मुंबई आधारित क्विक कॉमर्स स्टार्टअप Zepto एक बार फिर निवेशकों की नजरों में छाया हुआ है। Zepto $500 मिलियन (लगभग ₹4,160 करोड़) की एक नई फंडिंग राउंड के लिए जनरल कैटालिस्ट (General Catalyst), Avenir और अन्य मौजूदा निवेशकों के साथ उन्नत बातचीत में है।
इस फंडिंग राउंड के बाद कंपनी की वैल्यूएशन लगभग $7 बिलियन (₹58,000 करोड़) तक पहुंचने की संभावना है, जो कि इसके पिछले नवंबर 2024 के फंडिंग राउंड में मिली $5 बिलियन वैल्यूएशन से काफी अधिक है।
🚀 2024 में $1.35 बिलियन जुटा चुका है Zepto
Zepto ने साल 2024 में ही कुल मिलाकर $1.35 बिलियन की फंडिंग जुटाई थी। इसमें एक बड़ा हिस्सा $665 मिलियन की सीरीज़ F फंडिंग और फिर एक $340 मिलियन का टॉप-अप राउंड शामिल था।
कंपनी के को-फाउंडर आदित पालिचा (Aadit Palicha) के नेतृत्व में Zepto भारत में क्विक कॉमर्स का प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभरा है।
📉 IPO को किया गया पोस्टपोन, फोकस में है प्रॉफिटेबिलिटी
इस फंडिंग की खबर ऐसे समय पर सामने आई है जब Zepto ने अपनी IPO योजना को 2026 तक स्थगित कर दिया है। हालांकि कंपनी ने जनवरी 2025 में ‘रिवर्स फ्लिप’ कर भारत में रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया है, जो एक आईपीओ की दिशा में जरूरी कदम माना जाता है।
अब कंपनी का पूरा ध्यान कैश बर्न कम करने और EBITDA स्तर पर लाभ कमाने पर है, जिससे IPO के वक्त मजबूत वित्तीय स्थिति प्रस्तुत की जा सके।
🛑 छोटे शहरों में Zepto Cafe अस्थायी रूप से बंद
लागतों में बढ़ोत्तरी के चलते Zepto ने अपने Zepto Cafe सेवा को उत्तर भारत के कुछ छोटे शहरों—जैसे कि आगरा, चंडीगढ़, मेरठ, मोहाली और अमृतसर—में अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। यह सेवा कंपनी के फूड सर्विस वर्टिकल का हिस्सा थी और यह निर्णय लागत कम करने की रणनीति का हिस्सा है।
⚔️ Blinkit और Swiggy से तीव्र प्रतिस्पर्धा
हालांकि Zepto तेज़ी से बढ़ रहा है, पर उसे Blinkit और Swiggy Instamart जैसी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। ICICI Securities की एक रिपोर्ट के अनुसार, FY26 की पहली तिमाही में Blinkit और Instamart ने क्रमशः 25% और 22% की ग्रोथ दर्ज की, जो कि इस सेक्टर की औसतन 20% से कम ग्रोथ को पीछे छोड़ती है।
📦 $4 बिलियन GOV और EBITDA पॉज़िटिव डार्क स्टोर्स
Zepto के अनुसार, कंपनी अब सालाना $4 बिलियन की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) के नजदीक पहुंच चुकी है। पालिचा ने अप्रैल में बताया था कि कंपनी ने सिर्फ 8 महीनों में $1B से $3B तक का स्केल किया, जो कि 300% साल-दर-साल ग्रोथ को दर्शाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि Zepto के अधिकांश डार्क स्टोर्स अगली तिमाही तक पूरी तरह EBITDA पॉज़िटिव हो जाएंगे, जिससे कंपनी का प्रॉफिटेबिलिटी मॉडल और मजबूत होगा।
🧠 फंडिंग का उपयोग: टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन और विस्तार
इस आगामी फंडिंग का उपयोग Zepto:
- अपने ऑपरेशनल स्केल को बढ़ाने,
- टेक्नोलॉजी स्टैक को अपग्रेड करने,
- और सप्लाई चेन एफिशिएंसी को मजबूत करने में करेगा।
कंपनी खास तौर पर मेट्रो शहरों और टियर-2, टियर-3 शहरों में विस्तार की योजना बना रही है, जिससे उसका यूजर बेस और बढ़ेगा।
📅 IPO टाइमलाइन: अब 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में संभावित
हालांकि पहले की रिपोर्ट्स में कहा गया था कि Zepto का IPO टल गया है, कंपनी ने अब स्पष्ट किया है कि IPO का लक्ष्य 2025 के अंत से 2026 की शुरुआत के बीच रखा गया है — यह भी मार्केट कंडीशन्स पर निर्भर करेगा।
साथ ही, कंपनी अब अपने कैप टेबल में घरेलू निवेशकों को भी शामिल करने पर काम कर रही है, ताकि भारत में लिस्टिंग की प्रक्रिया सरल और मजबूत हो सके।
🏁 Zepto का सफर: 2021 से 2025 तक
- 2021 में शुरुआत हुई थी इस स्टार्टअप की।
- शुरुआत से ही 15-20 मिनट में डिलीवरी के वादे ने युवा उपभोक्ताओं के बीच इसे पॉपुलर बनाया।
- कंपनी ने तेजी से मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में डार्क स्टोर्स खोलकर अपने नेटवर्क को बढ़ाया।
- 2024 में यह भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्विक कॉमर्स स्टार्टअप बनकर उभरा।
🏆 प्रतियोगिता और संभावनाएं
Zepto वर्तमान में Blinkit (Zomato समर्थित), Swiggy Instamart, Tata-backed BigBasket जैसे बड़े खिलाड़ियों से मुकाबला कर रहा है।
लेकिन Zepto की तेज़ ग्रोथ, लो कैश बर्न रणनीति और मजबूत सप्लाई चेन इसे लिस्टिंग से पहले एक आकर्षक विकल्प बना रही है।
🔚 निष्कर्ष
Zepto की $500 मिलियन फंडिंग की संभावित डील यह दर्शाती है कि भारत का क्विक कॉमर्स स्पेस निवेशकों के लिए अभी भी बहुत आकर्षक बना हुआ है।
IPO टालने के बावजूद, कंपनी की वित्तीय स्थिति, ग्रोथ रेट और ऑपरेशनल एफिशिएंसी इस बात का संकेत देती हैं कि आने वाले समय में Zepto भारत का अगला यूनिकॉर्न स्टार बन सकता है — या शायद डेकाकॉर्न।
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