बेंगलुरु स्थित शिक्षा-आधारित नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) वर्थना (Varthana) ने कुल ₹159 करोड़ का कर्ज निवेश (debt investment) हासिल किया है। यह फंडिंग External Commercial Borrowing (ECB) और Non-Convertible Debentures (NCD) के ज़रिए जुटाई गई है। इस निवेश में शामिल तीन प्रमुख वैश्विक निवेशकों में BlueEarth Capital, Franklin Templeton AIF और ResponsAbility शामिल हैं।
💸 फंडिंग ब्रेकअप: कौन-कितना निवेश लाया?
- BlueEarth Capital ने ₹69 करोड़ का निवेश किया
- ResponsAbility ने ₹65 करोड़ की भागीदारी की
- Franklin Templeton AIF ने ₹25 करोड़ का निवेश किया
इससे पहले भी वर्थना ने $89.5 मिलियन (करीब ₹745 करोड़) की फंडिंग ओमिड्यार नेटवर्क (Omidyar Network) समेत अन्य निवेशकों से जुटाई थी।
🏫 varthana का मिशन: हर बच्चे तक पहुंचे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
वर्थना की स्थापना 2013 में स्टीव हार्डग्रेव (Steve Hardgrave) और ब्रजेश मिश्रा ने की थी। इसका उद्देश्य देशभर के अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूलों और उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। वर्थना मुख्य रूप से निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है:
- स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लोन
- शिक्षक प्रशिक्षण के लिए फंडिंग
- छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण
वर्थना का फोकस है कि वह शिक्षा क्षेत्र में ऐसे स्कूलों और समुदायों के साथ साझेदारी करे जो आम तौर पर पारंपरिक बैंकिंग और फाइनेंस सिस्टम से वंचित रहते हैं।
🔋 अब स्कूलों में होगी सोलर एनर्जी की एंट्री
वर्थना ने अपने प्रेस रिलीज में कहा कि यह नई फंडिंग देशभर के अफोर्डेबल स्कूल नेटवर्क को बढ़ाने और स्कूलों में सौर ऊर्जा और रिन्यूएबल एनर्जी समाधान लाने में उपयोग की जाएगी।
यह कदम न केवल स्कूलों के बिजली खर्च को घटाएगा बल्कि पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदारी को भी दर्शाएगा। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि बिजली की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
🌱 इम्पैक्ट इन्वेस्टमेंट की ओर बढ़ता कदम
इस फंडिंग का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह इम्पैक्ट इन्वेस्टमेंट के तहत आती है। इसमें वे निवेशक शामिल हैं जो केवल मुनाफा नहीं, बल्कि सामाजिक प्रभाव भी देखना चाहते हैं। BlueEarth Capital, Franklin Templeton और ResponsAbility जैसे वैश्विक संस्थान इस बात का उदाहरण हैं कि भारतीय शिक्षा क्षेत्र में कैसे वैश्विक विश्वास बढ़ रहा है।
📈 10 वर्षों की यात्रा: 12,000+ स्कूलों को सपोर्ट
पिछले एक दशक में वर्थना ने:
- 12,000 से अधिक अफोर्डेबल स्कूलों को वित्तीय सहायता दी
- 19,000 से अधिक स्कूल लोन स्वीकृत किए
- 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अपना ऑपरेशन फैलाया
- 40 शाखाओं के नेटवर्क के ज़रिए टीयर II और टीयर III शहरों में अपनी मौजूदगी दर्ज की
इस तरह वर्थना भारत के ऐसे समुदायों तक पहुंच बना रही है जहां गुणवत्ता वाली शिक्षा की पहुंच सीमित रही है।
📣 CEO स्टीव हार्डग्रेव का बयान
“हम Blue Earth Capital, Franklin Templeton AIF और ResponsAbility के साथ साझेदारी कर शिक्षा क्षेत्र में प्रभावशाली बदलाव लाने के लिए बेहद उत्साहित हैं। हमारा उद्देश्य हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है, और यह निवेश उस दिशा में बड़ा कदम है।”
— स्टीव हार्डग्रेव, सीईओ, वर्थना
🌍 शिक्षा क्षेत्र में वित्तीय नवाचार का उदाहरण
वर्थना का यह प्रयास दिखाता है कि NBFC मॉडल को केवल रियल एस्टेट या ऑटो लोन तक सीमित नहीं रखा जा सकता। यदि सही दिशा में काम किया जाए, तो NBFCs भी सामाजिक परिवर्तन और समावेशी विकास का बड़ा माध्यम बन सकते हैं।
वर्थना ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा में निवेश न केवल ज़रूरी है, बल्कि यह एक स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट भी बन सकता है, जो दीर्घकालिक लाभ और सामाजिक उन्नति दोनों प्रदान करता है।
🔍 वर्थना के प्रतियोगी कौन?
वर्थना का मुकाबला उन NBFCs और फिनटेक कंपनियों से है जो शिक्षा ऋण या माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में काम कर रही हैं, जैसे:
- Avanse Financial Services
- InCred Education Loans
- Eduvanz
- Propelld
हालाँकि, वर्थना की विशिष्टता उसके स्कूल केंद्रित अप्रोच और सौर ऊर्जा इंटीग्रेशन में है, जिससे यह शिक्षा क्षेत्र में फंडिंग के लिए एक यूनिक प्लेटफॉर्म बन जाता है।
✍️ निष्कर्ष
वर्थना द्वारा जुटाई गई ₹159 करोड़ की यह फंडिंग न केवल उसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि यह संकेत देती है कि भारत में शिक्षा के लिए वित्तीय सहयोग का दायरा अब तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले वर्षों में वर्थना का लक्ष्य है कि वह 150+ जिलों में अपनी पहुंच बढ़ाए और हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के मिशन को साकार करे।
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