Sukoon Unlimited seniors नागरिकों के लिए agetech startup ने $430K प्री-सीड फंडिंग जुटाई

Sukoon Unlimited

senior citizen के लिए एक एजटेक स्टार्टअप और सामुदायिक प्लेटफॉर्म, Sukoon Unlimited ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में $430K (लगभग 3.5 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस राउंड में कई प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया, जिनमें एंकरिज कैपिटल पार्टनर्स (भारत), डॉक्टर विनय जैन (ऑन्कोलॉजिस्ट और परोपकारी), मनीष दुरेजा, राहुल डैश, प्रांतिक मजूमदार, नीरज सागर, और सुधीर कमथ शामिल हैं।


Sukoon Unlimited फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएं

Sukoon Unlimited इस फंडिंग का उपयोग अपनी सेवाओं को उन्नत बनाने, संचालन को स्केल करने और भारत में वरिष्ठ नागरिकों के अपने समुदाय को विस्तार देने के लिए करेगा।

  • प्लेटफ़ॉर्म सुधार: नए फीचर्स और टेक्नोलॉजी का इंटिग्रेशन।
  • संचालन विस्तार: सेवाओं को और अधिक शहरों और समुदायों तक पहुंचाना।
  • सामुदायिक विकास: वरिष्ठ नागरिकों के लिए और अधिक समावेशी और सहयोगात्मक अनुभव प्रदान करना।

सुकून अनलिमिटेड: उद्देश्य और विशेषताएं

वरिष्ठ नागरिकों के लिए समग्र समाधान

2024 में विभा सिंघल द्वारा स्थापित, सुकून अनलिमिटेड वरिष्ठ नागरिकों के मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।

  • प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य है वरिष्ठ नागरिकों को उनके दैनिक जीवन में खुशी और उद्देश्य फिर से खोजने में मदद करना।
  • यह उन्हें समाज के एक सक्रिय और मूल्यवान हिस्से के रूप में महसूस कराने के लिए समर्थन प्रदान करता है।

कंवर्सेशनल एआई का उपयोग

सुकून अनलिमिटेड का सबसे बड़ा इनोवेशन है इसका कंवर्सेशनल एआई सिस्टम, जो 24×7 वरिष्ठ नागरिकों के लिए साथी और समर्थन का कार्य करता है।

  • यह तकनीक वरिष्ठ नागरिकों को अकेलेपन से बचाने में मदद करती है।
  • उन्हें हमेशा किसी से जुड़ा हुआ महसूस कराने के साथ उनकी प्रासंगिकता और आत्मविश्वास को बढ़ावा देती है।

सेवाएं और लाभ

काउंसलिंग और व्यक्तिगत सहायता

प्लेटफॉर्म वरिष्ठ नागरिकों को मेंटोरिंग, सपोर्ट और कनेक्शन प्रदान करता है। यह सेवाएं व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर उपलब्ध हैं।

ईवेंट्स और एक्टिविटी

  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किए गए इवेंट्स।
  • सामाजिक मेलजोल और नेटवर्किंग के लिए अवसर।

समुदाय आधारित समाधान

  • सुकून अनलिमिटेड वरिष्ठ नागरिकों को समाज में सक्रिय भूमिका निभाने का मौका देता है।
  • यह उन्हें नई पीढ़ी के साथ जोड़ने और उनके अनुभवों को साझा करने का मंच प्रदान करता है।

प्लेटफॉर्म की अब तक की उपलब्धियां

तेज़ी से बढ़ता नेटवर्क

लॉन्च के केवल आठ महीनों में, सुकून अनलिमिटेड ने:

  • 2,000 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों तक पहुंच बनाई।
  • 250 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
  • यह विस्तार मुख्यतः मौखिक प्रचार और रेफरल के माध्यम से हुआ।

ग्लोबल अपील

हालांकि प्लेटफॉर्म भारत केंद्रित है, इसकी सेवाओं ने वैश्विक स्तर पर भी वरिष्ठ नागरिकों को आकर्षित किया है।


संस्थापक की दृष्टि

विभा सिंघल की सोच

विभा सिंघल का मानना है कि वरिष्ठ नागरिक समाज के सबसे मूल्यवान और अनुभवपूर्ण सदस्य हैं।

  • उनका उद्देश्य है कि इस वर्ग को अकेलेपन, असुरक्षा और निष्क्रियता से बचाकर उनके जीवन को फिर से उत्साह और सक्रियता से भर दिया जाए।
  • उन्होंने सुकून अनलिमिटेड को एक ऐसा मंच बनाने का सपना देखा, जहां हर वरिष्ठ नागरिक को उनके अनुभव और ज्ञान के लिए सम्मानित किया जाए।

निवेशकों का दृष्टिकोण

एंकरिज कैपिटल पार्टनर्स

निवेशकों ने सुकून अनलिमिटेड की कंवर्सेशनल एआई तकनीक और समुदाय आधारित दृष्टिकोण को बड़ी क्षमता के रूप में देखा।

  • उनका मानना है कि यह प्लेटफ़ॉर्म भारत में वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है।

डॉ. विनय जैन का समर्थन

डॉ. जैन ने कहा कि सुकून अनलिमिटेड जैसे स्टार्टअप्स समाज में वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों को समझने और पूरा करने की दिशा में क्रांतिकारी साबित होंगे।


भारत में एगटेक इंडस्ट्री का भविष्य

वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती आबादी

भारत में वरिष्ठ नागरिकों की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है।

  • ऐसे में सुकून अनलिमिटेड जैसे प्लेटफॉर्म उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

नवाचार और सामाजिक प्रभाव

  • एगटेक स्टार्टअप्स में तकनीकी नवाचार समाज में गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।
  • भारत में इस क्षेत्र में निवेश और विकास की व्यापक संभावनाएं हैं।

निष्कर्ष

सुकून अनलिमिटेड ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में $430K जुटाकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए एगटेक स्पेस में एक बड़ा कदम उठाया है।

  • प्लेटफ़ॉर्म ने कंवर्सेशनल एआई और सामुदायिक दृष्टिकोण के माध्यम से एक अनोखा समाधान प्रदान किया है।
  • भारत में वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए, यह स्टार्टअप उनके जीवन को खुशी, उद्देश्य और समर्थन प्रदान करने की दिशा में अग्रणी साबित हो सकता है।
  • निवेशकों और समाज का बढ़ता समर्थन इसे भविष्य में और अधिक सफल बनाएगा।

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OrbitAID

चेन्नई स्थित spacetech स्टार्टअप OrbitAID (OrbitAID) ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में $1.5 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Unicorn India Ventures ने किया, जिसमें तमिलनाडु सरकार के TANSIM ने भी भाग लिया।


OrbitAID फंडिंग का उपयोग और कंपनी की योजनाएं

OrbitAID इस फंडिंग का उपयोग स्पेस ऑपरेशंस में उन्नति और सुविधाओं के विस्तार के लिए करेगी। कंपनी ने निम्नलिखित लक्ष्यों की घोषणा की है:

  1. इन-स्पेस डेमोंस्ट्रेशन: अंतरिक्ष में डॉकिंग और रीफ्यूलिंग ऑपरेशंस का प्रदर्शन करना।
  2. ऑन-ऑर्बिट सर्विसिंग ऑपरेशंस: इन सेवाओं को और अधिक उन्नत करने के लिए सुविधाओं का विस्तार।
  3. SIDRP तकनीक को व्यावसायिक रूप से तैयार करना: कंपनी की स्टैंडर्ड इंटरफेस डॉकिंग एंड रीफ्यूलिंग पोर्ट (SIDRP) तकनीक को बाजार में उतारने के लिए तैयार करना।
  4. टीम का विस्तार: स्पेसटेक ऑपरेशंस को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों की भर्ती।

