में बड़ी वृद्धि देखने वाला है।

👉 HDW और Adda52 का यह अधिग्रहण, भारतीय ऑनलाइन गेमिंग मार्केट में नई संभावनाओं को जन्म देगा।


अधिग्रहण के बाद की रणनीति और आगे की योजनाएं

HDW ने स्पष्ट किया है कि इस अधिग्रहण के जरिए वह भारत के ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में नई तकनीक, उन्नत सुविधाएं और एक व्यापक गेमिंग पोर्टफोलियो लाने की योजना बना रहा है।

✔️ Adda52 के गेमिंग प्लेटफॉर्म को और अधिक एडवांस टेक्नोलॉजी से अपग्रेड किया जाएगा।
✔️ यूजर एक्सपीरियंस को और बेहतर बनाने के लिए नए गेमिंग फीचर्स और टूर्नामेंट्स लॉन्च किए जाएंगे।
✔️ HDW नए ग्रोथ अवसरों की तलाश करेगा और अपने स्किल-आधारित गेमिंग बिजनेस का विस्तार करेगा।


निष्कर्ष: यह अधिग्रहण क्यों महत्वपूर्ण है?

🚀 भारत में ऑनलाइन गेमिंग तेजी से बढ़ रहा है, और इस अधिग्रहण से HDW और A23 को एक बड़ा फायदा मिलेगा।
🚀 Adda52 की तकनीकी क्षमताएं और HDW की व्यापक मार्केट पहुंच मिलकर एक मजबूत गेमिंग प्लेटफॉर्म बना सकती हैं।
🚀 A23 के 75 मिलियन+ यूजर्स को अब एक बेहतर पोकर अनुभव मिलेगा, जिससे HDW का रेवेन्यू और बढ़ सकता है।
🚀 यह डील भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री को और प्रतिस्पर्धात्मक बनाएगी और नए खिलाड़ियों को आकर्षित करेगी।

👉 क्या यह अधिग्रहण भारत में ऑनलाइन पोकर गेमिंग का भविष्य बदल सकता है? आने वाले वर्षों में इसका असर साफ़ दिखाई देगा! 🎮🔥

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MobiKwik ने Blostem Fintech में 3.39% हिस्सेदारी खरीदी,

MobiKwik

भारत के डिजिटल भुगतान और फिनटेक इकोसिस्टम में लगातार बदलाव हो रहे हैं। इसी दिशा में, MobiKwik ने Blostem Fintech में 3.39% हिस्सेदारी अधिग्रहित करने की घोषणा की है। यह निवेश ₹1.49 करोड़ का होगा, जो कि MobiKwik और Blostem के बीच मार्च 2024 में हुए शेयर सब्सक्रिप्शन और शेयरहोल्डर्स एग्रीमेंट के तहत दूसरा ट्रांच है।

इससे पहले, MobiKwik ने मार्च 2024 में ₹1.5 करोड़ का पहला निवेश किया था, जिसके बदले उसे Blostem में 3.40% हिस्सेदारी मिली थी। इस तरह, MobiKwik की कुल हिस्सेदारी अब 6.79% हो जाएगी, जिसमें कुल निवेश ₹3 करोड़ होगा।


Blostem Fintech: फिक्स्ड डिपॉजिट एग्रीगेशन में इनोवेशन

Blostem Fintech की स्थापना 2021 में रवि जैन और संदीप गर्ग ने की थी। यह कंपनी B2B बैंकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म के रूप में काम करती है और इसका मुख्य फोकस फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एग्रीगेशन पर है।

➡️ Blostem ने बैंकों और NBFCs के साथ रणनीतिक साझेदारी की है और उनके फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को API इंटीग्रेशन के जरिए डिजिटल रूप से उपलब्ध करा रहा है।
➡️ इसका प्लग-एंड-प्ले टेक्नोलॉजी स्टैक विभिन्न B2C प्लेटफॉर्म्स को बैंकिंग प्रोडक्ट्स वितरित करने की सुविधा देता है।
➡️ इसके जरिए बैंकिंग सेवाओं को तेज़, स्केलेबल और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।

Blostem के इनोवेटिव मॉडल की वजह से फिनटेक सेक्टर में इसकी ग्रोथ तेज़ी से हो रही है


Blostem Fintech की वित्तीय स्थिति

Blostem Fintech की ग्रोथ अभी शुरुआती स्तर पर है, लेकिन कंपनी का मॉडल बेहद संभावनाओं से भरा हुआ है।

📊 FY24 में कंपनी का कुल राजस्व: ₹30.76 लाख
📌 संचालन पूरे भारत में फैला हुआ है

➡️ भले ही कंपनी की मौजूदा आय कम है, लेकिन MobiKwik जैसे बड़े निवेशकों की रुचि यह दिखाती है कि Blostem का बिजनेस मॉडल भविष्य में बड़ा रेवेन्यू जेनरेट करने की क्षमता रखता है


MobiKwik की ग्रोथ और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस

MobiKwik, जो कि भारत के प्रमुख फिनटेक प्लेटफॉर्म्स में से एक है, अपनी फाइनेंशियल परफॉर्मेंस को लगातार सुधार रहा है।

📈 Q3 FY25 में संचालन से प्राप्त राजस्व ₹269 करोड़
📉 Q3 FY24 में यह था ₹229 करोड़
📉 Q2 FY25 की तुलना में 7.6% की गिरावट (₹291 करोड़ था)

🔹 MobiKwik का रजिस्टर्ड यूजर बेस: 172 मिलियन
🔹 MobiKwik से जुड़े मर्चेंट्स: 5 मिलियन
🔹 भुगतान GMV: ₹29,400 करोड़ (सालाना आधार पर दोगुना)

➡️ भले ही MobiKwik के अर्निंग्स में Q2 FY25 के मुकाबले गिरावट आई है, लेकिन लॉन्ग-टर्म में कंपनी की ग्रोथ मजबूत बनी हुई है।


MobiKwik और Blostem की साझेदारी क्यों अहम है?

1️⃣ फिक्स्ड डिपॉजिट मार्केट में डिजिटलीकरण
➡️ भारत में बैंकिंग सेवाओं को डिजिटल बनाने का एक बड़ा अवसर है। Blostem के API-संचालित समाधान MobiKwik के पेमेंट और फिनटेक इकोसिस्टम को और मजबूत करेंगे।

2️⃣ MobiKwik के फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स का विस्तार
➡️ यह साझेदारी MobiKwik को सिर्फ पेमेंट प्रोसेसिंग से आगे बढ़ाकर, बैंकिंग और इन्वेस्टमेंट सेगमेंट में विस्तार करने का अवसर देगी।

3️⃣ फिनटेक इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी का विकास
➡️ Blostem की प्लग-एंड-प्ले बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर MobiKwik को अपनी फाइनेंशियल सर्विसेज का पोर्टफोलियो बढ़ाने में मदद करेगी।


भारत में फिनटेक सेक्टर की तेजी से बढ़ती संभावनाएं

भारत का फिनटेक सेक्टर दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते सेक्टर्स में से एक है।

📌 2024 तक, भारत में फिनटेक सेक्टर की कुल वैल्यू: $150 बिलियन से अधिक
📌 डिजिटल पेमेंट्स, BNPL, और बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती मांग

➡️ MobiKwik और Blostem Fintech की यह साझेदारी भारत के तेजी से विकसित होते डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक इकोसिस्टम में नई संभावनाएं खोल सकती है।


निष्कर्ष: क्या MobiKwik और Blostem की साझेदारी फिनटेक इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव लाएगी?

