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Orange Health Labs

भारत की उभरती डायग्नोस्टिक और हेल्थकेयर कंपनी Orange Health Lab ने हाल ही में $12 मिलियन (करीब ₹100 करोड़) का फंड जुटाया है। यह निवेश अमेज़न संभव वेंचर फंड के नेतृत्व में किया गया। कंपनी के मौजूदा निवेशकों, जैसे एक्सेल, जनरल कैटालिस्ट, बर्टल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेंट्स और वाई कॉम्बिनेटर, ने भी इस राउंड में भाग लिया।


Orange Health Lab पहले के निवेश और फंडिंग का इतिहास

Orange Health Lab ने इससे पहले जून 2022 में $25 मिलियन की फंडिंग जुटाई थी। उस राउंड का नेतृत्व जनरल कैटालिस्ट और बर्टल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेंट्स ने किया था।

  • सितंबर 2022 में, कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए स्टॉक ऑप्शन प्लान और $1 मिलियन का इक्विटी बायबैक प्रोग्राम शुरू किया।
  • अब तक कंपनी कुल $47 मिलियन का फंड जुटा चुकी है।

फ्रेश फंड का उपयोग

Orange Health Labs ने कहा है कि इस नई फंडिंग का उपयोग कई प्रमुख क्षेत्रों में किया जाएगा:

  1. प्रोडक्ट एक्सपैंशन: कंपनी अपने प्रोडक्ट्स की रेंज को बढ़ाने और नए डायग्नोस्टिक सेगमेंट्स में प्रवेश करने की योजना बना रही है।
  2. टीम का विस्तार: बेहतर सेवाओं के लिए टीम को मजबूत और विस्तार दिया जाएगा।
  3. इनोवेशन पर जोर: डायग्नोस्टिक सेवाओं में नए तकनीकी नवाचारों को शामिल किया जाएगा।

ऑरेंज हेल्थ की स्थापना और सेवाएं

ऑरेंज हेल्थ की शुरुआत ध्रुव गुप्ता और तरुण भांबरा ने दिसंबर 2020 में की थी। यह एक ऑन-डिमांड डायग्नोस्टिक प्लेटफॉर्म है, जो मरीजों को उनके घर पर ही सैंपल कलेक्शन की सुविधा प्रदान करता है।

  • कंपनी फिलहाल बेंगलुरु, गुरुग्राम, दिल्ली, नोएडा और गाज़ियाबाद जैसे प्रमुख शहरों में सेवाएं देती है।
  • अब तक, ऑरेंज हेल्थ ने 1 मिलियन से अधिक ग्राहकों को डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान की हैं।

प्रमुख उपलब्धियां

  • कंपनी के पास अभी 6 अत्याधुनिक लैब्स हैं।
  • 1,000 से अधिक क्लीनिक्स के साथ साझेदारी कर रही है।
  • अपने ग्राहकों को सटीक और तेज़ डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करने के लिए यह ऑन-डिमांड मॉडल पर काम करती है।

डायग्नोस्टिक क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

भारत का डायग्नोस्टिक क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, और ऑरेंज हेल्थ लैब्स जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में नवाचार ला रही हैं। हालांकि, यह क्षेत्र प्रतिस्पर्धा से भरा है:

  1. अग्रणी खिलाड़ी: थायरोकेयर, डॉ. लाल पैथलैब्स, SRL डायग्नोस्टिक्स जैसी बड़ी कंपनियां पहले से ही बाजार में मौजूद हैं।
  2. नई कंपनियां: 1MG और फार्मईज़ी जैसी हेल्थटेक कंपनियां भी इस क्षेत्र में कदम रख रही हैं।
  3. कस्टमर एक्सपेक्टेशन: आज के ग्राहक तेज़, सटीक और सुविधाजनक सेवाओं की अपेक्षा रखते हैं, जो बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ा रहा है।

ऑन-डिमांड मॉडल की ताकत

ऑरेंज हेल्थ का ऑन-डिमांड मॉडल इसे अन्य कंपनियों से अलग बनाता है।

  • तेज़ सैंपल कलेक्शन: कंपनी 60 मिनट के अंदर सैंपल कलेक्शन का दावा करती है।
  • घर पर सुविधाएं: घर बैठे ब्लड टेस्ट और अन्य डायग्नोस्टिक सेवाएं, जिससे ग्राहकों को क्लीनिक जाने की आवश्यकता नहीं होती।
  • उन्नत तकनीक का उपयोग: बेहतर रिपोर्टिंग और सटीकता के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग।

फंडिंग का महत्व और भविष्य की योजनाएं

$12 मिलियन की यह फंडिंग ऑरेंज हेल्थ के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यह धनराशि उनके लॉन्ग-टर्म विजन को पूरा करने में मदद करेगी।

भविष्य की योजनाएं

  1. नई लैब्स की स्थापना: छोटे और मध्यम शहरों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए नए लैब्स खोलने की योजना।
  2. अंतरराष्ट्रीय विस्तार: भविष्य में भारत के बाहर डायग्नोस्टिक सेवाएं शुरू करने पर विचार।
  3. स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग: एआई और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके रिपोर्टिंग को और अधिक सटीक और तेज़ बनाना।

ग्राहकों की प्रतिक्रिया

ऑरेंज हेल्थ की सेवाओं पर ग्राहकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही है।

  • पॉजिटिव फीडबैक: ग्राहकों ने इसकी तेज़ सेवा और सटीक रिपोर्टिंग की सराहना की है।
  • सुधार की गुंजाइश: कुछ ग्राहकों का मानना है कि कंपनी को छोटे शहरों में अपनी उपस्थिति और बेहतर बनानी चाहिए।

भारत के हेल्थकेयर क्षेत्र में ऑरेंज हेल्थ की भूमिका

ऑरेंज हेल्थ लैब्स का लक्ष्य है कि वे भारत के हेल्थकेयर सेक्टर में एक बड़ी भूमिका निभाएं। उनकी सेवाएं न केवल ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी कर रही हैं, बल्कि डायग्नोस्टिक्स को सुलभ और किफायती भी बना रही हैं।

चुनौतियां और अवसर

  • चुनौती: बड़े खिलाड़ियों और नई कंपनियों से मुकाबला।
  • अवसर: भारत में हेल्थकेयर सेवाओं की बढ़ती मांग और डिजिटलीकरण।

निष्कर्ष

ऑरेंज हेल्थ लैब्स ने डायग्नोस्टिक क्षेत्र में एक नया आयाम प्रस्तुत किया है। उनकी ऑन-डिमांड सेवाएं और नवीन दृष्टिकोण उन्हें प्रतियोगिता में आगे बनाए रखेंगे। $12 मिलियन की यह फंडिंग कंपनी को विस्तार और इनोवेशन के अगले चरण में ले जाने में मदद करेगी।

आने वाले वर्षों में, ऑरेंज हेल्थ लैब्स न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख डायग्नोस्टिक ब्रांड के रूप में उभर सकती है।

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