B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Udaan ने जुटाए 300 करोड़ रुपये

Udaan

भारतीय बी2बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Udaan ने लगभग 300 करोड़ रुपये (35 मिलियन डॉलर से अधिक) का डेट फंडिंग हासिल किया है। इस फंडिंग राउंड में प्रमुख निवेशक Lighthouse Canton, Stride Ventures, InnoVen Capital, और Trifecta Capital शामिल हैं। यह बेंगलुरु स्थित इस कंपनी का पिछले एक साल का पहला डेट राउंड है। नए फंड का उपयोग कंपनी की बैलेंस शीट को सशक्त बनाने और पूरे भारत में छोटे व्यवसायों को सशक्त करने के लिए किया जाएगा।

Udaan की दिसंबर 2023 में सीरीज़ E फंडिंग राउंड और मूल्यांकन में गिरावट

दिसंबर 2023 में Udaan ने 340 मिलियन डॉलर की सीरीज़ E फंडिंग जुटाई थी। इस राउंड का नेतृत्व M&G Plc ने किया था, जिसमें Lightspeed Venture Partners और DST Global जैसे मौजूदा निवेशक भी शामिल थे। हालांकि इस राउंड ने Udaan को एक वित्तीय बढ़ावा दिया, लेकिन कंपनी का मूल्यांकन 59.3% गिरकर 1.3 बिलियन डॉलर पर आ गया, जो पहले 3.2 बिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर पर था।

लाभ की ओर बढ़ता Udaan और 2024 में राजस्व में वृद्धि

Udaan का कहना है कि कंपनी लाभ की दिशा में बढ़ रही है। 2024 में कंपनी ने राजस्व में 60% की वृद्धि दर्ज की है, और कंपनी के रोज़ाना ट्रांजैक्शन करने वाले ग्राहकों की संख्या में भी 50% से अधिक की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, Udaan ने अपने EBITDA में बर्न रेट को 30% तक कम करने का दावा किया है, जिससे कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।

Udaan का विभिन्न श्रेणियों में व्यवसाय और विस्तृत नेटवर्क

2016 में स्थापित Udaan कई श्रेणियों में एक विशाल मार्केटप्लेस संचालित करता है। इनमें लाइफस्टाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, होम एंड किचन, स्टेपल्स, फल-सब्जियाँ, FMCG, फार्मा, खिलौने, और जनरल मर्चेंडाइज शामिल हैं। कंपनी का दावा है कि उसका नेटवर्क 900 से अधिक शहरों में फैला हुआ है, जिसमें 3 मिलियन से अधिक रिटेलर जुड़े हुए हैं।

लागत में कटौती और कर्मचारियों में कमी

Udaan ने पिछले एक साल में अपनी लागत को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस दिशा में किए गए प्रयासों में कर्मचारियों की छंटनी भी शामिल है। दिसंबर 2023 में, कंपनी ने 100 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से मुक्त किया, जिससे लागत को नियंत्रित करने में मदद मिली है।

भारतीय बाजार में Udaan का भविष्य और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने की योजना

भारतीय बी2बी ई-कॉमर्स क्षेत्र में Udaan ने छोटे व्यवसायों और खुदरा विक्रेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में खुद को स्थापित किया है। कंपनी का उद्देश्य न केवल छोटे व्यवसायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें एक संगठित और प्रौद्योगिकी-सक्षम प्लेटफॉर्म भी प्रदान करना है।

छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने की दिशा में Udaan की रणनीति

Udaan ने छोटे व्यवसायों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और उन्हें देशभर के विभिन्न बाज़ारों से जोड़ने में बड़ी सफलता पाई है। इसके माध्यम से कंपनी का उद्देश्य है कि छोटे और मध्यम स्तर के व्यापारी, जो परंपरागत रूप से बड़े ब्रांड्स से मुकाबला नहीं कर पाते थे, वे अब उभरते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकें। इस प्रयास में Udaan ने न केवल उन्हें एक टेक-ड्रिवन प्लेटफॉर्म प्रदान किया है, बल्कि उनके परिचालन को सरल बनाने के लिए कई सुविधाएं भी दी हैं।

फंडिंग का महत्व और भविष्य की योजनाएं

नए फंडिंग राउंड से प्राप्त 300 करोड़ रुपये का उपयोग Udaan अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने के साथ-साथ कंपनी के विस्तार में करेगा। Udaan की योजना है कि वह अपनी सेवाओं में और सुधार कर सके, जिससे छोटे व्यवसायों के लिए तकनीकी आधार पर खरीदी-बिक्री की प्रक्रिया और सरल हो सके। नए फंड्स का एक हिस्सा इनवेंटरी मैनेजमेंट और सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन के लिए खर्च किया जाएगा, ताकि व्यवसायियों को एक अधिक भरोसेमंद और तेज़ डिलीवरी का अनुभव मिल सके।

Udaan के इस फंडिंग राउंड में निवेशक Lighthouse Canton, Stride Ventures, InnoVen Capital, और Trifecta Capital जैसे दिग्गज शामिल हैं। ये निवेशक मानते हैं कि Udaan का बिजनेस मॉडल भारतीय बाजार में अद्वितीय है और यह भारतीय खुदरा क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। उनका विश्वास है कि कंपनी द्वारा किए गए यह निवेश न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी साबित होगा।

कठिन आर्थिक परिस्थिति में सकारात्मक वृद्धि

2023 में वैश्विक मंदी के बावजूद Udaan ने सकारात्मक वृद्धि दिखाई है। कंपनी के राजस्व में 60% की वृद्धि और EBITDA बर्न रेट में 30% की कमी इस बात का प्रमाण है कि कंपनी ने अपने संचालन को अत्यधिक कुशल बनाया है। Udaan का लक्ष्य है कि कंपनी 2024 के अंत तक लाभ में आ जाए और आर्थिक संकट के बावजूद यह एक मजबूत वित्तीय स्थिति बनाए रखे।

लागत में कटौती के लिए अपनाई गई रणनीति

लागत में कमी के लिए Udaan ने कई कदम उठाए हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण कदम कर्मचारियों की संख्या में कमी करना था। दिसंबर 2023 में, कंपनी ने 100 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। इस निर्णय से कंपनी की संचालन लागत में कमी आई है और इसे वित्तीय रूप से स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली है। हालांकि, कंपनी ने यह सुनिश्चित किया है कि सेवा गुणवत्ता में कोई कमी न आए और ग्राहकों को पहले जैसी ही उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त हों।

भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में Udaan की स्थिति

भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में Udaan ने खुद को एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर लिया है। जहां Amazon और Flipkart जैसी कंपनियां B2C मॉडल पर आधारित हैं, वहीं Udaan का B2B मॉडल इसे बाकी कंपनियों से अलग बनाता है। यह मॉडल छोटे खुदरा विक्रेताओं को सीधे निर्माताओं और थोक विक्रेताओं से जोड़ता है, जिससे उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उचित मूल्य पर प्राप्त हो सकते हैं।

Udaan का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है और यह कंपनी को भारतीय बाजार की गहरी समझ प्रदान करता है। इस मजबूत नेटवर्क के माध्यम से Udaan ने न केवल खुदरा विक्रेताओं को बल्कि निर्माताओं और थोक विक्रेताओं को भी लाभ पहुंचाया है। इसने आपूर्ति श्रृंखला में समय और लागत दोनों को कम किया है, जो कि छोटे व्यवसायों के लिए अत्यंत लाभकारी है।

भारतीय ई-कॉमर्स का भविष्य और Udaan की भूमिका

भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग लगातार विकासशील है और आने वाले वर्षों में इस उद्योग में कई और नवाचार देखने को मिलेंगे। Udaan का मानना है कि वह इस उद्योग के भविष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, विशेषकर छोटे और मध्यम व्यवसायों को डिजिटल माध्यम से जोड़ने में। भारतीय बाजार में B2B ई-कॉमर्स का भविष्य उज्ज्वल है और Udaan जैसी कंपनियां इसमें सबसे आगे हैं।

