WROGN: पुरुषों की फैशन ब्रांड की नई उड़ान

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परिचय
WROGN, पुरुषों के परिधानों की एक प्रसिद्ध D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) फैशन ब्रांड है, जिसने हाल ही में लगभग ₹75 करोड़ ($9 मिलियन) की फंडिंग जुटाई है। यह फंडिंग Aditya Birla Digital Fashion Ventures Ltd (ABDFVL) से प्राप्त हुई, जिससे ABDFVL की हिस्सेदारी WROGN में 17.10% से बढ़कर 32.84% हो गई है। यह फंडिंग कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इसके विकास के नए द्वार खोलती है।

कंपनी की स्थापना और फाउंडर्स
WROGN की स्थापना 2014 में अनजना रेड्डी और विक्रम रेड्डी द्वारा की गई थी। यह ब्रांड पुरुषों के कैज़ुअल वियर के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम बन चुका है। WROGN ने अपनी ब्रांड पहचान को मजबूत करने के लिए क्रिकेटर विराट कोहली की लोकप्रियता का फायदा उठाया है। विराट कोहली की ब्रांड एंबेसडर के रूप में भागीदारी ने WROGN को तेज़ी से बढ़ने और भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद की है।

फाइनेंशियल स्थिति और निवेश
WROGN की वित्तीय स्थिति समय के साथ और मजबूत हो रही है। इससे पहले, जून 2023 में, WROGN ने TMRW House of Brands, जो कि Aditya Birla Group की ही एक कंपनी है, से ₹125 करोड़ ($15 मिलियन) की फंडिंग जुटाई थी। इस निवेश के साथ TMRW ने WROGN में 16% हिस्सेदारी हासिल की, जिससे ब्रांड की कुल वैल्यू $105 मिलियन तक पहुंच गई। इस नवीनतम फंडिंग ने कंपनी को नए उत्पादों और बाजारों में विस्तार के लिए आवश्यक पूंजी दी है।

Aditya Birla Group का योगदान
Aditya Birla Group के TMRW House of Brands ने भारतीय फैशन उद्योग में कई प्रमुख ब्रांड्स को समर्थन दिया है। WROGN के अलावा, Aditya Birla Group ने आठ अन्य भारतीय फैशन ब्रांड्स का भी समर्थन किया है, जिनमें The Indian Garage Co, Bewakoof, Nobero, Nauti Nati, Urbano, JuneBerry और Veirdo शामिल हैं। यह साझेदारी भारतीय फैशन क्षेत्र में नए अवसरों का द्वार खोल रही है और स्थानीय ब्रांड्स को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में मदद कर रही है।

WROGN का उत्पाद पोर्टफोलियो
WROGN पुरुषों के लिए एक विस्तृत कैज़ुअल वियर लाइन पेश करता है, जिसमें कपड़े, फुटवियर और एक्सेसरीज़ शामिल हैं। कंपनी ने अपनी पहुंच को बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स के साथ साझेदारी की है और एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट्स खोले हैं। WROGN के उत्पादों की खासियत यह है कि ये युवा, ट्रेंडी और स्टाइलिश डिज़ाइन पेश करते हैं, जो आधुनिक भारतीय पुरुषों की जरूरतों को पूरा करते हैं।

ब्रांड की सफलता का रहस्य
WROGN की सफलता का सबसे बड़ा कारण इसका सही मार्केटिंग और ब्रांडिंग स्ट्रेटेजी है। विराट कोहली जैसे लोकप्रिय और प्रभावशाली व्यक्तित्व के साथ जुड़ाव ने ब्रांड की विश्वसनीयता और आकर्षण को बढ़ाया है। इसके साथ ही, WROGN ने युवा और शहरी जनसंख्या के बीच अपने उत्पादों को बहुत सटीक तरीके से पेश किया है, जिससे यह ब्रांड जल्दी ही लोकप्रिय हो गया।

फंडिंग से विस्तार की योजनाएँ
इस नवीनतम फंडिंग के साथ, WROGN अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को और विस्तारित करने की योजना बना रहा है। कंपनी का फोकस नए डिज़ाइनों और कैटेगरी में प्रवेश करने के साथ-साथ अपने रिटेल नेटवर्क को बढ़ाने पर है। इसके अलावा, कंपनी अपने ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनलों के माध्यम से अधिक ग्राहकों तक पहुंचने का लक्ष्य बना रही है। Aditya Birla Group की सहायता से WROGN अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बना रहा है।

भारतीय फैशन उद्योग में WROGN का प्रभाव
WROGN ने भारतीय फैशन उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। यह ब्रांड न केवल पुरुषों के कैज़ुअल वियर में एक प्रमुख खिलाड़ी है, बल्कि भारतीय युवाओं के फैशन सेंस को भी प्रभावित कर रहा है। ब्रांड की ट्रेंडी और इनोवेटिव डिज़ाइनिंग ने इसे शहरी युवाओं के बीच एक फेवरेट ब्रांड बना दिया है। WROGN का उद्देश्य भारतीय फैशन इंडस्ट्री में नई ऊंचाइयों को छूना और एक ग्लोबल ब्रांड के रूप में अपनी पहचान बनाना है।

निष्कर्ष
WROGN की सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही रणनीति, प्रभावशाली ब्रांडिंग, और फंडिंग के माध्यम से एक ब्रांड कितना तेजी से उभर सकता है। अनजना और विक्रम रेड्डी की नेतृत्व क्षमता और विराट कोहली की ब्रांड साझेदारी ने WROGN को भारतीय फैशन बाजार में एक प्रमुख स्थान दिलाया है। आने वाले वर्षों में, WROGN अपनी विस्तार योजनाओं के साथ और भी बड़ी ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है, और यह फंडिंग ब्रांड के विकास को नई दिशा में ले जाएगी।

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Qure.ai: हेल्थकेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्रांति

Qure.ai

परिचय
Qure.ai, एक अग्रणी हेल्थकेयर फर्म, हाल ही में $65 मिलियन की फंडिंग जुटाने में सफल रही है। यह निवेश Lightspeed Ventures और 360 One Asset Management द्वारा किया गया है। यह फंडिंग कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसने वित्तीय वर्ष FY24 में अपनी राजस्व में 83% की वृद्धि दर्ज की है, जिससे उसका राजस्व ₹140 करोड़ को पार कर गया है।

कंपनी का सफर और फाउंडर्स की भूमिका
Qure.ai की स्थापना 2016 में प्रतीक चौहान और पवन कुमार द्वारा की गई थी। दोनों संस्थापकों का उद्देश्य हेल्थकेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके चिकित्सा सेवाओं को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाना था। Qure.ai की AI-ड्रिवन समाधान रेडियोलॉजिस्ट और फिजिशियन को गंभीर स्थितियों जैसे टीबी, फेफड़ों के कैंसर, और स्ट्रोक का निदान करने में मदद करते हैं। कंपनी का फोकस ऐसे उपकरण और सॉफ्टवेयर विकसित करने पर है, जो चिकित्सा निदान को अधिक सटीक और तेज़ बना सकें।

