भारत के प्रॉपटेक यूनिकॉर्न Square Yards की डिजिटल लेंडिंग और मॉर्टगेज डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट Urban Money ने वित्त वर्ष 2025 (FY25) में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने बीते वित्त वर्ष में 58% साल-दर-साल (YoY) की दमदार ग्रोथ दर्ज की है, जो इसे भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक बना देती है।
📈 तीन साल में 10 गुना बढ़ा राजस्व
Urban Money का राजस्व FY25 में बढ़कर ₹714 करोड़ हो गया, जबकि FY24 में यह ₹454 करोड़ और FY23 में ₹233 करोड़ था।
सिर्फ तीन साल में कंपनी का टॉपलाइन ग्रोथ 10 गुना से ज्यादा हुआ है। यह तेजी मुख्य रूप से इसके लेंडिंग नेटवर्क के विस्तार और हाउसिंग लोन की बढ़ती डिमांड की वजह से आई है।
💳 लोन ट्रांजैक्शन वैल्यू में 59% की छलांग
Urban Money के ग्रॉस ट्रांजैक्शन वैल्यू (GTV) में भी FY25 के दौरान 59% की वृद्धि दर्ज की गई है — जो $5.7 बिलियन तक पहुंच गई, जबकि FY24 में यह $3.6 बिलियन थी।
वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने कुल 1.55 लाख लोन ट्रांजैक्शन पूरे किए, जो इसके स्केलेबल बिजनेस मॉडल और मजबूत पार्टनर नेटवर्क को दर्शाता है।
🏡 Uber-जैसा नेटवर्क मॉडल: 1.5 लाख से ज्यादा चैनल पार्टनर्स
Urban Money ने अपने पैरेंट Square Yards के विशाल रियल एस्टेट नेटवर्क का फायदा उठाया है।
कंपनी ने रियल एस्टेट एजेंट्स और फाइनेंशियल एडवाइजर्स को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़कर Uber-जैसा नेटवर्क मॉडल बनाया है। इस मॉडल से ये पार्टनर्स अब सीधे डिजिटल सिस्टम के ज़रिए होम लोन ऑरिजिनेट कर सकते हैं।
प्लेटफॉर्म के पास आज 1.5 लाख से ज्यादा चैनल पार्टनर्स हैं, जो 95 से अधिक बैंक और NBFCs से जुड़े हुए हैं।
डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, कंपनी के लगभग 87% बिजनेस का सोर्स इसके पार्टनर्स हैं, जबकि 13% ट्रांजैक्शन Urban Money खुद करती है — यह इसके टेक-लेड और एसेट-लाइट डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल को साबित करता है।
⚙️ API-इंटीग्रेशन से डिजिटल लेंडिंग में बढ़त
Urban Money ने अपने पार्टनर बैंकों के Loan Origination Systems (LOS) के साथ सीधा इंटीग्रेशन किया है।
यह सिस्टम API-आधारित KYC, इनकम और क्रेडिट स्कोर वेरिफिकेशन, और प्रत्येक बैंक की क्रेडिट पॉलिसी के अनुसार इंस्टेंट एलिजिबिलिटी चेक जैसी सुविधाएं देता है।
इससे कंपनी को तेजी से डिजिटाइज हो रहे मॉर्टगेज लेंडिंग मार्केट में एक मजबूत टेक्नोलॉजिकल एडवांटेज मिला है।
हाल ही में कंपनी ने अपना रियल एस्टेट डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जो रियल-टाइम प्रॉपर्टी वैल्यूएशन और ऑटोमेटेड टाइटल वेरिफिकेशन के ज़रिए लोन अप्रूवल प्रोसेस को तेज करता है।
💼 Square Yards के लिए फाइनेंस वर्टिकल बना ग्रोथ ड्राइवर
FY25 में Square Yards की कंसॉलिडेटेड इनकम ₹1,410 करोड़ रही, जो FY24 के ₹1,001 करोड़ से 41% अधिक है।
कंपनी ने पहली बार EBITDA पॉजिटिव ₹46 करोड़ का ऑपरेशनल प्रॉफिट भी दर्ज किया।
यह आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि Urban Money अब Square Yards के लिए सिर्फ एक सब-ब्रांड नहीं, बल्कि एक मुख्य रेवेन्यू ड्राइवर बन चुका है।
🔄 रियल एस्टेट से प्रॉप-फिनटेक की ओर स्क्वेयर यार्ड्स का ट्रांजिशन
Square Yards ने अब अपने बिजनेस मॉडल को रियल एस्टेट ब्रोकरेज से बढ़ाकर एक फुल-स्टैक प्रॉप-फिनटेक प्लेटफॉर्म में तब्दील कर दिया है।
Urban Money की सफलता ने इस बदलाव को और मजबूती दी है।
FY26 की पहली तिमाही (Q1 FY26) में कंपनी का राजस्व ₹378 करोड़ तक पहुंच गया, जो 45% YoY ग्रोथ दर्शाता है।
इस अवधि में कंपनी ने ₹70 करोड़ का EBITDA प्रॉफिट भी दर्ज किया — जो इसके बिजनेस मॉडल की मजबूती को दिखाता है।
⚠️ चुनौतियाँ और आगे की राह
हालांकि Urban Money की ग्रोथ शानदार है, लेकिन कंपनी का बिजनेस अब भी रियल एस्टेट डिमांड साइकिल्स और इंटरेस्ट रेट फ्लक्चुएशन्स पर निर्भर है।
आगे की सफलता के लिए कंपनी को कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन, टेक्नोलॉजी-लेड एफिशिएंसीज़, और लेंडर पार्टनरशिप्स को गहराई देने पर ध्यान देना होगा।
🏁 निष्कर्ष
डिजिटल लेंडिंग के तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में, Square Yards की Urban Money एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरी है।
अपनी टेक्नोलॉजी, पार्टनर नेटवर्क और डेटा इंटेलिजेंस के सहारे, कंपनी आने वाले वर्षों में भारत के टॉप मॉर्टगेज डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म्स में अपनी जगह और मजबूत कर सकती है।
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