कंपनी की यह पहल छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाएगी, जिससे भारतीय खुदरा क्षेत्र को नया आयाम मिलेगा। इसके साथ ही, Udaan का फोकस छोटे व्यापारियों के लिए आसानी से उपलब्ध वित्तीय सेवाओं को पेश करने पर भी है। कंपनी वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर छोटे व्यवसायों के लिए वित्तपोषण में सुधार लाने की योजना बना रही है।

निष्कर्ष

Udaan का यह नया फंडिंग राउंड कंपनी के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। कंपनी ने छोटे व्यवसायों के सशक्तिकरण की दिशा में जो प्रयास किए हैं, वे भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग को सकारात्मक दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होंगे।

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फिनटेक यूनिकॉर्न Slice और NESFB का merger पूरा,नॉर्थ ईस्ट में बैंकिंग सेवाओं का होगा विस्तार

Slice

फिनटेक यूनिकॉर्न slice ने Welcome to North East Small Finance Bank के साथ अपने विलय को 27 अक्टूबर 2024 से प्रभावी कर दिया है। यह अहम उपलब्धि दो महीने बाद हासिल हुई, जब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इस विलय को मंजूरी दी थी, जिसे पहली बार अक्टूबर 2023 में घोषित किया गया था।

NESFB में Slice का निवेश और विलय का उद्देश्य

मार्च 2023 में, Slice ने NESFB में लगभग $3.42 मिलियन की लागत से 5% हिस्सेदारी खरीदी थी। अब इस विलय के साथ, दोनों कंपनियों के ऑपरेशन्स, एसेट्स और ब्रांड्स को मिलाकर एक तकनीक-आधारित बैंकिंग संस्था का निर्माण किया गया है। Slice की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, इस नए बैंक का उद्देश्य ग्राहकों को अधिक आधुनिक और सरल बैंकिंग अनुभव प्रदान करना है।

ग्राहकों के लिए बैंकिंग सेवाएं: बचत खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट और क्रेडिट सेवाएं

विलय के बाद बने इस नए बैंक में ग्राहकों को बचत खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट और क्रेडिट सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला मिलेगी। इसके अलावा, Slice का कहना है कि ग्राहकों की सेवाएं निर्बाध रहेंगी और सभी खाताधारकों के लिए सेवाओं का एक सहज एकीकरण किया जाएगा।

नॉर्थ ईस्ट में Slice का विस्तार, वित्तीय समावेशन पर रहेगा विशेष ध्यान

इस विलय से NESFB की नॉर्थ ईस्ट में स्थापित उपस्थिति को और मजबूत किया जाएगा, क्योंकि नई इकाई का लक्ष्य इस क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को गति देना है। नॉर्थ ईस्ट भारत का एक विशेष क्षेत्र है जहां अभी भी बैंकिंग सेवाओं की अधिक आवश्यकता है, और इस कदम से उन इलाकों में बैंकिंग पहुँच को विस्तार देने का प्रयास किया जाएगा।

विलय को लेकर NESFB के एमडी और सीईओ की प्रतिक्रिया

NESFB के प्रबंध निदेशक और सीईओ सतीश कुमार कालरा ने इसे बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह विलय न केवल नॉर्थ ईस्ट में बल्कि पूरे भारत में बैंकिंग का चेहरा बदल सकता है। उनके अनुसार, इस विलय से नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच और सुविधा में जबरदस्त सुधार होगा।

फंड जुटाने में Slice का योगदान

विलय से पहले, Slice ने सितंबर में 300 करोड़ रुपये (लगभग $35 मिलियन) की राशि जुटाई थी। इस फंडिंग का नेतृत्व टनेजा फैमिली ट्रस्ट, अंजू फैमिली पर्सनल ट्रस्ट, UK2 फैमिली ट्रस्ट, और MN फैमिली ट्रस्ट ने किया था। इसके अलावा, इस महीने Slice के संस्थापक रंजन बजाज ने भी व्यक्तिगत रूप से $8.6 मिलियन का निवेश किया, जिससे कंपनी की पूंजी में और मजबूती आई है।

नॉर्थ ईस्ट के लिए एक नई शुरुआत

Slice और NESFB के इस विलय से नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं का एक नया अध्याय शुरू होगा। इसके जरिए स्थानीय व्यवसायों को सशक्त बनाया जा सकेगा, और लोगों के लिए वित्तीय सुविधाओं को अधिक सुगम और सुलभ बनाया जाएगा।

विलय के संभावित लाभ और भविष्य की योजनाएं

Slice के लिए यह विलय न केवल उसके तकनीकी समाधान और सेवाओं को मजबूत बनाने में सहायक होगा, बल्कि यह उसे एक विस्तृत ग्राहक आधार और वित्तीय क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका देगा। नॉर्थ ईस्ट में NESFB की पहुँच के साथ मिलकर Slice अपनी सेवाओं को और अधिक व्यापक बना सकेगा, और नए ग्राहकों तक पहुंच पाएगा।

निष्कर्ष

Slice और NESFB का यह विलय भारतीय फिनटेक और बैंकिंग उद्योग में एक क्रांतिकारी कदम है, जो न केवल कंपनियों के व्यापार को बढ़ाएगा, बल्कि नॉर्थ ईस्ट जैसे अंडरसर्व्ड क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करेगा। इस साझेदारी से उम्मीद की जा रही है कि यह स्थानीय ग्राहकों और व्यवसायों को लाभान्वित करेगी और समग्र वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करेगी।

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COOX ने अपने Seed राउंड में जुटाए $125K

COOX

ऑन-डिमांड होम सर्विसेज प्लेटफॉर्म COOX ने अपने Seed फंडिंग राउंड में $125K जुटाए हैं, जिसका नेतृत्व Inflection Point Ventures ने किया है। इस फंडिंग का उपयोग कंपनी अपनी सेवाओं को 20 से बढ़ाकर 40 शहरों तक फैलाने, मार्केटिंग प्रयासों को मजबूत बनाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने में करेगी, जिससे इसकी कार्यक्षमता और स्केलेबिलिटी में वृद्धि होगी।

COOX: होम सर्विसेज से लेकर इवेंट होस्टिंग तक की सुविधाएं

2019 में अक्षत गुप्ता और रजत जौहरी द्वारा स्थापित, COOX अपने ग्राहकों को 10 से अधिक प्रकार की होम सर्विसेज और इवेंट होस्टिंग सॉल्यूशन्स प्रदान करता है। इनमें प्रोफेशनल शेफ, हॉस्पिटैलिटी स्टाफ, रेंटल्स, और लाइव एंटरटेनमेंट शामिल हैं। इसके अलावा, यह मासिक सब्सक्रिप्शन पर घरेलू कुक की सुविधा भी प्रदान करता है, जिससे घर में खाना पकाने की सभी जरूरतें पूरी की जा सकें।

कंपनी का लक्ष्य न केवल होम सर्विस सेक्टर में टेक्नोलॉजी के माध्यम से सुधार लाना है, बल्कि गिग वर्कर्स के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करना है, विशेषकर हॉस्पिटैलिटी और इवेंट्स सेक्टर में। COOX के पास 3,000 से अधिक प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की टीम है जो देशभर में विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करती है।

5 लाख से अधिक ग्राहकों को कर चुका है सेवा प्रदान

COOX का दावा है कि कंपनी अब तक 5 लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा दे चुकी है। यह ग्राहकों को 15 से अधिक प्रकार के व्यंजन जैसे भारतीय, कॉन्टिनेंटल, चाइनीज और अन्य इंटरनेशनल फूड ऑप्शंस भी प्रदान करती है। इसके प्लेटफॉर्म पर 500 से अधिक प्रकार के व्यंजन उपलब्ध हैं, जिससे ग्राहकों को अपने घर पर ही रेस्टोरेंट जैसी सेवाएं मिलती हैं।

