Electric motorcycle manufacturer Oben Electric ने ₹50 करोड़ की फंडिंग जुटाई

Oben

Oben Electric, भारत में इलेक्ट्रिक बाइक निर्माण की अग्रणी कंपनी, ने हाल ही में सीरीज A फंडिंग राउंड में ₹50 करोड़ ($6 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग में प्रमुख निवेशक रहे Ambis Holding US, Kuberan Ventures, Karimjee Group, Mission Vertical, और Polyplex Family Office के संजय सराफ। इसके अलावा, Pravek Kalp Family Office और अन्य मौजूदा निवेशकों ने भी इस राउंड में भाग लिया।


Oben Electric कुल फंडिंग ₹150 करोड़ तक पहुंची

इस नई फंडिंग के साथ, Oben Electric ने अब तक कुल ₹150 करोड़ ($18 मिलियन) जुटा लिए हैं।

  • पिछली फंडिंग: जून 2023 में, कंपनी ने अपने विस्तारित प्री-सीरीज A राउंड में ₹40 करोड़ ($4.8 मिलियन) जुटाए थे।

फंड का उपयोग: विस्तार और विकास पर फोकस

ओबेन इलेक्ट्रिक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस नई फंडिंग का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाएगा:

  1. डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का विस्तार:
    • FY26 तक 100 से अधिक शोरूम और
    • 50 से अधिक शहरों में Oben Care सर्विस सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे।
  2. प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार:
    • कंपनी नई उत्पाद श्रेणियां पेश करेगी।
    • प्रमुख घटकों जैसे बैटरियों, मोटर्स, वाहन नियंत्रण इकाइयों (VCU), और होम फास्ट चार्जर को बेहतर बनाया जाएगा।

ओबेन इलेक्ट्रिक की स्थापना और उद्देश्य

ओबेन इलेक्ट्रिक की स्थापना 2020 में मधुमिता अग्रवाल, सागर ठक्कर, और दिनकर अग्रवाल ने की थी।

कंपनी का उद्देश्य:

  • विश्व स्तर पर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को सशक्त बनाना।
  • कटिंग-एज टेक्नोलॉजी और बेहतर उत्पाद पेशकशों के जरिए बाजार में क्रांति लाना।
  • स्थिर घरेलू आपूर्ति श्रृंखला बनाना, जो नियामक और अनुपालन जोखिमों से मुक्त हो।

प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी

ओबेन इलेक्ट्रिक न केवल इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल का निर्माण करता है, बल्कि इसकी मुख्य तकनीकी क्षमताओं में शामिल हैं:

  1. बैटरियों का निर्माण
  2. मोटर्स और वाहन नियंत्रण इकाइयों (VCU) का विकास
  3. होम फास्ट चार्जर का निर्माण

यह कंपनी अपने उत्पादों को न केवल भारतीय बाजार के लिए डिजाइन करती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है।


भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की संभावनाएं

बाजार का विस्तार

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग तेजी से बढ़ रहा है।

  • नीतिगत समर्थन:
    • सरकार द्वारा FAME-II सब्सिडी और अन्य योजनाओं ने EV को बढ़ावा दिया है।
  • उपभोक्ता मांग:
    • पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरणीय चिंताओं के कारण EV का आकर्षण बढ़ा है।

ओबेन इलेक्ट्रिक की भूमिका

  • कंपनी का ध्यान केवल उत्पाद बेचने पर नहीं, बल्कि व्यापक सेवा अनुभव प्रदान करने पर है।
  • इसके Oben Care सर्विस सेंटर्स से ग्राहक सेवा में सुधार होगा।

वितरण नेटवर्क और उत्पादन का विस्तार

डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क

  • FY26 तक 100+ शोरूम खोलने की योजना है।
  • यह कदम न केवल बिक्री को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्राहकों तक पहुंच को भी मजबूत करेगा।

स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला का विकास

  • ओबेन इलेक्ट्रिक एक स्थिर घरेलू आपूर्ति श्रृंखला बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
  • यह उन्हें उत्पादन में स्थिरता और गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करेगा।

निवेशकों की भूमिका

प्रमुख निवेशक:

  1. Ambis Holding US
  2. Kuberan Ventures
  3. Karimjee Group
  4. Mission Vertical
  5. Polyplex Family Office (संजय सराफ)
  6. Pravek Kalp Family Office

इन निवेशकों के समर्थन से कंपनी न केवल वित्तीय रूप से मजबूत होगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होगी।


इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में ओबेन की प्रतिस्पर्धा

प्रतिस्पर्धी ब्रांड्स

  • ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी, और बजाज चेतक जैसे ब्रांड्स से ओबेन इलेक्ट्रिक का सीधा मुकाबला है।
  • ओबेन की रणनीति:
    • बेहतर तकनीक और ग्राहक सेवा के जरिए अपनी पहचान बनाना।

ओबेन की विशेषता

  • अपने उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों को मूल्य वर्धित अनुभव प्रदान करना।

निष्कर्ष

ओबेन इलेक्ट्रिक ने अपनी उन्नत तकनीक, स्थिर आपूर्ति श्रृंखला, और विस्तृत वितरण नेटवर्क के साथ भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में अपनी मजबूत स्थिति बना ली है।

भविष्य की योजनाएं:

  • डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का विस्तार
  • नई तकनीकों और उत्पादों का विकास
  • स्थिर उत्पादन और वैश्विक विस्तार

ओबेन इलेक्ट्रिक का दृष्टिकोण:

भारत और विश्व स्तर पर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को सशक्त बनाना और पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को अपनाने में अग्रणी बनना।

ओबेन इलेक्ट्रिक की यह सफलता न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारत के EV उद्योग के लिए भी एक प्रेरणा है।

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Online bakery brand Bakingo की वित्तीय सफलता और चुनौतियां FY24 का विश्लेषण

Bakingo

Bakingo, एक अग्रणी ऑनलाइन बेकरी ब्रांड, ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में 43% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। हालांकि, अपने विस्तार के प्रयासों के चलते, गुरुग्राम स्थित इस कंपनी के घाटे में भी मामूली वृद्धि हुई।


Bakingo राजस्व में प्रभावशाली वृद्धि

Bakingo ने FY24 में अपने संचालन से ₹208.7 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो कि FY23 के ₹145.7 करोड़ से 43% अधिक है।
बेकिंगो के संस्थापक:

  • हिमांशु चावला
  • श्रे सहगल
  • सुमन पात्र

यह ब्रांड विभिन्न प्रकार के केक्स और डेसर्ट्स की पेशकश करता है, जिनमें इसके सिग्नेचर चीज़केक, गौरमेट केक्स, जार केक्स, और 100 से अधिक SKU शामिल हैं। बेकिंगो के लिए राजस्व का एकमात्र स्रोत इन उत्पादों की बिक्री ही है।


कुल खर्च का विश्लेषण

Bakingo के संचालन खर्च FY24 में 46% बढ़कर ₹213.8 करोड़ हो गए, जो FY23 में ₹146.3 करोड़ थे।

मुख्य खर्च घटक:

  1. उत्पाद प्रोक्योरमेंट (Product Procurement):
    • कुल खर्च का 42.2%
    • FY24 में ₹90 करोड़ (43% वृद्धि)
  2. कर्मचारी लाभ (Employee Benefits):
    • FY24 में ₹31.6 करोड़ (40% वृद्धि)
  3. विज्ञापन खर्च (Advertising Expenses):
    • FY24 में ₹27.7 करोड़ (38% वृद्धि)
  4. प्लेटफॉर्म कमीशन शुल्क (Platform Commission Fees):
    • FY24 में ₹26.2 करोड़ (65% वृद्धि)

कुल व्यय और राजस्व अनुपात:

