Exsure बायोटेक स्टार्टअप यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स ने जुटाए 3 करोड़ रुपये

ExSURE`

भारतीय बायोटेक स्टार्टअप ExSURE ने अपने सीड फंडिंग राउंड में 3 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Unicorn India Ventures ने किया। फंड का उपयोग कंपनी के एक्सोसोम-आधारित ड्रग डिलीवरी प्लेटफॉर्म की नॉन-क्लिनिकल स्टडी को पूरा करने, वैश्विक विस्तार योजनाओं को आगे बढ़ाने, और अपने उत्पादों जैसे Exosure, Leucosure, PlantExosure, और Dr. Berries को प्रमोट करने के लिए किया जाएगा।


ExSURE: स्टार्टअप का परिचय और दृष्टिकोण

2021 में स्वास्तिका पॉल और अभिषेक दत्ता द्वारा स्थापित, Exsure एक बायोटेक स्टार्टअप है जो कैंसर के उपचार के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करता है। स्टार्टअप का मुख्य फोकस है:

  1. एंटी-कैंसर दवाओं के साइड इफेक्ट्स और टॉक्सिसिटी को कम करना।
  2. कैंसर और कैंसर स्टेम सेल्स को टारगेट करना।
  3. कैंसर रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।

कंपनी का पेटेंटेड एक्सोसोमल ड्रग-डिलीवरी प्लेटफॉर्म की मदद से कीमोथेरेपी के विषाक्त प्रभावों को कम करने और कैंसर के पुनरावृत्ति की संभावना को घटाने का प्रयास किया जाता है।


उत्पाद और सेवाएं

Exsure ने हाल ही में अपने पहले इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग उत्पाद लॉन्च किए हैं। इसके प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:

  1. Exosure: कैंसर उपचार के लिए डिज़ाइन किया गया।
  2. Leucosure: ल्यूकोपेनिया जैसी स्थितियों के लिए उपचार।
  3. PlantExosure: पौधों से प्राप्त उपचार विकल्प।
  4. Dr. Berries: स्वास्थ्य-वर्धक बेरी-आधारित उत्पाद।

इन उत्पादों के जरिए कंपनी ने पूरे भारत में विभिन्न सहयोगी और भागीदारों को जोड़ा है।


नॉन-क्लिनिकल और प्री-क्लिनिकल अध्ययन

Exsure ने पिछले 12 महीनों में भारत में एक नॉन-क्लिनिकल स्टडी शुरू की है। इस अध्ययन को एक CRO (Contract Research Organization) के सहयोग से संचालित किया गया है। इसके अलावा, स्टार्टअप ने अपने पेटेंटेड तकनीक का उपयोग करते हुए प्री-क्लिनिकल स्टडी भी पूरी की है।

यह कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो इसे अपने शोध और उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित करने के लिए तैयार करती है।


भारतीय बायोटेक्नोलॉजी उद्योग का भविष्य

मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारतीय बायोटेक्नोलॉजी उद्योग तेजी से बढ़ रहा है:

  1. 2025 तक: यह उद्योग $150 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
  2. 2030 तक: इसके $270-300 बिलियन तक बढ़ने की संभावना है।
  3. वैश्विक प्रभाव: भारत में बायोटेक स्टार्टअप्स की संख्या बढ़ रही है, और Exsure जैसे इनोवेटिव स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

Exsure का वैश्विक विस्तार और योजनाएं

Exsure अपने इन-हाउस उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही, कंपनी निम्नलिखित क्षेत्रों में निवेश करेगी:

  1. टेक-एनेबल्ड समाधान विकसित करना।
  2. कैंसर के उपचार में उपयोगी नई तकनीकों पर अनुसंधान।
  3. ग्लोबल पार्टनरशिप और कोलैबोरेशन।

संस्थापकों का विजन

Exsure के सह-संस्थापक स्वास्तिका पॉल और अभिषेक दत्ता का मानना है कि तकनीक और नवाचार के माध्यम से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज बेहतर और अधिक सुलभ बनाया जा सकता है।

“हमारा उद्देश्य है कि हम कैंसर उपचार के साइड इफेक्ट्स को कम करें और मरीजों को एक बेहतर जीवन जीने में मदद करें। हमारा पेटेंटेड प्लेटफॉर्म न केवल प्रभावी है, बल्कि यह भविष्य में कैंसर उपचार की दिशा को बदलने की क्षमता रखता है।”


फंडिंग का महत्व

3 करोड़ रुपये की फंडिंग से Exsure को अपने लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी:

  1. नए उत्पाद विकसित करना।
  2. वैश्विक बाजार में विस्तार।
  3. भारत में कैंसर उपचार के लिए नए मानक स्थापित करना।

कैंसर उपचार में नवाचार की आवश्यकता

भारत में कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। हर साल लाखों लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं। हालांकि, कैंसर उपचार में साइड इफेक्ट्स और टॉक्सिसिटी एक बड़ी चुनौती है।

  • Exsure का समाधान: कंपनी का एक्सोसोम-आधारित प्लेटफॉर्म इन चुनौतियों को हल करने में सक्षम है।
  • कम लागत, उच्च प्रभाव: Exsure के उत्पाद न केवल प्रभावी हैं, बल्कि वे आर्थिक रूप से भी सस्ते हैं।

भविष्य की योजनाएं

Exsure की दीर्घकालिक योजनाओं में शामिल हैं:

  1. वैज्ञानिक अनुसंधान का विस्तार।
  2. अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाना।
  3. बायोटेक इंडस्ट्री में अग्रणी स्थान प्राप्त करना।

निष्कर्ष

Exsure का मिशन और दृष्टिकोण भारतीय बायोटेक्नोलॉजी उद्योग के लिए प्रेरणादायक है। यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स की अगुवाई में जुटाई गई फंडिंग से कंपनी को अपने लक्ष्यों को तेजी से हासिल करने में मदद मिलेगी।

Exsure न केवल कैंसर के उपचार को प्रभावी बना रहा है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाने के लिए एक नई दिशा भी प्रदान कर रहा है। Exsure जैसे इनोवेटिव स्टास्टार्टअप्स भारतीय बायोटेक्नोलॉजी के भविष्य को उज्जवल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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Zeelab Pharmacy ने $2.4 मिलियन की फंडिंग जुटाई

Zeelab Pharmacy

ओमनी-चैनल हेल्थकेयर ब्रांड Zeelab Pharmacy ने अपने पहले फंडिंग राउंड में $2.4 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व OTP Ventures ने किया। यह धनराशि कंपनी के विस्तार, रिटेल फुटप्रिंट बढ़ाने, और डिलीवरी क्षमताओं को बेहतर बनाने में उपयोग की जाएगी, Zeelab ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा।


Zeelab Pharmacy का परिचय

2019 में रोहित मुकुल द्वारा स्थापित, Zeelab Pharmacy एक फार्मेसी ब्रांड है जो किफायती, उच्च-गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाइयों और अन्य उत्पादों की बिक्री करता है। इसका उद्देश्य भारत में सभी को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना और गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर को सभी के लिए सुलभ और किफायती बनाना है।


कंपनी का मिशन और दृष्टिकोण

Zeelab Pharmacy का मिशन स्पष्ट है:

  1. 90% कम कीमत पर दवाइयां: Zeelab मरीजों को उनकी दवाइयां वास्तविक कीमत पर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखता है।
  2. स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच: कंपनी का मानना है कि भारत के हर नागरिक को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां मिलनी चाहिए।
  3. भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग को सशक्त बनाना: Zeelab भारतीय दवा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहा है।

