✈️ MakeMyTrip जुटाए $2.5 बिलियन

MakeMyTrip

ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग प्लेटफॉर्म MakeMyTrip ने एक बड़ी वित्तीय रणनीति की घोषणा की है। कंपनी $2.5 बिलियन (लगभग ₹20,000 करोड़) से अधिक जुटाने जा रही है, जिसका मकसद चीन आधारित निवेशक Trip.com Group से आंशिक हिस्सेदारी वापस खरीदना है। यह कदम MakeMyTrip के चीनी प्रभाव को कम करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।


💼 क्या है पूरा मामला?

MakeMyTrip ने अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज NASDAQ में फाइलिंग करते हुए जानकारी दी है कि कंपनी 1.4 करोड़ इक्विटी शेयरों का प्राइमरी ऑफरिंग लॉन्च कर रही है। इसके अलावा, कंपनी $1.25 बिलियन के कन्वर्टिबल नोट्स भी जारी करेगी।

यह फंडिंग दो मुख्य हिस्सों में होगी:

  1. इक्विटी शेयरों से लगभग $1.27–1.3 बिलियन की राशि जुटने की संभावना है, अगर ये मौजूदा शेयर प्राइस ($100.88) से 10% डिस्काउंट पर बिकते हैं।
  2. $1.25 बिलियन के कन्वर्टिबल नोट्स, जिन्हें भविष्य में इक्विटी में बदला जा सकता है।

दोनों मिलाकर MakeMyTrip के पास लगभग $2.5 बिलियन की राशि उपलब्ध होगी, जो विशेष रूप से Trip.com से Class B शेयरों को वापस खरीदने में इस्तेमाल की जाएगी।


🇨🇳 क्यों घटा रही है MakeMyTrip चीनी निवेश?

Trip.com, जो कि शंघाई स्थित ग्लोबल OTA कंपनी है, फिलहाल MakeMyTrip में सबसे बड़ा बाहरी निवेशक है। उसके पास:

  • 1.07 करोड़ ऑर्डिनरी शेयर
  • 3.96 करोड़ क्लास B सीरीज शेयर

कुल मिलाकर, Trip.com के पास MakeMyTrip के 45.34% वोटिंग अधिकार हैं।

अब MakeMyTrip की योजना है:

  • Trip.com की हिस्सेदारी को लगभग आधा कर देना (20% से थोड़ा अधिक)
  • इससे कंपनी को मिलेगा भारतीय स्वामित्व की स्पष्टता और रणनीतिक स्वतंत्रता

🔍 Trip.com ने कब और कैसे निवेश किया?

Trip.com ने पहली बार 2016 में MakeMyTrip में निवेश किया था। लेकिन इसका प्रभाव तब और बढ़ गया जब 2019 में Naspers के साथ हुए इक्विटी स्वैप में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 49% तक पहुंच गई। Naspers ने यह हिस्सेदारी तब ली थी जब उसने Ibibo Group को MakeMyTrip के साथ मर्ज किया था।


🇮🇳 भारत में कंपनियों द्वारा चीनी निवेश में कटौती का ट्रेंड

MakeMyTrip की यह रणनीति भारतीय टेक और स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक चलन को दर्शाती है, जहां कंपनियाँ चीनी निवेशकों के प्रभाव को कम करने की दिशा में सक्रिय हो गई हैं

कुछ प्रमुख उदाहरण:

  • Paytm ने Alibaba के Ant Group की हिस्सेदारी 25% से घटाकर 5% कर दी
  • Zomato ने Alibaba और Fosun से पूरी तरह से एग्जिट दिलवाया
  • Delhivery, BigBasket और Pratilipi ने भी अपने चीनी निवेशकों को निकासी का अवसर दिया

यह बदलाव भारत के भूराजनीतिक और नियामकीय वातावरण में हुए परिवर्तनों के कारण सामने आया है, जिसमें डेटा सुरक्षा और विदेशी स्वामित्व को लेकर चिंताएं प्रमुख हैं।


📈 MakeMyTrip की मजबूत वापसी

MakeMyTrip ने COVID-19 महामारी के बाद जबरदस्त रिकवरी दिखाई है।

FY25 की प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • कुल राजस्व $978 मिलियन, जो कि पिछले वर्ष से 25% अधिक है
  • मुनाफा $95.2 मिलियन, जो महामारी से पहले के स्तर से भी बेहतर है
  • भारत में ट्रैवल डिमांड में तेजी – ‘revenge travel’ ट्रेंड और बिजनेस ट्रैवल की वापसी ने कंपनी को लाभ पहुँचाया

🔍 रणनीतिक दृष्टिकोण से क्यों अहम है यह फैसला?

Trip.com जैसे ग्लोबल दिग्गज के साथ साझेदारी होने के बावजूद, MakeMyTrip अब एक आत्मनिर्भर और स्केलेबल ब्रांड बन चुका है।

इस डील के संभावित फायदे:

  • चीनी नियंत्रण में कमी
  • भारतीय निवेशकों और रेगुलेटर्स के बीच भरोसे में वृद्धि
  • भविष्य में IPO या स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप की आज़ादी
  • कॉर्पोरेट गवर्नेंस में पारदर्शिता

हालांकि, Trip.com अब भी कुछ हिस्सेदारी रखेगा, लेकिन MakeMyTrip अब उससे किसी रणनीतिक निर्भरता में नहीं रहेगा।


📌 निष्कर्ष: MakeMyTrip का आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

MakeMyTrip का यह कदम ना सिर्फ वित्तीय दृष्टि से मजबूत है, बल्कि यह भारत में चल रहे ‘स्वदेशी नियंत्रण’ और विदेशी निर्भरता से बाहर निकलने के रुझान को भी दर्शाता है।

आने वाले महीनों में देखें:

  • इस फंडरेज़िंग का बाजार पर क्या असर पड़ता है
  • Trip.com की शेष हिस्सेदारी को लेकर भविष्य की रणनीति
  • MakeMyTrip की नई ग्रोथ योजनाएं – घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

✈️ भारत के ट्रैवल टेक क्षेत्र की यह कहानी आगे भी दिलचस्प मोड़ ले सकती है। ऐसे ही अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए FundingRaised.in के साथ।

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🇮🇳 Meta इंडिया को मिला नया लीडर Arun Srinivas बने नए मैनेजिंग डायरेक्टर

Arun Srinivas

सोशल मीडिया दिग्गज Meta (पूर्व में Facebook) ने भारत में अपनी नेतृत्व टीम को नया रूप देते हुए Arun Srinivas को मेटा इंडिया का नया मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड नियुक्त किया है। वर्तमान में वे मेटा के भारत में एडवरटाइजिंग बिज़नेस के डायरेक्टर और हेड के रूप में कार्यरत हैं और 1 जुलाई 2025 से अपनी नई भूमिका निभाएंगे।


👤 कौन हैं Arun Srinivas?