ऑर्बिटएआईडी का उद्देश्य और फोकस

सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस

2021 में स्थापित, ऑर्बिटएआईडी का उद्देश्य अंतरिक्ष में सतत संचालन को बढ़ावा देना है। कंपनी ऑर्बिट में रीफ्यूलिंग सॉल्यूशंस के माध्यम से एक ऐसा नेटवर्क तैयार कर रही है, जिसमें विभिन्न कक्षाओं (orbits) में ईंधन स्टेशन स्थापित किए जाएं।

इनोवेशन के लिए प्रतिबद्धता

  • ऑर्बिटएआईडी ने स्पेस ऑपरेशंस को अधिक कुशल और किफायती बनाने के लिए उन्नत तकनीकों का विकास किया है।
  • कंपनी की पेटेंटेड SIDRP तकनीक इसका प्रमुख उदाहरण है।

SIDRP तकनीक: एक नई दिशा

परीक्षण और सफलता

ऑर्बिटएआईडी ने हाल ही में अपनी SIDRP तकनीक का फ्लोरिडा में ज़ीरो-ग्रैविटी फ्लाइट के दौरान सफल परीक्षण किया।

  • इस तकनीक ने डॉकिंग और रीफ्यूलिंग टेस्ट में Technology Readiness Level (TRL) 7 तक पहुंच बनाई है।
  • यह तकनीक अंतरिक्ष में वाहनों को दोबारा ईंधन भरने और डॉकिंग के लिए बेहतर समाधान प्रदान करती है।

फायदे

  • सस्टेनेबल ऑपरेशंस: यह तकनीक अंतरिक्ष यान के मिशन जीवन को बढ़ाती है।
  • लागत प्रभावी: ईंधन स्टेशनों के नेटवर्क के माध्यम से अंतरिक्ष अभियानों की लागत कम होगी।
  • प्रत्येक ऑर्बिट में एक्सेस: SIDRP तकनीक विभिन्न कक्षाओं में स्थापित की जा सकती है, जिससे वैश्विक स्पेस ऑपरेशंस को लाभ होगा।

पिछले 12 महीनों में प्रगति

कंपनी ने बीते वर्ष में उल्लेखनीय प्रगति की है:

  1. तकनीकी विकास: डॉकिंग और रीफ्यूलिंग परीक्षणों में TRL 7 हासिल किया।
  2. पार्टनरशिप: कई महत्वपूर्ण साझेदारियां और सहयोग किए।
  3. पेटेंटेड तकनीक का प्रदर्शन: अपनी तकनीक का सफल परीक्षण और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई।

फाउंडर्स और उनकी सोच

सक्थिकुमार आर, निखिल बालासुब्रमण्यम, और मनो बालाजी

  • ऑर्बिटएआईडी के तीनों संस्थापकों ने स्पेसटेक इंडस्ट्री में क्रांति लाने का लक्ष्य रखा है।
  • उनकी सोच है कि भविष्य में अंतरिक्ष मिशनों को अधिक किफायती और सस्टेनेबल बनाया जा सके।
  • कंपनी ने अपने आरंभ से ही उच्च तकनीकी नवाचार और व्यावसायिक दृष्टिकोण पर जोर दिया है।

स्पेस में फ्यूल स्टेशन का नेटवर्क

फाउंडर्स का मानना है कि भविष्य में अंतरिक्ष में फ्यूल स्टेशनों का नेटवर्क एक गेम-चेंजर साबित होगा। यह अंतरिक्ष अभियानों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा।


फंडिंग का महत्व और निवेशकों का योगदान

यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स का दृष्टिकोण

यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स ने ऑर्बिटएआईडी की तकनीकी क्षमताओं और उसके मिशन को पहचाना।

  • निवेशक मानते हैं कि ऑर्बिटएआईडी सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस के क्षेत्र में एक अग्रणी कंपनी बन सकती है।

TANSIM की भागीदारी

तमिलनाडु सरकार के TANSIM ने इस फंडिंग में भाग लेकर भारतीय स्पेसटेक स्टार्टअप्स को समर्थन दिया है।

  • यह भारत में नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

भारत में स्पेसटेक इंडस्ट्री का भविष्य

सस्टेनेबल स्पेसटेक की बढ़ती मांग

  • अंतरिक्ष में ईंधन भरने और डॉकिंग तकनीक की बढ़ती मांग को देखते हुए, ऑर्बिटएआईडी जैसे स्टार्टअप्स के पास अपार संभावनाएं हैं।
  • भारत के पास वैश्विक स्पेसटेक इंडस्ट्री में अग्रणी बनने का अवसर है।

सरकार और निजी क्षेत्र का सहयोग

  • TANSIM जैसी सरकारी एजेंसियों का सहयोग स्पेसटेक स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • निजी निवेश और सरकारी भागीदारी से भारत की स्पेसटेक इंडस्ट्री में तेजी से विकास होगा।

निष्कर्ष

ऑर्बिटएआईडी ने प्री-सीड फंडिंग में $1.5 मिलियन जुटाकर सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

  • कंपनी की SIDRP तकनीक और अंतरिक्ष में फ्यूल स्टेशनों का नेटवर्क अंतरिक्ष अभियानों को किफायती और प्रभावी बनाएगा।
  • भारत में स्पेसटेक इंडस्ट्री के विकास के लिए ऑर्बिटएआईडी जैसे स्टार्टअप्स प्रेरणास्रोत साबित होंगे।
  • यह फंडिंग न केवल ऑर्बिटएआईडी के लिए बल्कि भारत के स्पेसटेक इकोसिस्टम के लिए भी एक मील का पत्थर है।

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Eccentric Engine, जिसे अब Eccentric Engine के नाम से जाना जाता है, ने अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में $5 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व एक्सफिनिटी वेंचर पार्टनर्स और अर्कम वेंचर्स ने किया। यह कंपनी के लिए पहला बाहरी फंडिंग राउंड है।


Eccentric Engine फंडिंग का उपयोग

इस फंडिंग का उपयोग Eccentric Engine द्वारा निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  1. वैश्विक स्तर पर विस्तार: कंपनी अपने ग्राहकों और सेवाओं का विस्तार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में करेगी।
  2. वन3डी प्लेटफॉर्म का उन्नयन: कंपनी अपने प्रोप्राइटरी वन3डी प्लेटफॉर्म को और अधिक उन्नत बनाने की दिशा में काम करेगी।

कंपनी की पृष्ठभूमि और वन3डी प्लेटफॉर्म

2012 में गौरव राणे और वरुण शाह द्वारा स्थापित, एक्सेंट्रिक ने वन3डी नामक एक अत्याधुनिक रियल-टाइम 3डी रेंडरिंग प्लेटफॉर्म विकसित किया है।

  • यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से ऑटोमोटिव OEMs और डीलरशिप के लिए डिजाइन किया गया है।
  • वन3डी प्लेटफॉर्म को ऐसे बनाया गया है कि यह सभी ओईएम वर्कफ्लो में आसानी से इंटीग्रेट हो सके, जिससे डीलरशिप संचालन को बेहतर बनाया जा सके।
  • यह 3डी पाइपलाइन में ऑप्टिमाइजेशन लाता है, जिससे ऑटो ब्रांड्स 3डी ओमनीचैनल एक्सपर्टाइज को तेज और सटीक तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं।