बेकिंगो का व्यय-से-राजस्व अनुपात ₹1.02 रहा, जो कंपनी के परिचालन खर्च के स्तर को दर्शाता है।


वित्तीय प्रदर्शन और घाटा

वित्तीय वर्ष 2024 के दौरान, बेकिंगो की आय में तेज वृद्धि के बावजूद, इसके घाटे में भी वृद्धि हुई।

  • FY24 का घाटा: ₹5.3 करोड़
  • FY23 का घाटा: ₹0.6 करोड़

प्रमुख वित्तीय संकेतक:

  1. ROCE (Return on Capital Employed): -6.05%
  2. EBITDA मार्जिन: -0.98%

घाटे में यह वृद्धि मुख्य रूप से कर्मचारी लाभ, विज्ञापन, और उत्पाद प्रोक्योरमेंट की बढ़ती लागत के कारण हुई।


कुल संपत्ति और वित्तीय स्थिति

FY24 के दौरान बेकिंगो की कुल वर्तमान संपत्ति ₹96.5 करोड़ थी। हालांकि, कंपनी का घाटा बढ़ा, लेकिन इसके कुल वित्तीय आंकड़े इसके विस्तार और बढ़ते बाजार हिस्से को दर्शाते हैं।


बेकिंगो की प्रमुख चुनौतियां और अवसर

चुनौतियां:

  1. बढ़ती लागत:
    • कर्मचारी लाभ, विज्ञापन, और कमीशन शुल्क जैसे खर्च राजस्व वृद्धि से अधिक तेज़ी से बढ़े।
  2. घाटे में वृद्धि:
    • परिचालन लागत और राजस्व वृद्धि के बीच असंतुलन।
  3. मुनाफे की कमी:
    • EBITDA मार्जिन और ROCE जैसे वित्तीय संकेतक नकारात्मक रहे।

अवसर:

  1. उत्पाद विविधीकरण:
    • बेकिंगो के 100 से अधिक SKUs और सिग्नेचर डेसर्ट्स इसे प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में अलग बनाते हैं।
  2. बाजार विस्तार:
    • FY24 में राजस्व वृद्धि इस बात का संकेत है कि ब्रांड का ग्राहक आधार बढ़ रहा है।
  3. तकनीकी उन्नयन:
    • कंपनी डिजिटल प्लेटफॉर्म और डिलीवरी मॉडल के जरिए बाजार में अपनी पहुंच को और मजबूत कर सकती है।

आगे की राह

बेकिंगो के लिए FY24 मिश्रित परिणाम लेकर आया:

  • राजस्व में तेज़ वृद्धि के साथ-साथ घाटे में भी वृद्धि।
  • विज्ञापन और प्रोक्योरमेंट में निवेश, ब्रांड की दीर्घकालिक रणनीति को दर्शाता है।

भविष्य की रणनीति:

  1. लागत नियंत्रण:
    • उत्पाद प्रोक्योरमेंट और प्लेटफॉर्म कमीशन में कुशलता लाने पर ध्यान देना।
  2. डिजिटल मार्केटिंग:
    • अधिक किफायती और प्रभावी विज्ञापन चैनलों का उपयोग।
  3. नवाचार और विस्तार:
    • नई उत्पाद श्रेणियां और बाजारों में प्रवेश करके राजस्व वृद्धि को बनाए रखना।

निष्कर्ष

Bakingo ने FY24 में अपने राजस्व और बाजार हिस्सेदारी में उल्लेखनीय प्रगति की है। हालांकि, बढ़ते खर्च और घाटे ने इसकी वित्तीय स्थिति पर दबाव डाला। कंपनी के संस्थापकों और प्रबंधन को लागत नियंत्रण और संचालन दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा ताकि FY25 में लाभप्रदता को हासिल किया जा सके।

बेकिंगो का विकास यह साबित करता है कि भारत में ऑनलाइन बेकरी उद्योग में बड़े पैमाने पर अवसर हैं। सही रणनीति के साथ, यह ब्रांड न केवल अपने घाटे को नियंत्रित कर सकता है, बल्कि बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है।

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2024 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण रहा।

2024 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी वर्ष रहा। इस वर्ष न केवल कुल फंडिंग में सुधार देखने को मिला, बल्कि IPO में स्नातक होने वाले स्टार्टअप्स की संख्या भी एक नए स्तर पर पहुंच गई। क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिसमें Zepto ने $1.35 बिलियन की फंडिंग के साथ इस सेगमेंट का नेतृत्व किया।

स्टार्टअप फंडिंग का विश्लेषण

FundingRaised.in Report के अनुसार, भारतीय स्टार्टअप्स ने 2024 में कुल $14.44 बिलियन की फंडिंग जुटाई।

  • ग्रोथ और लेट-स्टेज फंडिंग: $11.2 बिलियन (326 डील्स से)
  • अर्ली-स्टेज फंडिंग: $3.23 बिलियन (810 डील्स से)
  • अनडिस्क्लोज्ड राउंड्स: 201

मासिक फंडिंग ट्रेंड

फंडिंग की प्रवृत्ति पूरे वर्ष अस्थिर रही:

  • जनवरी में $719.42 मिलियन से शुरुआत हुई।
  • जून में $1.92 बिलियन तक पहुंची।
  • जुलाई में गिरावट के बाद, अगस्त और सितंबर में $1.5 बिलियन से अधिक की वृद्धि हुई।
  • दिसंबर में $1.32 बिलियन के साथ वर्ष का अंत मजबूत रहा।

2024 में कुल फंडिंग $14.44 बिलियन रही, जो 2023 के $11.3 बिलियन से अधिक है। हालांकि, यह 2021 के $38 बिलियन और 2022 के $25 बिलियन से अभी भी कम है।

2024 के प्रमुख ग्रोथ-स्टेज सौदे

2024 में कई क्षेत्रों में बड़ी डील्स हुईं।

  1. Zepto – $1.35 बिलियन (क्विक कॉमर्स)
  2. Flipkart – $350 मिलियन (ई-कॉमर्स)
  3. Pharmeasy – $216 मिलियन (हेल्थटेक)
  4. Engrail – $157 मिलियन (हेल्थटेक)
  5. Lenskart – $200 मिलियन (ई-कॉमर्स)
  6. Atlan – $105 मिलियन (AI)
  7. Pocket FM – $103 मिलियन (मीडिया)

अर्ली-स्टेज डील्स

अर्ली-स्टेज फंडिंग में भी कई दिलचस्प डील्स हुईं।

  1. SCOPE – $90 मिलियन (नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म)
  2. Avail – $70 मिलियन (ब्लॉकचेन)
  3. Krutrim – $50 मिलियन (AI सॉल्यूशंस)
  4. Indkal – $36 मिलियन (इलेक्ट्रॉनिक्स)
  5. IBC – $35 मिलियन (लिथियम-आयन बैटरियां)
  6. StockGro – $24.7 मिलियन (सोशल इन्वेस्टिंग)

मर्जर और अधिग्रहण

2024 में कुल 144 अधिग्रहण हुए।

  • OYO ने G6 Hospitality को $525 मिलियन में खरीदा।
  • Zomato ने Paytm की मूवी और टिकटिंग सेवा को $244 मिलियन में अधिग्रहित किया।
  • Freshworks ने Device42 को $230 मिलियन में खरीदा।

ESOP बायबैक और लिक्विडिटी

2024 में कुल $190 मिलियन के ESOP बायबैक और लिक्विडिटी दर्ज की गई।

  1. Swiggy – $65 मिलियन
  2. Whatfix – $58 मिलियन
  3. Urban Company – $24.4 मिलियन

2024 का ESOP आंकड़ा 2023 के $802 मिलियन की तुलना में काफी कम रहा। हालांकि, IPO ने कर्मचारियों के लिए बड़े लिक्विडिटी इवेंट्स प्रदान किए।


