🚀📉 FY25 में Stockbroking Sector की मंदी: Zerodha की Revenue में 11.5% की गिरावट,

Zerodha

भारत का stockbroking उद्योग FY25 में एक ठंडे दौर से गुज़रा। ट्रेडिंग वॉल्यूम घटे, नए निवेशक जुड़ने की रफ्तार धीमी पड़ी और SEBI के कड़े नियम लागू हुए। इन सबका सीधा असर बड़े-बड़े ब्रोकर्स पर पड़ा—और Zerodha भी इससे अछूता नहीं रहा।

फिर भी, जहाँ बाकी कंपनियाँ टिके रहने के लिए जूझ रहीं हैं, Zerodha अपनी cash-rich strategy और operational discipline के दम पर अभी भी पूरे सेक्टर से कई कदम आगे खड़ा दिखता है।


📉 Zerodha की Revenue में 11.5% की गिरावट

Zerodha की FY25 की consolidated reporting बताती है कि कंपनी की revenue from operations FY24 के ₹9,993 करोड़ से घटकर FY25 में ₹8,847 करोड़ रह गई।
यह गिरावट साफ संकेत देती है कि:

  • ट्रेडिंग activity कम हुई
  • derivatives volumes कमजोर पड़े
  • नए traders की एंट्री धीमी हुई
  • और stricter norms ने intraday व high-frequency ट्रेडिंग को प्रभावित किया

इसके बावजूद, Zerodha अभी भी देश का सबसे बड़ा retail broker है।


👥 Zerodha के Active Users: 7.26 Million

NSE के ताज़ा डेटा के अनुसार Zerodha के पास:

  • 7.26 मिलियन active clients
  • 15.8% का market share

यानी गिरावट के बावजूद, Zerodha अभी भी सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली retail broker बना हुआ है।


💼 Zerodha की Revenue Streams

Zerodha की कमाई मुख्य रूप से इन sources से आती है:

🔹 Brokerage Income – सबसे बड़ा हिस्सा

Delivery, intraday, F&O और अन्य ट्रेडिंग से brokerage।

🔹 Interest Income

MTF (Margin Trading Fund), client funds और bank deposits से ब्याज आय।

🔹 Software & Platform Services

Smallcase, Sensibull, streak जैसी partner services।

🔹 Investment Management Fees

Mutual fund एवं advisory business से कमाई।


💰 ख़र्चे बढ़े, Salaries ने तोड़ दिया रिकॉर्ड

FY25 में Zerodha के total expenses ₹3,119 करोड़ से बढ़कर ₹3,238 करोड़ हो गए।
सबसे बड़ा खर्च रहा—Salaries

👇 Salary Breakdown

  • FY24: ₹410 करोड़
  • FY25: ₹539 करोड़ (31% की वृद्धि)

🎯 Directors की भारी तनख्वाह

Zerodha के founders और directors की कुल तनख्वाह: ₹228 करोड़

  • नितिन कामथ: ₹96 करोड़
  • निखिल कामथ: ₹96 करोड़
  • सीमा पाटिल: ₹36 करोड़

Zerodha अपनी टीम को industry-leading payouts देने के लिए जाना जाता है—और FY25 में यह और साफ दिखा।


🧾 अन्य प्रमुख ख़र्चे

  • Fees & commissions: ₹2,328 करोड़
  • Professional & technical services: ₹96 करोड़
  • Advertising: ₹47 करोड़

जाहिर है, regulatory costs और infrastructure खर्च तेजी से बढ़ रहे हैं।


🟥 प्रोफिट में 22.9% की गिरावट

FY24 का profit: ₹5,496 करोड़
FY25 का profit: ₹4,237 करोड़

यानि लगभग 23% की गिरावट, जो सीधे revenue की गिरावट और बढ़ते खर्चों से जुड़ी हुई है।

इसके बावजूद Zerodha ने FY25 में ₹1,395 करोड़ का टैक्स भरा—यह उसकी विशाल scale और cash flow strength को दिखाता है।


📊 Margins थोड़े नरम पड़े

  • ROCE: 32%
  • EBITDA margin: 63.78%

ये margins बाकी broking industry की तुलना में अभी भी काफी मजबूत हैं, लेकिन पिछले वर्षों के मुकाबले नरम हुए हैं।


🏦 Zerodha की सबसे बड़ी ताकत: ₹22,769 करोड़ की Cash Reserve

FY25 के अंत में Zerodha के पास:

  • ₹22,769 करोड़ cash और bank balance
  • ₹35,719 करोड़ total current assets

ये आंकड़े किसी भी startup, fintech या brokerage कंपनी से कई गुना ऊपर हैं।
Zerodha का debt-free, bootstrapped मॉडल उसे हर market slowdown में मजबूत बनाता है।

यही कारण है कि revenue और profit गिरने के बावजूद कंपनी बिल्कुल सुरक्षित और stable बनी हुई है।


🎯 Sector Slowdown का असर क्यों दिखा?