एक्सेंट्रिक के ग्राहक

कंपनी के ग्राहक दुनिया के अग्रणी ऑटोमोबाइल ब्रांड्स में शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • मारुति सुजुकी
  • टाटा मोटर्स
  • टोयोटा
  • हुंडई
  • स्टेलैंटिस

इन ग्राहकों के साथ साझेदारी ने एक्सेंट्रिक को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।


वन3डी प्लेटफॉर्म की विशेषताएं और लाभ

इंटीग्रेशन में आसान

  • वन3डी प्लेटफॉर्म को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों के वर्कफ्लो में बिना किसी बाधा के जुड़ सकता है।

ऑनलाइन रिटेल एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना

  • यह प्लेटफॉर्म ऑनलाइन रिटेल एक्सपीरियंस को बेहतर बनाता है, जिससे ग्राहक 3डी तकनीक के जरिए वाहनों की बारीकियों को समझ सकते हैं।

स्पीड और एक्यूरसी

  • प्लेटफॉर्म की 3डी ओमनीचैनल क्षमताएं बाजार में तेज और सटीक प्रदर्शन सुनिश्चित करती हैं।

डीलरशिप संचालन को सशक्त बनाना

  • वन3डी प्लेटफॉर्म डीलरशिप संचालन को प्रभावी बनाकर उन्हें ग्राहकों के साथ बेहतर कनेक्ट करने में मदद करता है।

फंडिंग का नेतृत्व और भविष्य की योजनाएं

एक्सफिनिटी वेंचर पार्टनर्स और अर्कम वेंचर्स का योगदान

  • इन दोनों वेंचर पार्टनर्स ने कंपनी को वैश्विक स्तर पर अपने पैर फैलाने और तकनीकी विकास के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की है।
  • यह सहयोग एक्सेंट्रिक को वैश्विक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद करेगा।

भविष्य की योजनाएं

  • कंपनी का उद्देश्य है कि वह अपने वन3डी प्लेटफॉर्म को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेश कर सके।
  • इसके साथ ही, नए-नए फीचर्स जोड़कर इसे और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की योजना है।

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में 3डी तकनीक की भूमिका

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में योगदान

  • 3डी तकनीक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में अहम भूमिका निभा रही है।
  • यह तकनीक ब्रांड्स को न केवल अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करने में मदद करती है, बल्कि ग्राहकों को भी खरीदारी के दौरान एक अनूठा अनुभव देती है।

ग्राहकों के लिए बेहतर अनुभव

  • ग्राहक अब ऑनलाइन वाहनों की 3डी प्रोजेक्शन के माध्यम से उन्हें करीब से देख और समझ सकते हैं।
  • यह तकनीक ग्राहकों को एक रियल-टाइम वर्चुअल अनुभव प्रदान करती है।

भारत में 3डी टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का भविष्य

उभरते हुए अवसर

  • भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, और इसके साथ ही 3डी टेक्नोलॉजी की मांग भी बढ़ रही है।
  • एक्सेंट्रिक जैसे स्टार्टअप्स इस इंडस्ट्री में डिजिटल नवाचार ला रहे हैं।

वैश्विक विस्तार का अवसर

  • एक्सेंट्रिक की योजना वैश्विक स्तर पर अपनी सेवाओं का विस्तार करने की है।
  • यह कदम भारतीय तकनीकी स्टार्टअप्स के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।

निष्कर्ष

एक्सेंट्रिक ने अपनी पहली बाहरी फंडिंग में $5 मिलियन जुटाकर अपने विकास की यात्रा में एक बड़ा कदम उठाया है।

  • वन3डी प्लेटफॉर्म के माध्यम से कंपनी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है।
  • इस फंडिंग से कंपनी न केवल अपने तकनीकी विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी मौजूदगी भी मजबूत करेगी।
  • एक्सेंट्रिक की यह पहल भारत को 3डी टेक्नोलॉजी और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में एक वैश्विक खिलाड़ी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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Sarla Aviation

SARLA AVIATION, एक एयरोस्पेस स्टार्टअप जो इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सियों का निर्माण कर रहा है, ने हाल ही में $10 मिलियन की फंडिंग हासिल की है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Accel ने किया, जिसमें Flipkart के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल, Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ, और Swiggy के श्रीहर्ष माजेती जैसे एंजेल निवेशकों ने भाग लिया।

SARLA AVIATION फंडिंग का उद्देश्य

SARLA AVIATION ने फंडिंग का उपयोग बेंगलुरु में रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने के लिए करने की योजना बनाई है।

  • कंपनी का लक्ष्य है कि वह 2028 तक फ्लाइंग टैक्सी सेवा लॉन्च कर सके।
  • इस फंड का उपयोग उन्नत प्रोटोटाइप तैयार करने और तकनीकी विकास के लिए किया जाएगा।

कंपनी का इतिहास और लक्ष्य

सारला एविएशन की स्थापना 2024 में एड्रियन श्मिट, राकेश गांवकर, और शिवम चौहान ने की थी।

  • कंपनी का पहला प्रोटोटाइप, शून्य, 17 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में प्रदर्शित किया जाएगा।
  • यह प्रोटोटाइप 680 किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम होगा और इसमें छह यात्री और एक पायलट समा सकते हैं।

फ्लाइंग टैक्सी सेवा की तैयारी

सारला एविएशन ने पिछले साल बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ साझेदारी की थी।

  • इस साझेदारी का उद्देश्य फ्लाइंग टैक्सी सेवा के लिए आवश्यक ढांचागत विकास और टेस्टिंग तैयार करना था।
  • कंपनी का फोकस है कि वह इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी के माध्यम से यात्रा को तेज, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बना सके।

भारत में एयरोस्पेस और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का उभरता क्षेत्र

फ्लाइंग टैक्सियों की बढ़ती मांग

  • शहरीकरण और ट्रैफिक की समस्या के चलते फ्लाइंग टैक्सियों का उपयोग भविष्य की यात्रा का अहम हिस्सा बन सकता है।
  • इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (eVTOL) तकनीक के जरिए कम समय में लंबी दूरी तय करना संभव होगा।

सारला एविएशन की भूमिका

  • कंपनी भारतीय और वैश्विक बाजारों में इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सियों के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है।
  • इसका उद्देश्य यात्रा को तेज, किफायती और पर्यावरण-अनुकूल बनाना है।

Accel का योगदान और भविष्य की योजनाएं

Accel का $650 मिलियन फंड

सारला एविएशन को समर्थन देने वाली Accel ने हाल ही में $650 मिलियन का आठवां फंड लॉन्च किया है।

  • यह फंड एंटरप्राइज AI, कंज्यूमर सर्विसेज, फिनटेक, और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में शुरुआती स्टार्टअप्स का समर्थन करेगा।

सारला एविएशन के लिए रणनीतिक निवेश

  • Accel का यह निवेश भारत के एयरोस्पेस इनोवेशन को बढ़ावा देने का संकेत है।
  • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और क्लीन एनर्जी सॉल्यूशंस पर ध्यान केंद्रित करते हुए, Accel ने सारला एविएशन को एक लंबी अवधि के पार्टनर के रूप में चुना है।

प्रोटोटाइप “शून्य” की विशेषताएं

सारला एविएशन का पहला प्रोटोटाइप “शून्य” आधुनिक तकनीकों से लैस होगा।

  • वजन क्षमता: 680 किलोग्राम
  • यात्री क्षमता: 6 यात्री और 1 पायलट
  • तकनीक: eVTOL, जो उड़ान भरने और लैंड करने के लिए वर्टिकल टेक-ऑफ तकनीक का उपयोग करती है।