शहर और सेगमेंट-वाइज फंडिंग

शहर-वाइज डील्स

  1. बेंगलुरु: 485 डील्स ($5.06 बिलियन)
  2. दिल्ली-एनसीआर: 332 डील्स ($3.12 बिलियन)
  3. मुंबई: 231 डील्स ($3.76 बिलियन)

सेगमेंट-वाइज डील्स

  1. ई-कॉमर्स: 222 डील्स ($3.51 बिलियन)
  2. फिनटेक: 211 डील्स ($3.23 बिलियन)
  3. हेल्थटेक: 120 डील्स ($1.14 बिलियन)

लेऑफ्स और शटडाउन्स

2024 में 4,700 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया।

  • BYJU’s: 500 कर्मचारी
  • Swiggy: 350 कर्मचारी
  • Unacademy: 250 कर्मचारी

शटडाउन्स

2024 में 17 कंपनियों ने संचालन बंद कर दिया, जिनमें प्रमुख थे:

  • Resso (India): जनवरी में
  • Koo: जुलाई में
  • Kenko: अगस्त में

2024 की मुख्य प्रवृत्तियां

  1. IPO में वृद्धि: 13 स्टार्टअप्स ने IPO लॉन्च किए, जो 2023 के 6 IPO से दोगुने हैं।
  2. AI और हेल्थटेक का विकास:
    • AI ने 59 डील्स में $429.66 मिलियन जुटाए।
    • हेल्थटेक ने $1.14 बिलियन जुटाए।
  3. लेऑफ्स में कमी: 2023 के 24,000 की तुलना में 2024 में केवल 4,700।

Report:

2024 ने भारतीय स्टार्टअप्स को न केवल वित्तीय बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी सशक्त किया।
2025 के लिए संकेत सकारात्मक हैं, जहां IPO लाइनअप मजबूत दिखता है। उम्मीद है कि क्लाइमेट टेक, एग्रीटेक, और लॉजिस्टिक्स में नई संभावनाएं उभरेंगी।

भारतीय स्टार्टअप्स का यह सफर न केवल आर्थिक प्रगति का प्रतीक है, बल्कि नवाचार और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते भारत की कहानी भी कहता है।

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Sports startup KIBI Sports ने प्री-सीड फंडिंग राउंड में जुटाए ₹83 लाख

KIBI Sports

बेंगलुरु स्थित KIBI Sports ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में ₹83 लाख ($100,000) जुटाए हैं। इस फंडिंग में कई एंजल निवेशकों ने भाग लिया, जिनमें सौरभ अग्रवाल, अर्पित भारद्वाज, वर्तिका जोशी, सूर्यांश जैन, प्रांजल बंसल, अमित कुमार साहू, प्रतिभा रानी, और सुशीला शामिल हैं।

इससे पहले, KIBI Sports ने लक्ष्मण पद्मनाभन और अन्य निवेशकों से ₹1.07 करोड़ ($129,000) जुटाए थे।

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह नई फंडिंग ऑपरेशंस का विस्तार, तकनीक को उन्नत करने, और प्लेटफॉर्म को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए उपयोग की जाएगी।


KIBI Sports एक परिचय

स्थापना और उद्देश्य

KIBI Sports की स्थापना 2020 में सागर राय द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य खेल जगत के खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता और पेशेवर अवसरों की कमी से राहत देना है।

दृष्टिकोण और मिशन

KIBI Sports का मुख्य उद्देश्य एक सतत खेल पारिस्थितिकी तंत्र (sustainable sports ecosystem) तैयार करना है, जहां एथलीट, ब्रांड्स, और संस्थान एक साथ फल-फूल सकें।

  1. खिलाड़ियों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना।
  2. खेल जगत के कामकाज में सुधार लाना।
  3. स्केलेबल और प्रभावी समाधानों के माध्यम से खेल उद्योग में बदलाव लाना।

KIBI Sports का प्रभाव

एथलीट्स के लिए अवसर

KIBI Sports ने खिलाड़ियों के लिए एक ऐसा मंच तैयार किया है, जहां वे वित्तीय बाधाओं को पार कर अपने करियर को आगे बढ़ा सकें।

  • प्लेटफॉर्म की विशेषताएं:
    • खिलाड़ियों को प्रायोजकों से जोड़ना।
    • वित्तीय सहायता प्रदान करना।
    • पेशेवर प्रशिक्षण और नेटवर्किंग के अवसर।

खेल उद्योग का डिजिटलीकरण

KIBI Sports खेल उद्योग में तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देता है।

  • डेटा-ड्रिवन समाधान प्रदान करना।
  • खिलाड़ियों और ब्रांड्स के बीच साझेदारी को सरल बनाना।

फंडिंग का उपयोग और विस्तार योजना

KIBI Sports ने अपनी नई फंडिंग के लिए स्पष्ट रणनीति तैयार की है।

1. संचालन का विस्तार:

कंपनी अब देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवाओं का विस्तार करना चाहती है।

2. तकनीकी उन्नयन:

  • प्लेटफॉर्म को अधिक इंटरैक्टिव और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना।
  • डेटा एनालिटिक्स और AI आधारित समाधान शामिल करना।

3. व्यापक पहुंच:

  • खेल संगठनों, एथलीट्स, और ब्रांड्स के साथ जुड़ने के लिए एक व्यापक नेटवर्क तैयार करना।

खेल उद्योग में KIBI Sports की भूमिका

भारत में खेल उद्योग एक उभरता हुआ क्षेत्र है।

बाजार की चुनौतियां:

  • खिलाड़ियों के लिए सीमित वित्तीय सहायता।
  • पेशेवर अवसरों की कमी।
  • उद्योग में पारदर्शिता और संरचना की कमी।

KIBI Sports का समाधान:

  • एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करना जो खिलाड़ियों को ब्रांड्स और संस्थानों से जोड़ता है।
  • खिलाड़ियों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय और पेशेवर स्थिरता सुनिश्चित करना।
  • खेल संगठनों और ब्रांड्स के साथ सहयोग को सरल बनाना।

खेल उद्योग का बाजार परिदृश्य

विकास के आंकड़े:

  • भारत का खेल उद्योग तेजी से बढ़ रहा है।
  • अनुमान है कि 2027 तक यह उद्योग ₹15,000 करोड़ से अधिक का हो सकता है।

खेल स्टार्टअप्स की भूमिका:

  • तकनीकी नवाचारों और वित्तीय समाधानों के माध्यम से खेल उद्योग को नया रूप देना।
  • खेल संगठनों, एथलीट्स, और ब्रांड्स के लिए एक समग्र समाधान प्रदान करना।

KIBI Sports के लिए भविष्य की संभावनाएं

वैश्विक स्तर पर विस्तार:

KIBI Sports का उद्देश्य न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सेवाओं का विस्तार करना है।

तकनीकी नवाचार:

  • KIBI Sports नए AI और ML-आधारित समाधानों का विकास करेगा।
  • प्लेटफॉर्म को और अधिक उन्नत बनाने के लिए R&D में निवेश करेगा।

खेल पारिस्थितिकी तंत्र का सुदृढ़ीकरण:

  • खेल उद्योग में पारदर्शिता और संरचना बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

निष्कर्ष

KIBI Sports ने केवल तीन वर्षों में खेल उद्योग में एक महत्वपूर्ण पहचान बनाई है।

  • सागर राय के नेतृत्व में, यह स्टार्टअप खिलाड़ियों और ब्रांड्स के लिए एक विश्वसनीय मंच के रूप में उभरा है।
  • फंडिंग और तकनीकी नवाचार के साथ, KIBI Sports भारतीय खेल उद्योग को एक नई दिशा में ले जा रहा है।