वित्तीय स्थिति और कंपनी की उपलब्धियाँ
Qure.ai ने FY24 में ₹141 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो FY23 में ₹77 करोड़ था। यह वृद्धि कंपनी की AI-ड्रिवन समाधान और हेल्थकेयर उत्पादों की बढ़ती मांग को दर्शाती है। FY24 में, कंपनी ने अपने नुकसान को भी 38.5% तक कम किया। यह सुधार कंपनी की लागत-कटौती और बेहतर संचालन रणनीतियों का परिणाम है।

AI-ड्रिवन समाधान और उनकी उपयोगिता
Qure.ai के AI-ड्रिवन समाधान रेडियोलॉजिस्ट और फिजिशियन को टीबी, फेफड़ों के कैंसर, और स्ट्रोक जैसे गंभीर चिकित्सा स्थितियों का निदान करने में मदद करते हैं। ये उपकरण और सॉफ्टवेयर स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सटीक और तेज़ बनाते हैं, जिससे मरीजों को समय पर और सही उपचार मिल सके। पिछले वित्तीय वर्ष में, इन उपकरणों और सॉफ्टवेयर की बिक्री ने कंपनी के संचालन राजस्व का 87.23% योगदान दिया, जो ₹123 करोड़ था।

फंडिंग और भविष्य की योजनाएँ
Qure.ai ने हाल ही में $65 मिलियन की फंडिंग जुटाई है, जो कंपनी के विकास और विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह फंडिंग Lightspeed Ventures और 360 One Asset Management द्वारा की गई है। इस फंडिंग से कंपनी अपने AI क्षमताओं को और भी बेहतर बनाने, नए उत्पादों को विकसित करने और नए बाजारों में प्रवेश करने की योजना बना रही है।

कंपनी का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
Qure.ai ने हेल्थकेयर क्षेत्र में AI के उपयोग को बढ़ावा देकर समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके AI-ड्रिवन समाधान ने चिकित्सा निदान को अधिक सटीक और तेज़ बना दिया है, जिससे मरीजों को समय पर और सही उपचार मिल सके। इसके साथ ही, कंपनी ने हेल्थकेयर सेवाओं को सुलभ बनाकर आर्थिक विकास में भी योगदान दिया है।

संस्थापकों की दृष्टि और नेतृत्व
प्रतीक चौहान और पवन कुमार की नेतृत्व क्षमता और दृष्टि ने Qure.ai को हेल्थकेयर क्षेत्र में एक अग्रणी ब्रांड बना दिया है। उनके पास हेल्थकेयर और टेक्नोलॉजी का व्यापक अनुभव है, जो कंपनी को तेजी से बढ़ने में मदद कर रहा है। उनका उद्देश्य न केवल चिकित्सा निदान को बेहतर बनाना है, बल्कि हेल्थकेयर सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाना भी है।

Qure.ai की प्रमुख उपलब्धियाँ
Qure.ai ने FY24 में न केवल राजस्व वृद्धि और नुकसान में कमी दर्ज की, बल्कि कंपनी ने अपने AI-ड्रिवन समाधान और हेल्थकेयर उत्पादों की बढ़ती मांग को भी देखा। कंपनी ने अपने संचालन और रणनीतियों को बेहतर बनाकर हेल्थकेयर क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूने का लक्ष्य रखा है।

निष्कर्ष
Qure.ai ने बहुत ही कम समय में हेल्थकेयर के क्षेत्र में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है। कंपनी की नवीन सोच, AI-ड्रिवन तकनीक, और चिकित्सा निदान को सटीक और तेज़ बनाने की पहल इसे एक अनूठा ब्रांड बनाती है। प्रतीक चौहान और पवन कुमार की नेतृत्व में, Qure.ai आने वाले वर्षों में न केवल हेल्थकेयर मार्केट में अपनी जगह बनाए रखेगा, बल्कि नए उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

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Slice को संस्थापक राजन बजाज से मिला $8.6 मिलियन का निवेश

Slice Founder

Slice, एक कंज़्यूमर लेंडिंग और पेमेंट्स स्टार्टअप है, जिसने हाल ही में अपने संस्थापक और CEO, राजन बजाज से ₹71.7 करोड़ (लगभग $8.6 मिलियन) का निवेश प्राप्त किया है। यह निवेश आंशिक रूप से भुगतान किए गए शेयरों के रूप में हुआ है। इससे पहले कंपनी ने ₹300 करोड़ का डेब्ट फंडिंग राउंड भी पूरा किया था, जो Taneja Family Trust, Anju Family Personal Trust, UK2 Family Trust, और MN Family Trust के द्वारा किया गया था।

कंपनी के बोर्ड द्वारा पारित एक विशेष प्रस्ताव के अनुसार, 22,000 इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे, जिनकी कीमत ₹32,606 प्रति शेयर रखी गई है। यह निवेश एक या अधिक चरणों में किया जाएगा और इसका उपयोग सामान्य व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

Slice मुख्य रूप से मिलेनियल्स (युवा पीढ़ी) के लिए एक वर्चुअल और फिजिकल कार्ड सेवा प्रदान करता है, जिससे छात्रों और वेतनभोगियों को आसान ईएमआई (बिना किसी जमानत के) के माध्यम से ऑनलाइन शॉपिंग करने की सुविधा मिलती है। इसके साथ ही, यह यूजर्स को क्रेडिट स्कोर बनाने में भी मदद करता है।

बेंगलुरु आधारित इस कंपनी ने अब तक लगभग $400 मिलियन की फंडिंग जुटाई है। इसमें $220 मिलियन का सीरीज़ बी राउंड शामिल है, जो Tiger Global और Insight Partners द्वारा लीड किया गया था। Tiger Global कंपनी का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर है, और उसके बाद Insight Partners का स्थान आता है।

FY24 के आंकड़े अभी तक सामने नहीं आए हैं, लेकिन Slice ने FY23 में तीन गुना वृद्धि देखी, जहाँ इसका राजस्व ₹847 करोड़ तक पहुँच गया, जो FY22 में ₹283 करोड़ था। हालांकि, इस तेज़ी से बढ़ती विकास के चलते कंपनी के नुकसान भी बढ़े। FY23 में Slice का घाटा 59.8% बढ़कर ₹406 करोड़ हो गया, जबकि FY22 में यह ₹254 करोड़ था।

2024 में कई स्टार्टअप संस्थापक और एग्जीक्यूटिव्स ने अपनी कंपनियों में फिर से निवेश किया है। उदाहरण के लिए, Yubi के संस्थापक और CEO गौरव कुमार ने अपनी कंपनी में $30 मिलियन का निवेश किया, जबकि Oyo के संस्थापक रितेश अग्रवाल ने अपनी सिंगापुर स्थित कंपनी, Patient Capital, के माध्यम से $100 मिलियन का निवेश किया। EV फर्म Ather Energy के को-फाउंडर्स, तरुण मेहता और स्वप्निल जैन ने भी $10 मिलियन का निवेश अपनी कंपनी में किया। इसी तरह, Giva जैसे ओम्नीचैनल ज्वेलरी स्टार्टअप ने अपनी सीनियर मैनेजमेंट टीम से भी एक अज्ञात राशि जुटाई है।

यह दर्शाता है कि स्टार्टअप्स में संस्थापक और टॉप मैनेजमेंट का खुद निवेश करना अब एक नया चलन बनता जा रहा है, जिससे ये कंपनियां आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त हो रही हैं और उनका फोकस दीर्घकालिक विकास पर है।