2028 तक का रोडमैप

  • आरएंडडी केंद्र की स्थापना
  • नवाचार और डिज़ाइन में सुधार
  • फ्लाइंग टैक्सियों की टेस्टिंग और प्रमाणन
  • शहरी और अंतर-शहरी हवाई यात्रा के लिए बुनियादी ढांचे का विकास

सारला एविएशन के निवेशकों की भूमिका

एंजेल निवेशकों का समर्थन

  • बिन्नी बंसल, निखिल कामथ, और श्रीहर्ष माजेती जैसे एंजेल निवेशकों का योगदान सारला एविएशन को वित्तीय मजबूती और उद्योग में गहन अनुभव प्रदान करेगा।

इनोवेशन और रणनीतिक साझेदारी

  • निवेशकों का नेटवर्क और अनुभव स्टार्टअप को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगा।

निष्कर्ष

सारला एविएशन का यह कदम भारतीय एयरोस्पेस और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने की तैयारी है।

  • $10 मिलियन की फंडिंग और नए प्रोटोटाइप शून्य के लॉन्च के साथ, कंपनी ने अपने दृष्टिकोण को मजबूत किया है।
  • 2028 तक फ्लाइंग टैक्सियों को वास्तविकता में बदलने की यह पहल भारतीय शहरों को भविष्य की यात्रा तकनीकों से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
  • यह प्रयास पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों और तेज शहरी परिवहन समाधानों को बढ़ावा देगा, जिससे भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

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Cornerstone Ventures $200 मिलियन के दूसरे फंड की पहली क्लोजिंग, $40 मिलियन जुटाए

Cornerstone Ventures

Cornerstone Venture नामक SaaS-फोकस्ड वेंचर कैपिटल फर्म ने अपने $200 मिलियन के टारगेटेड दूसरे फंड की पहली क्लोजिंग $40 मिलियन पर पूरी कर ली है।

Cornerstone Venture सुरेश पारेख बने नए जनरल पार्टनर

Cornerstone Venture ने सुरेश पारेख का स्वागत अपने नए जनरल पार्टनर के रूप में किया है।

  • सुरेश पारेख, सुकवी वेंचर्स के संस्थापक और एलीफेंट कैनवास एलएलपी के सह-संस्थापक हैं।
  • एलीफेंट कैनवास LLP एक डिजिटल फाइन आर्ट NFT मार्केटप्लेस है, जो NewartX ब्रांड के तहत काम करता है।

पहली क्लोजिंग में घरेलू निवेशकों की भागीदारी

इस फंड की पहली क्लोजिंग में घरेलू निवेशकों ने भाग लिया है। इनमें शामिल हैं:

  • हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs)
  • फैमिली ऑफिसेस
  • कॉर्पोरेट्स
  • अन्य संस्थागत निवेशक

फंड की संरचना और निवेश का दायरा

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का यह फंड लचीले टिकट साइज की पेशकश करेगा, जो $5 मिलियन से $15 मिलियन के बीच होगा।

  • यह फंड शुरुआती स्टेज से लेकर ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स में निवेश करेगा।
  • SaaS प्लेटफॉर्म और मार्केटप्लेस में विशेषज्ञता रखने वाले इस फंड का ध्यान निम्नलिखित क्षेत्रों पर केंद्रित होगा:
    1. वित्तीय सेवाएं और बीमा
    2. रिटेल, कंज्यूमर गुड्स और ईकॉमर्स
    3. डिस्ट्रिब्यूशन और सप्लाई चेन
    4. हेल्थकेयर उत्पाद और सेवाएं

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का उद्देश्य

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का उद्देश्य है:

  • भारत और वैश्विक बाजारों में उच्च क्षमता वाले स्टार्टअप्स को पूंजी और मार्गदर्शन प्रदान करना।
  • SaaS-फोकस्ड कंपनियों को डिजिटल इनोवेशन और टेक्नोलॉजिकल विकास के लिए सक्षम बनाना।
  • स्टार्टअप्स को स्केलेबिलिटी और लंबे समय तक टिकाऊ व्यापार मॉडल बनाने में मदद करना।

भारतीय SaaS इंडस्ट्री में उभरते अवसर

तेजी से बढ़ता बाजार

  • भारतीय SaaS कंपनियां वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं।
  • रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत का SaaS बाजार 2026 तक $50-70 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का योगदान

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स जैसी फर्में इस क्षेत्र में नई तकनीकों और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए पूंजी निवेश कर रही हैं।

  • फर्म की निवेश रणनीति डायवर्सिफिकेशन और उच्च ग्रोथ पोटेंशियल पर केंद्रित है।
  • हेल्थकेयर, ईकॉमर्स और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में निवेश से यह फर्म लॉन्ग-टर्म रिटर्न को सुनिश्चित करेगी।

नए जनरल पार्टनर सुरेश पारेख का अनुभव

डिजिटल और फाइन आर्ट के क्षेत्र में योगदान

  • सुरेश पारेख ने NewartX ब्रांड के माध्यम से डिजिटल आर्ट और NFT मार्केटप्लेस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
  • उनके व्यावसायिक दृष्टिकोण और गहन अनुभव से कॉर्नरस्टोन वेंचर्स को लाभ होगा।

स्ट्रेटेजिक लीडरशिप

  • सुरेश पारेख की रणनीतिक सोच और फाइनेंशियल इनोवेशन में विशेषज्ञता फंड के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होगी।

फंड के पहले क्लोज की अहमियत

निवेशकों का भरोसा

  • $40 मिलियन की पहली क्लोजिंग यह दर्शाती है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशक कॉर्नरस्टोन वेंचर्स के दृष्टिकोण और रणनीति पर भरोसा कर रहे हैं।
  • HNIs और फैमिली ऑफिसेस जैसे नए निवेशकों की भागीदारी से फंड को मजबूती मिलेगी।

फंड का प्रभाव

  • यह फंड शुरुआती और बढ़ती हुई SaaS कंपनियों को संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
  • भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को नया आयाम देने में मददगार साबित होगा।

निष्कर्ष

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स ने $200 मिलियन फंड की पहली क्लोजिंग के साथ भारतीय SaaS इंडस्ट्री में एक मजबूत कदम रखा है।

  • नए जनरल पार्टनर सुरेश पारेख की विशेषज्ञता और घरेलू निवेशकों की भागीदारी से फंड को गति मिलेगी।
  • फर्म की निवेश रणनीति और SaaS-फोकस्ड दृष्टिकोण भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में मदद करेगा।

इस पहल से न केवल SaaS क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हेल्थकेयर, फाइनेंस, ईकॉमर्स और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में भी तकनीकी नवाचार को गति मिलेगी।

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B2B सीफूड स्टार्टअप Captain Fresh IPO की तैयारी में जुटा

Captain Fresh

बेंगलुरु स्थित B2B सीफूड स्टार्टअप Captain Fresh अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) की तैयारी कर रहा है। इसके तहत, कंपनी ने हाल ही में मोतिलाल ओसवाल ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है। माना जा रहा है कि यह फंडिंग कंपनी की प्री-IPO तैयारी का हिस्सा है।

Captain Fresh का यह कदम कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के बाद आया है, हालांकि यह अपने घाटे को नियंत्रित करने में अभी तक पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है।