KIBI Sports न केवल खिलाड़ियों के लिए वित्तीय और पेशेवर अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि खेल जगत के संचालन में सुधार लाकर इसे अधिक संगठित और पारदर्शी बना रहा है।

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Energy-tech स्टार्टअप EMO Energy ने सीरीज A फंडिंग में 51 करोड़ रुपये जुटाए

EMO Energy

बेंगलुरु स्थित EMO Energy ने अपने सीरीज A फंडिंग राउंड में 51 करोड़ रुपये (6.2 मिलियन डॉलर) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Subhkam Ventures ने किया, जिसमें मौजूदा निवेशक Transition VC ने भी भाग लिया।

इससे पहले, EMO Energy ने Sat Industries और अन्य निवेशकों से 1.43 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी।

कंपनी इस फंडिंग का उपयोग अपने 2-व्हीलर और 3-व्हीलर एनर्जी सॉल्यूशन्स को अगले दो वर्षों में 1 लाख वाहनों तक पहुंचाने, अनुसंधान एवं विकास (R&D) क्षमताओं को मजबूत करने, और बढ़ते परिचालन की मांग को पूरा करने के लिए टीम का विस्तार करने में करेगी।


EMO Energy: यात्रा और उद्देश्य

स्थापना और संस्थापक

EMO Energy की स्थापना 2022 में शीतांशु त्यागी और राहुल पटेल ने की थी। यह एक गहन ऊर्जा-तकनीकी (deep energy-tech) स्टार्टअप है, जिसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को व्यापक रूप से अपनाने में मदद करना और शहरी ऊर्जा के डिकार्बनाइजेशन को बढ़ावा देना है।

मिशन और तकनीकी क्षमताएं

कंपनी का मिशन है:

  1. शहरी ऊर्जा परिदृश्य को सशक्त बनाना।
  2. इलेक्ट्रिक वाहनों को सुरक्षित और किफायती बनाना।
  3. ऊर्जा भंडारण और मोबिलिटी में अभिनव समाधानों के जरिए हरित ऊर्जा (green energy) को प्रोत्साहित करना।

ZEN: EMO Energy की स्वामित्व तकनीक

EMO Energy की प्रोप्राइटरी टेक्नोलॉजी ZEN इसे उद्योग में अग्रणी बनाती है।

मुख्य विशेषताएं:

  1. अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग:
    • केवल 20 मिनट में बैटरी चार्ज करने की क्षमता।
  2. फायरप्रूफ डिजाइन:
    • सुरक्षा के मामले में उच्च मानकों को सुनिश्चित करता है।
  3. 3000 चार्जिंग साइकिल:
    • लंबे समय तक उपयोग के लिए बैटरी की बेहतर जीवन।
  4. AI बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम:
    • बैटरी के प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग।
  5. थर्मल मैनेजमेंट:
    • तापमान नियंत्रण के लिए सक्रिय प्रबंधन।
  6. मशीन लर्निंग एल्गोरिदम:
    • बैटरी की जीवन अवधि को बढ़ाने के लिए।

लाभ:

ZEN तकनीक के माध्यम से कंपनी मोबिलिटी और ऊर्जा भंडारण में अभिनव समाधान प्रदान कर रही है। यह तकनीक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, लाइट कमर्शियल व्हीकल्स, और उद्योगों में ऊर्जा भंडारण जैसे कई क्षेत्रों में उपयोग की जा सकती है।


उद्योग और बाजार परिदृश्य

बाजार का आकार और संभावनाएं

  • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी:
    भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
  • ग्रीन एनर्जी स्टोरेज:
    उद्योगों और शहरी क्षेत्रों में हरित ऊर्जा समाधानों की बढ़ती मांग से EMO Energy को लाभ होगा।

ग्लोबल मार्केट:

कंपनी की तकनीक का उद्देश्य एक बहु-अरब डॉलर के बाजार को संबोधित करना है, जिसमें मोबिलिटी और औद्योगिक हरित ऊर्जा भंडारण समाधान शामिल हैं।


फंडिंग का उपयोग और विस्तार योजना

EMO Energy ने अपनी फंडिंग के उपयोग के लिए स्पष्ट रणनीति बनाई है:

  1. बाजार में विस्तार:
    • अगले दो वर्षों में 1 लाख वाहनों के लिए अपनी ऊर्जा समाधान प्रणाली का विस्तार।
  2. R&D में सुधार:
    • अनुसंधान और विकास क्षमताओं को मजबूत करना, ताकि उन्नत तकनीक विकसित की जा सके।
  3. टीम विस्तार:
    • नई प्रतिभाओं की भर्ती और संचालन का प्रबंधन।
  4. तकनीकी उन्नयन:
    • बैटरी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना।

शहरी ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रभाव

EMO Energy की तकनीक और उत्पाद शहरी ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

पर्यावरणीय प्रभाव:

  • कार्बन उत्सर्जन में कमी:
    इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम होगी।
  • सुरक्षित और टिकाऊ ऊर्जा समाधान:
    फायरप्रूफ और लंबी जीवन वाली बैटरियां हरित ऊर्जा को बढ़ावा देंगी।

आर्थिक प्रभाव:

  • कम परिचालन लागत:
    बैटरियों की लंबी उम्र और तेजी से चार्जिंग किसानों, छोटे व्यवसायों, और अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए किफायती समाधान पेश करती है।
  • नौकरी के अवसर:
    टीम विस्तार और उत्पादन में वृद्धि से नए रोजगार के अवसर बनेंगे।

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में योगदान

EMO Energy भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक प्रमुख स्थान रखती है।

इनोवेशन के लिए प्रतिबद्धता:

  • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ऊर्जा प्रबंधन में उन्नत तकनीक का विकास।
  • हरित ऊर्जा को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास।

स्टार्टअप समुदाय के लिए प्रेरणा:

  • एक मजबूत तकनीकी दृष्टिकोण और दीर्घकालिक दृष्टि के साथ, EMO Energy अन्य स्टार्टअप्स के लिए एक उदाहरण है।

निष्कर्ष

EMO Energy ने केवल कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ऊर्जा तकनीक के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।

  • शीतांशु त्यागी और राहुल पटेल के नेतृत्व में, यह स्टार्टअप भारतीय और वैश्विक बाजारों में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है।
  • ZEN तकनीक और मजबूत फंडिंग के साथ, EMO Energy का उद्देश्य शहरी ऊर्जा परिदृश्य को बदलना और इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक रूप से अपनाने में मदद करना है।

भविष्य में EMO Energy भारतीय ऊर्जा और मोबिलिटी क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका निभा सकता है, जो इसे एक सस्टेनेबल और लाभप्रद यात्रा की ओर ले जाएगा।

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इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर तकनीक कंपनी Moonrider ने 19 करोड़ रुपये का सीड फंडिंग राउंड पूरा किया

Moonrider

इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता रखने वाली बेंगलुरु आधारित कंपनी Moonrider ने 19 करोड़ रुपये (2.2 मिलियन डॉलर) की सीड फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व AdvantEdge Founders और Micelio Technology Fund ने किया, जिसमें कई एंजल निवेशकों ने भी भाग लिया।

कंपनी इस राशि का उपयोग वाहन इंजीनियरिंग, वाहन सॉफ्टवेयर, और बैटरी टेक्नोलॉजी में नवाचार को बढ़ावा देने और मजबूत क्षमताएं विकसित करने के लिए करेगी।


Moonrider: शुरुआत और मिशन

स्थापना और संस्थापक

Moonrider की स्थापना अगस्त 2023 में अनूप श्रीकांतस्वामी और रवि कुलकर्णी ने की थी।