रिटेल नेटवर्क और डिलीवरी क्षमताएं

Zeelab Pharmacy ने अब तक:

  • 225 से अधिक स्टोर का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया है।
  • हर दिन 1,500 से अधिक ऑर्डर प्रोसेस किए जाते हैं।
  • कंपनी का लक्ष्य मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में 60 मिनट डिलीवरी की सुविधा को विकसित करना है।

ब्रांड एंबेसडर और प्रचार प्रयास

Zeelab Pharmacy ने हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा को अपना ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है।
रणदीप हुड्डा के साथ, Zeelab ने एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है, जिसमें किफायती दवाओं की उपलब्धता और स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व को उजागर किया गया है।

रणदीप हुड्डा ने अपने बयान में कहा:

“Zeelab का दृष्टिकोण और मिशन न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता रखता है।”


फंडिंग का उपयोग और विस्तार योजनाएं

$2.4 मिलियन की इस नई फंडिंग का उपयोग निम्नलिखित प्राथमिकताओं के लिए किया जाएगा:

  1. रिटेल नेटवर्क का विस्तार: Zeelab अधिक शहरों और गांवों में अपने स्टोर्स खोलने की योजना बना रहा है।
  2. डिलीवरी क्षमता में सुधार: कंपनी मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में 60 मिनट डिलीवरी सेवा शुरू करने की तैयारी कर रही है।
  3. डिजिटल उपस्थिति को मजबूत करना: डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाना।
  4. भारत के हेल्थकेयर सेक्टर में अग्रणी बनना: Zeelab का उद्देश्य भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर में अपनी स्थिति को और मजबूत करना है।

किफायती जेनेरिक दवाइयों का महत्व

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत ने जेनेरिक दवाइयों की मांग को बढ़ावा दिया है। Zeelab Pharmacy इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है:

  • जेनेरिक दवाइयां ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 50-90% तक सस्ती होती हैं।
  • ये दवाइयां उतनी ही प्रभावी और सुरक्षित होती हैं जितनी कि ब्रांडेड दवाइयां।
  • Zeelab का उद्देश्य जेनेरिक दवाइयों की पहुंच को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सुनिश्चित करना है।

भारत का हेल्थकेयर बाजार: एक बढ़ता हुआ अवसर

भारत का हेल्थकेयर बाजार तेजी से बढ़ रहा है।

  • CAGR: भारतीय हेल्थकेयर इंडस्ट्री 15-20% की दर से बढ़ रही है।
  • 2028 तक प्रोजेक्शन: यह बाजार $132 बिलियन तक पहुंच सकता है।
  • हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी: डिजिटल हेल्थकेयर और टेलीमेडिसिन सेवाएं भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम को अधिक सुलभ बना रही हैं।

Zeelab Pharmacy इस बढ़ते हुए बाजार का हिस्सा बनकर अपनी सेवाओं का विस्तार करना चाहता है।


संस्थापक का दृष्टिकोण

Zeelab Pharmacy के संस्थापक रोहित मुकुल ने कहा:

“हमारा उद्देश्य भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को बदलना और इसे हर व्यक्ति के लिए सुलभ बनाना है। हम चाहते हैं कि कोई भी व्यक्ति महंगी दवाइयों के कारण इलाज से वंचित न रहे।”


भविष्य की योजनाएं

Zeelab की दीर्घकालिक योजनाओं में शामिल हैं:

  1. अधिक स्टोर्स खोलना: कंपनी अगले कुछ वर्षों में प्रमुख भारतीय शहरों में अपने स्टोर्स की संख्या को दोगुना करना चाहती है।
  2. डिजिटल हेल्थकेयर सेवाएं: एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाकर अधिक मरीजों तक पहुंचना।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान: उन क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करना जहां स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी है।

निष्कर्ष

Zeelab Pharmacy का $2.4 मिलियन का फंडिंग राउंड कंपनी के विस्तार और इनोवेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका मिशन किफायती स्वास्थ्य सेवाओं और जेनेरिक दवाइयों की पहुंच बढ़ाने का है।

रणदीप हुड्डा जैसे लोकप्रिय चेहरे के साथ, Zeelab ने जागरूकता बढ़ाने और अपनी सेवाओं को भारत के कोने-कोने तक पहुंचाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं।

Zeelab Pharmacy भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर में एक नई क्रांति का संकेत है, जो किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया है।

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Healthcare platform Raaz App ने जुटाए $1 मिलियन

Raaz

बेंगलुरु स्थित हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म Raaz  App ने Fireside Ventures के नेतृत्व में $1 मिलियन का फंडिंग राउंड पूरा किया। इस फंडिंग राउंड में Campus Fund, अल्ताफ सय्यद, Better Capital के संस्थापक वैभव डोमकुंडवार और अन्य निवेशकों ने भी भाग लिया।

यह धनराशि प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने, सेवाओं के विस्तार, क्लिनिकल ट्रायल्स में निवेश, टेक-एनेबल्ड उपचार प्रोटोकॉल विकसित करने, और जागरूकता अभियानों को चलाने के लिए उपयोग की जाएगी,** कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा।


Raaz  App का परिचय

2023 में स्थापित, Raaz  App पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया एक हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म है। इसे आकाश कुमार और हर्षित कुक्रेजा ने सह-स्थापित किया।

कंपनी का उद्देश्य पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य मुद्दों के लिए उच्च-गुणवत्ता वाली जानकारी और उपचार प्रदान करना है। Raaz App की सेवाओं में शामिल हैं:

  • साक्ष्य-आधारित उपचार कार्यक्रम
  • डॉक्टर-नेतृत्व वाली टेली-कंसल्टेशन सेवाएं
  • दवाइयां, डायग्नोस्टिक्स, काउंसलिंग, और लाइफस्टाइल गाइडेंस

व्यक्तिगत और स्थानीय सेवाएं

Raaz App का एक महत्वपूर्ण पहलू इसका व्यक्तिगत और स्थानीय सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करना है। प्लेटफॉर्म निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है:

  1. व्यक्तिगत उपचार योजनाएं: प्रत्येक मरीज को एक डॉक्टर और पर्सनल हेल्थ कंसीयर्ज (स्वास्थ्य सहायक) प्रदान किया जाता है जो उनकी प्रगति की निगरानी करता है।
  2. स्थानीय भाषाओं में सेवाएं: विशेष रूप से टियर II और टियर III शहरों के लिए, प्लेटफॉर्म स्थानीय भाषाओं में सेवाएं प्रदान करता है ताकि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लोग भी इसका लाभ उठा सकें।
  3. डेटा इंजन का निर्माण: प्लेटफॉर्म ने एक डेटा इंजन विकसित किया है जिसमें गुमनाम केस हिस्ट्री और हस्तक्षेपों की प्रभावशीलता का विश्लेषण शामिल है।

पुरुषों के स्वास्थ्य पर केंद्रित प्लेटफॉर्म

Raaz App उन समस्याओं पर केंद्रित है जिन पर आमतौर पर कम चर्चा की जाती है। यह निम्नलिखित स्थितियों के लिए साक्ष्य-आधारित उपचार योजनाएं प्रदान करता है:

  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
  • प्रीमैच्योर इजैकुलेशन

प्लेटफॉर्म का लक्ष्य पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है।


टेक्नोलॉजी और डेटा का उपयोग

Raaz App टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवेन समाधानों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करता है:

  • डेटा-आधारित हस्तक्षेप: मरीजों की केस हिस्ट्री का अध्ययन करके, यह प्लेटफॉर्म उन हस्तक्षेपों की पहचान करता है जो सबसे प्रभावी साबित हुए।
  • लाइफस्टाइल विश्लेषण: मरीजों की जीवनशैली और स्वास्थ्य के बीच संबंध को समझने के लिए गहन डेटा विश्लेषण करता है।

टियर II और III शहरों पर फोकस

Raaz App की सेवाएं मुख्य रूप से टियर II और III शहरों में केंद्रित हैं। इन क्षेत्रों में:

  • हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी होती है।
  • पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और जानकारी सीमित होती है।
  • प्लेटफॉर्म का उद्देश्य इन शहरों में स्थानीय भाषाओं और डिजिटल कंसल्टेशन के माध्यम से सेवाएं प्रदान करना है।

फंडिंग का उपयोग

कंपनी ने फंडिंग से मिलने वाली राशि का उपयोग निम्नलिखित प्राथमिकताओं के लिए करने की योजना बनाई है:

  1. प्लेटफॉर्म एन्हांसमेंट: बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव और उन्नत सुविधाएं विकसित करना।
  2. सेवा विस्तार: भारत के अधिक शहरों और गांवों तक पहुंच बनाना।
  3. क्लिनिकल ट्रायल्स में निवेश: सटीक और साक्ष्य-आधारित उपचार सुनिश्चित करना।
  4. टेक-एनेबल्ड प्रोटोकॉल: नए तकनीकी समाधानों के विकास में निवेश करना।
  5. जागरूकता अभियान: पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना।

बाजार की संभावनाएं

भारत में पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ रही है। हालांकि, यह अभी भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां जानकारी और सेवाओं की भारी कमी है।

  • Raaz App इस कमी को दूर करने की दिशा में काम कर रहा है।
  • इसके डिजिटल-फर्स्ट मॉडल और पर्सनलाइज्ड एप्रोच ने इसे एक मजबूत स्थिति में ला दिया है।

संस्थापकों का दृष्टिकोण

Raaz App के सह-संस्थापक आकाश कुमार का कहना है:

“हमारा लक्ष्य पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य को एक सामान्य चर्चा का विषय बनाना है। हमारा प्लेटफॉर्म न केवल इलाज प्रदान करता है, बल्कि जागरूकता बढ़ाने और समस्या को जड़ से समाप्त करने की दिशा में भी काम करता है।”


निष्कर्ष

Raaz App का उद्देश्य पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करना और टियर II व III शहरों के मरीजों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। $1 मिलियन की फंडिंग के साथ, कंपनी ने अपने विस्तार और नवाचार के अगले चरण की शुरुआत कर दी है।

इस प्लेटफॉर्म का ध्यान टेक्नोलॉजी, पर्सनलाइजेशन, और डेटा के उपयोग पर है, जो इसे भारत के हेल्थकेयर सेक्टर में एक अग्रणी खिलाड़ी बना सकता है। Raaz App के कदम पुरुष स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई क्रांति का संकेत हैं।

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DeHaat

भारत के अग्रणी एग्रीटेक प्लेटफॉर्म DeHaat (DeHaat) ने ओलम एग्री (Olam Agri) से AgriCentral का अधिग्रहण किया है। यह सौदा ऑल-कैश डील के रूप में पूरा किया गया है।

इस अधिग्रहण के माध्यम से देहात का उद्देश्य भारत के ग्रामीण इलाकों में किसानों को संपूर्ण कृषि समाधान प्रदान करना है। AgriCentral के तकनीकी और डिजिटल क्षमताओं को शामिल करके, देहात किसानों को सटीक सलाह, मशीनीकरण, बीमा, और पशु सलाह जैसी सेवाएं बेहतर ढंग से प्रदान कर सकेगा।


AgriCentral: डिजिटल कृषि का अग्रणी प्लेटफॉर्म

2018 में लॉन्च हुआ AgriCentral एक डिजिटल एडवाइजरी प्लेटफॉर्म है, जिसके पास 1 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं। यह किसानों को कई सेवाएं प्रदान करता है, जैसे:

  • फसल की कीमतों की जानकारी
  • फसल योजना और डायग्नोस्टिक्स
  • कृषि समुदायों के साथ इंटरैक्शन

यह प्लेटफॉर्म सैटेलाइट इमेजरी, मशीन लर्निंग, और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली सलाह प्रदान करता है।


DeHaat: भारत का सबसे बड़ा एग्रीटेक प्लेटफॉर्म

2012 में स्थापित DeHaat कृषि क्षेत्र में किसानों को संपूर्ण समाधान प्रदान करता है। इसके प्रमुख कार्यक्षेत्रों में शामिल हैं:

  1. कृषि सलाह
  2. गुणवत्तापूर्ण इनपुट डिलीवरी
  3. बाजार संपर्क

देहात वर्तमान में 12 से अधिक राज्यों में काम कर रहा है और इसका नेटवर्क 15,000 से अधिक देहात सेंटर और 1,000 से अधिक एग्रीबिजनेस संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ है।


अधिग्रहण का महत्व और उद्देश्य

AgriCentral के अधिग्रहण से देहात को निम्नलिखित लाभ होंगे:

  1. सटीक कृषि सलाह की क्षमता बढ़ाना
    • सैटेलाइट इमेजरी और बिग डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके किसानों को सटीक और समय पर सलाह देना।
  2. किसानों के लिए सेवाओं का विस्तार
    • मशीनीकरण, बीमा, और पशु देखभाल जैसे नए क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करना।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव बढ़ाना
    • AgriCentral के उपयोगकर्ताओं को देहात के व्यापक नेटवर्क से जोड़कर उनकी आय बढ़ाना।

देहात की हाल की प्रगति

  • वित्त वर्ष 2024 में देहात की सकल आय ₹2,674.8 करोड़ तक पहुंच गई, जो FY23 के ₹1,965 करोड़ की तुलना में अधिक है।
  • कंपनी का घाटा 34% कम होकर ₹244.68 करोड़ रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष ₹371 करोड़ था।

देहात का यह वित्तीय प्रदर्शन इसकी बढ़ती स्वीकार्यता और संचालन में सुधार को दर्शाता है।


पिछले अधिग्रहण और विस्तार योजनाएं

AgriCentral से पहले देहात ने कई रणनीतिक अधिग्रहण किए हैं, जैसे:

  1. FarmGuide
  2. Vezamart
  3. Helicrofter
  4. YCook
  5. Freshtrop Fruits का फ्रूट एक्सपोर्ट व्यवसाय

इन अधिग्रहणों के माध्यम से, देहात ने अपने प्लेटफॉर्म को व्यापक और बहुआयामी बनाया है। अब, कंपनी का लक्ष्य भारत के सबसे बड़े फुल-स्टैक एग्रीटेक प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करना है।


कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार की भूमिका

भारत में कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार करने में तकनीकी नवाचार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

  • डिजिटल प्लेटफॉर्म किसानों को बाजार से जोड़ने, उनकी समस्याओं का समाधान करने और उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
  • उन्नत तकनीक, जैसे सैटेलाइट इमेजरी और मशीन लर्निंग, खेती को अधिक कुशल और सटीक बनाती हैं।