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Lifechart: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित एक गट वेलनेस ब्रांड

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Lifechart परिचय
Lifechart, एक गट वेलनेस ब्रांड, हाल ही में $500,000 की सीड फंडिंग जुटाने में सफल रहा है। इस फंडिंग में Prajay Advisors LLP ने $250,000 का योगदान दिया, जबकि बाकी धनराशि Agility Ventures, Expert Dojo और अन्य एंजल निवेशकों जैसे अहाना गौतम, नितीश मिटरसैन, सारथ सूरा, और मारवाड़ी एंजल्स से प्राप्त हुई। इस नई फंडिंग के साथ, कंपनी अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षमताओं को बढ़ाने, नए डायग्नोस्टिक समाधानों को लॉन्च करने और टियर 1 शहरों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है।

कंपनी की स्थापना और उद्देश्‍य
Lifechart की स्थापना 2022 में मुकुल शाह और मानसी शर्मा द्वारा की गई थी। इन दोनों फाउंडर्स का मुख्य उद्देश्य भारत में बढ़ते गट स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को सुलझाना है। कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-ड्रिवन प्रेडिक्टिव टेक्नोलॉजी और BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) और BHMS (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) डॉक्टरों द्वारा बनाए गए उत्पादों की पेशकश करती है। Lifechart का फोकस इन पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों और अत्याधुनिक AI तकनीकों को एकीकृत करना है ताकि गट से जुड़े आम समस्याओं के लिए प्रभावी समाधान प्रदान किए जा सकें।

पूर्व फंडिंग और विकास की कहानी
Lifechart ने इससे पहले 2022 में प्री-सीड राउंड में $200,000 की फंडिंग जुटाई थी। इस फंडिंग राउंड में Expert Dojo और Nazara Technologies के नितीश मिटरसैन ने निवेश किया था। इस शुरुआती फंडिंग ने कंपनी को अपने AI मॉडल और सेवाओं को विकसित करने में मदद की। Lifechart ने अब तक 250,000 से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान की है, जिनमें से अधिकांश टियर II, III, और IV शहरों से हैं। इस नए फंडिंग से Lifechart अपने विकास की गति को और तेज करने की योजना बना रहा है।

गट वेलनेस और Lifechart की पहल
Lifechart का उद्देश्य गट हेल्थ से जुड़ी सामान्य समस्याओं जैसे कब्ज, फैटी लिवर, बवासीर, गैस, और एसिडिटी के लिए प्लांट-बेस्ड माइक्रोबायोम-फोकस्ड उत्पादों और व्यापक वेलनेस किट्स को लॉन्च करना है। यह उत्पाद प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक उपचारों पर आधारित होंगे, जो बिना किसी साइड इफेक्ट्स के गट स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। कंपनी का AI-ड्रिवन प्रेडिक्टिव मॉडल डेमोग्राफिक और क्षेत्रीय स्वास्थ्य पैटर्न के आधार पर व्यक्तिगत सेवाएं प्रदान करेगा, जिससे ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार उत्पाद और समाधान मिल सकें।

मार्केट रिसर्च और भविष्य की संभावनाएँ
गट हेल्थ मार्केट का वैश्विक मूल्य 2025-26 तक $18 बिलियन तक पहुँचने की संभावना है। यह दर्शाता है कि Lifechart जैसे ब्रांड के लिए इस क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं हैं। कंपनी की योजना नए उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने के साथ-साथ ग्राहकों की बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में तेजी लाने की है। टियर II, III, और IV शहरों में पहले से मजबूत पकड़ होने के बाद, अब कंपनी टियर 1 शहरों में भी अपने उत्पादों और सेवाओं को विस्तारित करने की योजना बना रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्वास्थ्य सेवाएँ
Lifechart का AI मॉडल गट स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों का प्रेडिक्टिव एनालिसिस करता है। यह मॉडल डेमोग्राफिक और क्षेत्रीय स्वास्थ्य पैटर्न के आधार पर गट स्वास्थ्य के विभिन्न कारकों का अध्ययन करता है और ग्राहकों को उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार समाधान प्रदान करता है। इसके साथ ही, कंपनी नए डायग्नोस्टिक टूल्स को भी विकसित करने की योजना बना रही है, जिससे ग्राहकों को गट हेल्थ का सटीक निदान मिल सके।

फाउंडर्स की दृष्टि और नेतृत्व
मुकुल शाह और मानसी शर्मा की नेतृत्व क्षमता और दृष्टि ने Lifechart को गट हेल्थ के क्षेत्र में एक उभरता हुआ ब्रांड बना दिया है। उनके पास स्वास्थ्य सेवाओं और टेक्नोलॉजी का व्यापक अनुभव है, जो कंपनी को तेजी से बढ़ने में मदद कर रहा है। उनका उद्देश्य न केवल गट हेल्थ की समस्याओं का समाधान करना है, बल्कि ग्राहकों को बेहतर स्वास्थ्य और जीवनशैली प्रदान करना भी है।

कंपनी का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
Lifechart न केवल ग्राहकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है, बल्कि इसने स्थानीय स्तर पर आर्थिक विकास में भी योगदान दिया है। कंपनी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में नई नौकरियों का सृजन किया है और विभिन्न शहरों में छोटे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारी करके आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही, Lifechart ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को भी नया जीवन दिया है, जिससे लोगों को आयुर्वेद और होम्योपैथिक चिकित्सा की ओर आकर्षित किया गया है।

निष्कर्ष
Lifechart ने बहुत ही कम समय में गट वेलनेस के क्षेत्र में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है। कंपनी की नवीन सोच, AI-ड्रिवन तकनीक, और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का समावेश इसे एक अनूठा ब्रांड बनाता है। मुकुल शाह और मानसी शर्मा की नेतृत्व में, Lifechart आने वाले वर्षों में न केवल गट हेल्थ मार्केट में अपनी जगह बनाए रखेगा, बल्कि नए उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

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BharatPe: भारतीय फिनटेक क्षेत्र का उभरता सितारा

BharatPe

परिचय
BharatPe एक प्रमुख भारतीय फिनटेक कंपनी है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छुई हैं, खासकर व्यापारियों और उपभोक्ताओं को डिजिटल पेमेंट्स और लेंडिंग सेवाओं के माध्यम से जोड़ने में। वित्तीय वर्ष FY21 में ₹119 करोड़ से बढ़कर FY24 में कंपनी का राजस्व ₹1,426 करोड़ हो गया, जो इसके विकास की मजबूत गति को दर्शाता है। कंपनी के लिए FY24 में 39% साल-दर-साल की वृद्धि दर्ज की गई।

कंपनी का सफर और फाउंडर्स की भूमिका
BharatPe की स्थापना अशनीर ग्रोवर और शाश्वत नकरानी ने 2018 में की थी। इन दोनों का मुख्य उद्देश्य छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार करना था, जो उन्हें डिजिटल पेमेंट्स, लोन, और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुँच प्रदान कर सके। उनकी सोच ने भारत के फिनटेक क्षेत्र में क्रांति ला दी। भारत जैसे देश में जहां छोटे और मंझोले व्यापारियों के लिए वित्तीय सेवाओं की पहुँच सीमित थी, BharatPe ने उन्हें सशक्त बनाने का काम किया है।