Arun Srinivas भारत के कॉर्पोरेट और टेक्नोलॉजी जगत में एक जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने Unilever, Ola, और WestBridge Capital जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में वरिष्ठ भूमिकाएं निभाई हैं।

उनके करियर की प्रमुख झलकियाँ:

  • Unilever में वाइस प्रेसिडेंट के रूप में लंबा कार्यकाल
  • WestBridge Capital में कंज्यूमर सेक्टर के इन्वेस्टमेंट लीडर
  • Ola में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) और ग्लोबल चीफ मार्केटिंग ऑफिसर
  • Meta India में 2022 से एडवर्टाइजिंग बिज़नेस हेड के रूप में कार्यरत

🎯 मेटा इंडिया में नई जिम्मेदारियां

अरुण श्रीनिवास अब मेटा इंडिया के सभी प्लेटफॉर्म्स – Facebook, Instagram, WhatsApp और Threads – के बिज़नेस ग्रोथ, रेवन्यू स्ट्रेटेजी और पब्लिक एंगेजमेंट की निगरानी करेंगे।

वे कंपनी के भारत में AI आधारित समाधानों, Reels और मैसेजिंग बिजनेस को और आगे बढ़ाने पर फोकस करेंगे।

उनका मुख्य फोकस होगा:

  • भारतीय मार्केट में मेटा की हिस्सेदारी को मजबूत करना
  • कंटेंट क्रिएटर्स और विज्ञापनदाताओं के साथ नई साझेदारियाँ
  • AI और Reels के माध्यम से यूजर एंगेजमेंट को बढ़ाना
  • बिजनेस और कम्युनिटी बिल्डिंग में मेटा के टूल्स का विस्तार

🧭 किसे रिपोर्ट करेंगे अरुण श्रीनिवास?

वे इस नई भूमिका में भी संध्या देवनाथन को रिपोर्ट करेंगे, जो वर्तमान में मेटा की इंडिया उपाध्यक्ष हैं और हाल ही में उन्हें साउथईस्ट एशिया बिजनेस की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।

यह बदलाव मेटा के भारत और एशिया-पैसिफिक स्तर पर रणनीतिक पुनर्गठन का हिस्सा माना जा रहा है।


🏛️ भारत में Meta के सामने चुनौतियाँ भी कम नहीं

अरुण श्रीनिवास की यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब मेटा भारत सरकार और रेग्युलेटरी बॉडीज़ के साथ टकराव के दौर से गुजर रहा है।

प्रमुख विवाद:

  • Competition Commission of India (CCI) ने मेटा पर प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार को लेकर जुर्माना लगाया था
  • WhatsApp को डेटा शेयरिंग पर पांच वर्षों के लिए सीमित किया गया
  • निजता और यूज़र डेटा के उपयोग पर उठे सवाल

इन चुनौतियों के बीच मेटा को एक ऐसे लीडर की ज़रूरत थी जो बिजनेस के साथ-साथ रेग्युलेटरी लैंडस्केप को भी बेहतर ढंग से समझे। अरुण श्रीनिवास का अनुभव इस दिशा में उपयोगी साबित हो सकता है।


📊 भारत में मेटा का महत्व

भारत मेटा के लिए दुनिया के सबसे बड़े यूज़र बेस में से एक है।

  • Facebook – भारत में 300 मिलियन से अधिक यूज़र्स
  • Instagram – युवाओं और कंटेंट क्रिएटर्स का फेवरेट प्लेटफॉर्म
  • WhatsApp – देश का सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप
  • Threads – Twitter/X का अल्टरनेटिव बनने की कोशिश में

अरुण की नई जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना होगा कि ये सभी प्लेटफॉर्म भारत में सुरक्षित, रेग्युलेटेड और कमर्शियल रूप से सफल बनें।


🗣️ क्या बोले मेटा के अधिकारी?

मेटा एशिया-पैसिफिक प्रमुख डैन नीरी (Dan Neary) ने कहा:

“अरुण श्रीनिवास का अनुभव और नेतृत्व भारत जैसे विविध और जटिल मार्केट में मेटा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हम उनके नए रोल की घोषणा करते हुए उत्साहित हैं।”


🔮 आगे की राह

भारत जैसे बाजार में जहां डेटा सुरक्षा, यूज़र प्राइवेसी और टेक कंपनियों की जवाबदेही पर चर्चा बढ़ रही है, वहां कॉर्पोरेट नेतृत्व की भूमिका बेहद अहम हो जाती है।

अरुण श्रीनिवास को न सिर्फ कंपनी के बिज़नेस को स्केल करना होगा, बल्कि सरकार, रेग्युलेटर, कंटेंट क्रिएटर्स और यूज़र्स के साथ संतुलन भी साधना होगा।


📌 निष्कर्ष: मेटा इंडिया के लिए नए युग की शुरुआत

अरुण श्रीनिवास की नियुक्ति को मेटा इंडिया की रणनीतिक दिशा में एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। उनके पास कंज्यूमर मार्केट, डिजिटल एडवर्टाइजिंग और बिजनेस ऑपरेशंस में गहरा अनुभव है, जो उन्हें इस नई भूमिका के लिए पूरी तरह उपयुक्त बनाता है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि वह कैसे भारत में मेटा को एक इनोवेटिव, रेग्युलेटरी कम्प्लायंट और यूज़र-फर्स्ट ब्रांड के रूप में स्थापित करते हैं।


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read more :Nuvie, पहली फंडिंग राउंड में जुटाए ₹3.8 करोड़,

Nuvie, पहली फंडिंग राउंड में जुटाए ₹3.8 करोड़,

Nuvie

भारत के हेल्थ फूड और बेवरेज सेगमेंट में एक नई हलचल देखने को मिली है। F&B (फूड एंड बेवरेज) स्टार्टअप Nuvie ने अपनी पहली प्री-सीड फंडिंग राउंड में ₹3.8 करोड़ ($450K) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व PedalStart ने किया है, जिसमें कई चर्चित एंजल इन्वेस्टर्स जैसे माइन्त्र, Cult.fit और Nurix के फाउंडर मुकेश बंसल, Ayyappan R, Chanakya Gupta, और Arun Sharma भी शामिल हुए।


🚀 फंडिंग का मकसद क्या है?

कंपनी ने बताया है कि इस पूंजी का इस्तेमाल मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्यों में किया जाएगा:

  • नए उत्पादों का विकास
  • ब्रांड बिल्डिंग और कंटेंट क्रिएशन
  • डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का विस्तार
  • ऑनलाइन मौजूदगी को मजबूत करना
  • तेजी से ग्रोथ के अवसरों को भुनाना

🧠 कौन हैं इसके फाउंडर?

Nuvie की स्थापना मई 2024 में प्रशांत पालीवाल और हेम नारायण ने की थी। दोनों का विज़न है कि हेल्दी ईटिंग को भारत में आम और मजेदार बनाया जाए, ताकि लोग ‘स्वास्थ्य’ शब्द को डर या मजबूरी की तरह न लें, बल्कि इसे अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा बना लें।


🍫 ‘Better-for-you’ प्रोडक्ट्स का फोकस

Nuvie का फोकस है “Better-for-you” श्रेणी के तहत ऐसे हेल्थी प्रोडक्ट्स बनाना, जो स्वादिष्ट हों, सरल हों और एक आम व्यक्ति की लाइफस्टाइल में फिट बैठें।

लॉन्च किए गए उत्पाद:

  • लैक्टोज-फ्री प्रोटीन शेक – तीन फ्लेवर में
  • अब जल्द ही 5 नए शेक वैरिएंट्स भी लॉन्च होंगे
  • अपकमिंग प्रोडक्ट्स:
    • प्रोटीन चॉकलेट बार
    • प्रोटीन-इन्फ्यूज्ड कोल्ड कॉफी (Proffee)
    • लो-शुगर हेल्दी चॉकलेट्स

कंपनी का मानना है कि भारत में हेल्थ और वेलनेस को इंटेग्रेटेड, सिंपल और टेस्टी बनाकर ही आम लोगों तक पहुंचाया जा सकता है।


🏪 कहां-कहां बिक रहे हैं Nuvie के प्रोडक्ट?