  • अनूप श्रीकांतस्वामी और रवि कुलकर्णी ने पहले Volvo Group, Ola Electric, और Olectra BYD जैसी कंपनियों में वाहन इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक वाहन अनुसंधान एवं विकास (R&D) में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • इनकी गहरी विशेषज्ञता और अनुभव ने Moonrider को एक मजबूत नींव प्रदान की है।

कंपनी का उद्देश्य

Moonrider का मिशन है:

  1. किसानों और फ्लीट ऑपरेटरों के लिए परिचालन लागत को कम करना।
  2. टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना।
  3. कृषि उत्पादकता और लाभप्रदता में सुधार करना।

इनोवेशन और तकनीकी क्षमताएं

Moonrider अपने इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के माध्यम से भारी-भरकम कृषि कार्यों के लिए उन्नत तकनीकी समाधान पेश करता है।

मुख्य विशेषताएं:

  1. कीमत समानता:
    • कंपनी के ट्रैक्टरों की कीमत डीजल ट्रैक्टरों के बराबर है, जिससे किसानों को किफायती विकल्प मिलते हैं।
  2. विश्वसनीयता और कम लागत:
    • ट्रैक्टरों की डिजाइन और निर्माण किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है, जिससे आरंभिक स्वामित्व लागत में कमी आती है।
  3. बैटरी तकनीक:
    • उन्नत बैटरी टेक्नोलॉजी का उपयोग करके लंबे समय तक चलने वाले और किफायती समाधान प्रदान किए गए हैं।
  4. सप्लाई चेन एक्सपर्टाइज:
    • मजबूत सप्लाई चेन ने कंपनी को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करने में सक्षम बनाया है।

सतत विकास और पर्यावरण पर प्रभाव

Moonrider टिकाऊ खेती और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

लाभ:

  • इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों का उपयोग कार्बन उत्सर्जन को कम करता है।
  • पारंपरिक डीजल ट्रैक्टरों की तुलना में ये पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल हैं।
  • ट्रैक्टरों की डिज़ाइन किसानों के लिए दीर्घकालिक आर्थिक लाभ सुनिश्चित करती है।

खेती में सुधार:

  • Moonrider के ट्रैक्टर न केवल खेती के कार्यों को आसान बनाते हैं, बल्कि किसानों को अधिक उत्पादकता और कम परिचालन खर्च के साथ लाभप्रदता बढ़ाने में मदद करते हैं।

कृषि में तकनीक का भविष्य

Moonrider जैसे स्टार्टअप भारत में कृषि क्षेत्र में तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं।

बाजार की संभावनाएं:

  • भारत जैसे कृषि-प्रधान देश में, इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और टिकाऊ तकनीकी समाधानों की भारी मांग है।
  • डीजल ट्रैक्टरों के मुकाबले इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की लागत और प्रदर्शन किसानों के लिए आकर्षक विकल्प प्रदान करते हैं।

वैश्विक दृष्टिकोण:

  • वैश्विक स्तर पर, कृषि में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ रहा है।
  • Moonrider का उद्देश्य न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना है।

फंडिंग का उपयोग

Moonrider ने अपनी फंडिंग योजना को स्पष्ट किया है:

  1. वाहन इंजीनियरिंग:
    • बेहतर और टिकाऊ ट्रैक्टर डिजाइनों के विकास के लिए।
  2. सॉफ्टवेयर विकास:
    • ट्रैक्टरों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए स्मार्ट सॉफ्टवेयर समाधान।
  3. बैटरी टेक्नोलॉजी:
    • उन्नत बैटरी सिस्टम के विकास और उत्पादन।
  4. टीम विस्तार:
    • नई प्रतिभाओं की भर्ती और प्रमुख प्रबंधन कार्यों को मजबूत करना।
  5. इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड:
    • उत्पादन और वितरण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए।

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में Moonrider की भूमिका

Moonrider का उदय भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में हो रहे बदलावों का उदाहरण है।

कृषि स्टार्टअप में वृद्धि:

  • हाल के वर्षों में, कृषि क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी समाधानों पर ध्यान बढ़ा है।
  • Moonrider इस परिवर्तन का नेतृत्व करते हुए किसानों के लिए किफायती और टिकाऊ समाधान पेश कर रहा है।

बेंगलुरु: इनोवेशन का केंद्र:

  • बेंगलुरु भारत का टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब है।
  • Moonrider का यहां आधारित होना इसे अन्य प्रमुख तकनीकी स्टार्टअप्स के साथ जोड़ता है।

निष्कर्ष

Moonrider ने केवल कुछ महीनों में भारतीय कृषि क्षेत्र में अपनी जगह बनाई है।

  • अनूप श्रीकांतस्वामी और रवि कुलकर्णी के अनुभव और दृष्टिकोण ने इसे एक मजबूत शुरुआत दी है।
  • कंपनी की फंडिंग और तकनीकी क्षमताएं इसे भारत और वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकती हैं।

Moonrider का लक्ष्य सस्टेनेबल फार्मिंग और किसानों के लिए आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है। इसकी अभिनव तकनीक और किसानों के लिए प्रतिबद्धता इसे भविष्य में सफलता की ओर ले जाएगी।

यह देखना दिलचस्प होगा कि Moonrider अपने मिशन और उद्देश्यों को कैसे साकार करता है और भारतीय कृषि क्षेत्र में तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करता है।

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Udaan के co-founder अमोद मालवीय और ऋषि केडिया ने लॉन्च किया नया स्टार्टअप ‘Pre6’

Udaan

Udaan (Udaan) के को-फाउंडर अमोद मालवीय और कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) ऋषि केडिया ने मिलकर एक नया स्टार्टअप ‘Pre6’ लॉन्च किया है। यह घोषणा दोनों ने LinkedIn पर की।

हालांकि, इस नए स्टार्टअप के बारे में अभी अधिक जानकारी साझा नहीं की गई है। यह स्टार्टअप बेंगलुरु में आधारित होगा।


Udaan ‘Pre6’ की घोषणा

अमोड मालवीय और ऋषि केडिया ने Pre6 के बारे में LinkedIn पोस्ट के जरिए जानकारी दी, लेकिन उन्होंने स्टार्टअप के उद्देश्यों, सेवाओं, या उत्पादों के बारे में कोई विस्तृत विवरण नहीं दिया।


स्टार्टअप लॉन्च करने वाले अन्य प्रमुख संस्थापक

मालवीय और केडिया ने ‘Pre6’ के जरिए उन संस्थापकों और शीर्ष अधिकारियों की सूची में अपना नाम शामिल कर लिया है, जिन्होंने हाल ही में नए स्टार्टअप शुरू किए हैं।

1. BorderPlus:

  • मयंक कुमार (upGrad के को-फाउंडर) और आयुष माथुर (पूर्व प्रेसीडेंट, OYO यूरोप) ने सोमवार को BorderPlus लॉन्च किया।
  • यह स्टार्टअप ब्लू-कॉलर वर्कर्स को ग्लोबल जॉब अवसर प्रदान करने पर केंद्रित है।

2. Sports For Life:

  • DealShare के को-फाउंडर सौरज्येन्दु मेड्डा ने पिछले साल स्पोर्ट्सटेक क्षेत्र में कदम रखा और अपना नया स्टार्टअप Sports For Life लॉन्च किया।

3. OppDoor:

  • Flipkart के को-फाउंडर बिन्नी बंसल ने OppDoor नामक स्टार्टअप शुरू किया।

4. Unikon:

  • Bella Vita के फाउंडर आकाश आनंद ने Unikon लॉन्च किया।

5. Gabit:

  • Zomato के को-फाउंडर गौरव गुप्ता ने Gabit नामक नया प्लेटफॉर्म शुरू किया।

6. Callmatic:

  • Mitron TV के को-फाउंडर शिवांक अग्रवाल ने Callmatic नामक स्टार्टअप लॉन्च किया।

7. Lyskraft और Nurix AI:

  • Cult.fit के को-फाउंडर मुकेश बंसल ने Lyskraft और Nurix AI नामक दो नए स्टार्टअप लॉन्च किए हैं।