AgriCentral और देहात जैसे प्लेटफॉर्म इस बदलाव के प्रमुख उदाहरण हैं।


उद्योग विशेषज्ञों की राय

इस अधिग्रहण को लेकर उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम देहात के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

  • एक विशेषज्ञ ने कहा:”AgriCentral की तकनीकी क्षमताओं और देहात के व्यापक नेटवर्क का संयोजन भारतीय कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकता है।”

भविष्य की योजनाएं

देहात का उद्देश्य न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर अपने प्लेटफॉर्म को मजबूत करना है। इसके तहत कंपनी निम्नलिखित प्राथमिकताओं पर काम करेगी:

  1. किसानों को नई सेवाओं से जोड़ना।
  2. तकनीकी नवाचारों के माध्यम से संचालन में सुधार करना।
  3. अधिग्रहित प्लेटफॉर्म्स का अधिकतम उपयोग करना।

निष्कर्ष

देहात द्वारा AgriCentral का अधिग्रहण भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है। यह सौदा न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि भारतीय कृषि को अधिक तकनीकी, कुशल, और समृद्ध बनाएगा।

यह कदम भारत में एग्रीटेक के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है।

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Hatsun Agro Product Limited ने Milk Mantra का acquire, ₹233 करोड़ में 100% हिस्सेदारी खरीदी

Milk Mantra

भारत की अग्रणी डेयरी उत्पाद निर्माता कंपनी Hatsun Agro Product Limited (HAP) ने ओडिशा स्थित डेयरी ब्रांड Milk Mantra की पूरी 100% हिस्सेदारी ₹233 करोड़ (लगभग $27.5 मिलियन) में खरीदने की घोषणा की है।

इस अधिग्रहण का उद्देश्य पूर्वी भारत, विशेष रूप से ओडिशा के डेयरी बाजार में HAP की स्थिति को और मजबूत करना है। मिल्क मंत्रा का प्रमुख ब्रांड, ‘मिल्की मू’, क्षेत्र में पहले से ही एक मजबूत पहचान बना चुका है। कंपनी ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी।


Milk Mantra अधिग्रहण प्रक्रिया और योजना

  • यह अधिग्रहण शेयर परचेज एग्रीमेंट्स (SPAs) और अन्य ट्रांजेक्शन डॉक्युमेंट्स के माध्यम से पूरा किया जाएगा।
  • Milk Mantra के मौजूदा प्रमोटर्स और शेयरधारकों के साथ समझौतों के बाद, मिल्क मंत्रा पूरी तरह से HAP की सहायक कंपनी बन जाएगी।

मिल्क मंत्रा: परिचय और प्रगति

2009 में स्थापित, मिल्क मंत्रा ओडिशा में एक प्रमुख डेयरी ब्रांड है। कंपनी कई प्रकार के डेयरी उत्पाद प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:

  1. दूध
  2. दही
  3. पनीर
  4. मट्ठा
  5. कैटल फीड

मिल्क मंत्रा ने अब तक $35 मिलियन (लगभग ₹290 करोड़) का फंड जुटाया है। इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

  • आविष्कार वेंचर कैपिटल
  • फिडेलिटी ग्रोथ पार्टनर्स
  • नीव फंड
  • एट रोड्स वेंचर्स
  • यूएस-आधारित डीएफसी

मिल्क मंत्रा की वित्तीय स्थिति

  • FY24 में कंपनी ने ₹276.42 करोड़ का ऑपरेटिंग रेवेन्यू दर्ज किया।
  • कंपनी ने ₹9.78 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित किया।
  • हालांकि, मिल्क मंत्रा का राजस्व पिछले तीन वित्तीय वर्षों में लगभग स्थिर रहा है।

यह अधिग्रहण एक स्लंप सेल प्रतीत होता है, क्योंकि अधिग्रहण की लागत ₹233 करोड़ है, जो इसके वार्षिक राजस्व के लगभग बराबर है।


HAP का अधिग्रहण का उद्देश्य

हैटसन एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड, जो अपने डेयरी ब्रांड्स जैसे अरुण आइसक्रीम, आईडू मिल्क, और हैटसन दही के लिए प्रसिद्ध है, ने मिल्क मंत्रा को अधिग्रहण करने के पीछे कई रणनीतिक कारण बताए हैं:

  1. पूर्वी भारत में विस्तार
    • मिल्क मंत्रा के माध्यम से HAP ओडिशा और पूर्वी भारत में अपनी पकड़ मजबूत करेगा।
  2. स्थानीय ब्रांड की लोकप्रियता का लाभ उठाना
    • ‘मिल्की मू’ ब्रांड की बाजार में पहले से ही एक मजबूत पहचान है।
  3. उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार
    • मिल्क मंत्रा के उत्पाद HAP के पोर्टफोलियो को और विविध बनाएंगे।
  4. सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
    • मिल्क मंत्रा के मौजूदा नेटवर्क का उपयोग करके HAP अपनी वितरण क्षमता बढ़ा सकता है।

भारतीय डेयरी उद्योग में विकास की संभावना

  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी उत्पादक देश है।
  • मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारतीय डेयरी उद्योग का मूल्यांकन 2021 में ₹11.35 लाख करोड़ था, जो 2027 तक ₹21.97 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
  • HAP जैसे अग्रणी ब्रांड इस बढ़ते बाजार का लाभ उठाने और अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अधिग्रहण कर रहे हैं।

निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों की राय

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह अधिग्रहण HAP के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

  • एक निवेशक ने कहा:”मिल्क मंत्रा की मजबूत क्षेत्रीय उपस्थिति और HAP की राष्ट्रीय विशेषज्ञता का संयोजन, कंपनी को इस प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में और आगे बढ़ाएगा।”

भविष्य की योजनाएं

अधिग्रहण के बाद HAP की प्राथमिकताएं होंगी:

  1. मिल्क मंत्रा के परिचालन में सुधार
    • प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन चैनल को अधिक कुशल बनाना।
  2. ग्राहकों तक बेहतर पहुंच
    • मिल्क मंत्रा के उत्पादों को HAP के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से पूरे भारत में उपलब्ध कराना।
  3. नए उत्पाद लॉन्च करना
    • ग्राहकों की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए डेयरी उत्पाद विकसित करना।

निष्कर्ष

हैटसन एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड का मिल्क मंत्रा का अधिग्रहण न केवल HAP के विस्तार के लिए एक रणनीतिक कदम है, बल्कि यह भारतीय डेयरी बाजार में भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है। ₹233 करोड़ की यह डील HAP को पूर्वी भारत में अपनी स्थिति मजबूत करने और ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।

यह अधिग्रहण डेयरी उद्योग के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे क्षेत्रीय और राष्ट्रीय ब्रांड मिलकर एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

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स्पेशलिटी कॉफी ब्रांड Chelvies Coffee ने जुटाए $1 मिलियन, देशभर

Chelvies Coffee

स्पेशलिटी कॉफी और डाइनिंग अनुभव प्रदान करने वाले ब्रांड Chelvies Coffee ने अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में $1 मिलियन (लगभग ₹8.2 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व Endurance Capital ने किया है। साथ ही, कंपनी ने अतिरिक्त $500,000 (₹4.1 करोड़) का डेब्ट फाइनेंसिंग जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