Nuvie ने बहुत ही कम समय में अपना डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तेजी से फैलाया है। कंपनी ने बताया कि उनके उत्पाद अब:

  • दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई जैसे बड़े मेट्रो शहरों के 100+ प्रीमियम रिटेल स्टोर्स में उपलब्ध हैं
  • 200 से अधिक जिम्स में फिटनेस प्रेमियों तक पहुंच रहे हैं
  • Blinkit, Instamart और BigBasket जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए पैन इंडिया डिलीवरी हो रही है
  • कंपनी अपनी ऑनलाइन वेबसाइट और डिजिटल चैनल्स पर भी तेज़ी से स्केल कर रही है

📈 शुरुआती प्रदर्शन: पहले ही महीने में ₹10 लाख की बिक्री

Nuvie का दावा है कि उसने लॉन्च के पहले ही महीने में ₹10 लाख से ज्यादा की मासिक बिक्री दर्ज की है। यह हेल्थ फूड स्टार्टअप के लिए एक बड़ा अचीवमेंट है, खासकर तब जब प्रोडक्ट लाइन अभी भी विस्तार के शुरुआती चरण में है।

🔮 भविष्य की योजना:

कंपनी का लक्ष्य है कि साल 2025 के अंत तक ₹10 करोड़ का वार्षिक राजस्व (ARR) हासिल किया जाए।


📍 बेंगलुरु से चल रही है ये हेल्दी रेवोल्यूशन

बेंगलुरु आधारित इस स्टार्टअप ने हेल्थ फूड सेगमेंट में मजेदार और ट्रेंडी अप्रोच के साथ प्रवेश किया है। जहां कई ब्रांड्स स्वास्थ्य को एक गंभीर विषय बनाकर प्रस्तुत करते हैं, वहीं Nuvie इसे लाइट, एंटरटेनिंग और टेस्टी बनाने की दिशा में काम कर रहा है।


👥 Investors की राय

PedalStart के को-फाउंडर ने फंडिंग पर टिप्पणी करते हुए कहा:

“Nuvie सिर्फ एक प्रोडक्ट कंपनी नहीं, बल्कि यह भारत में हेल्दी लाइफस्टाइल को फिर से परिभाषित करने का प्रयास है। टीम की सोच स्पष्ट है और हमने उनके साथ लंबी साझेदारी का इरादा रखा है।”

मुकेश बंसल जैसे सफल आंत्रप्रेन्योर्स का इसमें निवेश करना इस बात का संकेत है कि भारत में हेल्दी और “फन” फूड ब्रांड्स की जबरदस्त मांग है और Nuvie इस स्पेस में बड़ा खिलाड़ी बन सकता है।


📌 निष्कर्ष: हेल्थ और स्वाद का अनोखा मेल

Nuvie की रणनीति यह है कि वह स्वस्थ जीवन को बोझ नहीं, बल्कि एक स्टाइल स्टेटमेंट बना दे। लैक्टोज-फ्री शेक्स, प्रोटीन बार्स और प्रॉफी जैसे प्रोडक्ट्स युवा भारत को आकर्षित कर रहे हैं, जो फिट भी रहना चाहते हैं और स्वाद का भी आनंद लेना चाहते हैं।

PedalStart और अन्य निवेशकों से मिली फंडिंग Nuvie को अपने अगले चरण की ग्रोथ, मार्केट कैप्चर और प्रोडक्ट इनोवेशन में मदद करेगी। आने वाले दिनों में Nuvie भारतीय हेल्थ-फूड इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन सकता है।


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Read more :🇮🇳 Meesho की भारत वापसी पर NCLT की मुहर,

🇮🇳 Meesho की भारत वापसी पर NCLT की मुहर,

Meesho

भारत की घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी Meesho ने अपने कॉर्पोरेट मुख्यालय को अमेरिका के Delaware से भारत में स्थानांतरित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है। National Company Law Tribunal (NCLT) ने Meesho के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिससे कंपनी का भारत में IPO (Initial Public Offering) लाने का रास्ता साफ हो गया है।

इस फैसले से Meesho अब अपनी अमेरिकी इकाई से पूरी तरह अलग होकर भारत की मूल कंपनी के साथ फिर से विलय कर सकेगी, जिसे ‘रिवर्स फ्लिप’ कहा जाता है।


🔁 क्या है ‘Reverse Flip’?

रिवर्स फ्लिप’ का मतलब होता है किसी भारतीय कंपनी का विदेशी इकाई से अलग होकर दोबारा भारत में रजिस्टर होना। कई भारतीय स्टार्टअप्स पहले विदेशी निवेश पाने के लिए अमेरिका या सिंगापुर जैसे देशों में रजिस्टर होते हैं, लेकिन IPO या नियामकीय सरलता के लिए वे वापस भारत में आना पसंद करते हैं।

इस प्रक्रिया में कंपनियों को भारी टैक्स भी चुकाना पड़ता है।


💰 Meesho को लगेगा $288 मिलियन का टैक्स

Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, Meesho को इस रिवर्स फ्लिप के लिए $288 मिलियन (लगभग ₹2,400 करोड़) टैक्स देना होगा। हालांकि, Meesho की ओर से इस टैक्स राशि की पुष्टि नहीं की गई है।

Entrackr से बात करते हुए Meesho के प्रवक्ता ने कहा:

“यह फाइलिंग हमारे भारत में फिर से डोमिसाइल होने की प्रक्रिया का हिस्सा है। हमारे ग्राहक, सेलर्स, क्रिएटर्स और Valmo पार्टनर्स पहले से ही भारत में हैं, इसलिए हमारा कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर भी भारत केंद्रित होना चाहिए।”


🏦 IPO की ओर बड़ा कदम

Meesho ने हाल ही में खुद को प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल लिया है, जो IPO की प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। अब कंपनी लगभग $1 बिलियन (₹8,000 करोड़) के IPO की तैयारी में जुट गई है, जिसे साल के अंत तक लॉन्च किया जा सकता है।

📑 संभावित बैंकर:

  • Morgan Stanley
  • Kotak Mahindra Capital
  • JP Morgan
  • Citi Bank

इन बैंकों को Meesho ने IPO मैनेजमेंट के लिए शॉर्टलिस्ट किया है।


📈 Flipkart, Razorpay जैसे स्टार्टअप्स की राह पर Meesho

Meesho अकेली कंपनी नहीं है जो भारत में फिर से डोमिसाइल हो रही है। इससे पहले कई प्रमुख स्टार्टअप्स ने भी यही कदम उठाया है:

स्टार्टअपटैक्स भुगतान (रिवर्स फ्लिप के लिए)
PhonePe₹8,000 करोड़ ($1 बिलियन)
Groww₹1,340 करोड़ ($157 मिलियन)
Razorpay$150 मिलियन
Dream11राशि अघोषित
Zeptoराशि अघोषित
Flipkartप्रक्रिया जारी

Meesho की प्रतिद्वंद्वी Flipkart (वैल्यूएशन: $36 बिलियन) भी फिलहाल सिंगापुर से भारत में वापसी की प्रक्रिया में है।


🛍️ Meesho: भारत का तेजी से उभरता हुआ ई-कॉमर्स ब्रांड

Meesho एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो छोटे और मध्यम विक्रेताओं को ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करने और बढ़ाने का अवसर देता है। इसकी खासियत यह है कि ग्राहक बिना किसी मिनिमम ऑर्डर वैल्यू के भी खरीदारी कर सकते हैं, और सेलर्स के लिए यह जीरो-कमिशन मॉडल पर काम करता है।

कंपनी का बिजनेस मॉडल मुख्य रूप से सोशल कॉमर्स और डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर (D2C) आधारित है, जिसने भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में खासा प्रभाव डाला है।


📊 Meesho की ग्रोथ और स्केल

  • 140 मिलियन+ डाउनलोड्स
  • 11 लाख+ एक्टिव सेलर्स
  • टियर-2, 3 और 4 शहरों में जबरदस्त पकड़
  • फैशन, होम डेकोर, ब्यूटी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कैटेगरीज में मजबूत उपस्थिति