🔹 MobiKwik का Blostem में निवेश यह दर्शाता है कि कंपनी सिर्फ डिजिटल पेमेंट्स तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि डिजिटल बैंकिंग और इन्वेस्टमेंट स्पेस में भी कदम रखना चाहती है।
🔹 Blostem Fintech की FD एग्रीगेशन और बैंकिंग API सॉल्यूशंस इस सेक्टर में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
🔹 भारत में डिजिटल बैंकिंग और NBFC इंटीग्रेशन बढ़ने के साथ, यह डील MobiKwik के लिए एक महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजिक स्टेप हो सकती है।

🚀 क्या यह साझेदारी MobiKwik को भारत के सबसे बड़े डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म्स में शामिल कर सकती है? आने वाले वर्षों में इसका असर देखने लायक होगा!

Read more :The Whole Truth ने सीरीज C फंडिंग में जुटाए $15 मिलियन,

The Whole Truth ने सीरीज C फंडिंग में जुटाए $15 मिलियन,

The Whole Truth

भारत में हेल्दी फूड और क्लीन-लेबल प्रोडक्ट्स की मांग लगातार बढ़ रही है। उपभोक्ता अब केवल स्वादिष्ट भोजन तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि वे हेल्दी, न्यूट्रिशियस और ट्रांसपेरेंट फूड ऑप्शंस की तलाश में हैं। The Whole Truth (TWT) इस ट्रेंड को भुनाने में सफल रहा है और हाल ही में $15 मिलियन (₹125 करोड़) की सीरीज C फंडिंग जुटाने के बाद, कंपनी और भी तेजी से आगे बढ़ने के लिए तैयार है।

📢 क्या है The Whole Truth  की खासियत?
➡️ कोई छुपी हुई सामग्री (Hidden Ingredients) नहीं
➡️ कोई प्रोसेस्ड शुगर नहीं
➡️ 100% ट्रांसपेरेंट लेबलिंग

इस रणनीति की वजह से यह कंपनी अपने उपभोक्ताओं के बीच विश्वसनीयता कायम कर पाई है और तेजी से ग्रोथ कर रही है।


The Whole Truth  के प्रोडक्ट्स: हेल्थ और स्वाद का परफेक्ट कॉम्बिनेशन

The Whole Truth  अपने ग्राहकों को केवल हेल्दी फूड ही नहीं, बल्कि स्वादिष्ट और क्वालिटी प्रोडक्ट्स भी प्रदान करता है। इसके प्रमुख प्रोडक्ट्स में शामिल हैं:

प्रोटीन बार्स: प्राकृतिक सामग्री से बने बिना किसी एडेड प्रिजर्वेटिव के
पीनट बटर: 100% नेचुरल, बिना किसी हाइड्रोजनेटेड ऑयल के
डार्क चॉकलेट: प्रोसेस्ड शुगर फ्री और मिनिमल इंग्रीडिएंट्स
एनर्जी बार्स और म्यूसली: एक्टिव लाइफस्टाइल के लिए हेल्दी स्नैकिंग ऑप्शन
इम्यूनिटी बॉल्स: पोषण से भरपूर छोटे बाइट्स

➡️ ये सभी प्रोडक्ट्स खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाए गए हैं जो फिटनेस और हेल्दी ईटिंग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना चाहते हैं।


कैसे The Whole Truth अन्य हेल्दी ब्रांड्स से अलग है?

1️⃣ 100% पारदर्शिता:
The Whole Truth की सबसे बड़ी खासियत इसकी ईमानदार लेबलिंग है। कंपनी यह सुनिश्चित करती है कि ग्राहक को हर प्रोडक्ट में कौन-कौन से इंग्रीडिएंट्स मिल रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी दी जाए।

2️⃣ कोई एडेड शुगर या प्रिजर्वेटिव नहीं:
TWT अपने किसी भी प्रोडक्ट में अतिरिक्त शुगर, आर्टिफिशियल फ्लेवर, प्रिजर्वेटिव्स या एडिटिव्स नहीं मिलाता।

3️⃣ सीधा उपभोक्ता तक (D2C मॉडल):
➡️ The Whole Truth का 80-85% सेल्स इसकी वेबसाइट से होता है।
➡️ बचा हुआ सेल्स विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और पार्टनरशिप के जरिए आता है।

4️⃣ विस्तृत कस्टमर बेस:
जहां अधिकतर हेल्थ फूड ब्रांड्स केवल फिटनेस एन्थूज़ियास्ट्स को टारगेट करते हैं, The Whole Truth महिलाओं, किशोरों, वरिष्ठ नागरिकों और पारंपरिक ग्राहकों को भी शामिल कर रहा है।


TWT की वित्तीय परफॉर्मेंस और ग्रोथ

The Whole Truth ने FY24 में 81% सालाना ग्रोथ दर्ज की, जिससे कंपनी का राजस्व ₹65.3 करोड़ तक पहुंच गया, जो कि FY23 में ₹35.96 करोड़ था।

📊 मुख्य वित्तीय आंकड़े:
FY24 में रेवेन्यू: ₹65.3 करोड़ ⬆️
FY23 में रेवेन्यू: ₹35.96 करोड़
FY24 में नुकसान: 33% की गिरावट (बेहतर फाइनेंशियल हेल्थ)

➡️ कंपनी का EBITDA मार्जिन भी सुधर रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि The Whole Truth न केवल बिक्री बढ़ा रही है, बल्कि लॉन्ग-टर्म प्रॉफिटेबिलिटी की ओर बढ़ रही है।


हेल्दी फूड मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

भारत का हेल्दी फूड इंडस्ट्री $40 बिलियन (₹3.3 लाख करोड़) का है और इसमें कई नए प्लेयर्स एंट्री कर रहे हैं।

🏆 मुख्य प्रतिद्वंद्वी:
🔹 Yoga Bar
🔹 Slurrp Farm
🔹 True Elements
🔹 Opensecrets
🔹 Monsoon Harvest

➡️ The Whole Truth को इन कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है, लेकिन ट्रांसपेरेंसी, क्वालिटी और डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर बिजनेस मॉडल इसे दूसरों से अलग बनाता है।


भविष्य की रणनीति: The Whole Truth के आगे के कदम

The Whole Truth अब अपनी ग्रोथ को नए सेगमेंट्स में एक्सपैंड करने की तैयारी कर रही है।

📌 कंपनी के भविष्य के प्लान्स:
इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार
नई कैटेगरी जैसे डेयरी और हेल्दी बेवरेजेस में एंट्री
और अधिक इनोवेटिव हेल्दी प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग
अंतरराष्ट्रीय विस्तार की योजना

➡️ The Whole Truth भारतीय उपभोक्ताओं के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाने के साथ-साथ, ग्लोबल मार्केट में भी एंट्री करने की तैयारी कर रही है।


निष्कर्ष: क्या The Whole Truth हेल्दी फूड इंडस्ट्री में अगला बड़ा नाम होगा?