Captain Fresh का वित्तीय प्रदर्शन

FY24 में राजस्व में शानदार बढ़ोतरी

  • कंपनी का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में 71% बढ़कर 1,395 करोड़ रुपये हो गया।
  • FY23 में GMV 817 करोड़ रुपये था।
  • इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण उत्पादों की बिक्री थी, जिसने कुल ऑपरेटिंग राजस्व का 99.28% योगदान दिया।

अन्य राजस्व स्रोत

  • उत्पादों की बिक्री से 1,385 करोड़ रुपये का राजस्व हुआ।
  • अन्य ऑपरेटिंग राजस्व और सेवाओं की बिक्री से क्रमशः 8.7 करोड़ रुपये और 1.3 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
  • कंपनी ने 27 करोड़ रुपये ब्याज आय से भी कमाए, जिससे FY24 में कुल राजस्व 1,422 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

Captain Fresh: व्यवसाय मॉडल और परिचालन

Captain Fresh एक बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) सीफूड मार्केटप्लेस है, जो फार्म-टू-रिटेल प्लेटफॉर्म के जरिए मछली, समुद्री खाद्य पदार्थ और भेड़ जैसे पशु प्रोटीन की आपूर्ति करता है।

सप्लाई चैन मॉडल

  • कंपनी सीधे एजेंट्स या किसानों से खरीद करती है।
  • इसके बाद यह उत्पादों की आपूर्ति B2B, B2R (बिजनेस-टू-रिटेल), और B2B2C चैनलों के माध्यम से करती है।

प्रौद्योगिकी का उपयोग

Captain Fresh अपने बिड इंजन, प्रोप्रायटरी क्वालिटी इंस्पेक्शन और सैटेलाइट तकनीक का उपयोग करती है।

  • यह तकनीक मांग और आपूर्ति के बीच सही मेल सुनिश्चित करती है।
  • इससे उत्पादों की गुणवत्ता और समय पर डिलीवरी की गारंटी मिलती है।

IPO की तैयारी और प्री-IPO फंडिंग

Captain Fresh द्वारा Motilal Oswal Group से प्राप्त 100 करोड़ रुपये की फंडिंग को IPO के लिए प्री-IPO फंडिंग का हिस्सा माना जा रहा है।

  • यह फंड कंपनी को विस्तार, परिचालन क्षमता बढ़ाने, और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में मदद करेगा।
  • IPO लॉन्च की तारीख की घोषणा फिलहाल नहीं की गई है, लेकिन कंपनी की तेजी से बढ़ती राजस्व स्थिति इस कदम को एक मजबूत आधार प्रदान करती है।

कंपनी की चुनौतियां और भविष्य की रणनीतियां

घाटे पर नियंत्रण का प्रयास

हालांकि Captain Fresh ने FY24 में राजस्व में बड़ी वृद्धि दर्ज की है, लेकिन यह अभी तक अपने घाटे को पूरी तरह नियंत्रित नहीं कर पाया है।

  • ऑपरेटिंग लागत और लॉजिस्टिक्स खर्च को कम करना कंपनी की प्राथमिकता है।

विस्तार योजनाएं

Captain Fresh भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रहा है।

  • नई तकनीक और सप्लाई चैन इनोवेशन के जरिए कंपनी अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना चाहती है।

किसानों और एजेंट्स के साथ संबंध

  • कंपनी स्थानीय किसानों और एजेंट्स के साथ मजबूत संबंध बनाने पर जोर दे रही है।
  • इससे उसे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

सीफूड बाजार में Captain Fresh की भूमिका

सीफूड इंडस्ट्री का बढ़ता बाजार

भारत में सीफूड की बढ़ती मांग और B2B मॉडल के प्रति बढ़ते रुझान ने Captain Fresh को तेजी से बढ़ने का मौका दिया है।

प्रतिस्पर्धा

  • इस क्षेत्र में Captain Fresh का मुकाबला अन्य B2B प्लेटफॉर्म और स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से है।
  • कंपनी ने गुणवत्ता, समय पर आपूर्ति, और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

सतत विकास पर जोर

Captain Fresh पर्यावरणीय स्थिरता और स्थानीय समुदायों के उत्थान पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।

  • यह जिम्मेदार मत्स्य पालन और सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता देता है।

निष्कर्ष

Captain Fresh का IPO और प्री-IPO फंडिंग इसे भारत के सीफूड मार्केट में एक अग्रणी नाम बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

  • FY24 में राजस्व में 71% की बढ़ोतरी और मजबूत फंडिंग ने कंपनी को एक मजबूत स्थिति में ला दिया है।
  • हालांकि, कंपनी को अपने घाटे को कम करने और संचालन को और अधिक कुशल बनाने की आवश्यकता है।

Captain Fresh का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले सीफूड उत्पादों की आपूर्ति के साथ-साथ भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करना है। IPO के बाद कंपनी की वृद्धि और बाजार में इसकी भूमिका देखने लायक होगी।

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Quick-commerce company Zepto को रिवर्स मर्जर के लिए NCLT की मंजूरी

Zepto

मुंबई आधारित क्विक-कॉमर्स फर्म Zepto ने अपनी डॉमिसाइल शिफ्ट करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से मंजूरी प्राप्त कर ली है। इस रिवर्स मर्जर के तहत Zepto अपनी सिंगापुर-आधारित इकाई Kiranakart Pte. Ltd. का विलय भारत की इकाई Kiranakart Technologies Private Limited के साथ करेगी।


NCLT का आदेश और Zepto की रणनीति

NCLT के 9 जनवरी 2025 के आदेश में कहा गया,

“याचिकाकर्ता कंपनी के निदेशक मंडल का मानना है कि यह योजना इकाई और उसके संबंधित हितधारकों, जैसे शेयरधारकों, कर्मचारियों और ऋणदाताओं के सर्वोत्तम हित में है।”

इस कदम को Zepto के प्रस्तावित प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


IPO की तैयारी में बड़ा कदम

Zepto भारत में अपने IPO को लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिसकी उम्मीद इस साल के अंत तक की जा रही है।

  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Zepto का लक्ष्य $400-500 मिलियन जुटाने का है।
  • IPO के लिए Zepto ने गोल्डमैन सैक्स, मॉर्गन स्टेनली, और एक्सिस कैपिटल को अपने बैंकर के रूप में चुना है।

यह रिवर्स मर्जर प्रक्रिया Zepto को भारत में अपने ऑपरेशन्स और कॉर्पोरेट संरचना को मजबूत करने में मदद करेगी, जिससे वह IPO की ओर तेजी से कदम बढ़ा सके।


Zepto की फंडिंग स्थिति

हाल की फंडिंग

  • Zepto ने हाल ही में $350 मिलियन की फंडिंग जुटाई है, जिसका नेतृत्व मोतिलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ ने किया।
  • इस फंडिंग राउंड के बाद कंपनी का मूल्यांकन $5 बिलियन तक पहुंच गया है।

पिछले फंडिंग राउंड्स

  • 2024 में, Zepto ने $1.35 बिलियन की बड़ी राशि जुटाई।
  • लॉन्च के बाद से अब तक कंपनी ने कुल $1.85 बिलियन की फंडिंग प्राप्त की है।

Zepto का विकास और रणनीति

तेजी से बढ़ता क्विक-कॉमर्स सेक्टर

  • Zepto भारत के क्विक-कॉमर्स बाजार में एक अग्रणी नाम बन चुका है।
  • यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों को 10 मिनट में डिलीवरी की सुविधा प्रदान करता है।

