D2C आयुर्वेदिक ब्यूटी और वेलनेस ब्रांड The Ayurveda Experience ने FY25 में एक बार फिर ग्रोथ दिखाते हुए अपनी मार्केट उपस्थिति को मज़बूत किया है। कंपनी का राजस्व तो बढ़ा, लेकिन भारी विज्ञापन खर्च और ऑर्डर फुलफिलमेंट लागत के चलते फर्म को इस साल भी नुकसान उठाना पड़ा।
📈 💰 Revenue Growth: FY25 में 23% की बढ़त
कंपनी की ऑपरेटिंग रेवेन्यू FY25 में 23% बढ़कर ₹440 करोड़ पहुंच गई, जबकि FY24 में यह ₹358 करोड़ थी।
- कंपनी की सारी कमाई अपने D2C प्लेटफ़ॉर्म, इंटरनेशनल मार्केटप्लेस और ओवरसीज़ सेल्स से आती है।
- इसके अलावा, ₹8 करोड़ का इंटरेस्ट इनकम भी शामिल है, जिससे कुल रेवेन्यू FY25 में बढ़कर ₹448 करोड़ हो गया।
Ayurveda Experience का फोकस भारत और विदेश दोनों बाज़ारों में प्राकृतिक, आयुर्वेदिक ब्यूटी, स्किनकेयर और वेलनेस प्रोडक्ट्स की बड़ी डिज़िटल कम्युनिटी को कैटर करना है।
📉 💸 खर्चे बढ़े, मुनाफ़े पर दबाव—FY25 में घाटा 12% बढ़ा
हालांकि राजस्व में वृद्धि हुई, लेकिन खर्चे उससे कहीं तेज़ी से बढ़े।
FY25 में कंपनी का कुल खर्च ₹476 करोड़ रहा, जबकि FY24 में यह ₹386 करोड़ था — यानी 23% की बढ़त।
🔍 मुख्य खर्चे इस प्रकार रहे:
📢 1. Advertising & Marketing (सबसे बड़ा खर्च)
- FY25 में कुल खर्च का 52% हिस्सा, यानी ₹248 करोड़ सिर्फ विज्ञापन पर खर्च हुए।
- यह FY24 की तुलना में 24% अधिक है।
- कंपनी का यूएसपी डिजिटल-फर्स्ट ब्रांडिंग है, इसलिए प्रमोशन पर भारी निवेश जारी है।
📦 2. Order Fulfilment Cost बढ़कर ₹78 करोड़
- FY25 में इसमें 30% की वृद्धि हुई।
- अंतरराष्ट्रीय शिपिंग, पैकिंग, कस्टमर सर्विस और रिटर्न प्रोसेसिंग के कारण यह खर्च लगातार बढ़ रहा है।
🧑💼 3. Employee Expenses बढ़कर ₹56 करोड़ (+37%)
- तेजी से स्केल और इंटरनेशनल ऑपरेशंस को सपोर्ट करने के लिए टीम साइज भी बढ़ा।
🧪 4. Material Cost मामूली रूप से बढ़ी
- लागत FY25 में ₹37 करोड़, यानी सिर्फ 3% की वृद्धि।
🔴 📊 Bottom Line: FY25 में ₹28 करोड़ का घाटा
कुल मिलाकर कंपनी का नुकसान FY25 में 12% बढ़कर ₹28 करोड़ तक पहुंच गया।
FY24 में इसका घाटा ₹25 करोड़ था।
⚙️ मुख्य वित्तीय अनुपात (Ratios):
- ROCE: -22.09%
- EBITDA Margin: -7.50%
- Unit Economics: ₹1 कमाने के लिए कंपनी ने ₹1.08 खर्च किया (FY24 जैसा ही)।
💼 💵 Assets & Cash Position
- कंपनी के करंट असेट्स ₹164 करोड़,
- जिसमें से ₹57 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस है।
इससे साफ है कि कंपनी के पास ऑपरेशन जारी रखने के लिए पर्याप्त तरलता मौजूद है।
🏦 Funding & Shareholding: निवेशकों का मज़बूत भरोसा
The Ayurveda Experience ने अब तक $41 मिलियन की फंडिंग जुटाई है।
इसके प्रमुख निवेशक:
- Fireside Ventures
- Anicut Capital
कंपनी के संस्थापक ऋषभ चोपड़ा 27.45% हिस्सेदारी रखते हैं — जो फाउंडर-केंद्रित नियंत्रण को दर्शाता है।
🧴 🌍 बाज़ार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा: Ayurveda Boom vs Competition
भारत ही नहीं, अमेरिका, कनाडा, यूरोप और मध्य पूर्व जैसे बाजारों में आयुर्वेद की मांग तेजी से बढ़ रही है।
लेकिन इसके साथ ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के एंट्री से प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है:
- Lever Ayush
- Kapiva
- Just Herbs
- Dabur
- Himalayan Organics
— जैसे ब्रांड इस स्पेस को तेजी से कैप्चर कर रहे हैं।
Ayurveda Experience की मार्केटिंग-हेवी रणनीति ब्रांड को मजबूत पहचान देती है, पर बचत की गुंजाइश अवश्य है।
🧠 📌 क्या कंपनी FY27 तक प्रॉफिट में आ सकती है?
विश्लेषकों के अनुसार:
- यदि कंपनी इसी गति से राजस्व बढ़ाती है,
- और विज्ञापन पर निर्भरता धीरे-धीरे घटाती है,
तो FY27 तक कंपनी प्रॉफिट में आने की अच्छी संभावना है।
🚀 संभावनाएं:
- FY26 में कंपनी के ₹500 करोड़ रेवेन्यू मार्क पार करने की उम्मीद है।
- यह स्तर कंपनी को संभावित अधिग्रहण या स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के लिए और भी आकर्षक बनाएगा।
🎯 निष्कर्ष: ग्रोथ दमदार, लेकिन खर्चों पर लगानी होगी लगाम
The Ayurveda Experience ने FY25 में मज़बूत टॉपलाइन ग्रोथ दिखाई है।
लेकिन भारी विज्ञापन खर्च और फुलफिलमेंट कॉस्ट के चलते घाटा बढ़ गया।
ब्रांड के पास —
✔ मजबूत ग्लोबल अपील
✔ हाई रिपीट कस्टमर बेस
✔ सक्रिय निवेशक समर्थन
सब मौजूद है।
अब कंपनी को
➡ यूनिट इकॉनॉमिक्स सुधारने,
➡ खर्चों को और तार्किक बनाने
पर फोकस करना होगा।
अगर रणनीति सही चली, तो यह आयुर्वेदिक D2C ब्रांड आने वाले वर्षों में भारतीय व अंतरराष्ट्रीय वेलनेस मार्केट का बड़ा चेहरा बन सकता है।
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