भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन कंपनी Xpressbees ने वित्त वर्ष 2023–24 (FY24) में धीमी लेकिन स्थिर प्रगति दर्ज की है। जहां कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ दो अंकों तक सीमित रही, वहीं खास बात यह रही कि इस दौरान कंपनी EBITDA पॉजिटिव हो गई — जो किसी भी लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
💸 Xpressbees कमाई में 12% की बढ़त
Xpressbees का ऑपरेटिंग रेवेन्यू FY23 में ₹2,531 करोड़ था, जो बढ़कर FY24 में ₹2,831 करोड़ तक पहुंच गया। यानी कंपनी ने 12% की सालाना बढ़त दर्ज की।
हालांकि यह ग्रोथ तेज़ नहीं थी, लेकिन भारत के चुनौतीपूर्ण लॉजिस्टिक्स माहौल और बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इसे एक स्थिर और स्वस्थ ग्रोथ माना जा रहा है।
🏪 कंपनी की सेवाएं: B2B से लेकर वेयरहाउसिंग तक
XpressBees ई-कॉमर्स कंपनियों को कई प्रकार की लॉजिस्टिक्स सेवाएं देती है, जिनमें शामिल हैं:
- 🚚 B2B और B2C एक्सप्रेस डिलीवरी सर्विस
- 🌐 क्रॉस-बॉर्डर लॉजिस्टिक्स
- 🏬 वेयरहाउसिंग और स्टोरेज समाधान
इसके प्रमुख ग्राहकों में Snapdeal, Myntra, Meesho, Netmeds, BigBasket और कई अन्य ई-कॉमर्स कंपनियां शामिल हैं।
📦 वेयरहाउसिंग से हुआ ज़बरदस्त उछाल
XpressBees की आय का सबसे बड़ा हिस्सा लॉजिस्टिक्स सेवाओं से आता है, जो कि FY24 की कुल आय का 97% रहा।
लेकिन खास बात यह रही कि कंपनी के छोटे लेकिन उभरते वेयरहाउसिंग बिजनेस में ज़बरदस्त ग्रोथ देखी गई:
- FY23 में: ₹0.77 करोड़
- FY24 में: ₹48 करोड़
👉 यानी 60 गुना की बढ़त!
यह दर्शाता है कि कंपनी अब सिर्फ कूरियर तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि नॉन-कूरियर बिजनेस जैसे वेयरहाउसिंग और सपोर्ट सेवाओं की तरफ भी गंभीरता से ध्यान दे रही है।
💼 सपोर्ट सर्विस और अन्य आमदनी
वेयरहाउसिंग के अलावा कंपनी ने सपोर्ट सर्विसेस से ₹31 करोड़ की आय की, जो कि एक साल पहले की तुलना में उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है।
साथ ही, XpressBees ने ₹109 करोड़ की अतिरिक्त आय नॉन-ऑपरेटिंग स्रोतों से भी अर्जित की — जिससे कंपनी की कुल इनकम बढ़कर ₹2,940 करोड़ तक पहुंच गई।
📉 खर्चे भी बढ़े, लेकिन नियंत्रण में
ग्रोथ के साथ कंपनी के खर्चों में भी इजाफा हुआ, लेकिन इन्हें अपेक्षाकृत नियंत्रित तरीके से मैनेज किया गया:
खर्च का प्रकार | FY24 में खर्च |
---|---|
🚚 कूरियर चार्जेस | ₹1,816 करोड़ (12% वृद्धि) |
🚛 लाइनहॉल चार्जेस | ₹494 करोड़ (6% वृद्धि) |
👨💼 एम्प्लॉयी बेनिफिट्स | ₹355 करोड़ (10% वृद्धि) |
🏚️ डिप्रिसिएशन | ₹159 करोड़ (49% वृद्धि) |
🔧 अन्य ऑपरेशनल खर्च | ₹319 करोड़ |
कुल मिलाकर, कूरियर चार्जेस XpressBees का सबसे बड़ा खर्च बना रहा। डिप्रिसिएशन खर्चों में तेज़ उछाल से पता चलता है कि कंपनी ने इंफ्रास्ट्रक्चर और एसेट्स में निवेश बढ़ाया है।
📈 EBITDA पॉजिटिव: मुनाफे की ओर बढ़ता कदम
सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में EBITDA पॉजिटिव हासिल कर लिया — यानी कंपनी के संचालन से जुड़े मुनाफे में सकारात्मक बदलाव आया है।
यह एक मजबूत संकेत है कि XpressBees अपने व्यवसाय मॉडल को स्थिरता की ओर ले जा रही है, और निकट भविष्य में नेट प्रॉफिटेबिलिटी की ओर भी बढ़ सकती है।
🔍 रणनीतिक झुकाव: नॉन-कूरियर सेगमेंट पर फोकस
XpressBees के FY24 प्रदर्शन से साफ़ झलकता है कि कंपनी अब केवल पारंपरिक डिलीवरी मॉडल पर निर्भर नहीं रहना चाहती। वेयरहाउसिंग और सपोर्ट सेवाओं में तेजी से बढ़ोतरी इस बात की पुष्टि करती है।
यह रणनीति आने वाले वर्षों में कंपनी को डायवर्सिफिकेशन और स्टेबल रेवेन्यू के रास्ते पर ले जा सकती है।
📌 निष्कर्ष: धीमी पर स्थिर प्रगति
XpressBees ने FY24 में भले ही हाई ग्रोथ नहीं दिखाई, लेकिन इसके बिजनेस मॉडल की परिपक्वता, खर्चों का प्रबंधन और नॉन-कूरियर बिजनेस की ओर बढ़ता फोकस इसे लॉन्ग टर्म में एक मजबूत खिलाड़ी बनाता है।
कंपनी की EBITDA पॉजिटिव स्थिति और रणनीतिक दिशा बताती है कि XpressBees अब केवल एक “ई-कॉमर्स डिलीवरी फर्म” नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सॉल्यूशन प्रोवाइडर बनने की राह पर है।
Read more :⚡Ather Energy का IPO आया मैदान में ₹2980 करोड़ की पेशकश,