Meesho की यह वापसी भारतीय बाजार और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करती है कि भारत में बने स्टार्टअप्स अब भारत में ही लिस्ट होना चाहते हैं।


🌐 FundingRaised की राय

Meesho का भारत लौटना महज एक कारोबारी निर्णय नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के स्टार्टअप्स की मानसिकता का बदलाव है। जहां एक समय विदेशी रजिस्ट्रेशन को ग्लोबल स्केल का प्रतीक माना जाता था, अब वही कंपनियां भारत के स्टॉक मार्केट्स पर भरोसा कर रही हैं।

Meesho की IPO योजना और पुनः भारत आगमन इस बात का संकेत है कि आने वाला समय भारतीय टेक स्टार्टअप्स का होगा, और वे देश में ही अपना फाइनेंशियल फ्यूचर बनाना चाहेंगे।


📌 निष्कर्ष

Meesho ने NCLT की मंज़ूरी पाकर अपने IPO की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। रिवर्स फ्लिप के ज़रिए कंपनी भारत में पूरी तरह स्थापित होकर भारतीय निवेशकों को अपने शेयर ऑफर करने की तैयारी में है।

आगामी महीनों में Meesho का IPO घरेलू बाजार के लिए एक प्रमुख इवेंट बन सकता है, जो भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ता एक और कदम होगा।


📲 ऐसे ही IPO अपडेट्स, फंडिंग न्यूज और स्टार्टअप कवरेज के लिए पढ़ते रहें: FundingRaised.in

read more :🌍 Aspora को मिला $50 मिलियन का बूस्ट,

🌍 Aspora को मिला $50 मिलियन का बूस्ट,

Aspora

क्रॉस-बॉर्डर फिनटेक स्टार्टअप Aspora (जिसे पहले Vance के नाम से जाना जाता था) ने अपने Series B फंडिंग राउंड में $50 मिलियन (लगभग ₹415 करोड़) जुटाए हैं। इस निवेश राउंड का नेतृत्व Sequoia Capital और Greylock ने मिलकर किया है, जिसमें Hummingbird, Quantum Light Ventures और Y Combinator जैसे नामी निवेशकों ने भी भागीदारी की है।

यह फंडिंग Aspora की अब तक की सबसे बड़ी फंडिंग है और इसके साथ ही कंपनी का कुल फंडिंग कलेक्शन $99 मिलियन से अधिक हो गया है। इस लेटेस्ट राउंड के बाद कंपनी का वैल्यूएशन $500 मिलियन (₹4,150 करोड़) तक पहुंच गया है।


🧑‍💼 Sequoia की भारत वापसी?

Sequoia ने इस फंडिंग के ज़रिए भारतीय मूल के स्टार्टअप में पहली बार निवेश किया है, खासकर जून 2023 में अपने ब्रांड री-स्ट्रक्चरिंग के बाद। अब यह भारत में Peak XV Partners के नाम से काम करता है, लेकिन Aspora में निवेश इसकी US आधारित इकाई Sequoia Capital के ज़रिए किया गया है।

इस निवेश से यह भी साफ होता है कि Sequoia अब वैश्विक स्तर पर भारतीय फिनटेक्स में फिर से दिलचस्पी ले रहा है।


🌐 Aspora क्या करता है?

Aspora एक वैश्विक वित्तीय टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है, जो NRI (Non-Resident Indian) समुदाय के लिए क्रॉस-बॉर्डर मनी ट्रांसफर को आसान बनाता है। कंपनी दावा करती है कि उसका प्लेटफॉर्म यूज़र्स को Google Exchange Rate पर रेमिटेंस की सुविधा देता है, जिससे विदेशी मुद्रा पर लगने वाले भारी शुल्क से बचा जा सकता है।

🔁 मुख्य सुविधाएँ:

  • UK, UAE, जर्मनी सहित 5 देशों से भारत में पैसे भेजने की सुविधा
  • अब तक $2 बिलियन से अधिक ट्रांजेक्शन प्रोसेस
  • ₹150 करोड़ (लगभग $17.5 मिलियन) तक की बचत विदेशी मुद्रा शुल्क में
  • FCA (UK) और RBI (भारत) की नियामक संस्थाओं के साथ सहयोग

📅 2022 में हुई थी शुरुआत

Aspora की स्थापना 2022 में पार्थ गर्ग द्वारा की गई थी। उस समय इसे Vance के नाम से जाना जाता था और यह Y Combinator के Winter 2022 बैच का हिस्सा रहा है।

📌 शुरुआती निवेश:

  • Seed फंडिंग में $5.8 मिलियन जुटाए
  • लीड निवेशक: Hummingbird Ventures
  • अन्य भागीदार: Global Founders Capital, Soma Capital, Y Combinator
  • प्रमुख एंजल निवेशक: Alan Rutledge और Gokul Rajaram

2024 में कंपनी ने बड़े स्तर पर रीब्रांडिंग करते हुए Vance से Aspora का रूप लिया, ताकि वह अपनी सेवाओं को और व्यापक बना सके।


🏦 भारतीय बैंकों से साझेदारी

Aspora के अनुसार, वह भारत में RBI द्वारा गवर्न किए गए बैंकों के साथ साझेदारी करता है। इसका मतलब यह है कि NRI यूज़र्स को एक सुरक्षित और रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म के माध्यम से मनी ट्रांसफर की सुविधा मिलती है।

UK में कंपनी को Financial Conduct Authority (FCA) द्वारा अधिकृत किया गया है, जिससे यह यूरोपियन बाज़ार में भी अपना विस्तार कर पाई है।


💰 क्यों है Aspora पर निवेशकों की नज़र?

🚀 कारण:

  • NRI मार्केट की बढ़ती संभावनाएं
  • बढ़ती क्रॉस-बॉर्डर रेमिटेंस डिमांड
  • पारंपरिक बैंकों की तुलना में तेज़ और सस्ता समाधान
  • Google Exchange Rate आधारित ट्रांसफर सुविधा
  • फिनटेक क्षेत्र में यूनिक प्रोडक्ट और स्केलेबल मॉडल

विशेषज्ञ मानते हैं कि Aspora जल्द ही अन्य देशों में भी अपने ऑपरेशन्स का विस्तार करेगी और B2B क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट सॉल्यूशन्स पर भी ध्यान केंद्रित कर सकती है।


🧮 अब तक की फंडिंग और हिस्सेदारी

कुल फंडिंग: $99 मिलियन

वर्तमान राउंड: $50 मिलियन (Series B)

  • लीड निवेशक: Sequoia Capital, Greylock
  • अन्य निवेशक: Hummingbird, Y Combinator, Quantum Light Ventures
  • कंपनी का मौजूदा वैल्यूएशन: $500 मिलियन

🧠 FundingRaised की राय

Aspora की रणनीति सरल है — कम फीस में तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी मनी ट्रांसफर। भारतीय प्रवासियों के लिए इस तरह की सेवाएं आज के समय की ज़रूरत हैं। कंपनी का यह फंडिंग राउंड दर्शाता है कि निवेशकों को इसके बिज़नेस मॉडल पर विश्वास है।

Sequoia और Greylock जैसे दिग्गज निवेशकों का जुड़ना Aspora के लिए बड़ी उपलब्धि है और यह संकेत देता है कि यह फिनटेक यूनिकॉर्न बनने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है।


📌 निष्कर्ष

Aspora ने Series B में $50 मिलियन जुटाकर भारतीय फिनटेक स्टार्टअप्स के बीच एक नया बेंचमार्क सेट कर दिया है। इसकी यूएसपी — पारदर्शिता, गूगल आधारित रेट्स और एफसीए व आरबीआई के रेगुलेशंस के तहत सेवाएं — इसे बाकी रेमिटेंस प्लेटफॉर्म्स से अलग बनाती हैं।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि Aspora अपनी सेवाओं को भारत और विदेशों में कैसे विस्तारित करता है।