वित्तीय स्थिति और कंपनी की उपलब्धियाँ
FY24 में BharatPe का राजस्व ₹1,426 करोड़ तक पहुँच गया, जो FY23 में ₹1,029 करोड़ था। कंपनी ने न केवल अपने राजस्व में वृद्धि दर्ज की, बल्कि अपने नुकसान को भी काफी हद तक नियंत्रित किया। FY24 में, कंपनी के कुल नुकसान ₹474 करोड़ थे, जो FY23 के ₹941 करोड़ के मुकाबले 50% कम थे। इस सुधार का मुख्य कारण कंपनी की लागत कटौती और नई रणनीतिक पहलों का सफल कार्यान्वयन रहा।

कैश बर्न और EBITDA में सुधार
BharatPe के CEO, नलिन नेगी के अनुसार, कंपनी ने FY24 में अपने कैश बर्न को काफी हद तक कम कर दिया है। इसके अलावा, कंपनी ने अक्टूबर 2023 में सकारात्मक EBITDA हासिल किया, जो यह दर्शाता है कि कंपनी ने अपने व्यवसाय को लाभदायक बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। नलिन नेगी का कहना है कि कंपनी ने पिछले साल में विभिन्न वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी की है, जिससे व्यापारियों के लिए क्रेडिट एक्सेस को आसान बनाया जा सका है। यह BharatPe के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो उसके व्यापार मॉडल की वैधता को साबित करती है।

उधारी पोर्टफोलियो और नए उत्पादों की लॉन्चिंग
BharatPe का उधारी पोर्टफोलियो, जो कि व्यापारियों को दिए गए लोन से उत्पन्न हुआ है, पिछले वित्तीय वर्ष में 40% की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की। इस वृद्धि के साथ, कंपनी ने अपने व्यापारियों के लिए क्रेडिट सुविधाएँ और भी आसान कर दी हैं। नलिन नेगी ने यह भी संकेत दिया कि कंपनी अपने लेंडिंग वर्टिकल को और भी बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, BharatPe अपने POS (पॉइंट ऑफ सेल) और साउंडबॉक्स उत्पादों में भी नए फीचर्स लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है।

PostPe से BharatPe: ब्रांडिंग में बदलाव
BharatPe ने हाल ही में अपने ‘PostPe’ ऐप को पुनः ब्रांडिंग करते हुए इसे BharatPe के रूप में बदल दिया है। इस कदम के साथ कंपनी ने उपभोक्ता पेमेंट्स स्पेस में कदम रखा है। यह कदम BharatPe को सीधे PhonePe, Google Pay, और Paytm जैसे प्रमुख खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा में ला खड़ा करता है, खासकर P2P (पियर-टू-पियर) पेमेंट्स के क्षेत्र में। इस नई रणनीति से कंपनी को उपभोक्ता बाजार में अपनी उपस्थिति और मजबूत करने का अवसर मिलेगा।

विविधता और भविष्य की योजनाएँ
BharatPe ने हाल ही में व्यापार वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कई नए क्षेत्रों में प्रवेश किया है। कंपनी ने छोटे और मंझोले व्यापारियों के लिए क्रेडिट सेवाओं के साथ-साथ डिजिटल पेमेंट्स की पेशकश की है, जिससे व्यापारियों को अपने व्यापार में वित्तीय मदद मिल सके। अब कंपनी का फोकस अपने उपभोक्ता वर्टिकल को बढ़ाने और नई वित्तीय सेवाओं को लॉन्च करने पर है, ताकि वे ग्राहकों को अधिक सुविधाएँ प्रदान कर सकें।

BharatPe की प्रमुख उपलब्धियाँ
FY24 में BharatPe ने न केवल राजस्व वृद्धि और नुकसान में कमी दर्ज की, बल्कि कंपनी ने व्यापारी उधारी पोर्टफोलियो में भी 40% वृद्धि देखी। इसके साथ ही, कंपनी ने अपनी सेवाओं को और भी बेहतर बनाने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी की, जिससे व्यापारियों को क्रेडिट एक्सेस में आसानी हो। कंपनी ने अपने उत्पादों और सेवाओं में विविधता लाते हुए कई नई श्रेणियों में प्रवेश किया, जिससे उसके व्यवसाय में स्थिरता आई है।

निष्कर्ष
BharatPe ने भारतीय फिनटेक उद्योग में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है। कंपनी की विकास दर और उसके व्यापार में विविधता दर्शाती है कि भविष्य में यह और भी अधिक ऊँचाइयों को छूने वाली है। कंपनी की लेंडिंग सेवाओं में वृद्धि, नए उत्पादों की लॉन्चिंग, और उपभोक्ता पेमेंट्स स्पेस में प्रवेश इसके आगामी विकास की दिशा को दर्शाते हैं। नलिन नेगी के नेतृत्व में, BharatPe अपने कैश बर्न को नियंत्रित करते हुए एक लाभदायक और स्थायी व्यवसाय बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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Everstage: एक अग्रणी SaaS स्टार्टअप की सफलता की कहानी

Everstage

परिचय
Everstage एक सास (SaaS) स्टार्टअप है, जो एंटरप्राइजेज के लिए सेल्स परफॉर्मेंस मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर प्रदान करता है। हाल ही में, कंपनी ने सीरीज-B फंडिंग राउंड में $30 मिलियन की राशि जुटाई है, जिसमें Eight Roads Ventures के नेतृत्व में निवेश हुआ और Elevation Capital तथा 3one4 Capital जैसे मौजूदा निवेशकों ने भी भाग लिया। इस फंडिंग के साथ Everstage की कुल पूंजी अब $45 मिलियन हो चुकी है। इससे पहले, कंपनी ने अप्रैल 2022 में सीरीज A राउंड में $13 मिलियन जुटाए थे।

कंपनी की स्थापना और विज़न
Everstage की स्थापना 2020 में शिवा राजमणि और विवेक सुरियमूर्ति द्वारा की गई थी। इस सॉफ्टवेयर कंपनी का मुख्य उद्देश्य सेल्स कमीशन को मैनेज करना और उसे कंपनियों के विकास का एक प्रमुख घटक बनाना है। कंपनी ने सेल्स टीमों के लिए ऐसा प्लेटफार्म विकसित किया है जो उन्हें रीयल-टाइम कमीशन की जानकारी प्रदान करता है, जिससे वे अपने संभावित कमाई का पूर्वानुमान लगा सकें और अपनी प्रेरणा को बनाए रख सकें।

वित्तीय स्थिति और फंडिंग का उपयोग
कंपनी ने अपने विकास और उत्पाद क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नए निवेश का उपयोग करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, यह फंड कंपनी की प्रोफेशनल सर्विसेज को मजबूत करेगा ताकि ग्राहकों को तेजी से वैल्यू मिल सके। Everstage ने अपने हालिया प्रेस रिलीज़ में कहा कि वे अपनी इन-हाउस सेवाओं को और बेहतर बनाने पर जोर देंगे ताकि उनके ग्राहक कम समय में अधिक लाभ प्राप्त कर सकें।