$15 मिलियन की ताजा फंडिंग से कंपनी को स्केल करने में मदद मिलेगी।
ब्रांड की पहचान, ट्रांसपेरेंसी और हेल्दी फूड ट्रेंड को भुनाने की क्षमता इसे मार्केट में आगे ले जा सकती है।
हेल्दी ईटिंग का ट्रेंड भारत में लगातार बढ़ रहा है, जिससे The Whole Truth को बेहतरीन ग्रोथ का अवसर मिलेगा।

🚀 क्या The Whole Truth आने वाले वर्षों में भारत का सबसे बड़ा हेल्दी फूड ब्रांड बन पाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा

Read more :ShareChat और Moj की पैरेंट कंपनी Mohalla Tech ने अपने ESOP पूल को किया विस्तार

ShareChat और Moj की पैरेंट कंपनी Mohalla Tech ने अपने ESOP पूल को किया विस्तार

ShareChat

भारत की प्रमुख वर्नाक्युलर सोशल मीडिया कंपनी ShareChat और शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म Moj की मूल कंपनी Mohalla Tech ने अपने कर्मचारियों के लिए नए कर्मचारी स्टॉक ऑप्शन (ESOPs) जोड़े हैं। यह विस्तार कंपनी की मौजूदा ESOP योजना का हिस्सा है और इसका उद्देश्य कर्मचारियों की भागीदारी को बढ़ावा देना और टैलेंट को आकर्षित व बनाए रखना है।

ShareChat कंपनी ने 5.83 लाख नए ESOPs जोड़े

Mohalla Tech के बोर्ड ने 5,83,800 नए ESOPs जारी करने की मंजूरी दी है, जिससे कंपनी के कुल ESOP पूल का आकार बढ़कर 14,30,100 स्टॉक ऑप्शन हो गया है।

📌 महत्वपूर्ण बात:

  • प्रत्येक 100 स्टॉक ऑप्शंस को बाद में एक (1) इक्विटी शेयर में बदला जाएगा
  • कंपनी का उद्देश्य अपने कर्मचारियों को अधिक स्वामित्व और प्रेरणा देना है।
  • नए ESOPs के जुड़ने से कर्मचारियों को कंपनी के प्रदर्शन में प्रत्यक्ष हिस्सेदारी मिलेगी।

📊 Fintrackr के अनुसार:
➡️ नए जोड़े गए ESOPs का कुल मूल्य ₹2,283 करोड़ ($271 मिलियन) है।
➡️ ESOP पूल का कुल मूल्य ₹5,592 करोड़ ($665 मिलियन) तक पहुंच गया है।
➡️ यह वैल्यूएशन कंपनी के $2 बिलियन की नवीनतम वैल्यूएशन पर आधारित है।


ShareChat की अब तक की फंडिंग और वैल्यूएशन में गिरावट

ShareChat ने अब तक $1.2 बिलियन (₹9,960 करोड़) से अधिक की फंडिंग जुटाई है। इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:
Twitter (अब X)
Alkeon Capital
Moore Strategic Ventures
Tencent

💡 हालांकि, इतना अधिक निवेश प्राप्त करने के बावजूद, कंपनी अब तक मजबूत राजस्व नहीं दिखा पाई है।

वैल्यूएशन में गिरावट

  • 2022: कंपनी की वैल्यूएशन $5 बिलियन (₹41,500 करोड़) थी।
  • 2024: हाल ही में $2 बिलियन (₹16,600 करोड़) तक गिर गई है।
  • मुख्य कारण: मॉनिटाइज़ेशन में कठिनाइयाँ और प्रॉफिटेबिलिटी न दिखा पाना।

➡️ इस गिरावट के बावजूद, कंपनी ने ESOP पूल बढ़ाकर अपने कर्मचारियों को कंपनी के भविष्य से जोड़ने की पहल की है।


कर्मचारियों के लिए ESOP का क्या मतलब है?

किसी भी स्टार्टअप के लिए ESOP (Employee Stock Option Plan) एक महत्वपूर्ण लाभ होता है, जिससे कर्मचारियों को कंपनी की इक्विटी में हिस्सेदारी मिलती है।

📌 ESOP का मुख्य उद्देश्य:
✅ कर्मचारियों को लंबे समय तक कंपनी से जोड़े रखना
प्रतिभाशाली कर्मचारियों को आकर्षित करना और उनकी निष्ठा बनाए रखना
✅ कंपनी के प्रदर्शन के साथ कर्मचारियों को वित्तीय लाभ देना।

ShareChat और Moj में ESOP का फायदा किन्हें मिलेगा?
➡️ मौजूदा कर्मचारियों को, विशेष रूप से सीनियर मैनेजमेंट और महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत लोगों को।
➡️ नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए भी कंपनी इस योजना का उपयोग करेगी।


ShareChat और Moj के लिए आगे की रणनीति

हालांकि ShareChat और Moj ने भारत में शॉर्ट वीडियो और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में अच्छी पकड़ बनाई है, लेकिन उन्हें अब मॉनिटाइज़ेशन की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

💡 संभावित कदम:
1️⃣ एडवर्टाइज़मेंट और ब्रांड पार्टनरशिप बढ़ाना – अधिक विज्ञापनदाताओं को जोड़कर रेवेन्यू बढ़ाना।
2️⃣ पेड कंटेंट और सब्सक्रिप्शन मॉडल – कंटेंट क्रिएटर्स को जोड़कर सब्सक्रिप्शन आधारित सेवाएं लाना।
3️⃣ इंटरनेशनल मार्केट में विस्तार – भारत के बाहर नए उपयोगकर्ताओं को जोड़ने की रणनीति।
4️⃣ AI और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का उपयोग – यूजर एंगेजमेंट बढ़ाने के लिए।

➡️ अगर कंपनी इन रणनीतियों पर सही तरीके से अमल करती है, तो आने वाले वर्षों में इसकी वैल्यूएशन फिर से बढ़ सकती है।


निष्कर्ष: क्या ShareChat और Moj फिर से ग्रोथ की राह पर लौट सकते हैं?

ESOP विस्तार दिखाता है कि कंपनी अपने कर्मचारियों में निवेश कर रही है।
हालांकि, राजस्व में गिरावट और वैल्यूएशन में कमी कंपनी के लिए चिंता का विषय है।
अगर ShareChat और Moj अपनी मॉनिटाइज़ेशन रणनीति को सफलतापूर्वक लागू करते हैं, तो वे आने वाले वर्षों में एक मजबूत स्थिति बना सकते हैं।

📢 क्या ShareChat भारत का अगला यूनिकॉर्न बन सकता है, या इसे और संघर्ष करना पड़ेगा? 🚀

Read more :Waterfield Advisors से ₹123 करोड़ की फंडिंग, वैल्यूएशन ₹723 करोड़ के पार

Waterfield Advisors से ₹123 करोड़ की फंडिंग, वैल्यूएशन ₹723 करोड़ के पार

Waterfield

भारत के वेल्थ मैनेजमेंट सेक्टर में एक बड़ी हलचल मचाते हुए Waterfield Advisors ने ₹123 करोड़ (लगभग $14.6 मिलियन) की नई फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Jungle Ventures कर रहा है।

कैसे मिली Waterfield Advisors को फंडिंग?

Waterfield कंपनी के बोर्ड ने 10,92,362 प्रेफरेंस शेयरों को ₹1,126 प्रति शेयर की कीमत पर जारी करने की विशेष मंजूरी दी है। इस फंडिंग राउंड में प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:
Jungle Ventures: ₹100 करोड़ का निवेश
Soumya Rajan (Co-founder और CEO)
अन्य व्यक्तिगत निवेशक: भारत धीरजलाल शाह, विजय सिंह, बंदी वाम्सीकृष्ण, कोरेल ट्रेडर्स, पार्थसारथी रेड्डी, केकू कोलाह और स्मिता डी पारेख

💡 सूत्रों के अनुसार, कंपनी इस राउंड में कुल ₹130 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है।

Waterfield Advisors का उद्देश्य और फंडिंग का उपयोग

Waterfield Advisors ने बताया कि यह निवेश निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:
📈 विस्तार और ग्रोथ – भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाना
📢 मार्केटिंग और ब्रांड प्रमोशन – अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए
🏢 सामान्य कॉर्पोरेट खर्च – संचालन को और अधिक प्रभावी बनाना

📊 Entrackr के अनुमान के मुताबिक, इस फंडिंग के बाद कंपनी की वैल्यूएशन ₹723 करोड़ ($86 मिलियन) तक पहुंच जाएगी।


Waterfield Advisors: भारत में वेल्थ मैनेजमेंट का एक बड़ा नाम

Waterfield Advisors की स्थापना 2011 में सौम्या राजन द्वारा की गई थी। यह भारत का पहला Fee-based Multi-Family Office & Wealth Advisory Firm है, जो पूरी तरह से बायस-फ्री फाइनेंशियल, इन्वेस्टमेंट और सक्सेशन प्लानिंग सेवाएं प्रदान करता है।