20 शहरों में मौजूदगी और सेवाओं का विस्तार

अक्टूबर 2024 तक, COOX की भारत के 20 शहरों में उपस्थिति है और यह विभिन्न प्रकार की इवेंट होस्टिंग और हाउस पार्टी सेवाएं भी प्रदान कर रहा है। कंपनी के इस फंडिंग राउंड से यह उम्मीद की जा रही है कि वह आने वाले समय में अपने सेवा क्षेत्र को बढ़ाकर 40 शहरों तक ले जाएगी।

इसके अलावा, COOX ग्राहकों के लिए मासिक सब्सक्रिप्शन सेवा के रूप में घरेलू कुक की सुविधा भी प्रदान करता है। इस व्यापक सेवाओं के माध्यम से कंपनी ग्राहकों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्पर है, चाहे वे होम कुकिंग की सुविधा चाहते हों या इवेंट होस्टिंग सॉल्यूशन्स।

भारतीय खाद्य सेवा बाजार में अपार संभावनाएं

मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारतीय खाद्य सेवा बाजार के 2030 तक $125 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें विभिन्न सेगमेंट में बढ़ोतरी हो रही है। अकेले कैटरिंग इंडस्ट्री का मूल्य लगभग 20,000 करोड़ रुपये है, जो 15% की वार्षिक दर से बढ़ रही है। इस क्षेत्र में बढ़ते हुए अवसरों और मांग को देखते हुए COOX का विस्तार इस बाजार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

तकनीकी एकीकरण से बढ़ेगी कार्यक्षमता

COOX अपनी सेवाओं में AI तकनीक को इंटीग्रेट करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिससे इसे बड़े स्तर पर ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी। AI इंटीग्रेशन के माध्यम से कंपनी का उद्देश्य सेवाओं में अधिक सटीकता लाना और उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाना है। इससे COOX न केवल अपनी सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ा पाएगा, बल्कि नए शहरों में तेज़ी से विस्तार कर सकेगा।

इवेंट होस्टिंग और गिग वर्कर्स के लिए रोजगार के अवसर

COOX का बिजनेस मॉडल एकीकृत सेवाएं प्रदान करने पर आधारित है, जिसमें इवेंट होस्टिंग से लेकर घरेलू सेवाएं शामिल हैं। कंपनी का उद्देश्य गिग वर्कर्स के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न करना भी है। COOX के प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले 3,000 से अधिक प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, कंपनी का लक्ष्य है कि वह आने वाले समय में और अधिक लोगों को रोजगार दे सके।

COOX के भविष्य की योजनाएं और संभावनाएं

COOX की इस ताज़ा फंडिंग से उसे अपनी योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने का अवसर मिलेगा। कंपनी ने इस फंडिंग का उपयोग विस्तार, मार्केटिंग, और तकनीकी सुधार में करने की योजना बनाई है। COOX का यह कदम भारत के होम सर्विसेज और फूड इंडस्ट्री सेक्टर में एक बड़ा बदलाव ला सकता है, खासकर तब, जब लोग अपने घर पर किफायती और सुविधा जनक सेवाओं की तलाश में हैं।

COOX ने अपने इनोवेटिव मॉडल और उच्च-गुणवत्ता वाली सेवाओं के जरिए ग्राहकों में अपनी खास पहचान बनाई है। फंडिंग के बाद कंपनी के पास नए ग्राहकों को जोड़ने और अपनी सेवाओं को और व्यापक बनाने के बेहतरीन अवसर हैं।

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Swiggy में हिस्सेदारी बेचकर Meituan ने कमाए $200 मिलियन

Swiggy

चीन की फूड डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म Meituan ने भारतीय फूड डिलीवरी प्लेटफ़ॉर्म Swiggy में अपनी हिस्सेदारी का एक बड़ा हिस्सा बेचकर $200 मिलियन से अधिक कमाए हैं। इस हिस्सेदारी को एक अमेरिकी निवेशक को बेचा गया है, जैसा कि Entrackr की रिपोर्ट में तीन सूत्रों ने बताया। Meituan ने पहली बार 2018 में बेंगलुरु स्थित Swiggy में निवेश किया था और 2020 में एक अन्य फंडिंग राउंड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई थी।

हालांकि, Meituan ने Swiggy में कितनी हिस्सेदारी बेची है और सटीक वैल्यूएशन के आंकड़े अभी तक सार्वजनिक नहीं हुए हैं। फिर भी, सूत्रों का कहना है कि यह बिक्री Swiggy की अनुमानित $10 बिलियन की वैल्यूएशन पर आधारित थी।

Meituan के पास Swiggy में कितनी हिस्सेदारी?

वर्तमान में, Meituan (Inspired Elite Investments के माध्यम से) के पास Swiggy में लगभग 3.88% हिस्सेदारी है, जैसा कि स्टार्टअप डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म TheKredible की रिपोर्ट में बताया गया है।

Meituan चीन में एक विविधीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म संचालित करता है, जिसमें फूड डिलीवरी, होटल बुकिंग और राइड-हेलिंग जैसी सेवाएं शामिल हैं। “सुपर ऐप” के रूप में चर्चित Meituan उच्च-वॉल्यूम और कम-मार्जिन वाली रणनीति पर काम करता है, जो भारत में Swiggy के मॉडल से काफी मेल खाती है।

Swiggy की पब्लिक लिस्टिंग से पहले Meituan समेत कई निवेशकों ने बेची हिस्सेदारी

Meituan उन कई निवेशकों में से एक है जिन्होंने Swiggy की पब्लिक लिस्टिंग से पहले अपनी हिस्सेदारी बेची है। Elevation Capital और Norwest जैसे निवेशकों ने भी अपने हिस्से बेच दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Swiggy के अन्य प्रमुख शेयरधारक जैसे Prosus और Accel भी सेकेंडरी सेल्स के माध्यम से अपनी हिस्सेदारी घटा सकते हैं।

Swiggy और Meituan से इस पर पूछताछ की गई थी, लेकिन उनकी तरफ़ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। यदि उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त होती है, तो इस कहानी को अपडेट किया जाएगा।

Swiggy की पब्लिक डेब्यू की तैयारी

Swiggy अगले तीन हफ्तों के भीतर अपनी पब्लिक लिस्टिंग करने जा रहा है। अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, कंपनी $450 मिलियन जुटाने की योजना बना रही है। साथ ही, यह भी संभावना है कि कंपनी एक ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से एक अतिरिक्त राशि जुटाएगी, हालांकि इसकी सटीक जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।

Swiggy की इस लिस्टिंग से निवेशकों को अपने हिस्से का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय बाजार में इसकी पब्लिक लिस्टिंग का प्रदर्शन कैसा रहेगा।

Meituan ने क्यों बेची Swiggy में हिस्सेदारी?

Meituan का Swiggy में हिस्सेदारी बेचने का फैसला एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम माना जा रहा है। भारत के ऑनलाइन फूड डिलीवरी बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और नए सरकारी नियमों के चलते कई अंतरराष्ट्रीय निवेशक अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं। Meituan पहले से ही चीन में फूड डिलीवरी और लाइफस्टाइल सर्विसेज में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है, लेकिन इसके लिए उसे अपने घरेलू बाजार में भी पर्याप्त निवेश की जरूरत है। चीन के डिजिटल इकोनॉमी में तेजी से बदलते माहौल और बढ़ते प्रतिस्पर्धी दबाव के कारण, Meituan भारत में अपनी उपस्थिति घटाकर चीन पर अधिक फोकस कर रहा है।

इसके अतिरिक्त, Swiggy की पब्लिक लिस्टिंग से पहले हिस्सेदारी बेचने का एक और कारण मूल्यांकन का फायदा उठाना हो सकता है। Swiggy की $10 बिलियन की अनुमानित वैल्यूएशन को देखते हुए, यह Meituan के लिए लाभदायक अवसर साबित हो सकता है, जिससे उन्हें अपनी प्रारंभिक निवेश का अच्छा लाभ मिल सके।

Swiggy की लिस्टिंग से क्या होगा लाभ?