फ्लैगशिप प्रोडक्ट और इसकी विशेषताएँ
Everstage का प्रमुख उत्पाद ‘क्रिस्टल’ है, जो रीयल-टाइम कमीशन फोरकास्टिंग प्रदान करता है। यह सेल्स प्रतिनिधियों को उनके बंद हुए सौदों से संभावित आय का पूर्वानुमान लगाने की सुविधा देता है। इससे वे अपनी वित्तीय अनिश्चितताओं को कम कर पाते हैं और उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। ‘क्रिस्टल’ का मुख्य उद्देश्य सेल्स टीमों को प्रेरित रखना और उनकी उत्पादकता को बढ़ाना है, जिससे कंपनी का समग्र प्रदर्शन बेहतर होता है।

उद्योगों में कंपनी की उपस्थिति
Everstage ने विभिन्न उद्योग क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है, जिनमें टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, और फाइनेंशियल सर्विसेज शामिल हैं। कंपनी के उत्पादों का उपयोग सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियाँ और बड़े एंटरप्राइजेज करते हैं, जिनमें GrayTV, Wiley, Diligent, Trimble, और Paychex जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। Everstage का लक्ष्य अपने सॉफ्टवेयर के माध्यम से इन कंपनियों के सेल्स परफॉर्मेंस को बढ़ाना है।

फाउंडर्स की दृष्टि
शिवा राजमणि और विवेक सुरियमूर्ति, दोनों ही अपने उद्योग में अनुभवी प्रोफेशनल्स हैं। उन्होंने Everstage को एक ऐसे प्लेटफार्म के रूप में स्थापित किया, जो कंपनियों के सेल्स कमीशन सिस्टम को आधुनिक बनाए और उन्हें तेजी से बढ़ने में मदद करे। उनकी दृष्टि रही है कि सेल्स कमीशन को केवल एक पारंपरिक प्रक्रिया न समझा जाए, बल्कि इसे एक ऐसा टूल माना जाए, जो व्यवसाय की वृद्धि का इंजन बन सके।

कंपनी की सफलता की कुंजी
Everstage की सफलता का मुख्य कारण इसका ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण है। कंपनी न केवल उत्पाद प्रदान करती है, बल्कि ग्राहकों की ज़रूरतों के अनुसार अपने उत्पादों को अनुकूलित भी करती है। उनके सॉफ्टवेयर समाधान बड़े एंटरप्राइजेज के लिए सेल्स कमीशन के प्रबंधन को आसान और अधिक प्रभावी बनाते हैं। इसके अलावा, कंपनी की सेवाएं तेजी से ग्राहक को वैल्यू प्रदान करने पर केंद्रित हैं, जिससे ग्राहकों को उनके निवेश का लाभ जल्दी मिलता है।

भविष्य की योजनाएँ
फंडिंग के इस नए दौर के साथ, Everstage अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करने और नए उद्योगों में प्रवेश करने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही, कंपनी अपने मौजूदा ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए नई तकनीकों और सुविधाओं को जोड़ने पर काम कर रही है। उनका मुख्य उद्देश्य है कि वे वैश्विक बाजार में एक प्रमुख सेल्स परफॉर्मेंस मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर प्रदाता बनें।

निवेशकों का विश्वास और कंपनी की संभावनाएँ
Elevation Capital, 3one4 Capital और Eight Roads Ventures जैसे प्रमुख निवेशकों का समर्थन इस बात का प्रमाण है कि Everstage में बड़े विकास की संभावनाएं हैं। कंपनी का $45 मिलियन का फंडिंग पोर्टफोलियो उसे नई ऊँचाइयों पर ले जाने में सक्षम होगा। निवेशकों का यह विश्वास बताता है कि Everstage की उत्पाद क्षमताओं और बाजार की मांग में मेल है, जो इसे भविष्य में और भी सफल बनाएगा।

निष्कर्ष
Everstage ने बहुत ही कम समय में सेल्स परफॉर्मेंस मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। कंपनी की नवीन सोच, सशक्त नेतृत्व, और ग्राहक-केंद्रित उत्पादों ने इसे एक अग्रणी SaaS स्टार्टअप बना दिया है। शिवा राजमणि और विवेक सुरियमूर्ति की नेतृत्व में, Everstage आने वाले समय में भी अपने उद्योग में नए मानदंड स्थापित करेगा और एंटरप्राइजेज के लिए मूल्यवान साबित होगा।

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Licious: एक सफल D2C मीट और सीफूड ब्रांड की कहानी

Licious

परिचय
Licious एक लोकप्रिय D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) ब्रांड है, जो मीट और सीफूड बेचने के लिए जाना जाता है। यह ब्रांड अपने ग्राहकों को ताजे और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट्स डिलीवर करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले दो वित्तीय वर्षों में Licious ने संतुलित वृद्धि दिखाई है, और कंपनी के राजस्व ने लगभग ₹700 करोड़ पर स्थिरता प्राप्त की है। हालांकि, कंपनी ने FY24 में 9% की गिरावट के साथ ₹685 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो FY23 में ₹746 करोड़ था।

कंपनी का सफर
Licious ने भारतीय बाजार में मीट और सीफूड के क्षेत्र में नया दृष्टिकोण लाया है। इसकी शुरुआत से ही कंपनी का मुख्य ध्यान गुणवत्तापूर्ण प्रोडक्ट्स और ग्राहकों की संतुष्टि पर रहा है। इसके मोबाइल ऐप के जरिए कंपनी हर महीने 1.2 मिलियन से अधिक ग्राहकों की सेवा करती है, और इसका ऐप अब इसके व्यवसाय का 85% हिस्सा बन गया है।

संस्थापक और उनकी दृष्टि
Licious की शुरुआत अभय हांडा और विवेक गुप्ता ने 2015 में की थी। इन दोनों ने मिलकर भारत में मीट और सीफूड के बाजार में एक क्रांति लाने का सपना देखा। उनकी दृष्टि थी कि वे उपभोक्ताओं को स्वच्छ, ताजा और उच्च गुणवत्ता का मीट और सीफूड प्रदान करें, जो भारतीय बाजार में एक बड़ी कमी थी। उनकी मेहनत और नवाचारों ने Licious को आज भारत के सबसे भरोसेमंद ब्रांड्स में से एक बना दिया है।

वित्तीय स्थिति
हालांकि FY24 में कंपनी के राजस्व में 9% की गिरावट आई, लेकिन कंपनी ने अपने नुकसान को 44% तक कम करने में सफलता पाई। FY24 में Licious का नुकसान ₹294 करोड़ रहा, जबकि FY23 में यह ₹524 करोड़ था। कंपनी के इस प्रदर्शन का मुख्य कारण इसकी लागत नियंत्रण नीतियाँ रही हैं। कंपनी के मुताबिक, चालू वित्तीय वर्ष में वह EBITDA सकारात्मक हो सकती है, जो इसके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।

चुनौतियाँ और समाधान
FY24 में राजस्व में आई गिरावट का प्रमुख कारण वितरण चैनलों, जैसे कि Dunzo और Swiggy Meatsore, का बंद होना रहा। इसके साथ ही कंपनी का आधुनिक रिटेल और स्थानीय स्टोर्स पर ध्यान कम हो गया, जिससे भी गिरावट देखी गई। हालांकि, Licious ने इन चुनौतियों को अवसर में बदलने का प्रयास किया। कंपनी ने ग्राहकों का अनुभव बेहतर बनाने के लिए गुरुग्राम में 30 मिनट की डिलीवरी सर्विस की शुरुआत की है। यह कदम कंपनी के फुल-स्टैक D2C मॉडल की ओर बढ़ने का हिस्सा है।