कंपनी का बिज़नेस मॉडल मुख्य रूप से फैमिली ऑफिस सर्विसेज, इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट, और एसेट एलोकेशन पर केंद्रित है।

💰 अब तक जुटाई गई फंडिंग:
Waterfield Advisors ने $25 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है, जिसमें से $6 मिलियन का निवेश Ultra High Net Worth Individuals और फैमिली ऑफिसेज से प्राप्त हुआ था।

🔍 नए निवेश के बाद स्टेकहोल्डर डिस्ट्रीब्यूशन:
📌 Jungle Ventures: 13.83% का सबसे बड़ा बाहरी स्टेकहोल्डर
📌 Co-founders (Soumya Rajan और Sanjay Teli): कुल 40.07%


Waterfield Advisors की वित्तीय स्थिति और ग्रोथ

Waterfield Advisors ने वित्त वर्ष FY24 में 33.2% साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की, जिससे इसका राजस्व ₹45.7 करोड़ तक पहुंच गया।

📉 लॉस में कमी:
कंपनी ने अपने नुकसान को 9.5% घटाकर ₹28.6 करोड़ कर दिया, जो FY23 की तुलना में बेहतर स्थिति को दर्शाता है।

वित्तीय आँकड़े (FY23 vs FY24)

वित्तीय पैरामीटरFY23FY24वृद्धि (%)
राजस्व (Revenue)₹34.3 करोड़₹45.7 करोड़33.2%
लॉस (Loss)₹31.6 करोड़₹28.6 करोड़9.5% घटा
कुल वैल्यूएशन₹590 करोड़₹723 करोड़बढ़ोतरी

📌 Waterfield Advisors का यह प्रदर्शन भारत के वेल्थटेक सेक्टर में तेजी से बढ़ती संभावनाओं को दर्शाता है।


भारत में वेल्थटेक स्टार्टअप्स का बढ़ता बाज़ार

वेल्थटेक (WealthTech) स्टार्टअप्स भारत में तेजी से निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

TheKredible के अनुसार:
🔹 अक्टूबर 2023 से अब तक, भारतीय वेल्थटेक स्टार्टअप्स ने 13 डील्स में $200 मिलियन (₹1,660 करोड़) जुटाए हैं।
🔹 इस सेक्टर में प्रमुख कंपनियाँ हैं: Neo, Dezerv, Centricity, Stable Money, Fisdom, Univest, InvestorAi और Wealthy।
🔹 Centricity और Stable Money अधिक फंडिंग जुटाने की योजना बना रहे हैं।
🔹 Smallcase बड़े निवेश दौर की तैयारी कर रहा है।

💡 भारत में बढ़ते हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNWIs) और अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (UHNWIs) की संख्या के कारण वेल्थटेक सेक्टर में तेजी से वृद्धि हो रही है।


Waterfield Advisors के लिए आगे की राह

📌 संभावित विस्तार योजनाएँ:
डिजिटल एडवाइजरी सर्विसेज – एआई और डेटा एनालिटिक्स के ज़रिए व्यक्तिगत इन्वेस्टमेंट प्लानिंग
अंतरराष्ट्रीय विस्तार – ग्लोबल मार्केट्स में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना
नई इन्वेस्टमेंट रणनीतियाँ – क्लाइंट्स के लिए अधिक कस्टमाइज़्ड फाइनेंशियल सॉल्यूशंस

Waterfield Advisors की Fee-based सलाहकार सेवाएँ इसे अन्य फर्मों से अलग बनाती हैं, क्योंकि यह कमीशन-बेस्ड सलाह नहीं देती, जिससे यह ग्राहकों के हितों को प्राथमिकता देता है।


निष्कर्ष: Waterfield Advisors भारत के वेल्थटेक मार्केट में अग्रणी भूमिका निभा रहा है

₹123 करोड़ की ताजा फंडिंग और ₹723 करोड़ की वैल्यूएशन के साथ Waterfield Advisors भारत के सबसे तेजी से बढ़ते वेल्थ मैनेजमेंट स्टार्टअप्स में से एक बन गया है।
Jungle Ventures के नेतृत्व में यह निवेश कंपनी की विकास, विस्तार और इनोवेशन योजनाओं को मजबूती देगा।
33.2% की राजस्व वृद्धि और लॉस में 9.5% की गिरावट दर्शाती है कि Waterfield Advisors लाभप्रदता की ओर बढ़ रहा है
भारत में वेल्थटेक सेक्टर की ग्रोथ दर्शाती है कि यह स्टार्टअप अपने क्षेत्र में लंबे समय तक अग्रणी बना रह सकता है।

📢 क्या Waterfield Advisors भारत का सबसे बड़ा वेल्थ मैनेजमेंट फर्म बन सकता है? आने वाले वर्षों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह स्टार्टअप कैसे अपने नए निवेश का उपयोग करता है और अपनी स्थिति को और मजबूत बनाता है। 🚀

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Rare Rabbit ने FY24 में 69% की वृद्धि दर्ज की, मुनाफा 2.3 गुना बढ़ा

Rare Rabbit

भारत का फैशन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है, और प्रीमियम मेन्सवियर ब्रांड Rare Rabbit इस विकास की अगुवाई कर रहा है। The House of Rare द्वारा संचालित यह ब्रांड न केवल अपने इनोवेटिव डिजाइनों बल्कि अपनी वित्तीय सफलता के कारण भी चर्चा में है। FY24 में कंपनी की आय में 69% की वृद्धि और लाभ में 2.3 गुना बढ़ोतरी ने इसे देश के सबसे तेजी से बढ़ते फैशन ब्रांड्स में शामिल कर दिया है।


Rare Rabbit का बिज़नेस मॉडल और ग्रोथ रणनीति

Rare Rabbit ने 2015 में भारतीय फैशन उद्योग में प्रवेश किया था और आज यह प्रीमियम मेन्सवियर सेगमेंट में एक मजबूत ब्रांड बन चुका है।

1️⃣ प्रोडक्ट पोर्टफोलियो

कंपनी का फोकस मुख्य रूप से पुरुषों के प्रीमियम कैज़ुअल और फॉर्मल वियर पर है। इसके लोकप्रिय उत्पादों में शामिल हैं:
शर्ट्स और पोलो टी-शर्ट्स
ट्राउज़र्स और जीन्स
जैकेट्स और ब्लेज़र्स
एक्सेसरीज़ और फुटवियर

Rare Rabbit की सफलता का एक प्रमुख कारण इसका हाई-क्वालिटी प्रोडक्ट लाइनअप और इनोवेटिव डिज़ाइन हैं, जो इसे प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाते हैं।

2️⃣ मल्टी-चैनल सेलिंग मॉडल

ब्रांड की बिक्री कई प्लेटफार्मों पर फैली हुई है:
🛒 ऑफलाइन स्टोर्स: भारत में 50+ प्रीमियम स्टोर्स
🌐 ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स: Myntra, Ajio, Amazon, Flipkart
📱 ऑनलाइन वेबसाइट: Rare Rabbit की आधिकारिक वेबसाइट

3️⃣ डिजिटल और सोशल मीडिया मार्केटिंग

Rare Rabbit की रणनीति में डिजिटल मार्केटिंग का बड़ा योगदान रहा है। कंपनी अपने ब्रांड को प्रमोट करने के लिए:
📢 इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रही है।
🎥 इन्फ्लुएंसर और सेलेब्रिटी मार्केटिंग से युवाओं को आकर्षित कर रही है।


Rare Rabbit की वित्तीय उपलब्धियां (FY24)

कंपनी की मजबूत ग्रोथ की झलक इसकी वित्तीय रिपोर्ट में साफ दिखाई देती है:

वित्तीय आंकड़ेFY23FY24वृद्धि (%)
ऑपरेशनल रेवेन्यू₹376 करोड़₹637 करोड़69%
शुद्ध लाभ₹32 करोड़₹75 करोड़2.3 गुना
कुल खर्च₹339 करोड़₹542 करोड़59.9%
EBITDA मार्जिन14.7%19%बढ़ोतरी
ROCE42.02%52.15%बढ़ोतरी

📌 कंपनी ने ₹5 करोड़ की ब्याज आय अर्जित की, जिससे उसका कुल राजस्व ₹642 करोड़ तक पहुंच गया।
📌 Rare Rabbit का खर्च-अर्जन अनुपात ₹0.85 प्रति ₹1 रहा, जो इसकी कुशल लागत प्रबंधन रणनीति को दर्शाता है।


Rare Rabbit के सामने चुनौतियाँ और अवसर

🔴 चुनौतियाँ:

बढ़ती प्रतिस्पर्धा: भारत में प्रीमियम फैशन ब्रांड्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
उच्च परिचालन लागत: कंपनी का मार्केटिंग और स्टोर्स का विस्तार लागत बढ़ा रहा है।
डिजिटल ट्रेंड्स का तेज़ बदलाव: फैशन इंडस्ट्री में ट्रेंड्स जल्दी बदलते हैं, जिससे लगातार अपडेटेड रहना जरूरी हो जाता है।

🟢 अवसर:

ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर मजबूत पकड़
अंतरराष्ट्रीय विस्तार की योजना
ई-कॉमर्स ग्रोथ का लाभ उठाना

Rare Rabbit की योजना मिडिल ईस्ट और यूरोप में प्रवेश करने की है, जिससे इसे एक ग्लोबल ब्रांड बनने का मौका मिलेगा।


भविष्य की रणनीतियाँ और योजनाएँ

Rare Rabbit आने वाले वर्षों में अपनी ग्रोथ को और तेज करने के लिए निम्नलिखित रणनीतियों पर काम कर रहा है:

🚀 1️⃣ नए शहरों में स्टोर्स खोलना – कंपनी का लक्ष्य भारत के 100 से अधिक शहरों में विस्तार करना है।
📈 2️⃣ ब्रांड एक्सपेंशन – Rare Rabbit का फोकस नई कैटेगरी (एक्सेसरीज़, फुटवियर) में एंट्री करने पर भी है।
🌍 3️⃣ इंटरनेशनल एक्सपेंशन – मिडिल ईस्ट, यूरोप और साउथईस्ट एशिया में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की योजना।
💡 4️⃣ टेक्नोलॉजी-ड्रिवन ऑपरेशन – ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट्स के जरिए ग्राहकों को बेहतर अनुभव देना।


निष्कर्ष: Rare Rabbit की निरंतर सफलता की राह

Rare Rabbit भारतीय प्रीमियम मेन्सवियर मार्केट में तेजी से उभरता ब्रांड बन गया है। 69% राजस्व वृद्धि और 2.3 गुना लाभ वृद्धि इसके मजबूत बिज़नेस मॉडल और ग्रोथ रणनीति को दर्शाते हैं।

सॉलिड ब्रांड वैल्यू
मजबूत वित्तीय प्रदर्शन
डिजिटल और रिटेल नेटवर्क का सही बैलेंस

Rare Rabbit की सफलता दिखाती है कि इनोवेशन, सही मार्केटिंग रणनीति और कुशल वित्तीय प्रबंधन के ज़रिए कोई भी ब्रांड प्रीमियम सेगमेंट में अपनी जगह बना सकता है। आने वाले वर्षों में, यह ब्रांड इंडियन फैशन इंडस्ट्री में और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। 🚀

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Probus Unicorn India Ventures ने $5 मिलियन की फंडिंग जुटाई,

Probus

IoT कम्युनिकेशंस और डेटा एनालिटिक्स स्टार्टअप Probus Smart Things ने अपने Series A1 फंडिंग राउंड में $5 मिलियन जुटाए हैं। इस निवेश का नेतृत्व Unicorn India Ventures ने किया, जबकि यूएस और भारत के कुछ फैमिली ऑफिसेज ने भी इसमें भाग लिया।

इस फंडिंग राउंड में इक्विटी और डेट फाइनेंसिंग का मिश्रण शामिल है।


Probus अब तक जुटाई गई कुल फंडिंग और निवेश की योजना

💰 Probus अब तक कुल $8 मिलियन की फंडिंग जुटा चुका है, जिसमें मार्च 2023 में प्राप्त $3 मिलियन का Series A निवेश भी शामिल है।

📌 नई फंडिंग का इस्तेमाल किन चीजों के लिए किया जाएगा?
स्मार्ट ग्रिड और रिन्यूएबल एनर्जी एप्लिकेशंस में टेक्नोलॉजी का विस्तार
AI इंटीग्रेशन के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट
पेटेंटेड कम्युनिकेशन और नेटवर्किंग स्टैक्स को और मजबूत बनाना
स्मार्ट मीटरिंग के लिए ड्यूल कम्युनिकेशन नेटवर्क इंटरफेस मॉड्यूल्स को स्केल करना


Probus Smart Things: स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी में अग्रणी स्टार्टअप

📌 स्थापना: Probus Smart Things की स्थापना आनंद सिंह ने की थी।
📌 मुख्य फोकस: कंपनी यूटिलिटी प्रोवाइडर्स के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस विकसित करती है और उनके डिस्ट्रीब्यूशन ग्रिड को डिजिटल रूप से मॉनिटर करने में मदद करती है
📌 टेक प्लेटफॉर्म: Probus एक इंटीग्रेटेड एंड-टू-एंड IoT प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जिससे यूटिलिटी कंपनियों को अपने नेटवर्क की स्पष्ट दृश्यता मिलती है


स्मार्ट मीटरिंग और ग्रिड टेक्नोलॉजी में बड़ा निवेश

Probus वर्तमान में भारत के कई राज्यों में स्मार्ट मीटरिंग समाधान स्थापित कर रहा है। इस नई फंडिंग के जरिए कंपनी ड्यूल कम्युनिकेशन नेटवर्क इंटरफेस मॉड्यूल्स को बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना बना रही है

📌 स्मार्ट मीटरिंग कैसे मदद करेगा?
✔️ ऊर्जा वितरण की सटीक निगरानी
✔️ विद्युत हानि (Transmission Losses) को कम करना
✔️ डेटा एनालिटिक्स और IoT के जरिए बिजली ग्रिड की स्थिति में सुधार
✔️ AI इंटीग्रेशन से भविष्य की जरूरतों के हिसाब से ग्रिड को तैयार करना


Probus का तेज़ी से बढ़ता बिजनेस और इनोवेशन

📈 Probus का दावा है कि उसने 400 करोड़ रुपये की ऑर्डर पाइपलाइन बनाई है और पिछले कुछ वर्षों में 10X रेवेन्यू ग्रोथ हासिल की है।

📌 कंपनी की हालिया उपलब्धियां:
वर्ष-दर-वर्ष 3 गुना वृद्धि
4 नए पेटेंट फाइल किए
कर्मचारियों की संख्या तीन गुना बढ़ाई
नोएडा में इनोवेशन सेंटर खोला
मुंबई और अहमदाबाद में नए प्रोजेक्ट ऑफिस स्थापित किए


Probus क्यों है खास?

