ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग प्लेटफॉर्म MakeMyTrip ने एक बड़ी वित्तीय रणनीति की घोषणा की है। कंपनी $2.5 बिलियन (लगभग ₹20,000 करोड़) से अधिक जुटाने जा रही है, जिसका मकसद चीन आधारित निवेशक Trip.com Group से आंशिक हिस्सेदारी वापस खरीदना है। यह कदम MakeMyTrip के चीनी प्रभाव को कम करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
💼 क्या है पूरा मामला?
MakeMyTrip ने अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज NASDAQ में फाइलिंग करते हुए जानकारी दी है कि कंपनी 1.4 करोड़ इक्विटी शेयरों का प्राइमरी ऑफरिंग लॉन्च कर रही है। इसके अलावा, कंपनी $1.25 बिलियन के कन्वर्टिबल नोट्स भी जारी करेगी।
यह फंडिंग दो मुख्य हिस्सों में होगी:
- इक्विटी शेयरों से लगभग $1.27–1.3 बिलियन की राशि जुटने की संभावना है, अगर ये मौजूदा शेयर प्राइस ($100.88) से 10% डिस्काउंट पर बिकते हैं।
- $1.25 बिलियन के कन्वर्टिबल नोट्स, जिन्हें भविष्य में इक्विटी में बदला जा सकता है।
दोनों मिलाकर MakeMyTrip के पास लगभग $2.5 बिलियन की राशि उपलब्ध होगी, जो विशेष रूप से Trip.com से Class B शेयरों को वापस खरीदने में इस्तेमाल की जाएगी।
🇨🇳 क्यों घटा रही है MakeMyTrip चीनी निवेश?
Trip.com, जो कि शंघाई स्थित ग्लोबल OTA कंपनी है, फिलहाल MakeMyTrip में सबसे बड़ा बाहरी निवेशक है। उसके पास:
- 1.07 करोड़ ऑर्डिनरी शेयर
- 3.96 करोड़ क्लास B सीरीज शेयर
कुल मिलाकर, Trip.com के पास MakeMyTrip के 45.34% वोटिंग अधिकार हैं।
अब MakeMyTrip की योजना है:
- Trip.com की हिस्सेदारी को लगभग आधा कर देना (20% से थोड़ा अधिक)
- इससे कंपनी को मिलेगा भारतीय स्वामित्व की स्पष्टता और रणनीतिक स्वतंत्रता
🔍 Trip.com ने कब और कैसे निवेश किया?
Trip.com ने पहली बार 2016 में MakeMyTrip में निवेश किया था। लेकिन इसका प्रभाव तब और बढ़ गया जब 2019 में Naspers के साथ हुए इक्विटी स्वैप में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 49% तक पहुंच गई। Naspers ने यह हिस्सेदारी तब ली थी जब उसने Ibibo Group को MakeMyTrip के साथ मर्ज किया था।
🇮🇳 भारत में कंपनियों द्वारा चीनी निवेश में कटौती का ट्रेंड
MakeMyTrip की यह रणनीति भारतीय टेक और स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक चलन को दर्शाती है, जहां कंपनियाँ चीनी निवेशकों के प्रभाव को कम करने की दिशा में सक्रिय हो गई हैं।
कुछ प्रमुख उदाहरण:
- Paytm ने Alibaba के Ant Group की हिस्सेदारी 25% से घटाकर 5% कर दी
- Zomato ने Alibaba और Fosun से पूरी तरह से एग्जिट दिलवाया
- Delhivery, BigBasket और Pratilipi ने भी अपने चीनी निवेशकों को निकासी का अवसर दिया
यह बदलाव भारत के भूराजनीतिक और नियामकीय वातावरण में हुए परिवर्तनों के कारण सामने आया है, जिसमें डेटा सुरक्षा और विदेशी स्वामित्व को लेकर चिंताएं प्रमुख हैं।
📈 MakeMyTrip की मजबूत वापसी
MakeMyTrip ने COVID-19 महामारी के बाद जबरदस्त रिकवरी दिखाई है।
FY25 की प्रमुख उपलब्धियाँ:
- कुल राजस्व $978 मिलियन, जो कि पिछले वर्ष से 25% अधिक है
- मुनाफा $95.2 मिलियन, जो महामारी से पहले के स्तर से भी बेहतर है
- भारत में ट्रैवल डिमांड में तेजी – ‘revenge travel’ ट्रेंड और बिजनेस ट्रैवल की वापसी ने कंपनी को लाभ पहुँचाया
🔍 रणनीतिक दृष्टिकोण से क्यों अहम है यह फैसला?
Trip.com जैसे ग्लोबल दिग्गज के साथ साझेदारी होने के बावजूद, MakeMyTrip अब एक आत्मनिर्भर और स्केलेबल ब्रांड बन चुका है।
इस डील के संभावित फायदे:
- चीनी नियंत्रण में कमी
- भारतीय निवेशकों और रेगुलेटर्स के बीच भरोसे में वृद्धि
- भविष्य में IPO या स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप की आज़ादी
- कॉर्पोरेट गवर्नेंस में पारदर्शिता
हालांकि, Trip.com अब भी कुछ हिस्सेदारी रखेगा, लेकिन MakeMyTrip अब उससे किसी रणनीतिक निर्भरता में नहीं रहेगा।
📌 निष्कर्ष: MakeMyTrip का आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम
MakeMyTrip का यह कदम ना सिर्फ वित्तीय दृष्टि से मजबूत है, बल्कि यह भारत में चल रहे ‘स्वदेशी नियंत्रण’ और विदेशी निर्भरता से बाहर निकलने के रुझान को भी दर्शाता है।
आने वाले महीनों में देखें:
- इस फंडरेज़िंग का बाजार पर क्या असर पड़ता है
- Trip.com की शेष हिस्सेदारी को लेकर भविष्य की रणनीति
- MakeMyTrip की नई ग्रोथ योजनाएं – घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
✈️ भारत के ट्रैवल टेक क्षेत्र की यह कहानी आगे भी दिलचस्प मोड़ ले सकती है। ऐसे ही अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए FundingRaised.in के साथ।
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