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Read more :🚨 ShareChat को झटका चीफ बिज़नेस ऑफिसर गौरव जैन ने दिया इस्तीफा

🚨 ShareChat को झटका चीफ बिज़नेस ऑफिसर गौरव जैन ने दिया इस्तीफा

ShareChat

भारत के प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ShareChat को एक बड़ा झटका लगा है। कंपनी के Chief Business Officer (CBO) गौरव जैन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बात की जानकारी खुद संस्थापक और CEO अंकुश सचदेवा ने कंपनी के Slack चैनल पर एक आंतरिक घोषणा के माध्यम से दी।

यह इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब कंपनी चुनौतियों से जूझ रही है और अपने राजस्व मॉडल को स्थिर करने की दिशा में काम कर रही है। गौरव जैन का जाना ShareChat के बिज़नेस संचालन में एक अहम बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।


🧑‍💼 CEO अंकुश सचदेवा का बयान

अंकुश सचदेवा ने अपनी पोस्ट में कहा:

“गौरव ने हमारी एड सेल्स और B2B मार्केटिंग टीम को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी स्थिर नेतृत्व क्षमता और विचारशील दृष्टिकोण ने हमें कई मुश्किल समयों से बाहर निकलने में मदद की है।”

Entrackr ने इस आंतरिक संदेश को रिव्यू किया है और इसकी पुष्टि की है।


🕒 जुलाई तक कंपनी के साथ रहेंगे गौरव

आंतरिक घोषणा के अनुसार, गौरव जैन जुलाई 2025 तक कंपनी के साथ जुड़े रहेंगे ताकि सभी कार्यों का सुचारू रूप से हस्तांतरण (handover) किया जा सके। उन्होंने ShareChat को अक्टूबर 2022 में जॉइन किया था और तब से कंपनी के बिज़नेस डिवीजन में कई महत्वपूर्ण बदलावों की अगुवाई की।


📉 चुनौतीपूर्ण समय में नेतृत्व

गौरव जैन ने ShareChat में अपने कार्यकाल के दौरान एड सेल्स और B2B मार्केटिंग जैसे अहम विभागों को फिर से खड़ा किया। ऐसे समय में जब सोशल मीडिया कंपनियां लगातार राजस्व, यूजर इंगेजमेंट और कंटेंट मॉडरेशन की चुनौतियों से जूझ रही हैं, गौरव ने ShareChat को स्थिर बनाए रखा।


👔 गौरव जैन का प्रोफेशनल बैकग्राउंड

ShareChat से पहले गौरव का करियर भी काफी शानदार रहा है। आइए डालते हैं एक नज़र उनके पिछली भूमिकाओं पर:

  • Snap Inc. में APAC बिज़नेस एक्सपैंशन हेड के तौर पर कार्य किया
  • Meta (Facebook India) में Mid-Market Business Head रहे तीन वर्षों से अधिक समय तक
  • डिजिटल मार्केटिंग और विज्ञापन बिक्री में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव

उनकी पृष्ठभूमि यह दर्शाती है कि उन्होंने हमेशा तेज़ी से बढ़ती टेक कंपनियों में नेतृत्व की भूमिका निभाई है।


🔁 अंतरिम नेतृत्व: मनोहर चरण

ShareChat ने इस ट्रांज़िशन पीरियड में Chief Financial Officer (CFO) मनोहर चरण को अंतरिम रूप से बिज़नेस हेड के रूप में नियुक्त किया है। मनोहर चरण को हाल ही में कंपनी ने Co-founder का दर्जा भी दिया है, जिससे उनका कद और ज़िम्मेदारी दोनों बढ़ गई हैं।

अब वह कंपनी के वित्तीय मामलों के साथ-साथ बिज़नेस ऑपरेशंस का भी नेतृत्व करेंगे।


📲 ShareChat का सफर: चुनौतियाँ और संभावनाएँ

ShareChat, जो कि एक बेंगलुरु-आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, ने भारतीय भाषाओं में कंटेंट शेयरिंग को नया आयाम दिया है। कंपनी के पास Moj (शॉर्ट वीडियो ऐप) भी है जो TikTok के बैन के बाद काफी पॉपुलर हुआ था।

हालांकि, बीते कुछ वर्षों में कंपनी को कई बड़े फैसलों और छंटनियों से गुजरना पड़ा है:

  • 2023 में सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी
  • विज्ञापन रेवेन्यू में गिरावट
  • Reels/Shorts के दबाव में Moj की ग्रोथ में बाधा

ऐसे माहौल में गौरव जैन जैसे अनुभवी लीडर का जाना कंपनी के लिए एक संवेदनशील मोड़ है।


🧠 FundingRaised.in की राय

गौरव जैन का इस्तीफा ऐसे समय पर हुआ है जब ShareChat को अपने मार्केटिंग और रेवन्यू मॉडल को और मज़बूत करने की आवश्यकता है। हालांकि, मनोहर चरण जैसे वित्तीय विशेषज्ञ का अंतरिम नेतृत्व कंपनी को स्थिर बनाए रख सकता है।

ShareChat को अब ऐसे लीडरशिप की ज़रूरत है जो डिजिटल विज्ञापन, कंटेंट मोनेटाइजेशन और यूज़र ग्रोथ जैसे पहलुओं पर फोकस रख सके।


🔍 निष्कर्ष

गौरव जैन का ShareChat से जाना कंपनी के नेतृत्व में एक बड़ा बदलाव है। उनके द्वारा स्थापित की गई टीमों और रणनीतियों की जगह लेना आसान नहीं होगा, लेकिन ShareChat को अब अपने अगले फेज की योजना बनानी होगी — जहाँ टेक्नोलॉजी, कंटेंट और राजस्व, तीनों को बैलेंस करते हुए आगे बढ़ना है।

यह एक विकसित होती कहानी है और आने वाले दिनों में कंपनी द्वारा की जाने वाली नई नियुक्तियाँ और रणनीतियाँ बहुत कुछ तय करेंगी।


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Read more :🚗 Spinny ने जुटाए ₹261 करोड़,

🚗 Spinny ने जुटाए ₹261 करोड़,

Spinny

इंडिया के अग्रणी यूज़्ड कार प्लेटफॉर्म Spinny ने अपने जारी Series F फंडिंग राउंड के तहत ₹260.76 करोड़ (लगभग $30.6 मिलियन) की नई फंडिंग हासिल की है। इस बार निवेशक के रूप में शामिल हुआ है WestBridge Capital, जो इस राउंड में कंपनी का नया रणनीतिक समर्थक बनकर उभरा है। इस फंडिंग के साथ ही Spinny के इस राउंड का कुल आकार अब बढ़कर $161 मिलियन हो गया है, जिसमें से $131 मिलियन का नेतृत्व Accel Leaders Fund ने किया था।


💰 डील का ब्रेकडाउन: कैसे जुटाए ₹260 करोड़?