1️⃣ AI और IoT का अनूठा मेल:
Probus अपने स्मार्ट ग्रिड सॉल्यूशंस को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के साथ इंटीग्रेट कर रहा है। इससे यूटिलिटी प्रोवाइडर्स को अपने नेटवर्क की बेहतर समझ मिलेगी और ग्रिड संचालन अधिक प्रभावी होगा

2️⃣ भारत में बढ़ती स्मार्ट मीटरिंग की मांग:
सरकार स्मार्ट मीटरिंग और डिजिटल ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से अपनाने के लिए नीतियों को लागू कर रही है। Probus इस बदलाव में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है।

3️⃣ उभरते बाजारों में विस्तार की संभावना:
भारत के अलावा, एशिया और अफ्रीका के कई विकासशील देशों में स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी की बड़ी मांग है, जहां Probus अपने इनोवेटिव समाधान प्रदान कर सकता है।


Probus की भविष्य की योजनाएं

📌 1. स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी को और उन्नत बनाना – AI और IoT को और मजबूत करते हुए, कंपनी नेटवर्क की दक्षता और विश्वसनीयता बढ़ाने पर ध्यान देगी।
📌 2. भारत में बड़े पैमाने पर विस्तार – देश के विभिन्न राज्यों में स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट्स को लागू करना।
📌 3. ग्लोबल मार्केट में एंट्री – कंपनी जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रोडक्ट्स लॉन्च करने की योजना बना रही है।
📌 4. ग्रीन एनर्जी इंटीग्रेशन – Probus सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपने स्मार्ट ग्रिड नेटवर्क में जोड़ने पर काम कर रहा है।


निष्कर्ष

📌 Probus Smart Things तेजी से विकसित होने वाला स्टार्टअप है, जो भारत में स्मार्ट ग्रिड और IoT टेक्नोलॉजी को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।

📌 नए फंडिंग राउंड से कंपनी को अपने टेक्नोलॉजी स्टैक को और मजबूत करने और स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम के बड़े पैमाने पर विस्तार में मदद मिलेगी।

📌 Probus की तेजी से बढ़ती ऑर्डर बुक और मजबूत इनोवेशन रणनीति इसे स्मार्ट ग्रिड सेक्टर में एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकती है। 🚀

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Visa प्रोसेसिंग स्टार्टअप Atlys ने Artionis UK का अधिग्रहण किया,

Atlys

वैश्विक वीज़ा प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म Atlys ने UK स्थित वीज़ा सेवा कंपनी Artionis की यूके सब्सिडियरी का अधिग्रहण किया है। यह सौदा पूरी तरह से नकद लेन-देन (all-cash deal) में हुआ है और इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय विस्तार को गति देना है।

इस अधिग्रहण से Atlys को यूरोपीय बाजारों में अपनी टेक्नोलॉजी को और उन्नत करने का मौका मिलेगा। Artionis UK, जो मुख्य रूप से यूके से रूस के लिए वीज़ा सेवाएं प्रदान करता है, अब Atlys के टेक-संचालित वीज़ा सिस्टम का हिस्सा बनेगा।


Atlys अधिग्रहण से क्या बदलेगा?

📌 यात्रियों को त्वरित वीज़ा सेवाएं मिलेंगीAtlys का दावा है कि वह इस अधिग्रहण के जरिए वीज़ा दस्तावेज़ीकरण को कम करने और प्रोसेसिंग समय को तेज करने पर ध्यान देगा।
📌 यूरोप में विस्तार का रास्ता खुलेगा – Atlys की योजना अब जर्मनी और फ्रांस जैसे अन्य यूरोपीय बाजारों में प्रवेश करने की है।
📌 Artionis के UK ब्रांच का प्रबंधन Atlys के पास होगा – इसमें लंदन, एडिनबर्ग और मैनचेस्टर में स्थित कार्यालय शामिल हैं

Atlys का कहना है कि यह सौदा न केवल यूके में यात्रियों के लिए वीज़ा सेवाओं को आसान बनाएगा, बल्कि अन्य यूरोपीय देशों में भी कंपनी की उन्नत टेक्नोलॉजी के विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगा


Artionis: एक परिचय

Artionis एक आउटसोर्सिंग पार्टनर है, जो विभिन्न देशों की सरकारों के लिए वीज़ा प्रोसेसिंग सेवाएं प्रदान करता है।

📌 25 देशों में परिचालन
📌 65 कार्यालयों के साथ 400 से अधिक कर्मचारी
📌 यूके शाखा अब Atlys के अधीन

Artionis की यूके ब्रांच मुख्य रूप से यूके-रूस वीज़ा सेवाएं प्रदान करती थी। अब, इसके अधिग्रहण के बाद, Atlys इसे अपनी वैश्विक सेवाओं का हिस्सा बनाएगा और यूरोप में अपनी पकड़ मजबूत करेगा।


Atlys: एक टेक-ड्रिवन वीज़ा प्रोसेसिंग स्टार्टअप

Atlys एक चार साल पुराना स्टार्टअप है, जिसका लक्ष्य वीज़ा प्रोसेस को आसान, तेज और भरोसेमंद बनाना है

📌 टेक्नोलॉजी-आधारित वीज़ा प्रोसेसिंग – Atlys का दावा है कि उसकी तकनीक वीज़ा अस्वीकृति दर को काफी हद तक कम कर सकती है और वीज़ा प्रोसेसिंग समय को सिर्फ 55 सेकंड तक घटा सकती है
📌 150+ गंतव्यों के लिए वीज़ा सेवाएं – Atlys प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ता औसतन 4-10 मिनट में वीज़ा आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं
📌 वैश्विक विस्तार – Atlys ने अमेरिका, यूएई और यूके जैसे प्रमुख वैश्विक बाजारों में अपनी सेवाओं का विस्तार किया है।


टेक्नोलॉजी और रणनीतिक निवेश के साथ आगे बढ़ता Atlys

Atlys लगातार अपने प्रोडक्ट, इंजीनियरिंग और मार्केटिंग डिपार्टमेंट को मजबूत कर रहा है। इस दिशा में कंपनी ने सितंबर 2024 में Peak XV Partners और Elevation Capital के नेतृत्व में अपने सीरीज B फंडिंग राउंड में $20 मिलियन जुटाए

💰 $20 मिलियन की फंडिंग
💡 उन्नत तकनीकी नवाचार और विस्तार योजनाओं पर ध्यान
📈 नए बाजारों में तेज वृद्धि की रणनीति

Atlys का यह अधिग्रहण दर्शाता है कि कंपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रभाव को बढ़ाने और वीज़ा प्रोसेसिंग सिस्टम को आधुनिक बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है


अधिग्रहण के पीछे Atlys की रणनीति क्या है?

📌 1. यूरोपीय बाजार में मजबूती – यूके अधिग्रहण से Atlys को यूरोप में अपनी पकड़ बनाने में मदद मिलेगी, खासकर जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में।
📌 2. टेक्नोलॉजी अपग्रेड – Artionis UK के मौजूदा संसाधनों के साथ Atlys अपनी वीज़ा प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी को और बेहतर बना सकता है
📌 3. प्रतिस्पर्धा में बढ़त – ग्लोबल वीज़ा प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में कई बड़े खिलाड़ी हैं, लेकिन Atlys अपने फास्ट और ऑटोमेटेड वीज़ा समाधान के जरिए प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलने की योजना बना रहा है।
📌 4. बेहतर कस्टमर एक्सपीरियंस – पारंपरिक वीज़ा प्रोसेसिंग कंपनियों की तुलना में Atlys अधिक पारदर्शी, कम समय लेने वाली और पेपरलेस सेवाएं प्रदान करना चाहता है।


क्या यह अधिग्रहण Atlys के लिए फायदेमंद होगा?