Infinity प्रोग्राम की भूमिका
Licious का फ्लैगशिप प्रोग्राम ‘Infinity’ इसके कुल राजस्व का 58% योगदान देता है। यह प्रोग्राम ग्राहकों को विशेष सेवाएं और सुविधाएँ प्रदान करता है, जिससे वे कंपनी के साथ दीर्घकालिक जुड़ाव बनाए रखते हैं। इस प्रोग्राम की सफलता ने Licious के व्यवसाय में स्थिरता और वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है।

छंटनी और भविष्य की योजनाएँ
FY24 के अंत में, Licious ने अपनी कार्यक्षमता में सुधार के उद्देश्य से लगभग 3% कर्मचारियों को (करीब 80 कर्मचारी) छंटनी का सामना करना पड़ा। कंपनी ने इस कदम को “ऑपरेशनल रीसेट” कहा, जिससे इसका ध्यान वृद्धि और प्रभावशीलता पर केंद्रित हो सके।

विस्तार और निवेश
कंपनी ने हाल ही में अपने भौतिक खुदरा विस्तार के तहत बेंगलुरु के “My Chicken and More” रिटेलर का अधिग्रहण किया है, जिससे इसके रिटेल स्टोर्स की संख्या 26 हो गई है। इस विस्तार के साथ, Licious ने ग्राहकों के लिए और भी सुविधाजनक और व्यापक पहुँच प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

निवेश और भविष्य की संभावना
अब तक, Licious ने $450 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है। कंपनी में Mayfield India का सबसे बड़ा हिस्सा (14.69%) है, इसके बाद Vertex Ventures, 3one4 Capital, Temasek और अन्य निवेशक आते हैं। यह फंडिंग कंपनी को अपने व्यापार विस्तार और नवाचारों को और बढ़ाने में मदद करेगी।

निष्कर्ष
Licious ने भारतीय D2C बाजार में खुद को एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। हालाँकि FY24 में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन कंपनी ने अपनी रणनीतियों के माध्यम से इन समस्याओं को दूर किया और आगे बढ़ने की तैयारी कर ली है। अपने उत्पादों की गुणवत्ता और ग्राहकों के अनुभव को प्राथमिकता देते हुए, Licious का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है।

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Zerodha ने Open-Source प्रोजेक्ट्स के लिए नए फंड की घोषणा की-16 Oct’24

Zerodha

ज़ेरोधा (Zerodha), जो भारत की प्रमुख फिनटेक यूनिकॉर्न कंपनी है, ने हाल ही में FLOSS/fund नामक एक नया फंड लॉन्च किया है। इस फंड का उद्देश्य उन ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिन्हें व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, लेकिन उन्हें अक्सर वित्तीय स्थिरता की चुनौती का सामना करना पड़ता है। ज़ेरोधा का यह कदम ओपन-सोर्स समुदाय के प्रति एक महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है, क्योंकि कंपनी खुद भी अपने विकास में ओपन-सोर्स टूल्स का इस्तेमाल करती रही है।

FLOSS/fund: ओपन-सोर्स के लिए वित्तीय सहायता

FLOSS/fund का मुख्य उद्देश्य Free/Libre and Open Source Software (FOSS) प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इन प्रोजेक्ट्स का तकनीकी क्षेत्र में बड़ा योगदान होता है, लेकिन इनके डेवलपर्स को आमतौर पर स्थिर वित्तीय सहायता नहीं मिल पाती। इस फंड के तहत ज़ेरोधा सालाना $1 मिलियन की राशि ओपन-सोर्स परियोजनाओं को देगी, ताकि वे अपनी गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सकें और तकनीकी विकास में योगदान जारी रख सकें।

ज़ेरोधा और ओपन-सोर्स का कनेक्शन

ज़ेरोधा के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) ने बताया कि कंपनी का अधिकतर तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर ओपन-सोर्स टूल्स पर आधारित है। इन ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स के बिना ज़ेरोधा का मौजूदा स्वरूप संभव नहीं होता। ज़ेरोधा का ये नया फंड इस बात को मान्यता देता है कि ओपन-सोर्स समुदाय का उनके व्यवसाय पर गहरा प्रभाव रहा है, और कंपनी अब उसी समुदाय को वापस देने की दिशा में कदम उठा रही है।

रेन्मैटर: ज़ेरोधा की वेंचर कैपिटल शाखा

यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि ज़ेरोधा की एक वेंचर कैपिटल शाखा है जिसका नाम रेन्मैटर (Rainmatter) है। यह शाखा 2016 में लॉन्च की गई थी और तब से अब तक 100 से ज्यादा स्टार्टअप्स में निवेश कर चुकी है। इनमें 31 फिनटेक स्टार्टअप्स, 28 क्लाइमेट टेक स्टार्टअप्स, और 21 हेल्थ और न्यूट्रिशन सेक्टर से जुड़े स्टार्टअप्स शामिल हैं। रेन्मैटर के जरिए ज़ेरोधा न केवल वित्तीय, बल्कि पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्रों में भी निवेश कर रही है।

ज़ेरोधा के संस्थापक: निखिल और नितिन कामत

ज़ेरोधा के संस्थापक निखिल कामत और नितिन कामत दोनों ही स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सक्रिय नाम हैं। वे एंजल इन्वेस्टर्स के रूप में भी जाने जाते हैं, जो उभरते हुए स्टार्टअप्स में शुरुआती निवेश करते हैं। निखिल कामत ने अभिजीत पाई के साथ मिलकर ग्रुहास (Gruhas) की भी सह-स्थापना की है, जो एक और महत्वपूर्ण वेंचर है।

ज़ेरोधा की वित्तीय स्थिति

ज़ेरोधा का वित्तीय प्रदर्शन भी उल्लेखनीय है। हाल ही में कंपनी ने अपने FY24 के परिणामों में 61% की वृद्धि दर्ज की। कंपनी का समेकित लाभ कर (PAT) INR 4,700 करोड़ तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह INR 2,909 करोड़ था। इस वृद्धि का मुख्य कारण व्यवसाय के विस्तार और ग्राहक आधार में वृद्धि था।

ज़ेरोधा ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल INR 8,320 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो कि पिछले साल के INR 6,875 करोड़ से 21% अधिक था। यह आंकड़े ज़ेरोधा की स्थिरता और इसके कारोबार के विस्तार का स्पष्ट संकेत हैं।

ग्राहकों के लिए मुफ़्त सेवाएँ

ज़ेरोधा ने अपने ग्राहकों के लिए एक्विटी डिलीवरी को मुफ्त रखने का निर्णय लिया है, भले ही SEBI के नए फ्लैट फीस ढांचे के तहत बदलाव किए गए हों। इस निर्णय से ज़ेरोधा ने अपने प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को एक अतिरिक्त लाभ प्रदान किया है, जिससे यह अन्य ब्रोकरेज फर्मों से अलग नजर आता है।