Swiggy की पब्लिक लिस्टिंग के बाद भारत के शेयर बाजार में एक नया और बड़ा फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जुड़ जाएगा, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है। Swiggy की प्रमुख प्रतिस्पर्धी कंपनी, Zomato, पहले से ही पब्लिक मार्केट में है और इसके प्रदर्शन का आकलन करना आसान हो गया है। Zomato की पब्लिक लिस्टिंग को मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए Swiggy की भी लिस्टिंग से लाभ होने की संभावना है।

Swiggy की योजना पब्लिक लिस्टिंग के जरिए जुटाई गई धनराशि का उपयोग अपनी तकनीकी क्षमताओं को बेहतर बनाने, नए ग्राहकों को जोड़ने, और अपने डिलीवरी नेटवर्क को और मजबूत करने में करने की है। कंपनी की इस योजना से ग्राहकों को बेहतर सेवा मिल सकेगी और कंपनी की बाजार में हिस्सेदारी बढ़ेगी।

Swiggy की बाजार हिस्सेदारी और कारोबार में विस्तार

Swiggy ने पिछले कुछ वर्षों में भारत के फूड डिलीवरी सेक्टर में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाई है। इसकी 53% आय ट्रेन वर्टिकल से आती है, जिसमें ट्रेन टिकट बुकिंग के साथ-साथ ई-कैटरिंग सेवाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा, Swiggy ने छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी अपने कारोबार का विस्तार किया है, जिससे उसे नए ग्राहक जुड़ने में मदद मिली है।

Swiggy का बिजनेस मॉडल एकीकृत लाइफस्टाइल सर्विसेज पर आधारित है, जो इसे Meituan के मॉडल से मेल खाता है। Swiggy ने भी अब केवल फूड डिलीवरी पर निर्भर रहने के बजाय किराना सामान डिलीवरी, इंस्टामार्ट, और मेगास्पर्श जैसी सेवाएं शुरू की हैं, जो ग्राहकों को एक ही ऐप पर विविध सेवाएं उपलब्ध कराता है। इसके साथ ही, Swiggy लगातार अपने प्लेटफ़ॉर्म को इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के माध्यम से बेहतर बना रहा है, जिससे उसे प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल करने में मदद मिलती है।

Swiggy की लिस्टिंग और निवेशकों के लिए अवसर

Swiggy की लिस्टिंग से पहले कई निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं, जो दर्शाता है कि पब्लिक मार्केट में एंट्री के बाद कंपनी में नए निवेशकों के शामिल होने का अवसर बढ़ेगा। Zomato की सफलता और निवेशकों की उसमें दिलचस्पी को देखते हुए, Swiggy के भी निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनने की संभावना है। Swiggy का योजना निवेश को बढ़ावा देने और राजस्व बढ़ाने पर है, जो इसे दीर्घकालिक विकास के लिए मजबूत बना सकता है।

भारतीय फूड डिलीवरी बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

भारत में Swiggy के सामने Zomato और नए उभरते स्टार्टअप्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। यह देखते हुए कि भारतीय उपभोक्ताओं की खाने की आदतों में परिवर्तन आ रहा है और वे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ज्यादा निर्भर हो रहे हैं, Swiggy ने अपने प्लेटफ़ॉर्म पर किराना डिलीवरी, हेल्थ सप्लीमेंट्स, और क्विक कॉमर्स जैसी सेवाओं को जोड़ा है। इससे न केवल ग्राहक अनुभव बेहतर हुआ है, बल्कि यह Swiggy को अन्य प्रतिस्पर्धियों से अलग भी बनाता है।

Swiggy की यह रणनीति उसे मार्केट में दीर्घकालिक स्थिरता और प्रतिस्पर्धा में मजबूती देने में मदद कर सकती है। ग्राहकों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से Swiggy का विस्तारित बिजनेस मॉडल निवेशकों के लिए भी आकर्षक साबित हो सकता है।

निष्कर्ष

Meituan का Swiggy में हिस्सेदारी बेचने का फैसला भारतीय फूड डिलीवरी बाजार के बदलते स्वरूप और Meituan की वैश्विक रणनीति को दर्शाता है। Swiggy की पब्लिक लिस्टिंग से संभावित निवेशकों और बाजार में सकारात्मकता की उम्मीद की जा रही है। भारतीय उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग और डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ते कदमों को देखते हुए, Swiggy का विस्तार और बाजार में प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है।

Swiggy का यह कदम न केवल भारतीय फूड डिलीवरी बाजार को प्रभावित करेगा, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत में ऑनलाइन सेवाओं का भविष्य उज्ज्वल है। निवेशकों और ग्राहकों के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि Swiggy अपनी पब्लिक लिस्टिंग के बाद किस तरह से भारतीय बाजार में अपने वर्चस्व को बनाए रखता है।

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Swiggy IPO: जानिए सभी जरूरी बातें और टाइमलाइन

Swiggy

Swiggy, ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी, नवंबर 2024 में अपना IPO (Initial Public Offering) लेकर आ रही है, जिसमें SoftBank और Prosus जैसे बड़े निवेशकों का सपोर्ट है। इस IPO का सब्सक्रिप्शन 13 नवंबर से शुरू होगा, लेकिन बाजार के हालात को देखते हुए तारीखों में थोड़ा बदलाव भी हो सकता है। कंपनी 30 अक्टूबर से IPO के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रोडशो भी शुरू करेगी।

क्या है IPO का Structure?

Swiggy के इस IPO में नए इक्विटी शेयरों की बिक्री के जरिए 3,750 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। इसके अलावा, 18.52 करोड़ शेयरों का “ऑफर फॉर सेल” (OFS) होगा, जिससे कंपनी के शुरुआती निवेशकों को कुछ हिस्सेदारी बेचने का मौका मिलेगा। Swiggy के पास IPO से पहले अतिरिक्त फंड जुटाने का भी विकल्प है, और अगर इस राउंड में फंडिंग सफल होती है, तो नए शेयरों की बिक्री के आकार में बदलाव हो सकता है।

किस तरह के निवेशकों को मिलेगा मौका?

इस IPO में कई तरह के निवेशकों को भाग लेने का मौका मिलेगा, जैसे:

  • क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs)
  • एंकर निवेशक
  • म्यूचुअल फंड
  • नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशक

नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों में एक हिस्सा उन लोगों के लिए आरक्षित होगा जो 2 लाख से 10 लाख रुपये तक के शेयर लेना चाहते हैं। इसके अलावा, जो निवेशक 10 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश करेंगे, उनके लिए भी शेयर अलग से रखे जाएंगे। रिटेल निवेशकों के लिए भी एक अलग हिस्सेदारी रखी गई है।

Swiggy की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस पर एक नजर

Swiggy भारतीय फूड डिलीवरी मार्केट में एक बड़ी कंपनी मानी जाती है, लेकिन अभी भी उसे कुछ वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मार्च 2024 तक, Swiggy का सालाना नेट लॉस घटकर 2,350.24 करोड़ रुपये रह गया, जो कि पिछले साल 4,179.30 करोड़ रुपये था। कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू FY24 में बढ़कर 11,247.39 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23 में 8,264.59 करोड़ रुपये और FY22 में 5,704.89 करोड़ रुपये था।

IPO में कौन-कौन सी कंपनियां Swiggy का साथ देंगी?