सकारात्मक पहलू:

यूके और यूरोप में विस्तार की नई संभावनाएं
वीज़ा प्रोसेस को आसान और तेज बनाने की क्षमता
नई टेक्नोलॉजी और संसाधनों तक पहुंच

संभावित चुनौतियां:

यूरोपीय बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा
सरकारी नियमों और प्रक्रियाओं में बदलाव का प्रभाव
अधिग्रहण के बाद प्रभावी एकीकरण और संचालन सुनिश्चित करना


निष्कर्ष: Atlys की बड़ी छलांग

Atlys ने तेजी से बढ़ते वीज़ा प्रोसेसिंग बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए Artionis UK का अधिग्रहण किया है। इस कदम से यूके और अन्य यूरोपीय बाजारों में कंपनी की पकड़ मजबूत होगी और इसका टेक-ड्रिवन वीज़ा प्रोसेसिंग सिस्टम और उन्नत होगा।

👉 अधिग्रहण से Atlys को नए बाजारों में अवसर मिलेंगे, लेकिन इसे प्रतिस्पर्धा और सरकारी नियमों जैसी चुनौतियों का सामना भी करना होगा।

👉 अगर कंपनी अपनी टेक्नोलॉजी और रणनीति को सही ढंग से लागू करती है, तो यह अंतरराष्ट्रीय वीज़ा सेवा उद्योग में एक बड़ी ताकत बन सकती है। 🚀

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The Ayurveda Co (TAC) 66% की ग्रोथ के बावजूद घाटा तीन गुना बढ़ा

TAC

D2C आयुर्वेदिक ब्रांड The Ayurveda Co (TAC) ने वित्त वर्ष 2024 (FY24) में 66% सालाना ग्रोथ दर्ज की, लेकिन खर्चों में भारी वृद्धि के कारण इसका घाटा तीन गुना बढ़कर ₹68 करोड़ हो गया

The Ayurveda Co Sixth Sense Ventures द्वारा समर्थित एक लोकप्रिय ब्रांड है, जो आयुर्वेदिक ब्यूटी, पर्सनल केयर, हेयर केयर, स्किनकेयर, मेकअप और वेलनेस प्रोडक्ट्स बनाता और बेचता है। हालांकि, बिक्री बढ़ने के बावजूद कंपनी की बिजनेस स्ट्रैटेजी और फाइनेंशियल हेल्थ पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।


TAC FY24 में कंपनी का राजस्व ₹62 करोड़, लेकिन लागत दोगुनी हुई

कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में ₹62 करोड़ का कुल राजस्व अर्जित किया, जिसमें:

  • ₹59.6 करोड़ की आमदनी प्रोडक्ट्स की बिक्री से हुई, जो FY23 के ₹36 करोड़ की तुलना में 66% अधिक है।
  • ₹2.4 करोड़ का अतिरिक्त रेवेन्यू ब्याज और अन्य स्रोतों से आया।

हालांकि, तेजी से बढ़ते खर्चों ने मुनाफे पर दबाव डाल दिया, जिससे कंपनी के घाटे में बड़ा उछाल आया।


खर्चों में जबरदस्त बढ़ोतरी, कच्चे माल और विज्ञापन सबसे बड़े खर्च

FY24 में The Ayurveda Co (TAC)के कुल खर्चों में 97% की वृद्धि हुई, जिससे यह ₹109.5 करोड़ तक पहुंच गया

📌 मुख्य खर्च:
कच्चे माल (Raw Material) का खर्च: ₹12 करोड़ (FY23) → ₹28.6 करोड़ (FY24) (2.4 गुना वृद्धि)
विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च: ₹15 करोड़ (FY23) → ₹26 करोड़ (FY24) (73.3% वृद्धि)
कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभ: ₹8.6 करोड़ (FY23) → ₹15.5 करोड़ (FY24) (80.2% वृद्धि)
भर्ती और कर्मचारी प्रबंधन का खर्च: ₹11.3 करोड़

कंपनी ने अपने ब्रांड को मजबूत करने के लिए भारी विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च किए, लेकिन इनका असर कंपनी की लाभप्रदता पर पड़ा है।


तीन गुना बढ़ा घाटा, ₹1 कमाने पर ₹1.84 खर्च

इतने अधिक खर्चों के कारण FY24 में The Ayurveda Co को ₹68 करोड़ का घाटा हुआ, जो FY23 के ₹21 करोड़ के घाटे से 3.2 गुना अधिक है।

📊 महत्वपूर्ण फाइनेंशियल आंकड़े:
ROCE (Return on Capital Employed): -700%
EBITDA मार्जिन: -100.65%
प्रत्येक ₹1 कमाने के लिए कंपनी को ₹1.84 खर्च करना पड़ा।


क्या The Ayurveda Co सही बिजनेस मॉडल पर चल रही है?

बिजनेस मॉडल की मौजूदा स्थिति:

The Ayurveda Co D2C (Direct-to-Consumer) मॉडल पर आधारित है, जहां यह अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन स्टोर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचती है। हालांकि, D2C मॉडल की अपनी चुनौतियां होती हैं, जिनमें सबसे बड़ी चुनौती उच्च मार्केटिंग खर्च और ब्रांड बिल्डिंग है।

📌 मुख्य समस्याएं:
D2C मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा – Mamaearth, Plum, और Forest Essentials जैसी कंपनियों से सीधा मुकाबला।
ऑपरेशनल कॉस्ट का तेज़ी से बढ़ना – सप्लाई चेन, वेयरहाउसिंग और डिलीवरी में अधिक खर्च।
कस्टमर रिटेंशन की चुनौती – बार-बार नए ग्राहकों को लाना महंगा पड़ता है।


The Ayurveda Co को मुनाफे में कैसे लाया जा सकता है?

अगर The Ayurveda Co को मजबूत ब्रांड और फाइनेंशियल रूप से स्थिर कंपनी बनना है, तो इसे अपने बिजनेस मॉडल में सुधार करने होंगे

मार्केटिंग खर्च को स्मार्ट तरीके से नियंत्रित करना
✔ डिजिटल मार्केटिंग को ऑर्गेनिक ग्रोथ पर केंद्रित करना
✔ इंफ्लुएंसर मार्केटिंग पर अधिक ध्यान देना
✔ ब्रांड अवेयरनेस पर खर्च को सीमित रखना

उच्च मार्जिन वाले नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करना
✔ स्किनकेयर और हेल्थ सेगमेंट में प्रीमियम प्रोडक्ट्स जोड़ना
✔ सब्सक्रिप्शन मॉडल अपनाना (जैसे मासिक हेल्थ बॉक्स)

ऑफलाइन स्टोर्स और रिटेल चैनलों में विस्तार करना
✔ D2C के साथ-साथ मल्टी-ब्रांड रिटेल स्टोर्स में एंट्री लेना
✔ बड़े शहरों में एक्सक्लूसिव स्टोर्स खोलना

सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन से लागत कम करना
✔ प्रोडक्शन कॉस्ट को नियंत्रित करने के लिए लोकल सप्लायर्स के साथ काम करना
✔ डिलीवरी पार्टनरशिप्स को मजबूत करना


क्या The Ayurveda Co का भविष्य सुरक्षित है?