FY25 में slowdown के पीछे कई वजहें थीं:

  • Retail investors का कम एंगेजमेंट
  • SEBI द्वारा leveraged trading पर नियंत्रण
  • Derivatives में risk management norms
  • Overall market volatility में कमी
  • Low-frequency trading का बढ़ना

इन सभी का असर सबसे ज़्यादा heavy-volume brokers पर पड़ा।


🛡️ Zerodha का Future: Stable & Secure

हालाँकि FY25 Zerodha के लिए perfect नहीं था, लेकिन:

  • massive cash reserves
  • zero debt
  • मजबूत unit economics
  • lean operating model
  • और loyal active user base

इसे industry का सबसे मजबूत ब्रोकरेज बनाते हैं।

जैसे-जैसे FY26 में market sentiment वापस normalize होगा, Zerodha को volumes, user additions और overall profitability में सुधार देखने की उम्मीद है।


🔍 निष्कर्ष

FY25 Zerodha के लिए slow growth का साल रहा, पर कंपनी की financial strength, cash reserves और disciplined execution ने उसे गिरावट के दौर में भी सबसे सुरक्षित और मजबूत player बनाए रखा है।

Industry correction के बीच भी Zerodha अभी भी बाकी सभी brokers से बहुत आगे है।
भारत के broking ecosystem में Zerodha का दबदबा FY26 में भी बरकरार रहने की पूरी संभावना है।

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📈 Zerodha Capital का मुनाफा 73% बढ़ा,

Zerodha

देश की अग्रणी स्टॉकब्रोकिंग कंपनी Zerodha की लेंडिंग शाखा Zerodha Capital ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए ₹12.5 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष के ₹7.2 करोड़ से 73% अधिक है।

यह मुनाफा Zerodha Capital के तेजी से बढ़ते लोन बुक, मजबूत ग्राहक आधार और डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच का नतीजा है।


💹 दोगुनी हुई आमदनी, 3 गुना बढ़ी लोन बुक

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, Zerodha Capital की कुल आमदनी FY25 में ₹36 करोड़ रही, जबकि FY24 में यह ₹17 करोड़ थी — यानी दोगुनी से अधिक

रेटिंग एजेंसी ICRA के अनुसार, इस उछाल की प्रमुख वजह रही कंपनी की लोन बुक में 3.2X की ग्रोथ, जो FY25 की पहली नौ तिमाहियों (9M FY25) में ₹381 करोड़ तक पहुंच गई।


🧾 कैसे काम करता है Zerodha Capital का बिजनेस मॉडल?

Zerodha Capital का फोकस रिटेल इनवेस्टर्स को लोन देने पर है। यह लोन ग्राहकों के स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड्स को गिरवी रखकर दिए जाते हैं। इस मॉडल में ग्राहक अपने पोर्टफोलियो के आधार पर आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं।

  • ग्राहक अपने शेयर या म्यूचुअल फंड्स का 45% तक लोन ले सकते हैं।
  • Zerodha के 8.1 मिलियन एक्टिव क्लाइंट्स (जो NSE मार्केट का करीब 16% हैं) इसका बुनियादी आधार बनाते हैं।
  • पूरा प्रोसेस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए होता है, जिससे त्वरित और पारदर्शी लोन मिलना संभव होता है।

🏦 फाइनेंशियल हेल्थ: नेटवर्थ और गियरिंग रेशियो

ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, Zerodha Capital की नेटवर्थ दिसंबर 2024 तक ₹170 करोड़ थी। इसका गियरिंग रेशियो 1.4X रहा, यानी कंपनी के पास हर ₹1 की अपनी पूंजी पर ₹1.40 का कर्ज था — जो लेंडिंग फर्म के लिए संतुलित माना जाता है।

कंपनी की खास बात यह है कि इसके एनपीए (Non-Performing Assets) शून्य हैं — यानी अब तक किसी भी ग्राहक ने लोन चुकाने में डिफॉल्ट नहीं किया है। यह इसकी सावधानीपूर्वक लेंडिंग अप्रोच को दर्शाता है।


💸 ग्रोथ के लिए नया निवेश

Zerodha Capital की प्रमोटर ग्रुप ने कंपनी की भविष्य की ग्रोथ के लिए ₹125 करोड़ का निवेश करने की योजना बनाई है। यह निवेश compulsorily convertible preference shares (CCPS) के माध्यम से किया जाएगा।