कंपनी ने कहा कि यह फंडिंग 2026 तक भारत के प्रमुख महानगरों में 30 हाई-स्ट्रीट लोकेशन स्थापित करने, मौजूदा सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने, प्रोप्राइटरी फूड प्रोडक्शन सिस्टम विकसित करने और संचालन टीमों को मजबूत करने के लिए उपयोग की जाएगी।


Chelvies Coffee का परिचय

Chelvies Coffee की स्थापना 2023 में ध्रुव सिंह द्वारा की गई थी। यह ब्रांड स्पेशलिटी कॉफी और फ्रेश एवं हाई-क्वालिटी डाइनिंग विकल्पों का अनूठा संयोजन प्रदान करता है।

  • वर्तमान में कंपनी के दिल्ली-एनसीआर और अहमदाबाद में छह लोकेशन हैं।
  • Chelvies का लक्ष्य भारतीय कॉफी शॉप अनुभव को नया आयाम देना है, जो गुणवत्ता, नवाचार और बेहतरीन ग्राहक सेवा पर आधारित है।

मेनू और सुविधाएं

Chelvies Coffee का मेनू विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, जिसमें शामिल हैं:

  1. 70 से अधिक स्पेशलिटी कॉफी ब्रू
    • हर कॉफी प्रेमी के लिए एक खास विकल्प।
  2. कस्टमाइज्ड डाइनिंग विकल्प
    • बर्गर, आर्टिसनल सैंडविच, पास्ता जैसे व्यंजन, जो इन-हाउस फैसिलिटी में तैयार किए जाते हैं।

कंपनी की प्रोप्राइटरी सप्लाई चेन सिस्टम और सेंट्रलाइज्ड डिस्पैच यूनिट्स इसे बड़े पैमाने पर उच्च गुणवत्ता वाली सेवा देने में सक्षम बनाते हैं।


भविष्य की योजनाएं

Chelvies Coffee ने 2026 तक भारत के प्रमुख महानगरों में 30 नई हाई-स्ट्रीट लोकेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

  • यह विस्तार कंपनी के सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करेगा।
  • कंपनी की योजना है कि हर लोकेशन पर ग्राहकों को न केवल स्वादिष्ट कॉफी मिले, बल्कि एक प्रीमियम डाइनिंग अनुभव भी प्रदान किया जाए।

भारतीय कैफे उद्योग का विकास

मार्केट रिसर्च के अनुसार:

  • भारत का कैफे उद्योग 15-20% की CAGR से बढ़ रहा है।
  • 2028 तक यह उद्योग $2.6-3.2 बिलियन (₹21,000-₹26,000 करोड़) तक पहुंचने की उम्मीद है।
  • बढ़ती मिलेनियल और जेन Z आबादी, शहरीकरण, और बदलते लाइफस्टाइल इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं।

Chelvies Coffee इस बढ़ते बाजार का लाभ उठाने और इसे नए मानकों पर ले जाने के लिए तैयार है।


ग्राहकों के लिए विशेष अनुभव

Chelvies का ध्यान केवल उत्पादों पर ही नहीं, बल्कि एक संपूर्ण अनुभव प्रदान करने पर है:

  1. प्रीमियम इंटरियर्स
    • हर लोकेशन को ऐसे डिजाइन किया गया है, जो ग्राहकों को एक आरामदायक और स्टाइलिश माहौल प्रदान करे।
  2. इनोवेटिव सर्विस मॉडल
    • तकनीक और ग्राहक सुविधा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया।
  3. पारदर्शिता और गुणवत्ता
    • हर कप कॉफी और हर डिश में ताजगी और उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है।

फंडिंग पर निवेशकों की राय

Endurance Capital ने Chelvies Coffee की दृष्टि और रणनीति की सराहना की है।

  • एक निवेशक ने कहा:”Chelvies Coffee भारतीय कैफे उद्योग में एक नया अध्याय लिखने की क्षमता रखता है। इसका ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण और उच्च गुणवत्ता पर ध्यान इसे प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाता है।”

प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त

Chelvies Coffee को अपने प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाता है:

  1. विस्तृत मेनू और गुणवत्ता
    • स्पेशलिटी कॉफी के साथ कस्टमाइज्ड डाइनिंग विकल्प।
  2. प्रीमियम लोकेशन
    • हाई-स्ट्रीट स्थानों पर स्टाइलिश कैफे।
  3. प्रोप्राइटरी सप्लाई चेन
    • कुशलता और लागत-कटौती सुनिश्चित करने के लिए उन्नत प्रणाली।
  4. ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण
    • हर पहलू में ग्राहक अनुभव को प्राथमिकता।

भविष्य की संभावनाएं

Chelvies Coffee ने फंडिंग के साथ खुद को एक मजबूत ब्रांड पोजीशनिंग में रखा है।

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विस्तार की योजना।
  • ई-कॉमर्स और डिलीवरी चैनल पर ध्यान।
  • नई तकनीकों और स्थिरता-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाना।

निष्कर्ष

Chelvies Coffee भारतीय कॉफी शॉप अनुभव को पुनर्परिभाषित करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। $1 मिलियन की फंडिंग और विस्तार योजनाओं के साथ, कंपनी का लक्ष्य है कि वह भारतीय ग्राहकों को न केवल प्रीमियम कॉफी और भोजन प्रदान करे, बल्कि एक ऐसा अनुभव दे जो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरे।

Chelvies Coffee का सफर इस बात का उदाहरण है कि कैसे गुणवत्ता, नवाचार, और ग्राहक अनुभव पर ध्यान केंद्रित करके कोई ब्रांड एक मजबूत पहचान बना सकता है।

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Postudio

क्लाउड-बेस्ड पोस्ट-प्रोडक्शन सॉफ्टवेयर कंपनी Postudio ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में $1 मिलियन (लगभग ₹8.2 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Audacity Venture Capital ने किया।

कंपनी ने कहा कि इस फंड का उपयोग भारतीय एंटरप्राइज बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने, AI-आधारित उत्पाद सुविधाओं को विकसित करने, टीम के विस्तार, और 2025 के दूसरे भाग में अमेरिकी बाजार में लॉन्च के लिए किया जाएगा।


Postudio की स्थापना और उत्पाद

Postudio की स्थापना मीडिया उद्योग के दिग्गज धवल गुसैन और हरीश प्रभु ने की थी। यह कंपनी एक वेब-बेस्ड प्लेटफॉर्म प्रदान करती है, जो पोस्ट-प्रोडक्शन कार्यप्रणाली को बेहतर बनाती है।

  • इसके प्रमुख फीचर्स में शामिल हैं:
    • वर्चुअल एडिटिंग
    • रीयल-टाइम कोलैबोरेशन
    • AI-ड्रिवन कंटेंट लोकलाइजेशन

Postudio का उद्देश्य पोस्ट-प्रोडक्शन प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, लागत-किफायती, और सुरक्षित बनाना है।


Postudio की अब तक की उपलब्धियां

  • कंपनी ने दो साल से भी कम समय में $1 मिलियन का एनुअल रिकरिंग रेवेन्यू (ARR) हासिल कर लिया है।
  • 2025 में कंपनी का लक्ष्य अपनी आय को दोगुना करने का है।
  • भारत में इसकी तकनीक को मीडिया एंटरप्राइजेज और स्वतंत्र प्रोडक्शन हाउसेस ने तेजी से अपनाया है।

ग्लोबल विस्तार की योजना

Postudio अब भारतीय बाजार से आगे बढ़कर वैश्विक स्तर पर विस्तार की योजना बना रहा है।