डिजिटल इंडिया के साथ तालमेल

  • भारत में तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन्स के चलते क्विक-कॉमर्स का विस्तार हुआ है।
  • Zepto ने इस बढ़ते ट्रेंड का लाभ उठाकर अपने बिज़नेस मॉडल को और मजबूत किया है।

लॉजिस्टिक्स और इनोवेशन

  • Zepto ने अपनी लॉजिस्टिक्स क्षमता को बेहतर बनाने और ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए नई तकनीकों और प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया है।

कंपनी का उद्देश्य और रणनीति

Zepto के संस्थापक आदित पालिचा और कौशल सिंह का कहना है कि कंपनी का उद्देश्य ग्राहकों को सुपरफास्ट डिलीवरी अनुभव प्रदान करना है।

  • कंपनी का फोकस मेट्रो शहरों के साथ-साथ टियर-2 और टियर-3 शहरों में विस्तार करना है।
  • Zepto अपनी टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन इनसाइट्स का उपयोग करके बेहतर डिलीवरी मॉडल बनाने पर जोर दे रहा है।

क्विक-कॉमर्स में प्रतिस्पर्धा

प्रमुख खिलाड़ी

Zepto का मुकाबला भारत में कई अन्य क्विक-कॉमर्स कंपनियों से है, जैसे:

  • ब्लिंकिट (पूर्व में ग्रोफर्स)
  • स्विगी इंस्टामार्ट
  • बिगबास्केट
  • डंज़ो

Zepto की बढ़त

  • तेजी से डिलीवरी और ग्राहक अनुभव पर ध्यान देने के कारण Zepto अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे है।
  • फंडिंग और मजबूत बैकर्स ने इसे एक मजबूत स्थिति में रखा है।

रिवर्स मर्जर का महत्व

डॉमिसाइल स्थानांतरण

  • सिंगापुर से भारत में डॉमिसाइल स्थानांतरित करने से Zepto को कॉर्पोरेट टैक्स और नियामक प्रक्रियाओं में राहत मिलेगी।
  • भारतीय बाजार में IPO लॉन्च करना अब आसान होगा।

हस्तांतरण प्रक्रिया

  • Kiranakart Pte. Ltd. और Kiranakart Technologies Private Limited का विलय Zepto की संरचना को और सरल करेगा।
  • इससे कंपनी का प्रबंधन और संचालन अधिक कुशल होगा।

भविष्य की योजनाएं

Zepto ने अपने भविष्य के लिए निम्नलिखित लक्ष्यों को निर्धारित किया है:

  1. IPO की सफलता: IPO के माध्यम से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी के विस्तार और नवाचार में किया जाएगा।
  2. नए शहरों में विस्तार: Zepto का लक्ष्य है कि वह भारत के हर प्रमुख शहर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए।
  3. ग्राहक अनुभव में सुधार: बेहतर तकनीकी समाधानों के माध्यम से ग्राहकों को और अधिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
  4. पर्यावरणीय स्थिरता: Zepto पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए ग्रीन डिलीवरी विकल्प को प्राथमिकता देगा।

निष्कर्ष

Zepto का रिवर्स मर्जर और भारत में डॉमिसाइल स्थानांतरित करने का फैसला कंपनी के लिए एक साहसिक कदम है। यह न केवल कंपनी की वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देगा बल्कि उसे भारतीय बाजार में और गहराई से प्रवेश करने में भी मदद करेगा।

IPO के माध्यम से जुटाई जाने वाली राशि और कंपनी की विस्तार योजनाएं इसे भारत के सबसे बड़े क्विक-कॉमर्स ब्रांड्स में से एक बनाने के लिए तैयार कर रही हैं। Zepto की यह यात्रा न केवल स्टार्टअप इंडस्ट्री बल्कि भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो सकती है।

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WeWork India ने ₹500 करोड़ जुटाए, कर्जमुक्त बनने की दिशा में बड़ा कदम

WeWork India

लचीले वर्कस्पेस ऑपरेटर WeWork India ने ₹500 करोड़ (लगभग $57.8 मिलियन) की राशि राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाई है। यह फंड कंपनी के कर्ज चुकाने, कर्जमुक्त बनने और पूंजी लागत को कम करने में उपयोग किया जाएगा।


WeWork India की वर्तमान स्थिति

WeWork India इस समय भारत के आठ शहरों में सक्रिय है और इसके पास 1 लाख से अधिक डेस्क हैं। कंपनी का फोकस अपने महत्वपूर्ण साझेदारों, जैसे भूमि मालिकों, इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स (IPCs) और सदस्यों के साथ मजबूत रिश्ते बनाने पर है।

शहरों में उपस्थिति

वीवर्क इंडिया ने 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से तेजी से विस्तार किया है। वर्तमान में कंपनी के पास 63 परिचालन केंद्र हैं, जो निम्नलिखित शहरों में स्थित हैं:

  • चेन्नई
  • नई दिल्ली
  • गुरुग्राम
  • नोएडा
  • मुंबई
  • बेंगलुरु
  • पुणे
  • हैदराबाद

राजस्व में वृद्धि

वीवर्क इंडिया का ऑपरेशनल रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024 में 26.7% की वृद्धि के साथ ₹1,665 करोड़ तक पहुंच गया।

  • पिछले वित्त वर्ष (FY23) में कंपनी ने ₹1,315 करोड़ का राजस्व अर्जित किया था।
  • यह वृद्धि दर्शाती है कि कंपनी भारत में अपनी मजबूत पकड़ बना रही है और फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस की बढ़ती मांग को भुना रही है।

फंड का उपयोग

कंपनी ने अपने ताजा फंडिंग राउंड के जरिए निम्नलिखित उद्देश्यों को हासिल करने की योजना बनाई है:

  1. कर्ज चुकाना: कंपनी का मुख्य उद्देश्य अपने मौजूदा कर्ज को कम करना है।
  2. कर्जमुक्त बनना: फंडिंग के जरिए कंपनी कर्जमुक्त बनने की दिशा में आगे बढ़ेगी।
  3. पूंजी लागत कम करना: कर्ज कम होने के साथ-साथ पूंजी की लागत भी घटेगी, जिससे वित्तीय स्थिरता में सुधार होगा।

वीवर्क की वैश्विक चुनौतियां और वापसी

2023 में वित्तीय संकट

वीवर्क, जो कभी को-वर्किंग स्पेस प्रोवाइडर के रूप में विश्वभर में एक बड़ी कंपनी थी, ने 2023 और 2024 में कई वित्तीय चुनौतियों का सामना किया।

  • नवंबर 2023 में वीवर्क ने अमेरिका में चैप्टर 11 बैंकरप्सी फाइल की।
  • हालांकि, कुछ महीनों के भीतर कंपनी ने खुद को दिवालियापन से उबारा।

भारत में स्थिति स्थिर

जबकि वैश्विक स्तर पर वीवर्क को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, भारत में इसका कारोबार स्थिर रहा। भारत में लचीले वर्कस्पेस की बढ़ती मांग ने कंपनी को राजस्व बढ़ाने और अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद की।


फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस का महत्व

बढ़ती मांग

  • वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड वर्क मॉडल्स के चलन के साथ, फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस की मांग तेजी से बढ़ी है।
  • कंपनियां पारंपरिक कार्यालयों की बजाय लचीले वर्कस्पेस का विकल्प चुन रही हैं।

