लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन को सुलभ बनाने वाले प्लेटफॉर्म Shiprocket ने अपनी चल रही सीरीज E फंडिंग राउंड के विस्तार में Rs 219 करोड़ (लगभग $26 मिलियन) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व KDT Ventures ने किया है, जबकि MUFG बैंक, Tribe Capital, और SAI Global ने भी इसमें भाग लिया है।
Shiprocket फंडिंग का वितरण
Shiprocket के बोर्ड ने 50,461 सीरीज E3 CCPS (कंपल्सरी कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर्स) को Rs 43,394 प्रति शेयर के इश्यू प्राइस पर जारी करने का प्रस्ताव पास किया है। इस फंडिंग का विवरण इस प्रकार है:
- KDT Ventures: Rs 124.5 करोड़
- MUFG बैंक: Rs 49.8 करोड़
- Tribe Capital: Rs 6.23 करोड़
- Huddle Collective: Rs 34.7 लाख
- SAI Global India: Rs 38 करोड़
कंपनी की वैल्यूएशन और आगे की संभावनाएं
फंडिंग के बाद, Shiprocket की पोस्ट-फंडिंग वैल्यूएशन लगभग Rs 10,195 करोड़ (लगभग $1.21 बिलियन) आंकी गई है। यह संभावना है कि यह फंडिंग एक बड़े राउंड का हिस्सा है, जिसमें भविष्य में और पूंजी जुटाई जा सकती है।
Shiprocket ने अब तक कुल $320 मिलियन से अधिक फंडिंग जुटाई है। इससे पहले, कंपनी ने McKinsey के नेतृत्व में $11 मिलियन का फंड जुटाया था।
Shiprocket का परिचय और सेवाएं
Shiprocket की स्थापना साहिल गोयल, गौतम कपूर, और विशेष खुराना ने की थी। यह एक लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन प्लेटफॉर्म है, जो व्यवसायों को लॉजिस्टिक्स से जुड़ी समस्याओं को हल करने में मदद करता है।
सेवाओं में शामिल हैं:
- कूरियर इंटीग्रेशन: व्यवसायों को अपने शिपिंग विकल्पों को कूरियर सेवाओं के साथ जोड़ने की सुविधा।
- रियल-टाइम ट्रैकिंग: शिपमेंट की स्थिति को लाइव ट्रैक करने का विकल्प।
- ऑटोमेटेड सॉल्यूशंस: शिपिंग और लॉजिस्टिक्स प्रक्रिया को ऑटोमेट करना।
Shiprocket छोटे और मध्यम व्यवसायों (SMBs) को शिपिंग की प्रक्रिया को कुशल और सस्ती बनाने में मदद करता है।
Shiprocket के प्रमुख निवेशक
Shiprocket के निवेशकों की सूची प्रभावशाली है।
- Bertelsmann Nederland B.V.: सबसे बड़े बाहरी स्टेकहोल्डर।
- Tribe Capital: प्रमुख निवेशकों में शामिल।
- अन्य notable निवेशक: Zomato, Temasek, LightRock, और PayPal।
लॉजिस्टिक्स सेक्टर में Shiprocket का प्रभाव
लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन इंडस्ट्री में Shiprocket का एक बड़ा योगदान है।
- डिजिटल समाधान: Shiprocket की तकनीकी क्षमताएं इसे अन्य पारंपरिक लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं से अलग बनाती हैं।
- छोटे व्यवसायों का सशक्तिकरण: Shiprocket के माध्यम से SMBs के लिए ग्राहक तक सामान पहुंचाना अधिक सरल और किफायती हो गया है।
- विस्तृत नेटवर्क: Shiprocket ने भारत में अपने सेवा नेटवर्क का विस्तार किया है, जिससे यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से पहुंच बना सका है।
Shiprocket की विकास यात्रा
Shiprocket की स्थापना 2017 में हुई थी।
- यह तेजी से विकसित हुआ और आज भारतीय यूनिकॉर्न कंपनियों में शामिल है।
- कंपनी ने तकनीकी नवाचारों के माध्यम से अपनी सेवाओं को अपग्रेड किया है।
- फंडिंग राउंड्स और नए साझेदारियों के माध्यम से Shiprocket ने अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है।
भविष्य की योजनाएं
Shiprocket का उद्देश्य अपने लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन समाधान को और मजबूत करना है।
- तकनीकी निवेश:
- Shiprocket अपने प्लेटफॉर्म को और अधिक कुशल बनाने के लिए नई तकनीकों में निवेश करेगा।
- नेटवर्क विस्तार:
- कंपनी का लक्ष्य भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार करना है।
- साझेदारियों का विस्तार:
- Shiprocket नई साझेदारियां बनाकर अपने व्यवसाय को और बढ़ाएगा।
लॉजिस्टिक्स सेक्टर का व्यापक प्रभाव
भारतीय लॉजिस्टिक्स सेक्टर में Shiprocket जैसे प्लेटफॉर्म का महत्व तेजी से बढ़ रहा है।
- ई-कॉमर्स का विस्तार: भारत में ई-कॉमर्स का विकास लॉजिस्टिक्स सेक्टर की वृद्धि को प्रेरित कर रहा है।
- डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: Shiprocket जैसे प्लेटफॉर्म डिजिटल तकनीकों के उपयोग से सेक्टर को आधुनिक बना रहे हैं।
- नए अवसर: लॉजिस्टिक्स सेक्टर में नवाचार और निवेश के कारण नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
निष्कर्ष
Shiprocket का Rs 219 करोड़ का फंडिंग राउंड और $1.21 बिलियन की वैल्यूएशन इसे भारतीय लॉजिस्टिक्स सेक्टर में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाते हैं।
- कंपनी का फोकस तकनीकी नवाचार, सेवा विस्तार, और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने पर है।
- भविष्य में, Shiprocket का उद्देश्य अपने नेटवर्क और सेवाओं को और अधिक विकसित करना है, जो भारतीय लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
Shiprocket की यह उपलब्धि भारतीय स्टार्टअप्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए एक प्रेरणा है।
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