इस IPO में कई बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स (BRLMs) Swiggy का साथ देंगे, जैसे कि:

  • कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी
  • सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
  • जेफरीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
  • अवेंदस कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड

Link Intime India Private Ltd को इस इश्यू के लिए रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है। Swiggy ने इस IPO के लिए अप्रैल में एक ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस फाइल किया था, जिसे सितंबर में SEBI ने मंजूरी दे दी।

Swiggy की फंडिंग हिस्ट्री

Swiggy ने अपने सफर के दौरान कई बड़े निवेशकों का समर्थन हासिल किया है। कंपनी ने अब तक 15 फंडिंग राउंड्स के जरिए लगभग $3.62 बिलियन जुटाए हैं। 2022 में, Swiggy ने Invesco के नेतृत्व में 700 मिलियन डॉलर जुटाए थे, जिससे इसकी वैल्यूएशन $10 बिलियन तक पहुंच गई थी। IPO के लिए भी Swiggy का लक्ष्य $10 बिलियन वैल्यूएशन का है।

निष्कर्ष

Swiggy का IPO निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है, खासकर भारतीय फूड डिलीवरी सेक्टर में इसके मजबूत पकड़ को देखते हुए। हालांकि, कंपनी को अभी भी अपने घाटे को कम करने और ऑपरेशंस में स्थिरता लाने की जरूरत है। IPO की लॉन्च डेट और फाइनल प्राइसिंग का सभी को बेसब्री से इंतजार है।

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Osigu: सीरीज B में 25 मिलियन डॉलर की फंडिंग

Osigu

Miami, FL स्थित AI-संचालित हेल्थकेयर राजस्व साइकिल और क्लेम मैनेजमेंट प्लेटफ़ॉर्म प्रदाता Osigu ने हाल ही में सीरीज B फंडिंग राउंड में 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व IDC Ventures ने किया, जबकि Visa ने एक रणनीतिक निवेशक के रूप में भाग लिया। इस नए निवेश का उद्देश्य Osigu के पेमेंट सॉल्यूशंस को और अधिक उन्नत बनाना है, जिससे हेल्थकेयर प्रदाताओं को समय पर और सटीक भुगतान मिलने में सहायता मिल सके और उनके वित्तीय बोझ को कम किया जा सके।

फंडिंग का उद्देश्य और कंपनी की रणनीति

Osigu इस फंडिंग का उपयोग अपने प्लेटफ़ॉर्म में ऐसे पेमेंट सॉल्यूशंस को जोड़ने के लिए करेगा, जो रियल-टाइम पेमेंट्स को सपोर्ट करते हैं। इस कदम का मुख्य उद्देश्य हेल्थकेयर प्रदाताओं के लिए वित्तीय तनाव को कम करना है, ताकि उन्हें समय पर और सटीक भुगतान मिल सके। इसके माध्यम से हेल्थकेयर सेक्टर में कैश फ्लो को बेहतर बनाने और प्रशासनिक खर्चों को घटाने में मदद मिलेगी।

कंपनी के संस्थापक और सीईओ, Fernando Botrán के नेतृत्व में Osigu एक डिजिटल, AI-संचालित एंड-टू-एंड राजस्व साइकिल और क्लेम मैनेजमेंट प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है, जो हेल्थकेयर सेक्टर में सूचना प्रवाह को सरल और कुशल बनाता है।

हेल्थकेयर प्रदाताओं को मिलने वाले लाभ

Osigu के इस अत्याधुनिक AI-संचालित प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से हेल्थकेयर प्रदाता अब पेमेंट डेटा को एक्सेस कर सकेंगे, पेमेंट समयसीमा को समझ सकेंगे और अपने कैश फ्लो को स्वचालित प्रक्रियाओं के माध्यम से सुधार सकेंगे। साथ ही, यह प्रणाली एरर्स और प्रशासनिक खर्चों को भी कम करती है।

इस प्लेटफ़ॉर्म की मदद से अब हेल्थकेयर प्रदाता भुगतान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें योजना बनाने में आसानी होती है और वे अपने समय और संसाधनों का अधिक कुशलता से उपयोग कर सकते हैं।

Osigu की अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति और विस्तार

पिछले एक दशक में Osigu ने एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, जो मेक्सिको, सेंट्रल अमेरिका, डोमिनिकन रिपब्लिक, कोलंबिया और हाल ही में ब्राज़ील जैसे प्रमुख बाजारों में हेल्थकेयर क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ियों को जोड़ता है। इस प्लेटफार्म के माध्यम से सूचना प्रवाह को सरल और तेज बनाने में Osigu सफल रहा है, जिससे पूरे लैटिन अमेरिका के हेल्थकेयर प्रदाताओं को लाभ हो रहा है।

Osigu का प्लेटफ़ॉर्म विशेषकर उन क्षेत्रों में हेल्थकेयर के बेहतर परिणाम दे रहा है, जहां कई बार पेमेंट प्रोसेसिंग और क्लेम मैनेजमेंट में देरी होती है। स्वचालित प्रक्रिया और AI-इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायता से Osigu इन देरी को कम करने में सहायता करता है और प्रदाताओं को अपने राजस्व चक्र को अधिक स्थिर रखने में मदद करता है।

निवेशकों का विश्वास और भविष्य की संभावनाएं

IDC Ventures द्वारा इस निवेश का नेतृत्व किया गया है, जबकि Visa जैसे बड़े नाम ने इसमें रणनीतिक निवेशक के रूप में भाग लिया है। Visa का यह निवेश Osigu के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह दिखाता है कि प्रमुख वित्तीय संस्थान भी Osigu की टेक्नोलॉजी और इसके बिज़नेस मॉडल को लेकर आशान्वित हैं। Osigu का लक्ष्य है कि हेल्थकेयर सेक्टर में समय पर और सटीक भुगतान के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाए और इसके लिए कंपनी अपने प्लेटफ़ॉर्म को निरंतर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कंपनी का मानना है कि हेल्थकेयर सेक्टर में वित्तीय स्थिरता और भुगतान प्रक्रिया की कुशलता में सुधार करने के लिए AI और ऑटोमेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। निवेशकों का मानना है कि Osigu का यह प्लेटफ़ॉर्म न केवल लैटिन अमेरिका बल्कि वैश्विक स्तर पर हेल्थकेयर राजस्व चक्र प्रबंधन में क्रांति ला सकता है।

स्वचालित प्रणाली के लाभ

Osigu की इस प्रणाली के तहत हेल्थकेयर प्रदाताओं को भुगतान संबंधी डेटा और भुगतान समयसीमा के बारे में बेहतर जानकारी मिलती है। इसके माध्यम से उन्हें अपने कैश फ्लो को सुधारने में मदद मिलती है, जिससे उनके राजस्व चक्र की स्थिरता बनी रहती है। AI और ऑटोमेशन के चलते एरर्स कम होते हैं और प्रशासनिक खर्चों में भी कमी आती है।

यह प्रणाली विशेष रूप से उन प्रदाताओं के लिए उपयोगी है जो बड़े पैमाने पर काम करते हैं और जिनकी आय में स्थिरता की आवश्यकता होती है। Osigu के AI और ऑटोमेशन से युक्त समाधान प्रदाताओं के लिए अपने राजस्व को समय पर प्रबंधित करने का एक आसान और प्रभावी तरीका प्रदान करते हैं।