लाभदायक मॉडल

  • फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस कंपनियों को लागत में कटौती और कर्मचारियों को बेहतर वर्क एनवायरनमेंट प्रदान करने में मदद करते हैं।
  • वीवर्क इंडिया इस ट्रेंड को समझते हुए अपने मॉडल को और अधिक कुशल बना रहा है।

वीवर्क इंडिया का भविष्य

नई योजनाएं

  • कंपनी का लक्ष्य भारत के और शहरों में विस्तार करना है।
  • नए उत्पाद और सेवाएं पेश करने की योजना भी बनाई जा रही है।

मजबूत साझेदारियां

  • वीवर्क इंडिया ने अपनी साझेदारियों को मजबूत किया है, जिससे उसे लंबी अवधि में स्थिरता मिलेगी।
  • भूमि मालिकों और IPCs के साथ मजबूत रिश्ते कंपनी के विस्तार में सहायक होंगे।

सदस्यों के अनुभव पर जोर

  • ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए कंपनी तकनीक और नवाचार का उपयोग कर रही है।
  • वर्कस्पेस को अधिक सुविधाजनक और उत्पादक बनाने के लिए नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं।

प्रतिस्पर्धा में वीवर्क इंडिया की स्थिति

भारत में प्रतिस्पर्धा

  • भारत में फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस बाजार में वीवर्क इंडिया का मुकाबला Awfis, Smartworks, और Regus जैसे ब्रांड्स से है।
  • हालांकि, वीवर्क इंडिया का ब्रांड वैल्यू और मजबूत नेटवर्क इसे प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाता है।

यूनीक सेलिंग प्वाइंट (USP)

  • वीवर्क इंडिया का ध्यान प्रीमियम लोकेशंस, स्मार्ट डिज़ाइन, और फ्लेक्सिबल प्राइसिंग पर है, जो इसे अन्य ब्रांड्स से अलग बनाता है।

निष्कर्ष

वीवर्क इंडिया का ₹500 करोड़ की फंडिंग जुटाना उसकी वित्तीय स्थिरता और विकास योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। जहां वैश्विक स्तर पर वीवर्क को चुनौतियों का सामना करना पड़ा, वहीं भारत में कंपनी ने अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है।

फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस की बढ़ती मांग और नई योजनाओं के साथ, वीवर्क इंडिया न केवल अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए तैयार है, बल्कि कर्जमुक्त बनने और अपने कारोबार का तेजी से विस्तार करने की दिशा में भी बढ़ रहा है।

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Boba Bhai ने सीरीज़ ए फंडिंग में जुटाए ₹30 करोड़,

Boba Bhai

बबल टी और फूड आइटम्स पर केंद्रित क्विक-सर्विस रेस्तरां (QSR) ब्रांड Boba Bhai ने अपनी सीरीज़ ए फंडिंग राउंड में ₹30 करोड़ (लगभग $3.4 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व 8i Ventures ने किया, जिसमें Titan Capital Winners Fund, Global Growth Capital, और DEVC जैसे मौजूदा निवेशकों ने भी भाग लिया।


Boba Bhai पहले भी जुटा चुका है फंडिंग

Boba Bhai ने अप्रैल 2023 में ₹12.5 करोड़ की सीड फंडिंग जुटाई थी। इस राउंड का नेतृत्व Titan Capital और Global Growth Capital UK ने किया था।


फंडिंग का उपयोग

बोबा भाई अपनी नई फंडिंग का उपयोग कई रणनीतिक पहलुओं में करेगा:

  1. नई सिटी में विस्तार: ब्रांड का लक्ष्य नई जगहों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना है।
  2. मौजूदा बाजारों में संचालन का विस्तार: पहले से मौजूद लोकेशन्स पर ऑपरेशंस को मजबूत करना।
  3. नए मेन्यू विकल्प पेश करना: ग्राहकों के लिए इनोवेटिव और आकर्षक मेन्यू लाना।
  4. सब-ब्रांड लॉन्च करना: क्यूएसआर सेगमेंट में नए सब-ब्रांड्स को भी पेश करने की योजना।
  5. ऑपरेशनल क्षमता में सुधार: हर लोकेशन पर बेहतरीन ग्राहक अनुभव सुनिश्चित करना।

बोबा भाई की स्थापना और विकास

ध्रुव कोहली द्वारा स्थापित, बोबा भाई एक बबल टी और के-पॉप बर्गर पर केंद्रित क्यूएसआर चेन है, जो अपने ग्लोबल विस्तार की योजना बना रही है। वर्तमान में कंपनी के पास 9 शहरों में 42 आउटलेट्स हैं।

प्रमुख शहरों में मौजूदगी

  • बेंगलुरु
  • मुंबई
  • चेन्नई
  • हैदराबाद
  • दिल्ली

विस्तार की योजना

ध्रुव कोहली के अनुसार, कंपनी का लक्ष्य 2024 के अंत तक 150+ स्टोर्स खोलने का है।


बोबा भाई की खासियत

बबल टी का बढ़ता क्रेज

  • भारत में बबल टी धीरे-धीरे एक लोकप्रिय पेय पदार्थ बन रहा है, खासतौर पर यंग जेनरेशन के बीच।
  • बोबा भाई इस ट्रेंड को भुनाने के लिए फोकस्ड अप्रोच के साथ काम कर रहा है।

K-Pop बर्गर्स का आकर्षण

  • कंपनी का मेन्यू कोरियन फूड ट्रेंड्स को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
  • यह न केवल फूड लवर्स बल्कि के-पॉप फैन्स के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है।

इनोवेटिव मेन्यू

  • कंपनी ग्राहकों को नए और अनूठे स्वाद देने पर ध्यान दे रही है।
  • बबल टी और बर्गर्स के अलावा अन्य इनोवेटिव फूड आइटम्स भी मेन्यू का हिस्सा बनेंगे।

भारत में क्यूएसआर मार्केट का स्कोप

तेजी से बढ़ता मार्केट

भारत का QSR सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है, और इसका प्रमुख कारण है:

  • शहरीकरण
  • यंग कंज्यूमर्स का बढ़ता प्रभाव
  • फास्ट फूड के प्रति झुकाव

प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनने का मौका

  • बोबा भाई का मुख्य फोकस है प्रीमियम क्वालिटी और ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव देना।
  • नए आउटलेट्स और मेन्यू के जरिए ब्रांड का उद्देश्य अपने मार्केट शेयर को मजबूत करना है।

8i Ventures और अन्य निवेशकों की भूमिका

8i Ventures का निवेश पर फोकस

  • 8i Ventures भारतीय स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने के लिए जाना जाता है।
  • बोबा भाई के साथ यह साझेदारी QSR मार्केट में उनकी मौजूदगी को और मजबूत करेगी।

Titan Capital और अन्य निवेशकों का सहयोग

  • Titan Capital और Global Growth Capital जैसे निवेशकों ने कंपनी को शुरुआती फेज में सपोर्ट किया।
  • इनका अनुभव और नेटवर्क बोबा भाई को तेजी से ग्रोथ में मदद करेगा।

ग्राहक अनुभव पर जोर

बेहतरीन सेवा

  • बोबा भाई हर आउटलेट पर ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने की दिशा में काम कर रहा है।
  • ऑपरेशनल सुधार और गुणवत्ता नियंत्रण इस दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।

डिजिटल उपस्थिति

  • डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन ऑर्डरिंग प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कंपनी की प्रमुख रणनीतियों में से एक है।

भविष्य की संभावनाएं

ग्लोबल विस्तार

  • भारतीय बाजार में मजबूत स्थिति बनाने के बाद, कंपनी की योजना अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार करने की है।

