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Awfis

भारत की प्रमुख को-वर्किंग स्पेस प्रोवाइडर कंपनी Awfis ने चालू वित्त वर्ष (FY25) की तीसरी तिमाही (Q3) में 44% सालाना (YoY) वृद्धि दर्ज की है। दिल्ली स्थित इस स्टार्टअप का मुनाफा इसी अवधि में ₹15.1 करोड़ पर पहुंच गया।

Awfis की राजस्व (Revenue) आय Q3 FY25 में बढ़कर ₹318 करोड़ हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि (Q3 FY24) में ₹221 करोड़ थी।

Awfis की ग्रोथ और बिजनेस मॉडल

Awfis की स्थापना 2015 में हुई थी और यह स्टार्टअप्स, छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs), और बड़ी कंपनियों के लिए कस्टमाइज्ड ऑफिस स्पेस प्रदान करता है। इसके अलावा, यह फूड और बेवरेजेस, IT सपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज जैसी एडिशनल सर्विसेज भी ऑफर करता है।

कंपनी की ग्रोथ का प्रमुख कारण भारत में हाइब्रिड और फ्लेक्सिबल वर्किंग मॉडल की बढ़ती मांग है। स्टार्टअप्स और बड़ी कंपनियां पारंपरिक ऑफिस लीज़ के बजाय शॉर्ट-टर्म और फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस को प्राथमिकता दे रही हैं, जिससे को-वर्किंग स्पेस इंडस्ट्री तेजी से ग्रोथ कर रही है

Awfis के कुल ऑपरेटिंग रेवेन्यू का 76.7% हिस्सा को-वर्किंग स्पेस रेंटल और इससे जुड़ी सेवाओं से आया।

  • को-वर्किंग स्पेस रेंटल और संबंधित सेवाओं से कंपनी की आय Q3 FY25 में ₹244 करोड़ रही, जो कि Q3 FY24 के ₹160 करोड़ से 52.5% अधिक है।
  • कंस्ट्रक्शन, फिट-आउट प्रोजेक्ट्स, फैसिलिटी मैनेजमेंट और फूड आइटम्स की बिक्री भी कंपनी के अन्य राजस्व स्रोत रहे।

कंपनी ने चालू वित्त वर्ष (FY25) की पहली 9 महीनों में ₹868 करोड़ का कुल राजस्व अर्जित किया और इस दौरान इसका शुद्ध लाभ (Net Profit) ₹56.6 करोड़ दर्ज किया गया।

Awfis के खर्चों में बढ़ोतरी

कंपनी का कुल खर्च Q3 FY25 में 36.6% बढ़कर ₹317 करोड़ हो गया, जबकि Q3 FY24 में यह ₹232 करोड़ था।

प्रमुख खर्चों की श्रेणियां:

सब-कॉन्ट्रैक्टिंग और ट्रेडेड गुड्स की खरीद – कुल खर्च का 22%
एम्प्लॉयी बेनेफिट्स (Employee Benefits)
डिप्रिसिएशन और एमॉर्टाइज़ेशन (Depreciation & Amortization)
फाइनेंस कॉस्ट्स (Finance Costs)

इन बढ़ते खर्चों के बावजूद, कंपनी की राजस्व वृद्धि और ऑपरेशनल एफिशिएंसी ने इसे लाभ में बनाए रखा है।

मुनाफे में जबरदस्त उछाल

Awfis ने Q3 FY25 में ₹15.1 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया, जबकि पिछले साल (Q3 FY24) में इसे ₹6.2 करोड़ का नुकसान हुआ था।

हालांकि, दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में कंपनी का शुद्ध लाभ ₹38.6 करोड़ था, जिससे Q3 में सीक्वेंशियल रूप से गिरावट देखी गई।

शेयर बाजार में प्रदर्शन

Awfis का शेयर ₹664 प्रति शेयर पर बंद हुआ, जो 3.36% की गिरावट को दर्शाता है।

वर्तमान में, कंपनी की कुल बाजार पूंजी (Market Capitalization) ₹4,702 करोड़ (~$559 मिलियन) है।

भारत में को-वर्किंग स्पेस इंडस्ट्री का विस्तार

Awfis की ग्रोथ से साफ संकेत मिलता है कि भारत में को-वर्किंग स्पेस इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है

किन कारणों से को-वर्किंग स्पेस की मांग बढ़ रही है?
📌 हाइब्रिड वर्क कल्चर का बढ़ना – कोविड-19 के बाद कई कंपनियां स्थायी रूप से हाइब्रिड वर्क मॉडल अपनाने लगी हैं।
📌 कॉर्पोरेट्स और स्टार्टअप्स का झुकाव – कई बड़ी कंपनियां और स्टार्टअप्स फिक्स्ड ऑफिस लीज़ के बजाय फ्लेक्सिबल स्पेस को चुन रहे हैं।
📌 मेट्रो और टियर-2 शहरों में विस्तार – कंपनियां दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के अलावा टियर-2 शहरों में भी को-वर्किंग स्पेस की मांग बढ़ा रही हैं।

Awfis इस बढ़ती मांग का फायदा उठाकर अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकता है और नए शहरों में अपने सेंटर खोल सकता है।

Awfis की भविष्य की रणनीति

आने वाले समय में, Awfis अपने कारोबार को और अधिक डिजिटल और टेक-इनेबल्ड समाधान के साथ आगे बढ़ाने की योजना बना सकता है।

👉 नए शहरों में विस्तार – कंपनी आने वाले वर्षों में भारत के प्रमुख टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपनी मौजूदगी बढ़ा सकती है।
👉 कॉर्पोरेट पार्टनरशिप बढ़ाना – Awfis बड़ी कंपनियों के साथ लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स साइन कर सकता है।
👉 डिजिटल बुकिंग और ऑन-डिमांड वर्कस्पेस – कंपनी AI और ऑटोमेशन की मदद से अपने ग्राहकों को तेजी से सर्विस दे सकती है।
👉 नए रेवेन्यू मॉडल – Awfis फिट-आउट और कस्टम वर्कस्पेस डिजाइन जैसी एडिशनल सर्विसेज को बढ़ाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकता है।

निष्कर्ष

Awfis ने Q3 FY25 में 44% की सालाना ग्रोथ के साथ शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी की राजस्व आय ₹318 करोड़ तक पहुंच गई और ₹15.1 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया गया।

भारत में को-वर्किंग स्पेस इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है और Awfis इस बढ़ती मांग का सबसे अधिक लाभ उठा सकता है।

अगर कंपनी अपने विस्तार और टेक्नोलॉजी-संचालित सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करती है, तो आने वाले वर्षों में यह भारत की सबसे बड़ी को-वर्किंग स्पेस प्रोवाइडर बन सकती है। 🚀

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