यह राशि कंपनी की लोन बुक बढ़ाने, टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने और नई लोन स्कीमें शुरू करने में मदद करेगी।


🏅 ICRA की रेटिंग बनी रही मजबूत

रेटिंग एजेंसी ICRA ने Zerodha Capital को AA- (Stable) / A1+ की रेटिंग दी है — जो एक मजबूत फाइनेंशियल स्टैंडिंग को दर्शाती है। इसके साथ ही कंपनी की ₹100 करोड़ की नई शॉर्ट-टर्म बॉरोइंग स्कीम को भी यही उच्च रेटिंग दी गई है।

हालांकि ICRA ने यह भी कहा कि:

  • Zerodha Capital का आकार अभी भी छोटा है
  • यह सीमित संख्या में लेंडर्स पर निर्भर है

लेकिन Zerodha ग्रुप का समर्थन और कंपनी की सावधानीपूर्वक कर्ज नीति इस भरोसे को बनाए रखती है।


🔍 सेक्योरिटीज इकोसिस्टम में गहराई लाने का लक्ष्य

2021 में स्थापित Zerodha Capital का उद्देश्य है कि यह सेक्योरिटीज-आधारित लेंडिंग इकोसिस्टम में गहराई लाए। यानी स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स को कैश के रूप में उपयोग करने के लिए सुरक्षित और आसान रास्ता प्रदान किया जाए।

हालांकि कंपनी का भविष्य काफी हद तक बाजार की चाल (market sentiment) और रेगुलेटरी बदलावों पर निर्भर रहेगा — खासकर तब जब रिटेल F&O सेगमेंट पर सख्त नियम लागू हो रहे हैं, जो Zerodha ग्रुप की आमदनी का बड़ा हिस्सा है।


💰 Zerodha Broking की तगड़ी कमाई

Zerodha Capital की पैरेंट कंपनी Zerodha Broking Limited ने FY24 में ₹5,496 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है, और इसका रिटर्न ऑन नेटवर्थ 56% रहा है — जो भारत के किसी भी फिनटेक ब्रोकरेज फर्म के लिए एक बेंचमार्क है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि Zerodha Capital को न सिर्फ मजबूत तकनीकी और फाइनेंशियल सपोर्ट मिल रहा है, बल्कि वह ब्रोकिंग सेगमेंट से ट्रस्ट और क्लाइंट बेस भी हासिल कर रहा है।


📌 निष्कर्ष: बढ़ती ग्रोथ, सुरक्षित लेंडिंग

Zerodha Capital ने FY25 में शानदार प्रदर्शन किया है, खासकर अपने छोटे आकार और सीमित संसाधनों के बावजूद। डिजिटल प्लेटफॉर्म, पारदर्शिता, और गिरवी आधारित लोन मॉडल ने इसे रिटेल इनवेस्टर्स के बीच विश्वसनीय विकल्प बना दिया है।

ग्राहकों को सेफ्टी के साथ लिक्विडिटी देने वाला यह मॉडल आने वाले वर्षों में बड़ा आकार ले सकता है — खासकर तब, जब रेगुलेटरी सपोर्ट और टेक्नोलॉजिकल स्केलेबिलिटी दोनों साथ हों।


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Zerodha ने Open-Source प्रोजेक्ट्स के लिए नए फंड की घोषणा की-16 Oct’24

Zerodha

ज़ेरोधा (Zerodha), जो भारत की प्रमुख फिनटेक यूनिकॉर्न कंपनी है, ने हाल ही में FLOSS/fund नामक एक नया फंड लॉन्च किया है। इस फंड का उद्देश्य उन ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिन्हें व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, लेकिन उन्हें अक्सर वित्तीय स्थिरता की चुनौती का सामना करना पड़ता है। ज़ेरोधा का यह कदम ओपन-सोर्स समुदाय के प्रति एक महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है, क्योंकि कंपनी खुद भी अपने विकास में ओपन-सोर्स टूल्स का इस्तेमाल करती रही है।

FLOSS/fund: ओपन-सोर्स के लिए वित्तीय सहायता

FLOSS/fund का मुख्य उद्देश्य Free/Libre and Open Source Software (FOSS) प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इन प्रोजेक्ट्स का तकनीकी क्षेत्र में बड़ा योगदान होता है, लेकिन इनके डेवलपर्स को आमतौर पर स्थिर वित्तीय सहायता नहीं मिल पाती। इस फंड के तहत ज़ेरोधा सालाना $1 मिलियन की राशि ओपन-सोर्स परियोजनाओं को देगी, ताकि वे अपनी गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सकें और तकनीकी विकास में योगदान जारी रख सकें।