अमोड मालवीय और ऋषि केडिया: अनुभव और योगदान

अमोड मालवीय:

  • Udaan के को-फाउंडर होने के नाते, अमोड ने भारत के सबसे बड़े B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के निर्माण में अहम भूमिका निभाई।
  • उनकी गहरी तकनीकी विशेषज्ञता और नेतृत्व कौशल ने उड़ान को मजबूत नींव दी।

ऋषि केडिया:

  • उड़ान के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) के रूप में, ऋषि ने कंपनी के वित्तीय पहलुओं को कुशलता से प्रबंधित किया।
  • उन्होंने कंपनियों के वित्तीय स्थायित्व और विस्तार में अहम भूमिका निभाई है।

स्टार्टअप इकोसिस्टम में नई पहलें

बेंगलुरु: भारत का स्टार्टअप हब

  • ‘Pre6’ का बेंगलुरु में आधारित होना दर्शाता है कि यह शहर अभी भी स्टार्टअप इकोसिस्टम का केंद्र है।
  • बेंगलुरु भारत का सिलिकॉन वैली माना जाता है, जहां तकनीकी और नवाचार की भरमार है।

नए क्षेत्रों में विस्तार

  • हाल के वर्षों में, कई प्रमुख संस्थापक AI, स्पोर्ट्सटेक, ग्लोबल वर्कफोर्स, और स्मार्ट टेक्नोलॉजी जैसे नए क्षेत्रों में कदम रख रहे हैं।
  • यह दर्शाता है कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम केवल ई-कॉमर्स या फिनटेक तक सीमित नहीं है।

Pre6: संभावित दृष्टिकोण और अपेक्षाएं

हालांकि ‘Pre6’ के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन अमोड मालवीय और ऋषि केडिया की पृष्ठभूमि को देखते हुए, इस स्टार्टअप से बड़ी उम्मीदें हैं।

संभावित फोकस:

  1. B2B ई-कॉमर्स:
    • उड़ान की सफलता को देखते हुए, यह नया स्टार्टअप B2B क्षेत्र में कुछ नया कर सकता है।
  2. टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सॉल्यूशन्स:
    • अमोड मालवीय की तकनीकी विशेषज्ञता के कारण, स्टार्टअप AI, मशीन लर्निंग, या IoT पर आधारित हो सकता है।
  3. वैश्विक विस्तार:
    • बेंगलुरु में आधारित होने के बावजूद, यह स्टार्टअप अंतरराष्ट्रीय बाजारों को लक्षित कर सकता है।

निष्कर्ष

‘Pre6’ का लॉन्च भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक और महत्वपूर्ण कदम है। अमोड मालवीय और ऋषि केडिया जैसे अनुभवी पेशेवरों के नेतृत्व में, यह स्टार्टअप भविष्य में नवाचार और विकास का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है।

जबकि इस स्टार्टअप के उद्देश्यों और सेवाओं के बारे में अधिक जानकारी का इंतजार है, यह स्पष्ट है कि ‘Pre6’ के पास स्टार्टअप जगत में अपनी छाप छोड़ने की पूरी क्षमता है।

उम्मीद है कि ‘Pre6’ जल्द ही अपनी योजना और उत्पादों के बारे में अधिक जानकारी साझा करेगा, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह नया उद्यम किस दिशा में जा रहा है।

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Spintly ने जुटाए 3.5 करोड़ रुपये, स्मार्ट बिल्डिंग सॉल्यूशन्स को और मजबूत बनाने की योजना

Spintly

प्रॉपटेक स्टार्टअप Spintly (Spintly) ने अपने सीड फंडिंग राउंड के विस्तार में 3.5 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Spyre VC ने किया, जिसमें Accel India, Chakra Growth Fund, Alumni Ventures, और Doctor Technology ने भाग लिया।

इससे पहले, कंपनी ने 5.36 मिलियन डॉलर की फंडिंग LetsVenture, Riso Capital, Sucseed Indovation, और Accel Nest से जुटाई थी।


Spintly फंड का उपयोग

Spintly इस फंड का उपयोग अपने बाजार विस्तार को तेज करने, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने, सीनियर मैनेजमेंट को सशक्त बनाने, और अपने स्मार्ट बिल्डिंग सॉल्यूशन्स को AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करके और मजबूत बनाने में करेगी।


स्पिंटली: एक परिचय

2017 में रोहित पारकर और मैल्कम डिसूजा द्वारा स्थापित स्पिंटली स्मार्ट बिल्डिंग टेक्नोलॉजी में क्रांति ला रही है।

कंपनी का विज़न:

स्पिंटली का उद्देश्य इमारतों के संचालन को सशक्त बनाना है, जहां वायरलेस, क्लाउड-बेस्ड एक्सेस कंट्रोल सॉल्यूशन्स और स्मार्ट बिल्डिंग सिस्टम के जरिए उपयोगकर्ताओं को सरल, स्केलेबल और आधुनिक अनुभव प्रदान किया जा सके।

प्रमुख तकनीकी समाधान:

  1. IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स):
    • पारंपरिक एक्सेस कंट्रोल सिस्टम की जगह वायरलेस तकनीक का उपयोग।
  2. Edge AI और स्मार्टफोन-आधारित टेक्नोलॉजी:
    • भवन संचालन को अधिक कुशल और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना।
  3. क्लाउड इंटीग्रेशन:
    • इंटरप्राइज और प्रॉपर्टी मैनेजमेंट कंपनियों के सॉफ़्टवेयर सिस्टम में आसानी से इंटीग्रेशन।

एपीआई और एसडीके सपोर्ट:

स्पिंटली का प्लेटफॉर्म एपीआई और एसडीके प्रदान करता है, जिससे थर्ड-पार्टी सिस्टम्स में इसे आसानी से इंटीग्रेट किया जा सकता है।


स्पिंटली के उत्पादों की विशेषताएं

1. वायरलेस एक्सेस कंट्रोल:

  • पारंपरिक कार्ड और फोब की आवश्यकता को खत्म करता है।
  • स्मार्टफोन और IoT उपकरणों के माध्यम से एक्सेस प्रबंधन।

2. इंटीग्रेटेड स्मार्ट बिल्डिंग सिस्टम:

  • सुरक्षा और संचालन को स्वचालित करना।
  • भवनों को “इंटेलिजेंट और कनेक्टेड स्पेस” में बदलना।

3. डेटा एनालिटिक्स:

  • उपयोग के पैटर्न का विश्लेषण और सुरक्षा निर्णयों को बेहतर बनाना।

ग्लोबल स्मार्ट बिल्डिंग और एक्सेस कंट्रोल मार्केट का विकास

एक्सेस कंट्रोल मार्केट:

  • वर्तमान में बाजार का मूल्य 10.4 बिलियन डॉलर है।
  • यह 2029 तक 15.2 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
  • वृद्धि दर: 7.8% CAGR

स्मार्ट बिल्डिंग मार्केट:

  • 2022 में बाजार का आकार 78.28 बिलियन डॉलर था।
  • 2032 तक यह बढ़कर 247.17 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
  • वृद्धि दर: 12.3% CAGR

इन आंकड़ों से पता चलता है कि स्मार्ट बिल्डिंग और एक्सेस कंट्रोल सॉल्यूशन्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।


स्पिंटली का बाजार में योगदान

स्पिंटली के उत्पाद न केवल उपयोगकर्ताओं को अत्याधुनिक तकनीक का अनुभव प्रदान कर रहे हैं, बल्कि इमारतों के संचालन और सुरक्षा में भी सुधार कर रहे हैं।