निष्कर्ष: Osigu का भविष्य और हेल्थकेयर में परिवर्तन की दिशा

इस नए निवेश से Osigu को न केवल लैटिन अमेरिका में, बल्कि अन्य बाजारों में भी विस्तार करने का अवसर मिलेगा। कंपनी का उद्देश्य है कि वह अधिक से अधिक हेल्थकेयर प्रदाताओं को जोड़ सके और उनकी राजस्व साइकिल और क्लेम मैनेजमेंट को सरल बना सके। AI और ऑटोमेशन के साथ, Osigu अपने प्लेटफ़ॉर्म को और अधिक कुशल बनाने की दिशा में अग्रसर है, जिससे हेल्थकेयर सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया जा सके।

Osigu का यह प्रयास हेल्थकेयर में एक नई लहर ला सकता है, जहां प्रदाता न केवल अपने मरीजों पर ध्यान दे सकें, बल्कि अपने राजस्व को भी स्थिर रख सकें। Visa और IDC Ventures जैसे बड़े निवेशकों का सहयोग इस बात का प्रमाण है कि Osigu एक सकारात्मक और प्रभावशाली बदलाव ला सकता है, जो आने वाले वर्षों में हेल्थकेयर सेक्टर की दिशा को नया मोड़ देगा।

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Healthify को मिला $20 मिलियन का नया निवेश

Healthify

Healthify अपने एआई-संचालित कोचिंग मॉडल को लेकर बहुत गंभीर है और इसके लिए उसने कई नई तकनीकों में निवेश किया है। कंपनी का मानना है कि AI का उपयोग व्यक्तिगत स्वास्थ्य और फिटनेस कोचिंग में क्रांति ला सकता है। Healthify के संस्थापकों का कहना है कि वे नई तकनीकों के माध्यम से यूजर्स को एक ऐसा अनुभव देना चाहते हैं, जो न केवल उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए, बल्कि उनकी दैनिक जीवनशैली में भी सुधार करे।

कंपनी के अनुसार, एआई-संचालित न्यूट्रिशन और फिटनेस कोचिंग विशेष रूप से अमेरिका जैसे बाजारों के लिए डिज़ाइन की गई है, जहां उपयोगकर्ता कई भाषाओं, भोजन की आदतों और सांस्कृतिक प्राथमिकताओं का पालन करते हैं। इस प्रकार Healthify की सेवाएं अमेरिकी बाजार में यूजर्स की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित होंगी, जिससे इसका विस्तार आसान और प्रभावी होगा।

अमेरिकी बाजार पर फोकस

Healthify के अनुसार, अमेरिका में स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति जागरूकता में वृद्धि हो रही है और लोग एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए डिजिटल समाधानों का सहारा ले रहे हैं। इसी के मद्देनजर Healthify ने अमेरिका में अपनी सेवाएं लॉन्च करने की योजना बनाई है। कंपनी का मानना है कि इस कदम से न केवल उसकी ग्लोबल उपस्थिति बढ़ेगी बल्कि उसकी सेवाओं में विविधता भी आएगी।

Healthify का यह विस्तार केवल सेवा बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि कंपनी का उद्देश्य अपने AI मॉडल्स को अधिक मजबूत और प्रभावी बनाना भी है, जिससे यूजर्स को एक संपूर्ण हेल्थ-कोचिंग अनुभव मिल सके।

कॉर्पोरेट वेलनेस प्रोग्राम और B2B साझेदारी

Healthify न केवल व्यक्तिगत यूजर्स को सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि इसका एक B2B वर्टिकल भी है, जो कॉर्पोरेट वेलनेस पर केंद्रित है। कंपनी का मानना है कि स्वस्थ और सक्रिय कर्मचारियों से कंपनी की उत्पादकता में सुधार हो सकता है। इसी दिशा में Healthify ने डायग्नोस्टिक्स, इंश्योरेंस, और फार्मास्यूटिकल कंपनियों के साथ साझेदारियां की हैं।

इसका उद्देश्य कॉर्पोरेट कर्मचारियों को स्वस्थ और फिट रखने के लिए उन्हें व्यक्तिगत कोचिंग, हेल्थ चेकअप, और फिटनेस चैलेंज जैसी सेवाएं प्रदान करना है। Healthify की इस पहल को बड़ी कंपनियों से भी सराहना मिल रही है, जो अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने पर ध्यान दे रही हैं।

वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य के लक्ष्य

वित्तीय दृष्टिकोण से Healthify का प्रदर्शन मजबूत रहा है। भारतीय संचालन ने ऑपरेशनल प्रॉफिटबिलिटी हासिल कर ली है और कंपनी को उम्मीद है कि FY25 के अंत तक वह EBITDA पॉजिटिव हो जाएगी। कंपनी ने FY23 में 229.71 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था, हालांकि उसे 142 करोड़ रुपये का घाटा भी हुआ। कंपनी का मानना है कि नए निवेश से उसकी वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएगी।

Healthify के संस्थापक इस बात पर जोर देते हैं कि यह केवल एक स्वास्थ्य और फिटनेस प्लेटफार्म नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जो लोगों को बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। कंपनी का कहना है कि उसकी सेवाएं केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखती हैं।

भविष्य में नवाचार और उत्पाद विकास

Healthify ने अपने प्लेटफार्म को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए उत्पाद और फीचर्स पर काम करना शुरू कर दिया है। कंपनी का उद्देश्य नए और इनोवेटिव हेल्थ प्रोडक्ट्स विकसित करना है, जो यूजर्स को उनके स्वास्थ्य लक्ष्यों तक पहुँचने में सहायता करेंगे। इस दिशा में Healthify नए AI-संचालित टूल्स और वियरेबल्स पर भी विचार कर रहा है, जो यूजर्स की हेल्थ और फिटनेस को ट्रैक कर सकें और उन्हें हर समय अप-टू-डेट रखें।

कंपनी ने यह भी बताया कि आने वाले वर्षों में वह यूजर्स को उनके व्यक्तिगत डेटा का उपयोग करके एक कस्टमाइज्ड अनुभव प्रदान करने की योजना बना रही है, जो हर यूजर की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

निष्कर्ष: एक स्थिर और लंबी अवधि का दृष्टिकोण

Healthify का मानना है कि नई फंडिंग के माध्यम से वह अपने विस्तार और विकास को मजबूत कर सकेगा और एक ग्लोबल हेल्थ और फिटनेस लीडर बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगा। अमेरिकी बाजार में प्रवेश के साथ ही Healthify की योजना है कि वह अधिक से अधिक यूजर्स को जोड़े और उनकी स्वास्थ्य यात्रा में सहायता करे।

यह निवेश Healthify के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उसे और अधिक स्थिर, प्रभावी और यूजर-केंद्रित बनाने में मदद करेगा। कंपनी की योजना यह सुनिश्चित करने की है कि वह न केवल वित्तीय रूप से सफल हो बल्कि अपने यूजर्स के जीवन में भी एक सकारात्मक बदलाव लाए।

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Ixigo ने Zoop में 51% हिस्सेदारी खरीदी

Ixigo

ट्रैवल बुकिंग प्लेटफॉर्म ixigo ने zoop Web Services Private Limited में बहुमत हिस्सेदारी (51%) हासिल करने का निर्णय लिया है। Ixigo के निदेशक मंडल ने 24 अक्टूबर 2024 को हुई बैठक में इस अधिग्रहण को मंजूरी दी। इस डील में Ixigo द्वारा Zoop में 12.54 करोड़ रुपये की कुल रकम के बदले हिस्सेदारी खरीदी जाएगी, जिसमें एक “नॉन-कम्पीट फी” भी शामिल है।

यह अधिग्रहण तब तक पूर्ण नहीं होगा जब तक कि कुछ शर्तें पूरी नहीं हो जातीं, जिन्हें दोनों कंपनियों के बीच हुए अंतिम समझौतों में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है।