नए ट्रेंड्स अपनाने की योजना

  • फूड और बेवरेज सेक्टर में उभरते ट्रेंड्स के साथ खुद को अपडेट करना ब्रांड की प्राथमिकता है।

स्थानीय और वैश्विक प्रतिस्पर्धा

  • Domino’s, McDonald’s, और अन्य QSR ब्रांड्स के बीच अपनी पहचान बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा।
  • लेकिन बबल टी और के-पॉप बर्गर्स जैसी अनूठी पेशकश इसे प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिला सकती है।

निष्कर्ष

बोबा भाई ने सीरीज़ ए फंडिंग के जरिए एक मजबूत कदम उठाया है। भारत में QSR मार्केट में इसकी अनूठी पेशकश और विस्तार योजनाएं इसे प्रमुख ब्रांड्स में शामिल कर सकती हैं। नई फंडिंग के साथ, ब्रांड न केवल ग्राहकों की बढ़ती मांगों को पूरा करेगा बल्कि ग्लोबल स्तर पर भी अपनी पहचान बनाएगा।

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Indian stockbroking industry में Groww ने 13.16 मिलियन सक्रिय ग्राहकों के साथ बढ़त बनाई

Groww

भारतीय स्टॉकब्रोकिंग उद्योग में प्रतिस्पर्धा लगातार तीव्र होती जा रही है। ऐसे माहौल में, बेंगलुरु आधारित फिनटेक यूनिकॉर्न Groww ने अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। Groww ने दिसंबर 2024 में 13.16 मिलियन सक्रिय ग्राहकों के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जो कि 26.59% बाजार हिस्सेदारी को दर्शाता है।


बाजार में प्रमुख खिलाड़ियों का प्रदर्शन

1. Groww की अग्रणी स्थिति

Groww ने न केवल अपने ग्राहक आधार का विस्तार किया है, बल्कि बाजार में अपनी हिस्सेदारी भी बढ़ाई है।

  • मजबूत ग्राहक जुड़ाव और उपयोगकर्ता-अनुकूल तकनीकी प्लेटफॉर्म Groww की सफलता के मुख्य कारण हैं।
  • इसके सहज और सरल इंटरफेस ने नए और युवा निवेशकों को आकर्षित किया है।

2. Zerodha की स्थिति

Zerodha, जो कि लंबे समय से भारतीय स्टॉकब्रोकिंग उद्योग में अग्रणी रही है, अब दूसरे स्थान पर खिसक गई है।

  • दिसंबर 2024 में Zerodha के पास 8.12 मिलियन सक्रिय उपयोगकर्ता थे, जो कि 16.41% बाजार हिस्सेदारी को दर्शाता है।
  • हालांकि, इसका उपयोगकर्ता आधार मासिक आधार पर 0.06% घटा, जो कि कंपनी के लिए चिंताजनक हो सकता है।

3. Angel One का उभरता प्रभाव

Angel One ने लगातार अपनी स्थिति को मजबूत किया है।

  • दिसंबर 2024 में Angel One ने 123,018 नए उपयोगकर्ताओं को जोड़ा, जो कि 1.61% की मासिक वृद्धि को दर्शाता है।
  • इसका कुल सक्रिय ग्राहक आधार अब 7.75 मिलियन तक पहुंच गया है, और इसकी बाजार हिस्सेदारी 15.67% हो गई है।
  • कंपनी का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि यह बाजार में तेज़ी से लोकप्रिय हो रही है।

Groww की सफलता के पीछे की रणनीतियां

1. तकनीकी नवाचार

Groww ने अपने प्लेटफॉर्म को सहज और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है।

  • उपयोगकर्ताओं को आसान नेविगेशन और तेज़ लेनदेन का अनुभव मिलता है।
  • इसका मोबाइल ऐप खासतौर पर युवाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

2. विविध उत्पाद पोर्टफोलियो

Groww ने अपने निवेश उत्पादों में विविधता लाई है, जिसमें शामिल हैं:

  • स्टॉक्स
  • म्यूचुअल फंड्स
  • गोल्ड और अन्य एसेट्स

3. नई पीढ़ी के निवेशकों पर फोकस

Groww का प्रमुख ग्राहक आधार युवा और पहली बार निवेश करने वाले लोग हैं।

  • कंपनी ने सरल और प्रभावी एजुकेशनल कंटेंट के माध्यम से नए निवेशकों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया है।
  • इसके उपयोगकर्ता अनुभव को डिज़ाइन किया गया है ताकि पहली बार निवेश करने वाले भी सहज महसूस करें।

Zerodha की चुनौतियां और संभावनाएं

Zerodha ने अपनी तकनीकी मजबूती और शून्य ब्रोकरेज मॉडल के कारण लंबे समय तक उद्योग पर दबदबा बनाया है।

  • हालांकि, नई कंपनियों की एंट्री और बाजार की बदलती प्राथमिकताओं ने इसकी वृद्धि दर को धीमा कर दिया है।
  • Zerodha के पास अनुभवी निवेशकों का मजबूत आधार है, जो इसे अभी भी एक भरोसेमंद विकल्प बनाता है।
  • यदि कंपनी नए ग्राहकों को जोड़ने और अपने प्लेटफॉर्म में सुधार करने पर ध्यान दे, तो यह अपनी स्थिति को फिर से मजबूत कर सकती है।

Angel One का उभरता प्रभाव

Angel One ने हाल के वर्षों में अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म में सुधार और मजबूत मार्केटिंग रणनीतियों के माध्यम से एक नई पहचान बनाई है।

  • AI- और ML- आधारित सिफारिशें निवेशकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करती हैं।
  • Angel One का पारंपरिक ग्राहकों के साथ-साथ डिजिटल ग्राहकों को जोड़ने का मॉडल इसे प्रतिस्पर्धा में बनाए रखता है।

भारतीय स्टॉकब्रोकिंग उद्योग का भविष्य

1. डिजिटल प्लेटफॉर्म का वर्चस्व

डिजिटलीकरण ने निवेश को और अधिक सुलभ बना दिया है।

  • नई तकनीकों और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से, कंपनियां उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकती हैं।

2. युवा निवेशकों का योगदान

युवा पीढ़ी का स्टॉक मार्केट में रुझान तेजी से बढ़ रहा है।

  • सरल और उपयोग में आसान प्लेटफॉर्म इस वर्ग को आकर्षित कर रहे हैं।

3. बढ़ती प्रतिस्पर्धा

Groww, Zerodha और Angel One जैसी कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प और सेवाएं लेकर आएगी।


निष्कर्ष

भारतीय स्टॉकब्रोकिंग उद्योग में Groww ने 26.59% बाजार हिस्सेदारी के साथ अपनी स्थिति को मजबूत किया है। Zerodha और Angel One जैसे खिलाड़ी भी इस प्रतिस्पर्धा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

  • Groww की सफलता इसका प्रमाण है कि उपयोगकर्ता अनुभव और नवाचार में निवेश करने से कंपनियां बढ़त बना सकती हैं।
  • Zerodha और Angel One के लिए, बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखने और बढ़ाने के लिए नए ग्राहकों को जोड़ने और प्लेटफॉर्म सुधार पर ध्यान देना आवश्यक है।

आने वाले वर्षों में, स्टॉकब्रोकिंग उद्योग का यह प्रतिस्पर्धी माहौल निवेशकों को और बेहतर अनुभव और सेवाएं प्रदान करेगा।

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