प्रमुख योगदान:

  1. परंपरागत प्रणाली का उन्मूलन:
    • कार्ड, फोब और अन्य पारंपरिक उपकरणों की आवश्यकता को खत्म करना।
  2. स्मार्ट इंटीग्रेशन:
    • क्लाउड और IoT का उपयोग करके संचालन को सरल बनाना।
  3. बढ़ी हुई सुरक्षा:
    • आधुनिक एआई उपकरणों के साथ सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करना।

स्पिंटली की भविष्य की योजनाएं

स्पिंटली ने अपने उत्पादों और सेवाओं को और उन्नत करने के लिए ठोस योजना बनाई है।

1. अंतरराष्ट्रीय विस्तार:

  • विभिन्न देशों में बाजार पहुंच बढ़ाने की योजना।

2. प्रबंधन सशक्तिकरण:

  • सीनियर मैनेजमेंट की क्षमताओं को बढ़ावा देना।

3. आरएंडडी और टेक्नोलॉजी अपग्रेड:

  • अनुसंधान और विकास पर जोर।
  • AI और मशीन लर्निंग के जरिए सॉल्यूशन्स को और बेहतर बनाना।

4. ग्राहक अनुभव में सुधार:

  • उपयोगकर्ताओं को अधिक सहज और कुशल तकनीक प्रदान करना।

स्मार्ट बिल्डिंग का भविष्य और स्पिंटली की भूमिका

स्मार्ट टेक्नोलॉजी का बढ़ता प्रभाव:

  • स्मार्ट बिल्डिंग सॉल्यूशन्स आधुनिक जीवनशैली का हिस्सा बनते जा रहे हैं।
  • ऊर्जा दक्षता, सुरक्षा, और संचालन में सुधार स्मार्ट टेक्नोलॉजी के प्रमुख लाभ हैं।

स्पिंटली की विशिष्टता:

  • वायरलेस और IoT-आधारित तकनीक का कुशल उपयोग।
  • आधुनिक एपीआई और एसडीके सपोर्ट के जरिए आसानी से अनुकूलन।

निष्कर्ष

स्पिंटली ने स्मार्ट बिल्डिंग और एक्सेस कंट्रोल सिस्टम के क्षेत्र में एक नया मानदंड स्थापित किया है। इसकी नवीनतम फंडिंग से कंपनी को अपने उत्पादों का विस्तार करने और वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी।

स्मार्ट टेक्नोलॉजी और AI-आधारित समाधानों का उपयोग भवनों को अधिक सुरक्षित, कुशल और उपयोगकर्ता-अनुकूल बना रहा है। स्पिंटली की यह पहल भारत और दुनिया भर में स्मार्ट बिल्डिंग इंडस्ट्री में क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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Consint.AI ने सीड राउंड में जुटाए 5 करोड़ रुपये

Consint.AI

जनरेटिव AI-आधारित हेल्थकेयर इंश्योरेंस फ्रॉड और रिस्क मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म Consint.ai ने अपने सीड फंडिंग राउंड में 5 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व Equanimity Ventures और Seafund ने किया।


Consint.ai फंड का उपयोग

Consint.ai इस राशि का उपयोग अपने परिचालन का विस्तार करने, सेल्स आउटरीच बढ़ाने और हेल्थ AI प्लेटफॉर्म के लिए जनरेटिव AI फीचर सूट के विकास को तेज करने के लिए करेगा। इसके अलावा, कंपनी टीम विस्तार, इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड, और अनुसंधान एवं विकास (R&D) में निवेश कर बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत बनाएगी।


Consint.AI: एक परिचय

2020 में आशीष चतुर्वेदी द्वारा स्थापित और बाद में स्वदीप सिंह द्वारा सह-संस्थापक के रूप में जॉइन की गई Consint.AI हेल्थकेयर इंश्योरेंस के क्षेत्र में नई संभावनाओं को तलाश रही है।

मुख्य उद्देश्य:

  1. हेल्थकेयर क्लेम्स ट्रांजैक्शन को बेहतर बनाना।
  2. फ्रॉड का पता लगाना और उसे कम करना।
  3. हेल्थकेयर प्रक्रियाओं को अधिक सटीक और लागत प्रभावी बनाना।

Consint.AI के उत्पाद

1. Risk.ai

यह प्लेटफॉर्म हेल्थ इंश्योरेंस ट्रांजैक्शन को ऑप्टिमाइज़ करता है और फ्रॉड की संभावना को कम करता है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य बीमा प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाना है।

2. CIPHR.ai

यह प्लेटफॉर्म रोगी प्रबंधन को बेहतर बनाता है और क्लेम्स जनरेशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है। इसके जरिए महत्वपूर्ण हेल्थकेयर निर्णयों को तेजी और सटीकता से लिया जा सकता है।


फंडिंग क्यों महत्वपूर्ण है?

Consint.AI की यह फंडिंग न केवल इसके उत्पादों के विकास और विस्तार में मदद करेगी, बल्कि हेल्थकेयर इंश्योरेंस इंडस्ट्री में जनरेटिव AI के उपयोग को बढ़ावा देने में भी सहायक होगी।

मुख्य फोकस क्षेत्र:

  1. सेल्स और मार्केटिंग का विस्तार:
    • नए ग्राहकों को जोड़ने और प्लेटफॉर्म को व्यापक पहुंच देने के लिए।
  2. जनरेटिव AI फीचर सूट का विकास:
    • हेल्थ AI प्लेटफॉर्म में उन्नत AI तकनीकों को शामिल करना।
  3. टीम विस्तार:
    • नई प्रतिभाओं को जोड़ना और तकनीकी कौशल को मजबूत बनाना।
  4. अनुसंधान और विकास (R&D):
    • हेल्थकेयर उद्योग में नवीन समाधानों को विकसित करने के लिए।

जनरेटिव AI का हेल्थकेयर में महत्व

1. हेल्थकेयर क्लेम्स में सुधार:

जनरेटिव AI, बीमा प्रक्रियाओं को तेज और सटीक बनाता है। यह सुनिश्चित करता है कि क्लेम्स का निपटारा जल्दी और बिना किसी गड़बड़ी के हो।

2. फ्रॉड प्रिवेंशन:

AI के माध्यम से फ्रॉड गतिविधियों का पता लगाना आसान होता है। Risk.ai जैसे प्लेटफॉर्म ट्रांजैक्शन पैटर्न को ट्रैक कर संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करते हैं।

3. रोगी प्रबंधन में सुधार:

CIPHR.ai जैसे उपकरण रोगियों की जानकारी को व्यवस्थित करते हैं और डॉक्टरों व अस्पतालों को तेजी से निर्णय लेने में मदद करते हैं।

4. लागत प्रभावशीलता:

AI के उपयोग से हेल्थकेयर सेवाओं की लागत कम होती है, जिससे यह अधिक लोगों के लिए सुलभ बनती है।


स्वास्थ्य तकनीक उद्योग में Consint.AI की स्थिति

Consint.AI ने अपनी स्थापना के कुछ वर्षों में ही हेल्थ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहचान बनाई है। इसकी AI-ड्रिवन तकनीक ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रक्रियाओं को आसान और सुरक्षित बनाया है।

प्रमुख योगदान:

  1. 80% हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के साथ सहयोग।
  2. प्रमुख उद्योगों में AI-आधारित समाधान प्रदान करना।
  3. हेल्थकेयर इंडस्ट्री के संचालन में दक्षता लाना।

हेल्थकेयर और AI: भविष्य की दिशा

AI का बढ़ता उपयोग:

  • जनरेटिव AI और मशीन लर्निंग हेल्थकेयर में क्रांति ला रहे हैं।
  • व्यक्तिगत उपचार योजनाएं और रोग निदान में AI की भूमिका बढ़ रही है।