अधिग्रहण की संरचना

ixigo यह अधिग्रहण दो तरीकों से करेगा: सेकेंडरी और प्राइमरी शेयर खरीद के माध्यम से। Zoop भारतीय रेलवे इकोसिस्टम में ई-कैटरिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करने के लिए जानी जाती है। Ixigo इस अधिग्रहण के माध्यम से Zoop की सेवाओं को अपने प्लेटफॉर्म में शामिल करके अपने उपयोगकर्ताओं को एक समग्र और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने की योजना बना रही है। यह अधिग्रहण Ixigo के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि Q2 FY25 में कंपनी की कुल राजस्व का 53% हिस्सा ट्रेन वर्टिकल से आया है।

Zoop की सेवाएं

Zoop यात्रियों को मील बुकिंग, पीएनआर स्टेटस चेक करने और अन्य रेलवे-संबंधित सेवाएं प्रदान करता है। Zoop वर्तमान में 18 राज्यों में 192 रेलवे स्टेशनों पर अपनी सेवाएं प्रदान करता है और यह लगभग 400 सक्रिय रेस्तरांओं के साथ साझेदारी में काम करता है।

इस बहुमत हिस्सेदारी को खरीदने के अलावा, Ixigo ने भविष्य में Zoop के शेष 49% हिस्सेदारी को खरीदने का विकल्प भी हासिल किया है।

Ixigo की तीसरी बड़ी अधिग्रहण

यह Ixigo का तीसरा बड़ा अधिग्रहण है। फरवरी 2021 में, Ixigo ने ट्रेन बुकिंग ऐप Confirmtkt का 100% अधिग्रहण किया था, जबकि अगस्त 2021 में उसने बस एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म AbhiBus का अधिग्रहण किया था। ये सभी अधिग्रहण Ixigo की ट्रैवल बुकिंग इंडस्ट्री में अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में बड़े कदम माने जा रहे हैं।

Ixigo के वित्तीय प्रदर्शन

Ixigo ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में 206.47 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो पिछले साल की समान अवधि (Q2 FY24) की तुलना में 26% की वृद्धि है। हालांकि, कंपनी के मुनाफे में गिरावट देखी गई, जहां Q2 FY24 में 26.70 करोड़ रुपये का मुनाफा था, वहीं Q2 FY25 में यह घटकर 13.08 करोड़ रुपये रह गया, जो 51% की गिरावट दर्शाता है। यह गिरावट कंपनी की उच्च लागत और विस्तार योजनाओं से संबंधित खर्चों को दिखाता है।

Ixigo का विस्तार और भविष्य की योजनाएं

Zoop का अधिग्रहण Ixigo की रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह अपने प्लेटफॉर्म को और व्यापक बनाने की कोशिश कर रही है। Zoop की ई-कैटरिंग सेवाएं और रेलवे से संबंधित अन्य सुविधाएं Ixigo के प्लेटफॉर्म को और अधिक आकर्षक बना सकती हैं, खासकर उनके लिए जो ट्रेन यात्राएं बुक करते हैं। इसके साथ ही, इस अधिग्रहण से Ixigo को भारतीय रेल यात्री सेवा क्षेत्र में और अधिक विस्तार करने का अवसर मिलेगा।

Ixigo का यह कदम यह भी दिखाता है कि कंपनी भारतीय ट्रैवल मार्केट में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए नए और उपयोगी अधिग्रहण कर रही है, जिससे कंपनी को न केवल अधिक राजस्व प्राप्त होगा, बल्कि वह बाजार में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को भी मजबूत करेगी।

Ixigo की भविष्य की संभावनाएं

Ixigo द्वारा Zoop का अधिग्रहण भारतीय ट्रैवल इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण विकास के रूप में देखा जा रहा है। Zoop की सेवाओं के साथ Ixigo का प्लेटफॉर्म और भी मजबूत होगा, जो उपयोगकर्ताओं को न केवल यात्रा बुकिंग की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि यात्रा के दौरान भोजन और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा।

Ixigo को अपने मौजूदा उपयोगकर्ता आधार को और अधिक आकर्षित करने में मदद मिलेगी, खासकर उन यात्रियों को जो लंबी दूरी की ट्रेन यात्रा करते हैं और जिनके लिए यात्रा के दौरान भोजन की व्यवस्था करना एक प्रमुख चिंता का विषय होता है। Zoop की ई-कैटरिंग सेवाएं उन यात्रियों के लिए एक बड़ा फायदा साबित होंगी, जो बिना किसी परेशानी के अपनी सीट पर भोजन प्राप्त करना चाहते हैं।

निष्कर्ष

Ixigo का Zoop में 51% हिस्सेदारी खरीदने का यह निर्णय न केवल कंपनी के लिए एक रणनीतिक कदम है, बल्कि भारतीय ट्रैवल बुकिंग इंडस्ट्री में भी इसका महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है। इस अधिग्रहण के बाद, Ixigo अपने प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को अधिक सेवाएं प्रदान कर सकेगी, जिससे उसकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इसके अलावा, कंपनी का यह कदम यह दर्शाता है कि Ixigo भविष्य में और भी अधिग्रहण कर सकती है, जिससे वह भारतीय ट्रैवल सेक्टर में और अधिक पकड़ बना सकेगी।

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Ixigo का राजस्व 26% बढ़कर 206.47 करोड़ रुपये पहुंचा

Ixigo

ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर (OTA) ixigo ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में अपने परिचालन से होने वाले राजस्व में 26% की वृद्धि दर्ज की है, जो 206.47 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से फ्लाइट और बस बुकिंग से प्रेरित रही, जहां फ्लाइट ग्रॉस ट्रांजैक्शन वैल्यू (GTV) में सालाना आधार पर 43% की बढ़ोतरी हुई और बस GTV में 46% की वृद्धि हुई।

गुरुग्राम स्थित ixigo ने स्टॉक एक्सचेंज में अपनी फाइलिंग में बताया कि कंपनी का योगदान मार्जिन Q2 FY25 में 24% बढ़कर 91.08 करोड़ रुपये हो गया, जबकि Q2 FY24 में यह 73.67 करोड़ रुपये था। हालांकि, परिचालन से होने वाले राजस्व के प्रतिशत के रूप में योगदान मार्जिन में हल्की गिरावट दर्ज की गई, जो Q2 FY24 के 45% से घटकर Q2 FY25 में 44% रह गई।

प्रमुख राजस्व स्रोत: ट्रेन टिकटिंग

ixigo की आय का प्रमुख हिस्सा ट्रेन टिकटिंग से आता है। Q1 FY25 में कंपनी ने अपने कुल परिचालन राजस्व का 53.5% ट्रेन टिकटिंग से उत्पन्न किया, जो 110.4 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, फ्लाइट बुकिंग सेवाओं का कंपनी की आय में 27% और बस बुकिंग का 19.3% योगदान रहा।

ऑपरेटिंग खर्चों में वृद्धि

Q2 FY25 में कंपनी के परिचालन खर्चों में भी वृद्धि हुई है, जो कंपनी के विस्तार और बाजार में अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए किए गए निवेश को दर्शाता है। उपयोगकर्ता अधिग्रहण और बाजार में प्रवेश के लिए कंपनी ने अपने कर्मचारी खर्चों और मार्केटिंग लागतों में भी इजाफा किया।

हालांकि कंपनी के खर्चों में बढ़ोतरी हुई है, फिर भी EBITDA में जबरदस्त उछाल देखा गया है। EBITDA (अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट, टैक्स, डिप्रिशिएशन, एंड अमोर्टिजेशन) Q2 FY25 में 655% की वृद्धि के साथ 22.4 करोड़ रुपये हो गया, जबकि Q2 FY24 में यह केवल 2.96 करोड़ रुपये था। इसी तरह, समायोजित EBITDA में भी 326% की बढ़ोतरी हुई, जो Q2 FY25 में 20.99 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