ज़ेरोधा और ओपन-सोर्स का कनेक्शन

ज़ेरोधा के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) ने बताया कि कंपनी का अधिकतर तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर ओपन-सोर्स टूल्स पर आधारित है। इन ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स के बिना ज़ेरोधा का मौजूदा स्वरूप संभव नहीं होता। ज़ेरोधा का ये नया फंड इस बात को मान्यता देता है कि ओपन-सोर्स समुदाय का उनके व्यवसाय पर गहरा प्रभाव रहा है, और कंपनी अब उसी समुदाय को वापस देने की दिशा में कदम उठा रही है।

रेन्मैटर: ज़ेरोधा की वेंचर कैपिटल शाखा

यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि ज़ेरोधा की एक वेंचर कैपिटल शाखा है जिसका नाम रेन्मैटर (Rainmatter) है। यह शाखा 2016 में लॉन्च की गई थी और तब से अब तक 100 से ज्यादा स्टार्टअप्स में निवेश कर चुकी है। इनमें 31 फिनटेक स्टार्टअप्स, 28 क्लाइमेट टेक स्टार्टअप्स, और 21 हेल्थ और न्यूट्रिशन सेक्टर से जुड़े स्टार्टअप्स शामिल हैं। रेन्मैटर के जरिए ज़ेरोधा न केवल वित्तीय, बल्कि पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्रों में भी निवेश कर रही है।

ज़ेरोधा के संस्थापक: निखिल और नितिन कामत

ज़ेरोधा के संस्थापक निखिल कामत और नितिन कामत दोनों ही स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सक्रिय नाम हैं। वे एंजल इन्वेस्टर्स के रूप में भी जाने जाते हैं, जो उभरते हुए स्टार्टअप्स में शुरुआती निवेश करते हैं। निखिल कामत ने अभिजीत पाई के साथ मिलकर ग्रुहास (Gruhas) की भी सह-स्थापना की है, जो एक और महत्वपूर्ण वेंचर है।

ज़ेरोधा की वित्तीय स्थिति

ज़ेरोधा का वित्तीय प्रदर्शन भी उल्लेखनीय है। हाल ही में कंपनी ने अपने FY24 के परिणामों में 61% की वृद्धि दर्ज की। कंपनी का समेकित लाभ कर (PAT) INR 4,700 करोड़ तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह INR 2,909 करोड़ था। इस वृद्धि का मुख्य कारण व्यवसाय के विस्तार और ग्राहक आधार में वृद्धि था।

ज़ेरोधा ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल INR 8,320 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो कि पिछले साल के INR 6,875 करोड़ से 21% अधिक था। यह आंकड़े ज़ेरोधा की स्थिरता और इसके कारोबार के विस्तार का स्पष्ट संकेत हैं।

ग्राहकों के लिए मुफ़्त सेवाएँ

ज़ेरोधा ने अपने ग्राहकों के लिए एक्विटी डिलीवरी को मुफ्त रखने का निर्णय लिया है, भले ही SEBI के नए फ्लैट फीस ढांचे के तहत बदलाव किए गए हों। इस निर्णय से ज़ेरोधा ने अपने प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को एक अतिरिक्त लाभ प्रदान किया है, जिससे यह अन्य ब्रोकरेज फर्मों से अलग नजर आता है।

SEBI का नया डेरिवेटिव फ्रेमवर्क

हालांकि, ज़ेरोधा को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। SEBI के नए डेरिवेटिव फ्रेमवर्क के तहत, कंपनी को ट्रेड्स की संख्या में लगभग 30% की कमी का अनुमान है। इस नए ढांचे के कारण ज़ेरोधा के प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आ सकती है, जो इसके लाभ पर कुछ असर डाल सकता है।

ओपन-सोर्स का भविष्य

FLOSS/fund का लॉन्च ओपन-सोर्स समुदाय के लिए एक सकारात्मक कदम है। इस पहल से ज़ेरोधा ने यह साबित कर दिया है कि वह न केवल अपने व्यापारिक हितों का ध्यान रखती है, बल्कि तकनीकी और सामाजिक सुधारों में भी योगदान देने के लिए तैयार है। इस फंड के जरिए कई ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे वे अपनी परियोजनाओं को आगे बढ़ा सकेंगे।

Zerodha

ज़ेरोधा का नया FLOSS/fund ओपन-सोर्स परियोजनाओं के लिए एक मजबूत समर्थन है। इस कदम से ज़ेरोधा ने यह दिखा दिया है कि वह केवल मुनाफे के लिए काम नहीं करती, बल्कि अपने द्वारा उपयोग किए गए टूल्स और समुदाय को भी वापस देना चाहती है। इसके अलावा, ज़ेरोधा का वित्तीय प्रदर्शन और इसकी उद्यमशीलता में सक्रियता इसे फिनटेक उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती है।

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