लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन क्षेत्र में अग्रणी स्टार्टअप Shiprocket (Shiprocket) ने 2025 में अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की योजना पर काम शुरू कर दिया है। कंपनी ने खुद को पब्लिक एंटिटी में बदलने के लिए पहला कदम उठाया है और इसका नाम “शिपरॉकेट प्राइवेट लिमिटेड” से “शिपरॉकेट लिमिटेड” कर दिया गया है।
कंपनी के बोर्ड ने इस बदलाव के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो कि इसकी नियामक फाइलिंग में दर्ज है। यह कदम निवेशकों और बाजार में एक मजबूत स्थिति बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
Shiprocket हालिया फंडिंग और पब्लिक कंपनी में रूपांतरण
Shiprocket का पब्लिक एंटिटी में बदलने का यह कदम सीरीज E फंडिंग राउंड के एक महीने बाद आया है, जिसमें कंपनी ने $26 मिलियन जुटाए थे।
- लीड इन्वेस्टर: KDT Ventures
- अन्य भागीदार: MUFG बैंक, ट्राइब कैपिटल और SAI ग्लोबल
कंपनी ने इस फंडिंग के अलावा, अपने प्री-IPO राउंड में और अधिक पूंजी जुटाने की योजना बनाई है।
आईपीओ से जुटाई जाने वाली राशि
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिपरॉकेट अपने IPO के माध्यम से ₹2,000-₹2,500 करोड़ तक जुटाने की योजना बना रही है। यह राशि मुख्य रूप से प्राइमरी कैपिटल और ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से जुटाई जाएगी।
- इंवेस्टमेंट बैंकर्स:
- एक्सिस कैपिटल
- कोटक महिंद्रा
- JM फाइनेंशियल
- BofA सिक्योरिटीज
शिपरॉकेट: कंपनी का परिचय
शिपरॉकेट एक लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन प्लेटफॉर्म है, जो व्यापारों को शिपिंग को सरल और कुशल बनाने के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करता है।
मुख्य सेवाएं:
- कूरियर इंटीग्रेशन: एक ही प्लेटफॉर्म पर कई कूरियर सेवाओं का एकीकरण।
- रीयल-टाइम ट्रैकिंग: पारदर्शिता और तेज़ डिलीवरी के लिए लाइव ट्रैकिंग।
- ऑटोमेटेड सॉल्यूशंस: मैनुअल प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए उपकरण।
शिपरॉकेट ने अब तक $320 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है और इसका मूल्यांकन $1.21 बिलियन है।
प्रमुख निवेशक और शेयरहोल्डर्स
शिपरॉकेट में कई बड़े निवेशकों ने अपना योगदान दिया है।
प्रमुख शेयरधारक:
- बर्टेल्समैन नेदरलैंड बी.वी.: सबसे बड़ा बाहरी शेयरधारक।
- ट्राइब कैपिटल: दूसरा बड़ा भागीदार।
- जोमैटो: भारतीय फूड डिलीवरी दिग्गज।
- टेमासेक
- लाइटरॉक
- पेपल
इन निवेशकों के सहयोग से शिपरॉकेट ने अपने व्यवसाय को तेजी से बढ़ाया है और इसे भारतीय लॉजिस्टिक्स उद्योग में एक प्रमुख स्थान दिलाया है।
कंपनी की विकास यात्रा
स्थापना और उद्देश्य:
शिपरॉकेट की स्थापना साहिल गोयल, गौतम कपूर, और विशेष खुराना ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य व्यापारियों और व्यवसायों के लिए लॉजिस्टिक्स को आसान और कुशल बनाना है।
अब तक की उपलब्धियां:
- 2023 में कंपनी का राजस्व ₹1,415 करोड़ था, जो 2024 में बढ़कर ₹1,884.8 करोड़ हो गया।
- शिपरॉकेट ने ई-कॉमर्स, डी2सी ब्रांड्स और एसएमई के लिए एक भरोसेमंद लॉजिस्टिक्स समाधान बनकर उभरा है।
- कंपनी ने 29,000 से अधिक पिन कोड और 2,500+ शहरों में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराई हैं।
आईपीओ की महत्वता
शिपरॉकेट का IPO केवल पूंजी जुटाने तक सीमित नहीं है। यह कंपनी के लिए नए बाजारों में विस्तार और अपने तकनीकी समाधानों को और उन्नत बनाने का अवसर है।
संभावित लाभ:
- ब्रांड वैल्यू में वृद्धि: पब्लिक लिस्टिंग के बाद कंपनी की साख और ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी।
- नए बाजारों में प्रवेश: जुटाई गई पूंजी का उपयोग कंपनी के संचालन का विस्तार करने में किया जाएगा।
- नवाचार को बढ़ावा: नई तकनीकों और सेवाओं के विकास में निवेश किया जाएगा।
लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में शिपरॉकेट का योगदान
भारतीय लॉजिस्टिक्स उद्योग में तेजी से बदलाव हो रहे हैं, जहां ई-कॉमर्स और डी2सी ब्रांड्स की मांग लगातार बढ़ रही है। शिपरॉकेट ने अपनी उन्नत तकनीकों और व्यापक नेटवर्क के माध्यम से इस क्षेत्र में एक मजबूत स्थान बनाया है।
- तीव्र डिलीवरी सेवाएं
- किफायती लॉजिस्टिक्स समाधान
- ग्राहकों के लिए बेहतर अनुभव
निष्कर्ष
शिपरॉकेट का IPO 2025 भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह कदम न केवल कंपनी की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उद्योग में इसके नेतृत्व को और सुदृढ़ करेगा।
भविष्य की संभावनाएं:
शिपरॉकेट अपनी तकनीकी नवाचार, मजबूत ग्राहक आधार, और विस्तार योजनाओं के माध्यम से लॉजिस्टिक्स उद्योग में नई ऊंचाइयां छूने के लिए तैयार है।
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