हेल्थ इंश्योरेंस का डिजिटलीकरण:

  • AI-आधारित प्लेटफॉर्म हेल्थ इंश्योरेंस प्रक्रिया को पेपरलेस और तेज बना रहे हैं।
  • ट्रांजैक्शन डेटा का सुरक्षित और कुशल प्रबंधन संभव हो रहा है।

निष्कर्ष

Consint.AI ने हेल्थकेयर और इंश्योरेंस इंडस्ट्री में तकनीकी नवाचार का एक नया मानक स्थापित किया है। इस फंडिंग से कंपनी को अपने उत्पादों और सेवाओं का विस्तार करने का अवसर मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सटीक, सस्ती और भरोसेमंद बनेंगी।

जनरेटिव AI जैसे उपकरण न केवल हेल्थकेयर इंडस्ट्री को आधुनिक बना रहे हैं, बल्कि वे वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को भी सुधार रहे हैं। Consint.AI की यह पहल भारत को हेल्थ टेक्नोलॉजी में एक अग्रणी देश बनाने में मददगार साबित हो सकती है।

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मयंक कुमार और आयुष माथुर ने लॉन्च किया BorderPlus, ब्लू-कॉलर वर्कर्स को दिलाएंगे वैश्विक नौकरी के अवसर

अपग्रेड (upGrad) के सह-संस्थापक मयंक कुमार और ओयो (OYO) के पूर्व वरिष्ठ नेता आयुष माथुर ने मिलकर एक नई पहल शुरू की है। BorderPlus नामक इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य भारतीय ब्लू-कॉलर वर्कर्स को वैश्विक नौकरी के अवसरों से जोड़ना है।


BorderPlus शुरुआत जर्मनी के हेल्थकेयर सेक्टर से

BorderPlus ने अपनी शुरुआत जर्मनी के हेल्थकेयर सेक्टर से की है। यह प्लेटफॉर्म नर्सिंग और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में ब्लू-कॉलर वर्कर्स के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। कंपनी की योजना जल्द ही अन्य उद्योगों जैसे:

  • हॉस्पिटैलिटी
  • रिटेल
  • टीचिंग
  • कंस्ट्रक्शन
  • लॉजिस्टिक्स
  • ट्रकिंग

में विस्तार करने की है। इसके अलावा, भविष्य में BorderPlus अन्य देशों में भी अवसर तलाशने की योजना बना रहा है।


जर्मनी और डेनमार्क में बढ़ती मांग

आयुष माथुर, जो पहले OYO यूरोप के अध्यक्ष रह चुके हैं, ने अपनी कार्यकाल के दौरान जर्मनी और डेनमार्क में श्रमिकों की कमी को नजदीक से देखा। खासतौर पर, उन्होंने हाउसकीपिंग जैसे ब्लू-कॉलर जॉब्स में बढ़ती मांग का अनुभव किया। BorderPlus इसी कमी को पूरा करने के लिए भारतीय प्रतिभाओं को प्रशिक्षित कर वैश्विक बाजार से जोड़ने का काम करेगा।


मयंक कुमार की नई भूमिका

अपग्रेड के प्रबंध निदेशक के तौर पर अपने सक्रिय संचालन से इस्तीफा देने के बाद, मयंक कुमार ने इस नए वेंचर पर ध्यान केंद्रित किया है। हालांकि, वह अपग्रेड के रणनीतिक निर्णयों में शामिल रहेंगे। BorderPlus के जरिए, मयंक भारतीय श्रमिकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार दिलाने के लिए एक संरचित कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं।


ट्रेनिंग प्रोग्राम और AI-संचालित भाषा अभ्यास

BorderPlus ने अपना पहला पायलट बैच शुरू किया है, जिसमें लगभग 10 उम्मीदवारों को शामिल किया गया है। कंपनी का लक्ष्य इन बैचों को जल्दी ही बढ़ाने का है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की विशेषताएं:

  1. कार्यक्रम की अवधि:
    • 6-9 महीनों का प्रशिक्षण।
  2. प्रारूप:
    • ऑनलाइन, ब्लेंडेड और ऑफलाइन फॉर्मेट्स।
  3. अंतिम चरण:
    • भाषा सीखने पर विशेष ध्यान देने के लिए पूरी तरह ऑफलाइन।

भाषा प्रशिक्षण में AI का उपयोग

BorderPlus भाषा प्रशिक्षण को प्रभावी और इंटरैक्टिव बनाने के लिए OpenAI तकनीक पर आधारित एक AI-पावर्ड कन्वर्सेशनल बॉट विकसित कर रहा है। यह बॉट उम्मीदवारों को भाषण और वार्तालाप अभ्यास में मदद करेगा, जिससे वे जर्मन या अन्य संबंधित भाषाओं को जल्दी और प्रभावी ढंग से सीख सकें।


प्रशिक्षण केंद्र और विस्तार योजना

BorderPlus का पहला प्रशिक्षण केंद्र पुणे में शुरू किया गया है। इसके बाद दूसरा केंद्र मुंबई में स्थापित किया गया। कंपनी की योजना भारत के अन्य प्रमुख शहरों में भी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की है, ताकि उम्मीदवारों को उनके अंतिम चरण के प्रशिक्षण के लिए सुविधाजनक स्थान मिल सके।


ब्लू-कॉलर वर्कर्स के लिए क्यों महत्वपूर्ण है BorderPlus?

1. वैश्विक नौकरी के अवसर:

BorderPlus भारतीय ब्लू-कॉलर वर्कर्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरियों के लिए तैयार करता है, जिससे वे बेहतर वेतन और काम की शर्तों का लाभ उठा सकें।

2. स्किल डेवलपमेंट:

कार्यक्रम के जरिए श्रमिकों को न केवल तकनीकी कौशल, बल्कि भाषा और सांस्कृतिक समझ भी प्रदान की जाती है।

3. जॉब मार्केट में असमानता को दूर करना:

जर्मनी और डेनमार्क जैसे देशों में श्रमिकों की कमी है, और भारत में रोजगार की आवश्यकता। BorderPlus इस असमानता को दूर करने के लिए एक पुल का काम करेगा।

4. तकनीकी एडवांटेज:

AI-पावर्ड भाषा अभ्यास और एक संरचित ट्रेनिंग प्रोग्राम BorderPlus को अन्य प्लेटफॉर्म्स से अलग बनाते हैं।


आगे की राह और संभावना

BorderPlus का लक्ष्य है कि वह अन्य उद्योगों और देशों में विस्तार करे। हॉस्पिटैलिटी, लॉजिस्टिक्स, और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टरों में भी नौकरी के अवसर खोलने की योजना है। इसके अलावा, कंपनी का ध्यान भाषा और तकनीकी कौशल को प्राथमिकता देकर भारतीय श्रमिकों को ग्लोबल जॉब मार्केट के लिए प्रतिस्पर्धी बनाना है।


निष्कर्ष

BorderPlus भारतीय श्रमिकों के लिए अंतरराष्ट्रीय अवसरों का नया द्वार खोल रहा है। मयंक कुमार और आयुष माथुर की यह पहल न केवल ब्लू-कॉलर वर्कर्स को वैश्विक स्तर पर काम दिलाएगी, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी सुधारने में मदद करेगी।

जर्मनी और डेनमार्क जैसे देशों में श्रमिकों की कमी को देखते हुए, BorderPlus भारतीय प्रतिभाओं को प्रशिक्षित कर वैश्विक बाजार में उनकी जगह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस पहल से भारतीय श्रमिकों को न केवल बेहतर वेतन मिलेगा, बल्कि उन्हें नई संस्कृतियों और कौशलों का भी अनुभव होगा।

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