SEBI का नया डेरिवेटिव फ्रेमवर्क

हालांकि, ज़ेरोधा को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। SEBI के नए डेरिवेटिव फ्रेमवर्क के तहत, कंपनी को ट्रेड्स की संख्या में लगभग 30% की कमी का अनुमान है। इस नए ढांचे के कारण ज़ेरोधा के प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आ सकती है, जो इसके लाभ पर कुछ असर डाल सकता है।

ओपन-सोर्स का भविष्य

FLOSS/fund का लॉन्च ओपन-सोर्स समुदाय के लिए एक सकारात्मक कदम है। इस पहल से ज़ेरोधा ने यह साबित कर दिया है कि वह न केवल अपने व्यापारिक हितों का ध्यान रखती है, बल्कि तकनीकी और सामाजिक सुधारों में भी योगदान देने के लिए तैयार है। इस फंड के जरिए कई ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे वे अपनी परियोजनाओं को आगे बढ़ा सकेंगे।

Zerodha

ज़ेरोधा का नया FLOSS/fund ओपन-सोर्स परियोजनाओं के लिए एक मजबूत समर्थन है। इस कदम से ज़ेरोधा ने यह दिखा दिया है कि वह केवल मुनाफे के लिए काम नहीं करती, बल्कि अपने द्वारा उपयोग किए गए टूल्स और समुदाय को भी वापस देना चाहती है। इसके अलावा, ज़ेरोधा का वित्तीय प्रदर्शन और इसकी उद्यमशीलता में सक्रियता इसे फिनटेक उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती है।

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Red Fort Capital भारत में SME क्रेडिट गैप को भरने की पहल

Red Fort Capital

Red Fort Capital एक इन्वेस्टमेंट-ग्रेड NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी), ने हाल ही में ₹22.6 करोड़ की डेट फंडिंग जुटाई है। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने एसेट्स में ₹100 करोड़ का महत्वपूर्ण माइलस्टोन पार किया है। इस नवीनतम फंडिंग राउंड ने कंपनी को भारतीय छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए क्रेडिट गैप को भरने में सक्षम बनाया है।

डेट फंडिंग और इसका महत्व

Red Fort Capital ने ₹15 करोड़ एक बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSU) से जुटाए हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि कंपनी पहले ही भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से भी फंडिंग प्राप्त कर चुकी है। इसके अलावा, कंपनी ने ₹4.1 करोड़ गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) के जरिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) से और ₹3.5 करोड़ उषा फाइनेंस से जुटाए हैं। इस विविध पूंजी संरचना ने कंपनी को SMEs के लिए अपने वित्तीय उत्पादों और सेवाओं का विस्तार करने में सक्षम बनाया है।

कंपनी का उद्देश्य और मिशन

Red Fort Capital का मुख्य उद्देश्य भारत में छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए क्रेडिट की पहुंच को बढ़ाना है। भारतीय बाजार में SMEs के पास अक्सर पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की कमी होती है, और कंपनी इस कमी को पूरा करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए सुरक्षित ऋण प्रदान करती है। रेड फोर्ट कैपिटल के फंडिंग विकल्प ₹1 करोड़ से लेकर ₹10 करोड़ तक के होते हैं, और कंपनी का दावा है कि वह 7 दिनों के अंदर फंडिंग प्रक्रिया को पूरा कर सकती है। यह तेजी से फंडिंग की प्रक्रिया SMEs के लिए महत्वपूर्ण है, जो अक्सर अल्पकालिक और तेज वित्तीय समर्थन की आवश्यकता होती है।

SMEs के लिए अनुकूल वित्तीय सेवाएं

रेड फोर्ट कैपिटल का बिजनेस मॉडल मुख्य रूप से उन व्यवसायों को ध्यान में रखता है जो पारंपरिक बैंकिंग चैनलों के जरिए आसानी से वित्तीय संसाधन नहीं जुटा पाते। इस NBFC ने अपने फंडिंग मॉडल को लचीला और ग्राहक-केंद्रित बनाया है ताकि भारत के निर्माण, व्यापार, और सेवा क्षेत्रों में काम करने वाले उद्यमियों को सरल और त्वरित वित्तीय सहायता मिल सके। कंपनी का मानना है कि ये फंडिंग विकल्प SMEs को उनके व्यापार में विस्तार करने और नए अवसरों का लाभ उठाने में मदद करेंगे।

कंपनी का विस्तार और रणनीति

इस फंडिंग के साथ, रेड फोर्ट कैपिटल अपने सुरक्षित बिजनेस लोन की पेशकश को देश भर में और भी व्यापक रूप से विस्तारित करने की योजना बना रही है। वर्तमान में, कंपनी ने पूरे भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है और अब वह अपने फंडिंग ऑप्शंस को उत्पादन, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में विस्तारित करने की दिशा में काम कर रही है। इस नई पूंजी के जरिए, कंपनी का लक्ष्य है कि वह SMEs के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर सुरक्षित और शीघ्र फंडिंग प्रदान कर सके।

रेड फोर्ट कैपिटल की सफलता का कारण

रेड फोर्ट कैपिटल की सफलता का मुख्य कारण इसका लचीला फंडिंग मॉडल और ग्राहकों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार डिजाइन किए गए ऋण उत्पाद हैं। SMEs के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए उत्पाद और सेवाएं इस कंपनी को भारतीय वित्तीय बाजार में एक अनूठा स्थान दिलाती हैं। इसके अलावा, कंपनी की तेजी से फंडिंग प्रक्रिया और व्यापक नेटवर्क ने इसे उन व्यवसायों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बनाया है जो बैंकिंग प्रक्रियाओं की जटिलताओं से बचना चाहते हैं।

संस्थापकों और नेतृत्व का विज़न

रेड फोर्ट कैपिटल के संस्थापक और नेतृत्व टीम का मानना है कि भारतीय SMEs देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, और उनके विकास और सफलता के लिए वित्तीय संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता आवश्यक है। उनका विज़न है कि रेड फोर्ट कैपिटल के जरिए वे छोटे और मध्यम उद्यमों को वह वित्तीय सहयोग प्रदान करें, जो उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने और अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। कंपनी का फोकस न केवल त्वरित ऋण प्रदान करना है, बल्कि SMEs को वित्तीय स्थिरता और दीर्घकालिक विकास के लिए समर्थन देना भी है।

वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की योजनाएं

रेड फोर्ट कैपिटल ने हाल ही में ₹100 करोड़ के एसेट्स का माइलस्टोन पार किया है, जो कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन यह दर्शाता है कि उसने भारतीय SME सेक्टर में एक मजबूत स्थान बना लिया है। इसके अलावा, कंपनी की भविष्य की योजनाओं में और अधिक फंडिंग जुटाकर अपने फंडिंग मॉडल को और बेहतर बनाना और नए क्षेत्रों में विस्तार करना शामिल है।

भारतीय वित्तीय बाजार में रेड फोर्ट कैपिटल की भूमिका

भारतीय वित्तीय बाजार में रेड फोर्ट कैपिटल की भूमिका महत्वपूर्ण है, खासकर जब यह SMEs की फंडिंग की बात आती है। बैंकिंग प्रणाली के तहत SMEs के लिए फंडिंग के अवसर सीमित होते हैं, लेकिन रेड फोर्ट कैपिटल जैसी NBFCs इन व्यवसायों के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान के रूप में उभर रही हैं। कंपनी का उद्देश्य भारतीय उद्यमियों को एक मजबूत वित्तीय आधार प्रदान करना है ताकि वे अपने व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकें।