  1. अमेरिकी बाजार में प्रवेश:
    • 2025 की दूसरी छमाही में अमेरिकी बाजार में लॉन्च की योजना है।
  2. क्लाउड-आधारित समाधानों की पेशकश:
    • कंपनी ऐसे स्केलेबल और सुरक्षित समाधानों के साथ पोस्ट-प्रोडक्शन उद्योग को पुनर्परिभाषित करने की तैयारी कर रही है।
  3. कॉस्ट सेविंग और डेटा सुरक्षा पर फोकस:
    • क्लाउड-आधारित तकनीक से उत्पादन लागत को कम करने और डेटा सुरक्षा को बेहतर बनाने का वादा।

AI-आधारित उत्पाद विकास

Postudio अपने प्लेटफॉर्म में AI-आधारित नई सुविधाओं को जोड़ने की दिशा में काम कर रहा है।

  • कंटेंट लोकलाइजेशन:
    • AI तकनीक का उपयोग करके विभिन्न भाषाओं और क्षेत्रों के लिए कंटेंट को अनुकूलित करना।
  • रीयल-टाइम एडिटिंग:
    • टीम के सदस्यों को एक साथ लाइव संपादन की सुविधा।
  • उत्पादन दक्षता में वृद्धि:
    • AI का उपयोग करके कार्यप्रवाह को स्वचालित और तेज़ बनाना।

बाजार की संभावना

पोस्ट-प्रोडक्शन उद्योग में क्लाउड-आधारित तकनीक की मांग तेजी से बढ़ रही है।

  • रिमोट कोलैबोरेशन की बढ़ती आवश्यकता ने ऐसे सॉफ़्टवेयर की मांग को और बढ़ावा दिया है।
  • डेटा सुरक्षा और किफायती समाधानों की प्राथमिकता के कारण कंपनियां इस दिशा में निवेश कर रही हैं।

Postudio का दृष्टिकोण

Postudio का लक्ष्य है:

  1. पोस्ट-प्रोडक्शन को अधिक समावेशी और कुशल बनाना।
  2. छोटे और बड़े प्रोडक्शन हाउसेस दोनों के लिए किफायती समाधान प्रदान करना।
  3. भारत और अन्य देशों में मीडिया उद्योग के लिए ट्रांसफॉर्मेशनल टूल्स विकसित करना।

फंडिंग पर निवेशकों की राय

Audacity Venture Capital ने Postudio के दृष्टिकोण और इसके तकनीकी नवाचारों की सराहना की।

  • निवेशकों का मानना है कि Postudio का मॉडल न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
  • एक निवेशक ने कहा:“Postudio ने न केवल एक उत्पाद विकसित किया है, बल्कि एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जो उद्योग के भविष्य को नई दिशा देगा।”

प्रतिस्पर्धात्मक लाभ

Postudio को प्रतियोगियों से अलग बनाता है:

  1. ऑल-इन-वन प्लेटफॉर्म:
    • वर्चुअल एडिटिंग से लेकर रीयल-टाइम कोलैबोरेशन तक, एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी सुविधाएं।
  2. डेटा सुरक्षा:
    • क्लाउड-आधारित तकनीक के माध्यम से उच्च स्तर की सुरक्षा।
  3. किफायती विकल्प:
    • छोटे और मध्यम स्तर के प्रोडक्शन हाउसेस के लिए सुलभ समाधान।

भविष्य की योजनाएं

Postudio आने वाले वर्षों में:

  1. अधिक क्षेत्रों में विस्तार करेगा।
  2. नई AI-आधारित उत्पाद श्रृंखला लॉन्च करेगा।
  3. ग्लोबल मीडिया कंपनियों के साथ साझेदारी करेगा।

निष्कर्ष

Postudio ने अपने क्लाउड-बेस्ड प्लेटफॉर्म और AI-आधारित नवाचारों से पोस्ट-प्रोडक्शन उद्योग में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। $1 मिलियन की ताजा फंडिंग और 2025 में अमेरिकी बाजार में प्रवेश की योजना के साथ, कंपनी खुद को एक ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।

Postudio का दृष्टिकोण न केवल उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का है, बल्कि इसे अधिक समावेशी और कुशल बनाने का भी है।

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Joyspoon

Joyspoon, एक इनोवेटिव माउथ फ्रेशनर ब्रांड, ने अपनी चल रही सीड फंडिंग राउंड में ₹56 लाख जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व दिशित नाथवाणी ने किया, जिसमें प्रतीक तोषनीवाल, अभिनव जैन, और अंकित जैन जैसे प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया। ये निवेशक CoinDCX, PharmEasy और अन्य शीर्ष कंपनियों के CFO हैं।


Joyspoon फंडिंग का उपयोग और कंपनी की योजनाएं

Joyspoon ने अपने बयान में कहा कि नई फंडिंग का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  1. उत्पादन क्षमता का विस्तार: अहमदाबाद में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को अपग्रेड किया जाएगा।
  2. क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर विस्तार: ब्रांड की उपस्थिति Zepto, Swiggy Instamart, और BigBasket जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ाई जाएगी।
  3. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर मजबूती: Amazon और Flipkart जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ब्रांड की पहुंच को और सशक्त किया जाएगा।

जॉयस्पून: एक आधुनिक ब्रांड की कहानी

2023 में वैशाली और यश मेहता द्वारा स्थापित, जॉयस्पून एक ऐसा ब्रांड है जो पारंपरिक भारतीय माउथ फ्रेशनर्स, या मुखवास, को आधुनिक रूप देता है।

  • ब्रांड लो-शुगर, सुपारी-फ्री, और ऑल-नेचुरल माउथ फ्रेशनर्स पेश करता है।
  • इसकी पैकेजिंग खासतौर पर गिफ्टिंग हैम्पर्स, शादी के फेवर्स और कॉर्पोरेट गिफ्टिंग के लिए डिज़ाइन की गई है।
  • जॉयस्पून का असॉर्टेड बॉक्स मात्र ₹145 से शुरू होता है।

स्वास्थ्य और स्वाद का संगम

जॉयस्पून का लक्ष्य पारंपरिक मुखवास को स्वास्थ्य और स्वाद के लिहाज से नई परिभाषा देना है।

  1. सुगंधित और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद:
    • जॉयस्पून के माउथ फ्रेशनर्स कृत्रिम रंगों और फ्लेवर्स से मुक्त हैं।
    • ये उत्पाद पाचन और एसिडिटी जैसी चिंताओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
  2. इनोवेशन का उदाहरण:
    • कंपनी ने भारत का पहला फंक्शनैलिटी-बेस्ड मुखवास लॉन्च किया है।
    • यह पारंपरिक मुखवास का एक आधुनिक और स्वास्थ्यप्रद विकल्प प्रस्तुत करता है।

भारतीय माउथ फ्रेशनर बाजार में उभरती संभावनाएं

मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारतीय माउथ फ्रेशनर मार्केट:

  • 2021 में ₹10,000 करोड़ का था।
  • 2028 तक यह ₹27,491 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
  • यह उद्योग 16% CAGR की दर से बढ़ रहा है।

जॉयस्पून की रणनीति और भविष्य की योजनाएं

  1. ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण:
    • ब्रांड का उद्देश्य स्वास्थ्य-सचेत उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प प्रदान करना है।
    • जॉयस्पून का हर उत्पाद स्वाद और गुणवत्ता पर जोर देता है।
  2. स्मार्ट पैकेजिंग:
    • आकर्षक और प्रीमियम पैकेजिंग इसे गिफ्टिंग के लिए उपयुक्त बनाती है।
    • यह ब्रांड को प्रतियोगियों से अलग बनाता है।
  3. डिजिटल उपस्थिति का विस्तार:
    • ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ाना।

