सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम रखते हुए, सूरत स्थित Rayzon Solar ने अपने पहले बाहरी फंडिंग राउंड में ₹137.8 करोड़ (लगभग $16.2 मिलियन) की फंडिंग जुटा ली है। यह फंडिंग ऐसे समय में आई है जब कंपनी IPO (Initial Public Offering) की दिशा में बढ़ रही है और भारत के उभरते सोलर टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स में अपना नाम मजबूत कर रही है।
💸 Rayzon Solar कौन-कौन बना सूरज की किरण?
इस राउंड का लाइट ऑन किया हर्षदकुमार पटेल ने, जिन्होंने अकेले ₹26.8 करोड़ का चेक काटा। साथ ही दिव्यांग पटेल ने ₹5 करोड़ जोड़े। इनके अलावा करीब 80 और individual investors ने भी छोटे-बड़े चेक्स से इस फंडिंग को मजबूत किया।
🧾 58,89,092 शेयर ₹234 के रेट पर अलॉट किए गए।
🎯 पैसा जाएगा कहाँ?
Rayzon Solar का कहना है कि ये पैसा लगेगा:
- कंपनी के तेज़ी से बढ़ते सोलर बिज़नेस को और ऊपर ले जाने में
- IPO की तैयारी में — जो आने वाले कुछ महीनों में दस्तक देगा
- और कुछ पैसा जाएगा कॉर्पोरेट खर्चों और ग्रोथ प्लान्स में
🌞 ESOP की रौशनी
अब सुनिए असली ट्विस्ट — कंपनी ने ESOP 2025 प्लान भी लॉन्च कर दिया है, जिसमें 1 करोड़ स्टॉक ऑप्शंस होंगे।
👉 वैल्यू? करीब ₹234 करोड़ ($27.5 मिलियन)!
मतलब सिर्फ निवेशक नहीं, अब एम्प्लॉयीज़ भी बनेंगे रेज़ॉन के मालिक।
📊 कंपनी की सेहत कैसी है?
- Revenue (FY24): ₹1,273 करोड़
- Profit: ₹61 करोड़
- Post-money Valuation: ₹7,158 करोड़ (~$842 मिलियन)
- Pre-IPO वाली फ्रेशनेस और पैसे की चमक साफ़ दिख रही है!
🚀 IPO on the radar
खबर है कि कंपनी जल्द ही अपना DRHP (Draft Red Herring Prospectus) दाखिल करने वाली है।
मतलब अब गेम सीरियस हो चुका है — सोलर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में Rayzon भी अपनी जगह स्टॉक मार्केट पर पक्की करने जा रही है।
🏭 रेज़ॉन की सोलर दुनिया
रेज़ॉन B2B और B2C दोनों मोडलों पर काम करती है। उनके कस्टमर बेस में शामिल हैं:
- डिस्ट्रीब्यूटर्स
- EPC कंपनियाँ
- और सीधे एंड यूज़र्स
कंपनी घरेलू और इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स में हाई एफिशिएंसी सोलर PV मॉड्यूल बनाती है।
🌐 सोलर इंडस्ट्री की धूप छांव
पिछले दो सालों में सोलर सेक्टर की कहानी 0 से Hero वाली रही है:
- Import Duties और Make in India पॉलिसीज़ से इंडस्ट्री को रफ्तार मिली
- सरकार की PLI स्कीम्स और नॉन-टैरिफ बैरियर्स ने प्रॉफिट मार्जिन में बढ़ोतरी कर दी
- अब तो Solar Cells पर भी 2026 से घरेलू इस्तेमाल अनिवार्य होने वाला है
⚠️ लेकिन थोड़ा सावधान रहना होगा
Rayzon ने तो US प्लांट की योजना भी बनाई थी, लेकिन Trumponomics ने वो सपना तोड़ दिया।
ऊपर से अब मार्केट में आ रहे हैं बड़े खिलाड़ी:
- Adani की नई capacity
- Reliance backed by PLI
- और Chinese imports की छाया अभी भी पूरी तरह गई नहीं है
यानि मार्केट में ओवरकैपेसिटी का खतरा भी मंडरा रहा है।
🧠 निवेशक के लिए सलाह?
अगर आप सोच रहे हैं कि “अभी घुस जाओ, बाद में पैसा डबल”, तो थोड़ा touch and go वाला मामला है।
Rayzon ने मजबूत ग्रोथ और मुनाफा जरूर दिखाया है, लेकिन सोलर इंडस्ट्री में कंपटीशन, कैपेसिटी और कच्चे माल की dependency जैसे मुद्दे अभी भी बरकरार हैं।
✍️ निष्कर्ष: सूरज की रौशनी से पहले थोड़ा बादल भी है
Rayzon Solar की ये स्टोरी स्टार्टअप की उस क्लासिक जर्नी की याद दिलाती है — जहाँ एक कंपनी छोटे शहर से निकलकर IPO की डगर पर तेज़ी से बढ़ रही है।
फंडिंग, ESOPs, IPO प्लान और प्रॉफिट की ये चारधाम यात्रा एक चीज़ जरूर कहती है:
“India में Make in India अब सिर्फ नारा नहीं, इक्विटी की रियलिटी है।”
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