Spinny ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, 7,73,09,247 Series F CCPS शेयर ₹33.73 प्रति शेयर की कीमत पर जारी किए हैं। इन शेयरों के ज़रिए ही कंपनी ने यह ₹260.76 करोड़ की फंडिंग जुटाई।

WestBridge Capital ने यह निवेश अपने तीन इन्वेस्टमेंट आर्म्स के माध्यम से किया है:

  • Setu AIF Trust
  • MMPL Trust
  • Konark Trust

📊 अब तक की कुल फंडिंग और निवेशक प्रोफाइल

स्टार्टअप डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार, Spinny अब तक कुल $676 मिलियन (करीब ₹5,600 करोड़) की फंडिंग जुटा चुका है।

मुख्य निवेशक:

  • Tiger Global
  • Accel
  • Elevation Capital
  • और अब WestBridge Capital

इसके साथ ही, दिसंबर 2021 में Spinny ने क्रिकेट दिग्गज सचिन तेंदुलकर को ब्रांड एंबेसडर और रणनीतिक निवेशक के रूप में जोड़ा था, जिससे कंपनी की ब्रांड वैल्यू में बड़ा इजाफा हुआ।

इस नए निवेश के बाद, WestBridge Capital कंपनी में 2.74% हिस्सेदारी का मालिक बन गया है।


🔧 Spinny का बिज़नेस मॉडल: फुल-स्टैक प्लेटफॉर्म

Spinny केवल एक कार रीसेलिंग प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि यह एक फुल-स्टैक यूज़्ड कार प्लेटफॉर्म के रूप में काम करता है, जो यूज़्ड कारों की खरीद-बिक्री से लेकर:

  • व्हीकल इंस्पेक्शन,
  • रीफर्बिशमेंट,
  • डॉक्युमेंटेशन,
  • और फाइनेंसिंग तक
    पूरी वैल्यू चेन को मैनेज करता है।

यही वजह है कि Spinny ने पिछले कुछ वर्षों में उपभोक्ताओं के बीच भरोसेमंद ब्रांड के रूप में अपनी पकड़ मजबूत की है।


📰 हालिया गतिविधियाँ: ऑटोकॉर इंडिया और NBFC की शुरुआत

Spinny ने हाल ही में दो बड़े कदम उठाए हैं:

  1. Autocar India का अधिग्रहण – यह एक प्रमुख ऑटो मीडिया और कंटेंट प्लेटफॉर्म है, जिससे Spinny अब कंटेंट व मार्केटिंग फ्रंट पर भी मजबूत हुआ है।
  2. अपनी NBFC सब्सिडियरी का ऑपरेशन शुरू – इससे Spinny अब अपने कस्टमर्स को सीधे वाहन फाइनेंसिंग सेवाएं देने में सक्षम हो गया है।

📈 फाइनेंशियल प्रदर्शन: FY24 में रेवेन्यू में इज़ाफा, घाटे में कमी

Spinny ने अभी तक FY25 के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं, लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) के लिए कंपनी का प्रदर्शन इस प्रकार रहा:

  • ऑपरेटिंग रेवेन्यू: ₹3,725.02 करोड़ (FY23 में ₹3,259.78 करोड़ से 14% की बढ़ोतरी)
  • कुल घाटा: ₹590.37 करोड़ (FY23 की तुलना में 28% की कमी)

इससे संकेत मिलता है कि कंपनी प्रॉफिटेबिलिटी की दिशा में धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही है, और खर्चों में अनुशासन लेकर आ रही है।


🛣️ आगे की राह: IPO या अधिग्रहण?

Spinny की मजबूत फंडिंग, नए इन्वेस्टर्स की एंट्री, और विस्तार की रणनीतियों को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कंपनी अगले 12-18 महीनों में:

  • IPO की दिशा में आगे बढ़ सकती है
  • या फिर किसी बड़े ग्लोबल ऑटो प्लेटफॉर्म द्वारा अधिग्रहित की जा सकती है

हालांकि, फिलहाल कंपनी की फोकस ऑपरेशनल दक्षता और ग्राहकों की संतुष्टि पर है।


🧠 FundingRaised.in की राय:

Spinny ने अपने शानदार ऑपरेटिंग रेवेन्यू और फुल-स्टैक बिज़नेस मॉडल से यह दिखा दिया है कि भारत में यूज़्ड कार मार्केट एक सुनहरा अवसर है। WestBridge Capital जैसे बड़े और भरोसेमंद निवेशकों की भागीदारी इस बात का संकेत है कि Spinny आने वाले वर्षों में इस सेगमेंट का लीडर बनने की पूरी क्षमता रखता है


📌 निष्कर्ष

Spinny का ताज़ा ₹260 करोड़ का फंडिंग राउंड यह साबित करता है कि भारत का यूज़्ड कार बाजार अब सिर्फ सस्ता विकल्प नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद और संगठित मार्केट बनता जा रहा है। Spinny की ब्रांड रणनीति, टेक्नोलॉजी और फाइनेंसिंग क्षमताएं उसे इस स्पेस में सबसे आगे रखने का दम रखती हैं।

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Read more :📊 हफ्तेभर में भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $184.75 मिलियन,

📊 हफ्तेभर में भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $184.75 मिलियन,

भारतीय स्टार्टअप्स

भारतीय स्टार्टअप्स स्टार्टअप इकोसिस्टम में इस हफ्ते थोड़ी सुस्ती देखने को मिली, जहां कुल 20 स्टार्टअप्स ने लगभग $184.75 मिलियन (करीब ₹1,540 करोड़) की फंडिंग जुटाई। इनमें 5 ग्रोथ-स्टेज और 14 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल रहीं, जबकि एक स्टार्टअप ने अपने निवेश की राशि सार्वजनिक नहीं की।

🔻 पिछले हफ्ते के मुकाबले 15% की गिरावट दर्ज की गई, जब 21 स्टार्टअप्स ने करीब $216.19 मिलियन का फंड जुटाया था।


🚀 ग्रोथ-स्टेज भारतीय स्टार्टअप्स स्टार्टअप्स: Cred बना हफ्ते का हीरो

इस हफ्ते का सबसे बड़ा निवेश Kunal Shah की अगुवाई वाले फिनटेक प्लेटफॉर्म Cred में देखने को मिला, जिसने $72 मिलियन जुटाए। इस राउंड में Lathe Investment, RTP Global, Sofina Ventures, और QED Innovation Labs जैसे निवेशकों ने भाग लिया।

इसके अलावा अन्य प्रमुख ग्रोथ-स्टेज डील्स में शामिल रहे:

  • FlexiLoans (MSME-फोकस्ड फिनटेक): $44 मिलियन, Series C
  • Vecmocon (EV डिप्लॉयमेंट सॉल्यूशन): $18 मिलियन Series A (इस हफ्ते $8 मिलियन)
  • Wow! Momo (क्विक सर्विस रेस्तरां): अज्ञात राशि
  • Garuda Aerospace (ड्रोनटेक): अज्ञात राशि

🌱 अर्ली-स्टेज डील्स में $49.75 मिलियन की फंडिंग

कुल 14 अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने $49.75 मिलियन जुटाए। इनमें सबसे आगे रहे:

  • Sanlayan Technologies (एयरोस्पेस और डिफेंस): $22 मिलियन
  • PowerUp (वेल्थटेक), Piston और Zype (फिनटेक)
  • FlickTV (माइक्रोड्रामा OTT): हाल ही में $2.3 मिलियन जुटाए

वहीं, Zee Entertainment ने OTT प्लेटफॉर्म Bullet में अल्पसंख्यक हिस्सेदारी खरीदी है, पर इसकी डील राशि उजागर नहीं की गई।


🏙️ शहरवार फंडिंग डील्स

  • बेंगलुरु: 9 डील्स
  • दिल्ली-NCR: 5 डील्स
  • मुंबई, चेन्नई और कोलकाता: कुछ महत्वपूर्ण सौदे

🧭 सेक्टर-वाइज लीडरबोर्ड

  • फिनटेक: 6 डील्स
  • डीपटेक और OTT: 2-2 डील्स
  • अन्य: एयरोस्पेस, फूडटेक, ई-कॉमर्स, स्पोर्ट्सटेक आदि