निवेशकों का दृष्टिकोण

निवेशकों ने जॉयस्पून की इनोवेशन क्षमता और मार्केट ट्रेंड्स को समझने की प्रशंसा की।

  • दिशित नाथवाणी ने कहा,“जॉयस्पून स्वास्थ्य और स्वाद के बीच सही संतुलन बनाकर एक नए युग का माउथ फ्रेशनर ब्रांड बना रहा है। इसका बिजनेस मॉडल भविष्य के लिए बेहद आशाजनक है।”

जॉयस्पून का मार्केट में प्रभाव

जॉयस्पून ने अपनी गुणवत्ता और उपभोक्ता-केंद्रित दृष्टिकोण से बाजार में प्रभाव डाला है।

  • स्वस्थ विकल्प:
    • पारंपरिक माउथ फ्रेशनर्स के मुकाबले जॉयस्पून स्वास्थ्य को प्राथमिकता देता है।
  • ग्राहकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया:
    • जॉयस्पून ने अपने लॉन्च के बाद से ही ग्राहकों का विश्वास जीता है।

भविष्य की संभावनाएं

जॉयस्पून आने वाले वर्षों में:

  1. अधिक शहरों में विस्तार करेगा।
  2. नई उत्पाद श्रृंखला लॉन्च करेगा।
  3. वैश्विक बाजार में प्रवेश की संभावनाएं तलाशेगा।

निष्कर्ष

जॉयस्पून ने पारंपरिक मुखवास को आधुनिक दृष्टिकोण और स्वास्थ्य-केंद्रित दृष्टि से नया रूप दिया है। ₹1.81 करोड़ की कुल फंडिंग के साथ, ब्रांड अपने विस्तार और विकास के लिए तैयार है।

स्वास्थ्य और स्वाद का यह संगम न केवल भारतीय उपभोक्ताओं को आकर्षित करेगा, बल्कि जॉयस्पून को एक ग्लोबल ब्रांड बनने की ओर भी अग्रसर करेगा।

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Snabbit

Snabbit, एक ऑन-डिमांड होम सर्विस ऐप, ने सीरीज ए फंडिंग राउंड में $5.5 मिलियन (लगभग ₹45 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व Elevation Capital ने किया, जिसमें Nexus Venture Partners और अन्य प्रमुख एंजल निवेशकों ने भाग लिया।

इस दौर में शामिल एंजल निवेशकों में विदित आत्रेय और संजय बर्नवाल (Meesho), गौरव मुंजाल (Unacademy), और नीरज सिंह (Spinny) जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इससे पहले, 2024 की शुरुआत में Nexus Venture Partners ने स्नैबिट में $1 मिलियन का शुरुआती बीज निवेश किया था।


Snabbit: घर के कामों के लिए ऑन-डिमांड सॉल्यूशन

Snabbit एक ऐसा ऐप है जो घरों को प्रशिक्षित पेशेवरों के साथ जोड़ता है।

  • उपयोगकर्ता घंटों के हिसाब से इन पेशेवरों को बुक कर सकते हैं।
  • पेशेवर 15 मिनट के भीतर आपके स्थान पर पहुंचकर घर की सफाई, बर्तन धोने और कपड़े धोने जैसे काम करते हैं।

संस्थापक और शुरुआत

स्नैबिट की स्थापना 2024 में आयुष अग्रवाल ने की थी, जो इससे पहले Zepto में चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं।

  • आयुष ने अपने अनुभव और उपभोक्ता दर्द बिंदुओं की गहरी समझ का उपयोग करके स्नैबिट की नींव रखी।
  • यह स्टार्टअप फिलहाल मुंबई के चुनिंदा इलाकों में सक्रिय है।

फंडिंग का उद्देश्य

स्नैबिट इस नई फंडिंग का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए करेगा:

  1. भौगोलिक विस्तार: कंपनी अधिक स्थानों पर अपनी सेवाएं उपलब्ध कराएगी।
  2. मजबूत टीम निर्माण: पेशेवर और स्केलेबल मॉडल विकसित करने के लिए एक सक्षम टीम तैयार करेगी।
  3. ग्राहक अनुभव में सुधार: तकनीकी अपग्रेड और कस्टमर सपोर्ट को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा।

ग्राहकों की प्रतिक्रिया

संस्थापक आयुष अग्रवाल के अनुसार:

“पिछले कुछ महीनों में हमने ग्राहकों की जरूरतों को समझने और एक स्केलेबल व गेम-चेंजिंग मॉडल बनाने पर जोर दिया है। अब तक का रिस्पॉन्स शानदार रहा है—हमने केवल कुछ किलोमीटर के सर्विसेबल रेडियस में हजारों ग्राहक जोड़े हैं, जो मुख्य रूप से वर्ड-ऑफ-माउथ से प्रेरित हैं।”


घरेलू सेवा बाजार में स्नैबिट की भूमिका

भारत में घरेलू सेवाओं के बाजार की मांग तेजी से बढ़ रही है।

  • इस क्षेत्र में बड़े शहरों में विशेष रूप से सिंगल पेशेवरों और व्यस्त परिवारों के बीच सेवाओं की मांग बढ़ी है।
  • स्नैबिट अपनी तेज और विश्वसनीय सेवाओं के कारण इस सेगमेंट में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

भारत का ऑन-डिमांड सर्विस मार्केट

भारत में ऑन-डिमांड घरेलू सेवाओं का बाजार तेजी से बढ़ रहा है।

  • 2022 में, यह बाजार लगभग ₹30,000 करोड़ का था और 2025 तक इसके ₹50,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
  • मुंबई जैसे शहरों में व्यस्त जीवनशैली और समय की कमी ने ऐसे ऐप्स की आवश्यकता को और बढ़ावा दिया है।

स्नैबिट के प्रतिस्पर्धात्मक लाभ

  1. फास्ट सर्विस डिलीवरी: केवल 15 मिनट में पेशेवरों की उपलब्धता।
  2. किफायती सेवाएं: स्नैबिट अपने ग्राहकों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवाएं प्रदान करता है।
  3. वर्ड-ऑफ-माउथ मार्केटिंग: गुणवत्ता सेवाओं के चलते स्नैबिट ने ग्राहकों के बीच अपनी पहचान बनाई है।
  4. तकनीकी दृष्टिकोण: स्नैबिट ऐप ग्राहकों और पेशेवरों के बीच एक सहज इंटरफेस प्रदान करता है।

निवेशकों का दृष्टिकोण

Elevation Capital और Nexus Venture Partners ने स्नैबिट में अपने निवेश को एक उभरते बाजार में संभावित वृद्धि का समर्थन बताया है।

  • Elevation Capital के अनुसार, “स्नैबिट का बिजनेस मॉडल, तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने की क्षमता और फाउंडर की दूरदर्शिता इसे एक बेहतरीन निवेश बनाती है।”
  • Nexus Venture Partners ने कहा कि स्नैबिट का ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण इसे अन्य खिलाड़ियों से अलग करता है।

आने वाले समय की योजना

स्नैबिट अगले 12-18 महीनों में:

  1. अपनी सेवाओं को दिल्ली, बेंगलुरु, और हैदराबाद जैसे अन्य महानगरों तक विस्तारित करने की योजना बना रहा है।
  2. नए फीचर्स और सेवाओं को शामिल करके अपने ऐप को और अधिक आकर्षक बनाएगा।
  3. ग्राहक संतुष्टि और रेटेंशन में सुधार के लिए नियमित सर्वेक्षण और इनोवेशन पर ध्यान देगा।

निष्कर्ष

स्नैबिट ने घरेलू सेवाओं के क्षेत्र में एक मजबूत आधार स्थापित किया है।

  • $5.5 मिलियन की यह नई फंडिंग न केवल इसे नए बाजारों में विस्तार करने में मदद करेगी, बल्कि इसे भारत के तेजी से बढ़ते ऑन-डिमांड सर्विस उद्योग में अग्रणी स्थान हासिल करने का अवसर भी प्रदान करेगी।
  • आयुष अग्रवाल और उनकी टीम का ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण और नवाचार स्नैबिट को एक सफल स्टार्टअप में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

स्नैबिट की सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही दृष्टिकोण और फंडिंग के साथ, स्टार्टअप्स घरेलू और वैश्विक बाजारों में अपनी पहचान बना सकते हैं।

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Nazara Technologies ने जुटाए ₹495 करोड़,

Nazara Technologies

भारत की अग्रणी गेमिंग और स्पोर्ट्स मीडिया कंपनी Nazara Technologies लिमिटेड ने ₹495 करोड़ (लगभग $60 मिलियन) की फंडिंग जुटाई है। इस निवेश का नेतृत्व अक्साना एस्टेट्स एलएलपी ने किया, जिसमें प्लूटस वेल्थ मैनेजमेंट एलएलपी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर अर्पित खंडेलवाल और कैरेटलेन के संस्थापक मिथुन सचेटी डिज़ाइनटेड पार्टनर्स के रूप में शामिल हैं।

Nazara Technologies वैश्विक गेमिंग नेतृत्व की ओर कदम

यह रणनीतिक साझेदारी Nazara Technologies को वैश्विक गेमिंग बाजार में एक अग्रणी स्थिति दिलाने का उद्देश्य रखती है। कंपनी इस निवेश का उपयोग अपने मौजूदा प्रमोटर्स विकाश और नितीश मिट्टेरसैन के साथ नए निवेशकों के सामूहिक अनुभव और संसाधनों का लाभ उठाने के लिए करेगी।

निवेश के बाद, अक्साना एस्टेट्स एलएलपी नाज़ारा में लगभग 5.40% हिस्सेदारी प्राप्त करेगी। यह अधिग्रहण शेयरधारकों और नियामकीय मंजूरी के अधीन है।

26% अतिरिक्त हिस्सेदारी अधिग्रहण का प्रस्ताव

प्लूटस वेल्थ मैनेजमेंट एलएलपी और अक्साना एस्टेट्स एलएलपी ने अपने पर्सन्स एक्टिंग इन कॉन्सर्ट (PACs) के साथ मिलकर नाज़ारा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड में 26% अतिरिक्त हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए सार्वजनिक ऑफर लॉन्च करने की योजना की घोषणा की है।

रणनीतिक अधिग्रहण और विस्तार में निवेश

इस नए निवेश का मुख्य उद्देश्य नाज़ारा की वृद्धि को तेज करना और इसके बाजार विस्तार को बढ़ावा देना है। कंपनी इस राशि का उपयोग रणनीतिक अधिग्रहण और मोबाइल गेमिंग पोर्टफोलियो को मजबूत करने के लिए करेगी।

मोबाइल गेमिंग पोर्टफोलियो में बड़ा कदम

नाज़ारा टेक्नोलॉजीज ने $7.7 मिलियन (₹67 करोड़) में ZeptoLab से दो लोकप्रिय मोबाइल गेम IPs, ‘CATS: Crash Arena’ और ‘King of Thieves’ का अधिग्रहण किया है।

  • ये गेम्स अब “Nazara Publishing” के बैनर तले प्रकाशित किए जाएंगे।
  • यह कदम नाज़ारा की वैश्विक मोबाइल गेमिंग बाजार में स्थिति को मजबूत करेगा और इसे एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा।

पिछले फंडरेज़ का संदर्भ

यह विकास उस समय आया है जब नाज़ारा ने कुछ महीने पहले ही ₹855 करोड़ (लगभग $100 मिलियन) की राशि एक प्रिफरेंशियल इश्यू के माध्यम से जुटाई थी। इस दौर में मिथुन सचेटी ने ₹75 करोड़ का निवेश किया था।

नाज़ारा की मौजूदा स्थिति और विकास योजना

नाज़ारा टेक्नोलॉजीज भारत में गेमिंग और स्पोर्ट्स मीडिया के क्षेत्र में एक अग्रणी नाम है।

  • कंपनी ई-स्पोर्ट्स, फ्री-टू-प्ले मोबाइल गेम्स, और लर्निंग ऐप्स जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है।
  • यह नई फंडिंग न केवल कंपनी को वैश्विक विस्तार करने में मदद करेगी, बल्कि इसे नए गेम्स और टेक्नोलॉजी को अपनाने में भी सक्षम बनाएगी।

निवेशकों के दृष्टिकोण

अक्साना एस्टेट्स और प्लूटस वेल्थ मैनेजमेंट ने नाज़ारा में अपने निवेश को भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री के विकास में एक बड़ा कदम बताया है।

  • अर्पित खंडेलवाल के अनुसार, “नाज़ारा की इनोवेटिव अप्रोच और गेमिंग मार्केट में गहरी समझ इसे इस क्षेत्र में एक अद्वितीय स्थिति प्रदान करती है।”
  • मिथुन सचेटी ने भी नाज़ारा के दीर्घकालिक विकास और इसके वैश्विक विस्तार की संभावना पर भरोसा जताया।

गेमिंग इंडस्ट्री का बढ़ता प्रभाव

भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री लगातार बढ़ रही है।

  • 2022 में भारत का गेमिंग बाजार $2.6 बिलियन का था और 2025 तक इसके $8.6 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।
  • वैश्विक स्तर पर, मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्री 2023 में $92.2 बिलियन के मूल्य पर थी और यह 2030 तक $160.1 बिलियन तक पहुंच सकती है।

नाज़ारा का भविष्य

नाज़ारा टेक्नोलॉजीज ने अपने मोबाइल गेमिंग पोर्टफोलियो को मजबूत करने और वैश्विक स्तर पर विस्तार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

  • रणनीतिक अधिग्रहण और नए निवेश से कंपनी को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
  • नाज़ारा का ध्यान इनोवेशन, कंटेंट क्रिएशन, और ग्राहक अनुभव को बढ़ाने पर है।

निष्कर्ष

नाज़ारा टेक्नोलॉजीज का ₹495 करोड़ का यह नया निवेश कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति और वैश्विक विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है।

  • अक्साना एस्टेट्स और प्लूटस वेल्थ मैनेजमेंट जैसे प्रतिष्ठित निवेशकों की भागीदारी से नाज़ारा को और अधिक मजबूती मिलेगी।
  • मोबाइल गेमिंग पोर्टफोलियो के विस्तार और नए अधिग्रहण से नाज़ारा की वैश्विक पहचान और मजबूत होगी।

इस फंडिंग के साथ, नाज़ारा टेक्नोलॉजीज भारतीय और वैश्विक गेमिंग बाजार में अपने आप को एक अग्रणी खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।

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