The Ayurveda Co ने पिछले कुछ सालों में तेजी से ग्रोथ दर्ज की है, लेकिन उच्च लागत और लगातार बढ़ते घाटे के कारण कंपनी की लॉन्ग-टर्म स्थिरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

संभावनाएं:
🚀 अगर कंपनी अपनी मार्केटिंग और ऑपरेशनल स्ट्रैटेजी में बदलाव करती है, तो यह भविष्य में एक मजबूत और लाभदायक ब्रांड बन सकती है।
💡 लेकिन अगर कंपनी इसी तरह उच्च खर्चों के साथ बिना मुनाफे पर ध्यान दिए आगे बढ़ती रही, तो इसके लिए टिके रहना मुश्किल हो सकता है।

निष्कर्ष: ग्रोथ है, लेकिन सतर्क रणनीति अपनाने की जरूरत

📌 The Ayurveda Co के पास आगे बढ़ने की बड़ी संभावनाएं हैं, लेकिन इसे फाइनेंशियल प्लानिंग और रणनीतिक खर्च पर ध्यान देने की जरूरत है।
📌 अगर कंपनी सही कदम उठाती है, तो यह आने वाले वर्षों में D2C सेगमेंट में एक लीडिंग ब्रांड बन सकती है। 🚀

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You Care Lifestyle को मिला $1 मिलियन का फंड,

You Care Lifestyle

मुंबई स्थित स्वतंत्र वेरिफिकेशन प्लेटफॉर्म You Care Lifestyle (YCL) ने हाल ही में $1 मिलियन (लगभग ₹8.3 करोड़) की फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Luke Coutinho और नरेंद्र फिरोदिया ने किया, जो खुद भी कंपनी के को-फाउंडर हैं।

इस निवेश के जरिए YCL अपने प्रोडक्ट वेरिफिकेशन और ऑथेंटिकेशन की प्रक्रियाओं को मजबूत करेगा और नई हेल्दी एवं क्लीन ब्रांड्स को सपोर्ट करेगा, जिससे वे उपभोक्ताओं के बीच विश्वास कायम कर सकें।

You Care Lifestyle: उपभोक्ताओं के लिए एक विश्वसनीय वेरिफिकेशन प्लेटफॉर्म

आज के समय में खाद्य उत्पादों, न्यूट्रास्युटिकल्स, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और अन्य हेल्थ-संबंधी सामानों में गलत लेबलिंग और भ्रामक दावों की समस्या बढ़ती जा रही है।

You Care Lifestyle इस समस्या को हल करने के लिए एक स्वतंत्र थर्ड-पार्टी वेरिफिकेशन सिस्टम के रूप में उभरा है, जो विभिन्न उत्पादों की सुरक्षा, शुद्धता और गुणवत्ता को प्रमाणित करता है।

कंपनी विभिन्न कैटेगरी के प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग करती है, जिसमें शामिल हैं:
ग्रोसरी और ऑर्गेनिक फूड आइटम्स
न्यूट्रास्युटिकल्स और हेल्थ सप्लीमेंट्स
ब्यूटी और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स
पैथोलॉजी लैब्स और अन्य हेल्थकेयर सर्विसेज

YCL का उद्देश्य: उपभोक्ताओं और ब्रांड्स के बीच पारदर्शिता बढ़ाना

YCL का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं और ब्रांड्स के बीच पारदर्शिता बढ़ाना और प्रमाणिकता की एक नई परिभाषा गढ़ना है।

कंपनी:

  • उपभोक्ताओं को अधिक जागरूक और सतर्क बनाना चाहती है, ताकि वे भ्रमित करने वाले विज्ञापनों और झूठे दावों से बच सकें।
  • ब्रांड्स को उच्च गुणवत्ता वाले हेल्थ-कॉन्शियस प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रेरित कर रही है।
  • एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है जो गलत लेबलिंग, मिलावट और घटिया गुणवत्ता को रोकने में मदद करे।

YCL का मानना है कि एक पारदर्शी और प्रमाणित बाजार ही उपभोक्ताओं का विश्वास जीत सकता है।

2025 तक 100 ब्रांड्स की टेस्टिंग और वेरिफिकेशन की योजना

कंपनी ने अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर भी एक स्पष्ट रणनीति बनाई है। YCL का लक्ष्य 2025 के अंत तक लगभग 90-100 ब्रांड्स की टेस्टिंग और वेरिफिकेशन करना है।

इसका मतलब यह है कि अगले कुछ वर्षों में कई नामी और उभरते हुए ब्रांड्स YCL के वेरिफिकेशन सिस्टम से गुजरेंगे, जिससे उपभोक्ताओं को प्रमाणित और विश्वसनीय प्रोडक्ट्स उपलब्ध हो सकें।

पहले चरण में 37 प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग, 24 ने पास की लैब जांच

YCL का दावा है कि अब तक उसने 37 प्रोडक्ट्स की वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी की है।

✔ इनमें से 24 प्रोडक्ट्स ने सफलतापूर्वक थर्ड-पार्टी लैब टेस्ट पास किए हैं।
18 प्रोडक्ट्स को अब YCL की वेबसाइट पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया है।

‘पिंक टाइगर स्टैम्प’: प्रमाणिकता का नया संकेत

YCL ने अपने प्रमाणित प्रोडक्ट्स को अलग पहचान देने के लिए ‘Pink Tiger Stamp’ नामक एक स्वतंत्र वेरिफिकेशन मार्क लॉन्च किया है।

✔ यह स्टैम्प प्रोडक्ट की गुणवत्ता, सुरक्षा और शुद्धता की गारंटी देगा।
उपभोक्ताओं को यह मार्क देखकर आसानी से पता चलेगा कि प्रोडक्ट टेस्टिंग में पास हुआ है।
✔ ब्रांड्स को अपने गुणवत्ता प्रमाणन को दर्शाने के लिए एक भरोसेमंद मार्क मिलेगा।

YCL का बिजनेस मॉडल: उपभोक्ता कल्याण पर केंद्रित

YCL केवल एक प्रमाणन संस्था नहीं है, बल्कि एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार कर रही है जो हेल्थ-कॉन्शियस ब्रांड्स को प्रोत्साहित करे और उपभोक्ताओं को सुरक्षित, प्रमाणित और विश्वसनीय प्रोडक्ट्स तक पहुंच प्रदान करे।

  • कंपनी उन बिजनेस में निवेश करेगी जो पारदर्शिता, ईमानदारी और उपभोक्ता कल्याण को प्राथमिकता देते हैं।
  • गलत जानकारी और मिसलेबलिंग को खत्म करने के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय वेरिफिकेशन सिस्टम तैयार किया जाएगा।
  • हेल्थ और वेलनेस मार्केट में पारदर्शिता लाने के लिए YCL और अधिक ब्रांड्स को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ेगा।

भारत में हेल्थ और वेलनेस इंडस्ट्री में बदलाव की जरूरत

भारत में हेल्थ और वेलनेस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस क्षेत्र में मिलावट, मिसलेबलिंग और झूठे दावों की समस्या बहुत गंभीर है।

उदाहरण के लिए:

  • कई ऑर्गेनिक और हेल्थ सप्लीमेंट ब्रांड्स बिना प्रमाणिकता के खुद को “100% नेचुरल” या “प्राकृतिक” बताकर बेचते हैं।
  • ब्यूटी और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में कई बार हानिकारक केमिकल्स छिपाए जाते हैं।
  • हेल्थ सप्लीमेंट्स और न्यूट्रास्युटिकल्स में गलत जानकारी देकर उपभोक्ताओं को गुमराह किया जाता है।

YCL इन समस्याओं को हल करने के लिए एक विश्वसनीय प्रमाणन प्रणाली तैयार कर रहा है, जो उपभोक्ताओं को सही जानकारी और सुरक्षित प्रोडक्ट्स तक पहुंच प्रदान करेगा।

निष्कर्ष: YCL का वेरिफिकेशन सिस्टम उपभोक्ताओं और ब्रांड्स दोनों के लिए फायदेमंद

उपभोक्ताओं को सुरक्षित और प्रमाणित प्रोडक्ट्स खरीदने का भरोसा मिलेगा।
ब्रांड्स को अपने प्रोडक्ट्स की प्रमाणिकता साबित करने का एक मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म मिलेगा।
पिंक टाइगर स्टैम्प उपभोक्ताओं को सही और सुरक्षित प्रोडक्ट्स की पहचान करने में मदद करेगा।
भारत में हेल्थ और वेलनेस मार्केट को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने में योगदान मिलेगा।

YCL की यह पहल न केवल एक इनोवेटिव स्टार्टअप के रूप में बल्कि भारतीय हेल्थकेयर और वेलनेस इंडस्ट्री में एक गेम-चेंजर के रूप में उभर सकती है। 🚀

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