🌀 फंडिंग स्टेज-वाइज ब्रेकअप

  • सीड फंडिंग: 7 डील्स
  • इसके अलावा: डेब्ट, प्री-सीरीज A, सीरीज A, सीरीज G आदि

📉 वीकली ट्रेंड

  • इस हफ्ते की औसत फंडिंग $184.75 मिलियन रही, जबकि पिछले 8 हफ्तों की औसत $217.68 मिलियन और 23 डील्स प्रति सप्ताह रही हैं।

👩‍💼 हायरिंग्स और बदलाव

  • Wakefit ने IPO की तैयारी में 5 नए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स नियुक्त किए।
  • upGrad ने Ferzad Palia को D2C बिज़नेस हेड बनाया।
  • Greaves Electric Mobility में Vikas Singh बने नए एमडी।

💼 प्रमुख इस्तीफे:

  • Sujay Choubey (Peak XV Partners)
  • Shivnath Thukral (Meta India पब्लिक पॉलिसी हेड)

🤝 मर्जर और अधिग्रहण

  • BYJU’S ने अपने दो प्रमुख अमेरिकी अधिग्रहण — Epic ($95M) और Tynker ($2.2M) — बेच दिए।
  • Mizuho Financial Group करेगा Avendus Capital का अधिग्रहण ($700M डील)
  • WLDD ने Imagined Studio को खरीदा
  • BRND.ME (पूर्व में Mensa Brands) ने MensXP की मूल कंपनी ILN को RPSG ग्रुप को बेचा

💰 ESOP Buyback

  • Univest ने अपने पहले ESOP buyback के तहत ₹1.61 करोड़ के शेयर वापस खरीदे।

🧾 संभावित फंडिंग डील्स

  • Groww का $200M प्री-IPO राउंड
  • GIVA: $53M फंडिंग की तैयारी
  • Snapmint, Durlabh Darshan, Rumik.ai, और Kazam भी जुटाएंगे फंड

🚀 नए लॉन्च और साझेदारियाँ

  • CoinDCX ने लॉन्च की ऑटोमेटेड क्रिप्टो ट्रेडिंग सुविधा
  • Scapia ने Federal Bank के साथ ड्यूल-नेटवर्क क्रेडिट कार्ड लॉन्च किया
  • Apna ने AI-पावर्ड इंटरव्यू प्रेप टूल लॉन्च किया
  • The Man Company ने Unicommerce के साथ साझेदारी की
  • Namma Yatri ने Covrzy के साथ हेल्थ इंश्योरेंस योजना पेश की

💼 इस हफ्ते की वित्तीय रिपोर्ट्स

  • Credgenics: FY25 में ₹220 करोड़ राजस्व और ₹25 करोड़ प्रॉफिट बिफोर टैक्स

📰 न्यूज़ फ्लैश 🔥

  • कर्नाटक में Ola, Uber, Rapido की बाइक टैक्सी बैन जारी रहेगा
  • PhonePe और Google Pay ने मई 2025 में रिकॉर्ड UPI ट्रांजैक्शन किया
  • Rekha Jhunjhunwala ने Nazara से ₹374 करोड़ निकाले
  • Pine Labs जल्द करेगा ₹5000-6000 करोड़ का IPO फाइल
  • Sportasy पर हरियाणा के नए जुए कानून के तहत पहली FIR
  • Meesho बनी पब्लिक लिमिटेड कंपनी, IPO की तैयारी

📌 निष्कर्ष

इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप फंडिंग में गिरावट रही लेकिन कुछ बड़े सौदों ने बाज़ार में रफ्तार बनाए रखी। PhonePe और Google Pay ने UPI मार्केट पर दबदबा कायम रखा और Pine Labs, Meesho जैसे प्लेटफॉर्म IPO की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं।

🔥 अगला हफ्ता और भी रोमांचक रहने की उम्मीद है।


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Read more :🛵 कर्नाटक में बैन जारी Ola, Uber, Rapido को झटका,

🛵 कर्नाटक में बैन जारी Ola, Uber, Rapido को झटका,

Rapido

कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक बार फिर बाइक टैक्सी सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखा है, जिससे Ola, Uber और Rapido जैसी कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इन कंपनियों की अपीलों को खारिज करते हुए कहा है कि कोई अंतरिम राहत नहीं दी जाएगी, यानी यह बैन कम से कम 24 जून 2025 तक लागू रहेगा।

यह फैसला न केवल स्टार्टअप इंडस्ट्री बल्कि लाखों कम्यूटरों और बाइक राइडर्स के लिए भी चिंता का विषय है, जो रोज़ाना इन सेवाओं पर निर्भर रहते हैं।


⚖️ क्यों लगाया गया प्रतिबंध?

यह पूरा मामला 2 अप्रैल 2025 को कर्नाटक हाई कोर्ट के एक आदेश से शुरू हुआ, जिसमें कहा गया था कि:

“बाइक टैक्सी सेवाएं फिलहाल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत विधिवत रेग्युलेट नहीं हैं, इसलिए इन्हें तब तक रोका जाए जब तक सरकार कोई स्पष्ट नियम नहीं लाती।”

इसके बाद कोर्ट ने 14 मई को इस बैन को चार और हफ्तों के लिए बढ़ा दिया था, जिससे अब यह बैन 15 जून 2025 तक प्रभावी है।


🚫 अब क्या होगा?

कोर्ट के अनुसार, यह आदेश पूरे राज्य में लागू रहेगा और:

  • सोमवार, 16 जून 2025 से कोई भी बाइक टैक्सी सेवा कानूनी रूप से संचालन नहीं कर पाएगी।
  • ✅ अगली सुनवाई की तारीख 24 जून 2025 तय की गई है, जहां पूरे मामले पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

🧑‍⚖️ कोर्ट का तर्क: “कानूनी ढांचे के बिना संचालन नहीं हो सकता”

हाई कोर्ट ने कहा कि चूंकि बाइक टैक्सी सेवा के लिए न तो कोई परिभाषित लाइसेंसिंग सिस्टम है, न ही सरकारी रेग्युलेशन, इसलिए इन्हें अभी अवैध माना जा सकता है।

सरकार की ओर से भी कोर्ट को यह सूचित किया गया कि फिलहाल उनके पास कोई तात्कालिक योजना नहीं है जिससे बाइक टैक्सी को वैधता दी जा सके।


🚕 Ola, Uber, Rapido को तगड़ा झटका

देश की तीन प्रमुख राइड-हेलिंग कंपनियों Ola, Uber और Rapido ने कोर्ट में याचिका दायर कर इस बैन के खिलाफ अंतरिम राहत की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

इन कंपनियों का तर्क था कि:

  • ✅ लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी इन सेवाओं पर निर्भर है।
  • ✅ बाइक टैक्सी शहरी ट्रैफिक और प्रदूषण को कम करने में मदद करती है।
  • ✅ इससे उपभोक्ताओं को किफायती यात्रा का विकल्प मिलता है।

फिर भी कोर्ट ने यह माना कि कानून से ऊपर कोई सुविधा नहीं हो सकती।


👨‍🔧 राइडर्स और यूज़र्स पर असर

इस बैन का सबसे बड़ा असर पड़ेगा:

  1. बाइक टैक्सी ड्राइवर्स पर — जो फुल टाइम या पार्ट टाइम इन सेवाओं के ज़रिए कमाई कर रहे थे।
  2. कॉलेज और ऑफिस जाने वाले यात्रियों पर — जिन्हें यह सेवा सस्ती, सुविधाजनक और ट्रैफिक से बचने का ज़रिया मिलती थी।
  3. स्टार्टअप ईकोसिस्टम पर — जो भारत में मोबिलिटी सेक्टर को डिजिटल और सस्टेनेबल बना रहे हैं।

📈 आर्थिक नुकसान की आशंका

  • 🚫 विशेषज्ञों का मानना है कि इससे हजारों ड्राइवरों की आय बंद हो सकती है।
  • 🚫 कंपनियों को बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में रेवन्यू लॉस झेलना पड़ सकता है।
  • 🚫 स्टार्टअप्स के इन्वेस्टर्स और फंडिंग पार्टनर्स भी अनिश्चितता में आ सकते हैं।

📣 क्या है आगे का रास्ता?