कंपनी का विस्तार और भविष्य की योजनाएं

Ixigo का यह वित्तीय प्रदर्शन दर्शाता है कि कंपनी की रणनीतियां उपयोगकर्ता आधार बढ़ाने और विभिन्न ट्रैवल सेगमेंट में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए सफल रही हैं। फ्लाइट और बस बुकिंग के क्षेत्र में कंपनी की उच्च वृद्धि के साथ, Ixigo अब और अधिक सेवाओं में निवेश कर रही है ताकि इसे और बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही कंपनी अपने ट्रेन टिकटिंग कारोबार में भी मजबूत पकड़ बनाए हुए है, जो कि भारत में यात्रा उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

कंपनी ने अपने ऑपरेटिंग खर्चों में वृद्धि के बावजूद लाभप्रदता को बनाए रखा है, जो इसके कारोबार के स्थायित्व को दर्शाता है। Ixigo के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसने लागत प्रबंधन के साथ-साथ आय बढ़ाने में भी संतुलन बनाए रखा है, जिससे भविष्य में इसके विकास की संभावनाएं उज्जवल दिख रही हैं।

मार्केट में Ixigo की स्थिति

Ixigo भारत के ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर सेक्टर में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है, जो अपने उपयोगकर्ताओं को ट्रेन, फ्लाइट और बस बुकिंग की व्यापक सेवाएं प्रदान करता है। इसके साथ ही, कंपनी का ध्यान यूजर्स को सस्ती और सुविधाजनक यात्रा विकल्प प्रदान करने पर है, जिससे वह तेजी से बढ़ते ट्रैवल सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।

कंपनी के लिए चुनौती यह होगी कि वह अपने बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखते हुए और अधिक राजस्व स्रोतों की पहचान करे। इसके अलावा, कंपनी को ट्रैवल सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नई तकनीकों और सेवाओं में निवेश करना होगा।

निष्कर्ष

Ixigo का Q2 FY25 का वित्तीय प्रदर्शन दर्शाता है कि कंपनी सही दिशा में कदम बढ़ा रही है। 26% की राजस्व वृद्धि और EBITDA में जबरदस्त उछाल यह दर्शाते हैं कि कंपनी ने न केवल अपने बाजार में स्थान को मजबूत किया है, बल्कि अपने उपयोगकर्ताओं के लिए उच्च मूल्य भी उत्पन्न किया है।

हालांकि कंपनी को भविष्य में अपने खर्चों और परिचालन लागतों को संतुलित करने की आवश्यकता होगी, लेकिन वर्तमान प्रदर्शन यह संकेत देता है कि Ixigo भारतीय ट्रैवल मार्केट में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के लिए तैयार है।

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Space Startups के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड

Space Startups

भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने Space Startups क्षेत्र में सहयोग देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्वीकृत किया है। इस फंड का उद्देश्य पूरे भारत में लगभग 40 स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करना है, जिससे निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रगति को गति मिलेगी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवीनता के अवसर बढ़ेंगे।

यह फंड केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य घरेलू अंतरिक्ष कंपनियों को बनाए रखना और उन्हें उन्नत चरणों में विकास के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सक्षम बनाना है।

केंद्र का लक्ष्य: निजी Space Startups तेजी लाना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के केंद्रीय बजट के दौरान इस फंड की घोषणा की थी। इसे अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा। इस फंड का औसत वार्षिक आवंटन 150 से 250 करोड़ रुपये के बीच होगा। वित्त वर्ष 2026 (FY26) के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, उसके बाद अगले तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष 250 करोड़ रुपये और अंतिम वर्ष में 100 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।

IN-SPACe करेगा फंड का प्रबंधन

इस फंड का प्रबंधन भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) द्वारा किया जाएगा, जो कि भारत में निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष उद्योग में भागीदारी को बढ़ावा देने वाली एजेंसी है। IN-SPACe का मुख्य कार्य निजी कंपनियों को अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें सरकारी संसाधनों और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में सहायता प्रदान करना है।

निवेश सीमा: 10 करोड़ से 60 करोड़ रुपये तक

इस फंड के तहत निवेश की राशि कंपनी की स्थिति, विकास की संभावनाओं और राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्षमताओं पर उसके प्रभाव के आधार पर तय की जाएगी। कंपनी के विकास के प्रारंभिक चरण के लिए 10 से 30 करोड़ रुपये तक का निवेश किया जा सकता है, जबकि देर से विकास के चरणों में यह राशि 30 से 60 करोड़ रुपये तक हो सकती है। इस तरह के निवेश से स्टार्टअप्स को अपनी तकनीक विकसित करने, नए उत्पादों का परीक्षण करने और अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी जगह बनाने में मदद मिलेगी।

अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को नई ऊर्जा

भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र हाल के वर्षों में तेजी से विकसित हुआ है और निजी कंपनियों की भागीदारी ने इसमें और अधिक संभावनाओं को जन्म दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कई निजी कंपनियों को प्रोत्साहित किया है, जो नई तकनीकें और नवाचार लाने में सक्षम हैं। इस वेंचर कैपिटल फंड का उद्देश्य उन्हीं स्टार्टअप्स को पूंजी प्रदान करना है, जो अंतरिक्ष क्षेत्र में अपने विचारों और उत्पादों को बाजार में लाने के लिए वित्तीय मदद की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी से न केवल देश के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारत को एक प्रमुख अंतरिक्ष खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा।

फंड से क्या लाभ होंगे?

  1. नवाचार को प्रोत्साहन: इस फंड के माध्यम से छोटे और मध्यम आकार के स्टार्टअप्स को अपने शोध एवं विकास में निवेश करने और नए उत्पादों को विकसित करने में मदद मिलेगी।
  2. तेजी से वृद्धि: निवेश के माध्यम से स्टार्टअप्स को अपने ऑपरेशंस का विस्तार करने, नए ग्राहकों तक पहुंचने और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा।
  3. राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक लाभ: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग सिर्फ वाणिज्यिक उद्देश्यों तक सीमित नहीं है; यह राष्ट्रीय सुरक्षा और निगरानी के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस फंड के जरिए निवेश किए गए स्टार्टअप्स राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए भी नई तकनीकें विकसित कर सकते हैं।
  4. नए रोजगार अवसर: इस फंड से स्टार्टअप्स को वित्तीय स्थिरता मिलेगी, जिससे नए रोजगार सृजित होंगे और वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में युवाओं को अवसर मिलेंगे।

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का बढ़ता महत्व

भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र, जिसे ISRO की प्रमुखता में स्थापित किया गया है, अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। चंद्रयान 3 और गगनयान जैसे मिशनों ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है। अब, निजी कंपनियों की भागीदारी से इस क्षेत्र में और भी संभावनाएं खुल रही हैं।

केंद्र सरकार की यह पहल न केवल भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को नया आयाम देगी, बल्कि विश्व के अन्य देशों के साथ सहयोग और प्रतिस्पर्धा में भी मददगार साबित होगी।

निजी निवेश का आकर्षण

इस वेंचर कैपिटल फंड के अलावा, केंद्र सरकार को उम्मीद है कि यह निवेश अन्य निवेशकों और वित्तीय संस्थानों को भी आकर्षित करेगा, जो भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप्स में निवेश करने में रुचि रखते हैं।

इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भारत में अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन हों ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें और अपनी तकनीक को वैश्विक बाजारों में लाने में सक्षम हों।

निष्कर्ष

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप्स के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश के अंतरिक्ष मिशनों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को और मजबूत करेगा। यह फंड न केवल स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं को बेहतर बनाने, विस्तार करने और नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए भी प्रेरित करेगा।

इस पहल से भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास की नई लहर आएगी, जिससे देश की वैश्विक स्थिति और मजबूत होगी।

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