निष्कर्ष

रेड फोर्ट कैपिटल ने भारतीय SMEs के लिए फंडिंग की पहुंच को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ₹22.6 करोड़ की नवीनतम फंडिंग और ₹100 करोड़ के एसेट्स का माइलस्टोन पार करना इस कंपनी के लिए एक बड़ा कदम है। कंपनी की लचीली फंडिंग प्रक्रिया और त्वरित सेवा ने इसे SMEs के लिए एक आदर्श वित्तीय साझेदार बना दिया है। आने वाले समय में, रेड फोर्ट कैपिटल का उद्देश्य अपने नेटवर्क और सेवाओं को और भी व्यापक रूप से फैलाना और भारतीय उद्यमियों के लिए और भी अधिक अवसर प्रदान करना है।

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Primus Senior Living भारत में एल्डर केयर स्टार्टअप को मिला बड़ा निवेश

Primus Senior Living

भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सेवाएं प्रदान करने वाला एल्डर केयर स्टार्टअप Explore Vibrant Senior Living Homes at Primus. ने $20 मिलियन (लगभग ₹165 करोड़) की सीड फंडिंग जुटाई है। इस निवेश का नेतृत्व General Catalyst ने किया, जिसमें Zerodha के सह-संस्थापक Nikhil Kamath और उनकी निवेश फर्म Gruhas के सह-संस्थापक Abhijeet Pai की भी भागीदारी रही। इस निवेश दौर को 2024 के सबसे बड़े सीड फंडिंग में से एक माना जा रहा है।

भारत में सीड फंडिंग की नई ऊंचाई

Primus Senior Living के सीड फंडिंग के दौर ने भारत में बड़ी सीड फंडिंग की एक नई लहर चलाई है। 2024 में अन्य प्रमुख स्टार्टअप्स ने भी बड़े फंड जुटाए हैं, जैसे कि Avail ने $27 मिलियन जुटाए, जबकि Lyskraft और EMA जैसे अन्य उद्यमों ने भी $20 मिलियन से अधिक जुटाए। यह सभी स्टार्टअप्स भारत के तेजी से विकसित होते टेक्नोलॉजी और सेवा क्षेत्र में बड़े बदलाव ला रहे हैं।

Primus Senior Living: एक समर्पित एल्डर केयर प्लेटफ़ॉर्म

Primus Senior Living, बेंगलुरु स्थित एक स्टार्टअप है, जो विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए हेल्थकेयर, वेलनेस, लाइफस्टाइल और सामाजिक जुड़ाव जैसी सेवाएं प्रदान करता है। Primus का उद्देश्य बुजुर्गों को उनके घरों में ही सभी आवश्यक सेवाएं मुहैया कराना है ताकि उन्हें एक आरामदायक और सम्मानजनक जीवन जीने का मौका मिल सके। यह प्लेटफॉर्म बुजुर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है, जिसमें उनका स्वास्थ्य, सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता का ख्याल रखा जाता है।

इंटरजेनरेशनल समुदायों का निर्माण

Primus Senior Living बुजुर्गों के लिए केवल सेवाएं ही नहीं, बल्कि एक समग्र जीवन शैली का अनुभव देने के लिए भी काम कर रहा है। यह एक ऐसा समुदाय विकसित कर रहा है जहां विभिन्न पीढ़ियों के लोग एक साथ रह सकते हैं और एक-दूसरे के साथ जुड़ सकते हैं। यह इंटरजेनरेशनल समुदाय एक ऐसा माहौल तैयार करता है जहां बुजुर्गों को समर्थन मिलता है और वे समाज से कटने के बजाय उसमें सक्रिय रूप से शामिल रहते हैं।

500 घरों वाला वर्तमान समुदाय

Primus वर्तमान में 500 घरों का एक समुदाय संचालित कर रहा है, जहां वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए घर उपलब्ध हैं। यह घर बुजुर्गों को एक सुरक्षित और सहायक वातावरण में रहने का मौका देते हैं, जहां वे अपनी इच्छानुसार अतिरिक्त सेवाओं का लाभ भी उठा सकते हैं। इस मॉडल का उद्देश्य बुजुर्गों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन को सरल और आरामदायक बनाना है।

फंडिंग से मिलेगा विस्तार

इस नए निवेश के साथ, Primus अब अपने विस्तार की योजना बना रहा है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह अगले कुछ सालों में 6 प्रमुख शहरों में 3,500 घरों का निर्माण करे। इसका उद्देश्य बुजुर्गों के जीवन को और भी बेहतर बनाना है, ताकि उन्हें सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि पूरी जीवन शैली और सेवाओं का एक संपूर्ण पैकेज मिल सके। इस फंडिंग से Primus का भारतीय एल्डर केयर सेक्टर में बड़ा प्रभाव पड़ेगा और यह बुजुर्गों की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखकर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा।

संस्थापकों का विज़न

Primus Senior Living के संस्थापक एक बड़ा और समर्पित लक्ष्य लेकर आए हैं। वे चाहते हैं कि बुजुर्गों को समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जाए और उन्हें किसी भी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े। इस विज़न के साथ, Primus बुजुर्गों की ज़िंदगी को न सिर्फ आसान बना रहा है, बल्कि उन्हें एक नई पहचान भी दे रहा है। यह स्टार्टअप सिर्फ एक हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि यह बुजुर्गों को एक नई ज़िंदगी जीने का मौका दे रहा है।

बुजुर्गों के लिए विशेष सेवाएं

Primus Senior Living द्वारा बुजुर्गों के लिए दी जा रही सेवाएं व्यापक हैं। इसमें न केवल उनके स्वास्थ्य की देखभाल शामिल है, बल्कि उनके जीवन को अधिक सामाजिक और सक्रिय बनाने के लिए वेलनेस और लाइफस्टाइल सेवाएं भी शामिल हैं। Primus का मानना है कि बुजुर्गों की देखभाल सिर्फ चिकित्सा सेवाओं तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए।

भारतीय एल्डर केयर सेक्टर में बढ़ती मांग

भारत में बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ रही है और उनके लिए विशेष सेवाओं की मांग भी बढ़ रही है। Primus Senior Living ने इस अवसर को समझा और एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जो भारतीय बुजुर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कंपनी का मानना है कि बुजुर्गों को समाज में सम्मान और सुविधा से जीने का अधिकार है, और Primus यह सुनिश्चित कर रहा है कि वे अपनी ज़िंदगी का हर पल खुशी से जी सकें।

निष्कर्ष

Primus Senior Living ने भारत में एल्डर केयर के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। $20 मिलियन की फंडिंग के साथ, यह कंपनी बुजुर्गों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। कंपनी के विस्तारित योजना और बुजुर्गों के लिए समर्पित सेवाओं के साथ, यह न केवल एक सफल व्यापार मॉडल बना रही है, बल्कि समाज के एक महत्वपूर्ण वर्ग के लिए जीवन को अधिक सुविधाजनक और सम्मानजनक बना रही है। Primus की यह पहल भारतीय एल्डर केयर सेक्टर को नए आयाम दे रही है, और इसका भविष्य काफी उज्जवल दिख रहा है।

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