हालांकि फिलहाल कोई स्पष्ट नियम नहीं है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि:

  • सरकार नई बाइक टैक्सी पॉलिसी पर विचार कर सकती है।
  • अगली सुनवाई (24 जून 2025) में कुछ निर्देश सामने आ सकते हैं।
  • कंपनियां लीगल रूट या रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत नए तरीके से सेवा शुरू कर सकती हैं।

📌 निष्कर्ष: सुविधाजनक सेवा, लेकिन नियमों के दायरे में

बाइक टैक्सी भारत जैसे देश में जहां ट्रैफिक, प्रदूषण और शहरी मोबिलिटी बड़ी चुनौतियाँ हैं, वहाँ यह एक क्रांतिकारी मॉडल बन सकता है। लेकिन यह भी जरूरी है कि ऐसी सेवाएं कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त और रेग्युलेटेड हों।

फिलहाल, बेंगलुरु जैसे टेक सिटी में यह सेवा बंद होना कई लोगों के लिए असुविधा का कारण बनेगा। अब सबकी निगाहें 24 जून की अगली सुनवाई पर टिकी हैं।


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✍️ रिपोर्ट: FundingRaised हिंदी टीम

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🎬Chai Shots जल्द जुटाएगा $5 मिलियन फंडिंग,

Chai Shots

हैदराबाद स्थित माइक्रोड्रामा OTT प्लेटफॉर्म Chai Shots जल्द ही अपने पहले संस्थागत फंडिंग राउंड में $5 मिलियन (लगभग ₹41 करोड़) जुटाने जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, इस राउंड का नेतृत्व General Catalyst और Info Edge कर रहे हैं, जबकि कुछ एंजेल इन्वेस्टर्स के भी भाग लेने की उम्मीद है।


🧃 Chai Bisket टीम की नई पेशकश

Chai Shots प्लेटफॉर्म को लोकप्रिय डिजिटल मीडिया कंपनी Chai Bisket की टीम ने तैयार किया है। Chai Bisket पिछले 9 वर्षों से तेलुगु और दक्षिण भारतीय डिजिटल स्पेस में एक मजबूत उपस्थिति बनाए हुए है।

उनके कंटेंट ब्रह्मांड में शामिल हैं:

  • 🎥 First Show (फिल्म वितरण)
  • 🎙️ Mutiny Talent (टैलेंट मैनेजमेंट)
  • 📖 Studio Panchatantra (रिज़नल स्टोरीटेलिंग)
  • 📱 और अब — Chai Shots

⏱️ क्या है Chai Shots?

Chai Shots एक शॉर्ट-फॉर्म OTT प्लेटफॉर्म है जहाँ हर एपिसोड की लंबाई दो मिनट से कम होगी। यह प्लेटफॉर्म भारत की विभिन्न भाषाओं में कंटेंट पेश करेगा — जिससे देश के छोटे कस्बों और क्षेत्रीय दर्शकों तक डिजिटल एंटरटेनमेंट की पहुंच आसान होगी।

मुख्य फीचर्स:

  • 🎭 शॉर्ट ड्रामा, माइक्रो स्टोरीज़
  • 🌐 मल्टीलैंग्वुअल कंटेंट (तेलुगु, हिंदी, तमिल, आदि)
  • 📲 मोबाइल-फर्स्ट व्यूइंग एक्सपीरियंस

🏗️ लॉन्च की तैयारी जोरों पर

Chai Shots अभी डेवलपमेंट स्टेज में है और इसकी आधिकारिक लॉन्चिंग अगले कुछ हफ्तों में होने की उम्मीद है।

एक सूत्र के अनुसार:

“Chai Shots का लॉन्च और फंडिंग की आधिकारिक घोषणा जल्द होगी। फिलहाल इसका बीटा टेस्टिंग और कंटेंट बैंक तैयार किया जा रहा है।”


📈 कंटेंट स्पेस में बढ़ती दिलचस्पी

हाल ही में कंटेंट और माइक्रो OTT सेक्टर में निवेश बढ़ा है। इस सप्ताह ही एक अन्य प्लेटफॉर्म Flick TV ने $2.3 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई है, जिसका नेतृत्व Stellaris Venture Partners ने किया। इसमें Gemba Capital और Titan Capital ने भी हिस्सा लिया।

Chai Shots को आने वाले समय में इन प्लेटफॉर्म्स से मुकाबला करना होगा:

  • Kuku TV (Kuku FM की शॉर्ट वीडियो यूनिट)
  • ShareChat का QuickTV
  • Reel Saga
  • Reelies

यह प्रतिस्पर्धा साबित करती है कि भारत का शॉर्ट-वीडियो OTT स्पेस अब एक नया बूम देखने जा रहा है।


💼 General Catalyst की भारत में गहरी होती जड़ें

General Catalyst ने भारत में अपने इन्वेस्टमेंट फोकस को मजबूत करने के लिए Venture Highway के साथ पिछले साल जून में मर्ज किया था। इसके बाद से फर्म ने कई अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स में निवेश किया है:

  • 🧓 Primus Senior Living
  • 🤖 Nurix AI (Mukesh Bansal की एआई स्टार्टअप)
  • 🏥 PB Healthcare

अब Chai Shots भी इस सूची में शामिल होने वाला है — यह दिखाता है कि General Catalyst का विश्वास भारत के रीज़नल कंटेंट मार्केट में लगातार बढ़ रहा है।


🏢 Info Edge की मौजूदगी और रणनीति

Info Edge (जिसने Naukri.com, Zomato, PolicyBazaar जैसे ब्रांड्स को शुरुआती दौर में समर्थन दिया था) अब कंटेंट-फर्स्ट स्टार्टअप्स की ओर रुख कर रहा है।

Chai Shots में उनका संभावित निवेश यह दर्शाता है कि क्षेत्रीय मनोरंजन और माइक्रो-ड्रामा स्पेस को वे अगली बड़ी चीज़ मान रहे हैं।


📢 आधिकारिक प्रतिक्रिया अब तक नहीं

Entrackr की रिपोर्ट के अनुसार, Chai Shots, General Catalyst और Info Edge को इस डील को लेकर भेजे गए सवालों पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह डील जल्द ही फाइनल और पब्लिक हो जाएगी।


🔍 निष्कर्ष: क्या Chai Shots बदल देगा भारत का शॉर्ट वीडियो OTT परिदृश्य?

भारत में कंटेंट की खपत तेजी से मोबाइल-फर्स्ट और शॉर्ट-फॉर्म की ओर बढ़ रही है। ऐसे में Chai Shots का यूनिक माइक्रो-ड्रामा फॉर्मेट और रीज़नल भाषा पर फोकस इसे एक संभावनाओं से भरपूर प्लेटफॉर्म बनाता है।

  • 🎯 Tier-2 और Tier-3 शहरों में जबरदस्त संभावनाएं
  • 🧠 मजबूत प्रोडक्शन टीम और कंटेंट क्राफ्टिंग एक्सपीरियंस
  • 💸 शक्तिशाली निवेशकों का साथ — General Catalyst, Info Edge

यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो Chai Shots भारतीय डिजिटल एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक नया अध्याय जोड़ सकता है।


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✍️ रिपोर्ट: FundingRaised हिंदी टीम

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